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Sunday, May 31, 2015

मोबाइल के जरिए नागरिकों को मिलेगी डिजिटल सेवाएँ

एमपी मोबाइल परियोजना प्रारंभ

मोबाइल के जरिए नागरिकों को मिलेगी डिजिटल सेवाएँ
Toc news@Bhopal

भोपाल : मई 31, 2015, प्रदेश के नागरिकों को सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के जरिए ‘कहीं भी और कभी भी’ लोक सेवाएँ उपलब्ध करवाने की दिशा में राज्य शासन द्वारा एमपी मोबाइल परियोजना की शुरुआत की गई है। परियोजना में मोबाइल के जरिये नागरिकों को डिजिटल सेवाएँ उपलब्ध करवाई जायेगी। सभी शासकीय विभाग, शासकीय संगठन एवं एजेंसीज द्वारा नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दी जाने वाली सेवाएँ एमपी मोबाइल के जरिए उपलब्ध करवाई जायेगी। इसके लिए संबंधित कार्यालयों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की वेब सर्विस एपीआई (Application Programming Interface) के रूप में तैयार कर मेप_आईटी को सौंपना होगा। इस वेब सर्विस से संबंधित शासकीय विभाग, संगठन एवं एजेंसीज से उपलब्ध की जाने वाली सेवाएँ एमपी मोबाइल से इंटीग्रेट की जा सकेगी।

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के नागरिकों को तेज, पारदर्शी, मितव्ययी एवं सुविधाजनक तरीके से लोक सेवाएँ उपलब्ध करवाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एमपी मोबाइल परियोजना शुरू करने का फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विगत अप्रैल माह में ई-गवर्नेंस उत्कृष्टता पुरस्कार वितरण समारोह में एमपी मोबाइल परियोजना की विधिवत शुरुआत की गई थी।

सचिव मुख्यमंत्री एवं विज्ञान-प्रौद्योगिकी श्री हरिरंजन राव ने इस संबंध में सभी शासकीय विभाग, विभागाध्यक्ष एवं सभी कमिश्नर एवं कलेक्टर्स से राज्य शासन के निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में नागरिकों को एमपी मोबाइल के माध्यम से सेवाएँ प्रदाय कर इस सुविधा का लाभ सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कार्यवाही की अपेक्षा की है। इस संबंध में जारी पत्र में सभी विभाग, संगठन एवं शासकीय एजेंसी से अपने स्तर से दी जा रही नागरिक सेवाओं के वेब सर्विस मध्यप्रदेश एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नालॉजी (मेप_आईटी) को उपलब्ध करवाकर एमपी मोबाइल के माध्यम से नागरिकों को सेवाएँ देने की जरूरी कार्यवाही सुनिश्चित करने की अपेक्षा की गयी है।

राज्य शासन ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर अमल के लिए विभागीय इकाई मेप_आईटी को नोडल एजेंसी के रूप में निर्धारित किया है। मेप_आईटी द्वारा चरणबद्ध तरीके से सभी संभव नागरिक सेवाओं का मोबाइल के जरिए प्रदाय सुनिश्चित किया जाएगा।

एमपी मोबाइल एक एकीकृत प्लेटफार्म के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें नीचे दर्शाए अनुसार तकनीकी विशेषताओं एवं माध्यमों के जरिए नागरिकों को सेवाएँ प्रदाय की जा सकेगी-

एक मोबाइल एप – नागरिकों को केवल एक मोबाइल एप डाउनलोड करना होगा जिसके माध्यम से वे विभिन्न विभाग द्वारा उपलब्ध की जाने वाली सेवाएँ दी जा सकेंगे।

एक वेबसाइट www.mpmobile.gov.in – प्रदेश के नागरिक वांछित सेवाएँ अपने मोबाइल पर एक वेब एप्लीकेशन के माध्यम से भी प्राप्त कर सकेंगे।

एक शॉर्ट कोड – ऐसे नागरिक जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है, वे बेसिक फोन से भी एक कोड डायल कर यू.एस.एस.डी. की सुविधा द्वारा सेवाएँ प्राप्त कर सकेंगे।

इस तरह इन तीन में से किसी भी एक विकल्प का उपयोग कर नागरिक एमपी मोबाइल पर उपलब्ध सेवाएँ प्राप्त कर सकेंगे।

वर्तमान में विभिन्न विभाग अपने हितग्राहियों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सेवाएँ प्रदाय कर रहे हैं। इसके लिए उनके द्वारा आवश्यक संसाधन विकसित कर वेब एप्लीकेशन तैयार किए गए हैं। कुछ विभागों द्वारा मोबाइल एप्लीकेशन भी तैयार कर सेवाएँ दी जा रही हैं जिन्हें प्राप्त करने के लिए नागरिकों को अलग-अलग मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करना होता है। अब एमपी मोबाइल परियोजना से सभी सेवाएँ नागरिकों को एक प्लेटफार्म पर मिल सकेंगी।

जो विभाग एवं संस्थान एम.पी. मोबाइल परियोजना से जुड़ चुके हैं, उनमें मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग, विद्युत वितरण कम्पनी, एम्स हॉस्पिटल, मेप-आई.टी. सहित प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालय आदि शामिल हैं। इस संबंध में और अधिक जानकारी के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी मेप_आईटी की मेल आईडी ceo@mapit.gov.in या ई-मेल vinay.panday@mapit.gov.in या मोबाइल नंबर 9425180624 पर संपर्क किया जा सकता है।

आर टी आई फोरम में "गिरीश सक्सेना" आगर "जिला अध्यक्ष" नियुक्त

आर टी आई फोरम में "गिरीश सक्सेना" आगर "जिला अध्यक्ष" नियुक्त

राष्ट्रीय स्तरीय फोरम (संगठन)
RTI ACTIVISTS FORUM M.P. की आगर जिला इकाई में पत्रकार, वकील एवं आर टी आई कार्यकर्ता साथी " गिरीश सक्सेना" पिता श्री सुरेश सक्सेना, पता- प्रेमसदन आंबेडकर भवन के पास, छावनी नाका, चौराहा आगर, जिला- आगर(मॉलवा) को "आगर जिला अध्यक्ष" नियुक्त किया जाता हैं।
सम्पर्क मोबाइल- 9407428628, 96 44 206675

"गिरीश सक्सेना जी" को आगर "जिला अध्यक्ष" बनाये जाने पर हार्दिक बधाईयां...
💐💐💐💐💐
शुभकामनाओं सहित:
समस्त सदस्य एवं पदाधिकारी गण

सैयद महमूद अली चिश्ती, प्रांताध्यक्ष सूचना का अधिकार मंच भारत, शाखा: मध्यप्रदेश
+91 94250 41700

विनय जी. डेविड
प्रदेश महासचिव ( म.प्र.)
+9198932 21036
RTI ACTIVISTS FORUM M.P.
राष्ट्रीय स्तरीय फोरम (संगठन)
31/05/2015

RTI ACTIVISTS FORUM M.P. की इकाई की महत्वपूर्ण जानकारी के लिए पोर्टल बनाया गया है लिंक दिया गया है...
http://rtiforummp.blogspot.in

पश्चिम रेलवे ने बिना टेंडर दिया सीसीटीवी का ठेका

रेलवे ने सीसीटीवी कैमरे के किराये के तौर पर दिए करोडो रुपये 

रेलवे के पास कंपनी की नही जानकारी
सूचना के अधिकार अंतर्गत अनीस खान ने जानकारी मांगी

नागमणि पाण्डेय
मुंबई: आतंकियों द्वारा रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों के निशाना बनाये जाने के बाद स्टेशनों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है  लेकिन मध्य और पश्चिम रेलवे ने सुरक्षा के नाम  करोड़ों का राजस्व लुटाने पर लगा है।पिछले पांच वर्षो में  सिर्फ सीसीटीवी कैमरे का किराये के तौर पर 25 करोड़ 89 लाख रुपये से अधिक दिया जा चुका है | विशेष की पश्चिम रेलवे तो बिना टेंडर के सीसीटीवी कैमरे का काम देकर रेलवे का राजस्व लुटा रही है |

        सूचना के अधिकार अंतर्गत अनीस खान ने एक जानकारी मांगी थी मध्य और पश्चिम रेलवे द्वारा जानकारी मांगी गयी थी | जिसके जवाब मध्य रेलवे ने बताया है की मुंबई मंडल के लिए सुरक्षा प्रणाली पर खर्च करने के लिए 28 लाख 29 हजार 17 हजार रुपये की मंजूरी मिला है | जिसमे से अभी तक 19 करोड़ 85 लाख 26 हजार रुपये खर्च किया जा चुका है | इस में बताया गया है की मध्य रेलवे के स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए 29 नवंबर 2010 में टेंडर निकाला गया था | इस में कुल 784 सीसीटीवी कैमरे लगाना था |

सीसीटीवी कैमरों के बारे में मांगी गई जानकारी के जवाब में मध्य रेलवे ने कैमरों का पूरा विवरण देते हुए कहा है कि यह किस कंपनी से खरीदे गए हैं, इसकी जानकरी उनके कार्यालय को नहीं है। मध्य रेलवे ने सुरक्षा कारणों से सीसीटीवी कैमरों के नियत स्थानों की जानकारी देने से मना कर दिया है। मध्य रेलवे ने कहा है कि इस योजना के तहत कुल 784 सीसीटीवी कैमरे खरीदे गए हैं, जिनमें से 403 कैमरे लगाए जा चुके हैं, जबकि 381 कैमरे अभी लगाए जाने बाकी हैं।

मध्य रेल ने 8 व्हीकल स्कैनर खरीदे थे, मगर यह आज तक कहीं भी स्थापित नहीं किए जा सके हैं, ऎसा क्यों हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस के साथ ही अन्य सुरक्षा से संबंधित कार्यो पर 19 करोड़ 85 लाख 26 हजार रुपये  खर्च किया जा चुका है | वही पश्चिम रेलवे ने सिर्फ 550 कैमरे के लिए  वर्ष २००९ से अभी तक कुल 5 करोड़ 23 लाख 68 हजार 180 रुपये किराया दिया चुका है | वहीं पश्चिम रेलवे ने यह कहकर जानकारी देने से इनकार दिया कि इंटीग्रेटेड (अत्याधुनिक) सुरक्षा व्यवस्था की लागत की कोई जानकरी उनके कार्यालय  में उपलब्ध ही नहीं है।

जानकारी में बताया गया है की  मध्य रेलवे द्वारा 11 हैवी ड्यूटी एक्सरे बैगेज स्कैनर और 2 पोर्ट एक्सरे बैगेज स्कैनर मंगाकर लगाए जा चुके हैं। इसी प्रकार मध्य रेलवे द्वारा 85 डीएफएम/डी लगाए गए हैं और 426 एचएच एमडी (हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर) संबंधित स्टाफ को सौंपे जा चुके हैं, मगर मंगाए गए एक-एक इलेक्ट्रॉनिक वैपर डिटेक्टर और ए क्सप्लोसिव डिस्पोजल औजार आरपीएफ को अब तक प्राप्त नहीं हुए हैं।

मध्य और पश्चिम रेलवे द्वारा सीसीटीवी कैमरे को लेकर दिए गए जानकारी पर सवाल उपस्थित रेलवे एक्टिविस्ट समीर  जवेरी ने बताया की रेलवे के पास इंजिनियर,इलेक्ट्रीसियन सभी विभाग उनके पास है अगर रेलवे खुद कैमरा लगाती है इस से सस्ता रहेगा इतना ही नही इनकी मोनिटरिंग भी सुरक्षित रहेगा | रेलवे यात्री प्रवीन त्रिपाठी ने बताया की रेलवे के लिए सीसीटीवी कैमरों की हमेशा जरुरत है इस के लिए किराये पर लेने की जरुरत ही नही है खुद का होना चाहिए |

युवा सेना के दक्षिण मध्य मुंबई के अध्यक्ष एड धर्मेन्द्र मिश्रा ने हमारा महानगर को बताया की दिल्ली कॉमन वेल्थ गेम के दौरान कलमाड़ी ने खुद कैमरा खरीदकर उसे महंगे दर पर लगवाया था | कही उसी तरह से रेलवे में भी इस तरह से कोई अधिकारी उच्च दर पर अपने फायदे के लिए तो नही दिया है इस की जांच होनी चाहिए |

भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा दक्षिण मध्य मुंबई के जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश पाण्डेय ने हमारा महानगर को बताया की इस की जांच होने के साथ ही कैमरे की क्वालिटी की जांच होनी चाहिए क्यों स्टेशनों पर हुए कई इस तरह की घटना है जिसमे आरोपी का या घटना आज तक पहचान नही हो पाया इस के साथ ही उन्होंने बताया की अगर किसी मामले में आरोपियों की पहचान भी हुआ तो उसे सही से पहचान करने में काफी समय गवाने पड़े है | इस के लिए इस की क्वालिटी पर भी संदेह है |  

दिनदहाड़े चाकू की नोंक पर लूट

Toc news
भोपाल। गंगा नगर के पीछे केबल ऑप्रेटर से
दिनदहाड़े चाकू की नोंक पर लूट हो गई।
आरोपियों ने पीडि़त से रुपए छीन लिए। सूचना
मिलते ही पुलिस ने आरोपियों को दबोचने
नाकाबंदी शुरू कर दी। फिलहाल आला अफसरों
सहित पुलिस बल आरोपियों की तलाश में जुटा
है।

जानकारी के अनुसार कमला नगर थानाक्षेत्र
अंतर्गत विपिन तिवारी से कुछ आरोपियों ने
पता पूछा, इसी बहाने से वे उसे चाकू की नोंक पर
ले गए और उसके रुपए सहित जरूरी सामान लूट
लिया। सूचना मिलते ही एएसपी, सीएसपी,
टीआई सहित पुलिस बल ने शहर में नाकाबंदी कर
दी। आरोपियों को पकडऩे के लिए जबरदस्त
चैकिंग की जा रही है। हालांकि फिलहाल
आरोपियों का पता नहीं चल सका है।

पुलिस ने पकड़ा इंटर स्टेट वाहन चोर

 Toc news

भोपाल क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे अंतर्राज्यीय वाहन चोर को पकड़ा है, जो वाहनों के इंजन-चेचिस नंबर बदलकर
आरटीओ में रजिस्ट्रेशन करा लेता था।
बरामद वाहनों की कीमत लगभग एक करोड़ है।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वाहनों
के एनओसी बनवाने के बाद वह लाखों में
चोरी के वाहन दूसरों को भी बेच चुका
है। उक्त आरोपी को क्राइम ब्रांच ने एक
दर्जन से अधिक वाहनों के साथ दो वर्ष
पहले भी गिरफ्तार किया था। आरोपी से
अभी तक सात लोडिंग गाड़ियां जब्त की
गई हैं। आरोपी की निशानदेही पर आधा
दर्जन अन्य वाहनों के जब्ती के लिए
टीमें रवाना की गई हैं। उक्त खुलासा
डीआईजी रमन सिंह सिकरवार ने किया है।
डीआईजी श्री सिकरवार ने बताया कि
सीहोर जिले के आष्टा निवासी आबिद
खान (पिता) स्व. अजीज खान पेशे से
मैकेनिक की दुकान में कार्य करता है।

आरोपी से बरामद वाहन

मिनी ट्रक (एमपी-09-जीई-5034)
मिनी ट्रक (एमपी-04-जीए-9542)
मिनी ट्रक (एमपी-37-जीए-0810)
मिनी ट्रक (यूपी-96-ए-9902)
मिनी ट्रक (एमपी-37-सी-1837)
मिनी ट्रक (एचआर-38-पी-1655)

ऐसे देता था अंजाम

आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि वह
यूपी के बड़े चोरों से उक्त वाहन एक से
दो लाख में खरीदता था। चोरी के
वाहनों को आष्टा स्थित अपने वर्कशाप
में ग्राइंडर मशीन से चेचिस और इंजन
नंबर को मिटा देता था। पुलिस ने उसके
पास से डाई भी बरामद की है, जिससे वह
इंजन और चेचिस नंबर वाहनों पर उकेरता
था। बाद में उक्त वाहन लाखों में
दूसरे ड्राइवरों को बेच देता था।
दो वर्ष पहले भी पकड़ाया था
श्री सिकरवार ने बताया कि आरोपी एक
बड़े चोर गिरोह का सदस्य है। इस गिरोह
का खुलास क्राइम ब्रांच ने दो वर्ष
पहले भी किया था। तब 14 चार पहिया
वाहन बरामद किए गए थे।

ऐसे कराता था रजिस्ट्रेशन :
डीआईजी ने
बताया कि आबिद खान अपनी दुकान में
चोरी की गाड़ियों में ड्राई के जरिए
उनके मूल चेचिस और इंजन नंबर को बदल
देता था। इसके बाद रजिस्ट्रेशन करा
लेता था
डीआईजी रमन सिंह सिकरवार की पहली
प्रेस कान्फ्रेंस में आज यह बड़ा खुलासा हुआ है।

फरार मनीष वर्मा और मनीष मोटवानी के करीबियों पर पुलिस का शिकंजा

Toc news

भोपाल : करोड़ों रुपए की जमीन को
फर्जीवाड़ा कर कब्जा करने के मामले
में फरार चल रहे लक्ष्य रियलिटी के
डायरेक्टर मनीष वर्मा और मनीष
मोटवानी के करीबियों पर पुलिस का
शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस को
पता चला है कि आरोपियों ने अपने
मोबाइल स्विच आॅफ कर लिए हैं, लेकिन
लैंड लाइन या किसी अन्य के मोबाइल से
कुछ करीबियों से संपर्क कर रहे हैं।

