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Friday, June 28, 2013

तालाब बनीं शहर की गली-सडक़ें

नरसिंहपुर से सलामत खान की रिपोर्ट....
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निकासी की व्यवस्था के अभाव में घरों में घुसा बारिश का पानी 
 नरसिंहपुर। मंगलवार की शाम से गुरूवार की शाम तक लगातार हुई कभी रिमझिम तो कभी मूसलाधार वर्षा ने जिला मुख्यालय के कई इलाकों में जलप्लावन की स्थिति निर्मित कर दी जिससे जनजीवन पर काफी प्रभाव पड़ा। सबसे बुरी स्थिति का सामना उन लोगों को करना पड़ा जो शहर के मध्य से गुजरी सींगरी नदी के किनारे बसे हुए हैं। तेज बारिश की वजह से उफनाई सींगरी नदी ने जहां कचहरी से गणेश मंदिर जाने वाले रास्ते पर स्थित पुल को पूरी तरह डुबो दिया वहीं बड़े पुल के पास मुशरान वन में बनी हुई कई टपरियों में नदी का पानी घुस जाने से गरीबों को अपना डेरा समेटकर अन्यत्र जाना पड़ा। अब उफनाती सींगरी को देखकर स्थानीय पाठक वार्ड, सुभाष वार्ड व बेलापुरकर वार्ड के लोग भी भयभीत हो उठे हैं क्योंकि हर बारिश में नदी का पानी इन वार्डों के बड़े हिस्से में तबाही मचाता आया है। 

 यादव कॉलोनी क्षेत्र भी जलमग्न 

कॉमथ वार्ड स्थित यादव कॉलोनी क्षेत्र में भी पानी निकासी की ठीक व्यवस्था नही होने के कारण कई मोहल्ले जलमग्न रहे। चित्रगुप्त मंदिर के पास स्थित एक गली में इतना पानी भर गया कि लोगों को घर से बाहर निकलने के लिए घुटने भर पानी में चलना पड़ा। यहां भी हर साल बारिश का पानी घरों में प्रवेश कर जाता है। यादव कॉलोनी के जरजोला तिराहा एवं देवी मढिय़ा के आगे मोड़ पर पानी निकासी न होने से हुए भराव ने तालाब की शक्ल अख्तियार कर ली। वहीं ज्ञानगंगा स्कूल के पास रहने वाले कईलोगों के घरों में भी नालियां बंद होने के कारण पानी घुस आया, जिस पर मोहल्ले वासियों ने तल्काल नपाध्यक्ष महंत प्रीतमपुरी के घर पहुंचकर समस्या निराकरण किये जाने की मांग की। नपाध्यक्ष ने समस्या के तत्काल निवारण के लिए आश्वस्त किया।  

नदी से निकलकर रोड पर पहुंचा गोपाल 

मुशरान वन में नदी किनारे बनी हुर्इ गरीबों की झुग्गियों में पानी भर जाने के कारण कुछ परिवार जहां अपना डेरा लेकर सुरक्षित स्थान पर चले गये वहीं कुछ परिवार अभी भी वहीं डटे हुए हैं। बड़े पुल के बिल्कुल समीप टपरिया बनाकर रहने वाला गोपाल झारिया सींगरी नदी का पानी घर में भर जाने के कारण अपना डेरा लेकर पुलिस अधीक्षक के बंगले के सामने पहुंच गया, उसने सडक़ किनारे अपने पलंग को आधार बनाकर प्लास्टिक पाल से अपना छोटा सा आशियाना बना लिया लेकिन उसकी परेशानी यह है कि पुलिस द्वारा उसे वहां से हटाया जा रहा है। बेहद गरीब परिस्थिति के गोपाल के जहन में अब यह सवाल कौंध रहा है कि वह आखिर जाये तो जाये कहाँ? उसकी पत्नि सावित्री ने बताया कि वे पहले इंद्रावार्ड में रहते थे लेकिन बैल बाजार में नपा का काम्पलेक्स बन जाने के कारण उन्हे वहां से हटा दिया गया तो वे मुशरान वन में झोपड़ा बनाकर रहने लगे लेकिन हर साल आने वाली बाढ़ की बदौलत उनका झोपड़ा डूब जाता हैऔर साल भर की मजदूरी का पैसा आशियाना बनाने में ही खर्च हो जाता है, इन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जब तक बारिश खत्म नही हो जाती उन्हे यहीं रहने दिया जाये। 

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