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Saturday, May 5, 2018

पारधी ढाने के जुआ की हाय - हाय ए मजबूरी, जुआ चलवाने के लिए मोटी रकम मिलना हुआ जरूरी

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जुआ घर

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भोपाल / बैतूल (संवाददाता) सीएम हेल्प लाइन में दर्ज शिकायत के प्रति पुलिस कितनी संवेदनशील है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस ने सीएम हेल्प लाइन में पारधी ढ़ाने के मुखिया अलस्या पारधी द्वारा संचालित लाखो के जुआघर को लेकर शिकायतकत्र्ता से बिना कुछ पुछताछ किए पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के आधार पर शिकायत को नस्तीबद्ध करने की सलाह तक दे दी। 

सीएम हेल्प लाइन में शिकायत का पुलिस द्वारा बताए गए समाधान से जब शिकायतकत्र्ता पूरी तरह से संतुष्ट नही हुए तो प्रभारी पुलिस अधीक्षक ने शिकायतकत्र्ता को समझाने का प्रयास किया कि उन्होने स्वंय अलस्या को बुलवा कर धंधा बंद करने की चेतावनी दे डाली लेकिन जब देर रात्री तक जुआघर में चहल - पहल बंद नहीं हुई तो शिकायतकत्र्ता ने सीएम हेल्व लाइन के रटे - रटे जवाब पर अपनी शिकायत की जांच एवं लिखीत कथन पर कार्रवाई न करके पुलिस की भूमिका पर संदेह व्यक्त कर उसके द्वारा कार्रवाई नही किए जाने की स्थिति में पुलिस को ही सवालो के घेरे में ला खड़ा कर दिया। 

उल्लेखनीय है कि शिकायतकत्र्ता को पुलिस ने बुलवा कर यह समझाने का प्रयास किया कि वह अलस्या का जुआ कारोबार बंद नहीं करवा सकती क्योकि पुलिस की अपनी भी कुछ मजबुरी है। अब पुलिस भी शिकायतकत्र्ता की बातो से सहमत नज़र आई और उसने भी स्वीकार किया कि अलस्या पारधी अपराधिक प्रवृति का व्यक्ति है इसके विरूद्ध मध्यप्रदेश - महाराष्ट्र के विभिन्न थानो में तीन दर्जन से अधिक गंभीर अपराधो में प्रकरण दर्ज है तथा अधिकांश मामले न्यायालय में विचाराधीन है। इसके विरूद्ध पुलिस द्वारा कई बार जिला बदर की कार्रवाई प्रस्तावित की गई लेकिन जिला बदर के मामलो में पुलिस कमीश्ररी प्रणाली के चलते कुछ भी हस्तक्षेप नहीं कर सकती। मामला जिला बदर के पेश करने के बाद कलैक्टर कार्यापालक दण्डाधिकारी है इसलिए कलैक्टर का काम जिला बदर करने का है हमे कुछ नहीं कर सकते। आज तक कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी। 

जिला मुख्यालय के हाकी स्ट्रोटर्फ स्टेडियम के बाजू में पारधी ढाने में  लगभग दो सौ से अधिक अपराधिक प्रवृति की धुमुन्तु जनजातियों के संग रहता है। यहां पर पक्का निमार्ण करके यहां पर दिन भर जुआ - सटट चलवाया जा रहा है। बेहद चौकान्ने वाली बात तो यह सामने आ रही है कि अलस्या पारधी द्वारा पूरे पारधी ढाने में खुफिया कैमरे लगा कर पुलिस की गतिविधियों की निगरानी की जाती है और जैसे ही पुलिस यहां पर दबीश देने जाती है अलस्या पारधी की पत्नि और उसके संग सभी महिलायें पुलिस पर टूट पडती है तथा ए महिला नग्र तक हो जाती है और उन्हे ऐसा करने के लिए बकायदा प्रशिक्षित किया गया है। पुलिस द्वारा जब भी यहां पर दबीश डाली गई है इनके द्वारा जुलूस निकाल कर पुलिस पर दबाव बना कर उन्हे ही प्रताडि़त एवं आरोपित किया जाता है। पुलिस स्वंय इनके आरोपो से बड़ी फजीहतो में पड़ चुकी है। 

वर्तमान समय में यहां पर भैसदेही थाना क्षेत्र का कुख्यात अपराधी भानू  / भालू  के साथ - साथ पूरे जिले में संगठित अपराध करने वाले अपराधी जुआ एवं सटट , शराब की अवैध बिक्री, संरक्षित वन्य जीवो की तस्करी एवं उनके मांस की बिक्री तथा अस्त्र - शस्त्र का भी कारोबार किया जाता है। पारधी ढाने में जुआ का फटट 50 हजार रूपये रोज से लाला नामक व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा है। लाला के संग साथियों मेंं हिड़ली, युनूस मामू , अलकेश, पंजाबराव सभी हिड़ली निवासी का का नाम प्रमुख है जो प्रतिदिन पारधी ढाने में ही डटे रहते है। पारधी ढाने में पुरा लेन - देन महीना वार / सप्ताहवार / दैनिक लेन - देन का काम अमजद खान उर्फ पठान द्वारा किया जाता है। पठान के साथ विकास, डाई, जय्यू , छोटा आरीफ पारधी ढाने में आने - जाने वालो पर नज़र रख कर पूरी मुखबीरी करते है। 

शिकायतकत्र्ता ने सीएम हेल्प लाइन में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया है कि बैतूल स्थित पारधी ढाने में गुडडू फैन्टा नामक व्यक्ति द्वारा पूरे बैतूल जिले के सटट्े का उतारे का काम जाता है। पारधी ढाने में चल रहे अनैतिक कार्यो को कुछ स्थानीय समाचार पत्रो एवं टीवी चैनलो के पत्रकारो का संरक्षण प्राप्त है। ऐसे लोगो में वे लोग है जिनके बारे में आईबी रिर्पोट में कहा गया है कि ए तथाकथित पत्रकार बैतूल जिले में नक्सलवादी गतिविधियों को संरक्षण के साथ - साथ उसे बढ़ावा देने का काम कर रहे है। शिकायतकत्र्ता का कहना है कि इनकी बसाहट सोनाघाटी के पास प्रस्तावित है तो उन्हे शहरी आबादी से दूर बसाया जाए ताकि इनकी अपराधिक गतिविधियों को शहरी आबादी के बच्चो पर बुरा असर न पड़ सके। 

पुलिस को चाहिए कि वह अलस्या पारधी के विरूद्ध उसके दर्ज अपराधो के रिकार्ड के आधार पर जल्द रासुका के तहत कार्रवाई कर उसका जिला बदर हो ताकि जिले में पारधी अपराधिक जाति से लोग भयमुक्त हो सके। पुलिस द्वारा इनके विरूद्ध कार्रवाई नहीं की जाती है तो फिर ग्रामिण क्षेत्र चौथिया में घटित घटना की बैतूल शहर में पुरनावृति होने की संभावनाओ से इंकार नहीं किया जा सकता है।

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