पुलिस उन करीबियों को पूछताछ के लिए
जल्द ही तलब करने वाली है। ज्ञात हो
कि पुलिस दोनों बिल्डरों की
गिरफ्तारी के लिए पिछले कई दिनों से
लगातार दबिश दे रही है, लेकिन अभी तक
गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। दोनों
आरोपियों ने गांधीनगर थाना क्षेत्र
के ग्राम पीपलनेर गांव में 1.856
हेक्टेयर जमीन को आरोपी बिल्डरों ने
लेक पर्ल बिल्डर के साथ ज्वाइंट वेंचर
में कार्य शुरू करने का सौदा किया
था।

जनवरी 2014 में इसके एवज में
आरोपियों ने फरियादी लेक पर्ल
बिल्डर से दो करोड़ 25 लाख रु पए भी वसूल
भी लिए थे। बाद में दोनों आरोपियों
ने जमीन को एक दूसरी कंपनी को चार
करोड़ 30 लाख रु पए में बेच दिया था।
गांधी नगर पुलिस तीन दिन पहले मनीष
वर्मा और मनीष मोटवानी के खिलाफ
धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर तलाश में
जुटी हुई है।

बोरीवली स्टेशन के हेड टी सी का गोलमाल

गोलमाल है भाई सब गोलमाल
     
बोरीवली स्टेशन में टिकेट निकलते समय जो भी रददी पेपर निकलता है उस पेपर को हेड टी सी दवारा बेच दिया जाता है वो स्वयं जाकर नहीं बेचते उन्होंने रमेश आहूजा नाम के व्यक्ति को इस काम के लिए रक्खा है।रमेश दवारा हेड टी सी का नाम सिंह साहब बताया गया है ।रमेश का कहना है की वो प्रतिदिन करीब 50 या 100 किलो की रददी बेचता है तो आप हिसाब लगाओ को महीने के कितने पैसे का गोलमाल किया जा रहा है ।

रमेश ने 50 किलो रददी आज दिनाक 31/05/2015 को बेचीं है उसका 400 रूपये उसे मिले है प्रतिदिन का 400 ही पकड़ो तो महीने का 12000 रूपये होता है और साल का 140000 से भी अधिक होता है।ये सब रद्दी कार्टर रोड न 7 व कार्टर रोड न 8 में मौजूद रददी पेपर की दुकान पे बेचा जाता है एक दीं 7 न रोड पर तो एक दीं 8 न रोड पर बेच जाता है प्रतिदिन दुकान की अदलाबदली होती है ताकि कोई भी पकड़ न पाये। पैसे सरकारी खजाने में जमा किया जाता तो रेलवे के हालात कुछ और होते थे।

ये तो सिर्फ बोरीवली स्टेशन की बात है सभी स्टेशनो पर यदि होता होगा तो सोचो कितना गोलमाल हो रहा है चुने पे चुना रेलवे को लग रहा है यात्री भाड़े में बढ़ोतरी करनी पङ रही है सरकार को ।इसके आलावा भी बिना टिकेट यात्रा करने वाले यात्रीयो से 100 से 200 लेकर ऐसे ही छोड़ दिया जाता है।रेलवे पोलिस द्वारा हॉकेर्स से अनलिगल पैसे की उगाही की जा रही है । कहा है प्रसाशन भरष्टाचार मुक्त रेलवे का दम भरने वालो कहा हो जागो ।

हमारे द्वारा जो ऑडियो रिकॉर्ड किया गया है उसमे आप हमारे भाषा पर ध्यान ना दे चोरो से इसी तरह बात करनी पड़ती है ।
        आपको ऑडियो के साथ कुछ तस्वीरे भी भेज रहा हूँ।
इस तस्वीर में राद्द्दी पेपर से भरा हुआ प्लास्टिक की गोनी व रमेश आहूजा की तस्वीर भी है।
           ऍम ए मिश्रा

मोदी राज के एक साल में अडानी, सांघवी की संपत्ति में भारी बढ़ोतरी हुई

Toc News

मुंबई- मोदी सरकार को सत्ता संभालने के बाद से एक साल के अंदर 27 मई 2015 तक भारत के अरबपति इंडस्ट्रियलिस्ट गौतम अडानी की संपत्ति 48 फीसदी बढ़ी है। उनकी संपत्ति 8.1 बिलियन डॉलर करीब 51,600 करोड़ रुपये हो गई है।

ब्लूमबर्ग के अरबपति इंडेक्स में जिन सात भारतीय अरबपतियों को शामिल किया गया है, उनमें अडानी की नेट संपत्ति में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है।

दौलत में इजाफे के लिहाज से उन्होंने सन फार्मा के दिलीप सांघवी, एचसीएल के शिव नाडर, आर्सेलर मित्तल के प्रमुख एल.एन.मित्तल और विप्रो के अजीम प्रेमजी को पीछे छोड़ दिया है। लेकिन, इस दौरान भारत के सबसे धनी व्यक्ति और टॉप अरबपति मुकेश अंबानी एवं निर्माण जगत के दिग्गज पालोंजी मिस्त्री के नेट धन में गिरावट दर्ज की गई है।

 फाइनैंशल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 52 वर्षीय अडानी की संपत्ति में करीब 3 अरब डॉलर यानी 19,000 करोड़ रुपये का इजाफा ट्रेडिंग, पावर, पोर्ट्स और खाद्य तेल के क्षेत्र में चलने वाली उनकी कंपनियों के शेयर बढ़ने से हुआ है।

इसका इन बात से भी बहुत लेना-देना है कि अडानी पिछले साल से संपत्तियों की खरीददारी में लगे हुए हैं। उन्होंने टाटा ग्रुप से धमरा पोर्ट 900 मिलियन डॉलर यानी 5,700 करोड़ रुपये में खरीदा और लांको इंफ्राटेक के उडुपी पावर प्लांट के लिए 1 बिलियन डॉलर यानी 6,300 करोड़ रुपये अदा करने के लिए सहमति जताई है।

देश के अरबपतियों की दौलत में इजाफे का असर मार्केट्स के ग्रोथ में भी देखने को मिला है। अनुमान है कि स्टॉक मार्केट में पिछले 12 महीनों में संपत्ति 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। इस दौरान जहां कुछ कंपनियों जैसे टाटा, अडानी ग्रुप और भारतीय एयरटेल को जबर्दस्त फायदा हुआ है वहीं अंबानी ग्रुप की दो कंपनियों को नुकसान हुआ है।

मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्री की मार्केट वैल्यू में 79,000 करोड़ से 290,000 करोड़ रुपये की गिरावट देखी गई है। इसका बड़ा कारण आरआईएल के शेयर मूल्य में करीब 20 फीसदी गिरावट को माना जा रहा है। अनिल अंबानी के रिलायांस एडीएजी ग्रुप की मार्केट वैल्यू में करीब 50,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। वेदांता ग्रुप की मार्केट वैल्यू में 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की गिरावट हुई है।

RTI ACTIVISTS FORUM में "आकाश श्रीवास्तव" कुरवाई "नगर अध्यक्ष" नियुक्त

"आकाश श्रीवास्तव" कुरवाई "नगर अध्यक्ष" नियुक्त

"आकाश श्रीवास्तव" कुरवाई
"नगर अध्यक्ष" नियुक्त
राष्ट्रीय स्तरीय फोरम (संगठन)
RTI ACTIVISTS FORUM M.P. की कुरवाई इकाई में पत्रकार एवं आर टी आई कार्यकर्ता साथी "आकाश श्रीवास्तव" पिता श्री एन के श्रीवास्तव, पता - बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन रोड मंडी बामोरा जिला सागर म.प्र., संवाददाता साधना न्यूज़, को "कुरवाई" "नगर अध्यक्ष" नियुक्त किया जाता हैं।

सम्पर्क सूत्र +91 81090 32132
Email - akashlala.mb@gmail.com

"आकाश श्रीवास्तव" को कुरवाई "नगर अध्यक्ष" बनाये जाने पर हार्दिक बधाईयां...
💐💐💐💐💐
शुभकामनाओं सहित:
समस्त सदस्य एवं पदाधिकारी गण

सैयद महमूद अली चिश्ती, प्रांताध्यक्ष सूचना का अधिकार मंच भारत
शाखा: मध्यप्रदेश
+91 94250 41700

विनय जी. डेविड
प्रदेश महासचिव ( म.प्र.)
+9198932 21036
RTI ACTIVISTS FORUM M.P.
राष्ट्रीय स्तरीय फोरम (संगठन)
31/05/2015

विश्व हिन्दी सम्मेलन की तैयारियां

Toc news
भोपाल। राजधानी भोपाल में आगामी सितम्बर माह में विश्व हिन्दी सम्मेलन होने जा रहा है जिसकी राज्य सरकार ने तैयारियां अभी से प्रारंभ कर दी हैं। इस सम्मेलन के लिये आवश्यक समन्वय एवं प्रशासकीय व्यवस्थायें करने के लिये संस्कृति विभाग को नोडल विभाग घोषित किया गया है। बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि संस्कृति विभाग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है। जाहिर है इस अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन के लिये तैयारियों की कमान स्वयं सीएम ने अपने पास रखी है।

1 जून से देना होगा व्यापारियों को स्वप्रमाणित पैन और टैन नम्बर


शिवराज सरकार ने किया वैट नियमों में संशोधन

डॉ नवीन जोशी
भोपाल।आगामी 1 जून से प्रदेश के वाणिज्यिक कर विभाग में रजिस्टर्ड सभी व्यापारियों को पैन या टैन नम्बर देना होगा। इसे शिवराज सरकार ने मप्र वैट नियम,2006 में संशोधन कर अनिवार्य कर दिया है।

संशोधित नियमों में कहा गया है कि रजिस्ट्रीकृत व्यपारी को पैन अथवा केंद्र या राज्य सरकार की दशा में टैन नम्बर की स्वप्रमाणित प्रति संलग्र करना होगी। संशोधन में यह भी कहा गया है कि ऐसा रजिस्ट्रीकृत व्यापारी जिसने समुचित वाणिज्यिक कर अधिकारी या इस निमित्त आयुक्त द्वारा प्राधिकृत किसी अन्य अधिकारी को पूर्व में पैन का विवरण प्रस्तुत नहीं किया है, उस अधिकारी को इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से तीस दिन के भीतर पैन के विवरण प्रस्तुत करना होंगे।

नये संशोधन में यह भी कहा गया है कि इस अधिसूचना के प्रकाशन के पूर्व इलेक्ट्रानिक रुप में जारी फार्म 49, पूर्व में विहित कालावधि अथवा इस अधिसूचना के प्रकाशन के प्रकाशन की तारीख से पन्द्रह दिन की कालावधि के लिये, जो भी पूर्वोत्तर हो, वैध होगा। इन सभी ताजा संशोधनों को आगामी 1 जून,2015 से लागू किये जाने का संशोधित नियमों में उल्लेख किया गया है। ज्ञातव्य है कि ई-फाईलिंग के लिये आयकर विभाग द्वारा टैन नम्बर दिया जाता है।


गो सेवको ने बचाई गोवंश की जान

गाडरवारा । समाजसेवी संगठन श्री साईं श्रद्धा सेवा समिति की गोसेवा इकाई के सदस्यों ने कीचड़ के दलदल में फंसी गोवंश को निकालकर उसकी जान बताई ।

गोरतलब हैं विगत दिवस शनि मंदिर सोसायटी गोदाम के पास कीचड़ के दलदल में एक आवारा गोवंश धुस गया था जो की लगभग दो दिन से निकलने में असमर्थ था जब इसकी जानकारी समिति के पुराने बस स्टेंड स्तिथ कार्यालय में दी तो रात में ही समिति सदस्यों में कीचड़ में घुसकर विना किसी कीड़े काँटों की परवाह किये विना लगभग 1 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद सफलता प्राप्त की और उसे उस दलदल से बाहर निकलकर उसकी जान बचाई ।
जिसमे समिति प्रदेश अध्यक्ष आशीष राय,गोसेवा सदस्य बबलू कुरैशी,अमित श्रीवास,रंजीत राव,कुनाल वर्मा,कृष्णा श्रीवास्तव,रोहित साहू,आदर्श कौरव,शुभम चौधरी,बबलू केवट,हर्ष शर्मा,अनुज कौरव,संतोष यादव इत्यादि का विशेष सहयोग रहा ।।

1000 संविदा कर्मचारियों को सेवा समाप्ति के आदेश

1000 संविदा कर्मचारियों को सेवा समाप्ति के आदेश: MPSKAM ने किया विरोध

Toc News

भोपाल. 30 मई 2015 को शाम 5 बजे पंचायती राज संचालनालय के आयुक्त रघुवीर श्रीवास्तव के द्वारा बेकवर्ड रीलीजन ग्रान्ट फण्ड (BRGF) में एक हजार संविदा कर्मचारी जिसमें सहायक यंत्री, सहा. परियोजना अधिकारी, उपयंत्री, लेखापाल, डाटाएन्ट्री आपरेटर, संकाय सदस्य, प्रोग्रामर, केयर टेकर, प्रशिक्षण समन्वयक, जेण्डर समन्वयक एवं अन्य संविदा कर्मियों की सेवायें दिनांक 30 मई 2015 को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी कर दिया जिसमें कहा गया है कि केन्द्र सरकार ने ये योजना बंद करने का निर्णय लिया गया है और राज्य सरकार चाहे तो चला सकती है ऐसा केन्द्र सरकार का आदेश है इसलिए एक जुलाई 2015 से आपकी सेवाएं समाप्त हो जायेंगी।

वस्तु स्थिति यह है कि अभी पन्द्रह दिन पहले BRGF के संविदा कर्मचारियों से दूसरी योजनाओं में संविलयन के लिए सहमति पत्र भरवाये अब नौकरी से निकालने का नोटिस जारी कर दिया। एक हजार लोगो के परिवारों उनके बच्चों का क्या होगा। जबकि प्रदेश में अनेक ऐसी योजनाएं चल रही हैं जिसमें BRGF के संविदा कर्मचारियों को मर्ज किया जा सकता है। संविलयन किया जा सकता है।

एक तरफ मोदी जी सौ दिन पूरे करने पर अच्छे दिन आने के विज्ञापन जारी हो रहे हैं। प्रचार प्रसार हो रहा है दूसरी तरफ नौकरी में लगे हुये युवाओं की रोजी रोटी छीनी जा रही है। म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदश अध्यक्ष रमेश राठौर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव अरूणा शर्मा को ज्ञापन देकर BRGF के संविदा कर्मचारियों की सेवाएं अन्य विभागों और परियोजनाओं में संविलयन किये जाने तथा सेवा समाप्त नहीं किये जाने की मांग की है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने सरकार को चेतावानी दी है कि यदि एक हजार लोगों की संविदा समाप्त की गई तो प्रदेश व्यापी उग्र आंदोलन होगा।

मृतक को जारी कर दी नोटिस

सीधी. प्रशासनिक अधिकारियों की चाबुक अब मृत कर्मचारियों पर भी चलने लगी है। ऐसा ही मामला जिले में देखने आया है। सिरसी में पदस्थ प्रधानाध्यापक की दो माह पहले मौत हो चुकी है, लेकिन जाति प्रमाण-पत्र में लापरवाही पर एसडीएम ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया। एसडीएम की इस नोटिस का जवाब मृत कर्मचारी कैसे दे? प्रशासन की इस लापरवाही पर अन्य कर्मचारी चुटकी ले रहे हैं।

माध्यमिक शाला सिरसी में पदस्थ प्रधानाध्यापक सियाराम कोल सड़क दुर्घटना में 21 अप्रैल को गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें उपचार हेतु जीवन ज्योति अस्पताल इलाहाबाद में भर्ती कराया गया। 24 अप्रैल को उनकी मौत हो गई। मृत प्रधानाध्यापक के परिजन अनुग्रह राशि के लिए चक्कर लगा रहे हैं। पर अनुग्रह राशि तो नहीं उपलब्ध कराई गई, बदले में मृत प्रधानाध्यापक को लापरवाह मानते हुए वेतन भुगतान रोकने की नोटिस 28 मई को गोपाद बनास एसडीएम शैलेन्द्र सिंह द्वारा जारी कर दी गई।

इससे पूर्व भी आ चुके हैं मामले

मृत कर्मचारियों पर प्रशासनिक हेकड़ी का यह पहला मामला नहीं है। दो वर्ष पूर्व मृत बीडीओ का तबादला सिहावल सीईओ बतौर कर दिया गया था। हाल ही में एक दर्जन मृत कर्मचारियों को अन्न उत्सव कार्यक्रम के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया।

अनुग्रह राशि की जगह नोटिस

किसी भी कर्मचारी के आकास्मिक निधन पर दाह संस्कार के लिए 50 हजार रुपए तत्काल देने का प्रावधान है। किंतु मृत प्रधानाध्यापक सियाराम कोल को दो माह बाद भी अनुग्रह राशि नहीं उपलब्ध कराई गई। इस पर मप्र शासकीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ सचिव सीपी तिवारी द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखकर अनुग्रह राशि उपलब्ध कराने व लापरवाही बरतने वाले दोषी कर्मचारी पर कार्रवाई की मांग की गई। किंतु प्रशासन मृत प्रधानाध्यापक के परिजनों के आवेदन पर विचार 

आरटीआई, दो साल बाद भी नहीं मिलती जानकारी

आर टी आई toc @ rti news

श्योपुर। सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) श्योपुर में मजाक बनकर रह गया है। नियम तो यह है कि आवेदक को एक महीने में चाही गई जानकारी देना होगी, लेकिन डेढ से दो-दो साल बाद भी अफसर आरटीआई का जवाब नहीं दे रहे।

