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Wednesday, August 5, 2015

एक साथ दो ट्रेन हादसे, कामायनी के 6 और जनता एक्सप्रेस के 5 डिब्बे डीरेल, 27 की मौत

मध्य प्रदेश | टी ओ सी न्यूज toc news pro

भोपाल | मध्य प्रदेश के हरदा में मंगलवार रात बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है। इटारसी-मुंबई रेलवे ट्रैक पर हरदा-खिरकिया के बीच काली माचक नदी पर ट्रैक धंसकने से मुंबई-वाराणसी कामायनी एक्सप्रेस के 6 डिब्बे डीरेल हो गए। वहीं, इसी रूट पर दुर्घटनास्थल के पास जनता एक्सप्रेस भी पटरी से उतर गई। जनता एक्सप्रेस के 4 डिब्बे और इंजन डीरेल हुआ है। हादसे में कई लोगों के बहने की आशंका है। अब तक 22 शव निकाले जा चुके हैं। इनमें से 11 शव जनता एक्सप्रेस की एक ही बोगी से निकाले गए हैं। रेस्क्यू टीम ने अब तक 300 लोगों को बचाया है। रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय लोग भी लगे हुए हैं। हादसे के कारण इटारसी रूट की 4 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। 22 ट्रेनों के रूट बदले गए हैं। क्षेत्र में भारी बारिश और सड़क संपर्क टूटा होने से रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आ रही है।

रेलवे ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर

हरदा-  05422504221 और 9794845312, भोपाल-बीना-022-22694040, मुंबई एलटीटी-ठाणे-022-25334840, कल्याण-0251-2311499.

गाड़ी ने जंप किया और पटरी से उतर गई कामायनी एक्सप्रेस रात करीब 11.10 बजे दुर्घटनाग्रस्त हुई। इसकी सूचना रात करीब 12.30 बजे इटारसी स्टेशन पहुंची। ट्रेन भिरंगी स्टेशन से निकली थी। 11.25 पर इसे हरदा पहुंचना था। इंजन ने काली माचक नदी पार की थी। इसके बाद ट्रेन  अचानक झटके के साथ रुक गई।  ट्रेन  में सवार जलगांव के जीतू राजानी ने बताया वे इंजन के पीछे वाली जनरल बोगी में थे। इंजन ने नदी पार कर ली थी। उनका डिब्बा भी निकल गया था। पर  एस-4 के पीछे वाले डिब्बे नदी में थे। नदी में बाढ़ है। दुर्घटनास्थल पर अफरातफरी मची है। हादसे के बाद इटारसी से दुर्घटना राहत गाड़ी रवाना की गई है। इस ट्रैक से मुंबई और इटारसी तरफ आने वाली गाड़ियों को रोक दिया गया है। खंडवा से ट्रेन मे आ रहे शशिभूषण पंडित ने बताया खिरकिया से 11.07 मिनट पर गाड़ी निकली थी। मांदला और भिरंगी के बीच ट्रैक पर पानी था। गाड़ी ने जंप किया और एस-4 के बाद के डिब्बे पटरी से उतर गए। कुछ डिब्बे पानी के अंदर हैं। दूसरे ट्रैक पर खंडवा जा रही चंडीगढ़-यशवंतपुर ट्रेन भी रूकी है। रात 1 बजे कलेक्टर रजनीश श्रीवास्तव एवं एसपी प्रेमबाबू शर्मा रेलवे स्टेशन पहुंचे। उन्हें रेलवे की राहत गाड़ी का इंतजार था।

इटारसी-भुसावल ट्रैक पर खिरकिया के भिरंगी और मसनगांव के बीच 668/10 पुलिया पर ट्रैक के नीचे की मिट्टी बह जाने की सूचना इटारसी स्टेशन पर मिलने के बाद  रात 12 बजे मेडिकल यान और रात 12.30 बजे ब्रैक डाउन रवाना हुआ।

