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Wednesday, October 4, 2017

एस.के मिश्रा की सीएम के प्रमुख सचिव के पद पर पुन: नियुक्ति

शिवराज सरकार की नई मिसाल एस.के मिश्रा की सीएम के प्रमुख सचिव के पद पर पुन: नियुक्ति

भोपाल (पं.एस.के.भारद्वाज) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव एसके मिश्रा, जो पिछले 30 सितंबर को रिटायर हुए हैं, गतदिनों मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में लिये गये खास निर्णय,मप्र संविदा नियम 2017 के तहत नियुक्त होने वाले प्रदेश के पहले अफसर होंगे। जिनपर सेवा में रहते हुए भ्रष्टाचार ही नही गंभीर आपराधिक प्रकरण भी पुलिस थाने में 12 वर्ष पूर्व से न्यायालय के आदेश पर पंजीबद्ध है प्रदेश के भ्रष्टाचार के यशश्वी जिद्दी मुख्यमंत्री जिनका नारा है हम किसी भ्रष्टाचारी को नही छोडेंगें सभी को साथ लेकर चलेंगे ने अपना वादा निभाते हुए गत दिनों बनाये अपने नियमानुसार व संस्थित संविदा नियमों के मुताबिक एस के मिश्रा को एक रेग्यूलर प्रमुख सचिव के तहत सभी अधिकार रहेंगे। मिश्रा को संविदा नियमों के तहत प्रमुख सचिव नियुक्त करने के लिए मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रमुख सचिव स्तर की एक एक्स कैडर पोस्ट बनाने का आदेश पिछले शुक्रवार 29 सितम्बर 2017 को जारी कियाथा। मिश्रा की नियुक्ति एक साल के लिए होगी, जिसे मुख्यमंत्री की श्रद्धानुसार पांच साल तक बढ़ाया जा सकेगा ।सीएम शिवराज के किचिन कैबिनेट के सीनियर मोस्ट मैंबर एवं हर अन्दर बाहर का हिसाब रखने वाले एस के मिश्रा अपनी नई ऐतिहासिक सेवा की शुरुआत आगामी 3 अक्टूबर मंगलवार से करेंगे। एस के मिश्रा को उनके पूर्व के सभी विभागों जनसंपर्क, म.प्र.माध्यम, एग्रोइन्ड. आदि के अलावा कुछ और महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है। इंडस्ट्री डिपार्टमेंट से नौकरी शुरु करने वाले एस के मिश्रा नॉन डिप्टी कलेक्टर कैडर कोटा से कांग्रेसी रिश्तेदारी और भ्रष्टाचरणीय सर्वगुणसंपन्न विधा की योग्यता से आईएएस बने हैं।एस के मिश्रा बुधनी विधानसभा उपचुनाव के दौरान शिवराज सिंह चौहान के संपर्क में पहली बार तब आये जब तत्कालीन विपक्ष की काग्रेस नेत्री स्व.श्रीमती जमुनादेवी ने चरण पादुक सेवा करने की शिकायत निर्वाचन आयोग से की थी। जब शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के मुख्यमंत्री बने उस समय वह प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं थे। उन्होंने लोकसभा सीट से इस्तीफा देकर बुधनी विधानसभा से उपचुनाव लड़ा था। उस समय एस के मिश्रा सीहोर कलेक्टर थे। एस के मिश्रा को निर्वाचन आयोग ने चुनाव के दौरान ही हटा दिया था। मगर एस के मिश्रा कलयुगी आचरण और विभिन्न विधाओं की विद्वता के प्रगाढ़ विद्वान होने के कारण शिवराज सिंह चौहान को इतने पसंद आए कि चुनाव जीतने के बाद शिवराज ने एस के मिश्रा को भोपाल कलेक्टर बना दिया। बाद में शिवराज सिंह चौहान ने एस.े के मिश्रा को सचिव की हैसियत से अपने सेकेट्रीयेट में पोस्ट कर लिया तथा सेवानिवृति के बाद भी अपने पास रखने के लिए विशेष कानून मप्र संविदा नियम 2017 बनाया और अपना स्थायी सेवक बनाये रखने के लिए अपने केबिनेट पद का स्वहित में उपयोग किया।

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