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Monday, July 31, 2017

एसबीआई बचत खाताधारकों के लिए बुरी खबर, आज से मिलेगा कम ब्याज

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नई दिल्‍ली। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सोमवार (31 जुलाई, 2017) को अपने ग्राहकों को बचत खाते में ब्याज को लेकर नया मसौदा पेश किया है। जिसमें बैंक के बचत खाताधारकों को दिए जाने वाले ब्याज में आधा फीसदी की कटौती की है।

गौरतलब है कि बैंक के इस कदम से छोटी बचत वाले खाताधारकों झटका लगा है। नई बयाज दरों के लेकर बैंक की तरफ से आधिकारिक बयान में कहा गया कि खाते में एक करोड़ से कम की राशि रखने वाले ग्राहकों को प्रतिवर्ष 3.5 फीसदी ब्याज दिया जाएगा। जबकि एक करोड़ से ज्यादा राशि रखने वाले ग्राहकों को पुरानी बयाज दर के तहत चार फीसदी वार्षिक ब्याज मिलता रहेगा। बता दें कि एसबीआई के 90 फीसदी ग्राहकों के बचत खातों में एक करोड़ रुपए से कम की राशि है। सोमवार को एसबीआई ने इसकी जानकारी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को दी है।
मामले में बैंक ने कहा कि बचत खातों में इस तरह के बदलाव की वजह से बैंकों को एमसीएलआर मेंटेन रखने में सहूलियत होगी। जानकारी के लिए बता दें कि ऐसे मामले में सबसे पहले रेट कट करने घोषणा आमतौर पर एसबीआई ही करता है। जिसके बाद दूसरे बैंक भी अक्सर ऐसा ही करते हैं। दूसरी तरफ एक्सपर्ट्स का अनुसान है कि 31 जुलाई (2017) को रेट कट के ऐलान के बाद ऐसा ही होने वाला है। 
गौरतलब है कि ब्याज दर कटौती में घोषणा के बाद एसबीआई के शेयर करीब पांच फीसदी उछाल के साथ 312 रुपए पर आ गए हैं। दूसरे तरफ बैंक ने ब्याज दर कम करने के पीछे महंगाई दर में गिरावट और उच्च स्तर की वास्तिक ब्याज दरों का होना बताया है। इससे पहले भी नोटबंदी के बाद बचत और चालू खातों में ज्यादा रकम जमा होने के बाद एक जनवरी 2017 से एमसीएलआर में भी 90 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर दी थी।

सरकार गैस सब्सिडी खत्‍म करेगी, हर महीने बढ़ेंगे LPG के दाम: जानें कितनी बढेंगी कीमतें ?

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नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार अब एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी को पूरी तरह से खत्‍म करने जा रही है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज बताया कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को अगले साल मार्च तक सब्सिडी को पूरी तरह से खत्‍म करने के लिए हर माह सब्सिडी वाले LPG सिलेंडर (14.5 किलोग्राम) के दाम में 4 रुपए की वृद्धि करने के लिए कहा है।  

सरकार ने इससे पहले इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्‍तान पेट्रोलियम से सब्सिडी वाले घरेलू LPG सिलेंडर की कीमत हर माह प्रति सिलेंडर 2 रुपए बढ़ाने के लिए कहा था। अब सरकार ने इस वृद्धि को दोगुना कर दिया है, ताकि सब्सिडी को पूरी तरह से खत्‍म किया जा सके। धर्मेंद्र प्रधान ने यह जानकारी लोकसभा में एक लिखित जवाब में दी। प्रत्‍येक परिवार को एक साल में 12 सिलेंडर सब्सिडी के साथ हासिल करने की पात्रता है। इस सीमा के बाद बाजार मूल्‍य पर सिलेंडर खरीदना होता है।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को 1 जुलाई 2016 से प्रति माह सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम में 2 रुपए की वृद्धि करने का अधिकार दिया गया था। तब से तेल कंपनियां अब तक 10 बार एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ा चुकी हैं। सरकार ने अपने 30 मई 2017 के आदेश में तेल विपणन कंपनियों को एक जून 2017 से हर माह प्रति सिलेंडर 4 रुपए बढ़ाने को कहा है। यह वृद्धि सब्सिडी खत्‍म होने या मार्च 2018 तक जारी रहेगी।
तेल कंपनियां नए आदेश के बाद दो बार दाम बढ़ा चुकी हैं। एक जुलाई को एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 32 रुपए की वृद्धि की गई थी, जो पिछले छह साल में सबसे ज्‍यादा थी। सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की दिल्‍ली में वर्तमान कीमत 477.46 रुपए है। पिछले साल जून में इसकी कीमत 419.18 रुपए थी। बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 564 रुपए है।

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के शराब व्यापारियों को अतिरिक्त समय देने से किया इनकार

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नई दिल्ली:   सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में शराब कारोबारियों को शराब के स्टॉक राज्य से बाहर भेजने की समय सीमा को बढ़ाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि उन्हें 31 जुलाई के बाद बची हुई शराब को नष्ट करना होगा। मई में सुप्रीम कोर्ट ने शराब निर्माता कंपनियों को राहत देते हुए पुराने स्टॉक के निपटारे के लिए 31 जुलाई तक मोहलत दी थी।
शराब निर्माता कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उनके पास 200 करोड़ रुपये की शराब का स्टॉक है, ऐसे में उन्हें स्टॉक क्लीयर करने के लिए थोड़ा वक्त और दिया जाए। उनकी मांग को मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शराब निर्माता कंपनियों को स्टॉक क्लीयर करने के लिए 31 जुलाई तक की मोहलत दी थी।
शराब के स्टॉक को क्लीयर करने के लिये सुप्रीम कोर्ट ने यह सीमा 31 मई निर्धारित की थी। लेकिन मई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों को 31 जुलाई तक अपना स्टॉक क्लीयर करने का समय दिया था।

