Pages

click new

Tuesday, June 30, 2015

गरोठ विधानसभा उप चुनाव में भाजपा विजयी

Toc News @ Bhopal

मंदसौर में मतगणना शांतिपूर्वक सम्पन्‍न

भोपाल : मंगलवार, जून 30, 2015

मंदसौर जिले के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 227-गरोठ में हुए उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी विजयी हुई है। भारतीय जनता पार्टी के श्री चंदरसिंह सिसोदिया 12 हजार 945 मत से विजयी घोषित किये गये। मतगणना में भारतीय जनता पार्टी के श्री सिसोदिया को 81 हजार 449 और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के श्री सुभाष कुमार सोजतिया को 68 हजार 504 मत प्राप्त हुए। इस उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 52.26 प्रतिशत तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 43.96 प्रतिशत वोट मिले। मतगणना में कुल एक लाख 53 हजार 925 विधिमान्य मत पाये गये।

मतों का विवरण
क्र.
नाम
राजनैतिक दल
मत
1.
श्री चंदर सिंह सिसोदिया
भारतीय जनता पार्टी
81449
2.
श्री सुभाष कुमार सोजतिया
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
68504
3.
श्री अब्दुल रशीद
निर्दलीय
1416
4.
श्री देवीलाल धाकड़
निर्दलीय
652
5.
श्री प्रहलाद सिंह चौहान
निर्दलीय
275
6.
श्री बालाराम
निर्दलीय
268
7.
श्री मेहमूद
निर्दलीय
509
8.
श्री श्यामलाल मालवीय
निर्दलीय
852
9.
विधिमान्य मत

1,53,925
10.
नोटा

1924
मन्दसौर जिला मुख्यालय स्थित राजीव गाँधी शासकीय महाविद्यालय में आज सुबह 7 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच ईवीएम को स्ट्रांग रूम से बाहर निकाला गया। इस दौरान वहाँ भारत निर्वाचन आयोग के सामान्य प्रेक्षक, जिला निर्वाचन अधिकारी और प्रत्याशी अथवा उनके प्रतिनिधि मौजूद थे। मतगणना के लिए 7-7 टेबिल दो कक्ष में लगाई गई थी। मतगणना 19 चक्र में हुई। मतगणना में एक भी डाक-मतपत्र नहीं था। यहाँ 1924 मतदाता ने नोटा के बटन का उपयोग किया।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा निर्वाचन 2013 में गरोठ में भारतीय जनता पार्टी को 55.50 प्रतिशत अर्थात 88 हजार 525 तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 39.35 प्रतिशत अर्थात 62 हजार 770 मत प्राप्त हुए थे। आम चुनाव में भाजपा के श्री राजेश यादव 25 हजार 755 मत से विजयी हुए थे।


पत्रकार सहारा समय रिपोर्टर मनीष ममार पर जानलेवा हमला

Toc Nesw @ Narsinghpur

पत्रकार एकता जिंदाबाद 📢

पत्रकार मनीष ममार नरसिहपुर
नरसिहपुर. गाडरवारा में पत्रकार  सहारा समय रिपोर्टर मनीष ममार पर जानलेवा हमला किया है इस जानलेवा हमले किये जाने का " अांल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोशिएसन ( आइसना)" घोर निंदा करती है.

वही अपराधियों के खिलाफ शीघ्र कार्यवाही और गिरफ्तारियों की मांग करती है साथ ही हमले किये जाने के पीछे के कारण शहर में जुअे के खुलेआम संचालन करना था जिसका पत्रकार मनीष जुआ फड़ का लगातार विरोध कर रहे थे, मनीष ममार को कल उन्हें धोखे से बुलाकर जान से मारने की साजिश थी। जिस पर अपराधी सफल नही हो सके.

पत्रकारों पर अब रोज हमले हो रहे है पूरे मध्यप्रदेश से आयेदिन खबरें आ रही है प्रशासन और सरकार की मिलीभगत के कारण पत्रकारों पर हमले बढ गये है, साथी मनीष ममार के खिलाफ जुआ माफिया द्वारा किये गए प्राणघातक हमले में जोरदार विरोध प्रदर्शन पत्रकार करेगें, वही प्रशासनिक व्यावस्था दुरूस्त नही की गई तो फिर पत्रकारों को अपने सम्मान को बचाने ,माफियाओं को हिलाने, प्रशासन को जगाने वहिसष्कार  का रास्ता अपनाना पड़ेगा.

आइसना के प्रदेश महासचिव ने नरसिंहपुर सहित सभी जिले तहसील में पत्रकार मनीष पर हुए हमले का विरोध दर्ज करने का आह्वान किया है ताकी चीरनिद्रा में सोई शिवराज सरकार को उसकी लचर व्यवस्था का अहसास कराया जा सकें, मनीष के हमलावारों और जुआ के फडो के खिलाफ शीघ्र कार्यवाही नही की गई तो  "आइसना" आंदोलन का रास्ता अपनाय़ेगी.

👊👊
पत्रकार एकता जिंदाबाद
👊👊👊👊
अगर इस घटना के विरोध में आप भी शामिल है, होना चाहते है तो यहां नाम मोबाइल नं सस्थान शहर लिखकर अपनी उपस्थिति दर्ज कर इस मेसेज को कापी पेस्ट कर प्रत्येक पत्रकार साथियों तक पहुंचाकर सर्मथन में आगे आये
हमले के विरोध में हम सब पत्रकार एक है.
************

विनय जी डेविड  9893221036
संपादक, टीओसी न्यूज

42 मृतकों की सूची जो व्यापम घोटाले में आरोपी थे

शैलेष यादव, विजय पटेल रीवा, रिंकु उर्फ प्रमोद शर्मा मुरैना, देवेन्द्र नागर भिंड, आशुतोष सिंह झांसी, श्यामवीर सिंह यादव ग्वालियर, आनंद सिंह यादव उत्तर प्रदेश, ज्ञान सिंह जाटव ग्वालियर, अमित जाटव मुरैना, अनुज उइके मंडला, पशुपति नाथ जायसवाल, राघवेन्द्र सिंह सिंगरोली, आनंद सिंह, विकास पांडे इलाहाबाद, दीपक जैन शिवपुरी, अंशुल साचान होशंगाबाद, ज्ञान सिंह भिंड, विकास सिंह झाबुआ, अनुज पांडे, अरविंद शाक्या ग्वालियर, कुलदीप मरावी, अनंत राम टैगोर मुरैना,  मनीष समीधिया झांसी, दिनेश जाटव मुरैना, ज्ञान सिंह सागर, आनंद कुमार सिंह, बृजेश राजपूत,  ललित कुमार मुरैना, नरेन्द्र तोमर मुरैना, डॉ आनंद आर्य ग्वालियर, रामेन्द्र सिंह भदौरिया, तस्र्ण मछार रतलाम,आशुतोष तिवारी ग्वालियर, ज्ञान सिंह ग्वालियर, विकास ठाकुर बड़वानी, आदित्य चौधरी सागर,  रविन्द्र प्रताप सिंह सिंगरौली, प्रेमलता पांडे रीवा, बंटी सिकरवार ग्वालियर, दीपक वर्मा सिंगरौली,ललित कुमार गुलारिया ग्वालियर, नरेन्द्र राजपूत महौबा, और  नरेन्द्र सिंह राजपूत झांसी शामिल है।

Monday, June 29, 2015

पंचानन बिल्डिंग में स्थित एस बी आई में आग।

Toc News @ Bhopal

भोपाल । न्यू मार्केट स्थित पंचानन भवन में रविवार शाम
अचानक आग लग जाने से इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
जानकारी के अनुसार आग ग्राउंड फ्लोर पर स्थित एसबीआई बैंक की ब्रांच के मेजनाइन फ्लोर पर लगी थी। इसके चलते बैंक का पूरा सामान बाहर निकालकर फ्लोर को खाली किया गया।

सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेड की करीब आधा दर्जन दमकलों ने लगभग 2 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फिलहाल आग लगने के उचित कारणों का पता नहीं लग पाया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार न्यू मार्केट स्थित पंचानन भवन के ग्राउंड फ्लोर पर भारतीय स्टेट बैंक की ब्रांच है।

इसके आधे हिस्से में एमपी एग्रो का ऑफिस है, जहां फिलहाल निर्माण कार्य चल रहा है। आग शाम करीब 5.30 बजे लगी थी।
छुट्टी का दिन होने की वजह से न्यू मार्केट में लोगों की खासी भीड़ थी। आग पंचानन भवन के पिछले हिस्से में लगी थी, इससे धुआं उठता देखकर लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया और तुरंत इसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेड की करीब आधा दर्जन दमकलों ने लगभग 2 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

व्यापम घोटाले में संदिग्ध मौतों में सरकार शामिल... लिहाजा न्यायपालिका करे सीधा हस्तक्षेप ...

Toc News @ Bhopal
नरेंद्र तोमर की इंदौर जेल में संदिग्ध मौत और मृतक के परिजनों के गम्भीर आरोप रिकॉर्ड पर लिए जाए-
व्यापम घोटाला बनता जा रहा है मौतों का कब्रगाह - अरुण यादव प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने व्यापम घोटाले में गिरफ्तार दो और आरोपियों की इंदौर और ग्वालियर में एक ही दिन, एक ही वक्त में हुई संदिग्ध मौतों को लेकर कहा है कि अब यह साबित हो चूका है कि जैसे-जैसे इस महाघोटाले की जांच की आंच बड़े सफेदपोशों के नजदीक आती जा थी है ..वैसे-वैसे इस यह साफ़ हो रहा है की मौतों के इस घिनौने खेल में शिवराज सरकार पूरी तरह से शामिल है ।

जब सरकार ही मौतों की इस श्रृंखला में शामिल है तो उससे किसी भी प्रकार की निष्पक्ष जांच की अपेक्षा करना बेमानी होगी, लिहाजा न्यायपालिका जनविश्वास की कसौटी पर खरी उतरे और इस गम्भीर मसले पर संज्ञान लें ।आज यहां जारी अपने बयान में यादव ने कहा की इस मामले से जुड़े लोगों की लगातार 42 मौतों के बाद भी सरकार के कानों में जूं नहीं रेंग रही है और व्यापम महाघोटाला एक के बाद एक आरोपियों और राजदारों की अंतहीन मौतों का कब्रगाह बनता जा रहा है ।तकरीबन 90 अरब रूपये के इस महाघोटाले को लेकर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान सीबीआई जांच को लेकर क्यों कतरा रहे है ?

यादव ने शिवराज सिंह चौहान पर सीधा हमला करते हुए कहा की इस महाघोटाले से जुड़े दोनों प्रमुख राजदारों की मौत एक ही दिन और एक ही समय उस दौरान हुई है जब प्रदेश के मुखिया परिवार सहित छुट्टियां मनाने गए है और मृतक नरेंद्र तोमर के परिजनों ने भी यह स्पष्ट तौर पर कहा है की एक दो दिनों में नरेंद्र इस महाघोटाले में शामिल कुछ बड़े राजनेताओं का नाम उजागर करने वाला था ।यादव ने यह भी कहा है की नरेंद्र के परिजनों ने व्यापम की जाँच कर रही एसआईटी टीम के एक जांच अधिकारी ने उसने सात लाख रूपयों की मांग भी की थी ।ऐसे में एसआईटी इस गम्भीर आरोप पर संज्ञान लें ।

सामुदायिक भवन बना भूसा घर

छतरपुर जिले के ज्योराहा ग्राम पंचायत के बितालीपुरवा के बाहर बनी बिल्डिंग निर्माण के बाद से अभी तक न सिर्फ लावारिश पड़ी है बल्कि मौका देखते हुए गाँव के ही एक व्यक्ति ने उसमे पिछले एक दशक से भूसा भर कर कब्ज़ा कर रक्खा है।

मजे की बात है की pwd विभाग द्वारा बनायीं गयी ये बिल्डिंग अगर pwd की माने तो पंचायत को हैण्ड ओवर की जा चुकी है लेकिन पंचायत सचिव इस बात से इंकार कर रहा है।वही इस मामले को जब हमने sdm लवकुशनगर से कहा तो वो भी निरिक्षण के बाद ही कार्यवाही की बात करते रहे है । न ही pwd और न ही पंचायत कर्मी कैमरे के सामने आये।जब इस मामले को हमने जिला पंचायत अध्यक्ष से बात की तो उन्होंने पहले तो तत्काल भवन खाली करने वही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करवाने की बात की है
 बड़ा  सवाल  ये है की लवकुशनगर -बारीगढ़  मुख्य मार्ग पर बनी इस बिल्डिंग पर आज तक   किसी की नजर नही गयी क्या अधिकारी और क्या जनप्रतिनिधि सब देख कर निकलते रहे लाखों की लागत  से  बनी  बिल्डिंग  लम्बे  अरसे भूसे  के हवाले है

राजेन्द्र सिंह
IBC24 न्यूज़

सामुदायिक भवन बना भूसा घर

छतरपुर जिले के ज्योराहा ग्राम पंचायत के बितालीपुरवा के बाहर बनी बिल्डिंग निर्माण के बाद से अभी तक न सिर्फ लावारिश पड़ी है बल्कि मौका देखते हुए गाँव के ही एक व्यक्ति ने उसमे पिछले एक दशक से भूसा भर कर कब्ज़ा कर रक्खा है।

