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Saturday, October 31, 2015

अवैध खनन से हुये नुकसान की करे भरपाई - एनजीटी

🔰राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण भोपाल बेंच मे जस्टिस दिलीप सिंह एवं प्रो॰ एआर युसुफ ने नर्मदा नदी से अवैध रेत खनन पर सक्त रुख अपनाते हुये वंशिका कंस्ट्रक्सन व शिवा कार्पोरेसन को दोषी मानते हुए अवैध खनन से हुये नुकसान की भरपाई करने का आदेश पारित किया।

🔰समाजसेवी विनायक परिहार व पर्यावरण संरक्षण समिति की याचिका पर सुनवाई करते हुये एनजीटी ने आज नर्मदा नदी मे पर्यावरण व जीव जन्तु संरक्षण पर महत्वपूर्ण आदेश पारित किया ।

🔰मीनिंग कार्पोरेसन को नर्मदा नदी की रेत खदानों का वार्षिक रेत बजट बनाने कहा जिस मे रेत की उपलब्धता, रेत की अवशकता, रेत खनन से पर्यावरण पर प्रभाव, जलीय जीवन पर प्रभाव, प्रति वर्ष होने वाले रेत के जमाव की मात्र का आकलन, आदि बिन्दुओ पर जानकारी का शपथ पत्र प्रस्तुत करने निर्देशित किया ।

🔰जब वंशिका कंपनी के वकील ने बताया की कंपनी ने निर्धारित मात्र से कम मात्रा मे रेत का खनन किया है तो एनजीटी ने रेत खदानों से खनन की गई रेत की मात्रा पर भी संदेह व्यक्त किया और मीनिंग कार्पोरेसन से खनन कंपनी द्वरा 50% नुकसान पर लगातार खनन का कारोबार कैसे किया जा रहा है इस की जाँच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करे कहा ।

🔰एनजीटी ने मीनिंग कार्पोरेसन और उनके ठेकेदारो द्वरा लगातार पर्यावरण के नियमो का उलंघन एवं शासन के राजस्व की चोरी पर चिंता व्यक्त की और खनिज विभाग से नियमो के उलंघन पर तत्काल लिज़ समाप्त करने कहा ।

🔰 एनजीटी ने खनिज विभाग के प्रमुख सचिव से पूछा की नियम कानून का उलंघन कर खनन करने वाले खनिज निगम के महानिर्देशक पद उनका आसीन होना उचित है क्या ?

🔰न्यायाधिकरण ने मानिंग कार्पोरेसन भोपाल, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल जबलपुर, मछ्ली विभाग नरसिंहपुर, मीनिंग अधिकारी नरसिंहपुर व वंशिका कंपनी को खनन से हुये नुकसान की भरपाई की योजना बना कर प्रस्तुत करने निर्देशित किया ।

🔰 खनन की दोषी वंशिका कंपनी द्वरा अभी तक 1 करोड़ की सुरक्षा निधि जमा न करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये 1करोड़ की प्रदूषणकर्ता दंड राशि  जमा करने वंशिका का अंतिम अवसर दिया ।

🔰एन जी टी द्वारा भेजे गये संयुक्त  जाच दल ने नर्मदा नदी मे हुये खनन मे बडी बडी पोकलेन मशीनों व डम्परो के उपयोग,  नर्मदा नदी मे पानी के अन्दर मोटर वोट से किये गये खनन पर मशीनों व मोटर वोट आदि को जप्त ना करने पर भी सरकार को फटकार लगाई

🔰रेलवे द्वरा जबलपुर नरसिंहपुर जिले की सीमा पर स्थित रेल पुल को खनन से हुये नुकसान का आकलन और एसडीएम गोटेगाव द्वरा भी शिव कार्पोरेसन की जांच निर्धारित समयसीमा मे ना करने पर  भी न्यायाधिकरण ने नाराजगी व्यक्त की।

🔰 खनन के लिए दोषी  महंत कंपनी के मालिक संदीप महंत को उपस्थित होने जमानती वारंट भी जारी किया गया ।

🔰आज की सुनवाई मे याचिका कर्ता विनयक परिहार और उन के अधिवक्ता विजय साहनी, शिवा और वंशिका के वकील शेयश धर्माधिकारी, व सरकार की और से पारुल भदोरिया उपस्थित रहे ।

मध्यप्रदेश के उन पत्रकारों की सूची जिन पर प्रकरण दर्ज है : श्री राधावल्लभ शारदा द्वारा जारी

मध्यप्रदेश के उन पत्रकारों की सूची जिन पर प्रकरण दर्ज है

क्र.     नाम स्थान जिला
१. श्री मकसूद खान गाडरवारा नरसिंहपुर
२. श्री दिनेश चौरसिया सिलवानी रायसेन
३. श्री सुनील कुमार सोनी सिंगरोली सिंगरौली
४. श्री विनोद तिवारी भोपाल भोपाल
५. श्री मंसूर खान भोपाल भोपाल
६. श्री राघवेन्द्र सेंगर चन्देरी अशोकनगर
७. श्री अरुण जैन उज्जैन उज्जैन
८. श्री अवधेश कुमार चौकसे सालीचौका नरसिंहपुर
९. श्री सुधीर चौधरी नरसिंहपुर नरसिंहपुर
१०. श्री रामसेन सिलवानी रायसेन
११. श्री विपिन राय करेली नरसिंहपुर
१२. श्री विनीत कुमार गुप्ता जौरा मुरैना
१३. श्री दीपक चौरसिया देवरी सागर
१४. श्री अशोक उपाध्याय भेड़ाघाट जबलपुर
१५. स्व.श्री अवंतीलाल जैन उज्जैन उज्जैन
१६. श्री जितेन्द्र चौबे नरसिंहपुर नरसिंहपुर
१७. श्री पंकज गुप्ता नरसिंहपुर नरसिंहपुर
१८. श्री समीर खान नरसिंहपुर नरसिंहपुर
१९. श्री अभय तिवारी नरसिंहपुर नरसिंहपुर
२०. श्री गोपाल काबरा पचमढ़ी होशंगाबाद
२१. श्री संदीप साहू पचमढ़ी होशंगाबाद
२२. श्री अविनाश सिंह तोमर गुना गुना
२३. श्री सुरेन्द्र कुमार दुबे कोनी (सिमरिया) पन्ना
२४. श्री आदित्य नारायण उपाध्याय भोपाल भोपाल
२५. श्री जसवीर सिंह मुलताई बैतूल
२६. श्री सौरभ माहेश्वरी देवरी रायसेन
२७. श्री जनकसिंह कुशवाह जौरा मुरैना
२८. श्री रामभरत रजक भेड़ाघाट जबलपुर
२९. श्री रामचरण जटिया झिरी (बमोरी) गुना
३०. श्री मुकेश मिश्रा मंडला मंडला
३१. श्री रविकांत मिश्रा जबलपुर जबलपुर
३२. श्री संदीप चतुर्वेदी लटेरी विदिशा
३३. श्री दिनेश सोलंकी महू इन्दौर
३४. श्री संजीव सिंह भदौरिया पोहरी शिवपुरी
३५. श्री अशोक कठल गाडरवारा नरसिंहपुर
३६. मो. महफूज खान सोहागपुर शहडोल
३७. श्री राकेश गुप्ता थाना जयसिंह नगर शहडोल
३८. श्री सुरेश चतुर्वेदी थाना जयसिंह नगर शहडोल
३९. श्री राजेन्द्र द्विवेदी थाना जयसिंह नगर शहडोल
४०. श्री रामनारायण पाठक थाना जयसिंह नगर शहडोल
४१. श्री दीप नारायण तिवारी थाना जयसिंह नगर शहडोल
४२. श्री एस.के. भारद्वाज भोपाल भोपाल
४३. श्री संजय शर्मा शिवपुरी शिवपुरी
४४. डॉ. अरुण जैन उज्जैन उज्जैन
४५. श्री सुभाष शर्मा गुना गुना
४६. श्री जाहिद मीर एवं यश शर्मा रतलाम रतलाम
४७. श्री ए.पी.रावत होशंगाबाद होशंगाबाद
४८. श्री रहीम उल्ला सुसनेर शाजापुर
४९. श्री रमेश मिश्र चंचल रतलाम रतलाम
५०. श्री सुनील पलेरिया बैतूल बैतूल
५१. श्री राधावल्लभ शारदा भोपाल (प्रकरण समाप्त) भोपाल
५२. श्री पी.सी.जैन उज्जैन उज्जैन
५३. श्री रविकांत सिंह जबलपुर जबलपुर
५४. श्री भूपेन्द्र दलाल उज्जैन उज्जैन
५५. श्री रसीद खान उज्जैन उज्जैन
५६. श्री भरत मिश्रा उज्जैन उज्जैन
५७. श्री विश्वास शर्मा उज्जैन उज्जैन
५८. श्री नर्मदा प्रसाद दुबे पिपरिया होशंगाबाद
५९. श्री आनन्द सोनी बैतूल बैतूल
६०. श्री बालमुकुन्द विश्वकर्मा बरेली रायसेन
६१. श्री मामराज सेनी खरगोन खरगोन
६२. श्री नाजिम शेख खरगोन खरगोन
६३. श्री बद्री वर्मा महिदपुर उज्जैन
६४. श्री मांगीलाल कुमावत महिदपुर उज्जैन
६५. श्री विजय सारडा महिदपुर उज्जैन
६६. श्री रामकिशोर पंवार बैतूल बैतूल
६७. श्री दिनेश दवंडे बैतूल बैतूल
६८. श्री मुकेश ठाकुर इंदौर इंदौर
६९. श्री विजय कोचले खरगोन खरगोन
७०. श्री के.एस.मेहरा होशंगाबाद होशंगाबाद
७१. सुभकरण पांडे भोपाल भोपाल
श्री शिवकुमार शर्मा प्रकरण की जाँच बावत्
तत्कालीन गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता के द्वारा दिये गये आदेश पर हुई कार्यवाही पर क्या कार्यवाही हुई बताने का कष्ट करें।

दिग्विजय व राजा पटेरिया के खिलाफ ईओडब्ल्यू की जांच बंद

Toc News
भोपाल। आरकेडीएफ को फायदा पहुंचाने के मामले में फरियादी द्वारा कोर्ट में अपना केस वापस लेने का आवेदन पेश किए जाने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया के खिलाफ अब ईओडब्ल्यू जांच नहीं करेगा। इस मामले में बुधवार को पटेरिया ने बयान दर्ज कराए थे और 30 अक्टूबर को दिग्विजय सिंह को ईओडब्ल्यू ने बयान देने बुलाया था।

न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी राजेश नंदेश्वर की अदालत ने आज आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) को पत्र भेजा है जिसमें उससे मांगे गए जांच प्रतिवेदन के लिए जांच नहीं करने और लौटती डाक से अदालत द्वारा भेजे आवेदन की प्रतिलिपि वापस भेजने का आदेश किया है।

गौरतलब है कि तुलसीनगर के राधावल्लभ शारदा ने अदालत में यह आवेदन किया था कि आरकेडीएफ को फायदा पहुंचाने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा किए गए 25 लाख रुपए के जुर्माने को दिग्विजय सिंह व पटेरिया ने पांच गुना कम कर दिया था। इसके आधार पर अदालत ने 21 अप्रैल 2015 व तीन जुलाई 2015 को आदेश कर ईओडब्ल्यू से जांच कर प्रतिवेदन मांगा था।

पत्रकारों की स्वास्थ्य एवं दुर्घटना समूह बीमा योजना के दूसरे चरण की बीमा पॉलिसी 5 अक्टूबर से प्रभावशील

पत्रकारों की स्वास्थ्य एवं दुर्घटना समूह बीमा योजना के दूसरे चरण की बीमा पॉलिसी 5 अक्टूबर से प्रभावशील

पॉलिसी घर के पते पर भेजी गयी

भोपाल : शनिवार, अक्टूबर 31, 2015,
Toc News @ Bhopal

संचार प्रतिनिधियों के लिये स्वास्थ्य एवं दुर्घटना समूह बीमा योजना के प्रथम चरण में 10 अगस्त, 2015 तक जिन पत्रकारों ने आवेदन-पत्र जमा किये थे, उनके केशलेस कार्ड पूर्व में वितरित किये जा चुके हैं। इसके बाद दूसरे चरण में 25 अगस्त तक आवेदन-पत्र जमा करने वाले पत्रकारों के कार्ड उनके निवास के पते पर भेज दिये गये हैं। इनकी बीमा पालिसी 5 अक्टूबर, 2015 से प्रभावशील हो गयी है।

अभी तक योजना के जिन पात्र पत्रकारों को पालिसी के कार्ड नहीं मिले हैं, वे अधिमान्यता कार्ड अथवा अन्य फोटो परिचय-पत्र दिखाकर यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी द्वारा चिन्हित अस्पताल में केशलेस इलाज करवा सकते हैं। उसे अस्पताल में केवल यह बताना होगा कि वह जनसम्पर्क विभाग की स्वास्थ्य बीमा योजना में नामित है और एम.डी. इण्डिया हेल्थ-केयर टीपीए है। योजना का लाभ लेने में कोई कठिनाई हो तो बीमा कम्पनी के अधिकारी श्री अभिषेक शुक्ला से मोबाइल नम्बर 9300101780 और कार्यालय का नम्बर 0755-2460795 पर सम्पर्क कर सकते हैं। टोल-फ्री नम्बर 1800-233-1166 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है।

कुल 1532 पत्रकार का बीमा करवाया गया है। इनमें से प्रथम चरण में 435 और दूसरे चरण में 1097 पत्रकार और उनके परिवार शामिल हैं।

आपकी आवाज एक सामाजिक संग़ठन का जिला खंडवा के नया हरसूद छनेरा में शिव मंदिर में

आपकी आवाज एक सामाजिक संग़ठन का जिला खंडवा के नया हरसूद छनेरा में शिव मंदिर में 
Toc News @ 30/10/2015
हरसूद छनेरा. जनजागृति कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिधि राष्टीय मुख्य सचिव श्री संतोष पाण्डेय ने जनजागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा की आज चारो और रिश्वतखोरी भ्र्ष्टाचार का बोलवाला है।




जागरुकता के अभाव में आम आदमी योजनाओ का लाभ नही ले पा रहा है। संग़ठन भी बहुत से है।परन्तु जमीनी धरातल पर आपकी आवाज आपके साथ काम कर रहा है। हमारे कार्यकर्ता गॉव के अंतिम पंक्ति में बेठे व्यक्ति तक शासन की योजनाओ की जानकारी घर घर जाकर दे रहे है।

जनजागरूकता कार्यक्रम को  राष्टीय संग़ठन सचिव सैयद मेहमूद अली चिस्ती कार्यकम की अध्यक्षता नगर पंचायत अध्यक्ष बबलू भैय्या प्रदेश महासचिव नेमीचंद विश्नोई नर्मदापुरम संभाग संयोजक रश्मि बंसल प्रदेश सचिव प्रगति गुर्जर ने भी संबोधित किया कार्यक्रम का संचालन हरदा जिला अध्यक्ष मोहन गुर्जर ने किया ।और आभार व्यक्त खंडबा जिला अध्यक्ष गजानंद राठौर ने माना। कार्यक्रम में हरदा खंडवा जिले के कार्यकर्ता उपस्थित थे।।  

प्रदेश प्रवक्ता वने मोहन गुर्जर❗         

इन्हें मिली नई जिम्मेदारी जनजागरूकता अभियान में में लगातार संग़ठन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले जिला स्तर के पधादिकारियो को प्रदेश स्तर पर जिम्मेदारी मिली । संग़ठन के राष्टीय मुख्य सचिव श्री सन्तोष पाण्डेय के द्वारा प्रदेश अध्यक्ष श्री विनय डेविड प्रदेश महासचिव नेमीचंद विश्नोई की अनुसंशा पर मध्यप्रदेश का प्रांतीय महासचिव निसार अहमद सिदिकि  प्रदेश प्रवक्ता मोहन गुर्जर को बनाया गया। साथ ही श्रीमती रश्मि बंसल की प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया। वही हरदा जिला अध्यक्ष भैयालाल राठौर और खंडवा जिला अध्यक्ष गजानंद राठौर को बनाया गया। इसी प्रकार संभाग और जिला स्तर पर भी नवनिर्वाचित पधादिकारियो को इस अवसर पर मनोनीत किया गया। कार्यक्रम में राष्टीय मुख्य सचिव श्री सन्तोष पाण्डेय राष्टीय संग़ठन सचिव सैयद मेहमूद अली चिस्ती नगर अध्यक्ष हरसूद श्री बबलू भैया प्रदेश महासचिव श्री नेमीचंद विश्नोई प्रदेश सचिव प्रगति गुर्जर प्रदेश संग़ठन सचिव मीरा कदम राष्टीय स्तर वह प्रदेश स्तर के पदाधिकारी वह कार्यकर्ता उपस्थित थे।

टीवी न्यूज चैनल के रिपोर्टर को जान से निपटाने की धमकी के विरोध में शहडोल कलेक्टर श्री मुकेश शुक्ला को ज्ञापन सौपा.

