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Tuesday, February 21, 2012

करोड़ों के बैराज खंडहरों में तब्दील, निर्माणों की नही हुई निष्पक्ष जांच


तहसील प्रमुख// मनोज सोनी (बेगमगंज // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:- : 98932 17906
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बेगमगंज. तहसील भर में सिंचाई विभाग द्वारा बनाये गये बैराजों बांधों में जमकर लीपापोती की गयी, विभाग की इस लापरवाही से कई बैराज खन्डहर में तब्दील हो गये और किसान सिंचाई से वंचित रह गये, जिससे किसानों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। खंडहर में तब्दील बैराज  तहसील के ग्राम सुमरे में सिंचाई विभाग द्वारा बनाया गया बैराज बांध जिसकी लागत ८० लाख रूपए है एवं सिंचाई क्षमता १५० हैक्टेयर बतायी जा रही है। तीन वर्ष पूर्ण इस बैराज का निर्माण विभाग द्वारा कराया गया,लेकिन बैराज से निर्माण वर्ष से ही पूरा पानी नींव से निकल जाता है। अब यह बैराज माडल के रूप में अनुपयोगी खंडहर के रूप में खड़ा है।  यहां के किसानों ने कई आवेदन उगााधिकारियों तक दिये, लेकिन इसकी तकनीकी जांच निष्पक्ष रूप से नही कराई गयी। जिससे क्षेत्र के सैकड़ों किसान सिंचाई से वंचित रह गये है। सूत्र बताते है इस बैराज की नींव स्टीमेट अनुसार तीन मीटर खोदी जाना थी,लेकिन मात्र एक मीटर नींव खोदी गयी एवं नींव में मिट्टी एवं बड़े-बड़े पत्थर डाल दिये गये। बोल्डरों में गेप होने की वजह से पानी नींव से रिस जाता है।  इस बैराज निर्माण से ही कई तकनीकी कमियां इस बांध में छोड़ी गयी है।  

जांच के नाम पर खानापूर्ति क्षेत्र के किसानों द्वारा विगत माह बैराज बांध निर्माण को लेकर प्रमुख सचिव सिंचाई विभाग, प्रमुख अभियंता सिंचाई विभाग, अधीक्षण यंत्री सिंचाई विभाग एवं लोकायुक्त विभाग से शिकायतें की गयी थी, शिकायतों के बाद सिंचाई विभाग द्वारा एक टीम गठित की गयी थी। टीम द्वारा जांच के नाम पर मात्र खानापूर्ति की गयी और फर्जी जांच रिपोर्ट बनाकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया।  पीडि़त किसान मिलेंगे राज्यपाल से  बैराज निर्माण को लेकर ग्राम सुमेर के पीडि़त किसान भोपाल जाकर महामहिम राज्यपाल को घटिया निर्माण से बर्बाद हुई फसलों के संबंध में ज्ञापन सौंपेंगे और बैराज के घटिया निर्माण संबंधी उगास्तरीय जांच की मांग कर नये सिरे से निर्माण कराने जिससे आने वाले समय में सिंचाई हो सके।   वर्तमान में भी जारी है घटिया निर्माण  तहसील में वर्तमान समय में कई बैराज,डेमों का निर्माण कार्य सिंचाई विभाग द्वारा कराया जा रहा है, जैसे कि कीरतपुर, बेरखेड़ी आदि बैराज बांधों में सिंचाई विभाग के इंजीनियरों की मिली भगत से ठेकेदारों द्वारा जंगली पत्थरों और काली रेत के अवैध उत्खनन से बैराजों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। 

इन बैराज बांधों में भी विभाग द्वारा गुणवत्ता का कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। जबकि देखा जाए तो विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से इन बैराजों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है और खुलेआम घटिया निर्माण कर राशि की आपसी बंदर बांट की जा रही है।  दस-दस वर्षों से जमें है इंजीनियर  सिंचाई विभाग बेगमगंज में सब इंजीनियर आरके श्रीवास्तव द्वारा कीरतपुर, तुलसीपार, चांदबढ़ सहित कई बैराज डेमों का घटिया निर्माण कार्य किया इन बैराज डेमों में जमकर भ्रष्टाचार कर राशि की बंदरबांट की गयी,इसके साथ ही यह महाशय विगत बारह वर्षों से बेगमगंज में पदस्थ है, विभाग द्वारा इन भ्रष्टाचारी इंजीनियरों का तबादला नही किया गया,जिससे यह भ्रष्टाचारी सब इंजीनियर बैराज बांधों का घटिया निर्माण कर करोड़ों की नामी-बेनामी संपत्ति अर्जित कर शासन को चूना लगा रहे है। 

इसके साथ ही गैरतगंज सिंचाई विभाग में डीके फनाडिस नामक सब इंजीनियर भी विगत बारह वर्षों से पदस्थ होकर दर्जनों बैराज-बांधों के घटिया निर्माण में संलग्र पाये गये,जिनकी कई शिकायतें भी हुई। जांच के नाम पर मात्र खानापूर्ति की गयी है। इन सब इंजीनियरों पर शासन के कोई नियम कानून लागू नही है। यह अधिकारियों के लिए के लिए कमाऊ पूत बने है। टीनू जोशी की तरह निकलेगा खजाना  इन सब इंजीनियरों की संपत्ति की जांच लोकायुक्त द्वारा कराई जाये तो इन महाशयों के पास भी टीनू जोशी जैसा कुबेर का खजाना मिलेगा, इनकी फाइल शिकायतों के माध्यम से लोकायुक्त तक पहुँच तो चुकी है,अब देखना जांच में क्या निकलता है।

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