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Monday, October 7, 2013

कटनी: फिर चालू हुआ सट्टे का बाजार

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कटनी से लखन लाल की रिपोर्ट...(टाइम्स ऑफ क्राइम) 

कटनी. जिले में कुछ समय के लिए सट्टा का बाजार नये अधिकारियों के आने से बंद हो गया था और गरीबों की जेबें कटना बंद हो गया था। लेकिन इस सट्टा बाजार से जुड़े कारोबारियों के  मुंह लालच की रोटी खाने के लिए ललाईत रहती है। शायद इसलिए पहले तो लोगों ने अपना व्यापार मोबाइल के जरिये चालू रखा था इसलिए अधिकारियों को लगा सट्टा बाजार बंद हो गया है। लेकिन अधिकारियों को शायद यह नहीं पता होगा की एक और जरिया है इस सट्टा बाजार को चालू रखने का और इस व्यापार में शामिल लोग शहर को मोबाइल के जरिये लूटते रहे। प्रशासन को शायद खबर ही नहीं है और होगी भी कैसे अधिकारियों के हिमायती बनने वाले पुलिस कर्मी बताते ही नहीं हैं। अधिकारी को बिना बताये अपना हप्ता वसूलते रहते हैं।

खुले आम कटती है सट्टा बाजार की पर्ची    

कुछ पुलिस कर्मियों के सांठ गांठ से लोग चोरी छुपे पर्ची काटते थे लेकिन अब तो यह आलम है कि पुलिस कर्मियों के लालच के चलते खिरहनी में एन के का निवासी अपने तीन ठीहे बना कर खुले आम पर्ची काटते नजर आते हैं। पुलिस के संरक्षण में चल रहै अवैध काम में अधिक रकम कमाने की होड सी लगी है। कोतवाली में बैठे सिपाही एवं अन्य उंचे पद वाले तो कहते हैं कि आप तो रकम रखो और जैसा अवैध काम करना हो करो इसी तर्ज पर अवैध कामों का संरक्षण दे देते हैं। अवैध काम करने वालों को एक पुकता इंतजाम मिल जाता है। और कुछ पुलिस वालों को अपनी बातों के जरिये इनकी महिने की अच्छी खासी आमदनी तैयार होने लगती है। अपनी अवैध कमाई का आधा हिस्सा इन लालची पुलिस वालों में बांट देता है जबकि पुलिस की वर्दी पहन कर ये वहीं आस पास खडे रहते हुए अपनी डियूटी भी करते हैं। तो जहां पर पुलिस खड़ी होती हो और वहां पर खुले आम एैसे अवैध काम ऑंखों के सामने हो तो जनता तो यही समझेगी की शायद पुलिस शासन की नौकरी नहीं कर रही है बल्कि इन अवैध कारोबारियों के यहां नौकरी कर रही और ऐ अवैध कारोबारी इनको महिने की पगार देती हो। अब समझ से परे है की इन अवैध कारोबारियों को पुलिस चंद रुपयों के लिए अपने आप को बदनाम कर क्यों रही है। आखिर क्या अपनी जमीर को बेच के ही दम लेगें क्या।च

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