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Wednesday, May 4, 2011

मध्यप्रदेश से रोजगार की तलाश में गधे कर सकते हैं पलायन

बैतूल // राम किशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रतिनिधि से सम्पर्क : 74895 92660
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बैतूल । मध्यप्रदेश का अंग रहे छत्तिसगढ़ राज्य से एक बुरी $खबर आ रही हैं। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य के विभाजन के समय इस बात का ध्यान दे दिया होता तो आज इस राज्य को इन तकलीफों का सामना नहीं करना पड़ता। अब कितनी शर्म की बात हैं कि पूरे मध्यप्रदेश में हर क्षेत्र में गधों की भरमार हैं और छत्तिसगढ़ राज्य के एक नहीं बल्कि पूरे तेरह जिलों में एक भी गधा नहीं हैं....? इसका मतलब यह कदापि नही हैं कि पूरे प्रदेश में सभी होशियार ही हैं...? छत्तिसगढ़ राज्य के पशुधन विकास विभाग द्वारा जारी सनसनीखेज $खबर के अनुसार राज्य के मात्र तीन जिलों में गधे हैं बाकी तेरह जिलो में एक भी गधा आपको कहीं देखने को भी नहीं मिलेगा। डंकी और मंकी कहानी की तरह इन तेरह जिले के बच्चों को अब गधे के दर्शन करवाना मुिश्कल हो जाएगा। लोगों के लिए जीविका पार्जन का साधन बना गधा अब छत्तिसगढ़ जिले के तेरह जिलो में लोगों का बोझ ढ़ोने से तो बच जाएगा लेकिन यदि यही हाल रहा तो पर्यावरणविदों ने सरकार से कहा हैं कि गधे या तो कहीं से लाओं या फिर गधा बनने के लिए तैयार रहो क्योकि हम आने वाली पीढ़ी को विलुप्त होती चली जा रही इस प्रजाति को कैसे बता या दिखा पाएगें। छत्तीसगढ़ राज्य के पशुधन विकास विभाग द्वारा उपलब्ध करवाई गई जानकारी के अनुसार राज्य में 1 करोड़ 44 लाख 18 हजार पशु हैं। राज्य में पक्षियो की संख्या 1 करोड़ 42 लाख 46 हजार हैं। राज्य में कुल 640 घोड़े तथा 148 गधे हैं। सबसे आश्चर्य की बात तो यह भी हैं कि राज्य के तीन जिलो में धमतरी, जशपुर, दंतेवाड़ा में एक भी घोड़ा नहीं हैं। राज्य के तीन जिलो में गधो की संख्या कुछ इस प्रकार हैं कोरबा में 68, दुर्ग में 48, तथा राजनांदगांव में 32 गधे हैं। अब इसे क्या कहे कि पूरे राज्य की राजधानी रायपुर में एक भी गधे नहीं हैं। राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह प्रदेश में गधो की कमी से चिंतित तो हैं लेकिन वे गधो की पैदावार बढ़ाने के लिए कोई ठोस कारगार नीति बनाने का फैसला भी अपनी केबिनेट पर छोड़ चुके हैं। इधर इस खबर के बाद अपने उज्जवल भविष्य का सपना साकार होता देख मध्यप्रदेश के गधो ने भी छत्तीसगढ़ सरकार से यदि पासपोर्ट या वीजा के लिए आवेदन करने शुरू कर दिये तो किसी को आश्चर्य चकित नहीं होना चाहिए। रोजगार की तलाश में जब आदिवासियों का मध्यप्रदेश के कई जिलो से पलायन प्रदेश की सरकार नहीं रोक सकी है तब ऐसे में यदि गधे पलायन करने लगे तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।

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