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Monday, March 28, 2011

डिलेवरी की आड़ में व्यक्तिगत कार्यो के लिए दौड़ रही जननी एक्सपे्रस

बिना मतलब के पानी की तरह पेट्रोल फंूक रही प्रसुति जननी एक्सप्रेस के बाद भी सड़को पर होने लगी





बिना मतलब के पानी की तरह पेट्रोल फंूक रही प्रसुति जननी एक्सप्रेस के बाद
भी सड़को पर होने लगी डिलेवरी: उधारी की आड़ में व्यक्तिगत कार्यो के लिए दौड़ रही जननी एक्सपे्रस
बैतूल//रामकिशोर पंवार

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बैतूल जिले में मध्यप्रदेश सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी प्रसुति जननी सुरक्षा योजना अब लोगो के लिए मौज मस्ती का कारण बन गई हैं। फिल्म टाकीज , पानठेलो, रेल्वे स्टेशनो , बस स्टेण्ड , लल्ली चौक , कोठी बाजार , कालेज रोड़ पर अवारा लड़को को लेकर भागती - दौड़ती जननी सुरक्षा एक्सप्रेस के रहते हुए गर्भवती महिलाओं की बस में , सार्वजनिक स्थलो, बस स्टैण्ड , जिला कलैक्टर कार्यालय, जिला चिकित्यालय परिसर में गर्भवती महिलाओं को लाचारी वश असुरक्षित प्रसव करने को विवश होना पड़ रहा हैं। इधर इन आरोपो से स्वंय का पल्ला झाड़ते हुए कहा जा रहा हैं कि गर्भवति महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल पहुंचाने वाली जननी एक्सप्रेस तथाकथित उधारी के पेट्रोल से दौड़ रही है। गाड़ी मालिकों को दो माह से लेकर चार माह तक का भुगतान नहीं हो सका है। पैसे नहीं मिलने से गाड़ी मालिक गर्भवती महिलाओंको अस्पताल पहुंचाने में भी आनाकानी कर रहे हैं। गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल पहुंचाने शासन ने जननी एक्सप्रेस शुरू की है। जिले भर में 18 जननी एक्सप्रेस महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचाने का काम लगभग 17 हजार रूपए प्रतिमाह के हिसाब से कर रही हैं। जननी एक्सप्रेस के संचालकों को किसी ब्लॉक में दो तो किसी ब्लॉक मे चार माह से राशि नहीं मिली है। पेट्रोल पंप संचालकों का हजारों रूपए गाड़ी मालिकों पर हो उधार हो गया हैं। मालिकों का कहना है कि जल्द राशि नहीं दी गई तो वे गाड़ी चलाना बंद कर देंगे। समय पर पैसे नहीं मिलने के कारण सूचना मिलने पर भी जननी एक्सप्रेस संचालकों द्वारा गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में आनाकानी की जा रही है। इसका नतीजा महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है। समय से वाहन नहीं मिलने से बीच रास्ते में प्रसव हो रहे हंै। पेट्रोल के दाम लगातार बढऩे से जननी एक्सप्रेस के संचालकों का कहना है कि सिर्फ चार महीनों में ही पेट्रोल के दाम में लभगग 15 रूपए प्रति लीटर के हिसाब से बढ़ गए हैं। पेट्रोल के दाम बढऩे के बाद भी संचालकों को पुराने हिसाब से पैसा दिया जा रहा है। बिल वेरीफाइ नहीं होने से कुछ जननी एक्सप्रेस के संचालकों राशि नहीं मिल पाई है। काल सेंटर से भी इसका मिलान किया जा रहा हैं। बिल वेरीफाइ होते ही राशि मिल जाएगी। इधर जिला चिकित्सालय का कहना हैं कि हमें जननी सुरक्षा योजना में लगे वाहनो की लाग बुक का वेरीफीकेशन तो करना होगा। हमारे पास भी ऐसी दर्जनो शिकायते हैं जिसके अनुसार जननी सुरक्षा में लगे वाहनो का दुरूप्रयोग हो रहा हैं इसलिए बिलो का एवं लाग बुको का मिलान करके जांच उपरांत ही बिलो का भुगतान कराया जाएगा। वाहन अनुबंधित करते समय वाहन मालिक को इन सब बातो को रखना चाहिए कि उनकी गाड़ी नगद में ही चलेगी , उधारी में नहीं। यदि वे ऐसा करते या कहते तो हमारे पास ढेर सारे विकल्प खुले हुए हैं।

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