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Wednesday, May 4, 2011

प्रदूषण नियंत्रण विभाग के कार्यशैली पर संदेह

ब्यूरो प्रमुख//संतोष कुमार गुप्ता (शहडोल //टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क : 94243 30959
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शहडोल । नगर से लेकर गावों व रोड के किनारे के्रशर मशीन से स्टोनडस्ट काफी मात्रा में निकलता है। और हवा के बहाव में एक किलोमीटर तक डस्ट हवा के साथ बहता है जिसमें रोड पर चलने वाले वाहनों के चालक के ऊपर स्टोन डस्ट का बुरा असर पड़ता है। आंख में पडऩे से डस्ट के कारण वाहन चालकों को वाहन चलाने में कोई भी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
लालपुर में देखा जाए तो सडक़ के किनारे व गांव के बीचोबीच के्रशर मशीन चलने से ग्रामीण परेशान रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है के्रशर मशीन से पैदा होने वाला स्टोन डस्ट हमारे घर के पोताई-लिपाई बदरंग करने के साथ हमारे घरों में भी डस्ट फैल रहा है। वहीं आसपास लोगों के आंख, कान में भी डस्ट का बुरा असर पड़ रहा है। आलम यह हेै कि इस डस्ट के कारण घर में खाना खाना मुश्किल पड़ रहा है। वहीं कुछ फैक्ट्रियों से भी चौबीस घंटे चिमनी से धुआं निकलता है जिससे आसपास प्रदूषण फैल रहा है।
क्यों नहीं होती कार्यवाई पिछले कुछ वर्षो से प्रदूषण नियंत्रण विभाग का शहडोल में कार्यालय खोला गया है जिसमें संभाग के सभी क्षेत्रों में हो रहे प्रदूषण को नियंत्रित कर कार्यवाई करने का काम इस विभाग को सौंपा गया है। लेकिन यह विभाग के्रशर मालिकों व फैक्ट्री मालिकों व ईंट बनाने वाले लोगों से तालमेल बैठाकर अपना मुंह बंद कर लिया। जिसके चलते संभाग के अंदर प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर कोई कार्यवाई नहीं कर रहा है। इससे आम लोगों का भरोसा इस विभाग से उठ चुका है।

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