Toc news @ shehdol
शहडोल मे धान घोटाले पर समाचार बनाने के दौरान बाईट की बात पर भड़क उठे नान के प्रबंधक एम.डी. द्वारा अभद्रता की सीमा लंघ कर पत्रकारिता पेशे से जुड़े लोगों को एक साथ बुरी तरह फोन पर अपराधी की तरह समाचारों के ककेेज के लिए कार्यालय आए तो जूते से मारने जैसे कई बुरे शब्द इस्तेमाल किए जो बेहद आदतन शर्मनाक है इसकी घोर निंदा करते हैं
      इस बातचीत का पूरा टेप भी मौजूद है जिस पर अधिकारी ने कई बार जुबैर के मोबाइल पर फोन करके अभद्रता की है कोतवाली थाना पर जांच के लिए दिया गया है,
     मित्रों पूरे मामले के पहलू पर प्रतिक्रिया प्रशासन स्तर पर कुछ यूँ है कि मामला दर्ज अब तक नहीं हुआ जबकि इसके विपरीत परिस्थितियों में पत्रकारों की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाती है कारण सब जानते हैं
   आज पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक/कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है जिसमें जिम्मेदार अधिकारी पर कानूनी कार्रवाई की तत्काल माँग किए जाने के लिए कलेक्टर परिसर में एकजुट होकर अपने पत्रकार मित्र के साथ हुए बर्ताव का विरोध प्रदर्शन किया.

पत्रकार पिस्टल क्यों नहीं रख सकता: हाईकोर्ट

Toc News @ Jabalpur
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पत्रकार को पिस्टल रखने की अनुमति न दिए जाने के मामले में राज्य के गृह विभाग से जवाब-तलब कर लिया है। इसके लिए 23 नवंबर तक की मोहलत दी गई है।

गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर व जस्टिस संजय यादव की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता उमरिया निवासी पत्रकार बृजेन्द्र तिवारी का पक्ष अधिवक्ता राजेश चंद ने रखा।

कलेक्टर व एसपी ने की अनुशंसा
उन्होंने दलील दी कि उमरिया के कलेक्टर व एसपी के अलावा कमिश्नर ने भी पिस्टल लायसेंस के आवेदन पर अनुशंसा-पत्र जारी कर दिया है। इसके बाद फाइल फाइनल मोहर के लिए गृह विभाग भेजी गई। जहां से अनुमति न देते हुए आवेदन रद्द कर दिया गया। इसी वजह से न्यायहित में हाईकोर्ट की शरण ली गई।

हमला हो चुका, हमले की आशंका
याचिकाकर्ता का कहना है कि पूर्व में उसके ऊपर हमला हो चुका है। पिछले दिनों जिस तरह मीडिया कर्मियों के ऊपर हमले हुए, उससे यह आशंका बढ़ गई है कि उसके ऊपर फिर से हमला हो सकता है। दरअसल, इसीलिए बतौर एहतियात आत्मरक्षा के मकसद से पिस्टल लायसेंस चाहा गया है।

Friday, October 30, 2015

आज दिग्विजय सिंह के बयान नहीं होंगे, आर्थिक अपराध थाने में

आज दिग्विजय सिंह के बयान नहीं होंगे, आर्थिक अपराध थाने में,,न्यायालय ने किया मामला समाप्त,,,
ज्ञात हो कि... आरकेडीएफ को फायदा पहुंचाने के एक मामले में ईओडब्ल्यू में दर्ज केस में तलब किए गए तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री राजा पटैरिया के बयान दर्ज हुए.
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) में आरकेडीएफ को अनियमित प्रवेश पर तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा किए गए जुर्माने को पांच गुना कम करने का एक मामला दर्ज किया गया है। इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजा पटैरिया को आरोपी बनाया है।
इस प्रकरण में आज पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी बुलाया गया था लेकिन उन्होंने दीपावली के बाद का समय मांगा था। ईओडब्ल्यू ने दीपावली के बाद के स्थान पर उन्हें 30 अक्टूबर की तारीख दी है


अखिलेश मंत्रिमंडल में फेरबदल बिहार चुनाव के बाद

Toc news
लखनऊ। प्रदेश सरकार के मंत्रियों में बदलाव की महीनों से चल रही अटकलें सच होने के करीब है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बिहार चुनाव के बाद मंत्रिमंडल के विस्तार का संकेत दिया है। इसके बाद से समाजवादी पार्टी में दीपावली से पहले लालबत्ती मिलने या फिर जाने के कयास शुरू हो गए हैं।
प्रदेश सरकार में 59 मंत्री बनाये जा सकते हैं। इस समय 26 कैबिनेट, 24 राज्य और स्वतंत्र प्रभार के चार मंत्रियों समेत 54 मंत्री हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 17 जून 2014 को एक राज्यमंत्री को बर्खास्त करने के साथ 11 मंत्रियों के विभाग बदले थे। इस फेरबदल में कुछ मंत्रियों के साथ 'नाइंसाफीÓ की सुगबुगाहट हुई और क्षेत्रीय, जातीय संतुलन दुरुस्त नहीं होने की पार्टी फोरम पर चर्चा भी हुई।

इससे इतर संगठन, कार्यकर्ताओं, कुछ विधायकों ने मंत्रियों के खिलाफ शिकायतों का सिलसिला जारी रखा। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और महासचिव प्रो. राम गोपाल यादव ने सार्वजनिक मंचों से नाम लिये बगैर कहा कि कई मंत्री ठीक से काम नहीं कर रहे हैं और मंत्रिमंडल में फेरबदल के संकेत भी दिए गए। लेकिन इस मसले पर चुप्पी साधे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मंत्रिमंडल में बदलाव को टालते रहे।

अपने सरकारी आवास पर मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए मंत्रीमंडल में फेरबदल के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि 'बिहार चुनाव तक तो इंतजार कर लीजिए।' सपा की रणनीति समझने वालों का मानना है कि बिहार चुनाव का परिणाम आठ नवंबर आ जाएगा।

पत्नी के नाम पर प्रोफेसर ने जुटाई काली कमाई

लोकायुक्त छापे में करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

भोपाल (मध्यप्रदेश)
राजधानी भोपाल में मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) के प्रोफेसर ऋषि कुमार के आवास पर आय से अधिक संपत्ति मामले में छापे की कार्रवाई की है. छापे में करोड़ों रुपए की संपत्ति मिलने का खुलासा होने की उम्मीद हैं.

जानकारी के मुताबिक, एक शिकायतकर्ता के जरिए दी गई जानकारी और सबूतों के आधार पर गुरुवार सुबह लोकायुक्त पुलिस की एक टीम ने मैनिट परिसर में ही बने प्रोफेसर ऋषि कुमार के आवास पर छापा मारा.

छापे की कार्रवाई के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए है.  जांच दल को मैनिट से 90 हजार की तनख्वाह पाने वाले ऋषि कुमार के यहां से उनके कई कॉलेज से जुड़े होने के दस्तावेज मिले है. इसके अलावा खुद के निजी इंस्टिट्यूट होने के दस्तावेज मिलने की बात भी कही जा रही है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक की कार्रवाई में पत्नी के नाम पर तीन फ्लैट, एमपी नगर इलाके में एक कोचिंग इंस्टिट्यूट के अलावा ऑडी और दो अन्य महंगी कार मिली है.

लोकायुक्त पुलिस को आशंका है कि भोपाल के बाहर भी जमीन में निवेश किया गया है. इससे जुड़े दस्तावेजों की तलाश भी लोकायुक्त का जांच दल कर रहा है.

बताया जा रहा है मैनिट में प्रोफेसर होने के अलावा ऋषि कुमार एफिलेशन कमेटी से भी जुड़े हैं. ऋषि कुमार के जरिए एफिलेशन के बदले कमिशन लेने की बात भी सामने आ रही है. लोकायुक्त पुलिस इस पहलू पर भी जांच कर रही है.

लोकायुक्त ने स्वीकारा प्रदेश में देने पड़ते हैं सही काम के लिए पैसे

Present by- Toc News

अवधेश पुरोहित
भोपाल । मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार किस तरह से व्याप्त है इसकी हकीकत जिस भ्रष्टाचार रोक ने के लिए प्रदेश में लोकायुक्त संगठन की स्थापना की गई है उसी के मुखिया पीपी नावलेकर ने स्वीकार किया, उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की समस्या भारत में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में है, फर्क इतना है कि दूसरी जगह गलत काम करने के पैसे लगते हैं लेकिन यहां (मध्यप्रदेश) में सही काम के लिये रिश्वत देनी पड़ती है,

हालांकि उन्होंने इसके लिये समाज के लोगों को सोच बदलने की आवश्यकता जताई नावलेकर ने कहा कि परिस्थितियां ऐसी हैं कि जिसके पास ज्यादा धन-सम्पदा है, समाज में उसकी प्रतिष्ठा अधिक होती है वह सोच बदले तो बदलाव जल्दी आएगा, उन्होंने कहा कि जो खुद को सम्पन्न मानते हैं उन्हें विचार करना पड़ेगा कि उनके पास जो समृद्धि आई है वह किस तरह आई।

लोकायुक्त ने सुझाव दिया कि भ्रष्टाचार मिटाने में लगी एजेंसियों के अफसरों को नई तकनीकी सिस्टम और व्यवस्था भी अपनाना चाहिए उन्होंने बताया कि अपना कामकाज संभालने के बाद सरकारी पैसा वसूलने के लिये छापामारी रिश्वतखोरों को पकडऩे एवं वसूली पर सख्ती की गई तो सरकारी खजाने में १७ हजार करोड़ जमा होंगे।

लोकायुक्त के इस तरह के बयान से यह बात साफ हो गई कि प्रदेश में भ्रष्टाचार सत्ताधीशों से लेकर पटवारी तक जमकर चल रहा है प्रदेश में चल रहे सिस्टम के चलते इसे रोकने के प्रयास तो किये जा रहे हैं लेकिन प्रदेश में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी मजबूत हो गई हैं कि उसे रोकने में हर एजेंसी असफल सी नजर आ रही है और सुरसा की तरह यह भ्रष्टाचार बढ़ रहा है हालांकि प्रदेश के सत्ताधीश भ्रष्टाचार रोकने का ढिंढोरा पीटते हैं लेकिन जमीन स्तर पर भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

 स्रोत - हिन्द न्यूज सर्विस

Tuesday, October 27, 2015

शहडोल में इंडिया टीवी के रिपोर्टर जुबैर खान को जान से मारने की धमकी....

Toc news
30 हजार टन धान की चोरी का खुलासा, खिसयाए अधिकारी ने पत्रकारों को बाईट देने की बात पर अभद्रता पूर्वक की गई गाली गलौज, नान के आफिस मे आने के लिए जूतो से पत्रकारों को मारने की धमकी दी...पत्रिका शहडोल ने बेबाकी से प्रकाशित की खबर, चैनल पर चलाने वाले लोगों को कलेक्टर कमिश्नर से शिकायत कर मुख्यमंत्री से कार्यवाही कर दो है हिम्मत कहा...करोड़ रुपये की धान गायब और अधिकारी का दबंगई...हद तो तब हो गई जब रिपोर्टर जुबैर खान को चार बार फोन करके बताया कि तुम पत्रकारों की पत्रकारिता से कुछ नहीं होगा...शहडोल नान के अनुसार चोरी हुई कार्रवाई कर के बताए कोई. जुबैर ने शाम 4.25 बजे धमकी देने की लिखित शिकायत थाना कोतवाली में दे दी है.
पत्रकार संगठन आइसना के प्रदेश महासचिव विनय डेविड ने घटना की घोर निंदा करते हुए आरोपी के खिलाफ शीघ्र कार्यवाही करने की मांग की वही शहडोल पुलिस अधिक्षक से इस धमकी को गंम्भिरता से लेकर जांच कर प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही करने काे कहा है. पुलिस अधीक्षक महोदय ने शीघ्र उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया. आइसना पत्रकार संगठन एेसी घटना का विरोध करता है एवं दोषियों पर कार्यवाही चाहता है.