मजे की बात है की pwd विभाग द्वारा बनायीं गयी ये बिल्डिंग अगर pwd की माने तो पंचायत को हैण्ड ओवर की जा चुकी है लेकिन पंचायत सचिव इस बात से इंकार कर रहा है।वही इस मामले को जब हमने sdm लवकुशनगर से कहा तो वो भी निरिक्षण के बाद ही कार्यवाही की बात करते रहे है । न ही pwd और न ही पंचायत कर्मी कैमरे के सामने आये।जब इस मामले को हमने जिला पंचायत अध्यक्ष से बात की तो उन्होंने पहले तो तत्काल भवन खाली करने वही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करवाने की बात की है
 बड़ा  सवाल  ये है की लवकुशनगर -बारीगढ़  मुख्य मार्ग पर बनी इस बिल्डिंग पर आज तक   किसी की नजर नही गयी क्या अधिकारी और क्या जनप्रतिनिधि सब देख कर निकलते रहे लाखों की लागत  से  बनी  बिल्डिंग  लम्बे  अरसे भूसे  के हवाले है

राजेन्द्र सिंह
IBC24 न्यूज़

सामुदायिक भवन बना भूसा घर

छतरपुर जिले के ज्योराहा ग्राम पंचायत के बितालीपुरवा के बाहर बनी बिल्डिंग निर्माण के बाद से अभी तक न सिर्फ लावारिश पड़ी है बल्कि मौका देखते हुए गाँव के ही एक व्यक्ति ने उसमे पिछले एक दशक से भूसा भर कर कब्ज़ा कर रक्खा है।

मजे की बात है की pwd विभाग द्वारा बनायीं गयी ये बिल्डिंग अगर pwd की माने तो पंचायत को हैण्ड ओवर की जा चुकी है लेकिन पंचायत सचिव इस बात से इंकार कर रहा है।वही इस मामले को जब हमने sdm लवकुशनगर से कहा तो वो भी निरिक्षण के बाद ही कार्यवाही की बात करते रहे है । न ही pwd और न ही पंचायत कर्मी कैमरे के सामने आये।जब इस मामले को हमने जिला पंचायत अध्यक्ष से बात की तो उन्होंने पहले तो तत्काल भवन खाली करने वही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करवाने की बात की है
 बड़ा  सवाल  ये है की लवकुशनगर -बारीगढ़  मुख्य मार्ग पर बनी इस बिल्डिंग पर आज तक   किसी की नजर नही गयी क्या अधिकारी और क्या जनप्रतिनिधि सब देख कर निकलते रहे लाखों की लागत  से  बनी  बिल्डिंग  लम्बे  अरसे भूसे  के हवाले है

राजेन्द्र सिंह
IBC24 न्यूज़

Wednesday, June 24, 2015

पत्रकार स्व. संदीप कोठारी : छिंदवाड़ा कलेक्टर को जिला प्रेस क्लब के द्वारा ज्ञापन सौपा

पत्रकार स्व. संदीप कोठारी : छिंदवाड़ा कलेक्टर को जिला प्रेस क्लब के द्वारा ज्ञापन सौपा 

छिंदवाड़ा. बालाघाट  के पत्रकार स्व. संदीप कोठारी की निर्मम हत्या के विरोध में आज  सुबह 10 : 45 बजे मुख्यमन्त्री के नाम जिला कलेक्टर को जिला प्रेस क्लब के द्वारा ज्ञापन सौपा गया ।


Tuesday, June 23, 2015

गैंगरेप शिकार चंगुल से छूटकर निर्वस्त्र भागी

खंडवा। बड़ा कब्रस्तान के पीछे एक महिला के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है। घटना 20 जून की है। आरोपियों ने ज्यादती के बाद महिला को निर्वस्त्र कर छोड़ दिया था इसके बाद वह आरोपियों के चंगुल से भाग निकली। इस स्थिति में देखने पर एक महिला द्वारा उसकी मदद की गई।
कहारवाड़ी क्षेत्र में खड़े एक ऑटो में महिला बेहोश मिलने पर रहवासियों की मदद से उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने चार आरोपियों पर प्रकरण दर्ज किया है। पीड़िता को सोमवार को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया।
वह खरगोन जिले के भीकनगांव थाना क्षेत्र के ग्राम बामझर की निवासी है। सूचना मिलने पर पति व अन्य परिजन खंडवा पहुंचे। सोमवार को कोतवाली पुलिस ने ग्राम बामझर निवासी 30 वर्षीय महिला की शिकायत पर चार आरोपियों पर गैंगरेप का प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि महिला से लिए गए बयानों के अनुसार आरोपी भूरा तांगेवाला, सत्तू, भोपाली और ब्रुसली निवासी खंडवा बड़ा कब्रस्तान के पीछे नदी के पास ले गए थे। यहां आरोपियों ने उसके साथ गैंगरेप किया।
महिला यहां से निर्वस्त्र हालत में आरोपियों से छूटकर भाग निकली। इस बीच रास्ते में एक महिला द्वारा उसे वस्त्र दिए गए। महिला जैसे-तैसे लोहारी नाका होते हुए कहारवाड़ी पहुंची। यहां एक ऑटो में बेहोश होकर गिर पड़ी। लोगों ने महिला की हालत देखकर कोतवाली पुलिस को सूचना करने के साथ उसे अस्पताल पहुंचा दिया। सोमवार को होश आने पर महिला ने अपने साथ हुई आपबीती बताई। कोतवाली टीआई अजीत पटेल ने बताया कि आरोपियों पर प्रकरण दर्ज कर तलाश की जा रही है।
8 दिन से लापता थी
ग्राम बामझर निवासी महिला 8 दिन से घर से लापता थी। परिजन तलाश कर रहे थे लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चल रहा था। इस बीच महिला खंडवा पहुंच गई। सोमवार को कोतवाली पुलिस के माध्यम से महिला के मिलने की जानकारी परिजनों को मिली। पीड़िता के पति ने बताया कि कुछ समय से पत्नी की तबीयत खराब चल रही थी। इसी के चलते वह बिना बताए घर से चली आई थी। उसके गुम होने की सूचना पुलिस में नहीं की गई।

पत्रकार संदीप कोठारी ने आरोपियों के कारोबार को लेकर उच्चाधिकारियों से शिकायतें की थी

toc news @ bhopal
उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश के एक पत्रकार को जलाकर मारने की सनसनीखेज वारदात हुई है। मारा गया पत्रकार संदीप कोठारी मध्य प्रदेश के बालाघाट का रहने वाला था और खनन माफिया और चिटफंड घोटालों के खिलाफ लगातार खबरें दे रहा था। आरोप है कि अवैध खनन में शामिल तीन लोगों ने 19 जून को संदीप कोठारी का बालाघाट के कटंगी से अपहरण कर लिया और उसे महाराष्ट्र के वर्धा जिले के बुटीबोरी में सिंधी रेलवे थाना क्षेत्र ले गए, जहां उसकी जलाकर हत्या कर दी।

पुलिस ने इस मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से एक बालाघाट के तिरोड़ी का रहने वाला विशाल तांडी है और दूसरा आरोपी बुटीबोरी निवासी ब्रजेश डहरवाल है। जबकि तीसरा आरोपी राकेश नर्सवानी अभी फरार है। तीसरे आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस ने तीस हजार के इनाम का ऐलान किया है। अपहरण के मामले में पकड़े गए दो आरोपियों से जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो हत्या के मामले का खुलासा हुआ।

40 साल के संदीप ने आरोपियों के खिलाफ एक कोर्ट केस कर रखा था जिसे वापस लेने से इनकार करने पर आरोपियों ने उसे मार दिया। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर संदीप कोठारी का जला हुआ शव बरामद किया। शव को बालाघाट लाया गया है। पुलिस ने वो कार भी बरामद कर ली है जिसे अपहरण के लिए इस्तेमाल किया गया था।

पुलिस के मुताबिक पत्रकार संदीप कोठारी ने आरोपियों के कारोबार को लेकर उच्चाधिकारियों से शिकायतें की थी। विशाल तांडी के खिलाफ संदीप ने चिटफंड कंपनी के मामले में शिकायत की थी। इस मामले में राजस्थान में उदयपुर पुलिस ने अपराध भी दर्ज किया था। वहीं संदीप ने ब्रजेश डहरवाल के खिलाफ अवैध रूप से जमीन की प्लॉटिंग करने की शिकायत की थी। इसके अलावा उसने दूसरे मैगनीज माफियाओं के अलावा पूंजीपतियों के गलत कारोबार की भी शिकायत की थी।

पत्रकार संदीप कोठारी की हत्या मामले की होगी एसआईटी जांच


भोपाल। मध्य प्रदेश में लैंड माफिया द्वारा पत्रकार संदीप कोठारी की हत्या कर जलाए जाने की मामले की एसआईटी जांच कराई जाएगी। वहीं, पत्रकार के परिवार वालों को कहना है कि
भोपाल। मध्य प्रदेश में लैंड माफिया द्वारा पत्रकार संदीप कोठारी की हत्या कर जलाए जाने की मामले की एसआईटी जांच कराई जाएगी। वहीं, पत्रकार के परिवार वालों को कहना है कि उन्होंने कई बार संदीप को पत्रकारिता छोड़ने के लिए कहा था, क्योंकि उनकी जान पर खतरा बना हुआ था।

कोठारी की बहन संध्या का कहना है, ' मेरा भाई कोई रेपिस्ट नहीं था लेकिन उन्होंने उसके खिलाफ कई झूठे केस लगाए। मैंने कई बार उससे पत्रकारिता को छोड़ देने की गुजारिश की, कितनी बार मैंने कहा कि पत्रकारिता छोड़ दें तुम मर जाओगे।'

वहीं, कोठारी के भाई राहुल का कहना है कि संदीप के खिलाफ 20 से 25 फर्जी केस लगाए गए थे। लैड माफियाओं की कारगुजारी का खुलासा करने की सजा उसे जान देकर चुकानी पड़ी। राहुल का कहना है, 'वह 17 महीनों तक जेल में था। 15 दिन पहले ही उसने उन 27 लोगों को नोटिस भेजे जिन्होंने झूठी गवाही दी। पिछले पांच सालों से वह लगातार लैड माफियाओं के खिलाफ लिख रहा था। संदीप की मौत उसी काम का नतीजा है। इन पांच सालों संदीप को 20 से 25 केस झेलने पड़े।'

मृतक पत्रकार के भाई का कहना है, 'आप नहीं समझ सकते कि किसी बाप पर क्या बीतती है जब उसका जवान बेटा मर जाता है। ' राहुल का कहना है कि चार-पांच ताकतवर लोग हैं, जिनका यह सब किया धरा है। पुलिस भी उन्हीं के हिसाब से काम कर रही है।
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में संदीप कोठारी का अपहरण कर हत्या कर दी गई और उन्हें रविवार को जला दिया गया।

PRB एक्ट में संशोधन: मीडिया की विश्वसनीयता की रक्षा कैसे?



हमारे देश में मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, क्योंकि मीडिया लोकतंत्र के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। परंतु समाचारपत्र निकालने के मुश्किल कार्य में परिस्थितियां प्रकाशक की हर दिन परीक्षा लेती हैं। प्रकाशकों की मुश्किले तब और बढ़ जाती हैं जब राष्ट्र और समाज के लिए किए जा रहे निःस्वार्थ कार्य में उसे कहीं से सहायता प्राप्त नहीं होती। प्रकाशक अपने अखबार के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए संसाधन जुटाने में ही त्रस्त हो जाता है। समाचारपत्र की सहायता के लिए यदि व्यापारिक घराने सहायता के लिए आगे आते भी हैं तो समाचारपत्र की निष्पक्षता और स्वतत्रंता प्रभावित होती है। ऐसे में समाचारपत्र निकालने का कोई अर्थ नहीं रह जाता।

यदि समाचारपत्र से जुड़े कानूनी पहलू पर गौर करें तो वर्तमान में भारत में समाचारपत्रों को रेगुलेट करने के लिए पीआरबी एक्ट लागू है। पीआरबी एक्ट 1867 में लागू हुआ था जिसका इस्तेमाल ब्रितानी सरकार अखबारों को दबाने के लिए करती थी, जाहिर सी बात है कि यह कानून अखबारों के लिए सिर्फ कड़े कानून और प्रावधानों की बात करता था।


हालांकि आजादी के बाद से भारत सरकार ने इस कानून में कई संशोधन किए। और एक बड़े बदलाव के रूप में 1956 में अखबारों को पंजीकृत करने के लिए एक अलग विभाग यानी रजिस्ट्रार ऑफ न्यूज़ पेपर ऑफ इंडिया की स्थापना हुई। इसके माध्यम से अखबारों का पंजीकरण सुचारू रूप से किया जाने लगा।


परंतु इस से समाचारपत्रों की दशा नहीं सुधरी। दरअसल, समाचारपत्रों की दयनीय स्थिति सरकार की  उपेक्षा का ही परिणाम है। यही वजह है कि आज पेड न्यूज़ जैसी समस्या सिर उठा रही हैं। अब तक सरकार ने समाचारपत्रों को केवल रेगुलेट करने के लिए ही नीति बनाई है, परंतु समाचारपत्रों के विकास के लिए सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया।


यदि समाचारपत्र लोकतंत्र का आवश्यक अंग है तो इसके संचालन के लिए सरकार को समाचारपत्र विकास नीति अवश्य बनानी चाहिए। कानून में संशोधन करना एकपक्षीय है इससे समाचारपत्रों का भविष्य और विकास सुनिश्चित नहीं होता, क्योंकि जिस पूर्व स्थापित कानून में संशोधन किया जा रहा है उसका उद्देश्य समाचारपत्रों को स्वतंत्रता देना या उनका विकास करना था ही नहीं।


