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Friday, April 28, 2017

RSS वादी राष्ट्रवाद बनाम विकल्पहीनता

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एडवोकेट आनंद जैन @ TOC NEWS
भोपाल. आज देश विकल्पहीनता के दंश से  तृषित है, उसका कारण है कि छद्म हिंदूवाद का प्रभाव भारत के जनमानस पर बहुत तीव्रता से चढ़ा हुआ है एवं उसका दूसरा कारण यह भी है भारतीय प्रजातंत्र में विकल्प का अभाव कृत्रिम रूप से पैदा कर दिया है।
RSS द्वारा कहा जाता है कि वह राजनीतिक संगठन नहीं है और ना ही राजनीति में उसका प्रभाव है RSS , BJP को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से संगठित प्रभावित एवं मजबूती प्रदान करता हैं एवं उसका सामाजिक संगठनों में इस रुप में प्रचार किया जाता है कि कि हिंदू धर्म की रक्षा करने में वही सिर्फ सक्षम है वास्तव में RSS एवं भारतीय जनता पार्टी दोनों एक ही हैं परंतु जनता को धोखा दिया जाता है एवं यह कहा जाता है कि दोनों संगठन अलग हैं
जहां तक सामाजिक न्याय का सवाल है संगठन की विचारधारा है कि आरक्षण खत्म हो वहीं दूसरी ओर दूसरी जबान से आरक्षण का समर्थन करते हैं सामाजिक संरक्षण की जब बात आती है तो गरीबों को संरक्षण प्रदान करने में अनेकों तर्कों का सहारा लेकर यह कहा जाता है कि गरीबों को संरक्षण देने की जरूरत नहीं है नहीं तो वह अपाहिज बन जाएंगे
जहां एक बात और उल्लेखनीय है कि इन संगठनों द्वारा अपने समस्त विरोधियों को बड़े ही प्यार से मिला लिया जाता है जिसका उदाहरण है कि मध्य प्रदेश में समाजवादी आंदोलन के समस्त नेताओं को फूल छाप समाजवादी बना दिया गया एवं अनेक कांग्रेसियों को फूल छाप कांग्रेसी बना दिया गया इन्हें इस बात का परहेज नहीं है की दल बदल नहीं किया जाए बड़े पैमाने पर राजनीतिक स्वार्थ के बदौलत दलबदल को प्रश्रय दिया जाता है एवं इसके पश्चात विपक्ष से आए व्यक्ति का संगठन में अछूत की तरह व्यवहार किया जाता है एवं उसका व्यक्तित्व समाप्त कर दिया जाता है एवं उसकी समाज सेवा को अपने पक्ष में परिवर्तित कर लिया जाता है
विकल्प का आभाव होना प्रजातंत्र के लिए बहुत घातक है भारतीय प्रजातंत्र में विरोध का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है एवं बिना विरोध के समावेशी विकास होना संभव नहीं है विकल्प को खत्म करने का आरोप BJP पर नहीं दिया जा सकता विकल्प का अभाव इसलिए हुआ है कि विपक्षी दल द्वारा अपनी संगठन एवं विचारधारा का प्रसार नहीं किया ।एवं इस प्रकार जब संगठन एवं विचारधारा पंगु हो जाती है तो वह संगठन खत्म होने की कगार पर हो जाता है ।संगठन के सदस्य अन्य किसी राह पर चल देते हैं।
ऐ राजनीति में कहा जाता है कि राजनीति में अच्छे लोगों का आना जरूरी है नहीं तो राजनीति में खराब लोगों का जमावड़ा पैदा हो जाता है ।अन्ना हजारे आंदोलन के कारण बीजेपी सत्ता में आई भ्रष्टाचार नहीं खत्म हुआ है एवम नहीं नौकरों के विरुद्ध कोई कारवाई की जा रही है आज रिश्वतखोरी का आतंक इतना है किशिकायत करने वाला डरता है कि कहीं उसके ऊपर जीवन संपत्ति का संकट पैदा ना हो जावे। इसलिए वह शिकायत नहीं करता ।एवं जो भी करते हैं तो उनका हाल सब जनता के सामने हैं
प्रजातंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया भी विकल्प के अभाव के संकट के बारे में  प्रयास नहीं कर रहा है एवं इसका कारण है कि मीडिया को भी भक्तगण द्वारा अपमानित ,सोशल मीडिया द्वारा कर दिया जाता है एवं विपक्ष के सम्मानित नेता गणों को भी सोशल मीडिया द्वारा अपमानित किया जाता है ।जिसके विरुद्ध सोशल मीडिया द्वारा भी कोई प्रयास नहीं किए जाते हैं।
भक्तगणों का सोशल मीडिया आतंकवाद विकल्प के संकट के लिए जिम्मेदार है एवं इस आतंकवाद के कारण अनेक ईमानदार लोग अपनी सही बात कहने में कतराते हैं एवं इमानदार लोगों के साथ मिलने में कतराते हैं
               भारतीय प्रजातंत्र की रक्षा के लिए
                                                          सादर
एडवोकेट आनंद जैन की फेसबुक से साभार 


 

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