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Saturday, May 4, 2019

कलेक्टर दीपक आर्य ने बालाघाट जिला चिकित्सालय की अव्यवस्थाओं पर लगाई फटकार, सिविल सर्जन डॉ अजय जैन को आया चक्कर

कलेक्टर दीपक आर्य ने बालाघाट जिला चिकित्सालय की अव्यवस्थाओं पर लगाई फटकार, सिविल सर्जन डॉ अजय जैन को आया चक्कर

TOC NEWS @ www.tocnews.org
बालाघाट // आनंद ताम्रकार 

बालाघाट। लोकसभा चुनाव 2019 की व्यस्ततम कार्यक्रम  समाप्त होने के बाद बालाघाट कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने 3 मई को बालाघाट जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करने पहुंचे।  जैसे ही कलेक्टर श्री आर्य ने व्यवस्थाओं को लेकर फटकार लगाने शुरू की तो सिविल सर्जन डॉ अजय जैन को चक्कर आ गया।
कलेक्टर श्री आर्य को बताया कि उन्हें चक्कर आ रहे हैं इस पर कलेक्टर ने एक कर्मचारी को कहा कि डॉक्टर साहब को उनकी केबिन में ले जाए और चेकअप करवाएं। गौरतलब है कि कलेक्टर श्री आर्य अपने प्रोविजन पीरियड के दौरान जिला चिकित्सालय में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, जिस कारण में जिला चिकित्सालय की परेशानी और यहां की समस्याओं के बारे में बखूबी जानते हैं ।
बालाघाट कलेक्टर पदस्थापना के बाद से ही वह लगातार जिला चिकित्सालय आने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 की व्यस्त कार्यक्रम के चलते हुए आ नहीं पा रहे थे। चुनाव होते ही उन्होंने सबसे पहले जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करने की योजना बनाई।  इस दौरान उन्होंने स्टाफ और मरीजों से चर्चा की ।
श्री आर्य ने आदेश तत्काल प्रभावी करने जैसे कि गायनिक वार्ड, लेबर रूम को प्रथम तल पर लाने, मरीजों की समस्या सुनने के बाद उन्होंने डॉक्टरों को सख्त निर्देश कर दिए,  कि वे किसी भी दिन अस्पताल का निरीक्षण करने किसी भी क्षण पहुंच सकते हैं। इसीलिए अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करें। इसके साथ ही जिला चिकित्सालय में लगातार बदबू की परेशानी मरीजों के साथ साथ उनके परिजनों के लिए भी बनी रहती है। जिस पर कलेक्टर श्री आर्य ने तत्काल अस्पताल के स्टाफ को आदेश किया, कि वेंटिलेशन की व्यवस्था सुचारू की जाए।
जिससे अस्पताल से बदबू बाहर जा सके और लगातार हवा चलने के कारण अस्पताल के भीतर बदबू नहीं बनी रहेगी।  इसके साथ ही अस्पताल में सफाई व्यवस्था के लिए भी निर्देशित किया।  बीते दिनों और मीडिया के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कलेक्टर श्री आर्य ने जिला चिकित्सालय के समस्त कर्मचारी स्टाफ को दो टूक शब्दों में निर्देशित कर दिया कि मरीजों से अच्छा व्यवहार किया जाए किसी भी दुर्घटना से पीड़ित की तत्काल जांच की जाए बिना जांच के किसी को भी रेफर ना किया जाए है।
जिला चिकित्सालय में बिना जांच के ही नागपुर- जबलपुर रेफर कर दिया जाता है जिस कारण रास्ते में ही कई मरीजों की मौत हो जाती है। कलेक्टर के निरीक्षण के बाद मरीजों को एक आस बंधी है कि एक बार फिर जिला चिकित्सालय की व्यवस्था में सुधार होगा। वहीं दूसरी और जिला चिकित्सालय के स्टाफ में हड़कंप का माहौल है हर कोई यही सोच रहा है कि कलेक्टर साहब तो पहले भी जिला चिकित्सालय में अपनी सेवाएं दे चुके हैं यहां की खामी को अच्छी तरह से जानते हैं इसीलिए अपना काम इमानदारी से करना होगा।

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