अतः सिर्फ  कानून में संशोधन समाचारपत्रों की दशा में परिर्वतन लाने में कारगर नहीं है। इससे केवल समाचारपत्रों के दुरूपयोग की संभावना पर रोक लग सकती है। लेकिन यदि समाचारपत्रों के अस्तित्व पर ही संकट हो तब उनके दुरूपयोग अथवा उपयोग की बात करना बेमानी है।


समाज और सरकार के कुछ वर्गों में यह भ्रांति है कि समाचारपत्र निकालना एक व्यापार है, साथ में यह भी कहा जाता है कि पेड न्यूज़ अनैतिक और गलत है। अब सवाल यह है कि यदि समाचारपत्र निकालना एक व्यापार है तो पेड न्यूज़ अनैतिक कैसे हो सकता है। व्यापार करने के लिए अखबार में पेड न्यूज़ लगाया जाना कैसे गलत हो सकता है।


यदि कोई राजनैतिक दल या बिजनेस घराना अपने पक्ष में खबर छपवाने के लिए रकम चुकाता है तो इसे छापना व्यापारिक दृष्टि से कतई गलत नहीं हो सकता। परंतु यह निश्चित है कि ऐसी खबरों से लोकतंत्र की हत्या हो जाएगी। केवल धनतंत्र और बलतंत्र का ही समाज में बोलबाला होगा। हम ऐसे समाज में ना रहना चाहते हैं और ना ही इसकी कल्पना करते हैं। लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है अखबार चलाने को शुद्ध रूप से सामाजिक कार्य की श्रेणी में ही रखा जाना चाहिए। यदि इसे व्यापार की श्रेणी में रखा गया या रखने की भांति फैलाई गई तो यह लोकतंत्र के लिए जहर के समान होगा।


अब ऐसे में समाचारपत्रों के अस्तित्व को बचाने के लिए सरकार को ठोस कार्य करने होंगे। विशेषकर लघु समाचार पत्रों के लिए कार्य किया जाना बेहद आवश्यक है। भारत जैसे विशाल देश में जहां कई भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं, वहां किसी भी एक समाचार पत्र के लिए पूरे देश की खबरों को कवर कर पाना असंभव है। इस कार्य के लिए लघु व स्थानीय समाचारपत्रों का होना अति आवश्यक है।


आज लघु समाचारपत्र सरकारी उपेक्षा के कारण दयनीय स्थिति में हैं। समाचारपत्रों की विश्वसनीयता और सम्मान को बनाए रखना सरकार का दायित्व है। यदि सरकार यह मानती है कि समाचारपत्र प्रकाशन व्यापार नहीं है और इससे लाभ नहीं उठाया जाना चाहिए और पेड न्यूज जैसे कांसेप्ट पर लगाम लगनी चाहिए, तब सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि समाचारपत्रों का संचालन किस प्रकार किया जाए।


हाल ही में प्रेस एवं पुस्तक पंजीकरण अधिनियम 1867 में एक बार फिर संशोधन कर अखबार चलाने के लिए कई प्रावधान सुझाए गए हैं। इन प्रावधानों का भी स्वागत किया जा सकता है यदि सरकार समाचारपत्रों के विकास के लिए भी नीति बनाए, क्योंकि प्रकाशक और सरकार इस बात से सहमत हैं कि लोकतंत्र के लिए समाचारपत्रों का विशुद्ध, ईमानदार, और खरा होना आवश्यक है।


लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन इन सभी प्रावधानों का स्वागत करती है परंतु लघु एवं क्षेत्रिय प्रकाशकों की मूल समस्याओं की समझ होने के कारण लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन कुछ सुझाव देना चाहती है। हमारा सुझाव है कि पीआरबी बिल 2010 में कड़े प्रावधानों के साथ समाचारपत्रों के विकास के लिए अधोलिखित प्रावधान भी किए जाने चाहिए।


तत्काल आवश्यक सुधार
आज पत्रकारिता में ऐसे अकुशल व अयोग्य लोगों का आगमन हो गया है जो इस क्षेत्र में पैसे अथवा स्टेटस सिंबल के लिए आते हैं। ऐसे लोगों के प्रवेश रोकने के लिए समाचारपत्र के शीर्षक लेने के लिए कड़े नियम होने आवश्यक हैं। पत्रकारिता में शुद्ध पत्रकारों को आने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं।

@ शीर्षक हेतु आवेदन करने के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति के पास पत्रकारिता का 10 वर्ष का अनुभव होना
अनिवार्य होना चाहिए।
@ इसके लिए शैक्षिक योग्यता स्नातक निर्धारित की जा सकती है।

तत्काल दी जाने वाली सुविधाएं

1. पीआईबी मान्यता
@ जो व्यक्ति इन कड़े प्रावधानों को पूरा करते हुए समाचारपत्र के लिए शीर्षक प्राप्त करे उसे बिना किसी अतिरिक्त औपचारिकता के पीआईबी द्वारा मान्यता दी जाए, अथवा उसके द्वारा अधिकृत किसी अन्य योग्य (पत्रकार, संपादक, संवाददाता) को उस समाचारपत्र के आधार पर पीआईबी मान्यता दी जाए।

2. डीएवीपी इम्पैनलमेंट
@ प्रकाशक जो लगातार तीन महीने बिना किसी अवरोध के समाचार पत्र निकालता है उसके समाचार पत्र को तीन महीने में ही डीएवीपी इम्पैनल किया जाना चाहिए।

3. नि:शुल्क सरकारी काग़ज़
@ प्रकाशक के लिए सबसे बड़ा आर्थिक बोझ होता है समाचारपत्र को प्रिंट कराना। प्रिंटिंग के लिए प्रकाशकों को तीन चीजों में प्रमुख व्यय करना पड़ता है। पहला- अखबार के लिए कागज़, दूसरा- इंक और  तीसरा मुद्रण व्यय। इन तीनों खर्चों में सरकार को प्रकाशक की सहायता करनी चाहिए। हालांकि प्राथमिक रूप से सरकार द्वारा प्रकाशकों  को नि:शुल्क काग़ज़ अवश्य प्रदान किया जाना चाहिए, ताकि प्रकाशकों का आर्थिक बोझ कुछ कम किया जा सके।

निःशुल्क काग़ज़ लेने के लिए अनिवार्य शर्ते
@ यह सुविधा केवल उन अखबारों को मिले जिनकी प्रसार संख्या अधिकतम 25,000 से कम हो। इस प्रसार संख्या के अंतर्गत उस समाचारपत्र के सभी एडीशन समाहित होने चाहिए।
कागज़ का दुरूपयोग रोकने के लिए प्रावधान
@ निःशुल्क दिया जाने वाला काग़ज़ विषेश गुणवत्ता का हो जिसकी पहचान आसानी से की जा सके, एवं जिसकी बाजार में उपलब्धता ना हो।
@ यदि प्रकाशक कागज़ की खरीद-फरोख्त में लिप्त पाया जाए तो उसे दी जाने वाली सुविधाएं तत्काल समाप्त कर दी जाएं एवं उसके समाचारपत्र का पंजीकरण रद्द कर दिया जाए।
प्रसार संख्या जांचने के लिए कड़े प्रावधान किए जाए
@ प्रसार संख्या जांचने के लिए कठोर मापदण्ड अपनाए जाएं।
@ निम्नतम प्रसार संख्या पर भी सर्कुलेशन सर्टिफिकेट जारी किया जाए। यह संख्या 500 भी हो सकती है।

नवीनीकरण
@ डीएवीपी और निःशुल्क काग़ज़ पाने के लिए प्रत्येक 5 वर्ष पर नवीनीकरण हो।
@ नवीनीकरण का आधार डीपीआर द्वारा जारी नियमितता प्रमाणपत्र अनिवार्य हो।

स्थापित अखबारों हेतु नियम
@ जिन समाचार पत्रों का पंजीकरण इस नियम से पहले करा लिया गया है इस सुविधा के लिए उनका चयन अंतिम एनुअल स्टेटमेंट के आधार पर किया जाना चाहिए।

आज भी नहीं बदले हालात
अंग्रेजी हूकूमत में “पहली बार 30 मई, 1826 को हिन्दी का प्रथम पत्र ‘उदंत मार्तंड’ का पहला अंक प्रकाशित हुआ। यह समाचारपत्र साप्ताहिक था। ‘उदंत-मार्तंड' की शुरुआत ने भाषायी स्तर पर लोगों को एक सूत्र में बाँधने का प्रयास किया। यह केवल एक समाचारपत्र नहीं था, बल्कि उन हजारों लोगों की आवाज था, जो अब तक खामोश और भयभीत थे। हिन्दी में समाचारपत्र की शुरुआत से देश में एक क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ और आजादी की जंग को भी एक नई दिशा मिली। अब लोगों तक देश के कोने-कोने में घट रही घटनाओं की जानकारी पहुँचने लगी। लेकिन कुछ ही समय बाद इस समाचारपत्र के प्रकाशक और संपादक जुगल किशोर को आर्थिक सहायता के अभाव में 11 दिसंबर, 1827 को समाचारपत्र बंद करना पड़ा।“ हमें 1947 में आजादी मिल गई, हम 21वीं सदी में पहुंच गए फिर भी भारत के लघु अखबारों की स्थिति नहीं बदली।

हत्याकांड: कलेक्टर ने ज्ञापन लेने से इंकार किया, कहा वो तो क्रिमिनल था

बालाघाट। यूं तो लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। जिलास्तर पर कलेक्टर एक ऐसा पद होता है जहां सभी तरह की समस्याओं को प्रकट किया जाता है परंतु बालाघाट कलेक्टर ने शिकायत सुनने की प्रक्रिया आरक्षित कर रखी है। वो चुन चुनकर ज्ञापन लेना पसंद करते हैं। पत्रकार संदीप कोठारी हत्याकांड के बाद फरार आरोपी की गिरफ्तारी और प्रेस प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर पहुंचे पत्रकार दल को उन्होंने यह कहते हुए वापस लौटा दिया कि जो मर गया है वो क्रिमिनल था, आप उसके लिए आए हो। शर्म की बात है।
संदीप कोठारी के हत्या में शामिल अपराधी की शीघ्र गिरफ्तारी औॅर पत्रकारों को सुरक्षा व्यवस्था तथा प्रदेश में प्रेस प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग को लेकर वर्किंग जर्नीलिस्ट युनियन की इकाई के अध्यक्ष हरीश राहंगडाले ने बालाघाट कलेक्टर व्ही किरण गोपाल से मिलने का समय मांगा। इस पर कलेक्टर ने कहा कि आप लोग क्रिमिनल पत्रकार संदीप कोठारी के बारे मे ज्ञापन सौंप रहे हो ये शर्म की बात है।
यहां सवाल यह है कि जिस लोकतांत्रिक व्यवस्था में सजा ए मौत पाने वाले को भी अपनी बात रखने का हर आखरी मौका दिया जाता है वहां एक कलेक्टर हत्याकांड के फरार आरोपी को पकड़ने के लिए सौंपे जाने वाले ज्ञापन को स्वीकार करने तक को तैयार नहीं। इससे पूर्व पुलिस ने मृत पत्रकार का क्राइम रिकार्ड सार्वजनिक करके यह जताने की कोशिश की थी कि जो कुछ हुआ यही उस पत्रकार की नियति थी। तो क्या यह मान लिया जाना चाहिए कि बालाघाट में सक्रिय माइनिंग माफिया के यहां पूरा का पूरा सिस्टम गिरवी हो गया है और प्रशासन के प्रमुख पदों पर बैठे अधिकारी दिखावे के लिए भी न्यायप्रिय बात करना नहीं चाहते।

आइसना संगठन नहीं परिवार है खुजराहो सम्मेलन में शामिल हो पत्रकार

आइसना द्वारा छतरपुर जिले की पर्यटन नगरी खजुराहो में आयोजित प्रान्तीय सम्मेलन में,राष्टृीय अध्यक्ष  श्री शिव शंकर त्रिपाठी, लखनऊ सेराष्टीय सचिव आरती त्रिपाठी, राजस्थान से राष्टृीय उपाध्यक्ष ग्यारसी लाल शर्मा,कर्नाटका से पी राजू,दिल्ली नोयेडा से शैलेश शर्मा,आन्ध्रा से लिंगा राजू, आसाम गोहाटी से पंडित संजीद नारायण दास, महाराष्टृ से आर डी चोगले,सम्मेलन में पंहुच रहे हैं, इन सभी की स्वीकृति के साथ यात्रा कार्यक्रम आ चुका है। आइसना संगठन नहीं परिवार है, आप सभी पत्रकार बन्धु इस सम्मेलन में शामिल होकर पत्रकारों के हित में पारित होने वाले प्रस्तावों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। अपुष्ट खबरों के हवाले से आज जनसम्पर्क विभाग मुम्बई की एक कम्पनी को ठेके पर दे दिया गया। अब पत्रकारों,छोटे, लघु समाचार पत्रों को किन मुसीबतों से गुजरना पड़ेगा, आप अंदाजा लगा सकते हैं। बिजली विभाग अॉशिक ठेके पर है,नतीजा आप देख ही रहे हैं,

आइये एकजुटता से नीति निर्धारित करिये और संघर्ष के लिये संगठन तत्पर है

श्री हर्षभान तिवारी (खण्डवा) को संगठन विरोधी गतिविधियों के कारण जिलाध्यक्ष पद से हटाया