सरकारी योजनाओं पर खर्च, उनके संचालन, विभागों में होने वाली खरीदी और कर्मचारियों की भर्ती के संबंध में जानकारी तो मिलती ही नहीं है। विजयपुर कस्बे के वार्ड 2 के पूर्व पार्षद बृजेश भारद्वाज ने 29 जून 2013 को नगर पंचायत में आरटीआई का आवेदन लगाकर नपं की कैशबुक की नकल, पेंशन का रिकार्ड, निर्माण कार्यों का लेखा-जोखा और पीआईसी की बैठकों में हुए निर्णयों के दस्तावेज मांगे थे। श्री भारद्वाज के इस आवेदन को सवा साल से ज्यादा हो गए, लेकिन आज तक उन्हें नगर पंचायत ने मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई है। श्री भारद्वाज अकेले नहीं हैं। श्योपुर में लगभग हर सरकारी विभाग में सूचना के अधिकार के तहत लंबित आवेदनों की फेहरिस्त दिनों-दिन लंबी होती जा रही है। आरटीओ, जिला पंचायत, जनपद, नगर पालिका, जिला अस्पताल, पीडब्ल्यूडी और पीएचई जैसे विभागों में डेढ़ से दो-दो साल तक के आवेदन पेंिडंग पड़े हैं।

सूचना लगाने पर भी राहत नहीं

आरटीआई के नियमानुसार यदि संबंधित विभाग समय पर जानकारी नहीं दें तो उसकी अपील वरिष्ठ अफसर से कर सकते हैं। अपीलीय अधिकारियों में एसडीएम से लेकर जिला पंचायत के सीईओ और कलेक्टर होते हैं। यदि यह अधिकारी भी जानकारी न दिला पाएं तो भोपाल में सूचना आयोग में अंतिम अपील होती है।

RTI आरटीआई कार्यकर्ताओं : संगठन की सदस्यता शुरू


आरटीआई एक्टिविस्ट्स फोरम इंडिया यूनिट मध्यप्रदेश में हर सम्भाग और जिला में इकाइयों का गठन किया जाना है। गैर राजनैतिक साथी आमन्त्रित हैं।
प्लीज हमें संपर्क कीजिये।

विनय जी. डेविड
प्रदेश महासचिव ( म.प्र.)
+919893221036
RTI ACTIVISTS FORUM M.P.
राष्ट्रीय स्तरीय फोरम (संगठन)

एक मंडप के नीचे दो दुल्हन से फेरे लिये युवक ने

Toc news
अलीराजपुर. शादी का एक मंडप-एक ही दुल्हा लेकिन दुल्हन दो..है ना अचरच की बात। लेकिन यह सब हुआ है आदिवासी बहुल ” अलीराजपुर जिले मे जहाँ विगत 12 मई को “रतु पिता दशरिया” उम्र 23 साल अपनी दो प्रेमिकाओं के साथ शादी रचाई ओर एक ही मंडप मे सात फेरे लिऐ..। ओर इस अवसर पर समाज के सभी लोग भी मोजूद थी..दिलचस्प बात यह हे कि रतु की दोनो प्रेमिकाओ का एक ही नाम है ओर वह है “शर्मीला”..ओर बडी प्रेमिका उफ॔ पत्नी से उसके दो बच्चे ( एक लडका-एक लडकी ) भी है ।

दोनो को प्रेम के बाद भगाकर लाया था
अलीराजपुर शहर के ग्रामीण वाड॔ क्र-18 बोरखड मोहल्ला निवासी “रतु पिता दशरिया” को आज से करीब 3 साल पहले अलीराजपुर के ही “पलासदा” गांव की “शर्मिला” से “प्यार” हो गया था जिसके बाद वह उसे भगा लाया ओर अपने साथ पत्नी की तरह रखने लगा ओर उससे दो बच्चे भी हो गये । इसी बीच विगत वर्ष जब वह टेक्टर चला रहा था तभी एक अंजदा गांव की श्रमिक लडकी “शर्मीला” से भी उसे इश्क हो गया ओर वह उसे भी भगाकर घर ले आया ओर दोनो “शर्मीलाओ” को पत्नी की तरह ही रखने लगा .।

इसलिऐ की दोनो से एक साथ शादी
बोरखड के युवक रतु ने विगत 12 मई को एक ही मंडप मे दोनो “शर्मीला” नाम की अपनो प्रेमिकाओ से शादी रचा ली । आखिर वह शादी रचाने को मजबूर क्यो हुआ इसका जवाब देते हुऐ खुद रतु कहता है कि आदिवासी समाज मे सामाजिक रुप से तभी हमे तभी मान्यता मिल सकती थी जब मै शादी करता..क्योकि अभी तक तो सामाजिक काय॔क्रमों ओर रिती रिवाजों से उसे दूर रखा जाता था..आदिवासी समाज के पटेल मुकेश पटेल कहते है कि रतु को अब दोनो प्रेमिकाओ से विवाह के बाद सामाजिक मान्यता मिल जायेगी..॥

पत्नी बनकर खुश है दोनो प्रेमिकाऐ
रतु नामक युवक की पहले प्रेमिकाऐ बनी ओर अब एक ही मंडप मे एक साथ सात फेरे लेने वाली दोनो “शर्मीला” अब रतु की पत्नी

Saturday, May 30, 2015

बी.एड. में प्रवेश के लिये सीट आवंटन एक जून से

Toc News
भोपाल : मई 30, बी.एड. के लिये प्रथम चरण में एक जून से सीट आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रक्रिया 8 जून तक पूरी होगी। इसके बाद द्वितीय चरण में 9 से 14 जून तक विद्यार्थी महाविद्यालयों की वरीयता भर सकेंगे। सीट आवंटन 17 जून को होगा। विद्यार्थी आवंटित महाविद्यालय में फीस एवं टी.सी. 17 से 21 जून तक भर सकेंगे।

अंतिम चरण में अप्रवेशित विद्यार्थी जिस महाविद्यालय में प्रवेश चाहते हैं, उसमें हेल्प-सेंटर पर 22 से 25 जून तक मूल दस्तावेजों के साथ उपस्थित हो सकते हैं। सूची का प्रकाशन 26 जून को होगा। विद्यार्थी 29 जून तक संबंधित महाविद्यालय में प्रवेश ले सकते हैं।

राज्य प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारी की नई पद-स्थापना

Toc News
भोपाल : मई 30, राज्य शासन ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री जे.सी. भट्ट उप सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय की पद-स्थापना उप सचिव लोक निर्माण के पद पर की है। राज्य प्रशासनिक सेवा के ही अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव उप सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग की उप सचिव लोक निर्माण के पद पर की गई पद-स्थापना निरस्त की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने आज इस संबंध में आदेश जारी किये।

राप्रसे के 14 अधिकारी की नई पद-स्थापना

Toc News@Bhopal
भोपाल : मई 30, 2015, राज्य शासन ने राज्य प्रशासनिक सेवा के 14 अधिकारी के नई पद-स्थापना आदेश जारी किये हैं।

क्र
अधिकारी
वर्तमान पदस्थापना
नवीन पदस्थापना
1
श्री सी.एल. चनाप
डिप्टी कलेक्टर, छतरपुर
डिप्टी कलेक्टर, शहडोल
2
श्री आर.एस. बालोदिया
डिप्टी कलेक्टर, धार
डिप्टी कलेक्टर, झाबुआ
3
श्रीमती प्रभा श्रीवास्तव
डिप्टी कलेक्टर, गुना
डिप्टी कलेक्टर, सागर
4
श्री देवकी नंदन सिंह़
डिप्टी कलेक्टर, होशंगाबाद
डिप्टी कलेक्टर, छिन्दवाड़ा
5
सुश्री नेहा भारतीय
डिप्टी कलेक्टर, विदिशा
डिप्टी कलेक्टर, रतलाम
6
श्री डी.एल. वाडिवा
डिप्टी कलेक्टर, दमोह
डिप्टी कलेक्टर, बैतूल
7
श्रीमती चन्द्रकला कौशल
डिप्टी कलेक्टर, सामान्य प्रशासन विभाग पूल में प्रतीक्षारत
उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएँ, भोपाल
8
श्री चन्द्रप्रताप गोहल
डिप्टी कलेक्टर, बैतूल
उप संचालक, प्रशासन अकादमी, भोपाल
9
सुश्री शीला दाहिमा
अवर सचिव, राज्य निर्वाचन आयोग, भोपाल
अवर सचिव, मंत्रालय
10
श्री वीरेन्द्र कुमार कर्ण
डिप्टी कलेक्टर, जबलपुर
डिप्टी कलेक्टर, डिण्डोरी
11
श्री संतोष कुमार चंदेल
डिप्टी कलेक्टर, जबलपुर
उपायुक्त (राजस्व) सागर संभाग, सागर
12
श्री अरविंद कुमार सिंह
डिप्टी कलेक्टर, जबलपुर
डिप्टी कलेक्टर, छिन्दवाड़ा
13
श्री धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा
डिप्टी कलेक्टर, जबलपुर
डिप्टी कलेक्टर, रीवा
14
श्री गजेन्द्र सिंह नागेश
संयुक्त कलेक्टर, रायसेन
अपर आयुक्त, नगर निगम, जबलपुर (सेवाएँ नगरीय प्रशासन एवं पर्यावरण विभाग को सौंपते हुए)

प्रधानमंत्री जन-धन योजना में नौकरी के नाम पर भ्रमित न हों

Toc News

नौकरी का कोई प्रावधान नहीं 

भोपाल : मई 30, राज्य शासन ने लोगों को आगाह किया है कि वे प्रधानमंत्री जन-धन योजना के नाम का उपयोग करते हुए कतिपय संस्थानों और व्यक्तियों द्वारा बेंक मित्र, ग्राहक सेवा एजेंट आदि की नौकरी दिलाने के प्रचार से भ्रमित न हों। इन लोगों द्वारा नौकरी दिलाने के नाम पर सुरक्षा जमा राशि स्वीकार करते हुए लोगों को भ्रमित किया जा रहा है।

मिशन डायरेक्टर और आयुक्त संस्थागत वित्त श्री विवेक अग्रवाल ने सभी संभागायुक्त, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और अन्य संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि ऐसा कोई विज्ञापन या प्रकरण उनके समक्ष आने पर तत्काल कार्यवाही की जाये। पुलिस थाने में शिकायत या एफआईआर दर्ज करवायी जाये, ताकि संबंधित संस्थान या व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही की जा सके।

आयुक्त संस्थागत वित्त ने बताया कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना में किसी प्रकार की नौकरी देने या दिलवाने का प्रावधान नहीं है। भारत सरकार ने भी इसमें नौकरी देने के लिये न कोई विज्ञापन दिया है और न इसके लिये सुरक्षा-निधि की माँग की गयी है।

मोदी ने प्रेस्टिज इशू बनाया लैंड बिल


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नई दिल्ली -केंद्र की मोदी सरकार और िशेषकर प्रधानमंत्री मोदी ने लेंड बिल को अपनी प्रतिष्ष्ठा से जोड़ लिया है इसलिए वे हर कीमत पर इस बिल को पारित करवाना चाहते है जबकि राज्यसभा में उनके पास बहुमत नहीं है एक बार फिर केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण से जुड़े विवादास्पद ऑर्डिनेंस को फिर से लागू करने की सिफारिश कर दी है। 3 जून को इसकी मियाद खत्म होने जा रही थी। पिछला अध्यादेश मार्च में लाया गया था।
 एक ओर जहां राज्यसभा में लैंड बिल को लेकर राजनीतिक गतिरोध जारी है, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार ने तीसरी बार इस अध्यादेश का सहारा लिया है। हालांकि लैंड बिल को लोकसभा ने पहले ही पारित कर दिया है लेकिन सरकार इसे राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के कारण पेश नहीं कर रही है। दिसंबर में पहली बार सरकार भूमि अधिग्रहण पर अध्यादेश लाई थी।
 कैबिनेट की सिफारिश के बाद लैंड ऑर्डिनेंस को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। हाल में खत्म हुए संसद सत्र के दौरान सरकार ने लैंड बिल को संसद की जॉइंट कमिटी के पास भेजने की सहमति दी थी। जॉइंट कमिटी की कल हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने 2013 के कानून में बदलाव के औचित्य पर सवाल उठाया।
 भूमि अधिग्रहण राजनीतिक रूप से एक ऐसा संवेदनशील मुद्दा बन गया है जिस पर BJP सरकार अड़ी हुई लगती है और विपक्ष ने इस विषय पर समझौता न करने की ठान रखी है। हाल ही के दिनों में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कई बार मोदी सरकार को इस मसले पर घेरने की पूरी कोशिश की है।कांग्रेस नेता आरएस सुरजेवाला ने कैबिनेट के इस फैसले के विरोध में कहा, ‘लैंड ऑर्डिनेंस को तीसरी बार ला कर सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है, मजाक किया है।’ उन्होंने कहा, ‘इसके साथ ही प्रधानमंत्री का दोहरापन खुल कर सामने आ गया। कल ही प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह इस ऑर्डिनेंस पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार हैं।’

