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Tuesday, August 21, 2018

पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर बाजवा को गले लगाने पर नवजोत सिद्धू ने दिया करारा जवाब

पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर बाजवा को गले लगाने पर नवजोत सिद्धू का करारा जवाब के लिए इमेज परिणाम

TOC NEWS @ www.tocnews.org
प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर बाजवा को गले लगाने पर नवजोत सिद्धू ने अब एक ऐसा बयान दिया है, सुनकर सब चुप हो गए। घटना के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान और विपक्ष के तीखे आरोपों का सामना कर रहे पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि वह जवाब देने के लिए तैयार हैं और जब जरूरत होगी, मजबूत जवाब दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जब भी जवाब देना होगा। जवाब दूंगा और सभी को दूंगा। पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने पाकिस्तान गए नवजोत सिद्धू वहां पाक आर्मी चीफ के गले मिले थे। इस घटना को लेकर भारत में विपक्षी दलों ने उनकी कड़ी आलोचना की, वहीं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी सिद्धू की इस हरकत पर ऐतराज जताया था। अपने जवाब में सिद्धू ने कहा कि जब कोई उनसे यह कहे कि हम समान संस्कृति से हैं और एतिहासिक गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब का मार्ग खोलने की बात करे तो उन्हें क्या करना चाहिए था।

इस बीच, नवजोत सिद्धू की पाक सेना प्रमुख के जफ्फी को करतारपुर का मार्ग खुलने की उम्मीद जगाने वाला करार दिया जा रहा है। पंजाब में सिख समुदाय ने सिद्धू की जफ्फी के इस कारण को सही ठहराना शुरु कर दिया है। सिद्धू ने भी दावा किया है कि पाक सेना प्रंमुख श्री गुरु नानक देव जी के 550वें जयंती समारोह के उपलक्ष्य में करतारपुर का मार्ग खोलने पर विचार करने को सहमत हो गए हैं। सिद्धू ने कहा कि पाक सेना प्रमुख की यही बात सुनकर उन्हें बेहद खुशी हुई।

लाहौर से 120, डेरा बाबा नानक से सवा 6 किमी. दूर है करतारपुर

उल्लेखनीय है कि गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर पाकिस्तानी पंजाब के जिला नारोवाल के अधीन आता है। इस ऐतिहासिक स्थान पर श्री गुरु नानक देव जी ने 22 सितंबर, 1539 में अपनी सांसारिक यात्रा पूरी की थी। यह ऐतिहासिक स्थान लाहौर से तो 120 किमी. दूर है लेकिन भारत से इसकी दूरी महज सवा छह किमी. है।

बीच में रावी दरिया होने और पड़ोसी देश से संबंध अच्छे नहीं होने के कारण भारतीय पंजाब के डेरा बाबा नानक और पाकिस्तान मे करतारपुर के बीच कोई सीधा रास्ता नहीं खुला है। सिख समुदाय की लंबे समय से यह मांग रही है कि इस रास्ते को खोला जाए ताकि संगत श्री गुरु नानक देव जी के ऐतिहासिक स्थान के दर्शन कर सके।

इस समय डेरा बाबा नानक में बनी भारतीय सेना की चौकी पर स्थापित दूरबीन के जरिए करतारपुर गुरुद्वारे के दर्शन किया जा सकते हैं। सिख समुदाय का कहना है कि अगर नवजोत सिद्धू के इस पाक दौरे के चलते करतारपुर का रास्ता खुलता है तो सिखों के लिए यह बेहद खुशी का मौका होगा।

सिद्धू के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज करने की मांग

पाकिस्तान के सेना प्रमुख के गले लगना पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी व कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को मुसीबत में डाल सकता है। दरअसल, बिहार के मुजफ्फरनगर की एक कोर्ट में इस मामले में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।

इसमें मांग की गई है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के गले लगने के मामले में सिद्धू पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाए। यह शिकायत अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरी प्रसाद की कोर्ट में दायर की है।

इस पर सुनवाई 24 अगस्त को होगी। अपनी शिकायत में ओझा ने कहा है कि 18 अगस्त को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद के लिए इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने नवजोत सिंह सिद्धू गए थे। इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व पंजाब के मुख्यमंत्री से अनुमति नहीं ली थी। वहां उन्होंने बाजवा से गले मिलते तस्वीरें खिंचवाई।

सिद्धू की जफ्फी से शहीदों के परिजनों में रोष

पाकिस्तान के सेना प्रमुख के साथ कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू की जफ्फी से सरहदों पर शहीद हुए जवानों के परिजन बेहद गुस्से में आ गए हैं। उन्होंने सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है। शहीदों के परिजनों ने सोमवार को प्रेस क्लब में अपने दिल के जज्बात जाहिर किए।

जिनमें तरनतारन के शहीद परमजीत सिंह, अमृतसर के गुरमेल सिंह, अंबाला के गुरसेवक सिंह समेत कुछ शहीदों के परिजन शामिल थे। उनका कहना था कि रोज पाक सेना सरहद पर हमारे जवानों को शहीद कर रही है। ऐसे में सिद्धू का पाक सेना प्रमुख से गले मिलना शर्मनाक है। शहीद परमजीत सिंह का सिर भी नहीं मिला था।

उनके परिजनों ने कहा कि अगर सिद्धू वहां गए ही थे तो पाक सेना प्रमुख से अपने शहीद का शीश ही मांगते। परिजनों का कहना था कि सिद्धू इमरान खान से मिलने गए थे, उनसे मिलते। लेकिन पाक सेना प्रमुख से गले मिलने से वतन के लिए जान न्यौछावर करने वाले लोगों को परिजनों को बहुत ठेस पहुंची है।

वे जल्द ही और शहीदों के परिवारों को लामबंद करेंगे। फिर कांग्रेस प्रधान राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। उनसे पूछेंगे कि क्या सिद्धू उनकी इजाजत से पाकिस्तान गए थे, क्या उन्होंने जो किया, वह इससे सहमत हैं।

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