Toc News
भोपाल, 22 जून 2015। श्री हर्षभान तिवारी (खण्डवा) ने प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा की पत्रकार सुरक्षा कानून बनने की मांग को लेकर प्रदेश यात्रा का विरोध किया है। जबकि ग्रामीण अंचलों में पत्रकारों को जागरूक करने तथा कानून बनाने की मांग को लेकर यह यात्रा निकाली गई है। किन्तु श्री हर्षभान तिवारी ने इस यात्रा का वॉट्सअप पर विरोध किया है। इसीलिए उनको तत्काल जिलाध्यक्ष पद से हटाया जाता है। पिछले कुछ समय से श्री तिवारी संगठन को समय भी नहीं दे पा रहे थे। अत: श्री हर्षभान तिवारी को पद से हटाने की सूचना कलेक्टर खण्डवा, एस.पी. खण्डवा सहित अन्य अधिकारी एवं पत्रकारों को भेजी जा रही है। जिलाध्यक्ष के पद से हटाने के कारण जिला कार्यकारिणी एवं तहसील इकाईयों को भी भंग कर दिया गया है।           (राधावल्लभ शारदा)प्रदेश अध्यक्ष

भोपाल नगर निगम की जय हो

Toc News @ Bhopal

पहली बरसात में ही नगर निगम की कलई खुल गई केवल हवा में हो रहा काम हकीकत कल शाम सामने आ गई. करोड़ो के खेल की खुली पोल.
नगर सरकार के मुखिया न दफ्तर में मिलते न फोन पर, आफिस आवर्स में फोन दूसरे के पास रहता है, उसके बाद स्विच आफ,,,काठ की हॉडी बार बार नहीं चढ़ती, पहली बार अगर चढ़ गई तो खुद भी जल जाती है, और जो उसके अन्दर पक रहा हो, उसे भी जला देती है,,,,
नगर निगम कमिश्नर को भोपाल की जनता से कोई लेना देना नही है. वो हमेशा अपनी दादागिरी में मस्त रहते है

Monday, June 22, 2015

दीवार गिरने से किशोरी की दर्दनाक मौत

भोपाल: तेज बारिश से व्यापम चोराहे पर दीवार गिरने से किशोरी की दर्दनाक मौत।

एम पी नगर मे मृतिका ललिता पाटिल है काल सेंटर मे कार्य करती है।घर वापिस जाते समय पानी से बचने के लिए दिवार के सहारे खडी थी उसी समय दीवार गिरने से दुर्घटना का शिकार हो गई।

पार्क में प्रेमी प्रेमिका ने आत्महत्या, वीभत्स तस्वीर

गुना की बडी खबर
Toc news @ guna

गुना कालेज पार्क में प्रेमी प्रेमिका ने आत्महत्या कर ली। तस्वीरें वीभत्स कर देने वाली है कृपया बच्चों को न दिखाए।


"पत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून" बने : आइसना

"पत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून" बने : आइसना
सर्मथन करें, "जागो पत्रकार बढ़ो आगे "

मुख्यमंत्री जी के नाम झापन भी दिया जावेगा
************************
शहीद पत्रकार को अश्रुपूर्ण श्रद्धान्जली अर्पित करता हूँ और इस घटना की घोर निंदा करता हूँ और सरकार से माँग करता हूँ दोषियो को फांसी की सजा दी जाए।
मै ईश्वर से यही प्रर्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे।

बालाघाट जिले के पत्रकार संदीप कोठारी की आपराधिक लोगों ने जलाकर मार डाला। अपराधियों को अतिशीघ् गिरप्तार किया जावे।
ये घटना मप्र की है पत्रकारो के लिए दुर्भाग्यपूर्ण, बड़ी सोच पर विवश करती है, पत्रकारों का राष्ट्रीय संगठन "आल इंडिया स्माल न्यूज़ पेपर्स एसोसिएशन" (आइसना) इस घटना की घोर निंदा करती है, और मध्यप्रदेश सरकार से मांग करती है कि
"पत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून"
इसी सत्र में लाया जाये, पत्रकारों के सुरक्षा के हित में नया कानून बनाया जावे ।
मुख्यमंत्री जी के नाम झापन भी दिया जावेगा। इस मुहीम में आप पत्रकार भी "आपना नाम, मोबाइल न., एवं संस्थान सहित इस ज्ञापन में शामिल हो,
सभी पत्रकार साथियों तक यह बात पहुचाकर सर्मथन करें

विनय जी. डेविड
संपादक - टीओसी न्यूज /
प्रांतीय महासचिव (आइसना)
राष्ट्रीय संगठन "आल इंडिया स्माल न्यूज़ पेपर्स एसोसिएशन"
+91 9893221036
+++++++

राम किशोर पवांर, बैतूल
दैनिक पंजाब केसरी
+919993162080

+

आवासीय क्षेत्रों के मोबाईल टाबरों पर कलेक्टर की टेड़ी नजर

Toc news @ chhatarpur
छतरपुर जिला मुख्यालय पर आवासीय कॉलौनियों में लगे मोबाईल टाबरों की किणरों से फलने वाली गंभीर बीमारियों को देखते हुये कलेक्टर ने अपनी टेडी नजर कर ली है। कलेक्टर ने पीजी सेल में हुई शिकायत को आधार मानते हुये उसकी सत्यता प्रमाणित पर एक फरमान जारी किया है जिसमें मोबाईल टाबर को हटाये जाने के लिये नगरपालिका परिषद छतरपुर को आदेशित करते हुये कहा है कि समय सीमा में मोबाईल टाबर को हटाये जाने की कार्रवाई सुनिश्चित करें।

यह मामला शहर के शांति नगर कालौनी में स्थित मोबाईल टाबर का है जिसमें अभी कुछ दिन पहले आग लग जाने से पूरी कॉलौनी में हडकंप मच गई थी और कॉलौनी वासियों की तरफ से एक जागरूक नागरिक ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मय तथ्यों के साथ शिकायत प्रेषित की थी जिस पर जांच कराई गई और जांच में शिकायत सही पाई गई जिसके आधार पर मोबाईल टाबर को हटाये जाने का आदेश सोमबार की शांय किया गया।

कलेक्टर ने मीडिया ने चर्चा करते हुये कहा कि हमें शहर के आवासीय क्षेत्रों में लगे मोबाईल टाबरों की शिकायत प्राप्त होतीं हैं तो उनको भी हटाये जाने की कार्रवाई करवा दूंगा।
उल्लेखनीय है कि मोबाईल टाबरों से आवासीय क्षेत्र वासियों को कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड रहा है और उन बीमारियों का ईलाज ना होने के कारण मानव जीवन समाप्त होता जा रहा है। इन टाबरों से निकलने वाली किरणें इतनी घातक होंती है जो सीधे मानव के दिलों पर असर करतीं हैं और वह कई लाईलाज बीमारियों से पीढित हो जाता है। कलेक्टर के द्वारा शिकायत के आधार पर शांतिनगर कॉलौनी का मोबाईल टाबर हटाये जाने का निर्णय एक स्वागत योग्य है।

शहर के जागरूक नागरिकों को अगर अपने घरों के आसपास लगे मोबाईल टाबरों से गंभीर बीमारियों का सामना करना पड रहा है तो कलेक्टर के दरबाजे शिकायतें करने के लिये खुल गये हैं और उन पर कार्रवाई कलेक्टर शीघ्र से शीघ्र करने के मूड में दिखाई दे रहे हैं। कलेक्टर की कार्रवाई से मानव जीवन सुरक्षित व स्वस्थ्य रहेगा।

Sunday, June 21, 2015

पत्रकार संदीप कोठारी को जिंदा जलाकर जमीन में दफना दिया

Toc News @ Balaghat

बालाघाट के एक पत्रकार संदीप कोठारी को माफियाओं ने जला कर मार डाला है. नई दुनिया और पत्रिका जैसे अखबारों में काम कर चुके संदीप की खबरों से माफिया नाराज थे. संदीप बालाघाट के कटंगी कस्बे में कार्यरत थे. बताया जा रहा है कि माफियाओं ने इन्हें किसी बहाने से बुलाया और बहका कर महाराष्ट्र के नागपुर की तरफ ले गए. मध्य प्रदेश की सीमा से बाहर निकलने ही सूनसान इलाका देखकर माफियाओं ने पहले संदीप कोठारी को जिंदा जलाया उसके बाद जमीन में दफना दिया.

इस सनसनीखेज और हृदयविदारक घटना जिसकी मिल रही है वह स्तब्ध है.
मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि बालाघाट के कटंगी में कार्यरत संघर्षशील, दबंग और निर्भीक पत्रकार संदीप कोठारी की हत्या करके नागपुर में जला दिया गया. 4 लोगों पर हत्या का आरोप लगा है जिनमें से 3 को गिरफ्तार कर लिया गया है.

जिस वाहन में बिठाकर संदीप को ले जाया गया उसे भी पुलिस ने जब्त कर लिया है. कटंगी थाने की पुलिस पुलिस नागपुर रवाना हो गई है. संदीप कोठारी जब न्यूज़ कवरेज के लिए गए थे तभी उन्हें कटँगी से वाहन में बहला फुसला कर बिठाकर नागपुर ले जाया गया और जिंदा जलाकर जमीन में गाड़ दिया. इस घटना से पत्रकारों में जबरदस्त आक्रोश और रोष व्याप्त है 

.


संदीप कोठारी के शव की तलाश नागपुर वर्धा के जंगलों में की जा रही है. गिरफ्तार आरोपियों के नाम बृजेश और विशाल तांडी है. चर्चा ये भी है कि जमीन के एक सौदे में कमीशन की रकम को लेकर विवाद हुआ जिसके बाद हत्या हुई. फिलहाल जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं. लेकिन पत्रकार को जलाकर मार डालने की लगातार बढ़ती घटनाओं से मीडिया जगत हिल गया है.

उल्लेखनीय है कि इससे ठीक पहले अभी उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पत्रकार जगेंद्र सिंह को मंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारे पर कोतवाल और सिपाहियों ने जिंदा जलाकर मार डाला था. जगेंद्र मर्डर केस का हत्यारा मंत्री अब तक न अरेस्ट हुआ और न जेल गया। इसी दौरान यह एक नई घटना सामने आई है। इन घटनाओं के बाद अब पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है.

बालाघाट : संदीप कोठारी का अपहरण कर हत्या, दो आरोपी गिरफ्तार

Toc News @ balaghat

बालाघाट। कटंगी के संदीप कोठारी की हत्या की खबर से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। बताया जा रहा है कि 19 जून की रात कुछ लोगों ने कटंगी से 4 किमी दूर संदीप का अपहरण किया था। इसकी शिकायत कटंगी थाने में रात्रि करीब 12.30 बजे दर्ज की गई।

इस मामले को जांच में लेकर पुलिस ने दो युवकों गिरफ्तार किया है। जिनसे सख्ती से पूछताछ करने पर उनने पुलिस को नागपुर के बुटीबोरी में हत्या कर लाश जला देने की जानकारी दी है। फिलहाल पुलिस इस मामले लाश नहीं मिलने तक कुछ भी कहने में गुरेज बरत रही है। संदीप करीब दो वर्ष पहले तक पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा रहा।i

कटंगी एसडीओपी जगन्नाथ मरकाम ने जानकारी देते हुए बताया है कि पकड़े गए युवकों की निशानदेही पर कटंगी थाने से पुलिस पार्टी को रवाना किया गया है। आरोपियों ने संदीप द्वारा की जा रही शिकायतों से तंग आकर हत्या की बात कबूल की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। लाख मिलने के बाद ही मामला स्पष्ट होगा।

इस महिला ने कोकीन छुपाई भी तो कहां



बोगोटा। कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में एयरपोर्ट पर पुलिस ने एक 22 वर्षीय महिला को गिरफ्तार किया है। जो अपनी ब्रेस्ट में 1.5 किलो कोकीन छुपा कर ले जा रही थी। बोगोटा के एल डोराडो एयरपोर्ट पर पाओला डेयानिरा सैबिलन नाम की महिला कोकीन को अपनी ब्रेस्ट में छिपाकर स्पेन जाने की फिराक में थी। जिसको पुलिस ने नाकाम कर दिया।

एयरपोर्ट पुलिस ने बताया कि महिला पहले तो एयरपोर्ट के सिक्युरिटी लाइन में लगी हुई थी जिस दौरान पुलिस को महिला पर शक हुआ तभी महिला का एक्स-रे करवाया गया, जिसे देख पुलिस भी हैरान रह गए। महिला ने अपने ब्रेस्ट में कोकीन छुपा रखी थी।

महिला को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई तो महिला ने कबूला कि भारी मात्रा में कोकीन को उसके ब्रेस्ट में सर्जरी कर इम्पलांट किया गया है। जो किसी कोलंबिया स्थित परेरा शहर के किसी गुप्त क्लिनिक में किया गया है। महिला को पुलिस ने अस्पताल भेज दिया है जहा डॉक्टरों ने महिला के ब्रेस्ट इम्पलाट को हटाया है।

महिला से रेप के आरोप में पीपली लाइव के को-डायरेक्टर अरेस्ट

Toc News
मोहम्मद फारूकी रेप के आरोपी

नई दिल्ली। हिंदी फिल्म पीपली लाइव के को-डायरेक्टर रहे मोहम्मद फारूकी रेप के आरोप में अरेस्ट किए गए है। फारूकी पर यूएस की महिला से रेप का आरोप है। दिल्ली के न्यू फ्रेंडस कालोनी थाने में इसे लेकर एक मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने फारूकी को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है।

