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Monday, August 27, 2018

नगर परिषद निर्माण कार्य में घटिया सामग्री के इस्तेमाल का आरोप विभाग मौन

नगर परिषद निर्माण कार्य में घटिया सामग्री के इस्तेमाल का आरोप विभाग मौन
TOC NEWS @ http://tocnews.org/
उचेहरा। नगर परिषद का नवीन भवन निर्माण अरुण कंट्रक्शन कंपनी रीवा करा रही है। जिसका निर्माण कार्य करीब 2 करोड़ की लागत से हो रहा है। निर्माण में फीलिंग में लगभग 200 डम्फर मुरुम का इस्तेमाल किया गया। और अब फिर से रात के अंधेरे में हर रोज मुरुम से भराव का काम किया जा रहा है। इस संबंध में अरुण कंट्रक्शन कंपनी के एक कर्मचारी ने बताया कि हम माइनिंग विभाग से परमीशन लेकर निर्माण काम को अंजाम दे रहे हैं।
जब इस संबंध में स्वीकृति पत्र मांगने पर उक्त कर्मचारी ने कहा यह काम मालिक का है मेरा नहीं है। रातों रात सैकड़ों ट्रक डम्फर से आई मुरुम को ठिकाने लगाने की कोशिश की गईए लेकिन कृत्य को उक्त निर्माण कंपनी नहीं छिपा सकी है। अरुण कंट्रक्शन कंपनी के केयर टेकर की बातों पर यकीयन करें तो सत्ता पक्ष का संरक्षण प्राप्त होने के चलते न तो माइनिंग विभाग और ही नगर परिषद के अमले में क्षमता है कि वह निर्माण रुकवाए और कोई कार्रवाई करे।
पुरानी परिषद को धराशाई करने से जो पत्थर निकलने हैए उनका इस्तेमाल निर्माण में किया गया। साथ ही खजुराहो बालू में देशी टमस नदी कि मटमैली बालू से कालम खड़े करने की बात लोगों द्वारा बताई जा रही है। उसी के चलते रात के अंधेरे में कालम खड़े कर आनन. फानन में निर्माण काम को अंजाम दिया जा रहा है। नगर परिषद के आला अधिकारी अवैध उत्खनन और देशी नदी की बालू से निर्माण की बात से अंजान होने की बात बता रहे हैं। कुछ उसी तर्ज पर थाना भवन और तहसील परिसर का निर्माण करवाया गया था।
जिम्मेदार अमले की अनदेखी की वजह से वह भवन जर्जर हो चुके हैं। आए दिन उन भवनों की छपाई तो कभी छज्जे धराशाई हो कर गिर रहे हैं। जिसकी शिकायत थाना और तहसील महकमे द्वारा सैकड़ों बार की गईए लेकिन संबंधित विभाग ध्यान नहीं दे रहे है। यही आलम नवीन नगर परिषद भवन निर्माण में व्याप्त हैं ऐसे में कितने दिन चलेगा यह निर्माण सवालों के घेरे में है। एक तरफ नियम कानून को धता बतार कर उक्त निर्माण एजेंसी की तरफ से मुरुम फीलिंग का काम जोरों पर है। प्रत्यक्ष दर्शियों की मानें तो बीती देर रात पुलिस महकमे द्वारा एक जेसीबी भी पकड़ी गई थीए जिसे बाद में छोड़ दिया गया।

इनका कहना है

निर्माण कार्य में यदि गलत मटेरियल का इस्तेमाल किया जा रहा है। तो विभागीय जांच के साथ निर्माण एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर अवैध उत्तखन इसकी जांच का अधिकार राजस्व समेत माइनिंग विभाग है।
श्याम कली चौधरी परिषद अध्यक्ष

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