पत्रकार जुबैर का न.
+919977300420

शहडोल एस पी का मो. न.
SP Shehdol -
Mr. Sushant Saxsena
9424437745

छोटा राजन की वजह से दाऊद इब्राहिम को नहीं पकड़ा जा सकता।

Present by - toc news
फर्क है इंडोनेशिया और पाकिस्तान में।
कुख्यात अपराधी छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद कहा जा रहा है कि अब भारत के मोस्ट वॉन्टेड दाऊद इब्राहिम को भी पकड़ा लिया जाएगा। जो लोग इस  तरह के दावे कर रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि इंडोनेशिया और पाकिस्तान में फर्क है। छोटा राजन को इंडोनेशिया के बाली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, जबकि दाऊद इब्राहिम तो पाकिस्तान में सरकारी संरक्षण में ही बैठा हुआ है। यह बात पूर्व में कांग्रेस और वर्तमान में भाजपा की सरकार के प्रधानमंत्री कई बार कह चुके हैं। जब भी पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता होती है, तब दाऊद इब्राहिम के पते ठिकाने की सूची दी जाती है, लेकिन पाकिसतान ने आज तक भी यह स्वीकार नहीं किया है कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है। जहां तक छोटा राजन की गिरफ्तारी का सवाल है, तो यह माना जा रहा है कि पी.एम.नरेन्द्र मोदी की कूटनीति की वजह से गिरफ्तारी हुई है।
भारतीय थल सेना के अध्यक्ष रहे और वर्तमान में विदेश राज्यमंत्री जनरल वी.के.सिंह ने पिछले दिनों इंडोनेशिया की यात्रा की थी। इस यात्रा में जो रणनीति बनी, उसी का परिणाम रहा कि छोटा राजन को इंडोनेशिया पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद छोटा राजन का जो फोटो जारी हुआ है,उसमें यह लग ही नहीं रहा कि गिरफ्तारी से छोटा राजन घबराया हुआ है। अब कुछ ही दिनों में छोटा राजन इंडोनेशिया से भारत भी आ जाएगा, लेकिन छोटा राजन की वजह से दाऊद को पकडऩा आसान नहीं होगा। अपराध जगत की जानकारी रखने वालों के अनुसार छोटा राजन और दाऊद इब्राहिम तो 1993 में मम्बई हमले के बाद ही अलग-अलग हो गए थे। उल्टे राजन गिरोह के शूटरों ने दाऊद गिरोह के कई सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया। यानि राजन के पास दाऊद को लेकर जो भी जानकारियां थी, वह पहले ही दी जा चुकी हैं। राजन के पास अब ऐसी कोई जानकारी नहीं है, जिससे पाकिस्तान में बैठे दाऊद को पकड़ा जा सके। जब पाकिस्तान की सरकार ही दाऊद को संरक्षण दे रही है, तो फिर उसकी गिरफ्तारी  कैसे हो सकती है? दाऊद को पाकिस्तान की सरकार ही नहीं, बल्कि बदनाम आईएसआई और आतंकवादी संगठनों का भी संरक्षण है। सरकार किसी की भी हो, लेकिन यह विफलता ही दर्शाती है कि 1993 के बाद से दाऊद इब्राहिम का कोई फोटो तक हासिल नहीं किया जा सका। अखबारों और टीवी चैनलों में जो भी फोटो दिखाए जाते हैं वे तब के है, जब 1993 से पहले दाऊद मुम्बई में रहता था। जब हम गत 23 वर्षों में दाऊद का एक फोटो तक हासिल नहीं कर सके, तब उसकी गिरफ्तारी की बात करना बेमानी है। अभी तो यह भी नहीं पता कि दाऊद इब्राहिम जिन्दा भी है या नहीं। हमें यह भी समझना चाहिए कि इंडोनेशिया और पाकिस्तान में फर्क है। इंडोनेशिया की सरकार के सहयोग की वजह से ही छोटा राजन पकड़ा गया है,जबकि इस तरह का सहयोग पाकिस्तान की सरकार दाऊद के मामले में कभी भी नहीं करेगी। जब पाकिस्तान आतंकी भेज कर भारत में अशांति करा रहा है, तब दाऊद इब्राहिम को कैसे भारत को सौंप सकता है?
(एस.पी. मित्तल)

Monday, October 26, 2015

कमीशन के फेर में खेतान का गुणवत्ताविहीन खाद बेचा जा रहा किसानों को

भोपाल। मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार के मुखिया यूं तो किसानों की खेती को लाभ का धंधा बनाने में दिनरात चिंतित हैं यही नहीं किसानों के लिये उनके कार्यकाल में तमाम लाभकारी योजनाएं भी चलाई गईं लेकिन प्रदेश में सक्रिय मंत्रियों, अधिकारियों, सत्ता के दलालों और ठेकेदारों के रैकेट के चलते मुख्यमंत्री की हर योजनाओं को बट्टा लागने का काम भी बड़े जोरों से चल रहा है

स्थिति यह है कि लक्ष्मी दर्शन के फेर में यह रैकेट कुछ भी करने को तैयार रहता हो उससे किसी की जान जाए या किसानों की मेहनत पर पानी  फिरे प्रदेश में एक लम्बे समय से तमाम नकली खाद विक्रय करने वाली कम्पनियों को संरक्षण देने का काम यूं तो उच्च स्तर से चल रहा है तो वहीं हाल ही में जिन कृषि विभाग के पूर्व संचालक डीएन शर्मा के यहां जो छापेमारी की कार्यवाही की गई थी उसमें जो दस्तावेज मिले थे उनसे यह खुलासा हुआ था कि खेतान केमिकल एण्ड फर्टीलाइर कम्पनी के द्वारा डीएन शर्मा के पुत्र के हनीमून का खर्चा उठाया गया था, पता नहीं कृषि विभाग में ऐसे कितने अधिकारी होंगे जिनके खुद की या बच्चों की हनीमून मनाने का व्यय करने एवं उनके बच्चे बच्चियों की बर्थडे पार्टियां और उनके सैर सपाटे पर यह कम्पनियां खर्च करके किसानों की मेहनत पर पानी फेरने में लगे हुए हैं

हालांकि कृषि विभाग में खाद सप्लाई का जिस जीएस चौहान डिप्टी डायरेक्टर के हवाले है, उनके बारे में विभाग में चर्चा है कि उनको डीएन शर्मा की तरह सत्ताधीशों और प्रशासनिक आकाओं का संरक्षण प्राप्त है जिसके चलते सब खेल धड़ल्ले से चलता है और इस गोरखधंधे में ऊपर से लेकर नीचे तक सभी का हाथ रहता है। यह डिप्टी डायरेक्टर चौहान इतना पावरफुल है कि वह जो चाहता है वह करता है और जब फर्जीवाड़े या गलत खाद के मामले में जब  कम्पनियां फंसती हैं तो यह कृषि मंत्री से लेकर विभाग के प्रमुख तक सबको लक्ष्मी दर्शन के फेर में फंसाकर सारा मामला रफा-दफा करवा देता है, मजे की बात यह है कि उच्च संरक्षण प्राप्त चौहान की कारगुजारी के चलते राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में किसानों को जो खाद वितरित किया जाता है वह अमानक होता है

मगर इनको क्या करना भुगतेगा तो किसान यह सब अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए हैं हाल ही में सतना जिले के कई गांवों में डीएन शर्मा के पुत्र को हनीमून कराने वाली कम्पनी खेतान के द्वारा सप्लाई किया गया खाद इतना गुणवत्ताविहीन निकला कि जब इसकी शिकायत किसानों ने जिले के अधिकारियों से की तो कृषि विभाग की टीम जब पतौरा गांव पहुंची तो कई किसानों ने अधिकारियों के सामने खेतान कम्पनी द्वारा वितरण किए गए खाद के गुणवत्ताविहीन रहने की शिकायत की इसमें से एक पतौरा निवासी किसान वेदप्रकाश शर्मा ने बताया कि उन्होंने ४० एकड़ में सोयाबीन की फसल बोई थी और इसके लिए पतौरा समिति से जो खाद लेकर खेत में डाली वह घुली ही नहीं जबकि उसके पहले कभी भी इस प्रकार की शिकायत नहीं मिली थी

इधर शिकायतकर्ता पूर्व विधायक रामप्रताप सिंह का कहना है कि खेतान कम्पनी की १४०० टन खाद एमपी एग्रो तथा डीएमओ के माध्यम से किसानों को दी गई थी जिले के अन्य गांवों में भी यही खाद सप्लाई की गई है कलेक्टर सभी जगह की रिपोर्ट मंगाकर कार्यवाही करेंगे, यह भी देखेंगे कि खाद की गुणवत्ता ठीक है कि नहीं और यदि फसल प्रभावित हुई है तो यह किसकी जिम्मेदारी बनती है और इसकी क्षतिपूर्ति कौन करेगा, हालांकि इस संबंध में कम्पनी के अधिकारी आवेश श्रीवास्तव ने कहा है कि यह सही है कि हम खेत में ऊपर पड़ी तथा मिट्टी खोदकर जो खाद पाई है उसके नमूने लिये हैं जिसे कम्पनी में भेज रहे हैं

लेकिन अभी तक इस संबंध में कुछ नहीं कहा जा सकता कुल मिलाकर कृषि विभाग के अधिकारियों और खासकर प्रदेश भर में जिस डिप्टी डायरेक्टर जीएस चौहान पर उर्वरक खरीदने और उसकी आपूर्ति करने की जिम्मेदारी है उसकी कारगुजारी के चलते खेतान जैसी कम्पनियों के द्वारा किसानों को नकली उर्वरक वितरण किया जा रहा है जिसकी वजह से किसानों की फसल प्रभावित हो रही है, जिसका खामियाजा किसानों को भुतना पड़ रहा है, हालांकि खेतान द्वारा किये गये गुणवत्ताविहीन खाद के बारे में एमपी एग्रो के जिला प्रबंधक आरके पालीवाल का कहना है कि जिलाध्यक्ष के आदेश पर मैं खेतान कम्पनी के प्रतिनिधि के साथ मौके पर गया था जहां शिकायत सही पाई गई, खेतों में जो खाद मिली है उसके काले दाने सफेद हो गए हैं पर घुले नहीं हैं।

जहां तक खेतान कम्पनी का सवाल है जिस तरह का खुलासा डीएन शर्मा के छापे के बाद जो तथ्य सामने आए उससे यह साफ जाहिर होता है कि कम्पनी कृषि विभाग के अधिकारियों को लक्ष्मी दर्शन के फेर में डालकर पता नहीं कबसे प्रदेश के अन्नदाताओं को नकली खाद का वितरण करने में लगी होगी, शायद यही वजह है कि प्रदेश के कई जिलों से इसी तरह का गुणवत्ताविहीन खाद मिलने की वजह से किसानों की हर बार फसल खराब हो रही है लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी लक्ष्मी दर्शन के चलते अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए हैं तो वहीं अन्नदाता साल दर साल कम पैदावारी से जूण् रहा है।
 (हिन्द न्यूज सर्विस)

Sunday, October 25, 2015

80 करोड़ का नलजल घोटाला: दोषियों को बचाने का प्रयास

भोपाल। लगातार सूखे की मार झेल रहे प्रदेश केबुंदेलखंड अंचल में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 100 करोड़ की नलजल योजना में हुए 80 करोड़ के घोटाले में शामिल अफसरों को बचाने के प्रयास शुरु हो गए है। इस मामले में हुई जांच कमेटी बना दी गई है। हालांकि इस मामले की जांच रिपोर्ट मे हुए खुलासे के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने पूरा मामला पीएचई मंत्री कुसुम मेहदेले के हवाले कर दिया। जिसके बाद दोषियों पर कार्रवाई की तैयारी शुरुकर दी गई है। अब माना जा रहा है कि पूरा मामला लोकायुक्त या फिर ईओडब्ल्यू को सौंपा जा सकता है। दरअसल इस मामले में हाईकोर्ट के निर्देश पर जंच कमेटी गठित क गई थी। कमेटी ने जांचकर अपनी रिपोर्ट सामान्य प्रशासन विभाग को सौंप दी है। जिसमें बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी और इसकेलिए तत्कालीन मुख्य अभियंता एनके कश्यप एवं तत्काीन अधीक्षक यंत्री सीके सिंह को पदस्थ कार्यपालन यंत्रियों को दोषी बताया गया है। राज्य प्रशासन ने गड़बड़ी पर लीपापोती करने के लिए एक और जांच कमेटी बना दी। इससे जांच कमेटी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट को एक तरह से चुनौती दी गई है।
पुन: जांच पर लगेगा विराम
समीक्षा बैठक के दोरान पीएचई मंत्री कुसुम महदेेले ने मुख्यमंत्री से कहा कि बुंदेलखंड पैकेज के लिए तीन साल पहले नलजल योजनाओं में 100 करोड़ खर्च हो गए, लेकिन नलों से पानी की बूंद नहीं आ रही है। विभागीय जांच में 80 करोड़ का घोटाला सामने आया है। यह सुनते ही पीएचई अफसरों में सन्नाटा खिंच गया। इस पर कुछ देर चुप रहने के बाद सीएम ने पीएचई मंत्री से दोषी अफसरों के खिलफ कठोर कार्यवाही को कहा। सीएम द्वारा दिए गए निर्देश के बाद इस घोटाले की पुन: जांच कराने पर लगभग विरामलग गया है, बल्कि 80 करोड़ रुपए डकराने वाले अफसरों के खिलाफ मामला अब ईओडब्ल्यू या लोकायुक्त को भेजा जाना तय है।
जांच में ये गड़बड़ी मिली
गावों में पेयजल की जरूरत को ध्यान में रखकर योजनाएं नहीं बनाई गर्ईं फिर भी प्रशासकीय मंजूरी दे दी गई। घटिया स्तर के पाइप, मोटर पंप, स्टार्टर का इस्तेमाल किया। पाइपालाइन के काम में लेवलिंग सही नहीं की गई। कहीं पानी नहीं निकला तो कहीं बोर सूख गए पड़े हैं। योजनाएं पंचायतों को हस्तांतरित करने के लिए पूर्व सरपंचों से कागजों पर हस्ताक्षर करा लिए गए, जबकि वर्तमान सरपंचों को इसकी जानकारी ही नहीं है
(बिच्छू रोज़ाना)

Friday, October 23, 2015

रतलाम लोकसभा उपचुनाव मे होगा कडा मुकाबला

Toc news
रतलाम लोकसभा उपचुनाव को लेकर चुनाव प्रक्रिया की तस्वीर अब साफ हो गयी है 21 नवंबर को मतदान ओर 24 नवंबर को दोपहर तक नया सांसद इलाके को मिल जायेगा । लेकिन आज की तारीख यानी चुनाव घोषणा के एक दिन बाद के हालातो की चर्चा अगर हम करे तो कांटे की टक्कर रतलाम -झाबुआ – अलीराजपुर मे कांटे की टक्कर होनी है इस खबर मे हम उन सारे पहलुओ को विश्लेषण करेंगे जो एक आम मतदाता के रुप मे आपको जानना जरूरी है ।

