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Tuesday, February 21, 2012

पशु विभाग की योजनाओं से पशुपालक वंचित नही मिल रहा योजनाओं का लाभ


तहसील प्रमुख// मनोज सोनी (बेगमगंज // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:- : 98932 17906
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बेगमगंज. नगर बेगमगंज के पशु चिकित्सा विभाग की योजनाओं से पशु पालक वंचित है, पशु पालकों का कहना है कि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी के अभाव में लाभ नही मिल रहा है। कार्यालय से जानकारी मांगने के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी द्वारा जानकारी नही दी जाती है। जबकि देखा जाए तो शासन द्वारा पशु पालकों को ढेर सारी योजना संचालित है, जब कभी कोई लोक कल्याण शिविर या शासकीय आयोजनों में बेनर लगाकर योजनाएं दिखायी जाती है,जब पशु चिकित्सा कार्यालय पहुँचने के बाद न तो योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है और कह दिया जाता है टारगेट पूरा हो गया है।   

ठेकेदार और पशु चिकित्सक की मिलीभगत पशु चिकित्सालय में मची भर्राशाही किसी भी व्यक्ति से छिपी नही है, भैंस,गाय,बकरी, मुर्गा-मुर्गी बीमा लोन के नाम पर पशु ठेकेदार और डाक्टर की आपसी सांठ-गांठ के चलते फर्जी पशु लोन एवं जानवर की मृत्यु का झूठा पीएम बनाकर शासन को लाखों रूपए की बीमा के नाम चपत लगायी जा रही है और कई झूठी पीएम रिपोर्ट बनायी गयी है।  

क्यों है योजनाओं से वंचित बेगमगंज में पदस्थ पशु चिकित्सक के पास अन्य विभागों के डबल प्रभार होने से डाक्टर श्री तिवारी पशु विभाग को समय नही दे पा रहे है और न ही ग्रामीण क्षेत्र में जाकर पशुओं का उपचार कर पा रहे है, विभाग की इस लापरवाही से बरसात में ग्रामीण क्षेत्र के सैकड़ों गाय-भैसों की बीमारी के कारण असमय मौतें हो चुकी है, पशु पालकों द्वारा शिकायतें भी की गयी थी लेकिन आज तक कोई सुनवाई नही हुई है। 

इस भीषण समस्या से निजात पाने के लिए पशु पालकों ने पशु चिकित्सक के तबादले की मांग की है।  क्यों नही हो रहा तबादला बेगमगंज पशु चिकित्सालय में डाक्टर तिवारी विगत बारह वर्ष से लगातार पदस्थ है,इनके इस बारह वर्ष के कार्यकाल में इनके पास दर्जनों डबल प्रभार रहे है, प्रभार की जिम्मेदारी के चलते ये महाशय अपनी मुख्य नौकरी की जिम्मेदारी से बचते चले आये है, जिसका खामियाजा पशु पालकों को झेलना पड़ा।  जबकि देखा जाए तो शासन के नियम के अनुसार कोई भी किसी भी विभाग में एक अधिकारी तीन वर्ष से अधिक पदस्थ नही रह सकता है। लेकिन शायद इन महाशय पर किसी राजनेता या अधिकारी की कृपा दृष्टि है। तभी तो नियमों को दरकिनार किया जा रहा है।

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