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Thursday, June 21, 2012

खुरई हो रई बुरई

तहसील प्रमुख // सत्य प्रकाश शर्मा  (खुरई// टाइम्स ऑफ क्राइम)
 तहसील प्रमुख से संपर्क:-98268 55356
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खुरई नगर में विगत् दिनों खुलेआम ऐंसी घिनोनी घटनायें हो चुकी है, जो सार्वजनिक है, मुडिय़ा ग्राम के किसी तालाब में दो लड़किया गरीब परिवार की मरी मिली थी तथा विगत दिनों ग्राम खजरा हरचंद में लडक़ी के साथ सामूहिक बलात्कार कर जिन्दा जलाकर मारनें जैसी घटनायें शर्मसार करने वाली है, उसके ऊपर से इस प्रकार के घिनोने जघंन्य अपराधों को दबाना और भी ज्यादा शर्मसार करने वाली घटना है। पैसे वाले, राजनैतिक लोग ऐसी घटनाओं में लिप्त रहते है और उन्हे जबरन दबाकर खात्मा लगा दिया जाता है या आत्म हत्या में तब्दील कर दिया जाता है। गरीब न्याय को तड़पता रहता हैं। उसे इस प्रकार डरा धमका दिया जाता है कि वह किसी को अपनी बात नहीं बताना चाहता है यह देखते हुये भय और आतंक का माहौल छाया हुआ है। शहर के सभी वार्डों में पानी के लिये त्राही-त्राही मची हुई है, सांसद महोदय एवं विधायक महोदय द्वारा दिये गये टेंकरों से जनता की प्यास बुझ पा रही है । 
 
कई जगह टेंकर पर ऐसी घटनाऐं घटित होते देखी गई कि लोग आपस में झगड़ रहे है।  शहर खुरई के पुलिस थाना से परसा तिगड्डा वाली रोड़ भारी जरजर होती जा रही है, जबकि मामूली सा काम किसी ठेकेदार का बकाया है, बर्षा के समय को देखते हुये सडक़ निर्माण जनहित में अतिआवश्यक है,लेकिन कोई इस ओर ध्यान नही दे रहा । शहर में एक दार्शिनिक स्थल डुव्हेला है, जिसके जीर्णोद्धार हेतु किसी सिक्ख भाई ने एवं तत्कालीन एस.डी.एम. खुरई ने लाखों रूपये लगाकर दार्शिनिक बनाया, गार्डन तैयार किया गया, अच्छा लगने लगा लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद उसके लिये नगर पालिका खुरई ने देखरेख हेतु पेड़ पौधों को पानी आदी की व्यवस्था हेतु कोई भी कर्मचारी नहीे रखा गया, इसलिये वर्तमान में खुलेआम अश्लील कृत्यों को अन्जाम दिया जा रहा है पूरी की पूरी बनी बनाई व्यवस्था बर्बादी के कगार पर है।  इसी से लगकर एक प्राचीन सार्वजनिक तालाब है, जिसकी भयंकर दुर्दशा हो रही है , देखकर बहुत बुरा लगता है लोग व लोग पूजा अर्चना करते है तालाब की ऐसी दुर्दशा हो रही है कि कचड़ा ही कचड़ा पानी मे हो गया है मछवारों द्वारा सिघाड़ी के लिये दवा डालते है जिससे पानी जहरीला हो रहा है एक मछवारें ने बताया कि पानी में ज्यादा देर तक रहने से खुजली पड़ती है तालाब विकास कार्यों के नाम पर नगर पालिका द्वारा पूर्व मेें लाखों, करोड़ो रूपये निकाले जा चुके है तथा नगर पालिका द्वारा बीच में से एक पार्क डाल दी है तालाब दो भागों मे बांट दिया है, 
 