उम्मीदवार को लेकर भाजपा मे संशय

कांग्रेस ने तो लगभग अपना उम्मीदवार तय कर दिया है मगर भाजपा मे असमंजस बरकरार है मुख्यमंत्री शिवराजसिंह भले ही निर्मला भूरिया को पेटलावद ब्लास्ट के पहले तीनो जिले की 8 विधानसभाओं मे प्रोजेक्ट करते रहे हो मगर जमीनी खुफिया रिपोर्ट भाजपा को निर्मला भूरिया के नाम से डरा रही है दरअसल संघ परिवार निर्मला के नाम पर सहमत नही है खुद पेटलावद इलाके मे उनके पक्ष मे माहोल नकारात्मक है इसलिए भाजपा को अन्य नामो पर मंथन करना पड रहा है अन्य नामो मे संघ की पहली पसंद पीएचई के ईएनसी ” जी एस डामोर” प्रमुख है जो उमरकोट के रहने वाले है ओर एक साफ सुथरी छवि के  ओर बुद्धिजीवि अफसर माने जाते है झाबुआ मे ही उन्होंने पढाई की फिर इंदौर से इंजीनियर्स एजुकेशन किया है इलाके के युवा उन्हें पसंद करते है ओर नया चेहरा होने से भाजपा को फायदा होगा । इसी कारण उनका नाम भी चर्चाओं मे है दूसरे विकल्प के रुप मे अलीराजपुर विधायक नागरसिंह चौहान है जो जीत की हैट्रिक लगाकर अब अपने नाम के आगे ” अजेय” लिखने की पात्रता पा चुके हैं ।मगर भील जनजाति से उम्मीदवार देना भाजपा की भी मजबूरी है ।

यह होंगें प्रमुख मुद्दे —

उपचुनाव मे मुद्दो की कोई कमी नही है मनरेगा की विफलता , बदहाल हाइवे , रेल्वे लाइन , पीडीएस सिस्टम , बदहाल स्वास्थ , पेटलावद ब्लास्ट , महंगाई, आदि को कांग्रेस मुद्दा बनाएगी तो भाजपा प्रदेश ओर केंद्र सरकार की उपलब्धि बताएगी । अलीराजपुर मे नर्मदा लिंक परियोजना , झाबुआ मे इंजिनियर्स कालेज, सहित प्रदेश सरकार की लाडली लक्ष्मी , अटल ज्योति को अपनी उपलब्धि बताकर भाजपा कांग्रेस को घेरेगी ।

नही आयेंगे पीएम मोदी —

रतलाम लोकसभा चुनाव का मतदान बिहार के परिणामों के बाद होना है लिहाजा इसका सीधा असर रतलाम लोकसभा पर पढेगा । अगर भाजपा बिहार जीतती है तो अमित शाह & मंडली यहां भी आयेगी । लेकिन बिहार हारे तो शिवराज को मेंदोलाओ के भरोसे ही चुनाव मे उतरना होगा । हालांकि भाजपा सुत्र बता रहे है कि नरेंद मोदी इस उपचुनाव का प्रचार नही करेंगे क्योकि उलचुनाव मे पीएम की रैलियो का इतिहास नही है मगर पुराने नियम तोडने के मोदी आदि है इसलिये अंतिम समय आ सकते है । सुषमा ओर राजनाथ की रेलिया होना तय है ओर शिवराजसिंह चौहान तो एक विधानसभा मे दो दो रैलियो करने वाले है । कांग्रेस की ओर से मोहन प्रकाश , अरुण यादव , दिग्विजय सिंह की रैलिया तय है राहुल गांधी या ज्योति सिंधिया की रैली अंतिम समय मे संभव है वैसे कांग्रेस का जोर नुक्कड़ ओर खाटला बैठकों पर ज्यादा रहेगा ओर खुद कांतिलाल स्टार प्रचारक रहेगे । कलावती ओर डा विक्रांत भूरिया चुनावी मैनेजमेंट संभालेंगे ।

इस उपचुनाव के मायने शिवराजसिंह / कांतिलाल भूरिया के लिऐ यह है —

रतलाम लोकसभा का यह उपचुनाव प्रदेश के मुख्यमंत्री ” शिवराजसिंह चौहान ” का राजनीतिक भविष्य तय करने वाला है क्योकि व्यापमं मसले पर सीबीआई जांच घोषित होने के बाद यह पहला ऐसा बडा चुनाव है जिसमे सरकार की अग्नि परीक्षा है हालांकि नगरीय निकाय 10 संस्थाओं के भाजपा जीत चुकी है मगर सब जानते है वह स्थानीय मुद्दो पर लडे जाते है असल लडाई तो रतलाम लोकसभा उपचुनाव मे है अगर यह उपचुनाव भाजपा हारी तो शिवराजसिंह का इस्तीफा तय है ओर कांतिलाल भूरिया के लिऐ यह इसलिये महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर भूरिया जीते तो 10 जनपथ मे उनका कद बढ जायेगा क्योकि भूरिया केंद्र ओर राज्य सरकार से जीते माने जायेगे ओर अगर हारे तो लगातार दो हार से यह संदेश जायेगा कि उनका जलवा अब ढलान पर है ।

पेटलावद ब्लास्ट / चल समारोह / भागवत कथा = भाजपा को नुकसान 

बात अगर झाबुआ जिले की करे तो पेटलावद ब्लास्ट से भाजपा के प्रति नाराजगी है क्योकि सभी जानते है भाजपा नेताओ से राजेंद्र कांसवा की करीबी थी साथ ही 200 जिंदगी तबाह होने के बाद भाजपा समर्थकों का झाबुआ मे विशाल चल समारोह निकालना ओर उसके पहले चंदे का महा अभियान लोगो को गुस्सा दिला गया लोग अभी तो मोन है मगर जवाब 21 को दे सकते है इसी तरह पेटलावद ब्लास्ट के बाद हुऐ राजनीतिक नुकसान की भरपाई करने के लिए भागवत कथा करवाई जा रही है भंडारा होगा , साड़ियां ओर कलश बटेंगे । इसके लिऐ पेडो की बलि दे दी गयी ओर सरकारी खर्च का भी इस्तेमाल हुआ है नगर को दुलहन की तरह सजाना ऐसे माहौल मे कहा तक उचित है रमेश मेंदोला यह भूल गये यह इंदौर नही है ओर ना ही 2 नंबर विधानसभा है जो भागवत कथा का जादू चल जायेगा । यह आयोजन भाजपा को उलटा नुकसान पहुंचायेगा ऐसा राजनीतिक जानकार मान रहे है खैर पेटलावद कांड मे पीडितों को अभी तक घोषित नोकरी नही मिली है ओर कई को सांत्वना का इंतजार है ।

शायद शिवराज ने ठीक कहा ईमानदारी और लगन से काम हो तो प्रदेश में रामराज संभव?

Present by - toc news
अवधेश पुरोहित
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को अपनी विधानसभा क्षेत्र के गांव बुदनी  में आयोजित दशहरा उत्सव के अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि अगर जनता लगन और ईमानदारी से काम करे तो प्रदेश में रामराज की स्थापना संभव है, उन्होंने इसके लिए लोगों को संकल्प दिलाते हुए सरकार को सहयोग करने का आव्हान किया जिस समय मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान अपना संबोधन कर रहे थे तो उनके साथ उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह भी थीं, मुख्यमंत्री के इस तरह के संबोधन को लेकर प्रदेश के राजनैतिकों में यह चर्चा आम है कि प्रदेश को रामराज बनाने की  दिशा में केवल और केवल प्रदेश की जनता को ही संकल्प लेना पड़ेगा इस तरह का आभास मुख्यमंत्री के संबोधन से होता है,

उन्होंने अपने संबोधन में सिर्फ जनता की ही बात कही लेकिन राजनेताओं, मंत्रियों की तो चर्चा तक नहीं की। इस तरह के संबोधन से लाख टके का सवाल यह उत्पन्न होता है कि यदि प्रदेश के मंत्री, राजनेता और अधिकारियों का इससे कोई संबंध नहीं, कुछ लोग तो मुख्यंमत्री के इस तरह के बयान को लेकर यह चर्चा करते हुए नजर आए कि जो शिवराज सिंह प्रदेश की जनता को संकल्प दिलाने की बात कर रहे थे यदि उनके कार्यकाल की शुरुआत उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना ङ्क्षसह के द्वारा अपनी पहचान छुपाने के साथ जो डम्पर खरीदी का सिलसिला शुरू हुआ

वह सिलसिला आज भी जारी है और प्रदेश में इसी मामले से प्रेरणा लेते हुए ऐसे कई मंत्रियों, राजनेताओं अधिकारियों ने राज्य की बात बात छोड़ो देश के अन्य शहरों में कई बेनामी सम्पत्ति बना रखी हैं। वैसे भी यह कहावत है कि पर उपदेश कुशल बहुतेरे, की  तर्ज पर शिवराज सिंह लोगों को उपदेश देते हैं मगर उनका स्वयं पर एक प्रतिशत भी पालन नहीं करते हैं। यह अलग बात है कि डम्पर मामले में लोकायुक्त की जांच में वह गलत पाया गया कैसे पाया गया यह प्रदेश की जनता जानती है,

वह यह भी जानती है कि डम्पर मामले में लोकायुक्त की जांच को लेकर तमाम सवाल खड़ेे हुए थे यही नहीं कांग्रेस के नेताओं जिनमें दिग्विजय सिंह भी शामिल हैं उन्होंने लोकायुक्त की जांच पर तरह-तरह के सवाल खड़े किए थे और यहां तक कहा था कि जो लोकायुक्त पुलिस मुख्यमंत्री के अधीनस्थ काम करती है वह इस मामले में क्या जांच कर पाएगी, वैसे हुआ तो यही लेकिन चूंकि अब यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसलिये इस पर कुछ ज्यादा लिखा या कहा नहीं जा सकता, लेकिन सवाल तो सवाल हैं जनता इन सवालों के जवाब की प्रतीक्षा में आज भी है? मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता को लगन और ईमानदारी का जो पाठ पढ़ाया सवाल यह भी है कि क्या उनके मंत्रीमण्डल के सदस्यों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं,

एक मंत्री के ड्रायवर के पास करोड़ों रुपए जप्त हुए थे तो एक अधिकारी के यहां जब जांच एजेंसियों द्वारा छापे की कार्यवाही की गई तो उसके यहां जप्त बेनामी सम्पत्ति जप्त होने पर उसकी धर्मपत्नी के द्वारा यह भी आरोप लगाया गया था कि एक करोड़ रुपए प्रतिमाह मंत्री के यहां पहुंचाए जाते हैं क्या मुख्यमंत्री अपने स्तर पर उक्त अधिकारी की पत्नी द्वारा मंत्री को एक करोड़ रुपए देने का आरोप लगाया था उसकी जांच अभी तक कराई और उसके परिणाम क्या निकले सार्वजनिक करेंगे, ऐसे एक नहीं अनेकों मामले हैं जिनमें मंत्रियों अधिकारियों और भाजपा के कार्यकर्ताओं के पास भारतीय जनता पार्टी की सरकार और खासकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के बाद किस तरह से कुबेर मेहरबान हुए हैं वह सर्वविदित है,

यही नहीं तत्कालीन भारतीय जनशक्ति की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री उमा भारती ने उस समय यह भी आरोप लगाए थे कि जिन भाजपा कार्यकर्ताओं के पास समोसे खरीदने के पैसे नहीं हैं आज वह आलीशान भवनों और लग्जरी वाहनों में घूम रहे हैं। उस समय उमा के इन आरोपों को भले ही लोगों ने हवा में उड़ा दिया हो लेकिन शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान जिस प्रकार राज्य में मंत्रियों, अधिकारियों, सत्ता के दलालों और ठेकेदारों का रैकेट सक्रिय है, यह रैकेट अपनी कारगुजारी दिखाकर तमाम सरकारी योजनाओं में हेराफेरी और फर्जीवाड़ा करने में माहिर है।

यही वजह है कि तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदेश की जनता को तो नहीं मिला लेकिन यह जरूर है कि इसकी धनराशि इनकी तिजोरियों में पहुंच गई लेकिन आज तक इस रैकेट के खिलाफ सरकार ने कोई कार्यवाही करने की जहमत तक  उठाने का प्रयास नहीं किया। शिवराज सिंह यूं तो अच्छे और प्रभावशाली भाषण देने की परम्परा में पारंगत हैं तो वहीं अपने मंत्रियों, चहेते अधिकारियों, सत्ता के दलालों और उन ठेकेदार जो कारगुजारी इस प्रदेश में कर रहे हैं ना तो उन्हें शिवराज सिंह के उपदेशों का पालन करने का दबाव बनाया गया और ना ही प्रदेश में सत्ताधीश से लेकर पटवारी तक  जो रिश्वत लेने का सिलसिला जारी है उस पर कोई लगाम लगाने का प्रयास किया गया।

जैसा कि शिवराज सिंह ने प्रदेश की जनता को यह उपदेश दिया है कि वह लगन, ईमानदारी से काम करें तो प्रदेश में रामराज की स्थापना संभव है। सवाल यह है कि प्रदेश के जनता लगन और ईमानदारी से काम कर रही है मगर यदि यह उद्देश्य अपने मंत्रियों भाजपा नेताओं को दिया होता तो शायद समझ में आता क्योंकि इस प्रदेश के भाग्यविधाता तो मुख्यमंत्री से लेकर यही मंत्री, अधिकारी और सत्ता के दलाल के साथ-साथ ठेकेदार हैं जो इस प्रदेश की तमाम योजनओं को मूर्तरूप देने में लगे हुए हैं

यदि वह सब लगन और ईमानदारी से काम करते तो आज उमा और गौर के शासनकाल की यदि बात छोड़ दें तो केवल और केवल शिवराज सिंह चौहान के विकास के शानदार दस वर्षों में यह प्रदेश आज रामराज्य की दिशा में बढ़ता नजर आ रहा होता। लेकिन इन दस वर्षों में विकास के नाम पर तमाम योजनाएं चलाई गई फिर भी आज प्रदेश की हालत २००३ के पूर्व की है, जिसमें बिजली पानी और सड़क के मुद्दे से आज भी प्रदेश की जनता जूझ रही है।

 (हिन्द न्यूज सर्विस)

प्रदेश की जनता पीने को मजबूर है दूषित पानी

अवधेश पुरोहित
भोपाल।मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी भले ही बिजली, पानी और सड़क के मुद्दे पर बनी हो लेकिन आज लगभग १२ साल बाद भी राज्य की जनता को इन मुद्दों से कोई मुक्ति नहीं मिली, बल्कि यदि यह कहा जाए कि तमाम वायदों और करोड़ों रुपए बर्बाद करने के बाद भी प्रदेश की जनता आज भी बिजली, पानी और सड़क की समस्या से जूझ रही है, मगर इनसे मुक्ति मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं, स्थिति यह है कि राज्य के अधिकांश क्षेत्रों की जनता इस समय दूषित पानी पीने को मजबूर है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है,

प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा सप्लाई किया जाने वाला बैक्टैरियायुक्त पानी पीने को प्रदेश की जनता मजबूर है इस तरह का आरोप विपक्षी दल द्वारा नहीं बल्कि खतरनाक बैक्टेरियायुक्त पानी पीने का खुलासा स्वयं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा लिये जाने वाले पानी के सेम्पलों की जांच से खुलासा हुआ। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सितम्बर माह की रिपोर्ट में खुद पीएचई विभाग ने यह पाया कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में जो पेयजल की पूर्ति की जाती है वह पानी ग्रामीण इलाकों की जनता के साथ-साथ स्कूलों, सामुदायिक भवनों और अन्य सार्वजनिक कार्यों के अलावा घरों में भी की जाती है,