उमाशंकर गुप्ता ने वार्ड-47 के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया


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भोपाल। राजस्व, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने वार्ड-47 के मेधावी विद्यार्थियों को मेडल और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कक्षा-8वीं, 10वीं और 12वीं के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया। श्री गुप्ता ने शिक्षण संस्थाओं के संचालकों को भी सम्मानित किया।

श्री गुप्ता ने कहा कि अब कोई भी मेधावी विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में 12वीं में माध्यमिक शिक्षा मण्डल के स्कूलों से 75 प्रतिशत और सीबीएसई की स्कूलों में 85 प्रतिशत से अधिक अंकों से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों की कॉलेजों की फीस सरकार देगी। उन्होंने कहा कि बच्चे इस योजना का लाभ लेने के लिये पूरे मन से पढ़ाई करें।

श्री गुप्ता ने शासन द्वारा महिलाओं और बालिकाओं के लिये चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों के कल्याण के लिये सतत प्रयत्नशील है। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।

सरदार सरोवर विस्थापितों के लिये पुनर्वास स्थलों पर सभी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था

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भोपाल : सोमवार, जुलाई 31, 2017, सरदार सरोवर से बड़वानी जिले में विस्थापित होने वाले 2392 परिवारों के लिये 39 पुनर्वास केन्द्र एवं 50 अस्थाई पुनर्वास शेड में सभी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गयी है।

पुनर्वास केन्द्रों पर बिजली, सड़क, पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं के अलावा अन्य सुविधाएँ मुहैया करवाई गयी हैं। यहाँ पर 115 हेण्ड-पम्प एवं 81 पॉवर पम्प के माध्यम से पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। आंतरिक सड़कों का जाल बिछाया गया है तथा 171 शासकीय भवनों की मरम्मत एवं रंग-रोगन का कार्य भी पूर्ण किया जा चुका है।
डूब क्षेत्र में रहने वाले ऐसे परिवार, जिन्होंने किसी कारणवश पुनर्वास स्थलों पर मकान नहीं बनाये हैं, उनके लिये 50 अस्थाई शेड का निर्माण करवाया गया है, जहाँ 1000 परिवार तात्कालिक रूप से निवास कर सकेंगे।  इसी प्रकार धार की कुक्षी एवं मनावर तहसील के 752 परिवारों ने सरदार सरोवर पैकेज योजना के अंतर्गत वचन-पत्र भरकर 80 हजार रुपये का लाभ लिया है।
मनावर तहसील के 392 परिवारों को 3 करोड़ 13 लाख 60 हजार रुपये तथा कुक्षी तहसील के 360 परिवारों को 2 करोड़ 88 लाख रुपये का भुगतान किया गया है।  पुनर्वास स्थलों पर स्वास्थ्य संस्थाओं पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिये 49 सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में 158 चिकित्सा अधिकारियों एवं पेरामेडिकल स्टॉफ की ड्यूटी 24 घंटे आगामी आदेश तक लगायी गयी है। नगरीय निकायों के फायर ब्रिगेड को चालक एवं फायर स्टॉफ सहित तत्काल प्रभाव से पुनर्वास केन्द्रों पर मुहैया कराया गया है। 
धार के 17 पुनर्वास स्थलों पर 30 जून, 2017 तक 101.35 किलोमीटर आंतरिक मार्गों का निर्माण किया जा चुका है। यह कार्य लगातार जारी है। साथ ही पेयजल के लिये हेण्ड-पम्प, नल-जल योजना के तहत नल कनेक्शन, निस्तार के लिये नालियाँ, स्ट्रीट लाइट, पशुओं के लिये शेड, चारा एवं भूसा आदि सुविधाएँ मुहैया करवायी जा रही हैं।
धार की दोनों तहसील में विद्युत व्यवस्था के लिये 221 ट्रांसफार्मर लगाये जा चुके हैं। शेष कार्य तीव्र गति से किये जा रहे हैं। पुनर्वास स्थलों पर 24 घंटे विद्युत आपूर्ति के लिये ट्रांसफार्मर एवं इलेक्ट्रिक पोल लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

तेंदूपत्ता संग्राहकों के हितों का रखा जायेगा पूरा-पूरा ख्याल : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सतना जिले के बरौंधा में तेन्दूपत्ता संग्राहक सम्मेलन को सम्बोधित किया।

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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सतना के बरौंधा में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिये प्रारंभ की चरण पादुका योजना

