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Friday, March 17, 2017

निर्वाचक नामावली में मतदाताओं के रंगीन फोटो शामिल होंगे

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भोपाल | भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले की सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावली में उपलब्ध मतदाताओं के फोटोग्राफ्स को शत-प्रतिशत रंगीन किया जाएगा। इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों तथा सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को निर्देश दिए है कि सभी बीएलओं के माध्यम से मतदाताओं से फार्म नंबर 8 में दो -दो रंगीन फोटो चस्पा कर प्राप्त करें।
 
यदि मतदाता या आवेदक फोटोग्राफ्स के अलावा अन्य प्रविष्टि या विवरण में सुधार या संशोधन कराना चाहता है तो संशोधित प्रविष्टि के आवश्यक प्रमाण पत्र प्राप्त करें। प्रविष्टि या विवरण सुधार, संशोधन या श्वेत श्याम फोटो के स्थान पर रंगीन फोटो चस्पा करने का कार्य निःशुल्क करें। साथ ही सहायक निर्वाचन अधिकारी यह भी देखे कि मतदाता के पास एमपी सिरीज का वोटरकार्ड है  तो उसका इपिक नम्बर बदलने के लिए टीप दे। एमपीईसीडीसी भोपाल ने एक साफ्टवेयर तैयार किया है, जिसके माध्यम से श्वेत श्याम फोटो एवं रंगीन फोटों को अलग किया जा सकता है।    
निर्वाचन आयोग द्वारा फार्म नम्बर 6, 7, 8 एवं 8क में संशोधन किया है। डुप्लीकेट इपिक प्राप्त करने हेतु फार्म नम्बर 002 को पूर्व अनुसार यथावत रखा गया है। अब 15 मार्च के उपरान्त पूर्व में प्रचलित फार्म स्वीकार नहीं किए जाएंगे। नवीन मुद्रित फार्म मतदान केन्द्रों पर वितरण हेतु तहसील एवं निकायों को भेजे गए है। साथ ही निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश दिए गए है कि यदि कोई व्यक्ति किसी भी जिले की किसी भी विधानसभा क्षेत्र का पूर्व में मतदाता रहा है और उसका नाम मतदाता सूची से भी विलोपित हो गया है, तो उसका जहां वह अब निवास कर रहा है, वहां की मतदाता सूची में नाम दर्ज किया जा सकता है। किन्तु उसे निःशुल्क परिचय पत्र प्राप्त करने की पात्रता नही है।
नियमानुसार पहली बार मतदाता बनने पर ही निःशुल्क इपिक दिया जाता है। ऐसे मतदाता निर्धारित शुल्क की रसीद जमा कर इपिक प्राप्त कर सकते है। एक ही विधानसभा में एक मतदान केन्द्र से दूसरे मतदान केन्द्र में स्थानान्तरित किए जाने वाले मतदाता की प्रविष्टि का स्थानांतरण फार्म नंबर 6 व 7 के माध्यम से करने की प्रवृत्ति को सख्ती से रोकने के भी निर्देश दिए गए है। फार्म नंबर 8-क के माध्यम से प्रविष्टि स्थानांतरित करने के लिए कहा गया है। डोर टू डोर सर्वे में दर्ज मतदाता उस स्थान पर नहीं पाया जाता है तो निरसन की कार्यवाही भी करने के निर्देश दिए गए है।

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