खुरई तालाब काफी समय पूर्व से बना हुआ है जो नगर पालिका खुरई के कर्मचारियों की आय श्रोत बना है, तालाब के बीचों बीच एक कुआ (सुरंग) स्थित है सुरंग बताई जाती है, कि राहतगढ़ के किले में खुलती है इस कुंआ की सीध से लेकर खुरई राहतगढ़ रोड़ से लगा हुआ तालाब नगर सेठ श्रीमंत सेठ का बताया जा रहा है जबकी इस तालाब पर आम जनता का पूर्वजों के समय से अनवरत कब्जा दैनिक कार्यों के उपयोग हेतु चला आ रहा है इसलिये सेठ जी का तालाब होना हास्यास्पद बात है नगर सेठ श्रीमंत धर्मेन्द्र कुमार हर जगह शासन की बेशकीमती भूमि सडक़ किनारें की रूपयों राजनीति वर्चस्व, कर्मचारी दल एवं आधुनिक उपकरणों की मदद से तुरंत पुरत अपने कब्जें मे लेकर बिना नाप तौल के वाऊन्ड्री वाल लगने लगती है खुलेआम शासन की ऐसी जमीनें अपने नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाकर अरबों- खरबों की सम्पत्ती अपने नाम कर शासन को भारी क्षति पहुंचाई जा रही है। कुछ समय पूर्व की बात है कि सिलाटर हाऊस शासन का सेठ जी द्वारा अतिक्रमण कर कब्जे में ले लिया है गरीब किसानों का पूर्वजों के समय से चले आ रहे आम रास्ताओं पर नगर सेठ श्रीमंत धर्मेन्द्र कुमार की नजर है ।  
 
नगर सेठ श्रीमंत धर्मेन्द्र कुमार की ही है खुरई की अधिकतर दुकानें सेठ जी की ही है, किरायदार सेठ जी की दम पर उनके गृह निवास से झण्डा चौक तक इस प्रकार स्थाई अतिक्रमण किये हुये है जिसे की उन्हे सेठ जी द्वारा अस्थाई पट्टा आम रास्ता पर दुकानें से ज्यादा है ज्यादा का दे दिया गया है। दूसरी ओर कुछ चार पहियां ठेला वाले इस प्रकार सरेआम रोजाना आकर अपनी-अपनी जगह ठेला लगा लेते है, जैसे कि उन्हे बीच सडक़ के पट्टे प्रदान किये गये हो, आम जनता का इसी मार्ग पर चलना मुश्किल होता है, वाहन लेकर जाना तो पहले सोचना पड़ता है, सरेआम अतिक्रमण नगर के बड़े-बड़े सेठ लोग किये है तथा ऐसी जानकारी मिलती है कि सेठ लोग ठेले वालों से किराया भी वसूलतें है। या फ्री सामान ले जाते है। तब तो ऐसा खुलेआम हो रहा है, प्रशासन किसी अज्ञात दबाव में मौन है कोई हरकत में आने की कोशिश भी नहीं करती। श्रीमंत सेठ स्वयं अपने निवास के दरवाजे से लेकर पूर्वी ओर व सामने मिट्टी के बर्तनों, फुल्की वाले, सब्जी वाले, व अन्य ठेले वाले खड़े होते है, वाहन निकलना मुश्किल होता है, आम जनता को आने जाने में भारी परेशानी हो रही है। खुरई नगर पालिका टंकी से पश्चिमी रोड वासों वाले कुआं से राहतगढ़ रोड में मिला है 
 
इस रोड पर राहतगढ़ रोड के ग्रामों से आने वाली आम जनता का आना जाना लगा रहता है इसी रोड पर शासकीय स्कूल के पास सडक़ पर दोनो तरफ मांस विक्रेता अपनी-अपनी दुकाने सजाकर बैठ जाते है जिससें कई धार्मिक एवं सात्वकी प्रवृति के लोगों को यह सब देखकर उल्टी करते एवं चक्कर आने वाली घटनाये सुनने मेें आया है नगर पालिका को ऐसा व्यवसाय आड़ (वाऊन्ड्री) बनाकर सुरक्षित स्थान देना चाहियें, लेकिन सुनने में आया है कि नगर पालिका द्वारा मांस विक्रेताओं को आपस में लडऩे झगडऩे को मजबूर किया जा रहा है, नगर पालिका कर्मचारियों की आड़ में बिना लाइसेंसी मांस विक्रेता मांस विक्रय का कारोबार कर रहे है और लाइसेंसियों से लड़ झगड़ रहे है। इसी प्रकार नगर के लोग पशुओं को बड़ें शौक से पालते है किन्तु उन्हें खुलेआम सडक़ पर छोड़ देते है, जिससें आम जनता वाहनों आदि को चलने मे हमेशा असुविधा होती रहती है दैनिक समाचार पत्रो मे भी समाचार छपतें है, लेकिन प्रशासन कोई कार्यवाही इन पशुपालकों, एवं शहर के अतिक्रमण कार्यो के खिलाफ  नही करती है, ऐसे लोगों पर भारी जुर्माना किया जावे कि हम पुन: पशु नही छोड़ेगे या अतिक्रमण नही करेगे। 
 
