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Friday, October 26, 2018

सिवनी:अर्थलिप्सा की भेंट चढ़े करोड़ों के निर्माण कार्य, निर्माण में खुलेआम किया गया भ्रष्टाचार

सिवनी:अर्थलिप्सा की भेंट चढ़े करोड़ों के निर्माण कार्य, निर्माण में खुलेआम किया गया भ्रष्टाचार
अर्थलिप्सा की भेंट चढ़े करोड़ों के निर्माण कार्य जनपद अध्यक्ष के निवास स्थान पहुंच मार्ग में पुलिया निर्माण में खुलेआम किया गया भ्रष्टाचार जनप्रतिनिधियों समेत विभागीय अधिकारियों ने  साधी चुप्पी

TOC NEWS @ http://tocnews.org/
जिला ब्यूरो चीफ सिवनी // देवराज डहेरिया : 94256 51310
सिवनी। जिले के केवलारी विकासखण्ड के अंतर्गत पलारी मैरा से जनपद अध्यक्ष के निवास स्थान रोशान पहुंच मार्ग में पुलिया निर्माण में ठेकेदार द्वारा जमकर भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है। जिसमें शासन प्रशासन की उदासीनता साफ झलक रही है। लाख शिकायतों के बावजूद भी भ्रष्ट ठेकेदार की उक्त कार्यप्रणाली को लेकर कोई ठोस कार्यवाही नही की जा रही है।
जिसके परिणामस्वरूप उक्त ठेकेदार के हौंसले बुलंद हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम मैरा से रोशान मार्ग में आर.ई.एस. विभाग द्वारा दो पुलिया निर्माण का कार्य ठेकेदार नीलेश्वर ठाकुर छपारा निवासी द्वारा किया गया है। जिसकी  स्वीकृत राशि क्रमशः 66.17 लाख एवं 60.44 लाख रूप्ये है।
ज्ञात होवे कि उक्त पुलियों का निर्माण आर.ई.एस. विभाग सिवनी के कार्यपालन यंत्री मेश्राम, एस.डी.ओ. खालौनकर एवं उपयंत्री ए.के. पन्द्रे के मार्गदर्शन में किया गया है। उल्लेखनीय है कि जनपद अध्यक्ष केवलारी के गांव रोशान मार्ग पर बनाई गई करोड़ों की लागत की पुलियों में खराब गुणवत्ता के चलते दरारें आ गई है। उक्त कार्यों में मानकस्तर की गुणवत्ता को दरकिनार करते हुये अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की मिलिभगत से ठेकेदार के द्वारा वर्षा ऋतुकाल में आनन-फानन में लीपापोती करते हुये पूर्ण करा दिया गया है।
वहीं बेसबीम में क्रांक्रीट की जगह बड़े-बड़े बोल्डर डालकर रातोंरात पुलियों का निर्माण कार्य किया गया। देखा गया की ठेकेदार द्वारा निर्माण स्थल में किसी भी प्रकार का साईनबोर्ड नही लगाया गया जिसमें उक्त कार्य की स्वीकृत राशि, नक्शा एवं अन्य जानकारियां प्रदर्शित की जाती हैं। जिसकी शिकायत दुर्गेश ठाकुर निवासी रोशान के द्वारा सी.एम. हेल्पलाईन समेत संबंधित विभागों को बार-बार की गई। किन्तु नतीजा सिफर रहा। वहीं दबंग ठेकेदार द्वारा शिकायतकर्ता को पैसों का प्रालोभन देकर की गई शिकायत को वापस लेने को कहा गया।

जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा मना करने पर ठेकेदार के द्वारा जान से मारने तथा झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी गई। ज्ञात होवे कि जिस दौरान ठेकेदार एवं शिकायतकर्ता के बीच गाली-गलौंच एवं धमकी देने की घटना हुई उस समय संबंधित विभाग के एस.डी. ओ. एवं उपयंत्री, समेत रोशान निवासी रमाशंकर ठाकुर तथा अन्य ग्रामीणजन मौके पर उपस्थित थे। वहीं शिकायतकर्ता द्वारा उक्त घटनाक्रम की शिकायत संबंधित पुलिस चैकी पलारी समेत जिले के आलाधिकारियों को की गई, किन्तु विभागीय अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की सांठ-गांठ तथा ठेकेदार की राजनैतिक पहुंच के चलते उक्त शिकायत की जांच में खानापूर्ति करते हुये धरातल पर आज दिनांक तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।
सोचनीय विषय यह है कि नियमानुसार निर्माण कार्य मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी सिद्धांतो के अनुरूप तथा कार्य विभाग नियमावली एवं केन्द्रीय लोक लेखा सहिता के प्रावधानों के अनुसार कराया जाना था,  साथ ही कार्य प्रारंभ करने के पूर्व निर्धारित प्रारूप में योजना से संबंधित सूचना फल कार्य स्थल पर लगाया जाना आवश्यक था, एवं निर्माण कार्य स्वीकृत प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति अनुसार किया जाना था, निर्माण कार्य हेतु उपयोग की जाने वाली सामग्री व कार्य की गुणवत्ता का परीक्षण विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कराया जाना था। किन्तु उक्त निर्देशों एवं नियमों को ताक में रखकर ठेकेदार द्वारा संबंधित अधिकारियों से आपसी सांठ-गांठ कर पुलिया निर्माण में लीपापोती कर दी गई है।
जिसके परिणाम स्वरूप उक्त पुलियों में दरारें आ गई है। खराब गुणवत्ता से बनी पुलियों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि वर्षा ऋतु में पहली बरसात में ही उक्त पुलिया बहकर धराशाही न हो जाये। लेकिन चिंतन का विषय यह है कि ग्रामीणों द्वारा बार-बार शिकायत की जाने के बाबजूद जनप्रतिनिधियों समेत विभाग के आलाधिकारियों द्वारा उक्त ठेकेदार के विरूद्ध कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई। जिससे यह स्पष्ट होता है कि पुलिया निर्माण में किये गये भ्रष्टाचार  में जनप्रतिनिधियों समेत विभाग के आलाधिकारी भी लिप्त हैं।
वहीं रोशान निवासी ग्रामीणों ने कलेक्टर से अपेक्षा जताई है कि अबिलंब स्टाप वेरिफिकेशन कर उक्त पुलिया निर्माण में की गई लीपा पोती की जांच कर भ्रष्ट ठेकेदार समेत विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावे। अब देखना यह है कि जिले के संवेदनशील कलेक्टर द्वारा उक्त मामले को संज्ञान में लेकर भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है? या फिर उन्हे संरक्षण देकर पुनः भ्रष्टाचार के लिये उनके हौंसले बुलंद किये जाते हैं?

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