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Sunday, December 24, 2017

लालू बने कैदी नंबर 3351, रात भर बदलते रहे करवटें, कुछ ऐसे सूखी रोटी खाकर गुजरी

लालू बने कैदी नंबर 3351, रात भर बदलते रहे करवटें, कुछ ऐसे सूखी रोटी खाकर गुजरी पहली रात









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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर शनिवार को जेल भेज दिया गया। चारा घोटाला मामले को लेकर लालू को पहले भी कई बार जेल की सजा सुनाई जा चुकी है।


राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव का जेल से पुराना नाता रहा है। 1997 में चारा घोटाला का मामला सामने आने के बाद लालू का जेल जाने का जो सिलसिला शुरू हुआ वो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। शनिवार को एक बार फिर चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव को जेल की सजा सुनाई गई है। चारा घोटाला से जुड़े केस में रांची की विशेष सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव को दोषी करार कर फौरन गिरफ्तार कर लिया गया। कोर्ट से उन्हें रांची स्थित बिरसा मुंडा जेल में बंद किया गया है।

लालू के साथ ये भी पहुंचे जेल
जेल में लालू को वीआईपी कैदियों की तरह रखा गया है। उनके साथ दो और वीआइपी बंदियों को रखा गया है। लेकिन जेल में उनकी पहली रात काफी उलझनों भरी रही। बताया जा रहा है कि लालू रात भर बेचैन दिखे और करवटें बदलते रहे। वीआइपी कैदियों की इस सेल में झरिया के विधायक संजीव सिंह, खिजरी के पूर्व विधायक सावना लकड़ा, पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर व पूर्व विधायक कमल किशोर भगत पहले से बंद हैं।
विआईपी कमरा
जेल में लालू यादव को जो कमरा दिया गया है, उसमें अटैच टॉयलेट बाथरूम है। कमरे में एक चौकी, कंबल, तकिया और मच्छरदानी भी दी गई है। इतना ही नहीं कमरे में एक टीवी भी लगाई गई है। बता दें कि लालू यादव को कैदी नंबर 3351 दिया गया है। इससे पहले तेजस्वी यादव ने जेल प्रबंधन को लालू को पहनने के लिए कुर्ता-पायजामा और गर्म कपड़ों के अलावा दवाई भी दी थी। लेकिन लालू जेल में काफी शांत दिखे।

रात में पालक साग व रोटियां मिलीं
जेल में लालू प्रसाद यादव को खाने में पालक साग व रोटियां दी गईं। बता दें कि ये सब्जी जेल परिसर में ही उगाई जाती है। इसके अलावा सुबह उठने के बाद उन्हें चाय और बिस्किट दिया गया।
सातवीं बार फिर जेल पहुंचे लालू
पहली बार 30 जुलाई 1997 : (135 दिन जेल में रहे)
दूसरी बार 28 अक्टूबर 1998 (73 दिन जेल में रहे)
तीसरी बार 5 अप्रैल 2000 (11 दिन जेल में रहे)
चौथी बार 28 नवंबर 2000 (एक दिन)
पांचवी बार 26 नवंबर 2001 (23 दिन)
छठी बार 3 अक्टूबर 2013 (2 माह 10 दिन)
सातवीं बार 23 दिसंबर 2017 (जारी)

आज किसी से भी मिलने की इजाजत नहीं
लालू की सिर्फ रात ही बेचैनी में नहीं बीती बल्कि आज उनका दिन भी कुछ इसी तरह गुजरेगा। दरअसल, रविवार होने की वजह से आज उन्हें किसी भी बाहरी व्यक्ति या रिश्तेदार से मिलने नहीं दिया जाएगा। अब सोमवार को सुबह 8 बजे से 12 बजे तक ही लालू किसी से मुलाकात कर सकेंगे।

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