इटारसी स्टेशन को मिली सूचना के अनुसार मुबंई से आ रही कामायनी एक्सप्रेस 11071 के 3  और इटारसी से मुबंई  जा रही 13201 जनता एक्सप्रेस के दो डिब्बे लटकने और ट्रेन छोड़ने की जानकारी मिली है। इटारसी स्टेशन पर होशंगाबाद एसपी एपी सिंह ने  आरपीएफ जवान दीवान से चर्चा की। उसका कहना था कामायनी के दो डिब्बे पूरी तरह पानी में डूबे है। हालांकि रेलवे अधिकारियों का  कहना है कि मौके पर इतना पानी है कि तत्काल वहां पहुंचना संभव नहीं है। मुंबई से आने और जाने वाली ट्रेनों की आवाजाही इटारसी से बंद है।

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने देर रात मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान से बात की। दोनों ने रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में बातचीत की है। सीएम शिवराज सिंह चौहान  ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है। रात 1.45 बजे ट्वीट कर बताया कि हरदा के पास माचक नदी के पुल पर हुई रेल दुर्घटना में मध्यप्रदेश सरकार का सहयोग लिया जा रहा है। देर रात तक आरपीएफ व जीएम, डीआरएम व मेडिकल स्टॉफ के साथ राहत ट्रेनें दुर्घटनास्थल पहुंच चुकी है। होशंगाबाद के डिवीजनल कमिश्नर वीके बॉथम ने बताया कि उसी स्थल पर पटना से मुंबई जा रही जनता एक्सप्रेस भी पटरी से उतर गई है।

होशंगाबाद में अस्पताल में अलर्ट
हादसे की जानकारी मिलने के बाद होशंगाबाद अस्पताल प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। कलेक्टर संकेत भोंडवे ने बताया इटारसी रेल प्रशासन से कुछ लोगों के घायल होने की सूचना मिली है। इसलिए सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है। होशंगाबाद से पुलिसबल भी बचाव के लिए भेजा गया है।

34 वर्षीय भरत कोली अपनी पत्नी सुषमा के साथ पचौर से शाम साढ़े बजे ट्रेन में सवार हुए थे। दोनों इंजन से पीछे तीसरे जनरल कोच में थे। रात करीब 11 बजे हरदा से करीब 20 किमी पहले एक तेज आवाज ने सारे यात्रियों को चाैंकाया। भरत ने बताया कि हमें ऐसा लगा, जैसे तेजी से कुछ टकराया हो या गिरा हो। हम कुछ समझ पाते इसके पहले ही ट्रेन रुक गई थी। बाहर गहरा अंधेरा था। तेज बारिश हो रही थी। पता चला कि ट्रेन एक पुल से क्रॉस हुई है, जिसके ऊपर पानी बह रहा था। हमने अंधेरे में जाकर देखा कि पीछे की 3-4 बाेगियां पटरी से उतरकर पानी में समा गई थीं। लेकिन गहरे अंधेरे में किसी को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। उन्होंने ही 108 पर घटना की जानकारी दी। रात करीब एक बजे राहत दल वहां पहुंचे। भरत ने भास्कर को बताया कि दूसरे ट्रैक पर भी एक ट्रेन रुकी हुई थी। लेकिन उसके सारे डिब्बे सुरक्षित थे। भरत ने कहा कि पुल किसी नदी पर है या नाला है, यह अंधेरे में स्पष्ट नहीं हो पा रहा था।

गृह राज्य मंत्री रिजिजू ने कहा-एनडीआरएफ और रेलवे की टीम मौके पर पहुंची। जवान राहत कार्य में जुटे।

2005 में ऐसे ही हादसे ने ली थी 100 यात्रियों की जान

23 मई 2015 : असम के कोकराझार में चंपावती नदी में सिफुंग पैसेंजर के डिब्बे गिरे। करीब 38 लोग घायल।
29 जून 2005 : सिकंदराबाद पैसिंजर के कई डिब्बे आंध्र प्रदेश के नलगोंडा जिले में मूसी नदी में गिरे। 100 लोगों की मौत।
22 जून 2001 : मंगलोर-चेन्नई मेल के चार डिब्बे कडालुंडी नदी में गिरे। 57 यात्रियों की मौत।
14 सितंबर 1997 : बिलासपुर (अब छत्तीसगढ़) के पास अहमदबाद-हावड़ा एक्सप्रेस के कई डिब्बे नदी में गिरे। 81 यात्रियों की मौत।

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