भोपाल : सोमवार, जुलाई 31, 2017, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार वनवासियों के हितों का पूरा-पूरा ख्याल रखेगी। राज्य सरकार ने उनके हितों में अनेक निर्णय लिये हैं। वनवासियों को वनोपज का उचित मूल्य मिल सके, इसके लिये राज्य सरकार महुआ और अचार की गुठली जैसी वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2015-16 में बोनस का लगभग 71 करोड़ रुपये वितरित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज सतना जिले के मझगवां विकासखण्ड के बरौंधा में तेंदूपत्ता संग्राहकों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने संग्राहकों को अपने हाथों से जूते-चप्पल पहनाकर और पानी की बॉटल देकर चरण पादुका योजना की शुरूआत की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में महुआ फूल की खरीदी भी 30 रुपये प्रति किलो की दर पर की जा रही है। उन्होंने कहा कि मझगवां के वन क्षेत्र में अचार, महुआ और करंज जैसी कई तरह की वनोपज पैदा होती है। इनकी खरीदी के लिये वन विभाग बरौंधा, कौहारी, पछीत और पाथरकछार में 4 खरीदी केन्द्र खोलेगा।  गरीबों की आवास समस्या का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पक्का मकान देने की योजना में सतना जिले में 23 हजार और वन ग्रामों में 6000 मकान स्वीकृत किये गये हैं।
वन क्षेत्र में इस वर्ष 5000 पक्के मकानों का विशेष पैकेज दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने के संकल्प के तहत पाथरकछार में 30 करोड़ 64 लाख रुपये के तालाब और अन्य ग्रामों में सिंचाई तालाब बनाकर पानी की व्यवस्था की जायेगी। क्षेत्र में 5000 कपिलधारा के कुएँ भी बनाये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिये स्व-सहायता समूह बनाये जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस वनवासी क्षेत्र में 50 कस्टम हायरिंग केन्द्र खोले जाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि सरकारी हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था की जायेगी। पहाड़ी अंचल के इन गाँव में दीनदयाल चलित अस्पताल की व्यवस्था भी की जायेगी। उन्होंने क्षेत्र के हाईस्कूल को हायर सेकेण्डरी के रूप में उन्नयन करने की बात भी कही। मुख्यमंत्री ने वनोपज और बाँस शिल्प की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

निजी स्कूलों की मान्यता के लिये एक एकड़ जमीन का नियम समाप्त

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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की घोषणा  

भोपाल : प्रदेश के निजी स्कूलों को अब मान्यता के लिये एक एकड़ जमीन के स्वामित्व का बंधन नहीं होगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ अपने निवास पर मिलने आये निजी स्कूलों के संचालकों के प्रतिनिधि-मंडल से चर्चा करते हुए यह घोषणा की।
सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विश्वास सारंग के नेतृत्व में प्रतिनिधि-मंडल आज श्री चौहान से मिला।  उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिये थे। श्री चौहान ने निजी स्कूल के संचालकों और प्रबंधकों से कहा कि वे शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और बच्चों की पढ़ाई पर पूरा ध्यान लगायें।
उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिये प्रतिबद्ध है। शिक्षा दान सबसे पवित्र कार्य है। इसे पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ पूरा करें। बच्चों का भविष्य बनाने में सरकार का सहयोग करें।
निजी स्कूल संचालकों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि एक एकड़ जमीन का नियम शहरों के लिये व्यवहारिक नहीं है। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि-मंडल से अन्य विषयों पर भी चर्चा की।

रमन सिंह ने जताई मध्यप्रदेश की जीवनरेखा नर्मदा की चिंता ?

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अनिल पुरोहित


भोपाल। पिछले दिनों नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की क्षेत्रीय बैठक में भाग लेने आए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जल, जंगल और जमीन का जिक्र करते हुए बताया कि अमरकंटक तक मण्डला तक साल के पेड़ लगे हुए हैं और उनके सूखने की शिकायतें आ रही हैं

