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Tuesday, February 21, 2017

मुशर्रफ बोले - मेरी सरकार के नियंत्रण में थे कश्मीर के आतंकी


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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि उनकी सरकार ने कश्मीर में "स्वतंत्रता सेनानियों" (आतंकियों) को अपने नियंत्रण में कर रखा था लेकिन बाद में उन्हें अहसास हुआ कि यह राजनीतिक प्रक्रिया है और भारत के साथ इस मुद्दे पर बात करना जरूरी है। 
मुशर्रफ ने कहा कि उनकी सरकार ने भारत पर दबाव डालकर कई मुद्दों पर बात करने के लिए राजी कर लिया था जिन पर वह पहले बात नहीं कर रहा था। मुशर्रफ ने दुन्या न्यूज को एक इंटरव्यू में कहा कि उनकी सरकार कश्मीर में आजादी के लिए लड़ रहे "स्वतंत्रता सेनानियों" (आतंकियों) को नियंत्रण में लेने में सफल हो गई थी लेकिन बाद में उन्हें अहसास हुआ कि भारत के साथ आगे बातचीत करने के लिए राजनीतिक प्रक्रिया जरूरी है।
उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ चार सूत्रीय एजेंडा के तहत कश्मीर मसले को सुलझाने के करीब थे। हमारी नीतियां भी सफल रही और अमेरिका और चीन भी हमारे साथ थे। अफगानिस्तान भारत के हाथों खेल रहा 73 वर्षीय मुशर्रफ ने कहा कि अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी भारत के हाथों में खेल रही है और उसका उपयोग पाकिस्तान में आतंकी समूहों को मदद पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। मुशर्रफ ने दावा किया कि पाकिस्तान की सेना द्वारा आतंकियों के सफाये के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब में कोई खामी नहीं है क्योंकि इसे खास तौर पर उत्तरी वजीरिस्तान के लिए चलाया जा रहा है।
मुशर्रफ ने कहा कि ऑपरेशन के तहत उन सारे आतंकी शिविरों और लॉन्चिंग पैड को खत्म किया जा रहा है जिन्हें भारत की जासूसी एजेंसियां अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी नेशनल डायरेक्टोरेट ऑफ सिक्योरिटी के जरिए मदद दे रही हैं। पाक में आतंक के खात्मे के लिए समग्र दृष्टिकोण जरूरी मुशर्रफ ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद को खत्म करने के लिए समग्र दृष्टिकोण और योजना की जरूरत है। मुशर्रफ ने पाकिस्तान की सरकार से यह सवाल भी किया कि वह देश में सक्रिय स्लीपर सेल को खत्म करने के लिए क्या कर रही है।
ये सेल पाकिस्तान के शांत इलाके पाकिस्तान में भी सक्रिय हैं। मुशर्रफ का कहना है कि उनके सत्ता से बाहर होने के बाद ही पंजाब आतंकवाद का गढ़ बना। सईद को आतंकी नहीं मानता हाफिज सईद को आतंकी सूची में डालने पर मुशर्रफ का कहना था कि वे उसे आतंकी नहीं मानते। उन्होंने दावा किया कि भारत सईद के पीछे इसलिए पड़ा है क्योंकि सईद के कार्यकर्ता (आतंकी) कश्मीर में जाकर भारत की सेना से लड़ रहे हैं।

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