TOC NEWS // डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
भारत एक लोकतांत्रित गणतंत्र है। इस वजह से सरकार और प्रशासन के संचालन में भारत के संविधान का सर्वाधिक महत्व है। सरकार और प्रशासन के सफल संचालन के लिये देश के लोगों को संविधान का ज्ञान होने की उम्मीद की जाती है। इसके बावजूद भारत में आम नागरिकों और उच्च पदस्थ अधिकारियों तक में संविधान का ज्ञान हासिल करने के प्रति कोई विशेष रुझान नहीं देखा जाता है। सोशल मीडिया पर इन देशभर के लोग सक्रिय हैं।
जो संविधान सहित विभिन्न विषयों पर आये दिन अपनी राय प्रकट करते रहते हैं। ऐसे ही सक्रिय लोगों में से मुझ से वाट्सएप पर देश के 22 प्रदेशों और 4 केन्द्र शासित प्रदेशों के 4213 लोग सीधे जुड़े हुए हैं। ब्रॉड कास्टिंग के जरिये इनके मध्य एक सर्वे आयोजित किया गया। सर्वे का विषय था: *सवाल: भारतीय संविधान किसने बनाया?* हमारी ओर से निम्न 8 विकल्प दिये गये। सर्वे में 4213 में से करीब 68.81% (2899) लोगों ने भाग लिया। जिसे अच्छी भागीदारी माना जा सकता है। जिसके परिणाम इस प्रकार रहे:-
1. डॉ. बीआर अम्बेडकर द्वारा। 1966 (39.12%)
2. भारत के लोगों द्वारा। 45 (1.55 %)
3. संविधान सभा द्वारा। 968 (33.39%)
4. बहुसंख्यक भारतीयों द्वारा। 99 (3.41%)
5. तत्कालीन ताकतवर लोगों द्वारा। 365 (12.59%)
6. ब्रिटिशभक्त राजनेताओं द्वारा। 201 (6.93%)
7. उक्त सभी के द्वारा। 27 (0.93%)
8. अन्य:...... 60 (2.06%)
सर्वे में भाग लेने वालों की सामाजिक हिस्सेदारी आंकड़ों में निम्न प्रकार समझी जा सकती है:
मायनोरिटी के करीब 4.21% (122)
ओबीसी के करीब 14% (403)
अजा वर्ग के करीब 39.15% (1135) और
अजजा वर्ग के करीब 36.63% (1062)
अनारक्षित वर्ग के करीब 6.11% (177)
सर्वे में भाग लेने वालों की कुछ रोचक और महत्वपूर्ण टिप्पणियां:
1. अनारक्षित वर्ग राजकुमार भार्गव चूरू, राजस्थान लिखते हैं कि ''सर जहाँ तक मैंने राजनीति मे पढा था कि सविधान के निर्माता डॉ. बी आर अम्बेडकर को बताया गया था जीसको बनाने मे 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था। और एक जगह पढा जिसमें बताया गया कि संविधान का निर्माण एक संबिधान सभा ने किया है। संविधान सभा में 299 लोग थे। इन सब लोगों ने मिलकर संबिधान बनाया था। संबिधान सभा के कानूनी सलाहकार B. N. Rao थे। Rao ने ही संबिधान का पहला प्रारूप बनाया था। इस प्रारूप की जांच के लिए एक प्रारूप समिति बनाई गई थी। इस समिति में 8 लोग थे। जिसमें सिर्फ
1 सदस्य आंबेडकर था। जिसे प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया और इसी को संबिधान निर्माता कहते हैं। आंबेडकर को संबिधान सभा में बंगाल से चुना गया था। संबिधान सभा के अध्य्क्ष राजेंद्र प्रसाद थे। लेकिन जनरल केटेगरी का होने के कारण इनका नाम नहीं लिया जाता है। संबिधान सभा के बहस में नेहरू जी और पटेल जी का अहम योगदान था। लेकिन इन दोनों का नाम भी हटा दिया गया। डॉ. राधाकृष्णन सभा के प्रथम प्रवक्ता थे। लेकिन जनरल होने के कारण इनका नाम भी हटा दिया गया।''
2. अजजा वर्ग के कृष्णा मीणा, चाकसू जयपुर राजस्थान लिखते हैं कि ''जहाँ तक मैने पढा है तो यह ब्रिटिश राज में तैयार किया गया अधिनियम था जो उन्होने अपने फायदे के लिए बनाया था पर जब भारत आजाद हुआ तो भारतीय नेताओ ने उसमें कुछ परिवर्तन करके उसे अपना लिया जिसमें हम देख सकते हैं कि आज भी आम आदमी से ज्यादा पैसे वालो का बोलबाला है।''
3. अजजा वर्ग वीसाराम मीणा जालोर, राजस्थान लिखते हैं कि ''मेरे हिसाब से तो सारे तत्व शामिल होंगे. मेरे जहन मे एक प्रशन लगातार आ रहा है कि क्या अंबेडकर नहीं होते तो भारत का संविधान बनता और बनता कैसा बनता. दुनिया भर मे संविधान बने हुए और सारे देशो के संविधान उनके लोगो के कल्याण हेतु बनाए गए है. आपके भारत के संविधान यानि अंबेडकर संविधान कमजोर वर्ग या आपके अनुसार मोस्ट वर्ग को ताकत मिली है या उल्टा जातिवाद का जहर बढता जा रहा है? आपके अनुसार अंबेडकर के संविधान ने मोस्ट वर्ग को ताकत दी है या जातिवाद का जहर बढाया है?''