अगर साल के पेड़ सूख गए तो नर्मदा खत्म हो जाएगी। क्योंकि साल के पेड़ पानी छोड़ते हैं और वो क्यों सूख रहे हैं इसकी कोई चिंता नहीं कर रहा है? डॉ. रमन सिंह के इस तरह के उद्बोधन से यह बात तो सामने आई कि मध्यप्रदेश की जीवनरेखा नर्मदा की चिंता कर रमन सिंह ने अपने इस भाषण के माध्यम से इस प्रदेश के लोगों की नर्मदा के प्रति चिंता और नर्मदा के संरक्षण के लिये किये जा रहे कार्यों पर तमाम सवाल उठा दिये?
डॉ. रमन सिंह ने अपने भाषण के दौरान जिस तरह के साल के पेड़ सूखने को लेकर हालांकि ठीक इसी तरह की चिंता जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नमामि देवी नर्मदा यात्रा के समापन के अवसर पर प्रधानमंत्री के समक्ष भी की थी और बड़ी ही बुलंद आवाज में नर्मदा के तट अमरकंटक पर उन्होंने अपने भाषण के दौरान यह तक कह डाला था कि अब नर्मदा को बचाने के लिये हरसंभव प्रयास किये जायेंगे। जिस अमरंकटक के किनारे शिवराज सिंह भाषण दे रहे थे ठीक उसी से कुछ ही दूरी पर अमरकंटक में एक कंपनी के द्वारा लगाये गये यूकेलिपटस के पेड़ इस बात की गवाही दे रहे थे कि हमारे नेता नर्मदा के संरक्षण के लिये कितने चिंतित हैं, क्योंकि यह यूकेलिपटस के पेड़ जहां और जितने एकड़ भूमि में लगे हुए हैं
वहाँ कभी साल के पेड़ हुआ करते थे, नेतागिरी और वाहवाही लूटने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुटकी लेते हुए यह तक कह दिया था कि कुछ सरकारें थी जो यूकेलिपटस के पेड़ लगाया करती थें लेकिन अब यह सब नहीं चलेगा सवाल यह उठता है कि इस प्रदेश में २००३ के बाद तो भाजपा की ही सरकार है, क्या इस दौरान अमरकंटक में जिस जन्मभूमि पर कंपनी द्वारा यूकेलिपटस के पौधे लगाये जा रहे हैं वह इस दौरान नहीं लगाये गये और इसका लाभ मध्यप्रदेश सरकार को नहीं मिला फिर दूसरे पर उंगली उठाने भर से ही काम चल जाएगा, अपनी कथनी और करनी में मुख्यमंत्री को फर्क देखना चाहिए कि उनके ही शासनकाल में नर्मदा के उद्गम स्थल के लिये किये गये कार्यों में कितनी त्रुटियां अपनाई गई जिसके चलते नर्मदा की स्थिति आज यह है और भाषणों का यह दौर चलता रहा तो आगे क्या होगा यह तो भविष्य बताएगा?
लेकिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ग्रीन ट्रिब्यूनल की क्षेत्रीय बैठक में अपने भाषण में जिस प्रकार से नर्मदा किनारे मध्यप्रदेश की जल, जंगल और जमीन का जिक्र किया इसके बावजूद भी यदि हमारे राजनेता नहीं चेते तो यही माना जाएगा कि उनकी कथनी और करनी में अंतर है वह कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं और यही सब खेल पिछले १३ वर्षों से भाजपा शासनकाल के दौरान चलता आ रहा है।
तभी तो यह स्थिति बनी है, इन सब मुद्दों को लेकर राजधानी के वरिष्ठ पत्रकार राघवेन्द्र सिंह ने दैनिक नया इंडिया के अपने नियमित कालम ‘न काहू से बैर में जो सटीक विवरण प्रस्तुत किया है उनके अनुसार अच्छी बातें तो बुरे लोग भी करते हैं। हमेशा लोग कामकाज से ही जाने जाते हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जल, जंगेल और जमीन का जिक्र करते हुए बताया कि अमरकंटक से मंडला तक साल के पेड़ लगे हैं और उनके सूखने की शिकायत आ रही है। अगर साल के पेड़ सूख गये तो नर्मदा खत्म हो जाएगी। 
क्योंकि साल के पेड़ पानी छोड़ते हैं और वो क्यों सूख रहे हैं इसकी कोई चिंता नहीं कर रहा है। इसमें खास बात यह है कि नर्मदा जो मध्यप्रदेश को जीवन रेखा है और इसकी चिंता रमन सिंह कर रहे हैं मध्यप्रदेश के लोग नहीं कर रहे हैं। बंदर, भालू जंगल छोड़ छोड़ कर बाजार और शहरों में आने लगे हैं क्योंकि हमने उनके घरों को उजाड़ दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी अन्य राज्य को लेकर इसका जिक्र नहीं कर रहे। जाहिर है कि यह एहतियात उन्होंने मध्यप्रदेश को लेकर बरता होगा, क्योंकि एनजीटी के क्षेत्राधिकार में मध्यप्रदेश भी आता है और अक्सर राजधानी भोपाल के केरवा पहाड़ी और कोलार क्षेत्र में शेर, तेंदुए की आमद आम हो गई है। अक्सर शहर और गांव के लोगों से रात तो क्या दिन में भी जंगल महकमा इन इलाकों में जाने से रोकने की एडवाइजरी जारी करता है। यहां हम बता दें कि कोलार और केरवा इलाके में बस्तियों के साथ शिक्षण संस्थान भी खुल गये हैं। याने अब गाय बैलों के साथ आम आदमी भी शेर, तेंदुए की शिकारगाह में आ गया है। 
