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Sunday, July 29, 2018

बुरहानपुर के स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय को स्नातक पाठ्यक्रम बी.ए.एम.एस. के लिए 60 सीट की मिली अनुमति-मंत्री अर्चना दीदी

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बुरहानपुर के स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय को स्नातक पाठ्यक्रम बी.ए.एम.एस. के लिए 60 सीट की मिली अनुमति-मंत्री अर्चना दीदी
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जिला ब्यूरो चीफ बुरहानपुर // अशोक सोनी : 94245 26100 
आयुष कॉलेजों में स्नातक की 560 और स्नातकोत्तर की 64 सीटों पर प्रवेश की अनुमति मिली
बुरहानपुर। प्रदेष की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने बताया कि प्रदेश में वर्षों बाद सभी शासकीय स्वशासी आयुष कॉलेजों को स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अनुमति भारत सरकार से प्राप्त हुई है। प्रदेश के शासकीय स्वशासी कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रमों की कुल 560 और शासकीय आयुर्वेद कॉलेजों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में 64 सीट पर प्रवेश की अनुमति मिली है। प्रदेश शासन द्वारा मापदण्डों की पूर्ति के सार्थक प्रयासों से शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय बुरहानपुर को स्नातक पाठ्यक्रम बी.ए.एम.एस. के लिए 60 सीट की अनुमति प्राप्त हुई है। इस कॉलेज को वर्ष 2008-09 से अनुमति प्राप्त नहीं हुई थी।
मंत्री श्रीमती चिटनिस ने बताया कि प्रदेश में 7 शासकीय स्वशासी आयुष कॉलेज क्रमशरू भोपाल, बुरहानपुर, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, रीवा और उज्जैन में, 2 शासकीय स्वशासी यूनानी कॉलेज भोपाल और 4 शासकीय स्वशासी होम्योपैथी कॉलेज भोपाल में संचालित हैं। शासकीय स्वशासी होम्योपैथी कॉलेज में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में 55 सीटों पर प्रवेश की अनुमति और प्रदेश के शासकीय स्वशासी आयुर्वेद कॉलेज भोपाल में 9 विषय, होम्योपैथी कॉलेज भोपाल में 7 विषय, आयुर्वेद कॉलेज उज्जैन में 3 विषय, आयुर्वेद कॉलेज रीवा में एक विषय और आयुर्वेद कॉलेज ग्वालियर में एक विषय में शैक्षणिक सत्र 2018-19 में प्रवेश की अनुमति प्राप्त हुई है। यह अनुमति 2006-07 के बाद मिली है।
मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि प्रदेश के आयुष कॉलेजों के लिए लगभग 56 करोड़ रुपए के अधोसंरचनात्मक विकास कार्य स्वीकृत किए गए हैं। प्रवेश की इस अनुमति से मध्यप्रदेश के छात्र-छात्राओं को ही लाभ होगा, क्योंकि राज्य शासन के प्रावधान के अनुसार शासकीय स्वशासी आयुष कॉलेजों में प्रदेश के छात्रों को ही प्रवेश की पात्रता है। 
ज्ञात हो कि प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के अथक प्रयासों से शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज बुरहानपुर की प्रवेश मान्यता बहाल हुई है। वर्ष 2008-09 के शैक्षणिक सत्र से मान्यता के अभाव में प्रवेश के लिए वंचित बुरहानपुर के प्रतिष्ठित शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की प्रवेश की मान्यता बहाल करने के आदेष सी.सी.आई.एम. भारत सरकार से किए जा चुके हैं। महाविद्यालय की प्रवेश मान्यता शिक्षकों एवं अधोसंरचना की कमी के कारण निरस्त हो गई थी।
यदि इस वर्ष मान्यता नही मिलती तो महाविद्यालय हमेषा के लिए बंद हो जाता। श्रीमती चिटनीस ने बताया कि उन्होंने मान्यता पुनः बहाल करने के लिए सी.सी.आई.एम. की मान्यता के मापदण्डों के अनुरूप सर्वप्रथम 6 करोड़ की लागत से नवीन आयुर्वेद महाविद्यालय के भवन एवं 4 करोड़ की लागत से आयुर्वेद अस्पताल के भवन की स्वीकृति कराकर निर्माण पूर्ण कराया इसके बाद द्वितीय चरण मे आयुर्वेद कालेज कन्या छात्रावास भवन हेतु 2 करोड़ की स्वीकृति कराकर कार्य प्रारंभ कराया।
साथ ही साथ महाविद्यालय के अध्यापन विभाग की दृष्टि से प्रतिनियुक्ति मंे पदस्थ षिक्षकों की प्रतिनियुक्ति से वापसी कराकर उन्हें पुनः बुरहानपुर पदस्थ कराया, फिर भी पद शेष रह जाने पर फरवरी 2018 में आयुष मंत्री श्री जालम सिंह पटेल और विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती शिखा दुबे से चर्चा कर विगत 28 मई को आदेश जारी करके 16 शिक्षकों की पदस्थापना बुरहानपुर आयुर्वेदिक कॉलेज में कराई गई और अन्य आहर्ताओं की पूर्ती के लिए शासन द्वारा अंडरटेकिंग दिलाई जिसके बाद सी.सी.आई.एम. सर्वे कराकर मान्यता बहाल कराई गई है। अन्य आवष्यक आहर्ताओं की पूर्ति शैक्षणिक सत्र के दौरान कर ली जाएगी। महाविद्यालय में इसी सत्र से प्रवेष प्रारंभ हो जाएंगे।
मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि बुरहानपुर के वर्ष 1958 से चल रहे प्रतिष्ठित शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज हेतु मान्यता मिलने से इसका पुनः चलायमान होना उनका 10 वर्ष से सपना रहा है, विषाल भवन और अस्पताल के बाद भी मान्यता नहीं होने से मुझे हमेषा ही कसक रहती थी, यह आयुर्वेद कॉलेज बुरहानपुर की पहचान का अटूट हिस्सा रहा है जिसे पुर्नजीवित करने के लिये हमें भी अपने प्राणप्रण से लगातार एक दषक के प्रयास से मिली सफलता का आनंद हुआ हैै। श्रीमती चिटनिस ने स्वीकृति प्रदान किए जाने प्रदेष के यषस्वी मुख्यमंत्री श्री षिवराजसिंह जी चौहान, आयुष मंत्री श्री जालमसिंह जी एवं भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद् भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। 

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