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Wednesday, February 17, 2016

बेटियों की नंगी लाशों का सैलाब अब मुख्‍यमंत्री आवास तक पहुंचा


कुमार सौवीर
लखनऊ : यह है यूपी में बेटियों के प्रति जघन्‍य अपराधियों का नंगा नाच। सरकार के चेहरे पर करारा तमाचा मारते हुए गिरोहबन्‍द अपराधियों ने आज फिर एक लखनऊ की एक नाबालिग बेटी को न सिर्फ चार दिनों तक अगवा किये रखा, बल्कि लगातार उनका दैहिक-शोषण करने के बाद उनकी नृशंस हत्‍या भी कर डाली। आज इस बच्‍ची की नंगी लाश मुख्‍यमंत्री और पुलिस महानिदेशक के आवास और महिला सहायता केंद्र 1090 के मुख्‍यालय के चंद कदम दूर गाजी कैनाल के किनारे मिली। यह जगह चिडि़याघर के ठीक पीछे लोहिया पथ पर है।

ताजा खबर के अनुसार जू यानी अजायबघर के ठीक पीछे और मुख्‍यमंत्री आवास  के घर से चंद दूर एक स्‍कूली बच्‍ची की नंगी लाश बरामद हुई है। इसका पता तब पता चला, जब करीब सुबह साढे दस के करीब लोहिया पथ से गुजर रहे राहगीरों ने इस इलाके में चील-कौवों को मंडराते देखा। जहां पर लाश मिली है, वहां से समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो का आवास और कार्यालय ही नहीं, बल्कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक का आवास बस चंद कदम दूर है। इतना ही नहीं, प्रदेश की महिलाओं को सुरक्षा‍ दिलाने के लिए बनाये गयी वीमन हेल्‍प लाइन 1090 के मुख्‍यालय से बमुश्किलन दो सौ मीटर है, जो आजकल महिलाओं के प्रति किसी कुख्‍यात कलंक के तौर पर मशहूर होता जा रहा है।
लोहिया से गुजर रही एक सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद वर्षा चतुर्वेदी ने बताया कि करीब पौने ग्‍यारह के आसपास इस इलाके में सायरन बजाती हुई कुद पुलिस गाडि़यां इस जगह पहुंचीं थीं। तब तक नागरिकों की भी खासी भीड़ जमा हो चुकी थी। पुलिस ने आनन-फानन इस लाश को अपने कब्‍जे में लिया, और उस लाश को पंचनामा कर पोस्‍टमार्टम के लिए ले गये।

खबर पाते ही मौके पर पहुंचे शिवम तिवारी ने बताया कि मारी गयी बच्‍ची का नाम ............... है, जो इंदिरा नगर की रहने वाली थी। लेकिन मैंने तय किया है कि अब या ऐसी किसी भी बच्‍ची का नाम मैं केवल "मेरी बिटिया" ही कहूंगा। सम्‍भवत: एक बड़े स्‍थानीय स्‍कूल में हाई स्‍कूल की छात्रा थी मेरी बिटिया। मेरी बिटिया पिछली 10 फरवरी से लापता थी! लेकिन मेरी बिटिया की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस ने कब दर्ज की, इस बारे में कोई भी पता अब तक नहीं चल पाया है। जबकि वर्षा जी के मुताबिक कल एक अखबार में इस मेरी बिटिया के बारे में एक खबर प्रकाशित हो चुकी थी।
आपको याद होगा कि करीब डेढ़ साल पहले यानी पिछले 16-17 जुलाई-2014 की रात लखनऊ के मोहनलाल गंज इलाके में एक युवती की नंगी लाश बरामद हुई थी। यह लाश एक स्‍कूल के हैंडपम्‍प के किनारे मिली थी। आसपास का इलाका पूरी तरह रक्‍त-रंजित था, इस युवती की लाश को देख कर साफ पता चल रहा था कि मानों इसने हत्‍यारों से काफी देर तक संघर्ष किया। आशंका व्‍यक्‍त की जा रही थी कि इस बच्‍ची के गुप्‍तांग में किसी बड़े रॉड और सम्‍भवत पास ही लगे इंडिया मार्क हैंडपम्‍प के हत्‍थे से प्रहार किया गया था। पुलिस में मौजूद अनेक सूत्रो की आशंका थी कि इस हत्‍याकांड में कम से कम आधा दर्जन हत्‍यारे शामिल थे। लेकिन लखनऊ पुलिस ने इस हत्‍या में सिर्फ एक आदमी को गिरफ्तार किया, जो इस इलाके में बन रही कालोनी का गार्ड था।

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