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Friday, October 6, 2017

बिग बॉस ने बदल दिया ज्योति का रंग, सीधी-साधी लड़की बन गई मेट्रो सिटी की गर्ल

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PATNA… बिग बॉस के घर में बिहार के एक गांव की सीधीसादी लड़की ज्योति को सिगरेट पीता देख गांव के लोग हैरान है। उन्हें ये भरोसा नहीं हो रहा कि ये वही ज्योति है जिसे गांववाले सीधा-साधा समझते थे। कोई इसे बिग बॉस के घर की मजबूरी तो कोई ज्योति का बदलता रंग कह रहा है।



ज्योति के भाई सूरज ने कहा कि वह कभी सिगरेट नहीं पीती थी। मैंने भी सिगरेट वाली वीडियो देखी है। यह सब नाटक है। मेरी बहन स्मोकिंग नहीं कर सकती। डांसर सपना चौधरी द्वारा बिग बॉस के घर में ज्योति को अंगुली तोड़ देने की धमकी से ज्योति के परिजन गुस्से में हैं।

भाई सूरज ने कहा कि हिम्मत है तो सपना ज्योति की अंगुली तोड़कर दिखाए। पीठ पीछे वह क्यों अनाप-शनाप बात करती है। ज्योति सपना की धमकी से डरने वाली नहीं है। ज्योति की बड़ी बहन नंदिनी ने कहा कि वह बचपन से फिल्म एक्ट्रेस बनना चाहती थी। ज्योति पढ़ने में शुरू से तेज थी। वह काफी अच्छी एक्टिंग कर लेती थी।




घर में टीवी देखते हुए वह कहती थी कि मैं भी एक दिन स्टार बनूंगी और एक दिन टीवी में दिखूंगी। मेरे पिता की आमदनी इतनी नहीं है कि वे ज्योति को दिल्ली मुंबई भेजते और एक्टिंग सिखाने वाले कॉलेज में पढ़ाते। ज्योति बिग बॉस में इस सप्ताह नॉमिनेट हो चुकी हैं। इससे परिवार के लोगों में डर बना हुआ है कि कहीं बाहर ना हो जाए।

ज्योति के भाई सूरज कुमार ने लोगों से अपील की है कि वे ज्योति को अधिक से अधिक वोट करें, जिससे वह बिग बॉस के घर में बनी रह सके। सूरज ने कहा कि ज्योति के बिग बॉस में जाने के बाद गांव में जश्न का माहौल है। सभी लोग शो देखने के लिए इंतजार करते हैं। गांव के युवक और युवतियां ज्योति को वोट करने के लिए आगे आ रहे हैं।




सूरज ने बताया कि ज्योति रोज टीवी देखती थी। इस दौरान बिग बॉस के लिए ज्योति ने वीडियो बनाकर भेजा। बिग बॉस की और से ज्योति को ऑडिशन के लिए दिल्ली बुलाया गया। ऑडिशन में चुने जाने के बाद ज्योति को इंटरव्यू के लिए मुंबई बुलाया गया।

इंटरव्यू में पास होने के बाद ज्योति का नाम फाइनल हो गया। इंटरव्यू की बातों को गुप्त रखने का भी निर्देश दिया गया था। इसके बाद बिग बॉस की टीम गांव आई और यहां से कई वीडियो शूट कर ले गई।




ज्योति बीएसी कर चुकी है। बिग बॉस जाने से पहले ज्योति मसौढ़ी में ही घर पर एक से पांचवीं तक के 30 बच्चों को पढ़ाती थी।

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