Pages

click new

Wednesday, March 20, 2019

समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में फैसला, असीमानंद समेत सभी चारों आरोपियों को बरी किया

समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट असीमानंद समेत सभी चारों आरोपियों को बरी किया के लिए इमेज परिणाम
समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में फैसला, असीमानंद समेत सभी चारों आरोपियों को बरी किया
TOC NEWS @ www.tocnews.org
खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 98932 21036
समझौता ब्लास्ट केस में बड़ा फैसला आया है. हरियाणा की पंचकूला की विशेष एनआईए कोर्ट ने पाकिस्तान की महिला राहिला वकील की याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही सभी चार आरोपियों असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी को बरी कर दिया गया है. हालांकि, इस मामले में कुल 8 आरोपी थे, जिनमें से 1 की मौत हो चुकी है, जबकि तीन को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है.
बता दें, समझौता ब्लास्ट में अपने पिता को खोने वाली पाकिस्तानी महिला राहिला वकील ने एनआईए कोर्ट में अर्जी दी थी. राहिला वकील ने भारतीय एडवोकेट मोमिन मलिक के जरिए अर्जी दाखिल कर इस केस में गवाही देने की अनुमति मांगी थी. 18 मार्च की सुनवाई में एनआईए कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने अपना-अपना पक्ष रखा था.
समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट असीमानंद समेत सभी चारों आरोपियों को बरी किया के लिए इमेज परिणाम
राहिला वकील ने अपनी याचिका ने कुछ और चश्मदीदों के बयान रिकॉर्ड करने की अपील की थी. इस पर अदालत ने कहा था कि चश्मदीदों को 6 बार समन भेजा गया, लेकिन वह नहीं आए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहिला के वकील ने बताया कि जिन पाकिस्तान नागरिकों के बयान दर्ज कराने की हम अपील कर रहे हैं, वह आना चाह रहे थे, लेकिन उन्हें कोई समन नहीं मिला. एनआईए ने मामले में कुल 224 गवाहों को पेश किया, जबकि बचाव पक्ष ने कोई गवाह नहीं पेश किया.
दिल्ली से लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को पानीपत के दीवाना रेलवे स्टेशन के पास धमाका हुआ था। इस धमाके में दो बोगियों में आग लग गई थी, जिसमें 68 लोग जिंदा जल गए थे। मरने वालों में ज्यादातार पाकिस्तान के रहने वाले थे। पुलिस को मौके से दो सूटकेस बम मिले, जो फट नहीं पाए थे। ऐसा कहा गया कि दो लोग ट्रेन में दिल्ली से सवार हुए थे और रास्ते में कहीं उतर गए। इसके बाद धमाका हुआ।
15 मार्च 2007 को हरियाणा पुलिस ने इंदौर से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। यह इन धमाकों के सिलसिले में की गई पहली गिरफ्तारी थी। पुलिस इन तक सूटकेस के कवर के सहारे पहुंच पाई थी। ये कवर इंदौर के एक बाजार से घटना के चंद दिनों पहले ही खरीदे गए थे। इसके बाद 26 जुलाई 2010 को मामला एनआइए को सौंपा गया था। स्वामी असीमानंद को आरोपी बनाया गया।
एनआइए ने 26 जून 2011 को पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। पहली चार्जशीट में नाबा कुमार उर्फ स्वामी असीमानंद, सुनील जोशी, रामचंद्र कालसंग्रा, संदीप डांगे और लोकेश शर्मा का नाम था। आरोपियों पर आईपीसी की धारा (120 रीड विद 302) 120बी साजिश रचने के साथ 302 हत्या, 307 हत्या की कोशिश करना समेत, विस्फोटक पदार्थ लाने, रेलवे को हुए नुकसान को लेकर कई धाराएं लगाई गई।

No comments:

Post a Comment