मुद्दा यहीं से शुरू होता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने भावुक और संवेदनशील स्वभाव के अनुरूप एनजीटी के निर्णयों की जमकर तारीफ की। उन्होंने जो कहा उसका लब्बोलुआब यह है कि ट्रिब्यूनल की सक्रियता से भोपाल जिल स्टेशनों की तरह सुंदर बना हुआ है। यहां जंगल और नदियां एक तरह से सुरक्षित हैं। इन बातों से अलग दूसरी तस्वीर भी है। मसलन हम भोपाल का ही जिक्र करें तो एनजीटी ने बड़ी झील को बचाने के लिये निर्देश दिये थे। उनके पालन में हफ्तों नहीं महीनों बीत गये हैं लेकिन सरकार और प्रशासन का काम दीवार धकाने जैसा साबित हुआ है। मिसाल के तौर पर भोपाल के बीचोंबीच आये स्लाटर हाउस को हटाने के निर्देश दिये थे लेकिन सरकारी जलेबी नहीं इमरतीनुमा कोशिशों के चलते अभी तक यह टस से मस नहीं हुआ है।
जबकि एनजीटी ने नगर निगम, मुख्य सचिव तक को निर्देश दिये थे। मगर समूची कार्यवाही एनजीटी को थकाने वाली साबित हुई। ऐसे ही बड़ी झील को कहते तो भोपाल की लाइफ लाइन है लेकिन इसका दम घोंटने के लिये रिटर्निंग वाल कैचमेंट एरिया में बनाने के बजाय झील के अंदर ही बना दी गई। यह बात पिछले साल बारिश की है। वह तो अच्छा हुआ कि बरसात इतनी हुई कि झील ने खुद अपनी हद तय कर ली।
नतीजा यह हुआ कि रिटर्निंग वाल पानी में डूब गई और बड़ी झील कई मीटर दूर तक निकल गई। इस पर खुद मुख्यमंत्री ने झील किनारे घूम कर रिटर्निंग वाल तोडऩे के निर्देश दिये थे। मगर एनजीटी और सीएम के आदेश सुरक्षित स्थान पर रखे हुये है और समस्या का भी बालबांका नहीं हुआ है। ऐसी ही कहानी जो मुनारे झील के बाहर लगनी थीं वे झील के भीतर लगा दी गई। उन्हें भी एक साल से ढूंढा जा रहा है। मगर महापौर, चीफ सेके्रटरी और चीफ मिनिस्टर की बातों के बावजूद उन्हें ढूंढा नहीं जा सका है। याने झील का गला घोंटने का वाली सरहद न तो तोड़ी गई है और न ही मुनारे मिली हैं। आगे इसकी कोई संभाव ना भी नजर नहीं आते हैं। आगे देखें तो सरकारें गुड गवर्नेंस की बातें करती हैं।
मगर होता उसके उलट है। स्कूल शिक्षा का स्तर उठाने की बात होती है, परिणाम मेें गिरता हुआ दिखता है। अस्पतालों में मरीज का इलाज और दवा देने की बात होती है लेकिन न डॉक्टर होते हैं न दवाएं मिलती हैं। इसी तरह खेती को लाभ का धंधा बनाने की बात होती है और वह बनता है, मौत का धंधा। एनजीटी के और आदेश की बातें करें नर्मदा समेत नदियों से रेत निकालने और पहाड़ को खोदने से रोकने की लेकिन होता है इसके खिलाफ। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने कहा था कि रेत चोरी रोकने के लिये अब नदियों के हरेक घाट पर तो हथियारबंद लोगों की तैनाती नहीं की जा सकती। सरकार ऐलान कर चुकी है कि मरीजों के इलाज के लिये अस्पतालों में डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं। इसका मतलब अब जिसको जैसे इलाज कराना हो वह खुद तय कर ले।
इसी तरह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अपने भाषणों में अक्सर कहती थीं गरीबी हटायेंगे। बाद में विरोधियों ने इसमें सुधार किया और कहा इंदिरा जी ने गरीबी तो नहीं गरीब को जरूर हटा दिया। ऐसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बातें करते हैं कि न खाऊंगा न खाने दूंगा। लेकिन भाजपा शासित राज्यों में देखें तो यहां लोग खा रहे हैं और खाने भी दे रहे हैं और लोग देख रहे हैं कि नरेंद्र मोदी के नारे के खिलाफ आचरण करने वालों का कुछ नहीं बिगड़ रहा है। इस तरह की बातों के अनेक उदाहरण मिल सकते हैं, लेकिन बात वहीं है कि अच्छी बातें तो बुरे लोग भी करते हैं। सही मायने में आदमी आचरण, व्यवहार और कर्मों से ही जाना जाता है। देश की सियासत और समाज में जो घट रहा है उसके लिये मशहूर कवि ओमप्रकाश आदित्य की कालजयी रचना प्रस्तुत है :- इधर भी गधे हैं, उधर भी गधे हैं, जिधर देखता हूं, गधे ही गधे हैं, गधे हंस रहे हैं, आदमी रो रहा है हिन्दोस्तां में ये क्या हो रहा है,
जवानी का आलम गधों के लिये है, ये रसिया, ये बादम गधों के लिये है, ये दिल्ली, ये पालम, गधों के लिये है, ये संसार साल गधों के लिये है, पिलाए जा साकी, पिलाए जा डट के, तू विहस्की के मटके पै मटके, मैं दुनियां को अब भूलना चाहता हूं, गधों की तरह झूमना चाहता हूं, घोड़ों को मिलती नहीं घास देखो, गधे खा रहे च्यवनप्राश देखो, यहाँ आदमी की कहाँ कब बनी है, ये दुनिया गधों के लिये ही बनी है, जो गलियों में डोले वो कच्चा गधा है, जो कोठै पे बोले वो सच्चा गधा है, जो खेतों में दीखे वो फसली गधा है, जो माइक पे चीखे वो असली गधा है, मैं क्या बक गया हूं, ये क्या कह गया हूं, नहीं कि पिनक में कहां बह गया हूं, मुझे माफ करना मैं भटका हुआ था, वो ठर्रा था, भीतर जो अटका हुआ था !!