जानकारी के मुताबिक, शिकायतकर्ता अमेरिकी महिला का कहना है कि महमूद फारूकी ने उसके साथ दिल्ली के सुखदेव विहार इलाके में रेप किया था। 19 जून को केस रजिस्टर करने के बाद उसी दिन महमूद को गिरफ्तार भी कर लिया गया था। दिल्ली पुलिस ने महमूद फारूकी को शुक्रवार को ही कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें छह दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। महमूद फारूकी खुद भी एक फिल्म डायरेक्टर और लेखक हैं।

बताया जा रहा है कि फारूकी के खिलाफ महिला ने 28 मार्च को रेप का आरोप लगाया है। इसी को लेकर 19 जून को उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। फारूकी पर दिल्ली के सुखदेव विहार में रेप करने का आरोप है। फारूकी पापली लाइव के डायरेक्टर अनुषा रिजवी के पति हैं।

दोस्तों के साथ दारू पीने जबलपुर आ पहुंची इंदौर की लड़की

Toc News @ Jabalpur

जबलपुर- पुलिस ने डुमना एयरपोर्ट के पास अपने दो दोस्तों के साथ एक लक्झरी कार में शराब पी रही इंदौर की लड़की को अरेस्ट किया है। यह लड़की इंदौर से अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने के लिए जबलपुर आई थी। यहां वो एक रिश्तेदार के यहां रुकी, जहां से बाजार के बहाने अपने दोस्तों के पास आई। जब पुलिस ने इन्हे पकड़ा तब तीनों शराब के नशे में टुन थे और पुलिस को भी दादागिरी दिखा रहे थे।

दरअसल कुछ दिनों से एयरपोर्ट रोड पर खुलेआम शराबखोरी के साथ ट्रिपलआईटी की छात्राओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की शिकायत पर निर्भया स्कवॉड को विशेष पेट्रोलिंग के निर्देश दिए गए थे। जिस पर रविवार की शाम ये कार्रवाई की गई।

पुलिस से करने लगे अभद्रता निर्भया टीम प्रभारी संगीता कतलम ने बताया कि रविवार की शाम लगभग 7 बजे वह रादुविवि से डुमना रोड की ओर पेट्रोलिंग कर रहीं थीं। तभी एक कार में तीन युवक व एक युवती बैठे मिले। चारों शराब पी रहे थे। जब उनसे कार से उतरने को कहा, तो वह अभद्रता पर उतारू हो गए। इसके बाद चारों को हिरासत में लेकर सिविल लाइन पुलिस के सुपुर्द किया गया। चारों पर कार्रवाई की गई है। बताया जा रहा है कि युवती इंदौर की रहने वाली है, जो सदर क्षेत्र में अपने रिश्तेदार के घर आई थी। इसके अलावा तीनों युवकों के पिता व्यापारी हैं।

रामदेव के भरोसे मन रहा है क्या ये योग दिवस

रवीश कुमार

पातंजलि योगपीठ, हरिद्वार। यही एक पता है जो केंद्र सरकार की योग शिविरों के लिए बनाई सूची में बार बार नज़र आता है। www.ccryn.org पर क्लिक करेंगे तो देश के 191 ज़िलों में योग शिविर चलाने की ज़िम्मेदारी रामदेव की संस्था को दी गई है। सरकार ने बकायदा इसके लिए योग के काम में जुटी संस्थाओं से आवेदन मंगाया था जिसकी अंतिम तारीख़ 8 मई थी। The Central Council for Research in Yoga & Naturopathy की वेबसाइट पर जब गया तो पता चला कि देश के सभी ज़िलों में महीने भर के लिए योग शिविर लगाये जाने हैं।

इसके लिए सरकार एक लाख रुपये की मदद राशि भी देगी। वेबसाइट पर फार्म तो है मगर किन संस्थाओं ने जमा किया और किस आधार पर चयन हुआ इसकी कोई सूचना नहीं है। फिर भी हैरानी होती है कि जिस देश में योग की अनगिनत संस्थाएं हैं उस देश के बारे में इस सूची को देखते हुए आप कोई छवि बनाते हैं तो यही बनेगी कि रामदेव न होते तो अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ही नहीं बन पाता।

यह एक सच्चाई भी है मगर यही एक सच्चाई नहीं है। रामदेव ने ज़रूर योग को कुलीन सेठों की संगत में बैठने वाले गुरुओं की पांत से निकाल कर गांव गांव तक पहुंचाया है लेकिन हमारे देश में और भी कई छोटी-बड़ी संस्थाएं योग को लेकर काम कर रही हैं। सरकार की यह एक लाख की मदद राशि उन्हें मिलती तो योग का आधार और मज़बूत होता। एक शिविर के लिए एक लाख की राशि से रामदेव को ख़ास फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन योग के ज़रिये सरकार से उनके संबंध और मज़बूत तो होते ही हैं।

कुछ दिन पहले आजतक चैनल पर जब अशोक सिंघल ने रामदेव से पूछा था कि काला धन पर क्यों चुप हो गए हैं तो उन्होंने कहा था कि 21 जून बीत जाने दीजिए। तो क्या नहीं बोलने की कीमत पर ही रामदेव को 191 शिविरों की ज़िम्मेदारी दी गई है। इसके लिए सरकार उन्हें 191 लाख रुपये भी देगी। रामदेव का कहा 15 लाख का काला धन हर व्यक्ति को मिला तो नहीं मगर उल्टा उन्हें सरकार की तरफ से 191 लाख रुपये मिल गए। उन्हें साफ करना चाहिए कि ये पैसा लिया है या नहीं।

केंद्र सरकार की वेबसाइट पर 651 केंद्रों की सूची तैयार की गई है जिसमें से 24 स्थान रिक्त हैं। 191 योग शिविर रामदेव के हिस्से में आए हैं। दूसरे नंबर पर हैं श्री श्री रविशंकर की संस्था व्यक्ति विकास केंद्र जिसे 69 शिविर मिले हैं। अब श्री श्री रविशंकर के लिए 69 लाख क्या चीज़ हैं इसलिए पैसा तो कारण नहीं हो सकता है। लेकिन इन्हीं दो संस्थाओं के ज़रिये क्या देश में योग-कार्टेल तो नहीं बन रहा है। कार्टेल का मतलब कुछ खास लोगों का समूह जिनके संबंधों के दायरे में संसाधनों का बंटवारा हो जाता है। सामान्य के लिए ख़ास नहीं बचता। मेरी तरफ से संस्थाओं को गिनने में मामूली चूक हो सकती है। मगर एक दो से ज़्यादा का अंतर नहीं आएगा। कुल मिलाकर तीन संस्थाओं को 271 शिविर मिले हैं।

सद्गुरु के इशा फाउंडेशन को सिर्फ 11 शिविर दी गई है। सदगुरु भी काफी लोकप्रिय हैं। इनका एक पोस्टर दिल्ली में किरण बेदी के साथ हाल ही में देखा था। सदगुरु कारपोरेट की दुनिया में काफी मान्य व्यक्ति हैं। अंग्रेज़ी में ही सही काफी प्रभावशाली तरीके से बोलते हैं। देश के सत्रह राज्यों में इशा फाउंडेशन के सेंटर हैं।

भारत के बाहर कई देशों में भी इनकी संस्थाएं चलती हैं।  ब्रह्म कुमारीज़ को कौन नहीं जानता। इनका राजयोग काफी लोकप्रिय है। कई चैनलों पर इनका कार्यक्रम देखा भी जाता है। देश के कोने कोने में इनकी संस्था है। फिर भी ब्रह्म कुमारीज़ को सिर्फ तीन शिविर दी गई है। यह पता करना चाहिए कि क्या इन संस्थाओं ने 11 और 3 के लिए ही आवेदन किया था या इनके आवेदन पातंजलि के आगे खारिज क्यों हुए। इसके अलावा उज्जैन योग लाइफ सोसायटी को पांच, एस डी एम कालेज आफ नेचुरोपैथी एंड यौगिक साइंसेज़ को सात शिविर मिले हैं।

उम्मीद है विज्ञापनों में लोगों को बताया जा रहा है कि अमुक ज़िले में फलाने को एक महीने तक योग शिविर चलाने की ज़िम्मेदारी दी गई है, आप वहां जाकर योग का प्रशिक्षण ले सकते हैं। सरकार के इस फैसले से योग को लेकर काम करने वाली छोटी संस्थाओं में असंतोष तो हैं मगर कोई बोलना नहीं चाहता। गुरुओं के कारोबारी जगत का यह एक नियम भी है कि कोई किसी के ख़िलाफ़ नहीं बोलता है। रामदेव के अलावा कई बड़े गुरुओं ने भी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री का समर्थन किया था और अपने तरीके से प्रचार भी किया था लेकिन रामदेव जितना राजनीतिक प्रयास किसी ने नहीं किया। लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी संस्था का राजनीतिक इस्तमाल भी किया था। एक पार्टी भी बनाई थी प्रचार के लिए जिसका अब कोई अता-पता नहीं है। तो क्या इसी का इनाम रामदेव को मिला है।


हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरोप लगाया था कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के नाम पर सिर्फ रामदेव को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुंगेर स्थित बिहार योग विद्यालय को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। ज़्यादा लोगों का ध्यान इस पर नहीं गया। लेकिन आप योग के किसी भी जानकार से पूछ लीजिए वो बतायेगा कि दुनिया भर में योग को ले जाने के लिए बिहार योग विद्यालय ने कितना योगदान दिया है। पुणे के गुरु आयंगार की भी लोकप्रियता कम नहीं हैं। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन इनके ही शहर में कोई और संस्था सरकार की तरफ़ से योग शिविर का आयोजन करेगी। बिहार के मुंगेर में पातंजलि योग पीठ को देने का क्या मतलब है जबकि वहां बिहार योग विद्यालय आश्रम के आंगन से घर के आंगन तक कार्यक्रम चला ही रहा है। मेरी जानकारी के अनुसार बिहार योग विद्यालय ने आवेदन भी नहीं किया था लेकिन क्या इस संस्था का मान नहीं रखना चाहिए था। वही हाल पुणे का है। वहां दो संस्थाओं को जिम्मेदारी दी गई है। दोनों ही आयंगार स्कूल के नहीं हैं।

मीडिया के कुछ हलकों में चर्चा हुई थी कि योग दिवस के बहाने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ रामदेव को किनारे लगाना चाहता था। दरअसल तभी समझ गया था कि रामदेव को ही प्रमुखता मिलेगी। रामदेव ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए काफी कुछ किया है। प्रधानमंत्री ने भी रामदेव का काफी मान रखा है। 191 लाख रुपये की राशि कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन हर लिहाज़ से देखिये तो अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सिर्फ और सिर्फ रामदेव ही हैं। टीवी पर भी श्री श्री रविशंकर और सदगुरु जग्गी दिखे मगर बहुत देर से और बहुत कम। 21 जून के पहले के आयाजनों के लिहाज़ से देखिये तो रामदेव ही नज़र आ रहे हैं। चैनल से लेकर पैनल तक में वही हैं। उनकी ऊर्जा बेमिसाल है। वे हर चैनल पर आसन करते हुए नज़र आ रहे हैं। क्या पता अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का नाम भी रामदेव दिवस हो जाए। भारत में तो हो ही सकता है।

चलते-चलते एक टिप्पणी और- प्रधानमंत्री ने शिल्पा शेट्टी से मुलाकात की और उन्हें योग दिवस के मौके पर आमंत्रित भी किया। शिल्पा शेट्टी के योग के मशहूर वीडियो राजपथ पर दिखाये जायेंगे। शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा आई पी एल की टीम राजस्थान रायल्स के मालिक हैं। राज कुंद्रा पर सट्टेबाज़ी के आरोप लग रहे हैं और अदालत में मामला भी चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आर एम लोढा और रिटायर जस्टिस अशोक भान और आर वी रवींद्रन की कमेटी को चेन्नई सुपरकिंग के मनियप्पन और राजस्थान रायल्स के कुंद्रा के ख़िलाफ़ सज़ा तय करनी है। कहीं ऐसा तो नहीं कि शिल्पा शेट्टी इसी बहाने कोई नया ‘फिक्सासन’ कर रही हैं। शिल्पा शेट्टी का योग वीडियो काफी लोकप्रिय है लेकिन अच्छा होता कि इस दिवस को योग के अनुरूप पावन ही रहने दिया जाता। गुरुओं को दरकिनार कर ग्लैमर के नाम पर आरोपी और विवादित लोगों को ब्रांड बनाकर योग का कितना भला हो रहा है इस पर विचार करना चाहिए।

राष्ट्र ध्वज से मुंह नाक पोछने वाले पहले प्रधानमंत्री बने मोदी

योग दिवस पर योग के दौरान तिरंगे से मुंह पोछते हुए

राष्ट्र ध्वज से मुंह नाक पोछने वाले पहले प्रधानमंत्री बने मोदी

योग के बहाने ही सही पर तिरंगे को पहले पैरो पर लगाया अब मुंह नाक पोछ कर तिरंगे का अपमान किया ...

अब मोदी जी के गले में कांग्रेस का झंडा तो होगा नहीं..
स्वभाविक है तिरंगा ही होगा..

देखते है भाजपा की नैतिकता ..
और कितना विरोध करते अंधे और भाजपा के कर्मठ योद्धा?

बी जे पी के योग ट्रेनर बी जे पी की महिलाओं को सही तरीके से आसन सिखाते हुए....

बी जे पी के योग ट्रेनर बी जे पी की महिलाओं को सही तरीके से आसन सिखाते हुए....

