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Tuesday, October 8, 2019

कम्पनी व जिला प्रशासन के खिलाफ विस्थापित संघ परिवार का छठवें दिन धरना प्रदर्शन जारी, कल से जायेंगे भूख हड़ताल पर


TOC NEWS @ www.tocnews.org
जिला ब्यूरो चीफ सिंगरौली  // नीरज गुप्ता  7771822877 
  • अगर माँगे नही मानी गयी तो करेंगे उग्र आन्दोलन -  संदीप शाह
  • भाकपा नेता संजय नामदेव ने विस्थापितों का जायज माँगो को लेकर दिया समर्थन
सिंगरौली. मुलभूत सुविधाएं व रोजगार के सवाल पर लामबंद हुये 6 गांवों के विस्थापितों के आन्दोलन धरना प्रदर्शन का आज  छठवें दिन शांतिपूर्ण जारी है विस्थापितों के आन्दोलन के समर्थन में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, आम आदमी पार्टी, शिवसेना कांग्रेस पार्टी, भाजपा शामिल थी 
और वही आज छठवें दिन चल धरना प्रदर्शन स्थल शिवपहरी पहुँचकर वरिष्ठ अधिवक्ता- रमाशंकर शाह और भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी नेता - संजय नामदेव ने अपने समर्थकों के साथ विस्थापितों के जायज माँगो को लेकर समर्थन किया 
और कहा कि अब लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे निराश होने की कोई जरूरत नही है केवल एकजुट होकर रहेंगे नियमानुसार रणनीति तय हो और वही अधिवक्ता श्री शाह द्वारा उक्त लड़ाई में कानूनी सलाह दी गयी और वही उन्नति फाउंडेशन सामाजिक संगठन जयन्त के प्रतिनिधि भी धरना स्थल पर उपस्थित रहे ।
वही आन्दोलन के सूत्रधार संदीप शाह और सरपंच- रूपनारायण सिंह पोया ने बताया कि कल दिनांक 09/10/2019 को विस्थापित परिवार संघ के सदस्यों द्वारा भूख हड़ताल पर चले जायेंगे

कलेक्टर के आदेश का पालन कम्पनी प्रबन्धन नही कर रहा है पालन विस्थापित परेशान मजबूर हुये धरना प्रदर्शन को

विस्थापितों ने बताया कि कम्पनी रिलायन्स सासन पावर और जिला प्रशासन के बीच विस्थापन पुनर्वास नीति - 2002 के तहत एग्रीमेंट हुआ था जो लागू नही हुआ है कम्पनी प्रबन्धन आना - कानी और कानूनी दाव पेच में विस्थापितों को उलझाकर रखी है और पूर्व में जिला कलेक्टर द्वारा आदेश दिया गया जिसका कम्पनी प्रबन्धन लागू नही किया गया जिससे विस्थापित परिवार मजबूरन कामबंद धरना प्रदर्शन कर भूख हड़ताल आंदोलन के लिये बाध्य है ।
उक्त धरना प्रदर्शन आंदोलन में विस्थापित परिवार संघ से रूपनारायण सिंह पोया, संदीप शाह, अधिवक्ता- रमाशंकर शाह, भाकपा नेता - संजय नामदेव, भगवान आश्रय नामदेव, शशिकांत कुशवाहा,  जयंतीलाल, शिवकुमार बैस, रामसुभग बैस, शांति प्रसाद रजक, राधिका बैस, हीरालाल साकेत, राममिलन बैस दिलकेस सेन  सहित भारी संख्या में पीड़ित विस्थापित परिवार संघ

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