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Wednesday, February 2, 2011

आत्महत्याओं पर राजनैतिक रोटियां न सेंके दल : उमा भारती

पीडि़त परिवार को हर संभवत: मदद देने के लिऐ वचन बद्ध
ब्यूरो प्रमुख // डा। मकबूल खान (छतरपुर //टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरों प्रमुख से सम्पर्क : 9926003805
छतरपुर । गौवंस की कमी के कारण बैलों की संख्या निरंतर गिरती जा रही है जिसके कारण छोटे किसान खेती की जुताई से लेकर बुबाई तक टै्रक्टरों से करवाने लगे हैं। साहूकारों से कर्ज तो मिल जाता है लेकिन समय रहते टै्रक्टर मालिक एवं साहूकारों का खेतिहर किसान रुपये नहीं चुका पाते जिसके कारण वह मानसिक रुप से परेशान होकर आत्महत्या करने के लिए विवश हो जाते है उक्त वक्तव्य ग्राम पंचायत महेवा के टपरियन गांव में मृतक के परिवार को सांत्वना देने पहुंची पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहे।
उमा भारती ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की बात में सत्यता आती जा रही है क्यों कि उन्होने अपने ब्यान में खुद कहा था कि केंद्र जब किसानों को एक 1 भेजता है तो उसका 15 पैसा ही हितग्राही को पहुंच पाता है। इसका सबसे बड़ा कारण भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार है। केंद्र एवं राज्य सरकार को शीघ्र ही यह निश्चित करना चाहिए कि गावं गांव तक संवाद बनाकर लोगों को आत्महत्या जैसे कृत्य से बाहर निकलने के लिए प्रेरित करे। उमा भारती ने साफ तौर पर कहा कि यहां राजनैतिक रोटियां सेकने के लिऐ नहीं आई बल्कि जब उन्हें इस चीज की जानकारी लगी कि बुंदेलखण्ड में किसानों द्वारा आत्महत्या करने का दौर शुरु हो गया तो वह उनकी पीड़ा को गहराई से समझने के लिऐ आई हुई है।
वह राजनीति से एक साल के लिए बाहर है लेकिन पीडि़त परिवार लखन कुशवाहा के परिजनों को हर संभवत: मदद देने के लिऐ वचन बद्ध है उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार को पत्र लिखकर पीडि़त परिवार के परिजनों को शीघ्र ही आर्थिक मदद देने की मांग करेंगी। उमा भारती आज करीब 4 बजे ग्राम पंचायत महेबा के टपरियान गांव पहुंची जहां मृत के परिजनों से मिलकर एवं उनको सांत्वना देकर ग्राम पंचायत पठादा के नाथनपुर के लिए रवाना हो गई बता दे कि यहां कुंजीलाल अहिरवार ने ओले के अपनी फसल हुई चौपट के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
विदर्भ तेलंगना की तरह बन रहा बुंदेलखण्ड
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बताया कि पूर्व में तेलंगना और विदर्भ में भी किसानों द्वारा आत्महत्या करने का दौर श्ुारु हो गया था उस स्थिति में उन्होंने दिल्ली मेें धरना प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री को दौरा करने के लिऐ विवश किया था वहीं स्थिति आज बुंदेलखण्ड की हो रही है। कांग्रेस एवं भाजपा के दल आत्महत्याओं पर राजनीति करने के लिऐ तो आ रहे है लेकिन पीडि़त परिवार को निश्चित सहायता देने का काम किसी भी दल ने नहीं किया।
खजानों का मुह खोले सरकारें
उमा भारती ने पत्रकारों से रुबरु होते हुए बताया कि राज्य एवं केंद्र सरकार को अपने अपने खजानों का मुंह खोल कर किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्या पर विराम लगाने के लिऐ सक्रिय होकर पीडि़त परिवारों को आर्थिक सहायता दे। श्री भारती ने यह भी कहा कि भाजपा के भी कई नेताओं ने यहां के दौरे किए होंगे एवं कांग्रेस के राज्यमंत्री अरुण यादव ने भी यहां को दौरा किया लेकिन पीडि़त परिवार को कोई ऐसी मदद नहीं दी जिससे उसके परिवार का भरण पोषण हो सके।

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