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Wednesday, August 5, 2015

पनागर की दुधी नदी में रात के अधेरे में हो रहा रेत का अबैध कारोवार

दो जिलों की बार्डर कौंन करेगा कार्यवाही एक दूसरे पर थोप रहे नियम कानून

सालीचौका - लंबे अर्से से आ रही शिकायतों पर न तो प्रशासन और ना ही जनप्रतिनिधि अवैध उत्खनन के मसले को  गंभीरता से ले रहे जबकि अवैध उत्खनन के चलते शिवराज सरकार पर विपक्ष कई आरोप लगा रहा है उसके बवजूद अवैध उत्खनन का कारोवार रूकने की जगह दिनों दिन बढ़ रहा है इसका कारण शासन प्रशासन जनप्रतिधियों की उदासीनता के चलते रेत माफियों के हौसले बुलंद होते जा रहे है जिसका जीता जगता उदाहरण पनागर की दुधी नदी के पुल के पास दोनों ओर शाम ढलते ही माफिया नदी का खून चूसने लगते है रात्रि के लगभग एक बजे के बाद जब सारी दुनिया नींद की आगोश में रहती है तब रेत के उल्लू जागकर लाखों करोड़ों की रेत बेंच देते है ।अवैध उत्खनन भी उन्ही लोगों द्वारा किया जा रहा है जो पिछली वार हो रहे अवैध उत्खनन को रोकने के लिए शासन प्रशासन और मिडिया का सहयोग मागते थे आज वो ही रेत माफि या बन गए ।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद और भी बढ़ा मुनाफा - कहने को तो दुनिया की नजर में अवैध उत्खनन बंद है लेकिन शासन प्रशासन की दुहाई देकर पनागर में रेत माफिया जो ट्राली सात आठ सौ में बेचते थे अब वह दो हजार में बिकने लगी एवं डम्फर के रेट भी दुगने हो गए सभी को खिलाना पड़ता है इस नाम से दुगना मुनाफा रेत माफिया कमा रहे है ।

दो जिलों की बार्डर का भी उठा रहे फ ायदा - रेत माफिया भी कानून के नियमों का अच्छा फायदा उठा रहे है बो नदी के बीचों बीच की रेत उठाते जब भी कोई पुलिस टीम जाती है तो बड़े ही शान से देखकर चली आती है जब पनागर के ग्रामीण पुलिस प्रशासन से कहते है तो उनका रटारटाया एक ही जबाव यह हमारे क्षेत्र में मामला नहीं है  । अखिरकार कौन है दो जिलों की सबसे बड़ी और एतिहासिक दुधी नदी का रखवाला ।

अतिरिक्त फोर्स मिलने के बावजूद भी नहीं हुई अभी तक कोई कार्यवाही - अवैध उत्खनन को रोकने के लिए जिला प्रशासन ऐड़ी चोटी की भरसक प्रयास कर रहा है आए दिन बैठकों में खदानों की मानिटिरिंग और चौकसी के लिए कलेक्टर नरेश  पाल ने संबंधित विभागों को निर्देशित किए है उसके बावजूद भी अधिकारियों की मिली भगत कहे या लापरवाही कहे आज दिनांक तक अवैध उत्खनन पर लगाम नहीं लगा जबकि स्पेशल फोर्स के साथ चौकी प्रभारी सज्जनसिंह प्रतिदिन पनागर जाते है उसके बाद भी रात के अधेरे में रेत माफिया आंखों का काजल उड़ा रहे है लोगों की समझ से परे है ।

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