सूत्रों का दावा है कि ऐसे कई जिले इसकी चपेट में है जिनके सेम्पल में पानी की प्रदूषित होने की मात्रा १०० प्रतिशत पाई गई, मजेे की बात यह है कि इस तरह का प्रदूषित पानी प्रदेश के दूर दराज के क्षेत्र ही नहीं बल्कि राजधानीवासी भी दूषित पानी पीने को मजबूर हैं, तो वहीं अन्य जिलों में प्रदूषित पानी का आंकड़ा १०० और ९० प्रतिशत पाया गया इसके अलावा भी प्रदूषित पानी की सप्लाई हो रही है जिसे रोकने के लिये शासन के पास इतने संसाधन नहीं हैं जिसके चलते लोगों को प्रदूषणमुक्त पेयजल उपलब्ध करा सकें।

इन हालातों की जानकारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के आला अफसर और मंत्रियों को है लेकिन वह इस प्रदेश की जनता को इस तरह के दूषित पानी की सप्लाई करने में लगे हुए हैं और अपनी रिपोर्टों को अनदेखा कर रहे हैं सूत्रों के अनुसार पानी में पाए जाने वाले बैक्टेरिया की जांच के लिए पीएचई विभाग द्वारा प्रदेशभर में इस साल सितम्बर माह तक ३८०८६ सेम्पल जांच के लिए भेजे गए उनमें से ३२५५५ सेम्पल प्रदूषित पाए गए पानी में कैमिकल रिपोर्ट के मामले में स्थिति कुछ अलग है पानी में मिले रासायनिक तत्वों की जांच (माह सितम्बर तक की) रिपोर्ट के अनुसार ७८२४८ सेम्पल की जांच कराई गई उनमें से १८०२ सेम्पल के पानी में प्रदूषण मिला यह प्रदूषण कुल सेम्पल जांच का २.३ प्रतिशत है।

इस तरह से पूरे प्रदेश में कराई गई पानी की जांच में कई जिलों के १०० फीसदी सेम्पल प्रदूषित मिले, पीएचई विभाग के अलावा अलग-अलग जोन में शामिल जिलों की रिपोर्ट के अनुसार जिलों में १०० फसदी सेम्पल प्रदूषित मिले उनमें सबसे पहले राजधानी भोपाल का नाम आता है, यही नहीं राजगढ़, दतिया, सतना, खण्डवा, टीकमगढ़, डिण्डौरी जिले में जांच के लिए भेजे गए सभी सेम्पल बैक्टैरिया के कारण शत-प्रतिशत प्रदूषित पाए गए। इन प्रदूषित पानी के सेम्पलों की जांच से यह उजागर होता है कि प्रदेश की जनता भाजपा के शासनकाल के लगभग १२ वर्षों के बाद भी आज प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है?

हिन्द न्यूज सर्विस

Thursday, October 22, 2015

मध्यप्रदेश में 600 करोड रुपयो का टट्टी घोटाला...

मध्यप्रदेश सरकार सबसे ईमानदार और तेज तर्राट कहे जाने वाले मंत्री गोपाल भार्गव के पंचायत विभाग मे रहते "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्मल भारत स्वच्छता अभियान" को लग गया पलीता।मात्र भाषा बुन्देलखंण्डी मे कहे तो टट्टीयां बनाने को मिले पैसे को ही विभाग की मिली भगत से खा गये। प्रथम दृष्टया बताया जा रहा है कि 600 करोड रुपयो का है। देशभर मे टट्टीयां बनाने का यह पहला मामला है।विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोदी स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रदेश मे लगभग बीस लाख शौचालयों का निर्माण होना था।बताते है कि पाचं छह लाख शौचालयों का निर्माण ही जमीन पर हुआ है बाकी के शौचालयों का निर्माण कागजों पर कर प्रति शौचालय 10 हजार का भुकतान कर दिया गया। लो प्रोफाईल तरीके से कराये गये इस घोटाला की राशि पांच -छह सौ करोड़ तक पहुचती है।प्रदेश के ईमानदार मंत्री के विभाग मे हुए इस टट्टी घोटाले ने व्यापंम घोटाले को भी पीछे छोड दिया है।मंत्रीजी से जुडे सूत्र बताते है कि मंत्री गोपाल भार्गव के पास पंचायत,समाजिक न्याय,सहकारिता जैसे बडे महकमे है।कोई भी फाईल बिना मंत्री जी की अनुमति के आगे नही सरकती।वही मंत्रालय के सूत्र बताते है कि व्यापंम के बाद इस घोटाले से सरकार सकते मे है।

मरने से पहले रावण ने लक्ष्मण को बताई थी ये 3 बातें....

जिस समय रावण मरणासन्न अवस्था में था, उस समय भगवान श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा कि इस संसार से नीति, राजनीति और शक्ति का महान् पंडित विदा ले रहा है, तुम उसके पास जाओ और उससे जीवन की कुछ ऐसी शिक्षा ले लो जो और कोई नहीं दे सकता। श्रीराम की बात मानकर लक्ष्मण मरणासन्न अवस्था में पड़े रावण के सिर के नजदीक जाकर खड़े हो गए।
रावण ने कुछ नहीं कहा। लक्ष्मणजी वापस रामजी के पास लौटकर आए। तब भगवान ने कहा कि यदि किसी से ज्ञान प्राप्त करना हो तो उसके चरणों के पास खड़े होना चाहिए न कि सिर की ओर। यह बात सुनकर लक्ष्मण जाकर इस रावण के पैरों की ओर खड़े हो गए। उस समय महापंडित रावण ने लक्ष्मण को तीन बातें बताई जो जीवन में सफलता की कुंजी है
1- पहली बात जो रावण ने लक्ष्मण को बताई वह ये थी कि शुभ कार्य जितनी जल्दी हो कर डालना और अशुभ को जितना टाल सकते हो टाल देना चाहिए यानी शुभस्य शीघ्रम्। मैंने श्रीराम को पहचान नहीं सका और उनकी शरण में आने में देरी कर दी, इसी कारण मेरी यह हालत हुई।
2- दूसरी बात यह कि अपने प्रतिद्वंद्वी, अपने शत्रु को कभी अपने से छोटा नहीं समझना चाहिए, मैं यह भूल कर गया। मैंने जिन्हें साधारण वानर और भालू समझा उन्होंने मेरी पूरी सेना को नष्ट कर दिया। मैंने जब ब्रह्माजी से अमरता का वरदान मांगा था तब मनुष्य और वानर के अतिरिक्त कोई मेरा वध न कर सके ऐसा कहा था क्योंकि मैं मनुष्य और वानर को तुच्छ समझता था। मेरी मेरी गलती हुई।
3- रावण ने लक्ष्मण को तीसरी और अंतिम बात ये बताई कि अपने जीवन का कोई राज हो तो उसे किसी को भी नहीं बताना चाहिए। यहां भी मैं चूक गया क्योंकि विभीषण मेरी मृत्यु का राज जानता था। ये मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती थी...
आप सभी को दशहरा की बहुत सारी शुभकामनाएं

मार्कफेड का सरकारी धान: दलाल कर रहे हैं रिलीज आर्डर की सौदेबाजी

बालाघाट। शासन द्वारा समर्थन मुल्य पर खरीदी गई धान को गोदामों और ओपन केप से कस्टम मिलिंग के लिये रिलीज आर्डर जारी करने और उसके परिवहन के नाम पर फर्जीवाडा किये जाने की जानकारी प्राप्त हुुुई है। इतना ही नही मप्र राज्य विपणन संघ द्वारा राईस मिलर्स को धान रिलीज करने के लिये जो रिलीज आर्डर जारी किये जा रहे हैं उस धान को खुले बाजार में बेचने की नियत से धान चांवल के दलालों द्वारा आरओ की सौदेबाजी की जा रही है। कमीशन की आड में चल रहे फर्जीवाडे में गोदामों और केप में संग्रहित धान की भारी पैमाने पर अफरातफरी किये जाने की जानकारी हाथ लगी है।

यह उल्लेखनीय है कि गोदामों और ओपन केप से जिन ट्रकों के माध्यम से धान प्रदाय की जाती है उस धान के परिवहन के लिये गोदाम अथवा केप से 8 कि.मी. की दूरी के बाद से गंतव्य स्थल तक का परिवहन विपणन संघ द्वारा वहन किया जाता है। गर्रा, खापा, चिकमारा और किन्ही में स्थित गोदामों और केप से जो धान रिलीज की गई है वह संबंधित राईस मिल के स्थान पर पहुंचने के पहले ही दलालों के मार्फत स्थानीय स्तर पर ही बेच दी गई तथा उसके बदले में कस्टम मिलिंग के नाम पर बाहर से चांवल मंगाकर अथवा राशन में वितरित किये जा रहे अमानक चांवल को खरीदकर रिसाईकिलिंग कर नागरिक आपूर्ति निगम को प्रदाय किया जा रहा है यह कारगुजारी पिछले लंबे अर्से से चल रही है जिस स्थान से धान का परिवहन बताया गया है गंतव्य स्थल से पहुंचने वाले मार्ग में पडने वाले टोल नाकों पर संबंधित ट्रªक की एन्ट्री दर्ज नही है जिसके नाम पर धान की रवानगी दर्शाई गई है। बालाघाट जिले से मंडला और अन्य जिलों में इस तरह धान भेजने की आड में ऐसा ही फर्जीवाडा किया गया है।

इन विसंगतियों के चलते म.प्र. राज्य विपणन संघ मार्कफेड के अधिकारियों एवं कस्टम मिलिंग के लिये अनुबंध करने वाले राईस मिलर्स द्वारा मिलिंग के नाम पर धान जारी करवाकर उसे खुले बाजार में तथा उष्णा मिलों को बेचा जा रहा है जबकी कस्टम मिलिंग के लिये किये गये अनुबंध में इन शर्तों का उल्लेख किया गया है कि राईस मिलर्स उसे प्रदाय किये गये धान के स्टाक को किसी अन्य को ना बेचे गा, ना ही सौपेगा। इन शर्तों का उल्लंघन करते हुये राईस मिलर्स सरकारी धान बेचकर आपूर्ति निगम को घटिया और अमानक चांवल प्रदाय कर रहे है। ट्रªक नंबर के आधार पर यदि टोल नाकों में दर्ज एन्ट्रªी की जांच की जाये करोडों रूपये की धान की अफरातफरी उजागर होगी ऐसा ही फर्जीवाडा सिवनी, नरसिंगपुर जिले में किये जाने की जानकारी मिल रही है।

Wednesday, October 21, 2015

जिला जेल में खुलेआम पहुंच रहे हथियार विचाराधीन कैदी को चाकू से गोदा, हालत गंभीर

Toc News
बैतूल। अति सुरक्षित माने जाने वाले जिला जेल में इन दिनो हथियारो की लागातर सप्लाई हो रही है। जेल में बंद कैदी न सिर्फ हथियार अपने पास रख रहे है बल्कि जेल में अपनी बादशाहत कायम करने हथियारो का खुलेआम उपयोग भी कर रहे है। जिसकी पुष्टि मंगलवार को जेल में हुए खूनी संघर्ष से होती है जिसमें चाकू और राड से लैस चार कैदियो ने मिलकर हत्या के एक विचाराधीन कैदी को चाकुओं से गोद दिया। पीडि़त कैदी के पेट, जांघ और सिर में घाव लगे है। घायल कैदी को जिला अस्पताल में भर्ती किया है जहां उसे तीनो जगह 9 टांके आए है। कोतवाली पुलिस ने आरोपी कैदी के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।

हत्या का आरोपी है पीडि़त-
शहर के दुर्गा वार्ड में पिछले दिनो हुई हत्या के आरोप में बंद धारा 302 के विचाराधीन कैदी गुणी पिता कृष्णकुमार विगत लगभग एक वर्ष से जेल में बंद है। गुनी को जिला जेल की बैरक नं. तीन में रखा गया है। गुनी को मंगलवार दोपहर बाद जेल में अन्य कैदी अज्जू, शफीक सहित दो अन्य कैदियों ने मिलकर चाकुओ से गोद दिया।

लाकअप खुलने के बाद किया हमला-
पीडि़त कैदी गुनी ने बताया कि मंगलवार 4 बजे बैरक खुलने के बाद जैसे ही वह बाहर निकलकर घुम रहा था उसी दौरान कैदी अज्जू रावण, शफीक सहित दो अन्य कैदी आए जिसमें अज्जू और शफीक के हाथ में लगभग 12-12 इंच के चाइना चाकू थे वहीं दो अन्य लोगो के पास लोहे की राड थी। मेरे पास आते ही अज्जू ने पेट में चाकू मारा वहीं शफीक ने जांघ पर और दो अन्य कैदियों ने सिर पर लोहे की राड मारी। हमला होने केj बाद आए गार्ड ने उसे लाकअप में ले गया।

कैदी की हालत गंभीर-
जिला जेल में चाकू चलने के बाद हड़कंप मच गया। जेल प्रहरी जितेन्द्र उइके ने बताया कि उन्होंने तुरंत घायल कैदी को लाकअप में ले गया और एंबूलेंस बुलवाई। इस बीच सूचना मिलते ही जेल डॉक्टर डॉ राहुल श्रीवास्त जेल पहुंचे। पीडि़त गुनी को अत्यधिक चोट से उसे जिला अस्पताल लाया। डॉ राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि गुनी के पेट में चार, सिर में तीन और जांच में दो टांके लगाए गए है। यदि गुनी को तुरंत उपचार नहीं मिलता तो गंभीर स्थिति बन सकती थी।

एमपी में 24 घंटे में 6 रिश्वतखोर अधिकारी रंगे हाथों गिरफ्तार

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रीवा लोकायुक्त पुलिस ने राजस्व निरीक्षक को एक हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. प्रदेश में 24 घंटे के भीतर रिश्वतखोर अधिकारी के पकड़े जाने का यह छठवां मामला है.
रीवा लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार सुबह सब्जी मंडी तिराहे पर राजस्व निरीक्षक हनुमान सिंह को रिश्वत लेते हुए धरदबोचा. लोकायुक्त पुलिस ने छोटेलाल साहू की शिकायत पर यह कार्रवाई की. छोटेलाल साहू ने अपनी शिकायत में कहा था कि, आबादी का नक्शा सुधारने के एवज में हनुमान सिंह रिश्वत की मांग कर रहा है. शिकायत की तस्दीक के बाद लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हनुमान सिंह को गिरफ्तार किया. कार्रवाई पूरी होने पर रिश्वतखोर राजस्व निरीक्षक को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया.

