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Thursday, September 20, 2018

प्रशांत किशोर के आते ही एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर बदला गणित

प्रशांत किशोर के आते ही एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर बदला गणित, जदयू ने अब कर दी यह मांग!

नई दिल्ली। अगामी लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर मंथन जारी है। इसी कड़ी में बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। हालांकि, अभी तक यही कहा जा रहा था कि सभी पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर फॉर्मूला तय हो गया है।
लेकिन, जेडीयू में प्रशांत किशोर के आते ही सीट बंटवारे को लेकर गणित बदल गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीतीश कुमार के बाद अब प्रशांत किशोर ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की और सीट बंटवारे को लेकर चर्चा की है।
17 से 20 सीटों की मांग
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार से दिल्ली में डटे हुए हैं और बुधवार शाम को उन्होंने अमित शाह से मुलाकात की। चर्चा यह है कि दोनों के बीच सीट बंटवारे को लेकर भी बात हुई। हालांकि, इस पर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है कि किसी पार्टी को कितनी सीटें मिलने जा रही है। इधर, खबर यह भी है कि प्रशांत किशोर ने भी अमित शाह से मुलाकात की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब जदूय ने भाजपा से 17 से 20 सीटों की मांग की है।
सूत्रों के मुताबिक, जदयू कम से कम 17 सीटों की मांग कर रही है। यह बड़ा बदलाव प्रशांत किशोर के आने के साथ ही हुआ है। क्योंकि, अमित शाह जब पटना दौरे पर थे तो उन्होंने नीतीश कुमार से सीट बंटवारे को लेकर बात की थी और कहा गया था एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर फॉर्मूला तय हो गया है। लेकिन, प्रशांत किशोर के आगमन से गणित बदलना शुरू हो गया है और पार्टी ने बड़े-बड़े दिग्गज और सीनियर नेताओं को साइड लाइन कर पीके को आगे बढ़ाया है।
हालांकि, सीट बंटवारे पर अंतिम मुहर अन्य सहयोगी दलों से से बात करने के बाद ही लगेगी। बताया जा रहा है कि जेडीयू के बाद शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अन्य सहयोगी रामविलास पासवान और चिराग पासवान के साथ-साथ रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाह से भी सीटों के बंटवारें पर अलग से चर्चा कर सकते हैं। इसके बाद ही कोई फाइनल निर्णिय लिया जाएगा।
गौरतलब है कि बिहार में एनडीए गठबंधन में भाजपा, जेडीयू, रामविलास पासवान की अगुवाई वाली लोजपा और उपेंद्र कुशवाहा की अगुवाई वाली रालोसपा भी शामिल हैं। लिहाजा, यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर का जिस तरह जदयू में कद लगातार बढ़ता जा रहा है, उसका सीट बंटवारे पर क्या असर होता है?

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