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नई दिल्ली मॉडलिंग की दुनिया में मशहूर होने के लिए एक युवती लोगों को चूना लगाती थी, लेकिन पुलिस के हत्थे चढ़ गई। वह एटीएम के भीतर कार्ड की अदला-बदली कर देती थी और दूसरे के खाते से रकम निकाल लेती थी। युवती के साथ उसके दोस्त को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके पास से 14 हजार कैश, छह एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से मुखर्जी नगर इलाके की 5 वारदात को सॉल्व करने का दावा किया है। डीसीपी विजय सिंह के मुताबिक, पूछताछ में आरोपियों की पहचान नंदनगरी निवासी वैशाली और बुलंदशहर निवासी शकील के तौर पर हुई है। वैशाली ने बताया कि वह मॉडलिंग करती है। वह दिल्ली स्कूल ऑफ बिजनेस से बीबीए की पढ़ाई पूरी कर चुकी है। कई फैशन शो और कार्यक्रमों में बतौर मॉडल हिस्सा ले चुकी है। उसने जालंधर, कुरुक्षेत्र, पंजाब और नोएडा में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है। वह मुंबई में आयोजित परंपरा फैशन कार्यक्रम और ऑटो एक्सपो में भी मॉडल का काम कर चुकी है। दूसरा आरोपी शकील महज दसवीं पढ़ा हुआ है। वैशाली को मुंबई में बॉलिवुड में काम करने के लिए अपनी तस्वीरों का अच्छा पोर्टफोलियो बनवाना था। इसके लिए उसने मुंबई के एक प्रफेशनल फैशन फोटोग्राफर से बातचीत की। उसने इस काम के लिए युवती से करीब तीन लाख रुपये मांगे। इस रकम को जुटाने के लिए वह एटीएम में जाकर लोगों से वर्ष 2014 से चीटिंग करने लगी। ईजी टारगेट और ईजी मनी का फंडा युवती को पंसद आ गया था। पांच महीने पहले उसने शकील को दोस्त बनाया। उसके पास सेंट्रो कार है। उसकी कार में सवार होकर वह मुखर्जी नगर आकर वारदात करती थी। 15 जुलाई को इंदिरा विहार निवासी अनिता रानी मुखर्जी नगर स्थित पीएनबी के एटीएम से कैश निकालने गई थीं। कैश नहीं निकल पा रहा था। तभी वैशाली एटीएम रूम में दाखिल हुई। उसने महिला को रुपये निकालने में मदद की बात कही। इस दौरान उसने चालाकी से महिला का एटीएम कार्ड बदल लिया। वहां से महिला जब घर पहुंचीं तो उनके मोबाइल पर 25 हजार रुपये निकलने का मैसेज आया। उन्होंने जब अपना एटीएम कार्ड देखा तो वह उनका नहीं था। तब उन्हें पता चला कि युवती ने उनके साथ ठगी की है। महिला की शिकायत पर मुखर्जी नगर पुलिस ने केस दर्ज किया। इसी तर्ज पर 7 अगस्त को भी मिजोरम के एक शख्स से ठगी हुई। 7 अगस्त की शाम अनिता रानी एक बार फिर एटीएम के आसपास घूमने गईं। वहां उनकी नजर एटीएम कार्ड बदलने वाली युवती और सेंट्रो कार सवार उसके दोस्त पर पड़ गई। उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी पास में मौजूद हवलदार सुरेन्द्र और सिपाही कुंवरपाल को दी। उन्होंने युवती को उसके दोस्त सहित दबोच लिया। पुलिस दोनों को अपने साथ थाने ले गई। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे ऐसे एटीएम में जाकर वारदात करते थे, जो खराब हों, जहां से रुपये न निकल रहे हों। इस एटीएम के सामने वह अपनी कार खड़ी करते थे। अपने शिकार को देखकर युवती उस एटीएम में मदद के लिए जाती थी। एटीएम इस्तेमाल करने वाले शख्स को कभी भी यह एहसास नहीं होता था कि वहां मौजूद युवती फ्रॉड हो सकती है। वह ग्राहक का पिन नंबर भी देख लेती थी। इसके बाद कार्ड बदलकर उससे रकम निकाल लेती थी।
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