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Thursday, February 23, 2017

कांग्रेस का शिवराज सरकार के खिलाफ हल्ला बोल, विधानसभा का घेराव गिरफ्तारियां

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भोपाल। मध्यप्रदेश में अपनी जमीन मजबूत करने और शिवराज सरकार के खिलाफ एकजुट होकर हमला बोलने के लिए बुधवार को भोपाल में जुटे कांग्रेस के बड़े नेताओं ने बड़ा प्रदर्शन किया। अंतर्कलह से जूझ रही कांग्रेस को संजीवनी देने के लिए 3 तीन साल बाद कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया समेत कई बड़े नेता एक मंच पर आए। हजारों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेसी नेताओं ने शिवराज सरकार पर एक के बाद एक बड़े हमले किए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अवैध रेत खनन का मामला उठाते हुए सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार मध्यप्रदेश आ रहे हैं, पर उन्हें कभी यहां हो रहे अवैध रेत खनन की जानकारी किसी ने नहीं दी और दी भी होगी तो उन्होंने कभी खुद इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया। शिवराज सिंह चौहान नर्मदा सेवा यात्रा पर नहीं निकले हैं, बल्कि वे अगले चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं और सेवा यात्रा के बहाने सर्वे करा रहे हैं। शिवराज सरकार पर आरोप लगाया कि वो नर्मदा को खोखला कर रहे हैं। उन्हें रेत से प्यार है न कि मध्यप्रदेश से।

दिग्विजय सिंह ने सभा में मुख्यमंत्री पर निजी आरोप लगाते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री और उनका परिवार रेत खनन, व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) और पोषणाहार घोटाले में शामिल हैं। मैं चुनौती देता हूं कि मुख्यमंत्री इस मामले को अदालत में ले जाएं, मैं वहां इसे साबित कर दूंगा। जिस किसी भी व्यक्ति के पास भाजपा के खिलाफ सबूत है वह सीधे आकर मुझसे मिले। मैं हर बुराई झेलने को तैयार हूं। भाजपा का भंडाफोड़ करने में कोई कसर नहीं छोडूंगा।
कमलनाथ ने कहा कि 1990 में स्व अर्जुन सिंह, स्व माधवराव सिंधिया, दिग्विजय सिंह और स्वयं उन्होंने भाजपा सरकार को बेनकाब किया था। ऐसा ही इस बार होगा। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर सरकार द्वारा झूठे मुकदमे लादने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर पहली कैबिनेट में ऐसे सभी झूठे प्रकरण समाप्त किए जाएंगे। कांग्रेस सरकार किसानों के कर्जे माफ करेगी। साथ ही नौजवानों और व्यापारियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा।
महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता शोभा ओझा ने अपने भाषण में कहा कि मध्यप्रदेश में आज महिलाएं सुरक्षित नहीं। यहां महिलाओं का घर से निकलना दूभर हो गया है। प्रदेश की कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है। यहां दिनदहाड़े लोगों को मार दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश अपराध के मामले में नंबर वन हो गया है। मैं आज कार्यकर्ताओं से आह्वान करती हूं कि सक एकजुट होकर शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकें। अगले चुनाव में इस सरकार को सबक सिखाना ही होगा।
वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री मीनाक्षी नटराजन ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस पार्टी की एकजुटता देखकर परेशान है। यही कारण है कि लोकतंत्र के खिलाफ जाते हुए सरकार ने हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शहर के बाहर से रोक दिया।
मध्य प्रदेश में हाल ही में गिरफ्तार किए गए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के 19 जासूसों में कुछ के संबंध भाजपा से निकले हैं। इनमें धु्रव सक्सेना भाजयुमो के जिला संयोजक का नाम भी सामने आया है। ध्रुव फिलहाल पुलिस गिरफ्त में है। कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर शिवराज सरकार पर जमकर प्रहार किए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता आईएसआई के लिए काम कर रहे हैं। ये ऐसी सरकार है, जिसका चाल, चेहरा और चरित्र तीनों अलग-अलग है। ये जनता के सामने कुछ और अंदर कुछ और है। इस सरकार को हमें उखाड़ फेंकना ही होगा।
मध्य प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आमसभा में कहा कि प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन का कारोबार तेजी से हो रहा है। लेकिन, सरकार दिखावटी कार्रवाई कर रही है, जिसके कारण छोटे रेत व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री मीनाक्षी नटराजन ने कहा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस पार्टी की एकजुटता देखकर परेशान है। यही कारण है कि लोकतंत्र के खिलाफ जाते हुए सरकार ने हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शहर के बाहर से रोक दिया।
भोपाल के टीन शेड इलाके में हो रहे कांग्रेस के इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पूरे एमपी से कार्यकर्ता आए है। करीब 10 हजार कार्यकर्ता एकजुट हुए हैं। पुलिस व प्रशासन के पुख्ता इंतजाम के बावजूद कार्यकर्ता बेकाबू हुए। कार्यकर्ताओं ने मंच पर चढऩे की भी कोशिश की। जब हंगामा बढ़ा तो सिंधिया और अरुण यादव को खुद मंच से उन्हें शांत कराना पड़ा। हंगामा कर रहे कुछ कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन स्थल से भी बाहर कर दिया गया।
भाषणबाजी के बाद कांग्रेसी नेताओं ने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा का घेराव करने के लिए कूच किया, पर इन्हें बीच रास्ते में ही रोक लिया गया। पुलिस ने एहतियात के तौर पर ज्योतिरादित्य, अजय सिंह, दिग्विजय सिंह समेत हजारों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद में इन्हें छोड़ दिया गया। कमलनाथ को पुलिस ने विधानसभा कूच में जाने से रोक लिया और उन्हें नजरबंद कर लिया।

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