"ताप" "वृक्ष प्रणाम "करो जीवन में

"ताप"
~~~
चन्दा दरबारी सूरज का ,
धीरे धीरे बोला ।
धरा प्राणी सब कोस रहे ,
ताप हो गया जादा ।

हाहाकार मची है प्रभु ,
सब कोस रहे गर्मी को ।
सघन ताप से नीचे प्राणी ,
तडप रहे धरती पर

सूरज ने तब चुप्पी तोडी ,
महुआ नीचे देखो ,
कितनी ठंडी हवा बह रही ,
बड़ के नीचे देखो

कोसो नहीं ताप तनिक भी ,
ताप बडायाउनने ।
गैस बडाकर वृक्ष काटकर ,
ताप बडाया उनने ।

जाओ नीचे चन्दामामा ,
सबको यह कह डालो ।
"वृक्ष प्रणाम "करो जीवन में ,
ताप मुक्ति पा जावो ।

आनन्द जैन " एडवोकेट "


हिंदी पत्रकारिता दिवस पर हार्दिक बधाई

हिंदी पत्रकारिता दिवस पर आप सभी भाइयो को toc परिवार की और से हार्दिक हार्दिक बधाई सुभकामनाये । आप इसी तरह अपनी कलम के जरिये लोग के सामने सच दिखाते रहै।

पत्रकारिता ?
------------
कलम चले चुपचाप
किसी से बैर नहीं
दिखता जो है वही लिखेगी
यहाँ किसी की खैर नहीं।
मुश्किल की आँधी में भी
इसकी स्याही न सूखे
पत्रकारिता आदर्शों से
कभी न नाता टूटे।
अगर राह में कोई रोडा
कितना बडा भी आए
मजबूरी में गलत कदम
फिर भी न उठने पावे।
अनाचार,अत्याचार से
डटकर लोहा लेंगे
कोई कितना बडा विकट हो
दर्पण दिखला देंगे।
पीत पत्रकारिता से जग को
हमें बचाना होगा
तभी राष्ट्र का स्वाभिमान
'अखिल' विश्व में होगा।

अखिल बंसल

हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर पत्रकार भाइयों को कुछ लाइने समर्पित

हिन्दी पत्रकारिता दिवस 30 मई 2015 पर पत्रकार भाइयों को कुछ लाइने समर्पित है 📷🎤

कलम के सिपाही हम सिर को न झुकाएँगे ।
वक्त आया तो कलम के लिए हम अपनी जां भी लुटा देंगे।।
कुर्बानियों से नाता कलमकार का  बहुत पुराना है ।
कलम की हिफाजत में अपना सिर कटा देंगे।।
कलम ही तपस्या है कलम ही इबादद है ।
देश की हिफाजत में कलम को शमशीर हम बना देंगे।।
आओ लें शपथ आओ लें शपथ
जो भी हो जैसे भी हो दलालों को मिटा देंगे।।

: लिमटी खरे

सावधान: मैगी में लेड और मोनोसोडियम ग्लूटामेट खतरनाक स्तर तक मौजूद

मैगी पर फैसला 1 को, इंदौर में भी 6 सैंपलों की जांच होगी एफएसएसएआई की बैठक में तय होगा मैगी का भविष्य ..........

भोपाल । मैगी पर पूरे देश में प्रतिबंध लग सकता है। एफएसएसएआई (फूड सिक्योरिटी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया) 1 जून को मैगी को लेकर दिल्ली में बैठक आयोजित करने जा रही है। इसमें देश भर से आए मैगी के सैंपल की जांच रिपोर्ट पर चर्चा होगी। अगर सैंपलों में लेड व मोनोसोडियम ग्लूटामेट की मात्रा पाई गई, तो इस पर प्रतिबंध लग सकता है

प्रदेश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने भी एफएसएसएआई के निर्देश के बाद मैगी के 6 सैंपलों की
जांच इंदौर की चौकसे लैब में करवाई है। इनकी जांच रिपोर्ट शनिवार तक आने की उम्मीद है। सैंपल की रिपोर्ट 1 जून
को एफएसएसएआई की बैठक में रखा जाएगा। इसमें
देश भर के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के
अधिकारी मौजूद रहेंगे।

रिपोर्ट में अगर साबित होता कि मैगी में लेड
और मोनोसोडियम ग्लूटामेट की मात्रा
खतरनाक स्तर तक मौजूद है, तो एफएसएसएआई मैगी
की बिक्री पर प्रतिबंध लगा सकती है। देश के
कुछ राज्यों ने मैगी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा
दिया है। मैगी के बारे में शिकायतें मिलीं थीं
कि इसमें  है। लेड के सेवन से किडनी फैल्युअर व कैंसर
हो सकता है। मोनोसोडियम ग्लूटामेट की
अधिक मात्रा भी खतरनाक साबित होती है।

इन फ्लेवर के लिए हैं नमूने
लेड व मोनोसोडियम ग्लूटामेट जैसे पदार्थों की
जांच की व्यवस्था खाद्य एवं औषधि प्रशासन
की ईदगाह हिल्स स्थित लैब में नहीं है। इसलिए
इनकी जांच इंदौर की एक प्राईवेट लैब में करवाई
जा रही है। प्रदेश के विभिन्न स्थानों से मैगी
मसाला, मैगी ओट, मैगी आटा व मैगी जनरल के
सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
...

दो दिवसीय भाषाई पत्रकारिता महोत्सव आज से.........


इंदौर। इंदौर प्रेस क्लब द्वारा दो दिवसीय भाषाई पत्रकारिता
महोत्सव का आयोजन शनिवार 30 मई से रवींद्र नाट्यगृह में किया जाएगा। इसमें पत्रकारिता के अलावा राजनीतिक क्षेत्र की हस्तियां भी शिरकत करेंगी। उद्घाटन मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और विशेष अतिथि वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा करेंगे। दो दिवसीय इस महोत्सव में चार सत्र होंगे।
शनिवार सुबह 10.30 बजे वरिष्ठ पत्रकार श्रीराम ताम्रकर की स्मृति में बदलता समय और फिल्म पत्रकारिता विषय पर
टॉक शो रखा गया है।
शाम 6.30 बजे उद्घाटन सत्र व प्रभाकर माचवे की स्मृति में मीडिया से गुम होता आम आदमी का दर्द परिसंवाद
होगा। मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा,
राष्ट्रसंत भय्यू महाराज, केंद्रीय मंत्री
सामाजिक न्याय व अधिकारिता थावरचंद
गेहलोत, पर्यटन राज्यमंत्री सुरेंद्र पटवा होंगे।
महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को वरिष्ठ
पत्रकार महेंद्र जोशी की स्मृति में सुबह 10.30
बजे से मप्र विजन 2025 विषय पर परिसंवाद
होगा। आखिर सत्र वरिष्ठ पत्रकार शाहिद
मिर्जा की स्मृति में रखा गया है। इसका
विषय पारंपरिक बनाम सोशल मीडिया पर
वक्ता अपने विचार रखेंगे। समापन सत्र में
नईदुनिया की महिला पत्रकार सुमेधा
पुराणिक समेत 11 पत्रकारों का सम्मान किया
जाएगा। क्लब अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने
बताया कि शरद पंडित की स्मृति में उत्सवचंद
पोरवाल कला वीथिका में विकास की डगर-
हमारा शहर थीम पर फोटोग्राफी
एक्जीबिशन रखी है।

कपड़े बदल रही इंजीनियरिंग छात्रा से ज्यादती

Toc News @ Bhopal

भोपाल शाहपुरा इलाके में इंजीनियरिंग छात्रा से ज्यादती किए जाने का मामला सामने आया है। आरोपी और कोई नहीं बल्कि पीड़िता की सहेली का दोस्त है। आरोपी ने सुबह-सुबह कपड़े बदल रहीछात्रा को अपना शिकार बनाया। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत दोनों छात्रों और उनकी
महिला मित्र के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।

शाहपुरा टीआई रेणु मुराव के मुताबिक 19 वर्षीय छात्रा हॉस्टल में रहकर भोपाल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है। उसका पूर्व परिचित हरीश अपार्टमेंट, त्रिलंगा निवासी प्रखर सावरिया राधारमन कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। उसके पड़ोस में जिम्मी उर्फ जोश फिलिप्स और उसकी मुंह बोली बहन अन्नू उर्फ लता शर्मा रहती है। प्रखर
के कहने पर अन्नू ने पीड़िता को 27 मई की रात रूम पर एक साथ पढ़ने के बहाने बुला लिया। रात अधिक होने के कारण पीड़िता प्रखर के फ्लैट पर ही रुक गई।

गुरुवार सुबह करीब 6 बजे पीड़िता परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रखर के पड़ोस में रहने वाले उसके दोस्त जिम्मी के घर में कपड़े बदलने चली गई। इसी दौरान आरोपी ने पीड़िता से जबरन ज्यादती की। घटना के बाद छात्रा ने न्यू-मार्केट में रहने वाली अपनी सहेली के घर पहुंचकर उसे पूरी बात बताई। उसके कहने पर पीड़िता ने माता-पिता को इसके बारे जानकारी दी। गुरुवार रात करीब 12 बजे भोपाल पहुंचने पर परिजनों ने शाहपुरा थाने में आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया।

पुलिस ने जिम्मी के खिलाफ ज्यादती करने का मामला दर्ज किया है, जबकि प्रखर व अन्नू के खिलाफ षड़यंत्र रचने समेत अन्य धाराओं में आरोपी बनाया है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर शुक्रवार को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया.

घूस को मारिए घूंसा

Post by toc news

कैसे यह क़ानून आम आदमी की रोज़मर्रा की समस्याओं (सरकारी दफ़्तरों से संबंधित) का समाधान निकाल सकता है. वो भी, बिना रिश्वत दिए. बिना जी-हुजूरी किए. आपको बस अपनी समस्याओं के बारे में संबंधित विभाग से सवाल पूछना है. जैसे ही आपका सवाल संबंधित विभाग तक पहुंचेगा वैसे ही संबंधित अधिकारी पर क़ानूनी तौर पर यह ज़िम्मेवारी आ जाएगी कि वो आपके सवालों का जवाब दे. ज़ाहिर है, अगर उस अधिकारी ने बेवजह आपके काम को लटकाया है तो वह आपके सवालों का जवाब भला कैसे देगा.

आप अपना आरटीआई आवेदन (जिसमें आपकी समस्या से जुड़े सवाल होंगे) संबंधित सरकारी विभाग के लोक सूचना अधिकारी (पीआईओ) के पास स्वयं जा कर या डाक के द्वारा जमा करा सकते हैं. आरटीआई क़ानून के मुताबिक़ प्रत्येक सरकारी विभाग में एक लोक सूचना अधिकारी को नियुक्त करना आवश्यक है.

यह ज़रूरी नहीं है कि आपको उस पीआईओ का नाम मालूम हो. यदि आप प्रखंड स्तर के किसी समस्या के बारे में सवाल पूछना चाहते है तो आप क्षेत्र के बीडीओ से संपर्क कर सकते हैं. केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के पते जानने के लिए आप इंटरनेट की भी मदद ले सकते है. और, हां एक बच्चा भी आरटीआई क़ानून के तहत आरटीआई आवेदन दाख़िल कर सकता है.

सूचना ना देने पर अधिकारी को सजा

स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार कोई क़ानून किसी अधिकारी की अकर्मण्यता/लापरवाही के प्रति जवाबदेही तय करता है और इस क़ानून में आर्थिक दंड का भी प्रावधान है. यदि संबंधित अधिकारी समय पर सूचना उपलब्ध नहीं कराता है तो उस पर 250 रु. प्रतिदिन के हिसाब से सूचना आयुक्त द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता है. यदि दी गई सूचना ग़लत है तो अधिकतम 25000 रु. तक का भी जुर्माना लगाया जा सकता है. जुर्माना आपके आवेदन को ग़लत कारणों से नकारने या ग़लत सूचना देने पर भी लगाया जा सकता है. यह जुर्माना उस अधिकारी के निजी वेतन से काटा जाता है.
सवाल : क्या पीआईओ पर लगे जुर्माने की राशि आवेदक को दी जाती है?
जवाब : नहीं, जुर्माने की राशि सरकारी खजाने में जमा हो जाती है. हालांकि अनुच्छेद 19 के तहत, आवेदक मुआवज़ा मांग सकता है.

आरटीआई के इस्तेमाल में समझदारी दिखाएं

कई बार आरटीआई के इस्तेमाल के बाद आवेदक को परेशान किया किया जाता है या झूठे मुक़दमे में फंसाकर उनका मानसिक और आर्थिक शोषण किया किया जाता है . यह एक गंभीर मामला है और आरटीआई क़ानून के अस्तित्व में आने के तुरंत बाद से ही इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं. आवेदकों को धमकियां दी गईं, जेल भेजा गया. यहां तक कि कई आरटीआई कार्यकर्ताओं पर कातिलाना हमले भी हुए. झारखंड के ललित मेहता, पुणे के सतीश शेट्टी जैसे समर्पित आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या तक कर दी गई.

इन सब बातों से घबराने की ज़रूरत नहीं है. हमें इस क़ानून का इस्तेमाल इस तरह करना होगा कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे. मतलब अति उत्साह के बजाय थोड़ी समझदारी दिखानी होगी. ख़ासकर ऐसे मामलों में जो जनहित से जुड़े हों और जिस सूचना के सार्वजनिक होने से ताक़तवर लोगों का पर्दाफाश होना तय हो, क्योंकि सफेदपोश ताक़तवर लोग ख़ुद को सुरक्षित बनाए रखने के लिए कुछ भी कर सकते हैं.

वे साम, दाम, दंड और भेद कोई भी नीति अपना सकते हैं. यहीं पर एक आरटीआई आवेदक को ज़्यादा सतर्कता और समझदारी दिखाने की आवश्यकता है. उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आपको एक ऐसे मामले की जानकारी है,

जिसका सार्वजनिक होना ज़रूरी है, लेकिन इससे आपकी जान को ख़तरा हो सकता है. ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे? हमारी समझ और सलाह के मुताबिक़, आपको ख़ुद आरटीआई आवेदन देने के बजाय किसी और से आवेदन दिलवाना चाहिए. ख़ासकर उस ज़िले से बाहर के किसी व्यक्ति की ओर से. आप यह कोशिश भी कर सकते हैं कि अगर आपके कोई मित्र राज्य से बाहर रहते हों तो आप उनसे भी उस मामले पर आरटीआई आवेदन डलवा सकते हैं. इससे होगा यह कि जो लोग आपको धमका सकते हैं, वे एक साथ कई लोगों या अन्य राज्य में रहने वाले आवेदक को नहीं धमका पाएंगे.

आप चाहें तो यह भी कर सकते हैं कि एक मामले में सैकड़ों लोगों से आवेदन डलवा दें. इससे दबाव काफी बढ़ जाएगा. यदि आपका स्वयं का कोई मामला हो तो भी कोशिश करें कि एक से ज़्यादा लोग आपके मामले में आरटीआई आवेदन डालें. साथ ही आप अपने क्षेत्र में काम कर रही किसी ग़ैर सरकारी संस्था की भी मदद ले सकते हैं.

लेखक - शशांक मिश्रा सिवनी मालवा जिला- होशंगाबाद
सम्पर्क-7828333383,  7828333393

Friday, May 29, 2015

सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन पत्र, विभाग में लोकसूचना अधिकार की धज्जियाॅ

Toc news

आर.टी.आई में जानकारी देने का प्रावधान नहीं:लो.सू.अ.

भोपाल लोक सूचना के अधिकार की धज्जियाॅ का एक मामला सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण संचालनालय का प्रकाश में आया है जिसमें लोकसूचना अधिकारी द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6(1) का हवाला देकर आवेदनकर्ता आर.एस.अग्रवाल को पत्र क्रमांक-सू.अ.अधि./16/2015/72 दिनांक 11 मार्च 2015 के द्वारा लिखकर दिया जाता है कि सन्र्दभित पत्र क्रमांक अनुकम में अवगत कराया जाता है कि सूचना का अधिकार अधिनियम में जानकारी बनाकर दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है।

       याने की लोकसूचना अधिकारी को इस बात का भी ज्ञान नहीं है कि जो जानकारी मांगी गई है उसकी सत्यापित प्रतिलिपि तो मांगी गई है। नहीं दिये जाने का प्रश्न पैदा नहीं होता है।

       लोकसूचना अधिकारी ने जानकारी में संतोष न होने पर अपीलीय अधिकारी की विशिष्टियाॅ बताई है जिसमें अपीलीय अधिकारी पी.डी.श्रीवास्तव पदनाम अपर संचालक सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण संचालनालय भोपाल दूरभाष क्रमांक 2550895 बताया है।

       लोकसूचना अधिकारी के द्वारा लिए गए इस निर्णय के विरूद्ध लोकसूचना अधिकार धारा 18 के तहत मुख्य सूचना आयुक्त को 16 मार्च 15 को शिकायत की गई है।

       मुख्य सूचना आयुक्त के कामकाज भी प्रश्न चिन्ह उठने लगे है वहाॅ पर कुछ आयुक्त शासन के पक्ष में होने के कारण सूचना के अधिकारों की अपीलों एवं शिकायतों को ठन्ड़े बस्ते में डाल रखे है।
      उल्लेखनीय है कि सूचना के अधिकार के तहत आवेदनकर्ता राधेश्याम अग्रवाल द्वारा यह जानकारी मांगी गई थी जिसका कि संचालनालय के पास रिकार्ड उपलब्ध है।

       सल्गन आवेदन पत्र मय प्रोसेसिंग फीस के साथ निवेदन है कि निम्नलिखित जानकारी लोकसूचना के अधिकार के तहत देने की कृपा करे।

1) इन्दिरा गांधी एर्वाड़ के लिए वर्ष 2014 में चयनित किये जाने वाले व्यक्ति संस्था सहित नाम एवं पता की जानकारी।

2) वितीय वर्ष 2013-2014 में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा निराश्रित, बैसहारा एवं लावरिश की मृत्यु हो जाने पर अंत्येष्टि के लिए की गई खर्च का विवरण सहित।

3) मध्यप्रदेश में नशा मुक्ति के लिए सामाजिक न्याय विभाग द्वारा वितीय वर्ष 13-14 में खर्च किए गए राशि का विवरण।