छिन्दवाड़ा: लंबित प्रकरणों का संवेदनशीलता के साथ निराकरण करे : कलेक्टर श्री जे.के.जैन

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छिंदवाड़ा ( शहर ) : रिपोर्टर // प्रशांत सुब्बा 

Mob. No. : 8720031368


लंबित पत्रों की समीक्षा बैठक संपन्न  

छिन्दवाड़ा | 31-जुलाई-2017. कलेक्टर श्री जे.के.जैन की अध्यक्षता में आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में समय सीमा के लंबित पत्रों की बैठक संपन्न हुई।

बैठक में कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि सी.एम. हेल्प लाईन, पी.जी.सेल, जन शिकायत निवारण, जनसुनवाई और अन्य लंबित प्रकरणों का संवेदनशीलता के साथ निराकरण करे। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री रोहित सिंह और अतिरिक्त कलेक्टर श्री आलोक श्रीवास्तव सहित सभी विभाग प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
 बैठक में कलेक्टर श्री जैन ने निर्देश दिये कि सी.एम.हेल्प लाईन को रोज खोले और आवेदनो को पढ़ने के बाद प्रकरणों का तत्परता से निराकरण करें। उन्होंने आगामी 5 अगस्त को मुख्यमंत्री के प्रस्तावित भ्रमण कार्यक्रम के संदर्भ में समुचित कार्यवाही करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।
उन्होंने जंगली सुअरों द्वारा फसल व सब्जियों को नष्ट करने पर समुचित उपाय करने, पॉलीथिन बैग के उपयोग पर प्रभावी रूप से रोक लगाने और पॉलीथिन के विकल्प के रूप में स्वसहायता समूहों के माध्यम से कपडे की थैलियां बनवाने, ग्राम रेंगा पठारढाना में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत विद्युतीकरण करने, पुनर्वास ग्राम भूला को राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने,
निर्माण कार्यो का भुगतान करने और निर्माण कार्य स्वीकृति के बाद कार्य शुरू नही करने पर संबंधित के विरूध्द कार्यवाही करने, जनपद पंचायत बिछुआ के सभागार निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच करने, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अऋणी किसानों को लाभान्वित करने, स्वाईल हेल्थ कार्ड बनाने, खनिज प्रतिष्ठान न्यास की बकाया राशि की वसूली करने, ग्रामीण खेल मैदान बनाने, शिक्षकों का प्रशिक्षण कराने, पेंशन बीमा, अनुकंपा, ग्रेज्युटी आदि की राशि का भुगतान करने,
समस्त योजनाओं में आधार सीडिंग करने, हम्माल, तुलावटी और उनके परिवार के सदस्यों की सूची अद्यतन करने, मध्यान्ह भोजन के अंतर्गत रसोईयों के आधार कार्ड लिंक करने, सशस्त्र झंडा दिवस की राशि जमा कराने, खनिज संसाधनों से प्राप्त बजट के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर निर्माण कार्य करने, लाडली लक्ष्मी योजना के ई-प्रमाण पत्र बनाकर हितग्राहियों को उपलब्ध कराने, शासन से 4 एकड भूमि का पट्टा व्यवस्थापन करने आदि के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।      
बैठक में कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि अधिकारी ईमानदारी व गुणवत्ता से समय पर कार्य करें। जिन अधिकारियों का कार्य समय पर नही होगा उन्हे जिम्मेदार मानते हुये कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी ऐसी नौबत न आने दे जिससे प्रकरणों के निराकरण नही होने पर शास्ति की जाये।
उन्होंने निर्देश दिये कि आवारा घूमने वाले पशुओं को कांजी हाउस में बंद करें और आवारा कुत्तो पर भी उचित कार्यवाही करें। उन्होंने यू.आई.डी. प्रोजेक्ट के अंतर्गत आई.ई.सी. फंड का उपयोग करने, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में हितग्राहियों को लाभान्वित करने, नजूल व डायवर्सन की वसूली, सीमांकन करने, वनाधिकार पट्टा का कार्य पूर्ण करने आदि के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।

विदिशा : कलेक्टर श्री अनिल सुचारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा पुल-पुलियों का जायजा

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गंजबासौदा ( विदिशा ) : राहुल माथुर 

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विदिशा | 31-जुलाई-2017. कलेक्टर श्री अनिल सुचारी और पुलिस अधीक्षक श्री विनीत कपूर ने आज संयुक्त रूप से अतिवर्षा के कारण बेतवा और बैस नदी के मार्ग के पुलो के ऊपर वर्षारूपी जलभराव के कारण आवागमन बंद होने के कारण चरणतीर्थ और बैसनगर क्षेत्र का जायजा लिया।
कलेक्टर श्री सुचारी ने यहां तैनात सुरक्षाकर्मियो को स्पष्ट निर्देश दिए कि जब तक पुल के ऊपर पानी बह रहा है। तब तक किसी को भी पार ना करने दें। उन्होंने पुल के दोनो तरफ बेरिकेट्स लगाए रखने, चौबीस घंटे कर्मचारी तैनात रहने एवं रात्रि में रेडियमयुक्त ड्रेस व छड़ी से आवागमन को रोके रखने की सख्त हिदायत दी है।
पुलिस अधीक्षक श्री कपूर ने पुलिसकर्मियों से कहा कि वे मुस्तैद रहे किसी भी प्रकार की हानि ना हो के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित करें। जलभराव क्षेंत्रो पर सतत निगरानी रखें। किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होने की संभावना हो तो अविलम्ब सूचित करें।
भ्रमण के दौरान एसडीएम श्री आरपी अहिरवार, सीएसपी श्री नागेन्द्र पटेरिया, डिस्ट्रिक्ट कमाण्डेट होमगार्ड श्री सुनीत मिश्रा के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी साथ मौजूद थे।

कलेक्टर श्री राठी ने ग्राम चौपाल के माध्यम से जानी योजनाओं की हकीकत

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शिवपुरी  : संवाददाता – शील कुमार यादव

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सहरिया परिवारों की जमीन पर से बागड़ एवं बाउण्ड्री हटाने के दिए निर्देश

