यूपी सरकार ने उन्नाव में बीजेपी के विधायक पर लगे बलात्कार और पीड़िता के पिता की हत्या के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है. बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है. उनपर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
आधी रात के करीब हुए इस फैसले से पहले सेंगर नाटकीय ढंग से पुलिस के सामने पेश हुए, लेकिन सरेंडर करने से मना कर दिया.
गुरुवार सुबह मीडिया से मुखातिब होते हुए सेंगर ने कहा, प्रशासन के आदेश पर गिरफ्तारी दूंगा, मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है. इससे पहले बुधवार देर रात राज्य सरकार ने विधायक और अन्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने का भी फैसला किया.
सीबीआई से जांच का फैसला एडीजी (लखनऊ जोन) के अधीन बनी विशेष जांच टीम यानी एसआईटी की ओर से सरकार को रिपोर्ट सौंपने के बाद लिए गए. ऐसा तब हुआ जब कुछ घंटे पहले ही इलाहाबाद हाइकोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी की याचिका पर राज्य सरकार से घटना पर उसका रुख पूछा और मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए रोक दी.
इस बीच, सेंगर देर रातरात अचानक लखनऊ में एसएसपी के घर के बाहर दिखे. खबर थी कि वह सरेंडर करेंगे लेकिन वे समर्थकों के साथ निकल गए. सेंगर ने कहा, 'मैं यहां मीडिया के सामने आया हूं. मैं भगोड़ा नहीं हूं. मैं यहां राजधानी लखनऊ में हूं. बताइए क्या करूं.’ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के लखनऊ से रवाना होने के कुछ ही देर बाद ये घटनाक्रम हुआ.
एक डीएसपी और पांच डॉक्टर हुए सस्पेंड
इसके साथ ही योगी सरकार ने उन्नाव जिला अस्पताल के दो डॉक्टरों को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए हैं. जेल अस्पताल के भी तीन डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की गाज गिरी है जिन पर पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप है.
इसके साथ ही क्षेत्राधिकारी सफीपुर, कुंवर बहादुर सिंह भी लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिए गए हैं.
शासन ने एसआईटी के साथ जेल डीआईजी और उन्नाव जिला प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी थी. एक साथ तीन रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ने ये फैसले किए हैं.इसके साथ ही सरकार पीड़िता के परिवार को सुरक्षा भी उपलब्ध कराएगी.

No comments:
Post a Comment