लापरवाह 21 कलेक्टरों से सीएस नाराज

Toc News @ Bhopal
भोपाल। प्रदेश में जाति प्रमाण पत्र बांटने के मामले में 21 जिलों के कलेक्टर का परफारमेंस काफी खराब होने पर मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डीसा ने पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की है, वहीं होशंगाबाद कलेक्टर संकेत भोंडवे और सिवनी कलेक्टर भरत यादव को लक्ष्य पूरा करने पर बधाई भी दी। उन्होंने दोनों कलेक्टरों से कहा कि उनके अच्छे काम की तारीफ मुख्यमंत्री से की गई है, जिस पर उन्होंने भी बधाई दी है।
मुख्य सचिव ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा कि 15 अगस्त तक लक्ष्य पूरा करने वाले कलेक्टरों को भोपाल में सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 51 में से केवल 13 कलेक्टर हैं, जिन्होंने 80 फीसदी से ज्यादा जाति प्रमाण पत्र बांटे हैं। इनमें होशंगाबाद और सिवनी ने शत-प्रतिशत काम किया है।
30 कलेक्टर ऐसे हैं जिन्होंने औसत काम किया है। 21 कलेक्टरों ने इस मामले में पूरी तरह लापरवाही बरती है। मुख्य सचिव ने इन जिलों के कलेक्टरों को हिदायत देते हुए कहा कि समय रहते प्रमाण-पत्रों के वितरण लक्ष्य को पूरा करें। मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि 21 जिलों के कारण पूरे प्रदेश की उपलब्धियां पिछड़ रही हैं।

इन जिलों का रहा खराब प्रदर्शन
ग्वालियर, राजगढ़, टीकमगढ़, दतिया, शिवपुरी, मुरैना, भिण्ड, श्योपुर, अशोकनगर, सिंगरौली, छतरपुर, विदिशा, गुना, झाबुआ, रीवा, सीहोर, पन्‍ना, रायसेन, सीधी, खरगोन और धार जिले के कलेक्टरों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है।

26 जून आइसना सम्मेलन खुजराहो में आमंत्रण पत्र

 26 जून आइसना सम्मेलन खुजराहो में आमंत्रण पत्र



26 जून आइसना सम्मेलन खुजराहो में आमंत्रित सदस्य गण

26 जून कार्यक्रम के आयोजक सागर संभाग के समस्त पत्रकार साथी है, यह कार्यक्रम पत्रकारिता  से जुड़े गंभीर मामले जैसे 1. पत्रकार सुरक्षा, 2. पत्रकारों के अधिकार 3.पत्रकारों को पेंसन व् बीमा सुविधा आदी के बारे में चर्चा होना है, इस कार्यक्रम में खजुराहो सांसद नागेन्द्र सिंह जी, हमारे आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी जी, फ़िल्म एक्टर राजा बुंदेला जी, आइसना के प्रदेश अध्यक्ष अवधेश भार्गव जी, इंडिया न्यूज़ की हेड श्रीमती दीप्ती चौरसिया जी, संगठन मंत्री पंडित दिनेश शर्मा जी, पूर्ब मंत्री हरिशंकर खटीक जी, स्यामिन्द्र सिंह बिन्नीराजा जी आर के माथुर जी कमिश्नर साब डीएम मसूद जी अख़्तर साहब, एस पी ललित सकवार जी, विधायक पुष्पेन्द्र नाथ गुड्डन पाठक जी विक्रम सिंह नातीराजा जी, श्रीमती अर्चना गुड्डू सिंह जी महारानी कविता सिंह जी महमूद अली चिस्ती जी, पुष्पेन्द्र सिंह गुड्डू राजा, घासीराम पटेल जिला अध्यक्ष बीजेपी, विनय जी. डेविड जी प्रदेश महासचिव आइसना,  ईटीवी से शेलेन्द्र अरजरिया जी, निर्मल जी नई दुनिया हेड़, धन्नजय सिंह जी, अनिरुद्ध तिवारी जी  इमरान भाई दैनिक भास्कर नवीन श्रीवास्तव जी, ind24 न्यूज़ नेट्वर्किंग हेड़ बिधायक आर डी प्रजापति जिला CIO सतेंद्र सिंहजी सभी डिप्टी कलेक्टर SDM Sdop Tahsildar ti सहित सागर छतरपुर के सभी पत्रकार साथियो को आमंत्रित किया गया है
सभी आइसना सदस्यों से निवेदन है कि वे अपनी आने की सहमति पूर्व में दर्ज करावे ताकी रूकने ठहरने की व्यवस्था में कोई विघन न पडे़.
सूचना  विनय जी. डेविड प्रदेश महासचिव आइसना के मोबाइल न. और व्हाटस एप न. 9893221036 पर दें सकते है...

ऑल इंडिया स्माल न्यूज़ पेपर संगठन (आइसना) सागर संभागीय कार्यकारणी घोषित

AISNA M.P.
ऑल इंडिया स्माल न्यूज़
पेपर संगठन (आइसना)
ऑल इंडिया स्माल न्यूज़ पेपर संगठन (आइसना) सागर संभागीय कार्यकारणी घोषित

ऑल इंडिया स्माल न्यूज़ पेपर संगठन (आइसना) के प्रदेश अध्यक्ष श्री अवधेश भार्गव व प्रदेश महासचिव विनय डेविड के मार्गदर्शन में सागर संभाग अध्यक्ष देवेंन्द्र चतुर्वेदी ने
ऑल इंडिया स्माल न्यूज़ पेपर संगठन (आइसना) सागर संभागीय कार्यकारणी घोषित की.

क़ानूनी सलाहकार वरिष्ठ वकील नारायण जी काले साहब
1 आर के पटेरिया महासचिव
2 योगिन्द्र सिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष
3 अलौकिक खरे महामंत्री
4 पंकज परासर सचिव
5 असीस जेन संयोजक
6 श्री मति पवन सिंह कोसाध्यक्ष
7 गौरव सिंह बघेल संचालक
8 असीस सेनी उपाध्यक्ष


जी ग्रुप के चेयरमैन और बेटे के खिलाफ जालसाजी का जुर्म दर्ज

रायगढ़ (ब्यूरो)। जी-समूह के चेयरमैन और एस्सेल ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटर सुभाष चंद्रा और उनके बेटे जी-समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर पुनीत गोयनका समेत तीन आरोपियों के खिलाफ तमनार पुलिस ने जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

आरोपियों ने न सिर्फ जिंदल पॉवर लिमिटेड के एक अफसर को षडयंत्रपूर्वक फर्जी दस्तावेज के सहारे बलात्कार के झूठे मामले में फंसाने की कोशिश की थी, बल्कि अपने टीवी चैनल के जरिए आधारहीन खबर का प्रसारण कर उनकी प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाया था। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की तमनार पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार डीके भार्गव जिंदल पॉवर लिमिटेड में अफसर हैं। कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत दायर परिवाद में श्री भार्गव ने बताया था कि पिछले वर्ष जी-समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका ने टपरंगा गांव की एक महिला के साथ मिलकर उन्हें बदनाम करने और झूठे मामले में फंसाकर जेल भेजने के लिए साजिश रची थी।

फर्जी कागजात के आधार पर आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2001 में महिला का गैंगरेप किया गया और कुछ कागजात पर महिला के हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान लिए गए। वर्ष 2010 में महिला के साथ दोबारा बलात्कार का आरोप भी लगाया गया।

महिला ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में इस मामले में रिट पीटिशन दायर कर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे एसपी रायगढ़ के पास जाकर शिकायत दर्ज कराने की हिदायत दी थी। पुलिस के पास जाने के बजाय महिला मामले को टालती रही। इस मामले को श्री चंद्रा और श्री गोयनका ने अपने टीवी चैनलों पर इस झूठी कहानी के साथ महिला और उनके अधिवक्ता का इंटरव्यू बार-बार प्रसारित किया था।

दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रसारण रोका

5 मार्च 2015 को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश के बाद जी न्यूज ने इस झूठी कह

Saturday, June 20, 2015

जगेन्द्र प्रकरण पर इलाहाबाद पत्रकार संघर्ष मोर्चा ने सौपा केंद्र को ज्ञापन

Toc News

इलाहाबाद। पत्रकार जगेन्द्र सिंह हत्याकांड सहित यूपी में आये दिन हो रहे पत्रकारों पर हिंसक हमलों के विरोध में शनिवार को इलाहाबाद पत्रकार संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय गृहमंत्री, केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया एवं राज्यपाल उत्तर प्रदेश को जिलाधिकारी इलाहाबाद के माध्यम से पांच सूत्रीय ज्ञापन सौपा गया।      
     
डीएम और एडीएम सिटी के अनुपस्थिती मे एसीएम प्रथम धीरेन्द्र प्रताप सिंह को दिये गये ज्ञापन में पत्रकारों ने कहा कि मृत्यु से पूर्व जगेन्द्र ने स्वयं मजिस्ट्रेट को दिये गये अपने बयान में मंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारे पर कोतवाल द्वारा जलाये जाने की बात कही थी। इससे पूर्व 22 मई को फेसबुक पोस्ट के जरिए उन्होंने मंत्री द्वारा हत्या कराये जाने की आशंका भी व्यक्त की थी। पत्रकारों ने पूछा कि क्या मंत्री को गिरफ्तार करने के लिए इतने सबूत पर्याप्त नहीं हैं?                                              
पत्रकारों के प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि जगेन्द्र के साथ हुई हैवानियत को आज 19 दिन से अधिक समय गुजर चुका है। इस अवधि में केवल दोषी पुलिस कर्मियों के निलंबन की कार्रवाई हुई है बस। न तो किसी अभियुक्त की गिरफ्तारी की गई और न ही मुख्य अभियुक्त पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री राममूर्ति वर्मा को पद से ही हटाया गया।

सरकार की ओर से उक्त प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई के बजाय मंत्री को कैसे निर्दोष साबित किया जाए, पूरा सिस्टम इस पर जोर दे रहा है? महज़ कुछ दिनों बाद जगेन्द्र की महिला मित्र द्वारा अपने बयान से पलटना, सरकार की सह पर मंत्री की निरंकुशता को ही प्रमाणित करता है। पत्रकारों ने कहा कि जांच के नाम पर यूपी सरकार जगेन्द्र के हत्यारों के खिलाफ मौजूद सबूतों और गवाहों को प्रभावित कर रही है।                                  
यही नहीं, यूपी में आये दिन पत्रकारों पर हो रहे हिंसक हमलों पर भी प्रतिनिधि मंडल ने चिंता व्यक्त की। और केंद्र को अवगत कराते हुए कहा कि हाल के दिनों में कौशाम्बी, शाहजहापुर, कानपुर, बस्ती व पीलीभीत में एक के बाद एक पत्रकारों पर जानलेवा हमले किये गये, जो पत्रकारों के खिलाफ प्रदेश सरकार की दमनकारी नीति का उदाहरण सहित प्रमाण है। पत्रकारों ने कहा कि यदि ऐसा होता रहा तो लोकतंत्र का यह स्तंभ जल्द ही अपना वजूद खो देगा।                                                        

ज्ञापन के माध्यम से इलाहाबाद पत्रकार संघर्ष मोर्चा ने मांग की कि आरोपी मंत्री को तत्काल बर्खास्त करके जेल भेजा जाये। मृतक पत्रकार के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा और कम से कम एक सरकारी नौकरी दी जाये। पूरे प्रकरण की सीबीआई से जांच करायी जाय। सभी श्रेणी के पत्रकारों की सुरक्षा के लिये राष्ट्रव्यापी कानून बनाया जाय। और मजीठिया वेवबोर्ड को संग्यान में लेते हुए पत्रकारों के लिये फंडिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।          

प्रतिनिधि मंडल में मुख्य रूप से कुंदन श्रीवास्तव, अनिल त्रिपाठी, परवेज आलम, अनुराग तिवारी, अभिषेक पान्डेय, अजय मिश्रा, सुशील चौधरी, अमरदीप चौधरी, राजीव सिंह, रामबाबू,  मनीष सिंह, शशिकांत सिंह, चन्द्रशेखर, उमाशंकर गुप्ता, अखिलेश शुक्ला, दूधनाथ पान्डेय आदि शामिल रहे। इससे पूर्व सभी पत्रकारों ने सुभाष चौराहे से मोटरसाइकिल जुलूस भी निकाला।

गौशाला के साधु ने बालक को बनाया हवस का शिकार

Toc News @ Indore

इंदौर : अब- तक तो यही सुनने को मिलता था कि बदमाश प्रवृत्ति के लोग या मानसिक  रूप से विक्षिप्त लोग ही बच्चों के साथ दरिंदगी के वारदात को अंजाम देते थे। लेकिन समय के बदलते हुए चक्र के साथ अब यह कह पाना मुश्किल है कि कौन व्यक्ति अपराध कर सकता है और कौन नहीं। कुछ इसी तरह की चौंकाने वाली खबर मल्हारगंज थाना क्षेत्र से जुड़ी हुई है।

मल्हारगंज थाना क्षेत्र स्थित पंचकुइया आश्रम के समीप संचालित होने वाली एक गौशाला में साधु विष्णुदास महाराज ने एक बालक को अपने हवस का शिकार बनाया और तो और बालक  को ब्लैकमेल करके उससे सोलह हजार रूपये भी ऐंठ लिए। बालक की श्किायत पर मल्हारंगज पुलिस ने साधु विष्णुदास के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। गुरूवार को दुष्कर्म के आरोपी साधु विष्णुदास को पुलिस ने कोर्ट में पेश करके उन्हें हवालात भेज दिया।