4) सामाजिक न्याय विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त स्वंय सेवी संस्थाओं की सूची स्थान एवं पते के साथ।

राधेश्याम अग्रवाल



बिल्डर विपिन गोयल की जमानत खारिज, तीन जून को सरेंडर करने को कहा

Toc News

भोपाल। व्यापम घोटाले के प्रीपीजी 2012 के आरोपी और बिल्डर विपिन गोयल की जमानत को अदालत ने खारिज कर दिया। अब उसे तीन जून को अदालत में सरेंडर होने को कहा है।

विपिन गोयल ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन लगाया था जहां से 19 मई को उसे 14 दिन के भीतर संबंधित कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे और इस बीच गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी।

पेंषन भुगतान में विलंब करने पर लेखाधिकारियों के वेतन रोकने के निर्देष

कलेक्टर डॉ. अग्रवाल ने किया जिला पंचायत का आकस्मिक निरीक्षण

खण्डवा - कलेक्टर डॉ. एम.के.अग्रवाल ने आज जिला पंचायत खण्डवा का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने इन्दिरा गॉंधी वृद्धावस्था पेंषन, विधवा पेंषन, निराश्रित व विकलांग पेंषन सहित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंषन योजनाओं के तहत हितग्राहियों के खाते में जमा राषि की विस्तार से समीक्षा की।

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि पिछले कुछ माह से जिले के कई विकासखण्डों के हितग्राहियों के खाते में पेंषन जमा नही की गई है। इसके लिए जिम्मेदार लेखा अधिकारियों के वेतन तबतक के लिए रोकने के निर्देष उन्होंने दिए जबतक कि सभी पात्र चयनित हितग्राहियों के खाते में अप्रैल माह तक की पेंषन जमा नही हो जाती। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जिला पंचायत के अधीन विभिन्न योजनाओं के तहत संचालित निर्माण कार्याे की प्रगति की भी समीक्षा की।

उन्होंने एकीकृत पड़त भूमि प्रबंधन कार्यक्रम, मध्याह्न भोजन कार्यक्रम, समग्र सामाजिक सुरक्षा मिषन, स्वच्छता मिषन, इन्दिरा आवास योजना, सहित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की जानकारी संबंधित प्रभारी अधिकारियों से ली। कलेक्टर डॉ. अग्रवाल ने निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत के सभी लेखा अधिकारियों को बुलाकर उनसे जनवरी माह से अब तक विभिन्न विकासखण्डों व नगरीय निकायों में हितग्राहियों के खाते में जमा पेंषन की जानकारी ली तथा कितने हितग्राहियों के खाते में ऑन लाईन राषि जमा न होने के कारण राषि वापस आ गई तथा क्यों वापिस आई यह भी जानकारी उन्होंने ली।

इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत जिन कन्याओं के विवाह गत दिनों सम्पन्न हुए है उनके खाते में जमा की जाने वाली राषि जमा हुई कि नही यह जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निरीक्षण के दौरान निर्देष दिए कि अगले तीन दिनों में सभी विकासखण्डों व नगरीय निकायों के पेंषन भुगतान संबंधी लेखापालों को जिला पंचायत में एक साथ बुलाकर उनसे यह जानकारी स्पष्ट की जायें कि कितने हितग्राहियों के खाते में मासिक पेंषन जमा हो रही है, कितनों के खाते में राषि ऑन लाईन जमा नही हो पा रही है तथा क्यों नहीं हो पा रही है।   

रात में दफ्तर खोल, जयाप्रदा का बना लाइसेंस

लखनऊ. अमर सिंह की समाजवादी पार्टी (सपा) में वापसी की ख़बरों के बीच बुधवार रात रामपुर की पूर्व सांसद और अभिनेत्री जयाप्रदा का लखनऊ के रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आरटीओ) में ड्राइविंग लाइसेंस बनाया गया.

जयाप्रदा को लर्नर डीएल देने का काम रात नौ बजे के बाद किया गया. इसके लिए बायोमेट्रिक टेस्ट और अन्य औपचारिकताएं आनन-फानन में पूरी की गईं.
लखनउ के आरटीओ सग़ीर अहमद अंसारी ने जयाप्रदा का ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाने की पुष्टि की.

जयाप्रदा का लाइसेंस देर रात बनाए जाने के सवाल पर अंसारी ने कहा कि आमतौर पर जब तक लोग रहते हैं काम होता रहता है. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या आमतौर पर रात नौ बजे के बाद भी काम होता है तो, उन्होंने इस बात से इनकार किया.
कयास

देर रात दफ़्तर खोलकर जयाप्रदा का डीएल बनाए जाने के बाद अब इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा उन्हें विधान परिषद का सदस्य मनोनीत करवाना चाहती है. इसके लिए उनके पास लखनऊ का पता होना जरूरी है.
बताया जा रहा है कि विधान परिषद का सदस्य मनोनीत करने के लिए सपा ने जिन नामों की सूची राजभवन भेजी है, राज्यपाल रामनाइक उससे खुश नहीं हैं और उसमें बदलाव चाहते हैं.
इस संदर्भ में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को राज्यपाल से भेंट की.

सपा की ओर से भेजी गई सूची में किसी साहित्यकार, कलाकार या बुद्धिजीवी का नाम नहीं है. इसी बात पर राज्यपाल ने पूछा था कि किस आधार पर 9 लोग मनोनीत किए जा रहे हैं.
अनुमान है कि जयाप्रदा उस कमी को पूरा करेंगीं.
हालांकि पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने जयाप्रदा के मनोनीत किये जाने पर कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है

सड़क पर उतरे वेटनरी कॉलेज के स्टूडेंट्स

भर्ती प्रक्रिया बदलने की मांग

भोपाल। मप्र के रीवा, मऊ और जबलपुर में स्थित सरकारी वेटनरी कॉलेज के स्टूडेंट्स अपनी मांगों को लेकर राजधानी में सड़क पर उतर आए हैं। स्टूडेंट्स की मांग है कि राज्य सरकार द्वारा पशुचिकित्सा सहायक शल्यज्ञ पदाें पर की जा रही भर्ती की प्रक्रिया मे बदलाव किया जाए और भर्ती में राज्य में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को लिखित परीक्षा के जरिये भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का माैका दिया जाए।

PRIYANKA CHOPRA अमेरिका में हुईं नस्लभेद की शिकार

मुंबई। प्रियंका चोपड़ा अमेरिका में इस हद तक नस्लभेद की शिकार हुईं कि उन्हें अमेरिका छोड़ने का फैसला करना पड़ा। प्रियंका ने बताया कि जब वो 12 साल की थीं तब वो स्कूली पढाई करने के लिए अमेरिका गई थी लेकिन फिर कथित रंगभेदी भावनाओं से आहत होकर स्वदेश लौट गई थीं। प्रियंका कहती हैं, मैंने ज़िन्दगी में बहुत नस्लभेद सहा है। मुझे याद है जब मैं स्कूल में पढ़ती थी तब मुझे सब ब्राउनी कहकर बुलाया करते थे।

प्रियंका बताती हैं, लोग मुझे कहा करते थे कि घर जाओ और करी बनाओ। मैंने देखा था कि लोग भारतीयों को हमेशा एक अलग तरह से देखते थे। प्रियंका ने बताया, वो कहते हैं कि हम भारतीय सिर हिलाकर बात करते हैं। हमारा मजाक उड़ाया जाता है। हम घर पर जो खाना बनाते हैं, उस खाने की महक का मजाक उड़ाया जाता हैं। और तो और हमारी विचार शैली का भी मजाक उड़ाया जाता है। इन्ही तानो से तंग आकर मैंने अमेरीका छोड़ा और भारत आ गई। आज वो अमेरिका में एक हॉलीवुड प्रोडक्शन का हिस्सा है। प्रियंका के अनुसार उन्हें अमेरिका में बदलाव नजर आता है।

प्रियंका चोपड़ा आजकल अपने पहले हॉलीवुड धारावाहिक क्वान्टिको में एलेक्स वीवर नाम की एक एफबीआई एजेंट की भूमिका निभा रही हैं। ये पहला मौका है जब प्रियंका किसी हॉलीवुड टीवी सीरीज में काम कर रही हैं। उन्होंने बताया, ये थ्रिलर-ड्रामा क्वान्टिको एफबीआई के खास सदस्यों की कहानी है जो अलग-अलग वजहों और इरादों से एफबीआई से जुड़ते हैं। प्रियंका को लगता हैं कि विदेशों में भारतीयों को कभी गंभीरता से नहीं लिया जाता है। वो कहती हैं, इंडियन टैलेंट, चाहे एक्टर हो, निर्देशक या फिर आर्टिस्ट, इनको वो औहदा नहीं मिलता जिसके वो हकदार होते हैं।

प्रियंका ने बताया कि भारतीय मूल की लड़कियों को अगर हॉलीवुड में काम मिलता भी है तो उन्हें या तो किसी इंडियन फैमिली का किरदार करने को मिलता हैं जैसे इंडियन माँ या फिर किसी ऐसी लड़की का किरदार जो अरेंज मैरिज के कल्चर को दिखाती हैं। प्रियंका इन सबसे अलग सोच रखती हैं। प्रियंका ने कहा, मैंने ये धारावाहिक इसी शर्त पर किया था कि मेरा क़िरदार एक एक्टर के तौर पर हो न की मेरे भारतीय होने पर।

हॉलीवुड से अलग बॉलीवुड में प्रियंका चोपड़ा की आने वाली फ़िल्म दिल धड़कने दो 5 जून को रिलीज हो रही है। इस फ़िल्म में प्रियंका चोपड़ा के साथ अनुष्का शर्मा, फरहान अख्तर, अनिल कपूर और रणवीर सिंह मुख्य भूमिका में हैं।

मैसूर के नए 'राजा' यदुवीर


राजा-रानी की बातें अब सिर्फ कहानियों में ही रह गई हैं। लेकिन कुछ जगहों पर लोकतंत्र में भी राजशाही परंपरा चल रही है। मैसूर उन्हीं में से एक है।

मैसूर के वॉडेयार राजघराने को अपना 27वां 'राजा' मिल गया है। 23 साल के यदुवीर कृष्णदत्त वॉडेयार मैसूर की एक भव्य समारोह में ताजपोशी हुई। राजपरिवार के पास 10 हजार करोड़ की संपत्ति है।

मैसूर के नए राजा की खासियत यह है कि उन्होंने अमरीका के मैसाचुसेट्स से पढ़ाई की है। यदुवीर अर्थशास्त्र में अंडर ग्रेजुएट हैं।

यदुवीर ने अपने चचेरे दादा श्रीकांतदत्त वडयार की जगह ली। बता दें कि दिसंबर 2013 में श्रीकांतदत्त वडयार का निधन हो गया था। श्रीकांतदत्त की कोई संतान नहीं थी। उनकी पत्नी प्रमोददेवी ने हाल में यदु को गोद लिया था।

भव्य समारोह में हुई ताजपोशी
यदुवीर की ताजपोशी का कार्यक्रम करीब दो घंटे चला और इस दौरान मैसूर महल में स्थित 15 मंदिरों में कुल 40 पुजारियों ने पूजा-अर्चना कराई। इस भव्य समारोह में मैसूर के हर समुदाय के लौग मौजूद थे और देश-विदेश से आए एक हजार मेहमान मौजूद थे। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी शामिल थे।

यदुवीर की विरासत
यदुवीर को विरासत में मैसूर, बैंगलूरू और हासन में मौजूद राजपरिवार की 1500 एकड़ जमीन मिली है।
साथ ही उन्हें कर्नाटक सरकार से कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ेगी क्योंकि राज्य सरकार मैसूर महल की संपत्तियों पर कब्जा चाहती है। मामला पहले से ही अदालत में है। श्रीकांत की 15 लग्जरी कारें थीं, सबका नंबर उनका जन्म साल 1953 है।

विवाह
मैयूर के राजा यदुवीर का शादी राजस्थान के डूंगरपुर के राजा हर्षवर्धन की बेटी तृषिका के साथ होने वाली है। यदुवीर गुरुवार को मैसूर के नए राजा बने हैं। यदुवीर की एडोपशन सेरेमनी में भी डूंगरपुर के राजघराने की राजकुमारी और मैसूर की होने वाली रानी तृषिका पहुंची थीं।

दाउद के सहयोगी पर अदालत में मॉडल का ऑडीशन लेने का आरोप

मुंबई: मुंबई पुलिस एक मॉडल की ओर से किए गए चौंकाने वाले खुलासे की जांच कर रही है जिसमें उसने दावा किया है कि अदालत के भीतर उसे और दो अन्य लड़कियों को गैंगस्टर मुस्तफा दोसा के दुबई स्थित जेवरात की दुकान में फ्रंट डेस्क कार्य के लिए चुना गया था.
 
फरार माफिया सरगना दाउद इब्राहिम का सहयोगी दोसा जेल में है और यहां सत्र अदालत में 1993 के मुंबई सिलसिलेवार धमाकों के सिलसिले में मुकदमे का सामना कर रहा है. लड़की के अनुसार उसे और सात अन्य को दोसा के निरीक्षण के लिए कोर्टरूम में ले जाया गया.

दोसा कठघरे में बैठा था और यह वाकया मई के पहले सप्ताह का है और उसने उनमें से तीन को चुना. उसने कहा कि वह इससे पहले दोसा से नहीं मिली थी. पुलिस उपायुक्त मोहन दाहिकर ने कहा, ‘मामला जांच के अधीन है. हम अंडरवर्ल्ड कनेक्शन की जांच कर रहे हैं.’

इन लडकियों को दुबई में काम दिलाने का झांसा देकर बुलाया गया था. बाद में दोसा के आदमियों ने उनमेसे एक 19 वर्षीय लडकी से 1लाख रुपये और मोबाइल फोन लुट लिया.

विवादित कम्पनी को फिर दिया कोयला खनन का ठेका

जालंधर, पंजाब सरकार ने विवादों में घिरी एम्टा कंपनी को फिर से झारखंड के पच्छवाड़ा सेंट्रल ब्लॉक कोल माइन से कोयले की खनन की मंजूरी दे दी है। यह कंपनी 2006 से पंजाब को कोयले की आपूर्ति करती थी लेकिन अग्रिम भुगतान संबंधी कारणों से पानम ने 2014 में कोयला देना बंद कर दिया था, जिसके कारण पंजाब में ब्लैकआउट जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। इस मंजूरी से पंजाब को पावर संयंत्रों को कोयला मिलने का रास्ता साफ हो गया है लेकिन कंपनी की पिछली कारगुजारी को देखते हुए पावरकॉम और सरकार के फैसले पर भी सवाल खड़ा हो गया है।
कंपनी ने जमा नहीं करवाई राशि : अक्तूबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने कई कॉल ब्लॉक रद्द किए थे जिनमें पंजाब की पछवाड़ा कोल माइन भी एक थी। लेकिन कोयले के संकट को देखते हुए कोर्ट ने 2015 तक माइनिंग की इजाजत दे दी थी। कोर्ट ने 2006 से लेकर 31 मार्च 2015 तक माइनिंग किए गए कोयले पर 2.85 रुपए प्रति टन के हिसाब से लाभ की वसूली करने के निर्देश दिए ।
इसमें 26 फीसदी शेयर पावरकॉम का था जिसके 400 करोड़ रुपए पावरकॉम ने जमा करवा दिए लेकिन एम्टा कंपनी ने अपने हिस्से का 74 फीसदी शेयर जमा नहीं करवाया।
कोल ब्लॉक रद्द होने के साथ ही एम्टा का अनुबंध भी खत्म हो गया था, मगर 20 मई को कैबिनेट की बैठक में सरकार ने इसी कंपनी को फिर से पावरकॉम की पछवाड़ा कोयला खान से खनन की मंजूरी दे दी है तथा इस संबंध में 23 मई को सरकार ने पत्र भी जारी कर निर्देश दिया है कि जब तक पावरकॉम किसी के साथ स्थाई तौर पर एमओयू साइन नहीं करती, तब तक यही कंपनी खनन का काम देखेगी।
पहले कम भेजा था कोयला
पावरकॉम ने पच्छवाड़ा कोल माइन से कोयला निकालने के लिए 2006 में एम्टा से एमओयू साइन किया था। पावरकॉम और एम्टा ने इसके लिए पानम कंपनी बनाई जो कई सालों से पंजाब को कोयला निकालकर भेजती थी। पानम ने पंजाब को सालाना 70 लाख टन कोयला भेजना था लेकिन 2013-14 में पानम ने पंजाब को मात्र 59 लाख टन कोयला ही भेजा। 2014-15 में अप्रैल से लेकर अगस्त तक पांच महीने में मात्र 14़ 5 लाख टन कोयला ही पंजाब को भेजा, जबकि करार के मुताबिक 29 लाख टन कोयला भेजना था। इससे 2014 में पंजाब के बिजली तापघर बंद हो गए थे।

नरसिंहपुर तहसीलदार पीयुष दुबे को अभी राहत नहीं राहत

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नरसिंहपुर तहसीलदार पियूष दुबे को फर्जी दस्तावेज मामले में अग्रिम जमानत याचिका में अभी भी कोई राहत नहीं मिली है । 28 मई को उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकी । इस बार भी उनकी जमानत याचिका की पेशी बढ़ा दी गई । और अब पेशी कोर्ट की ग्रीष्म कालीन अवकाश यानि 16 जून के बाद अब जमानत मामले पेशी होगी जिसके चलते अभी तहसीलदार दुबे को और भी फरारी काटनी होगी हालाकि पुलिस और प्रशासन से साठगांठ के चलते उनकी गिरफ़्तारी न होना तय है इसलिए उन्हें फिलहाल फरारी काटने में भी कोई ज्यादा समस्या नहीं है।

एक याचिका पर सुनवाई कल

वही मामले को ख़ारिज करने की अन्य याचिका पर आज सुनवाई नहीं की जा सकी और अब उसमे कल सुनवाई होना  जिसमे आपत्ति दर्ज करने के लिए प्रतिवादी पालीवाल भी अपने वकीलो के साथ पूरी तैयारी कर चुके है ।

सूचना क्रांति का वर्तमान युग : डॉ.चन्द्रकुमार जैन

डॉ.चन्द्रकुमार जैन

