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Saturday, October 29, 2016

नया विश्व रिकॉर्ड रचेगा इसरो, 82 सैटेलाइट का एक साथ प्रक्षेपण

ISRO will make new world record in 2017, launching of 82 satellites in a single attempt
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नए साल पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो एक और मील का पत्थर गाड़ने की तैयारी में है.  देश को बार गौरव का एहसास कराने वाले इसरो ने नए साल पर एक विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए कमर कस ली है.   इस बार इसरो जो कारनामा करने जा रहा है, वह बेहद खास है और पूरी दुनिया इसका इस्तकबाल करेगी. 15 जनवरी, 2017 को इसरो एक साथ 82 सैटेलाइट का प्रक्षेपण करने जा रहा है. खास बात यह कि इसमें सभी सैटेलाइट विदेशी हैं.

15 जनवरी 2017 को लॉन्चिंग  संबंधित कहानियां 

इसरो के मार्स मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एस अरुणन ने इसरो के इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी है.  मुंबई में ब्रांड इंडिया समिट 2016 के दौरान अरुणन ने बताया कि जिन 82 सैटेलाइट की लॉन्चिंग होगी, उनमें से 60 अमेरिका, 20 यूरोप और दो यूनाइटेड किंगडम यानी ब्रिटेन की होंगी.  

रूस के नाम 37 सैटेलाइट लॉन्चिंग का रिकॉर्ड  

अगर इसरो का यह मिशन कामयाब रहता है, तो वह रूस के विश्व रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगा. अब तक एक साथ सबसे ज्यादा 37 सैटेलाइट लॉन्च करने का रिकॉर्ड रूस के नाम है.  19 जून, 2014 को रूस ने 37 सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण किया था. दूसरे नंबर पर अमेरिका है, उसने 19 नवंबर 2013 को 29 सैटेलाइट एक साथ सफलतापूर्वक लॉन्च किए थे.

22 जून को हुई थी 20 सैटेलाइट की लॉन्चिंग  

इसरो ने इसी साल 22 जून को 20 सैटेलाइट एक साथ लॉन्च किए थे. 24 सितंबर 2014 को इसरो ने पहली कोशिश में ही मंगल की कक्षा में मार्स मंगलयान भेजकर रिकॉर्ड बनाया था.
15 जनवरी 2017 को लॉन्च होने जा रहे ज्यादातर विदेशी सैटेलाइट नैनो सैटेलाइट हैं. यह सभी एक ही कक्षा में स्थापित किए जाएंगे. इसरो इसके लिए अपने सबसे भरोसेमंद पीएसएलवी (पोलर सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल) के एक्सएल संस्करण का इस्तेमाल करेगा.

2018 में पहुंचेगा चंद्रयान-2  

पीएसएलवी-एक्सएल कुल 1600 किलोग्राम वजन लेकर अंतरिक्ष में जाएगा. इसके साथ ही इसरो चांद पर दूसरा मिशन चंद्रयान-2 भी भेजने की तैयारी कर रहा है.  मार्स मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरुणन ने कहा कि दिसंबर, 2018 तक चंद्रयान-2 चांद तक पहुंचेगा. इसरो कै वैज्ञानिक अपनी नई-नई खोजों से देशवासियों को गर्व करने का हर साल मौका देते हैं. ऐसे में इसरो नए साल पर एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है.. 

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