4. अजजा वर्ग की अनिता सोलंकी, सेंधवा, मध्य प्रदेश लिखती हैं कि ''डॉ बी आर अम्बेडकर द्वारा लेकिन उनके साथ मेंएक नाम हम भूल जाते है जो सिर्फ आदिवासी नाम देकर गये जयपालसिंग मुंडा जिन्होंने आदिवासीयो के लिए संविधानिक लडाई लडे.''
5. अजा वर्ग के कल्पेश आर सोलंकी भरूंच गुजरात लिखते हैं कि ''हम तो समाज में आम्बेडकर वाद लाना चाहते है इस लिये में तो बाबा साहब ही कहुगा''
6. अजा वर्ग की राजेश शाक्य कोटा राजस्थान लिखती हैं कि ''यह सवाल क्यो? डा. भीम राव अम्बेडकर जी ने ही लिखा है.''
7. मॉयनोरिटी वर्ग के सरदार गुरमीत सिंह अम्बाला हरियाणा लिखते हैं कि ''भारतीय संविधान का मूल पाठ अंग्रेजों दुवारा ही निर्मित है, जिसमे कुछ भारतीय सन्दर्भ में पैबन्द लगाए गए है, देश की सबसे बड़ी ताकत न्याय प्रणाली है,जो आई पी सी से चलती है जो अंग्रेजो ने भारतीयों को गुलामी में जकड़ने के लिए 1861 में बनाई थी जो आजाद भारत मे ज्यों की त्यों लागू है,ये ही आई पी सी पाकिस्तान में भी लागू है,किसी कनसीपरेन्सी के तहत ही यह चलन में है।''
8. अजा वर्ग के उत्तम कुमार गौतम, लखनऊ, उत्तर प्रदेश लिखते हैं कि ''संविधान सभा में कुल 7 सदस्य थे, सभी निकम्मे, मूर्ख, बीमार और विदेश घूमने वाले थे. 7तो सदसयो ने कुछ नहीं किया. अकेले बाबा साहब ने संविधान सारा बनाया. संविधान बनाने पर सवाल उठाने वाले बाबा साहब के और बाबा साहब के संविधान के दुश्मन हैं. संविधान बुद्धमय भारत बनाने का सूत्र है. भारत एक दिन बुद्धिस्तान बनेगा.''
9. ओबीसी के प्रेम प्रकाश भाटी, धार मध्य प्रदेश से लिखते है कि''संविधान तो संविधान सभा ने बनाया था. वोट के लिये अम्बेड़कर को निर्माता बना दिया. सूचना अधिकार कानून के तहत पूछा जा सकता है कि संविधान निर्माता कौन है। संविधान को बनाने में संविधान सभा के सदसय रहे देश के विद्वानों का योगदान है। अकेल अम्बेड़कर को श्रेय देना संविधानसभा का अपमान है।''
10. अनारक्षित वर्ग के अरुण मिश्रा पटना, बिहार से लिखते हैंकि ''संविधान अंग्रेजी अधिनियमों की नकल के साथ दूसरे देशों के संविधानों की नकल है। खुद अम्बेडकर ने भारत के संविधान को दुनिया का सबसे घटिया संविधान बताया है। यही वजह है कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार है। दलित, आदिवासी अभी भी सत्ता से कोसों दूर हैं। कुछ परिवार रिजर्वेशन का फायदा उठा रहे हैं। संघ की चंडान चौकड़ी संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। लेकिन संविधान कुछ नहीं कर सकता। ऐसा संविधान किस काम का?''
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