सूचना क्रांति के वर्तमान युग में समाचारों की दुनिया भी बहुत तेजी से बदल रही है.बार-बार कलमगोई वाली पत्रकारिता के आदर्शों से विमुख होने के सवाल उठाये जाते हैं, वहीं आज इसके विपरीत तेजी से कदम बढ़ा रहीहै हिंदी वेब पत्रकारिता. हाँ जो संभव है वह अन्य पारंपरिक माध्यमों में कतई संभव नहीं है.न्यू मीडिया, सोशल नेटवर्किंग, ब्लॉग आदि आज के मीडिया के नए पर्यायबन गए हैं. आज की नेट उपयोगिता आज से दस वर्ष पूर्व से एकदम भिन्न है.

यह प्रति व्यक्ति संवाद की एक ऐसी भूमि तैयार करता है जो इससे पहले कभी संभवनही थी. यह हर एक व्यक्ति के लिए है और हर एक के बारे में है. यह सामाजिक विकास की वृद्धि में एक क्रांतिकारीकदम है. मानव इतना सामाजिक कभी न रहाहोगा जितना कि अब हो गया है. न्यू मीडिया किसी भी तरह के अभियान को सफलकरने में या उसे पलट कर रख देने में भी सक्षम है. आज घर से कभी बाहर कदम न रखने वाले भी इसके माध्यम से अपनी भावनाएँ अभिव्यक्त करते हैं.

कितनी ही प्रतिभाएँ इस माध्यम से उजागर हुई हैं जिन्हें इससे पहले कोई स्थान या मौका तक नहीं मिला करता था.वास्तव में ‘न्यू मीडिया’ मीडिया के क्षेत्र में एक नई चीज है. यह चीज यूंतो अब बहुत नई नहीं रह गई है लेकिन यहक्षेत्र पूर्णतः तकनीक पर आधारित होने के कारण इस क्षेत्र में प्रतिदिन कुछ ना कुछ नया जुड़ता ही जा रहा है. शुरुआत में जब टेलीविजन और रेडियो नए-नए आए थे तब इनको न्यू मीडिया कहा जाता था. बहुत ज्यादा दिननहीं हुए हैं जब पत्रकारिता के विद्यार्थी न्यू मीडिया के रूप में टेलीविजन और रेडियो को पढ़ा और लिखा करते थे, तकनीक में धीरे-धीरे उन्नतिहुई और न्यू मीडिया का स्वरूप भी बदलता चला गया और आज हम न्यू मीडिया के रूप में वह सभी चीजें देखते हैं जो कि डिजिटल रूप में हमारे आस-पास मौजूद हैं.

न्यू मीडिया को समझाने कीबहुत से लोगों ने अपने-अपने तरीके सेकोशिश की है.न्यू मीडिया के क्षेत्र में जाने पहचाने नाम हैं बालेन्दु शर्मा दाधीच. वे कहते हैं कि- यूं तो दो-ढाई दशक की जीवनयात्रा के बाद शायद ‘न्यूमीडिया’ का नाम ‘न्यू मीडिया’ नहीं रह जाना चाहिए क्योंकि वह सुपरिचित, सुप्रचलित और परिपक्व सेक्टर का रूपले चुका है. लेकिन शायद वह हमेशा ‘न्यू मीडिया’ ही बना रहे क्योंकि पुरानापन उसकी प्रवृत्ति ही नहीं है.

वह जेट युग की रफ्तार के अनुरूप अचंभित कर देने वाली तेजी के साथ निरंतर विकसित भी हो रहा है और नए पहलुओं, नए स्वरूपों, नए माध्यमों, नए प्रयोगों और नई अभिव्यक्तियों सेसंपन्न भी होता जा रहा है. नवीनता और सृजनात्मकता नए जमाने के इस नए मीडिया की स्वाभाविक प्रवृत्तियां हैं. यह कल्पनाओं की गति से बढ़ने वाला मीडिया है जो संभवतः निरंतर बदलाव और नएपन से गुजरता रहेगा, और नया बना रहेगा. फिर भी न्यू मीडिया को लेकर भ्रम की स्थिति आज भी कायम है. अधिकांश लोग न्यू मीडिया का अर्थइंटरनेट के जरिए होने वाली पत्रकारिता से लगाते हैं. लेकिन न्यू मीडिया समाचारों, लेखों, सृजनात्मक लेखन या पत्रकारिता तक सीमित नहीं है.

वास्तव में न्यू मीडिया की परिभाषा पारंपरिक मीडिया की तर्ज पर दी ही नहीं जा सकती. न सिर्फ समाचार पत्रोंकी वेबसाइटें और पोर्टल न्यू मीडियाके दायरे में आते हैं बल्कि नौकरी ढूंढने वाली वेबसाइट, रिश्ते तलाशनेवाले पोर्टल, ब्लॉग, स्ट्रीमिंग ऑडियो-वीडियो, ईमेल, चैटिंग, इंटरनेट-फोन, इंटरनेट पर होने वाली खरीददारी, नीलामी, फिल्मों की सीडी-डीवीडी, डिजिटल कैमरे से लिए फोटोग्राफ, इंटरनेट सर्वेक्षण, इंटरनेट आधारित चर्चा के मंच, दोस्त बनाने वाली वेबसाइटें और सॉफ्टवेयर तक न्यू मीडिया का हिस्सा हैं.इस माध्यम की मौलिकता भी लाज़वाब है. यह एक अर्थ में व्यक्तिगत पत्रकारिता का नया रूप भी है. कोई भी सूचना उसके सही रूप में और तेजी सेसबके सामने आती है. इन वेबसाइटों ने पत्रकारिता को भी जैसे नई दिशा देदी है.

इनका प्रयोग करने वाला हर सदस्य पत्रकार बन गया है. मानो हर एक नेअपना एक अलग चैनल, अपनी एक अलग शैली बना ली है और अपने ही अंदाज में अपनेही सरोकार और दिलचस्पी से वह सूचनाओं का आदान प्रदान करता है. कहाजा सकता है कि परम्परिक पत्रकारिता से हट कर नागरिक पत्रकारिता का एक सीधा रूप सामने आया है.ये जरुर है कि हर इंसान की तरह, अभिव्यक्ति और उसको प्रदर्शित करने के तरीके भी अलग अलग होते हैं. इस सब में हमें ध्यान रखना होगा कि वेब पत्रकारिता निजी तौर पर किसी को आहत करने वाली नहीं होनी चाहिए. इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता कि अन्य माध्यमों की तरह इस माध्यम में भी कमियाँ हैं.

आज के युग में रफ़्तार का भी बहुत महत्व है, और वेब पत्रिकाएँ उस पैमाने पर खरी उतरती हैं. वो पाठकों तक हर जानकारी उस जगह और उस समय उपलब्ध कराती हैं जिस जगह और जिस समयवे चाहते हैं. वेब पत्रकारिता मानवीय सोच को भी एक क्लिक तक ही सीमित कर देने की भी क्षमता रखती हैं. पर याद रखना होगा कि इस क्षमता को सही अर्थ में समाजोपयोगी बनाने की जरूरत है.

संविदा भर्ती परीक्षा की तारीख घोषित

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व्यापम ने आधिकारिक तौर पर संविदा शिक्षक भर्ती की तारीखें घोषित कर दी जो इस प्रकार है
संविदा शिक्षक वर्ग 1- 11 अक्टूबर
संविदा शिक्षक वर्ग-2- 8 नवम्बर
संविदा शिक्षक वर्ग-3- 27 दिसम्बर

परीक्षा में सफलता की आप सभी को अग्रिम शुभकामनायें.....व्यापमं की अधिकृत वेबसाईट vyapam.nic.in पर exam 2015 पर भी तारीख देख सकते है।
[ रेलवे सुरक्षा बल (RPF) मैं बम्पर 17000 पदो पर भर्तियां. 10वी 12वी पास आवेदन कर सकते है .
{{पुरुष:- 13000 पद महिला:- 4000 पद}} .आवेदन शुल्क 40 रूपए.
More Details & Apply => http://www.recruitment-career.in/2014/06/Indian-Railways-Recruitment-Notification-2014.html

निवेदन :- दोस्तों अपने मित्रो के साथ शेयर करना न भूले . दुसरो की भी मदद करे .

मुझे और न करो शर्मिदा. माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, के नाम पाती

माननीय प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी जी,

अखबारों और चैनलों से सुना कि जिस देश में जन्म लेने को देवता तरसते हैं, वहां पर जन्म लेकर आप बड़े शर्मिंदा थे. आपको अपनी जन्मभूमि पर गर्व न होता, अगर आप एक साल पहले प्रधानमंत्री न बनते. चीन, जो अबतक हिंदुस्तान का घोषित शत्रु है, वहां जाकर भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए आप कहते हैं कि “Earlier, you felt ashamed of being born Indian, Now you feel proud to represent the country. Indians abroad had all hoped for a change in government last year.”

क्या कमाल की बात है!
हम सब शर्मिंदा पैदा हुए और आपके प्रधानमंत्री बनते ही गर्व से भर गए.

यह पहली बार नहीं है. आप कोरिया, अमेरिका, आस्ट्रेलिया आदि देशों में घूमते हुए बताते फिर रहे हैं कि भारत में 65 सालों में गंदगी फैली थी. आप प्रधानमंत्री बने, सफाई अभियान चलाया. आपके मंत्रियों ने नगर निगम का कूड़ा मंगाकर सड़क पर उड़ेला, फोटो खिंचवाई और निगमकर्मी उसे दोबारा भर ले गए, इस तरह इंडिया चमकदार—महकदार हो गया. आप जिन नायाब नीतियों का ढिंढोरा पीट रहे हैं, उनकी चर्चा फिर कभी.

दुनिया भर में यह पहली नजीर है, जब किसी देश का प्रधानमंत्री अपने देश से बाहर जाकर अपना हीनताबोध इस तरह प्रकट कर रहा है.

 मिस्टर प्रधानमंत्री, मैं गड़रियों और संपेरों के देश में पैदा हुआ. मैं गौतमबुद्ध और बाबासाहब अम्बेडकर के देश में पैदा हुआ.

मैं उसे देश में पैदा हुआ जहां 21वीं सदी में देश की 77 प्रतिशत जनता 20 रुपये पर जीवन गुजारती है. लेकिन मैं शर्मिंदा नहीं हूं.

मुझे अपनी माटी और इसकी फकीरी पर गर्व है. मुझे कांग्रेस के भ्रष्टाचार से घृणा है लेकिन देश की कीमत पर नहीं. कांग्रेस को गालियां देने के लिए देश की सड़कें और संसद पर्याप्त स्पेस मुहैया कराती हैं. यह बात आप यहां भी कह सकते थे और कहते रहे हैं. कांग्रेस के प्रति अपने बैरभाव को तुष्ट करने के लिए आप देश को शर्मिंदा मत कीजिए. आप अपने बड़बोलेपन को गौरव प्रदान करने के लिए शत्रु देशों में जाकर हमें शर्मिंदा मत कीजिए.

उद्योगपतियों को लुभाने के लिए इस हद तक जाना ठीक नहीं कि हमारा देश अब तक महा गलाज़त में था और मेरे प्रधानमंत्री बनते ही महान हो गया.

आपके संघ लोग तो वेदों से विमान निकाल ला रहे हैं. गोमूत्र से दुनिया की हर संभावित बीमारियां ठीक किए दे रहे हैं. कम से कम उस कूढ़मगज विज्ञान विद्या का ही लिहाज करते.

मेरी समझ है कि प्रतिस्पर्धी पार्टी की आलोचना बुरी बात नहीं. वह करनी ही चाहिए. लेकिन प्रतिस्पर्धी पार्टी का विरोध ही विदेश नीति हो जाए, उसकी आलोचना में आप देश को जहालत से भरा, सबसे पिछड़ा और भ्रष्टबताने लगें, यह देश के साथ साथ प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भी खोटा करता है. आप किसी भी देश में ब्रम्हांड की सबसे बड़ी पार्टी के प्रतिनिधि बनकर नहीं जाते. आप किसी भी देश में हम भारतीयों के प्रतिनिधि बनकर जाते हैं.

कृपया हमें दुनिया भर में शर्मिंदा न कीजिए. हम आपके आभारी होंगे.वैसे जब चुनाव हो रहा था और भ्रष्ट कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार थी, तब हम पेट पालने के लिए 80 रुपये में दाल खरीद रहे थे. अब 120 में रुपये में खरीद रहे हैं. आपने उद्योगपतियों को भरोसा दिया है कि भारत बदल गया है, तो उनके लिए होगा. हमारे लिए जीना कठिन हो रहा है.
आशा है आप हमारी जेब काटते रहेंगे
लेकिन हमें दुनिया भर में सिर झुकाने को मजबूर नहीं करेंगे.

आपका
एक नाचीज
भारतीय नागरिक

आपकी आवाज

शत्रुघ्न सिन्हा बोले-महसूस कर रहा हूं कि मेरे भी अच्छे दिन आएंगे

Toc news
नई दिल्ली. अभिनेता से बीजेपी राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही उनके भी 'अच्छे दिन' आएंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं नहीं है कि उन्हें केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाकर क्यों नहीं शामिल किया। लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई है कि हो सकता है कि इसके पीछे बिहार चुनाव के दौरान उन्हें किसी तरह की भूमिका दिए जाने की सोच हो।

सरकार के रहते आ ही जाएंगे 'अच्छे दिन'
सिन्हा ने कहा कि लोगों ने मुझसे पूछा कि आप बीजेपी में सीनियर नेता हैं, आपको पहले भी मंत्रालय संभालने का अनुभव रहा है और खासे लोकप्रिय हैं, लेकिन आपको मंत्रिमंडल में शामिल क्यों नहीं किया गया? सिन्हा ने कहा, 'इस सवाल का मेरे पास कोई जवाब नहीं है। मुझे लगता है कि हमारे प्रधानमंत्री और पार्टी की सीनियर लीडरशिप के पास इस सवाल का जवाब हो सकता है।' हालांकि सिन्हा ने कहा, 'पिछले एक साल से इस बात को महसूस कर रहा हूं कि मेरे भी अच्छे दिन आएंगे।' उन्होंने कहा कि अभी हमारी सरकार के 4 साल भी बाकी हैं और तब तक अच्छे दिन आ जाएंगे।

'पार्टी कहेगी तो विधानसभा चुनाव में प्रचार करूंगा'
जब शत्रुघ्न से सवाल किया कि गया कि बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी क्या भूमिका होगी,  इस पर सिन्हा का जवाब था कि यह बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर करता है वह मेरे अनुभव और मेरी छवि का चुनावों में कैसे उपयोग करता है।

'खराब लगा जब पार्टी ने मीटिंग में नहीं बुलाया'
लंबे समय तक बीजेपी के स्टार कैंपेनर और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और जहाजरानी मंत्री रहे शत्रुघ्न सिन्हा को इस बात का मलाल है कि अप्रैल महीने में बिहार में हुई पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की मीटिंग के लिए उन्हें कोई औपचारिक निर्देश भी नहीं भेजा गया। यहां तक कि बीजेपी के पोस्टर और बैनर से भी उनके नाम नदारद था।

'बीजेपी को चुनौती दे सकता है लालू-नीतिश का गठबंधन'
जेडीयू-आरजेडी गठबंधन और जनता परिवार के मर्जर के मुद्दे पर सिन्हा का कहना था कि उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा कि बिहार में पहले से अजमाए जा चुके और मुख्यमंत्री रह चुके दो बड़े नेताओं का साथ आना उनकी पार्टी के लिए चुनौती जरूर पेश कर सकता है।

Thursday, May 28, 2015

सहारा श्री क्यों हुए पस्त !

तिहाड जेल में सीसीटीवी सर्विलांस केबिन के सामने और सुपरिंटेंडेंट ऑफिस के अपोजिट एक रूम है, जिसमें अच्छी रोशनी रहती है। इस कमरे में कोई खिडकी नहीं है। इसी में सोफे पर बैठे सहारा के चीफ सुब्रत रॉय अपने वकीलों और डायरेक्टरों से मिलते हैं। मीटगतिहाड जेल में सीसीटीवी सर्विलांस केबिन के सामने और सुपरिंटेंडेंट ऑफिस के अपोजिट एक रूम है, जिसमें अच्छी रोशनी रहती है। 
इस कमरे में कोई खिडकी नहीं है। इसी में सोफे पर बैठे सहारा के चीफ सुब्रत रॉय अपने वकीलों और डायरेक्टरों से मिलते हैं। मिटिंग के दौरान ढोकला और छाछ सर्व की जाती है।
 सुब्रत रॉय पहले से दुबले हो गए हैं और उम्र कुछ ज्यादा लगने लगी है। उनकी सुबह कुछ इसी तरह गुजरती है। मीटिग में कानूनी पैतरों पर बात होती है। रॉय को रिहा कराने के लिए फंड जुटाने पर चर्चा की जाती है। देश के मशहूर उद्योगपति सुब्रत रॉय पिछले करीब १४ महीनों से तिहाड जेल में बंद हैं और उनकी इस कैद ने उनके सहारा इंडिया परिवार को मौजूदा हालात में बेसहारा सा बना दिया है। किलेनुा सहारा हाउस जितना आलीशान नजर आता है, उतने ही बुलंद और मजबूत इसके दरवाजे भी हैं लेकिन जब इस बुलंद दरवाजे पर कानून के मजबूत हाथों ने दस्तक दी थी तो पूरे सहारा साम्राज्य में खलबली मच गई थी।
 लखनऊ में सहारा सिटी का इलाका सुब्रत रॉय का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है और यहीं पर उनका किलेनुा आशियाना भी साकार किया गया है। इस सहारा स्टेट में बडे-बडे नेता से लेकर खिलाडी और फिल्मी सितारे तक अपनी चमक बिखेर कर सुब्रत रॉय के दबदबे का अहसास भी कराते रहे हैं लेकिन बदले हालात ने सुब्रत रॉय को तिहाड जेल की ऊंची और मजबूत दीवारों के पीछे ढकेल दिया है। जिस कारोबार की दुनिया ने उन्हें जमीन से आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाया उसी कारोबार की हेराफेरी में फंस कर वो पिछले १४ महीने से जेल में बंद हैं।
एक लाख करोड रुपये से ज्यादा की मिल्कियत वाले सहारा समूह के मालिक सुब्रत राय के राजसी ठाठ-बाट के किस्से अक्सर सामने आते रहे हैं। सुब्रत रॉय का दबदबा कुछ ऐसा रहा है कि राजनेता जहां उनकी दहलीज तक qखचे आते थे वहीं खेल औμर सिनो के सितारे उनकी महफिल की रौनक बढाते थे, लेकिन २४ हजार करोड रुपये की धोखाधडी के मामले ने उन्हें पहुंचा दिया जेल।
 दिल्ली की तिहाड जेल में कैद सुब्रत रॉय की रिहाई को लेकर तमाम तरह की कोशिशें होती चली आ रही हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को निवेशकों के २४ हजार करोड रुपये लौटाने का आदेश दिया था, लेकिन जब इस पर अमल नहीं हुआ तो कोर्ट के आदेश पर पिछले साल मार्च महीने में सुब्रत रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया था और तब से वे जेल में ही बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, सहारा समूह को सुब्रत रॉय की जमानत के लिए १०००० करोड रुपए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी के पास जमा कराने हैं, लेकिन सहारा समूह ये पैसा जमा नहीं करा पाया है।