मल्हारंगज पुलिस ने बताया कि गोशाला में साधु विष्णुदास गायों की सेवा करता था। पीड़ित बालक अपने दोस्त के साथ एक दिन गोशाला मेंं आया। महाराज ने मालिश करने के बहाने बालक को कमरे में लेकर गए उसके बाद बालक के साथ घिनौनी हकरत की। बाद में महाराज ने बालक को डराते हुए कहा कि इस घटना के बारे में अगर किसी को बताया तो बदनामी होगी। इसके बाद महाराज ने बालक को ब्लैक मेल करना शुरू कर दिया। बालक अपनी इज्जत की खातिर बाबा को सोलह हजार रूपये भी दे दिए।

लोगों को महाराज पर शुरू से था शक
गोशाला के आस- पास रहने वाले रहवासियों का कहना है कि महाराज विष्णुदास के चरित्र पर उन्हें शुरू से ही शक था कि महाराज का चाल- चलन सही नहीं है। लेकिन धर्म से जुड़े होने के कारण कोई भी व्यक्ति आगे नहीं आता था। जिसके परिणाम यह रहा कि धीरे- धीरे लोगों का इस गोशाला मे आना- जाना काफी कम होता गया।

ऐसे हुआ खुलासा
साधु विष्णुदास की पोल नहीं खुलती। अगर बालक के पिता बैंक के खाते की जानकारी नहीं लेते। पीड़ित बालक साधु विष्णुदास के कहने पर पिता के एटीएम से 16 हजार रूपये निकाल महाराज को दे चुका था। जब पिता ने अपने बेटे से सोलह हजार रूपये का हिसाब मांगने लगे तो पिता के डर के आगे बालक का सब्र टूट गया और उसने अपनी आप बीती पिता को बता दी। इसके बाद पिता ने मल्हारगंज पुलिस थाने में इस मामले की शिकायत की।

तुकोजीराव पवार के असामयिक निधन श्रद्धांजलि व्यक्त

Toc News @ Bhopal

पूर्व मंत्री एवं देवास विधायक तुकोजीराव पवार के असामयिक निधन पर सत्ता-संगठन के अनेक नेताओं ने श्रद्धांजलि व्यक्त की है। राजघराने में जन्म लेने के बावजूद तुकोजीराव जीवनभर राजसी ठाठ से दूर रहे। तीन दशक तक उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता से सीधा संवाद रखा और क्षेत्रीय विकास के लिए संघर्षरत रहे। कतिपय मामलों में जनता और सिद्धांतों की खातिर उन्होंने अपने दल के खिलाफ भी मुखरता दिखाने में गुरेज नहीं किया।
एक साल पहले मौत को चकमा देकर सिंगापुर से लौटे तुकोजीराव फिर से सक्रिय हो गए थे, उस वक्त उन्होंने वहां लिवर ट्रांसप्लांट करा लिया था। हालांकि दो-तीन महीने से उन्हें कुछ समस्या होने लगी थीं, लेकिन बाथरूम में फिसलने से हुआ ब्रेन हैमरेज जानलेवा साबित हुआ। 17 नवंबर 1963 को देवास राजघराने में जन्मे तुकोजीराव वर्ष 1986 से भाजयुमो से जुड़ गए थे।
पहले वह जिलाध्यक्ष रहे इसके बाद मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी बने। 1990 के बाद वह देवास से लगातार विधायक चुने जाते रहे। 2013 के चुनाव में वह छठवीं बार विधानसभा सदस्य बने। दिसंबर 2005 में वह उच्च शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रहे। अगस्त 2007 में उन्हें पर्यटन, खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय की बागडोर सौंपी गई। दिसंबर 2008 में वह शिवराज मंत्रिमंडल में फिर से मंत्री बने।
संगठन क्षमता में निपुण
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि दिवंगत पवार राष्ट्रवादी मूल्यों से संस्कारित थे। संगठन क्षमता में निपुण और वैचारिक प्रतिबद्धता के कारण वे जनमानस में लोकप्रिय थे। दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को दुख सहने की शक्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना है।
पार्टी ने शोक जताया
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नंदकुमारसिंह चौहान और प्रदेश संगठन महामंत्री अरविन्द मेनन ने तुकोजीराव पॅवार के निधन पर शोक व्यक्त किया है और शोक संतप्त परिवार के प्रति गहन संवेदना व्यक्त की है। बीजेपी के प्रदेश पदाधिकारियों एवं नेताओं ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
अच्छा साथी खो दिया...
उनके निधन पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उन्हें ऊर्जावान व्यक्तित्व का धनी बताते हुए कहा कि बीजेपी ने एक अच्छा साथी खो दिया। उन्होंने पूरे देवास को जोड़कर रखा, ऐसे मेहनती कर्मठ व्यक्ति का चले जाना दुखद घटना है। बच्चे अभी छोटे हैं, बिटिया पढ़ रही है। उनके परिजनों को ईश्वर यह दुख सहन करने की शक्ति दे, दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि।
प्रदेश को अपूरणीय क्षति
राज्यपाल रामनरेश यादव ने विधायक एवं पूर्व मंत्री तुकोजीराव के निधन पर शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि उनके निधन से प्रदेश को अपूरणीय क्षति हुई है।
योग्य समाजसेवी थे...
जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल सहित मंत्रिमंडल के सभी सहयोगियों ने भी अपनी श्रद्धांजलि में कहा है कि तुकोजीराव पवार कर्मठ कार्यकर्ता के साथ योग्य समाजसेवी व लोकप्रिय नेता भी थे। उनकी आत्मा की शांति एवं परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति देने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।

पार्टी में बग़ावत के डर से सुषमा/वसुंधरा के ख़िलाफ़ बीजेपी नहीं करेगी कोई कार्यवाही

💥 पार्टी में बग़ावत के डर से सुषमा/वसुंधरा के ख़िलाफ़ बीजेपी नहीं करेगी कोई कार्यवाही💥
〰〰〰〰〰〰〰〰〰
नई दिल्ली।आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को मदद पहुंचाने का आरोप झेल रहीं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की कुर्सी फिलहाल सुरक्षित है।भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि राजे को मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा।ललित मोदी विवाद से हुए सियासी नफे-नुकसान पर पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बीच मंथन के बाद तीन दिन तक राजस्थान सीएम को लेकर चुप रही भाजपा ने शुक्रवार को राजे के पक्ष में खुलकर उतरने का निर्णय लिया।
बताया जा रहा है कि सरकार और पार्टी दोनों ही स्तर पर ललित मोदी और राजे के सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह के बीच हुई लेन-देन की पूरी पड़ताल की गई है।

वहीं पार्टी ने ललित मोदी पर सख्ती बरतने के संकेत दिए हैं।राजे का खुलकर बचाव करते हुए पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री को हटाए जाने के सवाल काल्पनिक हैं।उन्होंने कहा कि ललित मोदी के भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं होगा।ललित मोदी को 15 मामलों में नोटिस दिया गया है।प्रवर्तन निदेशालय अपने काम को बखूबी अंजाम देगा।राजे के सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह पर ललित मोदी से लेनदेन के आरोपों पर भाजपा ने कहा कि दुष्यंत ने खुद स्पष्ट किया है कि उन्होंने लेनदेन पर आयकर विभाग को पूरी जानकारी दी है और यह मामला पहले से जनता को मालूम है।पार्टी ने यह स्वीकार किया है कि राजे और ललित के संबंध लंबे समय से हैं।इसे खुद राजे ने भी स्वीकार किया है।

त्रिवेदी ने कहा कि वसुंधरा और ललित मोदी के पुराने पारिवारिक संबंध रहे हैं। वसुंधरा का बचाव करने के क्रम में त्रिवेदी ने शंकर सिंह वाघेला, वीरभद्र सिंह और छगन भुजबल के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामलों में सीबीआई की कार्रवाई गिनाते हुए कांग्रेस पर पलटवार किया।उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजनीतिक मानसिकता भ्रष्टाचारियों को बचाने की है।माना जा रहा है कि इन तीनों नेताओं के नाम का आईना दिखाकर भाजपा ने मानसून सत्र में विपक्ष के हमलों का जवाब देने की तैयारी कर ली है।साथ ही पार्टी ने यह सफाई पेश की है कि तीनों नेताओं पर राजनीतिक द्वेष के कारण कार्रवाई नहीं हो रही है।बल्कि इनके मामले यूपीए सरकार के समय के हैं।

सूत्रों के अनुसार यूपी के किसानों के साथ बृहस्पतिवार शाम पीएम से मिलने गए अमित शाह ने मोदी से डैमेज कंट्रोल पर चर्चा की।माना जा रहा है कि संघ के शीर्ष नेताओं के साथ भी शाह का संपर्क बना हुआ है।सुषमा के मामले में संघ ने पूरी एकजुटता दिखाई है।वहीं इस मामले में नाम आने के बाद वसुंधरा ने शुक्रवार को अपना पंजाब जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया जहां उनका अमित शाह से सामना होता। वैसे राजे भी फोन के जरिए शाह के साथ लगातार संपर्क में थीं।सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे को उनके पद से हटाने की विपक्ष की बढ़ती मांग के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।शाह बृहस्पतिवार शाम में यूपी के किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री के आवास पर गए थे वहीं रुक गए और पूरे विवाद पर उनके साथ विस्तार से चर्चा की।सूत्रों ने बताया कि अमित शाह इस मामले पर संघ नेतृत्व के साथ भी संपर्क बनाए हुए हैं।बीजेपी के सीनियर नेताओं ने इस मामले में सुषमा स्वराज का खुलकर समर्थन किया है।

आनंदपुर साहिब नहीं गईं वसुंधरा-पीठ दर्द की शिकायत के कारण वसुंधरा राजे ने बृहस्पतिवार को पंजाब में आनंदपुर साहिब का अपना दौरा रद्द कर दिया। उन्हें वहां सिखों के इस पवित्र स्थल के 350वें स्थापना दिवस पर अमित शाह के साथ समारोह में भाग लेना था।पहले कहा जा रहा था कि वसुंधरा वहीं पर पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात कर सकती थीं।
सूत्रों के अनुसार बीजेपी मन बना चुकी है कि वह सुषमा स्वराज और वसुरंधरा राजे दोनों ही का बचाव करेगी, बीजेपी को डर है की अगर किसी एक के भी खिलाफ कारवाही की जाती है तो वह बाग़ी हो जाएँगी और इस से पार्टी की फजीहत होगी यही नहीं बीजेपी ललित मोदी के खिलाफ भी कोई सख्त कारवाही नहीं करेगी क्यों कि अगर ललित मोदी की ओर से अगर जल्दी में ही कोई बयान आ गया तो बीजेपी के लिए नई मुसीबत कड़ी हो जाएगी।

भास्कर पाठक "आइसना" के छतरपुर जिला अध्यक्ष नियुक्त

भास्कर पाठक "आइसना" के छतरपुर जिला अध्यक्ष नियुक्त

भास्कर पाठक "आइसना"
सागर जिला अध्यक्ष
देश में पत्रकारों का सबसे बड़ा राष्ट्रीय संगठन "आल इंडिया स्माल न्यूज़ पेपर्स एसोसिएशन" (आइसना) के प्रांतीय अध्यक्ष श्री अवधेश भार्गव जी ने व प्रदेश महासचिव के मार्गदर्शन में  संभागीय अध्यक्ष देवेन्द्र चतुर्वेदी ने वरिष्ठ पत्रकार "भास्कर पाठक" को जिला छतरपुर का अध्यक्ष घोषित किया है

 "भास्कर पाठक" जी का सम्पर्क -
+919993000319

*************
 "भास्कर पाठक" जी को "आइसना" का छतरपुर जिला इकाई के "अध्यक्ष" बनाये जाने पर हार्दिक बधाईयां...
💐💐💐💐💐

विनय जी. डेविड
प्रांतीय महासचिव (आइसना)
+91 9893221036
 ई-मेल: timesofcrime@gmail.com
19/06/2015

Friday, June 19, 2015

अन्नदाता किसानों को राजनीति का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए : मुख्यमंत्री श्री चौहान

Toc News @ Bhopal
भोपाल : गुरूवार, जून 18, 2015,
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों को राजनीति का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिये और उनके मुद्दे पर राजनीति से बचना चाहिये। वे देश के अन्नदाता हैं। उन्हें हर सहूलियत मिलना चाहिये। मध्यप्रदेश के विकास की कहानी पर टिप्पणी करते हुए श्री चौहान ने कहा कि इसकी शुरुआत आधारभूत अधोसंरचना निर्माण से हुई और आज आर्थिक वृद्धि दर लगातार दो अंकों में बनी है।
आज यहाँ एक न्यूज़ चैनल द्वारा 'कृषि विकास पर आयोजित एम पी समिट' में संबोधित करते हुए श्री चौहान ने कहा कि सिचाई बढ़ाते हुए कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल हुई है। यदि खेती अच्छी होगी तो अर्थव्यवस्था भी टिकाऊ बनेगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी के दौर में भी खेती में प्रगति से प्रदेश की अर्थव्यवस्था अप्रभावित रही।

