भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के भोपाल स्थित मुख्यालय 'समिधा" की सुरक्षा हटाए जाने के 24 घंटे के अंदर ही कमलनाथ सरकार ने सुरक्षा बहाल करने के निर्देश दिए हैं। सोमवार रात को संघ मुख्यालय में लगे सुरक्षा बल को हटाया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री और भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने भी मंगलवार सुबह ट्वीट कर मुख्यमंत्री कमलनाथ से सुरक्षा बहाल करने का आग्रह किया था। इस ट्वीट के बाद विपक्षी दल भाजपा के नेताओं ने कमलनाथ सरकार पर जमकर हमला बोला। इधर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक इंटेलीजेंस कैलाश मकवाना ने कहा कि संघ कार्यालय में लगे सुरक्षा बल को चुनावी जरूरत के हिसाब से वापस लिया गया था, जो स्थानीय पुलिस प्रशासन का फैसला था।
दिग्विजय ने बताया अनुचित
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भोपाल स्थित मुख्यालय 'समिधा" की सुरक्षा हटाने के बाद प्रदेश में दिनभर सियासी माहौल गर्म रहा। एक ट्वीट कर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि 'भोपाल में आरएसएस कार्यालय की सुरक्षा व्यवस्था हटाना उचित नहीं है। मैं मुख्यमंत्री कमलनाथ से आग्रह करता हूं कि संघ कार्यालय की पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था पुन: बहाल करने के आदेश दें।"
छह घंटे बाद सीएम ने दिया बहाली आदेश
सिंह के ट्वीट के छह घंटे बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बयान जारी कर बताया कि संघ कार्यालय की सुरक्षा व्यवस्था बहाल करने के निर्देश दे दिए हैं। कमलनाथ ने कहा कि 'मुझे आरएसएस के भोपाल स्थित कार्यालय से चुनाव आयोग में की गई एक शिकायत के चलते व चुनावी कार्य में फोर्स की आवश्यकता होने के कारण सुरक्षा हटा लेने की जानकारी मिली। कुल छह स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था हटाई गई। मैंने अधिकारियों को तुरंत ही निर्देश दिए हैं कि आरएसएस कार्यालय पर पुन: सुरक्षा व्यवस्था बहाल की जाए।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरएसएस से भले हमारे वैचारिक मतभेद हो सकते हैं और आरएसएस भले ही हमारा विरोध करता रहा हो, लेकिन मैं उनके कार्यालय से सुरक्षा हटाए जाने का पक्षधर नहीं हूं। हमने भाजपा की तरह दोहरा आचरण नहीं रखा। भले आरएसएस कार्यालय के जिम्मेदार लोग कह रहे हैं कि हमने सुरक्षा नहीं मांगी, लेकिन मैं इस तरह की राजनीति में विश्वास शुरू से नहीं करता हूं और न इस तरह के विषय को राजनीति का केंद्र बनाना चाहता हूं।
कमलनाथ ने कहा कि जो भाजपा नेता इस मामले पर हो-हल्ला मचा रहे हैं। हमले की आशंका जता रहे हैं। सुरक्षा की आवश्यकता की बात रहे हैं। उन्हें विधिवत प्रक्रिया का पालन कर सुरक्षा की मांग वाला पत्र तुरंत प्रशासन को सौंपना चाहिए। सुरक्षा मांगना भी नहीं और कहना कि हटना भी नहीं चाहिए, यह बात समझ से परे है।
आतंकी हमले की आशंका के चलते दी थी सुरक्षा
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि संघ कार्यालय से सुरक्षा को हटाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। संघ ने कभी सुरक्षा लगाने के लिए नहीं कहा था और न ही वह दूसरों पर निर्भर है। जब हम सरकार में थे, तब हमें लगा कि उन पर आतंकी हमले का खतरा है तो हमारी सरकार ने संघ कार्यालय को सुरक्षा दी थी। उन्होंने कहा कि सरकार को किसी व्यक्ति या संगठन की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार जैन ने कहा कि समिधा कार्यालय में पुलिस चौकी की स्थापना प्रदेश प्रशासन का फैसला था। संघ ने सुरक्षा के लिए कभी नहीं कहा। अब सरकार ने सुरक्षा हटा दी है और उसे लगता है कि इसकी जरुरत नहीं है।
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