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Wednesday, July 22, 2015

2 बेटियों का चार महीने तक करता रहा रेप, कोर्ट ने पिता को 6 बार सुनाई उम्रकैद

2 बेटियों का चार महीने तक करता रहा रेप, कोर्ट ने पिता को 6 बार सुनाई उम्रकैद
इंदौर. 11 और 12 साल की दो बेटियों से करीब साढ़े चार महीने तक दुष्कर्म करने वाले 53 साल के शेख एहमद को जिला कोर्ट ने छह धाराओं में छह बार उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने आदेश में कहा कि सभी सजाएं साथ चलेंगी। इन सजाओं का अर्थ है कि दुष्कर्मी को जिंदगीभर जेल में रहना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि जेल में रहते हुए उसे किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी।

इंदौर में रहने वाला एहमद मजदूरी करता था। पत्नी काम पर चली जाती थी, तब वह घर में यह गलत काम करता था। मंगलवार को जज राजेशकुमार गुप्ता ने फैसला सुनाते हुए उसे जेल भेज दिया।

एडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर संतोषकुमार चौरसिया के मुताबिक उसे आईपीसी की धारा 376 (2) की धाराओं (एफ, आई व एन) के तहत तीन बार और लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम वर्ष 2012 की धारा 5 की धाराओं (एल, एम व एन) के तहत तीन बार उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
गलत उम्र बताकर भी नहीं बच सका
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था, तब उसने अपनी उम्र 53 साल बताई थी, लेकिन कोर्ट में दिए बयान में 63 साल बताई। अपनी ओर से दो हम्मालों के भी बतौर गवाह बयान कराए। दोनों ने कहा कि एहमद ऐसा नहीं कर सकता। इसका व्यवहार अच्छा है। कोर्ट ने फैसले में आरोपी की उम्र 53 ही मानी और उम्र छिपाने पर नाराजगी जताते हुए कहा यह कोर्ट के साथ धोखा है। फैसले में लिखा कि अच्छा व्यवहार होना और अपराध करना अलग-अलग बात है। जो कृत्य इसने किया, वह क्षमा योग्य नहीं है। इससे पहले, कोर्ट ने आरोपी से पूछा- उसे जीवनभर की सजा सुनाई गई है। उसका क्या कहना है? तब उसने कहा पत्नी की पहले शादी हो चुकी है। पहले पति को छोड़ दिया, जिससे तीन बेटियां हैं। उनमें से बड़ी की शादी हो गई है। उसी के भड़काने पर उसकी सगी बेटियों ने झूठी रिपोर्ट लिखवा दी। कोर्ट ने उसकी यह दलील नहीं मानी।
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की सिफारिश पर गौर 
शासकीय जिला लोक अभियोजन अधिकारी बी.जी. शर्मा के मुताबिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेएस वर्मा की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिश पर गौर किया गया। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह व्यवस्था निर्धारित की है कि अपराध की गंभीर प्रकृति को देखते हुए अपराधी को मृत्यु पर्यंत आजीवन कारावास को भुगतते हुए जीवनभर जेल में ही रहना होगा।

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