दुनिया भर के अमीर लोगों में शुमार किंग ऑफ गुड टाइम के नाम से मशहूर विजय माल्या का बैड टाइम चल रहा है। माल्या के बुरे वक्त का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके ऊपर 17 बैंकों का 7800 करोड़ कर्ज है। आलीशान जिंदगी के लिए मशहूर विजय माल्या कई बैंकों का डिफॉल्टर घोषित हो चुका हैं। विजय माल्या को डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल ने बड़ा झटका देते हुए डिआजियो से उसे मिलने वाली तकरीबन 515 करोड़ रुपये की रकम फ्रीज कर दी है। हम आपको बता रहे हैं दुनिया का हर ऐशोआराम अपने कदम पर रखने वाले विजय माल्या के कर्ज में डूबने की कहानी। विजय माल्या का जन्म 18 दिसंबर 1955 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ था। विजय माल्या की स्कूली पढ़ाई कोलकाता के लॉ मास्टीने स्कूल से हुई और सेंट जेवियर कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई पूरी की। इसी दौरान वह घरेलू बिजनेस में भी हाथ बंटाने लगा । माल्या ने यूएएस के दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। पिता की मौत के बाद विजय माल्या यूनाइटेड ब्रेवरीज कंपनी का मालिक बन गया, इसके बाद उसने अपनी कंपनी का विस्तार करते हुए देश-विदेश में कई कंपनियां स्थापित कीं। इसका मुख्य बिजनेस ब्रेवरेज अलकोहल इन्हीं कंपनियों के साथ मिक्स हो गया। विजय माल्या ने पहली शादी समीरा से की जिसके उसका एक बेटा सिद्धार्थ है। कुछ ही सालों के बाद माल्या ने समीरा से तलाक लेकर बैंगलोर में अपने पड़ोस में रहने वाली रेख माल्या से शादी कर ली, जिससे उसकी दो बेटियां पुत्री लीना और तान्या माल्या हैं, 2005 में माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस की स्थापना की, शुरू के तीन-चार साल सबकुछ ठीकठाक चला, लेकिन 2009 में एयरलाइंस को 418.77 करोड़ का घाटा हुआ। इसके चलते 100 पायलट को निकाला गया सिल्वरस्टोन की ग्रांड प्रिक्स टीम को 2007 में विजय माल्या ने 88 मिलियन पौंड में खरीदा। 2014 आते-आते किंगफिशर की उड़ान पर पूरी तरह ब्रेक लगा गया। एक वक्त था जब विजय माल्या दुनिया की सबसे बड़ी शराब बनाने वाली कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट्स का चेयरमैन था, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में बियर में भारत का नेतृत्व करती थीं। यूबी समूह की प्रमुख यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड ने 114 मिलियन केसेज बेचने का ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्थापित किया था, जिसके बाद यह पूरी दुनिया की पहली स्प्रिट्स कंपनी बन गई, लेकिन किंगफिशर एयरलाइंस में हुए घाटे को चुकाने के लिए उसे अपनी ये कंपनी गंवानी पड़ी। विदेशी कंपनी डीयाजियो ने 2013 में माल्या की कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी खरीद ली, लेकिन हाल ही में उन्होंने डीयाजियो से 510 करोड़ रुपए लेकर कंपनी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। विजय माल्या पहली बार 2002 में कर्नाटक विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा सदस्य चुन लिए गए और रक्षा मंत्रालय का कार्यभार देखा। वो अगस्त 2004 में उद्योग समिति के सदस्य बन गए। इसके बाद उन्होंने लगातार राज्य के कई मंत्रालयों का भी कार्यभार संभाला.... अपने रंगीन मिजाज के लिए भी मशहूर है माल्या, उसे पेजथ्री पार्टियों में अक्सर मॉडल्स के साथ देखा जाता रहा है। माल्या को लग्जरी कारों का भी बेहद शौक है। किंगफिशर कलैंडर गर्ल की मॉडलों के साथ उसकी तस्वीरें हमेशा सुर्खियां बटोरती रहीं। माल्या के पास 250 से ज्यादा लग्जरी और विटेंज कारें हुआ करती थीं लेकिन आज वो देश का सबसे बड़ा कर्जदार हैं।
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