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Tuesday, September 19, 2017

सरकारी साड़ी के लिए महिलाओं में मारपीट, खींचे एकदूसरे के बाल

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हैदराबाद। तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के कार्यकाल में शुरू की गई साड़ी वितरण योजना की तेलंगाना सरकार ने नकल तो कर ली लेकिन उसका सही ढंग से अनुपालन नहीं हो सका। लिहाजा, सरकार ने जैसे ही महिलाओं को साड़ी बांटना शुरू किया ना केवल हंगामा होना शुरू हुआ बल्कि घटिया किस्म की साड़ी की वजह से मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की भी किरकिरी हुई है। योजना के मुताबिक राज्य के कई शहरों में आज (18 सितंबर) साड़ी बांटे जाने का कार्यक्रम शुरू हुआ लेकिन लंबी-लंबी कतारों में खड़ी महिलाओं ने पहले तो एक-दूसरे को धक्का देना शुरू किया फिर मारपीट पर उतारू हो गईं।

स्थानीय टीवी चैनलों के वीडियो के मुताबिक हैदराबाद के सैदाबाद में महिलाएं लंबी-लंबी लाइन में खड़ी दिखीं। थोड़ी ही देर बाद महिलाओं को आपस में एक-दूसरे का बाल खींचते हुए और लड़ते हुए देखा गया। वीडियो में महिला पुलिसकर्मी उन्हें अलग करती नजर आईं। बता दें कि राज्य सरकार के आला अधिकारियों ने नवरात्र की तरह नौ दिन तक चलने वाले बतुक्कम उत्सव के लिए 500 डिजायन में साडिय़ां पसंद की थीं। बतुक्कम में महिलाएं सिर पर फूल सजाकर एकसाथ नाचती हैं। यह उत्सव नवरात्र के नौ दिनों तक चलता है और दशहरा को समाप्त होता है।

तेलंगाना सरकार में मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव का कहना था कि साडिय़ां गरीब महिलाओं को त्योहार पर गिफ्ट है, जिसे वो बतुक्कम पर पहनेंगी। कम समय होने के कारण सरकार ने जल्दबाजी में आधी साडिय़ां गुजरात के सूरत से मंगवाई गईं तो आधी तेलंगाना के पावरलूम से खरीदी गईं।

जैसे ही तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेताओं ने आज सुबह साड़ी वितरित करना शुरू किया, कई इलाकों में औरतें आपस में भिड़ गईं। हैदराबाद के सैदाबाद में महिलाएं घंटों इंतजार करती रहीं और एक दूसरे के बाल खींचते नजर आईं। लंबी-लंबी कतारों में खड़ी महिलाओं ने पहले तो एक-दूसरे को धक्का देना शुरू किया फिर मारपीट पर उतारू हो गईं। महिलाएं आपस में एक-दूसरे का बाल खींचते हुए लडऩे लगी। वीडियो में महिला पुलिसकर्मी उन्हें अलग करती नजर आईं। सोशल मीडिया पर महिलाओं के कई समूहों साड़ी को आग लगाते नजर आए।

महिलाओं का कहना था कि उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें अच्छी साडिय़ां मिलेंगी लेकिन सरकार जो साडिय़ां बांट रही है उनकी क्वालिटी बहुत खराब है। सरकार ने वादा किया था कि हमें हैण्डलूम की साडिय़ां देगी लेकिन हमें 50 रुपये की साड़ी दी जा रही है। सरकार ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ये विरोध प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित है। सरकार ने इस पूरी योजना के लिए 222 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 52 लाख साडिय़ां तेलंगाना के बुनकरों से खरीदी गई है और बाकी की साडिय़ां सूरत व दूसरे अच्छी कपड़ा मिलों से मंगाई गई है। डिजाइन, रंग और क्वालिटी के मामले पर मुख्यमंत्री कार्यालय की महिलाओं ने विशेष ध्यान दिया है।

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