कार्यवाही नहीं होने तक खुरई शहर के लोगों को भारी समस्याओं से जूझना होगा। खुरई में न्यायालय परिसर तथा न्यायालय परिसर में भी गाय, बकरा, बकरी घूमते रहते है, बकरा बकरियों के उपद्रव से अधिवक्ताओं व अन्य कर्मचारियों को बाधा होती है, सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नही है, न्यायालय परिसर की तो किसी प्रकार बाऊन्ड्री बन चुकी है लेकिन तहसील परिसर आज भी वेपर्दा बिना किसी व्यवस्था के पड़ा है जहां पर रोज तरीके से झाडू भी नही लगता, कोई पानी का साधन नही है तथा बनी हुई प्याऊ भी एक दिखावा ही है जो भी सूखी पड़ी रहती है क्षतिग्रस्त हो गयी है,  जबकी खुरई तहसील सागर जिले की सबसे बड़ी तहसील है जिसका उल्लेख विधार्थियों के पाठ्यक्रम में भी है। कई लोग आते है बैठने के लिऐ कही कोई व्यवस्था नही, दोनो परिसरों मे पानी की भारी कमी है जहां पर नगर पालिका द्वारा कोई स्थाई इन्तजाम जनहित मे नही किया जा रहा है, जो जनहित मे अतिआवश्यक है। 
 
खुरई वाईपास पेैसे वालों, राजनैतिज्ञों, बाहुबलियों ने विवाद में डाल दिया है, शहर के बीचों बीच से मिशन, गुरूकुल, कचहरी, पर्सा तिगड्डा होते हुये अम्बेडकर चौराहा से सागर नाका, पूरा का पूरा बीचों बीच शहर है जहां से कई पहियों वाले भारी वाहनों का आना जाना हमेशा ही लगा रहता है, और कई घटनायें भी घट चुकी है लेकिन खुरई वासी सेठ, राजनैतिक, लालची, नही चाहते है कि बीना से सीधा निर्धारित वाईपास बने जबकि बाई पास से सीधा जाकर सागर रोड मे मिल रहा है तथा बीचों बीच राहतगढ़ रोड भी क्रॉस हो रहा है, एवं पठारी रोड भी क्रॉस हो रहा है, अपार सुविधा जनता को हो रही है, घटना से भी बचा जा सकेगा लेकिन यह जल्दी कैसे संभव होगा आम जनता की समझ से परे है। 
 
परसा तिगड्डा मोड़ है जहां पर दिन में कई बार जाम लगना निश्चित ही हैं। खुरई नगर की बड़ी विडम्मना है, शहर में पुलिस दल भी कम दिखाई देता है, ट्रेफि क पुलिस के नाम पर पूरे शहर में मात्र एक ही आदमी दिखाई देता है। रात में गश्त के नाम पर भी कुछ नही है।  खुरई नगर के झंडा चौक से शासकीय अस्पताल होकर तलैया मंदिर होकर थाने को जाने वाली रास्ता एक लम्बे समय से काफी बुरी हालत में है, शासकीय अस्पताल के सामने आस-पास सडक़ को सडक़ कहने में शर्म आती है, नगर पालिका की ओर शहर में कही भी कोई विकास के कार्य नही देखे जा रहे, कई वर्ष से शहर के राजनेता, ल_ बहादुर लोग एक राय होकर नगर पालिका से लाभ लेने में लगे हुऐ है, आम जनता किसी भी प्रकार का लाभ नगर पालिका से नही मिल रहा है, झंडा चौक जो कि शहर का प्रमुख स्थान है, जहां से चारों तरफ की रास्ताऐं जगह-जगह क्षतिग्रस्त है, काफ ी लम्बे समय से आम जनता को भारी कष्टों का सामना करना पड़ रहा है। आम जनता की नजरों में शहर के पैसे वालों, राजनीतिज्ञों, वुद्धिजीवियों, द्वारा खुलेआम ‘‘सत्य ’’ को असत्य बातों से दबाया जा रहा है, जो कि एक बहुत बड़ा अपराध हो रहा है। यदि हालातों में सुधार जल्दी से जल्दी नही हुआ तो बहुत बड़े उलटकर की संभावनायें बलवती होती जा रही है। क्योंकि राजनीतिज्ञों की इसमें अहम भूमिका है, जो आम जनता के हितों के विपरीत है। इसीलिए मैनें देखी हुई एवं प्राप्त जानकारी के आधार पर शहर खुरई की समस्याओं को अवगत कराया है ओैर आगे भी कराता रहूंगा। चारों तरफ समस्यायें ही समस्यायें देखकर लिखना पड़ रहा हेै कि खुरई तो भैया अब बुरई हो रही है।

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