सवाल ये है कि हजारों करोड रुपये के साम्राज्य वाला सहारा समूह अपने मालिक को जेल से रिहा कराने में अभी तक नाकाम क्यों रहा है? इस बात की पडताल भी हम आगे करेंगे, लेकिन उससे पहले सुब्रत रॉय की कहानी।

स्कूटर में बेचते थे साबुन, दालमोठ

पूर्वी उत्तर प्रदेश का शहर गोरखपुर गुरु गोरखनाथ के सदियों पुराने मंदिर के लिए पहचाना जाता रहा है, लेकिन एक और पहचान सहारा ग्रुप को जन्म देने वाले शहर के तौर पर भी है। सहारा ग्रुप की शुरुआत तो गोरखपुर में हुई थी मगर इस ग्रुप के फाउंडर सुब्रत रॉय का जन्म १९४८ में बिहार के अररिया जिले में हुआ था। सुब्रत ने स्कूली शिक्षा कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल में हासिल की, फिर वे इंजीनियरिंग की पढाई करने यूपी के शहर गोरखपुर आ गए। गोरखपुर के राजकीय पॉलीटेकनिक कॉलेज से सुब्रत राय ने इंजीनियरिंग की पढाई की है।
सुब्रत के दोस्त और उनके बैडमिटन कोच रह चुके हेचंद्र श्रीवास्तव कॉलेज के दिनों को याद कर बताते हैं कि सुब्रत राय की खेलों में खास दिलचस्पी थी इसलिए वो शहर के हर टूर्नाेंट में जरूर नजर आते थे। गोरखपुर के तुर्कमानपुर इलाके में बने मकान की शक्लोसूरत तो अब काफी हद तक बदल चुकी है, लेकिन आज भी शहर में एक मकान सुब्रत रॉय के निवास के तौर पर पहचाना जाता है।
८० के दशक में इंद्रावती निवास के इसी कमरे में सुब्रत रॉय ने अपनी qजदगी का एक लंबा वक्त गुजारा है। यहां के लोगों को आज भी सुब्रत की वो लेम्ब्रेटा स्कूटर याद है जिस पर बैठकर उन्होंने अपने बिजनेस की शुरुआत की थी। यहां की सडकों पर भटकते हुए सुब्रत रॉय ने qजदगी में संघर्ष का अपना पहला सबक सीखा था। अपने करियर की शुरुआत रोजमर्रा के छोटे- मोटे सामान बेचने से की थी। वे अपने लेम्ब्रेटा स्कूटर पर साबुन और दालमोठ जैसी छोटी-छोटी चीजें रख कर बेचा करते थे, लेकिन उनकी qजदगी में उस वक्त टर्निंग प्वाइंट आया जब उन्होंने १९७८ में गोरखपुर में अपनी चिट फंड कंपनी की शुरुआत की थी और उस चिट फंड कंपनी का नाम था सहारा।

पियरलेस की तर्ज पर उगाहे पैसे

सुब्रत रॉय ने १९७८ में पैराबैंकिग के क्षेत्र में कदम रखा था। उस वक्त देश में मौजूद नॉन बैंqकग क के दौरान ढोकला और छाछ सर्व की जाती है। सुब्रत रॉय पहले से दुबले हो गए हैं और उम्र कुछ ज्यादा लगने लगी है। उनकी सुबह कुछ इसी तरह गुजरती है। मीqटग में कानूनी पैतरों पर बात होती है। रॉय को रिहा कराने के लिए फंड जुटाने पर चर्चा की जाती है। देश के मशहूर उद्योगपति सुब्रत रॉय पिछले करीब १४ महीनों से तिहाड जेल में बंद हैं और उनकी इस कैद ने उनके सहारा इंडिया परिवार को मौजूदा हालात में बेसहारा सा बना दिया है। किलेनुा सहारा हाउस जितना आलीशान नजर आता है, उतने ही बुलंद और मजबूत इसके दरवाजे भी हैं लेकिन जब इस बुलंद दरवाजे पर कानून के मजबूत हाथों ने दस्तक दी थी तो पूरे सहारा साम्राज्य में खलबली मच गई थी।
लखनऊ में सहारा सिटी का इलाका सुब्रत रॉय का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है और यहीं पर उनका किलेनुा आशियाना भी साकार किया गया है। इस सहारा स्टेट में बडे-बडे नेता से लेकर खिलाडी और फिल्मी सितारे तक अपनी चमक बिखेर कर सुब्रत रॉय के दबदबे का अहसास भी कराते रहे हैं लेकिन बदले हालात ने सुब्रत रॉय को तिहाड जेल की ऊंची और मजबूत दीवारों के पीछे ढकेल दिया है। जिस कारोबार की दुनिया ने उन्हें जमीन से आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाया उसी कारोबार की हेराफेरी में फंस कर वो पिछले १४ महीने से जेल में बंद हैं।
एक लाख करोड रुपये से ज्यादा की मिल्कियत वाले सहारा समूह के मालिक सुब्रत राय के राजसी ठाठ-बाट के किस्से अक्सर सामने आते रहे हैं। सुब्रत रॉय का दबदबा कुछ ऐसा रहा है कि राजनेता जहां उनकी दहलीज तक qखचे आते थे वहीं खेल औμर सिनो के सितारे उनकी महफिल की रौनक बढाते थे, लेकिन २४ हजार करोड रुपये की धोखाधडी के मामले ने उन्हें पहुंचा दिया जेल। दिल्ली की तिहाड जेल में कैद सुब्रत रॉय की रिहाई को लेकर तमाम तरह की कोशिशें होती चली आ रही हैं।
 दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को निवेशकों के २४ हजार करोड रुपये लौटाने का आदेश दिया था, लेकिन जब इस पर अमल नहीं हुआ तो कोर्ट के आदेश पर पिछले साल मार्च महीने में सुब्रत रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया था और तब से वे जेल में ही बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, सहारा समूह को सुब्रत रॉय की जमानत के लिए १०००० करोड रुपए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी के पास जमा कराने हैं, लेकिन सहारा समूह ये पैसा जमा नहीं करा पाया है।सवाल ये है कि हजारों करोड रुपये के साम्राज्य वाला सहारा समूह अपने मालिक को जेल से रिहा कराने में अभी तक नाकाम क्यों रहा है? इस बात की पडताल भी हम आगे करेंगे, लेकिन उससे पहले सुब्रत रॉय की कहानी।

साभार:  राष्ट्र पत्रिका


मुख्यमंत्री परिवार की पसंद-नापसंद है टैक्स फ्री का पैमाना....?

दो दिन पहले खबर छपी की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सपरिवार चर्चित फिल्म पीकू देखी। 

अगले दिन खबर छपी की राज्य शासन ने इस फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया है। साथ मे यह भी छपा कि मुख्यमंत्री ने फिल्म देखने के बाद इसे टैक्स फ्री करने के आदेश दिये थे। इसी प्रकार कुछ दिनो पहले महिला पुलिस इंस्पेक्टर की जांबाजी पर आधारित मर्दानी नामक फिल्म बनी थी। तब भी यह खबर आने के बाद की मुख्यमंत्री ने सपरिवार इसे देखा, उसे भी टैक्स फ्री कर दिया गया था।

इसका सीधा मतलब है कि मध्यप्रदेश मे वही फिल्म टैक्स फ्री होती है जो शिवराजसिंह चौहान और उनके परिवार को पसंद आ जाती है। बेहतर होता की टैक्स फ्री करने का काम विशेषज्ञों की समिति के सुपुर्द कर दिया जाता जो गुणदोष के आधार पर सरकार से सिफ़ारिश करती और फिर केबिनेट का निर्णय होता। कुछ समय पहले जब दिग्विजयसिंह ने व्यापम घोटाले को लेकर सीधे मुख्यमंत्री पर निशाना साधा था तब शिवराज जी ने कहा था की उनके जैसे साधारण आदमी का मुख्यमंत्री बनना राजे-महाराजे पचा नहीं पा रहे हैं।फिल्मों को टैक्स फ्री करने का फैसला अकेले करके वे खुद राजे-महाराजों जैसा व्यवहार कर रहे हैं। भोपाल मे अरबों की सरकारी जमीन पर करोड़ों का शौर्य स्मारक बनाने का फैसला भी उन्होने इसी प्रकार अकेले ही लिया था।

अब इन करमुक्त फिल्मों की गुणवत्ता पर दो शब्द। मैं करीब तेरह साल मध्यप्रदेश पुलिस का जनसम्पर्क अधिकारी रहा और मुझे एक भी ऐसी जाँबाज महिला इंस्पेक्टर के दर्शन नहीं हुए जैसी मर्दानी फिल्म मे दिखाई गई है।इसके बरक्स मैंने महिला इंस्पेक्टरों को थानो मे तैनाती से बचते ही पाया है। कुल मिलाकर मर्दानी वास्तविकता से कोसों दूर विशुद्ध व्यावसायिक फिल्म थी जिसे आदित्य चोपड़ा ने अपनी पत्नी रानी मुखर्जी के महिमामंडन के लिए बनाया था। फिल्म के प्रमोशन के लिए रानी मुखर्जी भोपाल आई थीं और शिवराजजी से मिली थीं।

जहां तक पीकू का सवाल है यह बड़े सितारों वाली हिट फिल्म है जो खूब पैसे बटोर रही है।यह मुख्य पात्र के खराब हाजमे संबंधी मीनिया पर आधारित है जिसमे कोई संदेश नहीं है।दोनों ही फिल्में इस लायक नहीं थीं जिन्हें टैक्स फ्री कर सरकारी खजाने को चूना लगाया जाता।

मैनिट भोपाल में सवा करोड़ का किताब घोटाला

भोपाल। मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) में सवा करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले का मामला सामने आया है। मैनिट की लाइब्रेरी में हुए घोटाले में बीते पांच सालों में करीब 32 हजार किताबें गायब हुईं हैं।

इस मामले के लिए बनी कमेटी ने जब प्रबंधन को अपनी रिपोर्ट सौंपी, तब इस घोटाले का खुलासा हुआ। इसके बाद कमला नगर थाने में लायबे्ररियन के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।

पुलिस से हासिल जानकारी में बताया गया कि मैनिट में बीते साल लाइब्रेरी से गायब हुई किताबों के मामले में बोर्ड ऑफ गवर्नर (बीओजी) ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। जांच रिपोर्ट में कमेटी ने बताया था कि मैनिट की सेंट्रल लायब्रेरी से 31 मार्च 2005 से 29 जुलाई 2010 के बीच तकरीबन 31 हजार 958 किताबें गायब थी। इनमें एक करोड़ 29 लाख रुपए की 22 हजार 745 पुस्तकें, एससी-एसटी बुक बैंक से साढ़े सात लाख रुपए की 7 हजार 560 पुस्तकें, जनरल बुक बैंक से 96 हजार 347 रुपए की 1 हजार 153 पुस्तकें और 12 हजार 481 रुपए की 29 एजुकेशनल सीडी शामिल हैं। क

मेटी ने यह भी जानकारी दी थी कि इस गबन से प्रबंधन को करीब एक करोड़ 37 लाख रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है। कमेटी की इस रिपोर्ट के आधार पर प्रबंधन ने तत्कालीन लाइब्रेरियन अर्चना सक्सेना के खिलाफ लिखित आवेदन देकर पुलिस से शिकायत की थी। आवेदन की जांच के बाद कमला नगर पुलिस ने अर्चना सक्सेना के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज तो कर लिया है।

सरकारी जमीन में फर्जीवाड़ा करने पर तत्कालीन तहसीलदार डीआर महेश्वर पटवारी सहित चार लोगों पर मामला दर्ज करने का आदेश

राजनगर. न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सुनील दंडौतिया की अदालत ने लाखों रुपये की सरकारी जमीन में फर्जीवाड़ा करने पर तत्कालीन तहसीलदार, पटवारी सहित चार लोगों पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।

खजुराहो मेला ग्राउंड की जमीन नंम्बर 1768/6/2 में हेर फेर किया था। तत्कालीन तहसीलदार डीआर महेश्वर हाल रिटायर्ड डिप्टी कलेक्टर, पटवारी सुखनंदन चतुर्वेदी, मेवादेवी अग्रवाल, राजेन्द्र अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471/34, 120बी के तहत तत्काल एफआईआर दर्ज करने के लिये थाना खजुराहो को आदेश दिया है। साथ इस मामले के रिकॉर्ड जब्त कर फर्जीवाड़ा में सामिल अन्य कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्यवाही करने के लिये निर्देशित किया है।
   

मैनिट : व्यापमं घोटाले में फंसे कांग्रेस के पूर्व नेता संजीव सक्सेना की पत्नि अरुणा सक्सेना, बहन अर्चना सक्सेना और साली अंशु गुप्ता बर्खास्त

May 28, 2015,

मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) ने व्यापमं घोटाले में फंसे कांग्रेस के पूर्व नेता संजीव सक्सेना की पत्नि अरुणा सक्सेना, बहन अर्चना सक्सेना और साली अंशु गुप्ता सहित दो अन्य फैकल्टी को बर्खास्त कर दिया हैं। बुधवार को हुई बोर्ड ऑफ गवर्नर (बीओजी) की बैठक में सदस्यों ने डायरेक्टर के उस आदेश को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने बीओजी के पिछले फैसले को दरकिनार कर पांचों को बहाल कर दिया था।

इस मुद्दे पर मैनिट की चेयरपर्सन डॉ. गीता बाली सहित अन्य सदस्यों ने मैनिट डायरेक्टर अप्पुकुट्टन से सवाल किए तो वे जवाब नहीं दे सके। बोर्ड को गुमराह करने के लिए बीओजी सदस्यों ने डायरेक्टर को जमकर फटकार भी लगाई। बीओजी की यह बैठक सुबह 12 बजे से शुरू होकर 4.30 बजे तक चली।

मैनिट की 22 फरवरी को हुई बीओजी की बैठक में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर डॉ. अरुणा सक्सेना, असिस्टेंट लाइब्रेरियन अर्चना सक्सेना, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभय शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कविता देहलवार व डॉ. अंशु गुप्ता की नियुक्ति समाप्त करने का फैसला लिया गया था। 5 मार्च को मैनिट ने तीन लोगों की नियुक्ति समाप्त करने के आदेश जारी किए।

डॉ. अरुणा सक्सेना और डॉ. अभय शर्मा के प्रकरण हाईकोर्ट में होने के कारण उनके संबंध में फैसला टाल दिया गया था। लेकिन इस अादेश के ठीक छह दिन बाद ही मैनिट डायरेक्टर ने बीआेजी का फैसला बदलकर निरस्त की गई नियुक्तियों को बहाल कर दिया।

डायरेक्टर ने तर्क दिया कि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने उन्हें क्लीन चिट दी थी। बुधवार को बीओजी की बैठक के बाद अप्पुकुट्टन ने बताया कि बीओजी ने अपने पुराने फैसले को बरकरार रखा है। डॉ. अरुणा सक्सेना और डॉ. अभय शर्मा को हाईकोर्ट से स्टे मिला हुआ है, स्टे खत्म होते ही उन्हें भी बाहर कर दिया जाएगा।

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बैठक छोड़कर बाहर चले गए रजिस्ट्रार

बैठक में रजिस्ट्रार अजीत नारायण की नियुक्ति और उनके क्वालिफिकेशन के मुददे पर भी लंबी चर्चा हुई। बैठक शुरू होने से पहले बीओजी चेयरमैन गीता बाली ने रजिस्ट्रार को बैठक में शामिल होने की मंजूरी दी। लेकिन बैठक के दौरान जब उनका मुददा पटल पर आया तो रजिस्ट्रार खुद ही बैठक छोड़कर बाहर निकल आए। उनके मुददे पर जब चर्चा शुरू हुई तो सदस्यों ने कहा कि अजीत नारायण की नियुक्ति, क्वालिफिकेशन सहित अन्य आरोपों को जब पहले की सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है तो अब नया क्या है। बैठक में डायरेक्टर ने रजिस्ट्रार के खिलाफ पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित होने की जानकारी दी तो सदस्यों ने कमेटी की रिपोर्ट अगले दस दिनों में प्रस्तुत करने का कहा।

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नई भर्ती पर लगी रोक, मैनिट वकील से लेगा सलाह

बैठक में यह तय हुआ कि वर्तमान में भर्ती की जो प्रक्रिया चालू है, उसे रोककर नए सिरे से प्रक्रिया शुरू की जाए। इसके लिए दोबारा आवेदन बुलाए जाएं। ट्रांसफार्मर के जलने और एक ही कंपनी को हाउस कीपिंग का टेंडर बार-बार देने के मुददे भी बैठक में रखे गए। इन प्रकरणों में हुई गड़बड़ी को लेकर बीओजी ने अधिकारियों को बैठक में बुलाकर जवाब मांगा।

नियुक्ति के बाद से ही परेशान कर रहे हैं मुझे: रजिस्ट्रार

रजिस्ट्रार अजीत नारायण ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि संस्थान में उन पर कम्पलसरी रिटायरमेंट का दबाव बनाया जा रहा है। 1990 में नियुक्ति के दो साल बाद 1992 से ही उन्हें यहां परेशान करना शुरू कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि, मुझे यहां से कोई नहीं हटा सकता। मैं अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद ही जाउंगा। मेरे रिटायरमेंट को एक साल बचा है। यहां से जाने के बाद इस संस्थान की तरफ मुड़ कर भी नहीं देखूंगा। अगर इस बीच मुझे हटाया गया तो दो दिन में हाईकोर्ट से स्टे लेकर आ जाऊंगा।

नोट- (यह पांचों नियुक्तियां वर्ष 2005 में हुई थी। गड़बड़ी के आरोप लगने पर तब से पांच मर्तबा जांच हुई।)

2005 : रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एमएन बुच ने जांच की। एमएचआरडी को दोबारा जांच की अनुशंसा की।

