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Wednesday, September 20, 2017

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की हत्या -पत्रकार फरीद शेख के विरुद्ध दर्ज एफआईआर से पत्रकारों नाराज

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ज्ञापन सौंप एसपी से की निष्पक्ष जांच की मांग

खरगोन। दो माह पहले ही पदस्थ हुई सीएमएचओ डॉ. वंदना खरे द्वारा पत्रकार फरीद शेख और एक अन्य पत्रकार के खिलाफ दर्ज की गई पुलिस रिपोर्ट को लेकर तरह-तरह के सवाल खडे होने लगे है। स्थानीय प्रेस क्लब ने यहां तक ऐलान किया कि सही जांच कर पुलिस रिपोर्ट वापस नहीं ली जाती है तो शासकीय खबरों का बहिष्कार कर सांकेतिक धरना देकर क्रमिक हड़ताल की जाएगी। उल्लेखनीय है कि 19 सिंतबर को इलेक्ट्रानिक मीडिया के संवाददाता फरीद शेख स्वास्थ्य सेवाओं जैसे गंभीर मसले को लेकर उनकी बाईट ले रहे थे। 

इसी दौरान आक्रोशित सीएमएचओ डॉ. वंदना खरे ने उनके खिलाफ अभद्रता का आरोप लगाते हुए प्रकरण दर्ज करवा दिया। इस गंभीर मुद्दे पर पत्रकारों का आरोप है कि केवल एक पक्ष की सुनवाई कर अधिमान्य पत्रकार के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है इतना ही नहीं एससी/एसटी एक्ट के तहत संबंधित पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई की गई। पुलिस प्रशासन द्वारा की गई एकतरफा कार्रवाई से उद्वेलित होकर आक्रोशित पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप मामले की गंभीरता को देखते हुए निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है। स्थानीय पुलिस द्वारा शासन के अधिमान्य पत्रकार होने की अवहेलना करते हुए एकतरफा कार्रवाई की गई। 

पुलिस उप महानिरीक्षक कर सकते है जांच के बाद कार्रवाई 
इलेक्ट्रानिक मीडिया से ताल्लुक रखने वाले फरीद शेख के खिलाफ अधिमान्य पत्रकार होने की नियमों की अनदेखी कर स्थानीय पुलिस द्वारा पूर्णरूप से उपेक्षा की गई है। मप्र शासन, गृह मंत्रालय भोपाल द्वारा जारी पत्र क्रमांक एफ/12-34/2009/ बी-1 भोपाल दिनांक 6 जनवरी 2010 में उल्लेख किया गया है कि किसी भी पत्रकार के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करने के पूर्व दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 154 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की जाए। अपराध पंजीयन के पूर्व प्रकरणों की निष्पक्ष जांच पुलिस अधीक्षक अथवा पुलिस उप महानिरीक्षक द्वारा की जाए। लेकिन स्थानीय पुलिस द्वारा तमाम नियमों की अनदेखी कर सीएमएचओ पद पर पदस्थ डॉ. वंदना खरे द्वारा दुर्भावनावश की गई रिपोर्ट पर एकतरफा कार्रवाई की गई है। देखा जाएं तो प्रदेश सहित समूचे देशभर में पत्रकारों के खिलाफ अत्याचार के मामले तेजी से बढ़ रहे है। हाल ही के दिनों में बैंगलोर की प्रसिद्ध राष्ट्रीय स्तर की प्रतिभावान पत्रकार गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 

प्रभारी मंत्री ने भी किया समर्थन 
जिला योजना समिति की बैठक में शामिल होने आए प्रभारी मंत्री और शिक्षा मंत्री विजय शाह ने भी डॉ. वंदना खरे की बात का समर्थन कर पुलिस कार्रवाई का समर्थन किया जबकि विजय शाह ने एक पक्ष की बात ध्यान में रखकर इस बात का समर्थन किया है। प्रभारी मंत्री पद पर बैठे विजय शाह को इतना ज्ञान नहीं था कि  अधिमान्य पत्रकार के खिलाफ जब तक कार्रवाई नहीं हो सकती जब तक पुलिस उप महानिरीक्षक, एसपी स्तर के अधिकारी जब तक निष्पक्ष जांच नहीं कर लेते अधिमान्य पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती। 

पत्रकारो ने दी चेतावनी 
पत्रकार शेख के खिलाफ की गई उक्त कार्रवाई को लेकर जिलेभर के पत्रकारों में रोष व्याप्त है। पत्रकारों ने ज्ञापन सौपते हुए एकतरफा की गई कार्रवाई को वापस लिए जाने की मांग की है। स्थानीय प्रेसक्लब द्वारा साफतौर पर कहा गया है कि यदि शासन स्तर पर पत्रकारों के खिलाफ इसी प्रकार की कार्रवाई होती रही तो जिला प्रशासन की खबरों का बहिष्कार किया जाएगा यहां तक कि क्रमिक हडताल की चेतावनी दी गई है। 

उक्त समूचे मामले में जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के नितेष गोस्वामी, प्रवीण पाल, शशिकांत शर्मा, यादवेन्द्रसिंह, आशुतोष पुरोहित, सुनील शर्मा, ममताराम पाटूद, हेमंत जाट, नरेन्द्र भटोरे, ओमप्रकाश रामणेकर, तेजकुमार बर्वे, राकेश जायसवाल, सदाशिव वर्मा, पूर्णा ठाकुर, संजय पाराशर, मुकेश ठक्कर, हबीब आजाद खान, प्रदीप पाराशर,चन्द्रशेखर कर्मा ,राजु यादव, आसिफ खान, ब्रजेश राठौड, विशाल छटिये, अश्विन गोस्वामी, करणसिंह चौहान, सुरेश चंदेल, संदीप ठक्कर, तरूण सोनी, उमेश रेवलिया, राजेन्द्र गुप्ता, मनीष मंडाहर, नीरज भावसार, आवेश परसाई, अजय तिवारी, कांतिलाल कर्मा, रोहित भावसार, शुभम बगलाने, शकील खान, साजिद खान, विष्णुप्रसाद वाघे, त्रिलोक रामणेकर, रियाजुदीन शेख, अबरार शेख, नाजीम शेख, विजय कोचले आदि पत्रकारों ने एडीशनल एसपी अंतरसिंह कनेश का ज्ञापन सौंपकर उचित कार्रवाई की मांग की। 

पत्रकारों ने इस विषय पर भी एएसपी का ध्यान आकृष्ट कराया कि कलेक्टे्रट परिसर और विवेकानंद सभागृह के बाहर लगे सीसीटीवी केमरे और बाईट लेने के दौरान फरीद शेख द्वारा बनाये गए विडियो की जाच कर करवाई की जाये एवं जो एससीएसटी एक्ट की धाराये लगाई गई है उन्हें हटाया जाये। एएसपी ने पत्रकारों का पक्ष गंभीरता से सुनने के बाद उन्हें आश्वस्त किया कि जांच कर धाराएं हटाने का प्रयास किया जाएगा।


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