बैंक मैनेजर भी लोकायुक्त पुलिस के घेरे में
इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने खरगोन जिले में नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक के मैनेजर रखडूलाल पगार को मंगलवार सुबह एक हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया.
लोकायुक्त पुलिस को बिरला में रहने वाले राजीव चौहान ने शिकायत की थीं. शिकायत में कहा गया था कि मुख्यमंत्री आवास योजना में स्वीकृत हुए एक लाख रुपए की सब्सिडी राशि के भुगतान में एवज में बैंक मैनेजर एक लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा है.

टीकमगढ़ में पकड़ा गया पटवारी
सागर लोकायुक्त पुलिस ने टीकमगढ़ में सोमवार शाम को पटवारी नंदकिशोर को छह जार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है. पटवारी ने भूमि बंटवारे को लेकर प्रीतम सिंह और उसके भाई में चल रहे विवाद का खात्मा करने के एवज में रिश्वत मांगी थी.

10 हजार की रिश्वत लेते दबोचा गया अधिकारी
भोपाल लोकायुक्त पुलिस ने रायसेन में नेहरु युवा केंद्र के लेखा अधिकारी को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. लोकायुक्त पुलिस ने राजाराम नाम के व्यक्ति की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सोमवार शाम को लेखा अधिकारी ब्रजेश कुमार को रिश्वत लेते हुए धरदबोचा.
दरअसल, शिकायतकर्ता सत्यम शिवम समिति से जुड़ा हुआ है. नेहरु युवा केंद्र ने समिति को एक शिविर के आयोजन के लिए करीब 30 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की थी. इसी शिविर के लिए अनुमति जारी करने के एवज में लेखा अधिकारी 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था.

सहायक शिक्षक की शिकायत पर हेडमास्टर गिरफ्तार
खरगोन जिले में एक ही दिन में दो सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए. लोकायुक्त पुलिस इंदौर ने राजस्व विभाग के पटवारी और स्कूल के प्रधानपाठक को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया. यह कार्रवाई मंडलेश्वर और बमनाला में हुई.

लोकायुक्त पुलिस ने शासकीय बालक उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बमनाला के सहायक शिक्षक महेश राठौर की शिकायत पर हेड मास्टर भगवान सिंह गुर्जवार को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया.महेश राठौर ने अपनी शिकायत में कहा था कि 8 अक्टूबर को मां का श्राद्ध होने की वजह से वह आधे घंटे देरी से स्कूल पहुंचे थे. इस वजह से प्राचार्य ने उनकी गैरहाजरी लगा दी थी. सहायक शिक्षक के मुताबिक वो अपनी फरियाद लेकर प्राचार्य के पास पहुंचे, तो उन्होंने हेडमास्टर से मिलने के कहा था. हेड मास्टर ने छुट्टी के एवज में 3,000 रुपए मांगे थे.

पटवारी भी निकला रिश्वतखोर
वहीं निरीक्षक सतीश पटेल के नेतृत्व में लोकायुक्त पुलिस की एक टीम ने पटवारी रूपसिंह सिसौदिया को 1,500 रुपए की रिश्वत लेते धरदबोचा. पटवारी ने लखन गहलोत की ऋण पुस्तिका में संशोधन के एवज में रिश्वत मांगी थी. लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी को रिश्वत लेते हुए मंडलेश्वर में गिरफ्तार किया.

किसानों को जिन्दगी नहीं हारने देंगे : शिवराज सिंह चौहान

Toc news
भोपाल में हुए जिला पंचायतों अध्यक्षो सदस्यों एवं जनपद अध्यक्ष और सदस्यों के सम्मलेन ने सूखे की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि किसान संकट में हैं। उन्होंने कहा कि किसान यह साल हारे हैं लेकिन उन्हें जिन्दगी नहीं हारने देंगे। उन्होंने बताया कि सभी विभाग में 15 प्रतिशत तक बजट कटौती कर किसानों को दिया जायेगा। प्रभावित किसानों को राहत दी जा रही है। इस माह के आखिरी तक फसल बीमे की राशि भी मिल जायेगी। किसानों को अगले साल भी फसल ऋण पर ब्याज नहीं लगने देंगे और इस साल भी ब्याज की राशि सरकार भरेगी।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव और सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री नन्द कुमार सिंह चौहान ने भी संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने सभी को अष्टमी और दशहरे की शुभकामनाएँ दी।  अवसर पर किसान आयोग के अध्यक्ष
श्री बंसीलाल गुर्जर उपस्थित थे। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन नरसिंहपुर जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष एवं किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री संदीप पटेल ने किया !

कोलार टीआई अनिल शुक्ला का ओडियो हुआ वाइरल

भोपाल।टीआई अनिल शुक्ला एक सिपाही को बोल रहे कि आज गस्त अच्छी करना है।बालू (रेत)से भरे डंपरों को राजहर्ष पर रोकना है।लेकिन एक संदीप जैन की गाडी 3102 कर के नबर की गाडी को प्रयंका नगर तक आने देना।बाकि रोक लेना।

अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेत के अबैध कारोबार पर कैसा खेल चल रहा है।
अभी 11 अक्टूबर को थाने के सामने खड़े 3 डंपर में एक डंपर से 3 फिट रेत हो गया था गायब।
रेत किसकी अनुमति पर गायब हुआ। कैसे और कौन ले गया ये बात सबको पता है।लेकिन ऑफिसर चुप्पी साधे हुए है।

Tuesday, October 20, 2015

दाल-प्याज महंगी, गोमूत्र पियो, गोबर खाओः काटजू

Toc news      
नई दिल्ली। देश में बढ़ती महंगाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कण्डेय काटजू ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। केंद्र पर तंज कसते हुए काटजू ने कहा है कि आज से गौमूत्र पीजिए और गोबर खाइए क्योंकि दवाइयां, दाल और प्याज बेहद महंगी हो गई है। काटजू ने एक और पोस्ट में लिखा है कि बैन गोमांस खाने पर है, गाय के गोबर पर नहीं। इसलिए उम्मीद करता हूं कि अगर मैं गोबर खाऊंगा तो मेरी हत्या नहीं की जाएगी।

काटजू ने एक अंग्रेजी वेबसाइट की खबर का लिंक शेयर करते किया है। यह लिंक ‘हिंदू मानते हैं कि गोमूत्र पीने से कैंसर ठीक होती है’ शेयर कर काटजू ने लिखा, ‘पीते रहो, पीते रहो।’ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने एक और पोस्ट में इस बात को आगे बढ़ाते हुए लिखा है, ‘मैं मानता हूं कि गोमूत्र बीमारियों को दूर करता है और गोबर दाल और प्याज का बेहतर सब्सिट्यूट बन सकती है जो महंगे हो गए हैं।’

मार्कण्डेय काटजू का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने गोमूत्र और गोबर के वैज्ञानिक फायदों पर एक बुकलेट जारी की है। बुकलेट के मुताबिक, गोमूत्र कैंसर और त्वचा रोक को ठीक कर सकता है। इसके साथ अस्थमा, जॉंडिस और अनीमिया में भी यह कारगर है।

इस बीच, दाल के दाम भी आसमान छू रहे हैं। सोमवार को इसकी कीमत 200 रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई। इसके बाद, केंद्र ने 3 हजार टन मसूर की दाल आयात करने का फैसला किया है। केंद्र ने राज्य सरकारों पर जमाखोरों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है। बाजार में इस वक्त अरहर की दाल 200 रुपए के पार है जबकि एक साल पहले यह 85 रुपए प्रति किलो पर थी। देश में दालों का उत्पादन 2014-15 में 2 मिलियन टन कम हुआ है, ऐसा खराब मानसून और अनिश्निचित बारिश की वजह से हुआ

जेटली को महंगी पड़ी सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी, देशद्रोह का केस दर्ज

By toc news
Tuesday, 20 October 2015
नई दिल्ली : जजों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करना केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को महंगा पड़ गया है. जेटली की इस संबंध में की गई फेसबुक पोस्ट के खिलाफ महोबा के कुलपहाड़ कोर्ट में देशद्रोह और कोर्ट की अवमानना का केस कर्ज किया गया है.

महोबा जिले की कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ देशद्रोह और कोर्ट की अवमानना का केस दर्ज किया है. जेटली को 19 नवंबर को पेश होने का समन जारी हुआ है. एडवोकेट सुरेंद्र कुमार के अनुसार जनप्रतिनिधि होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ टिप्पणी की

जजों की नियुक्ति के लिए न्यायिक आयोग को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक ठहराया था. जेटली ने इस पर आपत्ति जताते हुए फेसबुक पर टिप्पणी लिखी थी. उन्होंने कहा था कि भारतीय लोकतंत्र में ऐसे लोगों की निरंकुशता नहीं चल सकती जो चुने नहीं गए हों.

Sunday, October 18, 2015

सरकारी गोटेगांव रेस्ट हॉउस को अपना निवास बनाया

आईएनएस न्यूज़ नरसिंहपुर रिपोर्टर पप्पी राय।

नरसिंहपुर,गोटेगांव विधायक आजकल काफी चर्चाओं मैं है और अख़बार और न्यूज़ चैनलों मैं बहुत सुर्खियां बटोर रहे है मगर बात कुछ बनती हुई नही दिखाई दे रही बल्कि बड़े बड़े आरोपो मैं जकड़े नज़र आ रहे है विगत दिवस गोटेगांव तहसील के ग्राम गुर्रा निवासी भाजपा  अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष मेलाराम ठाकुर ने विधायक गोटेगांव पर हत्या का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री,एसपी,कलेक्टर और भाजपा संगठन मैं लिखित शिकायत भेजी है।

आरोपो का आधार मोबाईल मैं विधायक जी की रिकॉर्डिंग को बताया है जिसमे भाजपा नेता और जिला मूल्यानकन एवम् सतर्कता समिति मैं मंडला संसद प्रतिनिधी जगदीश अहिरवार द्वारा प्रदान की गयी जिसमे गोटेगांव विधायक कह रहे है (ये बहुत बड़ा नेता है,इसे मिलकर हत्या कर निपटान होगा)।जगदीश अहिरवार द्वारा भी दिनाक 29 सितम्बर 2015 को विधायक कैलास जाटव ने कमरे मैं बंद कर गंदी गालिया और जान से मारने की धमकी दी और मोबाईल का कार्ड छीन लिया का आरोप लगाया,कार्ड मैं विधायक के साथ 7 रिकॉर्डिंग बताई गई हैं।शिकायत के बाद भी विधायक पर कोई कार्यवाही न होने का आरोप लगाया है।

विधायक गोटेगांव पर सुर्खियां अभी खत्म नही होती कुछ समय पूर्व लगभग चार माह पुरानी बात है पुलिस प्रशासन के एक एसडीओपी महोदय पर पुलिस के साथ साथ गांठकर खुद की हत्या का आरोप लगा चुके है।ताज़ा घटना क्रम की आपको जानकारी आईएनएस न्यूज़ ने कुछ समय पूर्व दी थी जिसमे गोटेगांव परमहंसजी रेस्ट हाउस आजकल विधायक निवास बना है किन नियमो और कंडीशन के साथ ये तो विधायक महोदय बताएँगे, बैसे रेस्ट हाउस और सर्किट हाउस अंग्रेजी शासन से अधिकारीयों की आरामगाह  रहे है।

विधायक जाटव विगत कई माह से दबाब बनाकर सारे नियमो को ताक पर रखकर गोटेगांव रेस्ट हॉउस को अपना निवास बनाये है।पीडब्लूडी वाले जानकारी लेने पर एसडीएम का नाम ले रहे है और एसडीएम दबाब बता रहे है ।बिना एंट्री और शुल्क के चार माह से दबंगई के साथ विधायक टिके हुए है बहरहाल भाजपा का शासन और प्रशासन का कांग्रेसीकरण होता प्रतीत हो रहा है ,कैसा दबाब और कैसी विधायक की कार्यशैली लोकतंत्र का यह कैसा चेहरा है ये तो जनता समझ रही है।आरोप और प्रत्यारोप की सच्चाई समय बताएगा

रेल नीर घोटाला: 27 करोड़ जब्त नकदी में 4 लाख नोट जाली निकले

Toc news 

देश की महत्वपूर्ण ट्रेनों में ‘रेल नीर घोटाले में रेलवे कैटर्स से जब्त किए गए 27 करोड़ रूपए नकद में से सीबीआई ने चार लाख रूपए कीमत के जाली नोट बरामद किए हैं. सूत्रों ने बताया कि तलाशी के दौरान एजेंसी को भारी मात्रा में नकदी मिली.


नोट गिनने वाली तीन मशीनों और एजेंसी के पांच अधिकारियों की मदद से उसकी गिनती करने में 15 घंटे का वक्त लग गया. उन्होंने बताया कि आरके एसोसिएट्स और वृंदावन फूड प्रोडक्ट के मालिकों श्याम बिहारी अग्रवाल, उनके बेटों अभिषेक अग्रवाल और राहुल अग्रवाल के आवास से 20 करोड़ रूपए नकद बरामद हुए. सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में दुर्ग के रहने वाले अग्रवाल ने 2004 के आसपास एक छोटे ठेकेदार के रूप में काम शुरू किया था और धीरे-धीरे उनकी कंपनी बड़ी होती गयी और उसका कारोबार 500 करोड़ रूपए के आसपास पहुंच गया. 


वे लगभग सभी राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में कैटरिंग का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि एक करोड़ रूपए नकद उनके कार्यालय से मिले हैं जबकि 52 लाख रूपए उनकी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी :सीईओ: के आवास से मिले हैं. सूत्रों ने बताया कि सीबीआई अग्रवाल के खिलाफ जाली नोटों के संबंध में भी मामला दर्ज कर सकती है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 से ट्रेनों में ‘रेल नीर’ के स्थान पर सस्ता पानी बेचने का फर्जीवाड़ा चला रहे अग्रवाल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बहुत जमीन खरीदी है और नोएडा, गाजियाबाद, नवी मुंबई तथा रायपुर में आलीशान होटलों का मालिक है. 


उन्होंने बताया कि अग्रवाल ने रेलवे अधिकारियों के साथ अपने संपर्क का कथित रूप से उपयोग कर रेलवे परिसरों में रेस्तरां के लाभप्रद ठेके प्राप्त किए. जांच एजेंसी ने कल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रेलवे के दो मुख्य व्याणिज्यिक प्रबंधकों और अग्रवाल द्वारा चलायी जाने वाली दो कंपनियों सहित निजी कंपनियों के परिसरों सहित 13 स्थानों की तलाशी ली थी. एजेंसी ने अग्रवाल की कंपनियों से 27 करोड़ रूपए बरामद किए हैं.