शिवपुरी | 31-जुलाई-2017 .ग्रामीणों की समस्याओं से रूबरू होने एवं उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु कलेक्टर श्री तरूण राठी ने आज शिवपुरी तहसील के ग्राम कलोथरा में सहरिया जनजाति बाहुल्य मोहल्ले में चौपाल के माध्यम से ग्रामीणों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं को जहां सुना और योजनाओं की जमीनी हकीकत जानी।      

कलेक्टर श्री राठी ने चौपाल में दो ग्रामीणों सीताराम एवं रामस्वरूप की सहमति से, इसी प्रकार रामहेत के बच्चे एवं विजय की पत्नि के प्रकरणों में त्वरित वंटवारे की कार्यवाही भी कराई।
कलेक्टर श्री राठी ने इस दौरान ग्राम के सहरिया रामचरण आदिवासी की जमीन पर सीताराम एवं रामचरण धाकड़ द्वारा अवैध रूप से बागड़ लगाए जाने और गांव के ही आदिवासी मुरारी, शियाराम, प्रेम की जमीन पर गिर्राज धाकड़ द्वारा बनाई गई बाउण्ड्री को तत्काल प्रभाव से हटाने के राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए और कहा कि बागड़ एवं बाउण्ड्री न हटाने पर संबंधित के विरूद्ध में पुलिस की भी कार्यवाही करें। श्री राठी ने ग्रामीणों से शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी एवं हितग्राही मूलक योजनाओं की बिन्दुवार चर्चा करते हुए उनसे मिलने वाले लाभ एवं योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत की भी जानकारी ली। 
उन्होंने इस दौरान ग्रामीणों से स्कूल एवं आंगनवाड़ी केन्द्र समय पर खुलना, आंगनवाड़ी केन्द्र से मिलने वाली सेवाए, शिक्षकों की उपस्थिति, वन व्यवस्थापन के पट्टे, गांव में निर्माण किए जा रहे शौचालय, अवर्षा की स्थिति में कम पानी की बोई जाने वाली फसलों, मौसमी बीमारियों आदि के संबंध में भी चर्चा कर जानकारी ली।  श्री राठी ने इस दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांव के ही संजय आदिवासी, सुरेश, मनीराम, शियाराम एवं फूलचंद आदिवासी के निर्माणाधीन आवासों का अवलोकन करते हुए प्राप्त राशि की भी जानकारी लेते हुए कहा कि आवासों के निर्माण कार्य में गति लाए। 
इस दौरान उन्होंने जिले की ग्राम पंचायतों में जुलाई माह में समन्वयक अधिकारियों पीसीओ द्वारा गांव-गांव जाकर योजनाओं की जानकारी ग्रामीणों को देने एवं पात्र हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कराने हेतु जानकारी भी ली। ग्रामीणों ने चौपाल में बताया कि उनके द्वारा आए हुए दल को उनकी समस्याओं से भी अवगत कराया गया। परिवार सहायता योजना के दौरान एक हितग्राही को 20 हजार रूपए की सहायता राशि भी प्राप्त हुई है। 
कलेक्टर श्री राठी को ग्राम चौपाल में ग्रामीण महिलाओं ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि गांव में अवैध रूप से बेची जा रही शराब को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाए। भ्रमण के दौरान अनुविभागीय दण्डाधिकारी शिवपुरी श्री रूपेश उपाध्याय सहित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आदि उपस्थित थे। 

विधान सभा क्षेत्र सुसनेर के विकास कार्यो की समीक्षा बैठक सम्पन्न

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सुसनेर संवाददाता : गिरिराज बंजारिया  

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आगर-मालवा | 31-जुलाई-2017. विधानसभा क्षैत्र सुसनेर के विकास कार्यो की समीक्षा बैठक आज कलेक्टर सभा कक्ष में कलेक्टर श्री अजय गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में विधायक श्री मुरलीधर पाटीदार, जिला पंचायत सीईओ श्री राजेश शुक्ल, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती वर्षा भूरिया, एसडीएम श्री जीएस डावर सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में विधायक श्री पाटीदार ने बताया कि सुदूर सड़क योजना की राशि ग्राम पंचायत को नहीं मिल पा रही है। सरपंचों को निर्माण कार्यो के मूल्यांकन के लिए सब इंजीनियर के चक्कर लगाना पड़ रहा है। कुछ ग्राम रोजगार सहायक प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि जान बुझकर रोक देते है। विधायक एवं सांसद निधि के निर्माण कार्यो में भी विलम्ब हो रहा है।
कृषि विभाग द्वारा हितग्राहियों को वितरित की जाने वाले कृषि आदानों की जानकारी नहीं दी जा रही है। सुदूर सड़क योजना अतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कम से कम एक-एक कार्य लिए जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि धारूखेड़ी एवं लक्ष्मीपुरा स्कूल में बच्चे कम और शिक्षक अधिक है। पानखेड़ी में पानी की जांच कराई जाए। ग्राम सेमलखेड़ी में पानी की गंभीर समस्या है।      
कलेक्टर श्री गुप्ता ने सुदूर सड़क योजनान्तर्गत कार्यो की समीक्षा करते हुए नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब स्वयं का मकान बनाते हो तब तो इतनी देर नहीं होती है, फिर छोटे-छोटे कार्यो में इतनी देरी किस कारण से हो रही है। सब इंजीनियर निर्माण कार्यो के मूल्यांकन में अनावश्यक विलम्ब ना करें। जो सब इंजीनियर मूल्यांकन कार्य एवं प्रचलित निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग करने में लापरवाही बरतेगा,उसके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही होगी।
उन्होंने निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनान्तर्गत प्रगति निराशाजनक है, जो ग्राम रोजगार सहायक कार्य में लापरवाही बरत रहा है,उसे बाहर किया जाए। आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए कहा कि दो कमरे की आंगनवाड़ी निर्माण में एक वर्ष से अधिक लग रहा है। कलेक्टर श्री गुप्ता ने जिला शिक्षाधिकारी को निर्देश दिए कि जिन स्कूलों में बच्चे कम है और शिक्षक अधिक है,उनके संबंध में आवश्यक कार्यवाही नियमानुसार करें।   
उन्होंने एमपीईबी के अधिकारी श्री जैन को मजरे टोलो में विद्युतीकरण के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। कलेक्टर श्री गुप्ता ने सभी सीएमओ को निर्देशित किया कि जिन कार्यो की तकनीकी स्वीकृती हो गई है, उसके प्रकरण एक सप्ताह में प्रशासकीय स्वीकृति के लिए प्रस्तुत करें।  
कलेक्टर श्री गुप्ता ने जनपद सीईओ सुसनेर एवं नलखेड़ा को निर्देशित किया कि मनरेगा एवं पंच परमेश्वर अन्तर्गत सीसी रोड़ निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराएं। उन्होंने निर्देश दिए कि मोक्षधाम एवं खेल मैदान का कार्य शीघ्र पूर्ण कराएं तथा मोक्षधाम एवं खेल मैदान में यदि अतिक्रमण है, तो उसे तत्काल हटाने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंनें नाडेप, कपिलधारा एवं जल संरचना आदि कार्यो के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

