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Tuesday, September 27, 2016

रिश्वत मामले में राजस्व निरीक्षक और पटवारी को एक-एक साल के सश्राम कारावास की सजा

Toc News
रतलाम। न्यायालय ने जमीन मामले में रिश्वत लेने के साढ़े तीन वर्ष पुराने प्रकरण में तत्कालीन राजस्व निरीक्षक (आरआई) अभियुक्त सुनील पांचाल पिता देवनारायण पांचाल (45) निवासी 34, एलआईजी इंदिरानगर उज्जैन और पटवारी बदिया भूरिया पिता सिसका भूरिया (43) निवासी सिंचाई कॉलोनी रतलाम को क्रमश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 सहपठित भादंवि की धारा 120 ख और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (2) सहपठित भादंवि की धारा 120 ख के तहत एक-एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अभियुक्तों पर दोनों धाराओं में कुल दस-दस हजार रुपए का जुर्माना भी किया गया। फैसला सोमवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश एमएस चंद्रावत ने सुनाया।

अभियोजन के अनुसार फरियादी जितेंद्रकुमार राव निवासी ग्राम करमदी के पिता ने 2011 मंे ग्राम करमदी में एक कच्चा मकान खरीदा था। एक वर्ष बाद उनका निधन हो गया। 2013 में जितेंद्र उक्त मकान के स्थान पर नया मकान बना रहा था। उसके पड़ौसी खेत मालिक अम्बाराम पाटीदार ने आपत्ति लेकर मकान के हिस्से के पास वाली खुली जमीन अपनी बताई थी और नपती के लिए आवेदन दिया था। इसकी जानकारी मिलने पर राव आरआई पांचाल से मिला तो उसने कहा कि मकान की खुली भूमि पड़ौसी किसान की है और वह उक्त भूमि फरियादी (राव) की होना बता देंगे। इसके लिए पांचाल ने 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।

इसकी शिकायत राव ने लोकायुक्त एसपी उज्जैन को लिखित में की थी। एसपी ने अधीनस्थ अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। तत्कालीन निरीक्षक दिनेश पटेल ने शिकायत की पुष्टि के लिए राव को डिजीटल वाइस रिकार्डर देकर आरआई पांचाल से रिश्वत के संबंध में बातकर गोपनीय रूप से बातचीत टेप करने को कहा था। इस पर राव 8 फरवरी 2013 को पांचाल से मिला और बातचीत की तो पांचाल ने 20 हजार रुपए की मांग करते हुए 10 हजार रुपए 11 फरवरी 2013 को लेकर आने के लिए कहा। राव ने टेप की गई बातचीत का वाइस रिकार्डर लोकायुक्त पुलिस को दिया। इसके बाद तत्कालीन डीएसपी पद्मसिंह बघेल के नेतृत्व में लोकायुक्त पुलिस का दल कालिकामाता मंदिर के पास पहुंचा और राव को पांचाल के कार्यालय जाकर 10 हजार रुपए देने के लिए कहा। राव कार्यालय गया तो पांचाल ने कहा कि रुपए पटवारी भूरिया को दे दो। राव बाहर निकलकर दल के पास पहुंचा और उन्हें बात बताई तथा अपने मोबाइल फोन से पटवारी भूरिया को फोन लगाया।

पटवारी भूरिया ने उसे करमदी रोड के समीप खेत पर आने के लिए कहा। राव और उसके पीछे दल वहां पहुंचा। राव पटवारी के पास गया और रुपए दिए। इसी बीच लोकायुक्त के आरक्षक विशाल रेशमिया व संतोष पाटिल वहां पहुंचे और पटवारी को पकड़ लिया। रुपए पास में खड़ी स्कूटी की सीट पर रखे मिले। पटवारी का कहना था कि उसने रुपयों को हाथ नहीं लगाया। कुछ देर बाद दल के अन्य सदस्य भी पहुंचे और पटवारी की गिरफ्तारी व रुपए जब्त करने की कार्रवाई की। प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी उपसंचालक अभियोजन एसके जैन ने की। 

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