ABP न्यूज़ के लाइव शो में मुनव्वर राना ने अपना अकादमी अवॉर्ड लौटाया

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नई दिल्ली: देश के मौजूदा हालात पर अपनी नाखुशी का इज़हार करते हुए उर्दू के लोकप्रिय शायर मुनव्वर राना ने ABP न्यूज के कार्यक्रम #साहित्यकारVsसरकार के दौरान अपना साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटाया. मुनव्वर राना ने अवॉर्ड के साथ एक लाख का चेक भी लौटा दिया.
मुनव्वर राना ने एबीपी न्यूज़ के लाइव शो में अपना अवॉर्ड लौटाते हुए कहा कि देश में जो हालात हैं उससे वह मायूस हैं.

मुनव्वर राना ने साहित्यकारों को दरबारी कहे जाने पर अपनी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, "मैं रायबरेली से आता हूं. सत्ता मेरे शहर की नालियों से गुजरती रही है.कभी उधर देखा नहीं."
अवॉर्ड लौटाए जाने के साथ ही मुनव्वर राना ने एलान किया कि अब वह भविष्य में कभी कोई सरकारी अवॉर्ड नहीं लेंगे. हालांकि, शो के दौरान कई दूसरे साहित्यकारों, लेखकों और कवियों ने मुनव्वर राना से अपील कि वह अभी अपना अवॉर्ड नहीं लौटाएं, लेकिन मुनव्वर राना ने ऐसा करने से मना कर दिया.

सम्मान लौटाते वक़्त मुनव्वर राना ने कहा, "साहित्यकारों और लेखकों को किसी न किसी पार्टी से जोड़ा जा रहा है. किसी को कांग्रेसी तो किसी को भाजपाई कहा जा रहा है. मैं मुसलमान हूं मुझे पाकिस्तानी भी करार दिया जा सकता है. इस देश में बिजली के तार नहीं जुडे हैं, लेकिन मुसलमानों के तार दाऊद इब्राहीम से जोड़ दिया जाता है."

मुनव्वर राना ने कहा, "इस मुल्क में आतंक के मायने क्या हैं. अब तक ये तय नहीं हुआ, अगर एक मुसलमान फटाका फोड़े तो आतंकवादी बता दिया जाता है. ऐसे इंसाफ नहीं हो सकता."
मुनव्वर राना के सम्मान लौटाए जाने से पहले और बाद में भी बीजेपी के नेता संबित पात्रा ने कहा कि साहित्यकारों की दिक्कत ये है कि वे मोदी सरकार को कबूल नहीं करना चाहते, क्योंकि सम्मान लौटाने वाले लेखक वामपंथी विचारधारा के हैं. संबित पात्रा का कहना था कि लेखक को तटस्थ होना चाहिए.

कौन हैं मुनव्वर राना?

मुनव्वर राना उर्दू के जाने माने शायर हैं और मुशायरों में उनकी ग़ज़ल के दीवानों की संख्या लाखों में है.
उनका जन्म, 26 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुआ.

उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं: माँ, ग़ज़ल गाँव, पीपल छाँव, बदन सराय, नीम के फूल, सब उसके लिए, घर अकेला हो गया, कहो ज़िल्ले इलाही से, बग़ैर नक़्शे का मकान, फिर कबीर, नए मौसम के फूल.

Saturday, October 17, 2015

ब्लड से सुसाइड नोट लिखकर फांसी पर झुला छात्र

Toc news

बैतूल। शहर के पुलिस लाइन क्षेत्र में कक्षा नवमी में अध्ययनरत एक छात्र ने शुक्रवार शाम को अपने घर में ही फांसी लगाकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली। फांसी पर झुलने के पूर्व छात्र ने ब्लेड से अपने हाथ की नस काटकर ब्लड से सुसाइट नोट भी लिखा है। जिसमें परीक्षा में सोशल साइंस और मैथ्स में कम नंबर मिलने का जिक्र किया है। मृतक शहर के एक निजी स्कूल में कक्षा नवमी में अध्ययनरत था। मृतक छात्र के माता-पिता भोपाल में अपने किसी परिजन की अंत्येष्टि में भाग लेने गए थे। घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली टीआई पंकज त्यागी, गंज चौकी प्रभारी एसएस यादव, एएसआई बीपी रम्हारिया सहित एफएलएस टीम मौके पर पहुंची।

जहां से शव के साथ ही सुसाइट नोट बरामद किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मुलताई के पूर्व विधायक एवं समाजवादी नेता डॉ सुनीलम के बैतूल जिले में खास समर्थक माने जाने वाले अनिरूद्ध मिश्रा (गुरूजी) के 14 वर्षीय पुत्र प्रखर उर्फ स्नेह शहर के एक निजी स्कूल में कक्षा नवमी में अध्ययनरत है। शुक्रवार को अनिरूद्ध मिश्रा के परिवार में किसी की गमी हो गई। श्री मिश्रा अपनी पत्नी के साथ अंत्येष्टि में शामिल होने भोपाल गए थे। घर में श्री मिश्रा के बच्चे थे। इस दौरान शाम लगभग साढ़े पांच बजे श्री मिश्रा का 14 वर्षीय पुत्र प्रखर घर के पंखे के कुंदे से रस्सी बांधकर फांसी पर झूल गया। प्रखर को फांसी पर झूलता देखने पर छोटे भाई बहनो ने पड़ौसियों को बताया तो उन्होंने रस्सी काटकर उसे नीचे उतारा लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

खून से लिखा सुसाइट नोट-
पड़ौसियो ने तुरंत ही पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर मृतक के पास से सुसाइट नोट जब्त किया। मामले की जांच कर रहे एएसआई बीपी रम्हाडिय़ा ने बताया कि प्रखर ने फांसी पर झूलने के पूर्व ब्लेड से बाए हाथ की कलाई की नस काटी एवं अपने हाथ की दूसरी और तीसरी उंगली से ब्लड से सुसाइट नोट लिखा जिसमें लिखा है कि माँ पिताजी मैं आज मरने जा रहा हॅू क्योंकि मैने आपको बहुत परेशान किया है आपके पैसे बर्बाद कर रहा हॅू, पिताजी मेरी यह इच्छा है कि विक्की भैया को नेवी ऑफिसर बनाना सुपुत्र/कुपुत्र/स्नेह। मेरी पढ़ाई के पैसो से शीतल और शुभम को खूब पढ़ाना। हैप्पी दिवाली। उक्त सुसाइट नोट के नीचे प्रखर ने खून से लिखा प्यारी माँ  सोशल साइंस 26, मैथ्स में 41। श्री रम्हाडिय़ा ने बताया कि मृतक के माता पिता भोपाल से निकल गए है। उनके बैतूल पहुंचने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

आनलाइन खरीदी फ्लिपकार्ट पर फेक डिस्काउंट उल्लू बनाविंग

Represent - toc news

गैजेट डेस्क: कई ई-कॉमर्स वेबसाइट्स ने नवरात्र के मौके पर मंगलवार से पांच दिन की बिग डिस्काउंट सेल शुरू की है। इनमें फ्लिपकार्ट की बिग बिलियन डेज़ सेल और अमेजन की ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल शामिल है। इस सेल से यूजर्स का फायदा होगा, लेकिन कितना? ये एक बड़ा सवाल बनकर सामने आ रहा है, क्योंकि पहले दिन से दी जाने वाली बिग सेल पर मिल रहे डिस्काउंट और प्रोडक्ट की कीमत में कई गड़बड़ी नजर आ रही है।

फ्लिपकार्ट पर आज का फेक डिस्काउंट :

फ्लिपकार्ट द्वारा बिग बिलियन डेज सेल के दूसरे दिन Pigeon Super 3L प्रेशर कुकर को 2,195 रुपए की MRP के साथ लिस्ट किया गया है। जबकि, ये प्रोडक्ट Pigeon की ऑफिशियल साइट पर सिर्फ 1,694 रुपए के साथ लिस्ट है। यानी यूजर्स को किसी तरह का डिस्काउंट नहीं मिल रहा है।

दूसरी तरफ, सैमसंग गैलेक्सी नोट 3 निओ को 26,900 रुपए की सेलिंग प्राइस के साथ लिस्ट किया है। इस पर किसी तरह का कोई डिस्काउंट नहीं है, लेकिन सैमसंग का स्मार्टफोन कंपनी के ऑफिशियल ऑनलाइन स्टोर पर 19,900 रुपए की कीतम के साथ लिस्ट है। यानी यूजर्स को किसी तरह का फायदा मिलना तो दूर की बात है, उसे फ्लिपकार्ट से ये स्मार्टफोन खरीदने पर 7,000 रुपए ज्यादा देने होंगे। हालांकि, ये फ्लिपकार्ट द्वारा दी जा रही बिग बिलियन डेज सेल का हिस्सा नहीं है। (इसका फोटा आगे की स्लाइड्स पर देखें।)

इतना ही नहीं, हमने इस स्मार्टफोन की तीन अलग-अलग कीमत दिखाई हैं, जो फ्लिपकार्ट से ली गई हैं। दरअसल, BuyHatke की मदद से वेबसाइट पर स्मार्टफोन की पुरानी कीमत को ट्रैक किया गया। जिसके रिजल्ट कुछ इस तरह थे...

तारीख कीमत
6 जुलाई, 2015 18,990 रुपए
10 सितंबर, 2015 23,500 रुपए
13 अक्टूबर, 2015 19,990 रुपए

अमेजन पर कल का फेक डिस्काउंट?

- दरअसल, अमेजन YU यूफोरिया स्मार्टफोन की MRP 7,999 रुपए दिखा रहा है।
- जबकि कंपनी ने इसे 6,999 रुपए में लॉन्च किया था।
- यानी अमेजन ने इसे 1,000 रुपए ज्यादा MRP के साथ लिस्ट किया।
- एक सप्ताह पहले ही YU ने अपने फोन की MRP 6,999 रुपए से घटाकर 6,499 रुपए कर दी। इसे आप ऑफिशियल साइट पर भी देख सकते हैं।
- जबकि अमेजन इसे 19% डिस्काउंट के साथ 6,499 रुपए में सेल कर रही है।
- यह यूफोरिया की ऑफिशियल कीमत है। लेकिन अमेजन बता रहा है कि वह आपको 1500 रुपए का डिस्काउंट दे रहा है।
- यानी डिस्काउंट सवालों के घेरे में है।

फ्लिपकार्ट पर कल का फेक डिस्काउंट?

- बिग बिलियन डेज सेल में फ्लिपकार्ट ने सैमसंग गैलेक्सी टैब 4 T231 को 17,350 रुपए MRP के साथ लिस्ट किया है।
- फ्लिपकार्ट का दावा है कि इस टैब पर आपको 26% डिस्काउंट दे रही है।
- यानी इस टैब को 13,999 रुपए में परचेज किया जा सकता है।
- जबकि कंपनी के ऑफिशियल ऑनलाइन स्टोर पर इसकी MRP 12,900 रुपए है।
- यानी यहां भी यूजर्स को बताए जा रहे डिस्काउंट पर सवाल उठ रहे हैं.....

TECH GUIDE: प्रचलित टेक टर्म्स और उनके मतलब

ई-कॉमर्स साइट्स पर फेक डिस्काउंट के पहले भी सामने आए हैं मामले

केस - 1
डिस्काउंट या बिग सेल के नाम पर कई ई-कॉमर्स साइट्स की चोरी पकड़ी जा चुकी है। इसी साल जून के महीने में फ्लिपकार्ट की ट्रिक भी सामने आई थी। उस वक्त इस साइट पर एक सैंडिल पेयर का MRP 799 रुपए था। यह 50% डिस्काउंट के साथ 399 रुपए में सेल हो रहा था। लेकिन कंपनी ने इस सैंडिल का जो फोटो लगाया था उस पर कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग प्राइस 399 रुपए प्रिंट थी। यानी ये फेक डिस्काउंट था।

केस - 2
dainikbhaskar.com ने 4 जुलाई, 2015 को रीडर्स को बताया था कि सैमसंग अपने स्मार्टफोन्स पर बड़ा डिस्काउंट दे रहा है। 9 दिन बाद जब इस साइट पर फिर से स्मार्टफोन की कीमत और डिस्काउंट को चेक किया गया, तो सब कुछ बदला हुआ नजर आया। दरअसल, स्नैपडील की साइट पर Samsung Galaxy S3 Neo की कीमत कुछ दिनों के अंतर से लगातार बदलती रही। कंपनी ने इस हैंडसेट की ऑफिशियल प्राइस 11,499 रुपए तय की थी, जबकि स्नैपडील ने इसे 14,999 रुपए और 31,500 रुपए के MRP पर लिस्ट कर रखा था। डिस्काउंट के बाद इसे 11,449 रुपए और 11,353 रुपए में बेचा जा रहा था।

डिस्काउंट फेक या रियल? कैसे पता लगाएं?

ई-कॉमर्स साइट्स का डिस्काउंट कितना सही है, इसका पता लगाना बेहद आसान है। इसके लिए यूजर्स को BuyHatke गूगल क्रोम एक्सटेंशन इन्स्टॉल करना होगा। यूजर्स गूगल पर BuyHatke टाइप करें और दूसरी लिंक (https://chrome.google.com) पर क्लिक करके उसे एड कर लें। इसके बाद, जब आप किसी ई-कॉमर्स साइट पर कोई प्रोडक्ट देखेंगे तो उसके ठीक नीचे ब्लू लाइन ट्रैकर आएगा। जो प्रोडक्ट की कीमत के पिछले कई रिजल्ट शो करता है। यानी वो बीते महीने कितने का था और अब कितने का है। साथ ही, ऊपर आ रहे ट्रैकर बार से प्राइस कम्पेयर भी कर सकते हैं

Friday, October 16, 2015

बलात्कार के प्रयास के आरोपी मप्र जनसंपर्क अफसर मीणा पर FIR

जनसंपर्क अफसर मीणा पर FIR, गैर जमानती को जमानती धाराएं कर बचाया पुलिस ने
Present by - toc news
भोपाल। राजधानी की एक एनजीओ संचालिका के साथ बलात्कार के प्रयास के आरोपी मप्र जनसंपर्क विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आरएस मीणा के खिलाफ महिला थाने, भोपाल ने भारी जन आक्रोश के चलते एफआईआर दर्ज कर ली है। पहले जांच के नाम पर पुलिस आरएस मीणा को बचाती रही। मगर पब्लिक आउटक्राई और मीडिया के भारी दबाव के चलते पुलिस को मजबूरन मीणा के खिलाफ एफआई आर दर्ज करनी पड़ी है। महिला थाने से इंडिया वन समाचार को मिली जानकारी के अनुसार मीणा के खिलाफ ठोस सबूत होने के बावजूद भी गैर जमानती धाराओं की जगह पुलिस ने जमानती धाराएं लगाकर मीणा के अपराधों की गंभीरता खत्म कर उसे बचाने का प्रयास किया है।

मीणा के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज की गयी है। राजधानी के वरिष्ठ वकील रियाजुद्दीन के अनुसार धारा 354, स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग करने पर लगाया जाती है। ये गैर जमानती धारा है और इसमें प्रावधान है कि एक साल की जेल को पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है। पीड़िता ने अपनी लिखित शिकायत में और बाद में एएसपी दिलीप सिंह तोमर के सामने बयान में सैक्सुअल हरासमेंट के आरोप भी लगाये थे।

सीनियर एडवोकेट रियाजुद्दीन का कहना है कि पुलिस को सैक्सुअल हरासमेंट की शिकायत पर 354 ए की धारा लगानी चाहिए थी। धारा 354 ए गैरजमानती है और इस धारा में सजा का ज्यादा प्रावधान है। पुलिस ने धारा 354 ए के जगह धारा 354 लगाकर मीणा को अनड्यू बेनीफिट ऑफ डाउट का फायदा दिया है। ऐटवोकेट रियाजुद्दीन का मानना है कि महिला होने के नाते कानूनन ये फायदा शिकायतकर्ता को मिलना चाहिए था। पीड़ित महिला ने ये भी आरोप लगाया था कि मीणा ने उसकी लज्जा भंग करने के आशय से कमरे को बंद किया था। एडवोकेट रियाजुद्दीन ने इंडिया वन समाचार को बताया कि किसी महिला को चार दीवारी में कैद करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। पुलिस को मीणा के ऊपर आईपीसी की धारा 342 के तहत भी मुकदमा दर्ज करना चाहिए था।

ऐसा न करके पुलिस ने मीणा के खिलाफ गंभीर अपराध की गंभीरता खत्म करने का प्रयास किया है। विदित हो कि जनसंपर्क विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आरएस मीणा  के खिलाफ भोपाल की एक एनजीओ संचालक महिला ने आरोप लगाया था कि मीणा ने उसके एनजीओ को सात प्रोजेक्ट दिलवाने के नाम पर प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवाने के लिए 70 हजार रूपये हड़प लिये थे। बाद में प्रोजेक्ट ग्रांट के चेक देने के बहाने मीणा महिला को साक्षी ढाबे नीलबढ़ रोड के पास एक शासकीय कार्यालय में ले गया था। वहां मीणा ने महिला के साथ बलात्कार करने की कोशिश की थी।

शिकायत की कापी



अस्पताल मे डॉक्टर या जल्लाद... . ?