माँ का पहला पीला गाढ़ा दूध शिशु के लिये अमृत के समान होता हैं-श्रीमती चिटनीस

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मीडिया कार्यशाला में मंत्री ने कहा कि स्तनपान हेतु समाज में जागरूकता फैलाये  
बुरहानपुर | 31-जुलाई-2017. विश्व स्तनपान सप्ताह 1 से 7 अगस्त तक मनाया जायेगा। इसके पूर्व सोमवार को जिला पंचायत सभागृह में प्रदेश सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस की अध्यक्षता में मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मीडिया के प्रतिनिधियों, स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाईजर, ए.एन.एम. सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यशाला में मंत्री श्रीमती चिटनीस ने बताया कि मीडिया, स्वास्थ्य एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को स्तनपान हेतु संवेदनशील होना जरूरी हैं। 
कुपोषण और शिशु मृत्यु दर का मुख्य कारण माताओं द्वारा बच्चों को स्तनपान नहीं करवाना हैं। उन्होनें कहा कि शिशु के जन्म के समय का पीला गाढ़ा दूध (कोलॉस्ट्रम) शिशुओं के लिये बहुत जरूरी होता हैं जिसमें एन्टीबॉडिज की अत्यधिक मात्रा होती हैं, जो बच्चों को बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाती हैं और साथ ही वह भविष्य में कभी भी उपलब्ध नहीं हो सकने वाली खुराक है। किसी भी परिस्थिति में प्रसुता को प्रसव के तीन दिवस तक बच्चों को स्तनपान अवश्य कराना चाहिए।
धात्री माता को अपने बच्चें को 6 माह तक स्तनपान करवाना चाहिए। यह एक प्रकार का प्राकृतिक टीकाकरण के समान होता है। इस अवसर पर उन्होंने स्तनपान हेतु जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से थीम प्रस्तुत की, कि शिशु बड़ा होकर कह सकें ‘‘हाँ, मैंने माँ का दूध पिया हैं‘‘। मंत्री श्रीमती चिटनीस ने कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिये कि, अत्यधिक आवश्यकता होने पर ही सिजर से प्रसव करवाया जायें। प्रसव के पूर्व तथा प्रसव के पश्चात शिशु के माता-पिता से लिखित में फार्म अनिवार्य रूप से भरवाया जायें।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी प्रसुता के साथ बहुत ही आत्मीयता के साथ पेश आये। उन्होनें कहा कि गर्भवती एवं धात्री माताऐं सदैव प्रसन्न रहें, खूब अच्छा खायें तथा समाजजनों को स्तनपान के लिये जागरूक करना चाहिए। उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे अपने स्तर पर स्तनपान का बार-बार जिक्र कर इसे समुदाय तक पहुंचाने का कार्य करें। शादी की पत्रिका, कॉलेज, स्कूल, महिलाओं से संबंधित दुकानों में बार-बार स्तनपान के लिये प्रेरित किया जायें। मंत्री श्रीमती चिटनीस ने विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर गर्भवती एवं धात्री माताओं को संबोधित करते हुए एक पत्र भी प्रेषित किया हैं।     
कार्यशाला को कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व में ही स्वास्थ्य एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक में यह नोटिस किया गया है कि संस्थागत प्रसव अभी भी कम हो रहे हैं। उन्होनें समुदाय से अधिक से अधिक संस्थागत प्रसव करवाने के लिये अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व महिला एवं बाल विकास विभाग के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता हैं। जो ईमानदारी से कार्य नहीं कर रहे है उन्हें हटाकर नवीन भर्ती करवाई जायेंगी।