2008 : एसएम शुक्ला की कमेटी ने मामला सीबीआई को रैफर करने की अनुशंसा की थी।

2010 : जस्टिस एसएच लोढा और आरके त्रिपाठी की कमेटी ने स्क्रूटनी के साथ ही पूरी सिलेक्शन प्रक्रिया को ही नियम विरुद्ध माना था।

2014 : हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एमए सिद्दिकी की तीन सदस्यीय जांच कमेटी की 22 फरवरी 2015 को आई रिपोर्ट में पांचों नियुक्तियों को गलत मानते हुए इन्हें निरस्त करने की अनुशंसा की।

आड़े-तिरछे विद्युत पोल बढ़ा रहे सड़क पर जोखिम

नरसिंहपुर। नगर में बिगड़ी यातायात व्यवस्था और स्टेशन से गुलाब चौराहा तक सड़क पर लगे आड़े तिरछे विद्युत पोल आवागमन में व्यवधान एवं जोखिम बढ़ा रहे है। निर्माणाधीन मॉडल रोड के कार्य में भी बीच सड़क पर लगे पोल को हटाने एवं व्यवस्थित करने कार्रवाई होना है लेकिन अब तक पोल हटाने की कार्रवाई न होने से वाहन चालकों के लिए जोखिम उठाकर आवाजाही करना पड़ रहा है। रेलवे स्टेशन से गांधी चौक तक मॉडल रोड का कार्य होना है। जिसमें स्टेशन से मुशरान पार्क एवं सुभाष पार्क से गांधी चौक तक रोड का कार्य दोनो तरफ हो गया है। लेकिन बाहरी रोड पर यह कार्य होना शेष है।लेकिन जहां सड़क निर्माण हो चुका है वहां पर भी विद्युत पोल बेढंगे लगे हैं। लोगों का कहना है कि पोल शिफ्टिंग का कार्य जब बाद में होगा तो सड़क भी खराब होगी। नगर में बीच सड़क पर लगे खंबो से टकराकर कई बाइक चालक घायल हो चुके हैं।

अम्बानी और मोदी मिल कर कैसे देश को चूना लगा रहे ...जाने

आइये आपको समझाते हैं अम्बानी और मोदी मिल कर कैसे देश को चूना लगा रहे हैं। थोडा लम्बा है पर ये आपकी आँखें खोल देगा


अम्बांनी की रिलायंस को 7 साल के अंतराल के बाद रेलवे को डीजल सप्लाई करने का ठेका मिला है।

m.thehindubusinessline.com/companies/reliance-ind-beats-ioc-in-race-to-supply-diesel-to-railways/article6831084.ece/

ये ठेका इस आधार पर दिया गया है के रिलायंस IOC (सरकारी कम्पनी) के मुकाबले डीजल पर प्रति लीटर 1.50 रुपये का डिस्काउंट देगी।

अब आप पूछोगे के इसमें गलत क्या है?

मैं समझाता हूँ के क्या गलत है। गलत इस बात में है के क्यों रिलायंस तो 1.50 रुपये का डिस्काउंट दे सकती है और सरकारी कंपनी क्यों नहीं?

देखिये कैसे:

● सरकारी कंपनियां अधिकतर कच्चा तेल बाहर से आयात करती  हैं जिस पर बाकी टैक्स के साथ साथ एक्साइज ड्यूटी भी लगती है। रिलायंस अधिकतर कच्चा तेल अपने देश में ही पैदा करती है जिस पर एक्साइज ड्यूटी नहीं लगती।

● ये सारा फर्जीवाड़ा एक्साइज ड्यूटी के जरिये ही किया गया है। समझिये कैसे।

जब सारे विश्व में कच्चे तेल के दाम कम हो रहे थे तब मोदी जी ने बाजार के हिसाब से दाम कम नहीं किये परन्तु कुछ दाम कम किये और बाकी की एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी।

रिलायंस को ये ठेका 28 जनवरी को दिया गया। लेकिन उसकी रूप रेखा 2 महीने पहले ही तैयार होनी शुरू हो गयी थी।

अक्टूबर तक डीजल पर एक्साइज थी करीब 1.46 रुपये प्रति लीटर।

●● 14 नवम्बर 2014 को एक्साइज ड्यूटी बढाई गयी 1.50 ₹

wap.business-standard.com/article/economy-policy/government-hikes-excise-duty-on-diesel-and-petrol-114111301000_1.html

●● 2 दिसम्बर 2014 को एक्साइज बढाई गयी 1 रुपये

m.ndtv.com/profit/government-hikes-excise-duty-on-diesel-petrol-707175

●● 2 जनवरी 2015 को एक्साइज बढ़ाई गयी 2 रुपये

wap.business-standard.com/article/economy-policy/petrol-and-diesel-excise-duties-hiked-third-time-in-seven-weeks-115010100735_1.html

●● 16 जनवरी 2015 को एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गयी 2 रुपये।

m.moneycontrol.com/news/business/govt-hikes-excise-dutydiesel-petrol-by-rs-2litre_1276455.html

इस तरह कुल 6.50 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गयी।

1.46 रुपये प्रति लीटर से बढ़ा कर 7.96 रुपये प्रति लीटर कर दी गयी।

इस कारण से सरकारी कंपनियों को कच्चा तेल रिलायंस से महंगा पड़ने लगा। और मोदी द्वारा लगायी गयी अत्यधिक एक्साइज ड्यूटी लगाने के कारण और इसी कारण कच्चा तेल महंगा पड़ने के कारण सरकारी कंपनियां वो डिस्काउंट नहीं दे सकती।

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इस से आपको कैसे नुक्सान होता है??

1) अपने पर्सनल इस्तेमाल के लिए भी जो डीजल आपको 7 रुपये सस्ता मिलना चाहिए वो आपको महंगा मिलता है।

2) डीजल से ही अधिकतर ट्रक और ट्रांसपोर्टेशन होती है। डीजल महंगा होने से फल, सब्जियां, गेहूं, खाना, कपडे, सब कुछ महंगा मिलता है। अम्बानी के कारण आपके पेट पर लात पड़ती है

3) जो मुनाफा सरकारी कंपनी के पास  जाना चाहिए वो अम्बानी की जेब में जाता है। अगर मुनाफा सरकार के पास आता तो सरकार आपके लिए सडकें बनाती, हस्पताल बनाती, स्कूल बनाती। लेकिन अब उन पैसों से अम्बानी की प्रॉपर्टी बनेगी।

तो सब लोग, जिन्होंने अच्छे दिन के लालच में वोट किया उनको ये जानकारी दो। क्योंकि ये बात आपको मीडिया कभी नहीं दिखायेगा। क्योंकि 1 साल पहले अम्बानी ने 4000 करोड़ खर्च करके कई सारे चैनल्स को भी खरीद लिया है।

भारत सरकार ने 15 लाख "जन धन योजना" वाले बैंक खाते में डिपाजिट कर दिए

15 लाख का सपना :
कुछ दिन पहले सुना कि किसी ने कहा है मेरे खाते में भी 15 लाख आएंगे फिर मैं भी अमीर बन जाऊंगा
कल रात सोचते सोचते सो गया कि काश ये सच होता.....

रात को सपना आया मैंने देखा कि मेरे मोबाइल में SMS आया कि भारत सरकार ने 15 लाख मेरे "जान धन योजना वाले बैंक खाते में डिपाजिट कर दिए है मैं बड़ी ख़ुशी से उछलता हुआ कमरे से बाहर आया
सबको बोला "देखो देखो अच्छे दिन आ गए
मेरे र अकाउंट में 15 लाख आ गए"

घर वाले बोले ज्यादा खुश न हो
हमारे सबके खाते में भी 15 लाख आये है ये देखो...... कसम से बड़ा दुःख हुआ मुझे
फिर सोचा चलो दोस्तों को दिखाता हूँ
दोस्त बोले ज्यादा ना उछल हमारे खाते में भी 15 लाख हैं......सारी ख़ुशी फिर गायब

फिर सोचा चलो दूकान पर खूब सामान लेता हूँ
"भाई साहब ये रामू चाचा की दूकान क्यों बंद है" एक आदमी बोला भाई रामू चाचा ने तो दूकान बंद कर दी उन्हें अब दूकान की क्या जरूरत उनके खाते में तो 15 लाख आ गए
मे अब काम नही करना पड़ेगा.......

फिर सोचा चलो शॉपिंग माल में चलता हूँ
वहां देखा तो सब दुकान बंद थी उन लोगों को भी 15 लाख मिल गए थे.....

सोचा कोई बात नही होटल में खूब खाना खाता हूँ अपनी पसन्द का
अंदर देखा सब लोग जा चुके थे सिक्यूरिटी गार्ड भी नही था मतलब वो भी अमीर बन गया था उसके पास भी अब 15 लाख थे

बाजार गया तो सब रेहड़ी वाले चाय वाले
जूस वाले सब्जी वाले सब काम छोड़कर  बैंक में जा चुके थे रूपये लेने क्योंकि अब किसी को काम करने की कोई जरूरत नही थी सबके पास "15 लाख" रूपये थे
शहर से बाहर गया तो सब फैक्ट्री बंद सब मजदूरों को 15 लाख मिल चुके थे सब नाच गा रहे थे......

"अच्छे दिन आ गए... अच्छे दिन आ गए"
शाम को खेतो की तरफ गया तो खेत में कोई नही था सब किसान खेती छोड़ कर घर जा चुके थे अब उनको धुप बारिश में काम करने की कोई जरूरत नही थी वो भी अमीर बन चुके थे
हास्पिटल देखा वहां डॉक्टर ताश खेल रहे थे पूछने पर बोले हमे कोई इलाज़ नही करना अब 15 लाख काफी जीवन भर के लिए....

फिर 5 दिन बाद पता चला अचानक लोग भूख से मरने लगे है क्योंकि खेत में सब्जी नही उग रही  सब राशन की दुकान बंद है होटल ढ़ाबे भी बंद पड़े हैं

लोग बीमारी से मरने लगे हैं क्योंकि डॉक्टर भी नही हैं पशु भी भूख से मर रहे है खेत से चारा नही मिल रहा बच्चे भी भूख श से रो रहे है क्योंकि पशु दूध नही दे रहे लोग सड़को पर भागे फिर रहे है 1-1 लाख रूपये हाथ में लिए
"ये लो भाई 50 हज़ार रूपये 100 ग्राम दूध दे दो दिन से बच्चा भूख से मर रहा है

फिर 10 दिन बाद लोग मरने लगे कुछ जिन्दा लोग सड़कों पर रुपयों का बेग लिए घूम रहे है भाई ये लो ये लो 5 लाख रूपये हमे बस 5 किलो गेहूं देदो 10 दिन से भूखे हैं सब बाजार बंद हो चुके है अनाज नही है किसी के पास.....
सब तरफ मुर्दा लोग दिख रहे है

और मैं भी अपने "15 लाख" रूपये लिए भागा जा रहा हूँ.... लेलो भाई लेलो ये "15 लाख" बस रोटी का एक टुकड़ा देदो......
इतने में माँ की आवाज़ आई
"उठ जा कमीने कब से चारपाई को लात मार रहा है मर गया मर गया.... की आवाज़ लगा रहा है कोई बुरा सपना देखा क्या ?

नही माँ बुरा नही "अच्छे दिनो" का सपना देखा
उनसे अच्छे तो ये "बुरे दिन" हैं गरीब सही मगर घर में अनाज तो है पानी है बच्चे खेल रहे हैं पशु खेत में चर रहे हैं दुकानों पर भीड़ है
लोग आ जा रहे हैं......
चल पड़ा मैं भी अपने काम पर ये सोचते हुए

काश ! ये "15 लाख" कभी भी किसी के खाते में न आये तो अच्छा है वरना फिर काम कौन करेगा जब सबके पास "15 लाख" होंगे

नगरीय निकायों के दस अधिकारियों के तबादले

Toc news

भोपाल।राज्य शासन ने नगरीय प्रशासन विभाग एवं निकायों के दस अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किये हैं। जारी आदेश के अनुसार, उपायुक्त नगर निगम इंदौर अभय राजनगावंकर को अपर आयुक्त नगर निगम ग्वालियर, उपायुक्त नगर निगम ग्वालियर आरके श्रीवास्तव को उपायुक्त नगर निगम जबलपुर, संभागीय उप संचालक नगरीय प्रशासन भोपाल एसबी सिंह को उपायुक्त नगर निगम भोपाल, आयुक्त नगर निगम रतलाम सोमनाथ झारिया को उपायुक्त नगर निगम इंदौर, उपायुक्त नगर निगम भोपाल एपीएस गहरवार को संभागीय उप संचालक नगरीय प्रशासन भोपाल, संभागीय उप संचालक नगरीय प्रशासन भोपाल संतोष कुमार दुबे को उपायुक्त नगर निगम उज्जैन, मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद गुना पीएस बुंदेला को आयुक्त नगर निगम रतलाम, परियोजना अधिकारी डूडा ग्वालियर नसीर अहमद खान को आयुक्त नगर निगम मुरैना तथा परियोजना अधिकारी डूडा भोपाल जेजे जोशी को आयुक्त नगर निगम खण्डवा पदस्थ किया गया है।

हाऊसिंग बोर्ड कर्मियों को करना होगा करारनामा

किसी अन्य कारोबार में संलग्न नहीं हो पायेगा.....

डॉ नवीन जोशी
भोपाल।राज्य  सरकार ने मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल ने अपने वर्ष 1988 में बने कामकाज के संचालन एवं शक्तियों का प्रत्यायोजन विनियमों को रद्द कर नये विनियम प्रभावशील कर दिये हैं। अब नये विनियमों के तहत मंडल के कर्मियों को एक करारनामा करना होगा कि ''वह अपना सम्पूर्ण समय और ध्यान मंडल के कार्य में लगायेगा और स्व्यं की ओर से या किसी भी व्यक्ति या किन्हीं भी व्यक्तियों के एजेण्ट के रुप में कोई अन्य कारोबार या व्यवसाय नहीं करेगा।

अब मंडलकर्मियों को करारनामे की इस शर्त का पालन भी करना होगा कि वह मंडल के किसी भी स्वरुप या प्रकार के किन्हीं ऐसे बिलों,लेखाओं, पुस्तकों, दस्तावेजों, कागजातों,ज्ञापनों या लेखों को न तो रद्द करेगा, न बरबाद करेगा, न चुीाकर ले जायेगा, न मिटायेगा, न विरुपित करेगा और न किसी भी प्रकार से उन्हें क्षति पहुंचायेगा या न किसी भी व्यक्ति या किन्हीं भी व्यक्तियों को, चाहे जो भी हो, ऐसा करने देगा।

इसके अलावा मंडलकर्मी को करारनामे के तहत बताना होगा कि उसने मंडल की सेवा में रहने के दौरान जनता से क्या रकम, बुलियन (सोना-चांदी), जेवरात, दस्तावेज, धन की प्रतिभूतियां, माल तथा अन्य वस्तु प्राप्त की है और वह इसका लेखाजोखा मंडल को देगा व उसका भुगतान मंडल को करेगा।

नये विनियमों के अनुसार अब मंडल द्वारा ठेकेदारों का मंडल में पृथक से कोई पंजीयन नहीं किया जायेगा। मप्र शासन की केन्द्रीयकृत पंजीयन प्रणाली के तहत पंजीकृत सभी ठेकेेदार मंडल में पंजीकृत माने जायेंगे तथा मंडल की निविदाओं में भाग लेने के लिये पात्र होंगे। इसके अलावा अब नये विनियमों के तहत मंडल के संपत्ति प्रबंधक शाखा के कैशियर को 5 हजार रुपये, कार्यालय के कैशियर को 3 हजार रुपये, स्ओर कीपर/लिपिक को 3 हजार रुपये, उपयंत्री को 5 हजार रुपये तथा सहायक को 3 हजार रुपये की प्रतिभूति मंडल के पास जमा कराना होगा।

नये विनियमों के तहत अब मंडल के उस अधिकारी को जिसके नियंत्रण में संबंधित अभिलेख जो गोपनीय अभिलेख का भाग न हों, दस्तावेजों, प्राक्कलनों, रेखांकों आदि की प्रतिलिपियां, आवेदन-पत्र जिसमें उसका उद्श्य उल्लेखित किया गया हो, निर्धारित शुल्क के जमा करने पर प्रदाय कर सकेगा। इसके अलावा मंडल के कर्मियों का तबादला एवं पदस्थापनायें मंडल द्वारा अनुमोदित स्थानांतरण नीति के अनुसार होगा।

Wednesday, May 27, 2015

8वीं पास ने बनाया छत पर लटकने वाला कूलर


बिना शोर घर को करता है ठंडा

भानपुरा (मंदसौर). अब कमरे में कूलर रखने के लिए जगह का बंदोबस्त नहीं करना होगा। कूलर सीधे छत पर पंखे की तरह को टांग सकेंगे। इसमें बार बार पानी भरने की जरूरत नहीं रहेगी। कूलर छत पर बने टैंक से जरूरत के हिसाब से पानी ले लेगा।

ऐसा कूलर बनाया है नगर के महेशकुमार लोहार और तालिब हुसैन अंसारी ने। अब तक ये ऐसे 20 कूलर बना चुके हैं। साथ ही उन्होंने रजिस्ट्रेशन कराया है। दोनों युवक आठवीं पास है और महेश लेथ मशीन तो तालिब इलेक्ट्रिक का काम करता है। उनकी कोशिश है कि इनका कूलर मेक इन इंडिया का नमूना बने।

इसके लिए इन्होंने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौैहान को पत्र भी लिखा है। टू इन वन का काम-जिस तरह गर्मी पड़ रही है हर घर में पंखे-कूलर चल रहे हैं। बिजली की खपत ज्यादा हो रही है।

कूलर की खासियत यह कि इसे लगाने के बाद बिजली की खपत कम हो जाएगी। क्योंकि इससे पंखे और कूलर दोनों का काम होगा। आम कूलर केवल दो महीने चलते हैं इसके बाद इन्हे पूरे साल सहेजना पड़ता है। इस कूलर को लगाने के बाद यह समस्या खत्म हो सकती है। जब तक जरूरत हो कूलर चलाया जा सकता है और जरूरत नहीं होने पर पंखे का उपयोग किया जा सकता है। यह शोर भी नहीं करता है।

अच्छी सोच है तकनीक को बढ़ाया जा सकता है आगे
युवाओं द्वारा बनाया गया सिलिंग कूलर अच्छा इनोवेशन है। एमआईटी कॉलेज के इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन ब्रांच के प्रोफेसर आशीष पारिख का कहना है कूलर में तकनीकी रूप से काम किया जाए ताे इस सोच को आगे बढ़ाया जा सकता है। इसमें कूलर का वेट व पंखे की स्थिति देखकर ही समझा जा सकता है।

ऐसा है कूलर
यह कूलर 32 इंच व्यास की प्लास्टिक फ्रेम में बना है। फ्रेम स्पेशल तैयार करवाई है। फ्रेम के बीच एल्युमिनियम की जाली है। जाली में कूलर की घास है। बीच में एक पंखा है। युवकों ने दो तरह के कूलर बनाए हैं। एक टैंक वाला और एक बिना टैंक वाला। टैंक वाले कूलर में पानी भरा जा सकता है और बिना टैंक वाला सीधे छत पर बने टैंक से कनेक्टेड रहेगा। खास बात यह कि कूलर में सेंसर है जो जरूरत के हिसाब से पानी लेने के बाद स्वत: पानी बंद कर देगा। दोनों कूलरों की लागत छह से सात हजार के बीच है। कूलर का कलर कमरे के अनुरूप करवाया जा सकता है।