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(फिरदौस अंसारी )
भोपाल - राजधानी मे बेशुमार अस्पताल हे. कई आलीशान निजी अस्पताल हे तो सरकारी अस्पताल भी आधुनिक संसाधनों से लेस हे. इसके बावजूद इलाज मे लापरवाही के चलते मौतों का आंकड़ा थम नहीं रहा. सरकारी अस्पतालों मे पहुँचने वाले मरीज अपने आप को लाचार मेहसूस कर रहे हे. और निजी अस्पतालों मे commiss ion की बंदर बाँट जारी हे. जिस पर लगाम लगाने मे  जिला प्रशासन पूरी तरह लाचार साबित हो रहा  हे. जिसका खमियाजा माँ  अपने बेटे को, बहन अपने भाई को, बच्चे अपने बाप को और पत्नी अपने पति को खो कर भुगत रही हे.

हाल ही मे घटित हुए एक घटना  ने अस्पतालों को सवालो के घेरे मे  खड़ा कर दिया हे. जहाँ समय पर सही इलाज नहीं मिलने के का रण 32 साल के नौ जवान की तड़पते हुए जान चली गई. शहीद नगर मे रहने वाले  नौशाद के दो बच्चे हे . वह बी आर टी एस की बस चलाने का काम करता था. 6 अक्टूबर की रात नौशाद के सर मे दर्द होना शुरू हुआ तो उसकी लाचार माँ  पेदल ही उसे रात  के 3 बजे किसी तरह कमला नेहरू अस्पताल लेकर पहुँची. जहाँ डाक्टर ने उसे इलाज देने के बजाय वापस लौटा दिया.

तर्क यह दिया की अस्पताल मे बिस्तर खाली नहीं हे. मजबूर और लाचार माँ उसे वापस घर ले गई. अपनी और से हर मुमकिन कोशिश कर रही थी की उसके बच्चे की तकलीफ कुछ कम हो जाय. लेकिन नौशाद असहनीय पीड़ा सेहते हुए बेहोश हो चुका था. पड़ोसियो ने नौशाद की गम्भीर हालत को देख उसे एम्बुलेंस से कमला नेहरू पहुँचाया लेकिन उसे यहाँ से बिना इलाज दिये हमीदिया अस्पताल पहुँचा दिया गया. i c u मेडिकल वार्ड मे नौशाद एक घंटे तक पड़ा रहा लेकिन अभी तक उसका इलाज शुरू नहीं हुआ था. उसके परिजन डॉक्टरों के सामने इलाज शुरू करने के लिये गिड़गिड़ा रहे थे.

लेकिन डॉक्टर उनकी बात सुनने के बजाय अभद्र व्यवहार कर रहे थे. उन्होने महिलाओ तक को नहीं बक्शा था. इलाके के पार्षद के हस्तक्षेप के बाद डॉक्टर ने इलाज शुरू किया. सीटी स्केन्न कराने निजी पेथोलोजी मे भेजा. जहाँ से रिपोर्ट आई तो सब के होश उड़ गय. जिसमे बताया गया था की कुछ ही घंटों पेहले नौशाद के दिमाग की नस फट गई हे हो लगातर खून का रिसाव हो रहा हे. रिपोर्ट देखते ही हमीदिया अस्पताल के डॉक्टर्स ने हाथ खड़े कर दिये.

निजी अस्पताल मे लेजाकर तुरन्त ऑपरेशन कराने की सलाह दे डाली. नौशाद को तुरन्त लालघाटी स्थित सर्वोत्तम अस्पताल ले जाया गया. जहाँ सीनियर डॉक्टर ने अस्पताल आना मुनासिब नहीं समझा और व्हाट्सऐप पर ही रिपोर्ट देखकर ट्रीटमेंट बता दिया. रात भर चले इलाज से नौशाद की हालत और बिगड़ने लगी. डॉक्टर की लापरवाही देखते हुए नौशाद के परिजनों ने उसे इंदौर लेजाना बेहतर समझा. डॉक्टर ने भी इसकी इजाजत दे दी.

नौशाद को एम्बुलेंस ले इंदौर ले जाया गया जहाँ डॉक्टर ने बताया केस पूरी तरह बिगड़ गया हे. कुछ समय पेहले लाते तो कुछ हो सकता था. अब  नौशाद इस दुनिया मे नहीं हे. अब सवाल यही उठता हे की नौशाद को समय रेहते इलाज क्यों नहीं दिया गया. इस मौत का जिम्मेदार कौन हे. . ?

ऐसे कई नौशाद हे जो समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण अपनी जान गँवा चुके हे. सरकारी अस्पताल हो या निजी अस्पताल दोनो ही आधुनिक उपकरणों से लेस हे. फ़िर भी गरीब परिवार कमीशन की बंदर बाँट मे पिस रहा हे.

सरकार ने लोक सेवा गारंटी कानून के तहत पहली बार लगाया अर्थदण्ड

तीन जिलों के सीएमओ नहीं किया नर्सिंग होमों का पंजीयन
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डॉ नवीन जोशी
भोपाल।प्रदेश के तीन जिलों इंदौर, देवास और ग्वालियर में स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों ने निजी नर्सिंग होम्स का पंजीयन नहीं किया जिस पर राज्य सरकार ने तीनों पर लोक सेवा गारंटी कानून के तहत अर्थदण्ड लगाया है।
राज्य सरकार के स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में संचालित निजी नर्सिंग होम एवं क्लीनिक्स आदि संबंधी स्थापनाओं का रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन  दिया जाना एवं नवीनीकरण करना, लोक सेवा गारंटी कानून में सम्मिलित किया गया है।

इस सेवा को प्रदान करने हेतु पदाभिहित अधिकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी हैं एवं 30 कार्य दिवस की समयसीमा निर्धारित की गई है। परन्तु तीन जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों ने कतिपय आवेदनों का निर्धारित समय-सीमा में निराकरण नहीं किया। इनमें इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. शांतिलाल पोरवाल ने आवेदक महेश गौड़ के न्यू लाईफ हास्पिटल, अपर सिंघवी के महावीर हास्पिटल तथा डा. आरएस चौधरी के स्वामी परमानंद नेत्रालय के प्रकरणों का निपटारा नहीं किया जिस पर उन पर पत्येक प्रकरण के लिये एक हजार रुपये कुल तीन हजार रुपये की शास्ति (अर्थदण्ड) लगाई गई है ।

इसी प्रकार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी देवास डा. अशोक कुमार दीक्षित ने आवेदक जॉन जोसफ के जोसफ हास्पिटल एण्ड डायग्रोस्टिक सेंटर बागली के प्रकरण का निपटारा निर्धारित समय-सीमा में नहीं किया जिस पर उन पर एक हजार रुपये की शास्ति लगाई गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ग्वालियर डा. अनूप कुमार कामठान ने आवेदक अनुज सक्सेना के एशियन अस्पताल के प्रकरण का निर्धारित समय-सीमा में निपटारा नहीं किया जिस पर उन पर भी एक हजार रुपये की शास्ति लगाई गई है।

उक्त तीनों दण्डित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा गया है कि वे सात दिन के अंदर सम्बन्धित जिला कलेक्टर कार्यालय में चालान के जरिये शास्ति जमा कर इसकी एक प्रति स्वास्थ्य संचालनालय को अनिवार्य रुप से जमा कराना होगी अन्यथा उनके विरुध्द कठोर कार्यवाही की जायेगी।

अब देनी होगी पूर्व सूचना
भोपाल। राज्य सरकार के कर्मियों को अब विदेश यात्रा पर जाने हेतु पासपोर्ट बनवाने एवं विदेश जाने से पहले अपने विभाग/कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना होगा। ऐसा केंद्र सरकार के एक आदेश पर राज्य सरकार ने अपने सभी विभागों एवं कार्यालयों में यह पाबंदी लगा दी है। अब राज्य के सरकारी सेवकों को निर्धारित फार्मेट को भरकर बताना होगा उसने पासपोर्ट कार्यालय में पासपोर्ट बनाने के लिये आवेदन किया है जबकि विदेश जाने से पहले उसे निर्धारित फार्मेट में अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना होगा जिसमें उसके खिलाफ कोई शिकायत/विभागीय जांच/लोकायुक्त प्रकरण/न्यायालयीन प्रकरण/ईओडब्ल्यु प्रकरण/अनाधिकृत अनुपस्थिति प्रकरण लंबित नहीं है।

सोशल मीडिया पोस्ट पर नहीं होगी जेल, धारा 66A रद्द

सोशल मीडिया पोस्ट पर नहीं होगी जेल, धारा 66A रद्द
Present by @ Toc News

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66A पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इसे अंसवैधानिक घोषित करते हुए रद कर दिया। न्यायालय ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि आईटी एक्ट की यह धारा संविधान के अनुच्छेद 19(1) A का उल्लंघन है, जोकि भारत के हर नागरिक को "भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार" देता है। कोर्ट ने कहा, धारा 66A अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का हनन है।

अदालत के आदेश के बाद अब फेसबुक, ट्विटर, लिंकड इन, व्हाट्स एप सरीखे सोशल मीडिया माध्यमों पर कोई भी पोस्ट डालने पर किसी की गिरफ्तारी नहीं होगी। इससे पहले धारा 66A के तहत पुलिस को ये अधिकार था कि वो इंटरनेट पर लिखी गई बात के आधार पर किसी को गिरफ्तार कर सकती थी। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में आईटी एक्ट की धारा 66A को चुनौती दी गई थी।
याचिकाकर्ता श्रेया सिंघल ने इस फैसले को बड़ी जीत बताते हुए कहा, सुप्रीम कोर्ट ने लोगों के भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को कायम रखा है।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में कहा गया कि यह कानून अभिव्यक्ति की आज़ादी और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है, इसलिए यह असंवैधानिक है। याचिकाओं में ये मांग भी की गई है कि अभिव्यक्ति की आज़ादी से जुड़े किसी भी मामले में मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना कोई गिरफ़्तारी नहीं होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने 16 मई 2013 को एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि सोशल मीडिया पर कोई भी आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले व्यक्ति को बना किसी सीनियर अधिकारी जैसे कि आईजी या डीसीपी की अनुमति के बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
दूसरी तरफ सरकार की दलील थी कि इस कानून के दुरूपयोग को रोकने की कोशिश होनी चाहिए। इसे पूरी तरह निरस्त कर देना सही नहीं होगा।

 सरकार के मुताबिक इंटरनेट की दुनिया में तमाम ऐसे तत्व मौजूद हैं जो समाज के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। ऐसे में पुलिस को शरारती तत्वों की गिरफ़्तारी का अधिकार होना चाहिए।
अनुच्छेद 66A के तहत दूसरे को आपत्तिजनक लगने वाली कोई भी जानकारी कंप्यूटर या मोबाइल फ़ोन से भेजना दंडनीय अपराध है। सुप्रीम कोर्ट में दायर कुछ याचिकाओं में कहा गया है कि ये प्रावधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ख़िलाफ़ हैं, जो हमारे संविधान के मुताबिक़ हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।

इस बहस के बीच सरकार ने अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा। सरकार ने अदालत से कहा कि भारत में साइबर क्षेत्र पर कुछ पाबंदियां होनी ज़रूरी हैं क्योंकि सोशल नेटवर्किंग साईट्स का इस्तेमाल करने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है.

जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर के नाम पर वसूली का दबाव, मान्य रद्द करने की धमकी

आईएनएस न्यूज़
नरसिंहपुर रिपोर्टर // पप्पी राय

नरसिंहपुर रेड क्रॉस सोसायटी के द्वारा बुलाई गई प्राइवेट स्कूलों की मीटिंग जिसमे 13 स्कूलों को धमकी देकर आडिट रिपोर्ट मांगी गई ।जानकारी  के अनुसार भोपाल से आये एक सज्जन जो अपने आप को कह रहे थे की मैं आडिट करने आया हूँ उनके द्वारा पूछे जाने पर की किस बात का आडिट हो रहा है यह भी नही बताया गया किस के आदेश पर यह आडिट हो रहा है और किस उद्देश्य से बैठक बुलाई गई यह भी नही बता प् रहे थे और जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर महोदय के नाम पर दान हेतु दबाब बनाया गया नही तो मान्य रद्द करने की धमकी दी गई।बिगत दिवस दो स्कूलो से 50000 और 20000 रूपये लेने की बात कबूली।आईएनएस न्यूज़ द्वारा जब जानकारी की गई की आडिट रिपोर्ट तो जिला शिक्षा कार्यालय मैं जमा होती है हर वर्ष और मान्यता दी जाती है आप किस अधिकार से यह जानकारी धमकी देकर सम्मिट करवा रहे है तो भोपाल से आये महोदय कैमरा का सामना करने भाग गए।दान के नाम पर दबाब बनाकर वसूली जा रही है अवैध रकम।आईएनएस देगा स्टिंग वीडियो।