श्री चौहान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जब खेती फायदे का धंधा बनेगी तो आत्महत्या जैसी घटनायें अपने आप रुकेंगी। बीज, खाद, पानी, बिजली, खेती की लागत में कमी, उपज के अच्छे दाम, बीज रिप्लेसमेंट की उच्च दर, भण्डारण क्षमता में बढ़ोत्तरी, ब्याज रहित कर्ज देने जैसे प्रयासों से प्रदेश की खेती में आशातीत वृद्धि हुई है।
भूमि अधिग्रहण विधेयक किसान विरोधी नहीं
श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र का भूमि अधिग्रहण विधेयक किसान विरोधी नहीं है। वर्षों से किसानों की जमीनें औने-पौने दामों पर अधिगृहीत की जाती थीं। आज सही दिशा में कदम बढ़ा है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार अच्छा काम नहीं करती तो लोग नकार देते हैं। श्री चौहान ने कहा कि जनता से सीधा संवाद करने के कारण योजनाओं की कमियाँ पता चलती रहती हैं जिन्हें समय पर दूर कर लिया जाता है। इसलिये क्रियान्वयन में कोई समस्या नहीं आती।

किसानों को बेहतर विकल्प देना जरूरी
श्री चौहान ने किसानों की आर्थिक स्थिति के संबंध में कहा कि जब तक किसानों को बेहतर विकल्प नहीं मिलेंगे वे सूदखोरों के चक्कर में उलझते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में यह स्थिति लगभग समाप्त हो गई है। किसानों को बेहतर विकल्प देने के प्रयास हो रहे हैं। बिजली की स्थिति के सबंध में श्री चौहान ने कहा कि आज 14 हजार मेगावाट बिजली है जो राज्य की जरूरत से ज्यादा है। किसानों को पर्याप्त बिजली मिल रही है। अनाज भण्डारण पर अपने विचार रखते हुए श्री चौहान ने कहा कि भण्डारण क्षमता कई गुना बढ़ी है। आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। देश की अर्थव्यवस्था पर हुए सवाल का जवाब देते हुए श्री चौहान ने कहा कि अब अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है। रोजगार निर्माण का क्षेत्र खुल रहा है।
कृषि महोत्सव की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि किसानों को खेती के नये तौर-तरीके और तकनीक से परिचित करवाने का यह प्रयास है। यह फसल चक्र परिवर्तन के लिये किसानों को परामर्श देने की पहल भी है।
योग विद्या को प्रधानमंत्री ने दिलाई पहचान
योग के संबंध में श्री चौहान ने कहा कि योग अच्छे स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा के समाज हित में उपयोग के लिये जरूरी है। योग तो सदा से विद्यमान था लेकिन आज भारतीय योग विद्या को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर पूरे विश्व में नई पहचान मिली है। श्री मोदी विश्व स्तर के नेता हैं।

आईआईटी टापर्स को बधाई
श्री चौहान ने आईआईटी एडवांस में मध्यप्रदेश के तीन टापर्स को बधाई देते हुए कहा कि मध्य्रपदेश के बच्चों में क्षमता और प्रतिभा है। इस बार आदिवासी क्षेत्र के 137 बच्चों ने भी आईआईटी की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की है, जो खुशी की बात है।

उद्योग क्षेत्र में बढ़ते निवेश की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि निवेश का बेहतर वातावरण प्रदेश में मौजूद है। भूमि बेंक बना है। मानव श्रम की हानि नहीं होती। केन्द्र सरकार पूरा सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य टीम इंडिया का हिस्सा बन गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर राज्य को अच्छा प्रदर्शन करना होगा। उन्होंने केन्द्रीय करों में राज्यों का हिस्सा 42 प्रतिशत बढ़ाने को राज्यों के हित में एक बड़ा कदम बताया।

प्रगतिशील किसानों का सम्मान
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खेती में नवाचार और प्रौद्योगिकी के रचनात्मक उपयोग से उपज बढ़ाने के लिये प्रगतिशील किसानों का सम्मान किया। सम्मानित होने वाले किसानों में मानकुवर बाई, श्री सुरेश माधव बरखेड़ा भोपाल, श्री गंगाराम बघेल - भिंड, श्री मदनलाल कछवाहा नीमच, श्री कालू सिंह देवास, श्री कमल सिंह देवास, श्री गणेश सिंह यादव खरगोन, श्री राहुल सिंह खंडवा, श्री हुसैन्य काशीराम, श्री नारायण सिंह बाथम भिंड शामिल थे।

कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, राजस्व मंत्री श्री रामपाल सिंह, जनसंपर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला, महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह, सांसद श्री आलोक संजर, विधायक श्री विश्वास सारंग एवं श्री रामेश्वर शर्मा, महापौर श्री आलोक शर्मा उपस्थित थे।

हर बच्चे को स्कूल भेजकर ग्रामीण अँचलों के शैक्षिक विकास में योगदान दें

Toc News @ Bhopal
मंत्री श्री भार्गव ने "स्कूल चलें हम'' अभियान के लिये पंचायत प्रतिनिधियों को लिखा पत्र
भोपाल : जून 18, 2015,
पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय तथा सहकारिता मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने 'स्कूल चलें हम'' अभियान को सफल बनाने पंचायत प्रतिनिधियों से व्यापक भागीदारी निभाने का आव्हान किया है।

श्री भार्गव ने कहा है कि ग्रामीण अँचलों के शैक्षिक विकास के लिये शाला जाने योग्य हर बच्चे का स्कूल में दाखिला अवश्य हो। बच्चों के शैक्षिक विकास के साथ-साथ उनकी विभिन्न प्रतिभाओं और क्षमताओं को विकसित करने की दिशा में भी प्रयास हों। श्री भार्गव ने कहा कि समाज के हर सदस्य की यह जिम्मेदारी है कि बच्चों की स्कूलों में नियमित उपस्थिति और पढ़ाई की गुणवत्ता पर ध्यान दें। स्कूलों में बच्चों को नि:शुल्क गणवेश, पाठ्य-पुस्तकें, साइकल और मध्यान्ह भोजन की सुविधा मिले, इस ओर व्यापक ध्यान दिया जाये।

मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अंचलों के सर्वांगीण विकास के लिये संकल्पबद्ध है। इसी मक़सद से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के विकास के लिये अधोसंरचना के काम प्राथमिकता से हो रहे हैं। पंचायतों को पूरे अधिकार दिये गये हैं कि वे अपने-अपने कार्य-क्षेत्र में स्कूलों के लिये अधोसंरचनाओं का विकास सबसे पहले करें।

यदि ग्रामीण समाज शिक्षित होगा, तो प्रगति और समृद्धि के नये अवसरों का लाभ भी ग्रामीणजन को हासिल हो सकेगा। बच्चे भविष्य के नागरिक हैं, उन तक शैक्षिक विकास की योजनाओं का लाभ अवश्य पहुँचे। ग्रामीण क्षेत्र में जो लोग समाज की उन्नति के लिये समर्पित भाव से काम करने के इच्छुक हैं, उन्हें भी 'स्कूल चलें हम'' अभियान से जुड़ने के लिये प्रेरित किया जाये।

जालसाज डॉक्टर ने दो दर्जन लोगों को ठगा

Toc news @ Bhopal

भोपाल। चिटफंड कंपनी खोलकर लोगों से जालसाजी करने वाले एमबीबीएस डॉक्टर की ठगी का शिकार एक दर्जन लोग पुलिस के सामने आए हैं। डॉक्टर ने अब तक करीब दो दर्जन लोगों से जालसाजी की है। सीहोर में खोले जा रहे एक मल्टी सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में मुफ्त इलाज और फायदे में हिस्सा देने के नाम पर ये ठगी की गई थी। पुलिस आरोपी डॉक्टर को आज कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी। एएसआई श्याम सिंह तोमर ने बताया कि करोंद निवासी भागीरथ अहिरवार ने शिकायत की थी कि डॉ. हितेश शर्मा और सीहोर निवासी उनके दो पार्टनर शैलेंद्र नागर व सुशील राय ने उनके साथ ठगी की है। पुलिस आरोपी डॉक्टर को आज कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी।
तीनों ने मिलकर वर्ष 2013 में एमपी नगर में श्याम सुंदर डील फायनेंस नाम से एक कंपनी खोली थी। इस चिटफंड कंपनी का दावा था कि सीहोर में एक मल्टी सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल खोल रहे हैं। कंपनी में निवेश करने वाले लोगों और उनके परिवार के सदस्यों को मुफ्त इलाज दिया जाएगा। साथ ही अस्पताल में हुए सालाना फायदे में से हिस्सा भी दिया जाएगा। कंपनी की बातों में आकर लोगों ने अपना पैसा इन्वेस्ट किया था। बाद में पता चला कि कंपनी बंद हो गई और लोगों को उनका पैसा लौटाया नहीं जा रहा। पुलिस के पास अब एक दर्जन लोगों ने अपनी शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस का अनुमान है कि जालसाज ने करीब दो दर्जन लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है।

चिटफंड के पैसे से जमीन खरीदता रहा जालसाज

Toc news @ Bhopal

भोपाल। सार्इं प्रकाश आॅर्गेनिक फूड्स लिमिटेड और सार्इं प्रकाश प्रॉपर्टी डेवलपमेंट लिमिटेड कंपनी के संचालक ने जालसाजी की रकम से नोएडा, रायपुर और रीवा में जमीनें खरीदी हैं। छह राज्यों में फैले कंपनी के नेटवर्क से हजारों लोगों को पैसा ऐंठा गया है। आरोपी संचालक से जुडेÞ लोगों के नामों का खुलासा करने के लिए पुलिस उसे आज कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी। सीहोर के 30 वर्षीय रमेश वर्मा समेत 37 अन्य लोगों ने पुष्पेंद्र के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की थी। कंपनी के संचालक के खिलाफ 18 अप्रैल को मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने कंपनी के रण विजय सिंह, मृगेंद्र सिंह बघेल, धीरेंद्र सिंह, पुष्पांजलि और शैलेंद्र सिंह को भी आरोपी बनाया। पुलिस कल दोपहर संचालक पुष्पेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि उसके साथी अभी फरार हैं।

फर्जीवाड़ा कर बनाई संपत्ति
चिटफंड कंपनी के संचालक पुष्पेंद्र सिंह ने लोगों से फर्जीवाड़ा कर अरबों रुपए की अचूक संपत्ति बनाई है। उसके पास दिल्ली, ग्वालियर, नोएडा, रीवा, इंदौर, भोपाल में जमीन, मकान और दुकानें हैं। पुलिस पूछताछ में उसने यह बात खुद कबूल की है। अब पुलिस की बयानों की सच्चाई जानने के लिए सबूत जुटाने का काम कर रही है। पुलिस का कहना है कि उसकी संपत्ति का लेखा जोखा तैयार किया जा रहा है।

निशातपुरा क्षेत्र में बदमाशों का आतंक

मां से छेड़छाड़ का विरोध करने पर युवक का मर्डर
Toc news @ Bhopal
भोपाल. ब्रज कॉलोनी में कल रात साढे ग्यारह बजे तीन युवकों ने एक आपे चालक की हत्या कर दी। आरोपी युवक आपे चालक की मां के साथ छेड़छाड़ करते थे। एसपी नार्थ अरविंद सक्सेना के मुताबिक निशातपुरा क्षेत्र की ब्रज कॉलोनी निवासी राहुल (24) आपे चालक था। करीब तीन दिन पहले पड़ोस में रहने वाले शिवा राजपूत, कालू और कुलदीप उसके घर के सामने बैठकर हंगामा कर उसकी मां से छेड़छाड़ कर रहे थे। इस बात को लेकर राहुल ने तीनों युवकों को जमकर फटकार लगाई थी। कल रात साढे ग्यारह बजे एक बार फिर तीनों युवक हंगामा कर उसकी मां को देखकर छेड़छाड़ करने लगे। इस बात से नाराज होकर राहुल ने उनकी हरकतों का विरोध किया तो आरोपियों ने उसके गले पर ब्लैड से हमला कर दिया। इसी बीच राहुल पक्ष के लोग आ गए और दोनों पक्षों ने एक दूसरे के साथ मारपीट कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस राहुल को लेकर अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाद में पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया।

मप्र विधानसभा का मानसून सत्र घोषित

Toc news @ Bhopal

मप्र विधानसभा का मानसून सत्र 20 से 31 जुलाई तक होगा। 12 दिन चलने वाले सत्र में कुल 10 बैठकें होंगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुमोदन के बाद राज्यपाल रामनरेश यादव ने सत्र आहूत करने की अधिसूचना जारी कर दी है।
विधानसभा के प्रमुख सचिव भगवानदेव ईसरानी ने बताया कि सत्र के दौरान शासकीय विधि और वित्तीय काम किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि सरकार चालू वित्तीय वर्ष का प्रथम अनुपूरक अनुमान इसमें पेश करेगी। ये 1800 करोड़ रुपए के करीब हो सकता है।
कृषि उच्चतम जोत अधिनियम में संशोधन, वाणिज्यिक कर का वैट संशोधन विधेयक के साथ 'तंग करने वाली मुकदमेबाजी निवारण' विधेयक भी सत्र के दौरान लाया जा सकता है।

टीकमगढ भाजपा विधायक के के श्रीवास्तव भगोडा घोषित

Toc News @ Tikamgar

टीकमगढ।न्यायालय ने दिये सम्पत्ति कुर्क करने के आदेश।बुधवार 17 जून को टीकमगढ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सिटी कोलवाली पुलिस को धारा 82,83के तहत भगोडा घोषित करते हुए आदेश मे कहा है।कि एक सप्ताह के भीतर वे विधायक के के श्रीवास्तव को सम्पत्ति कुर्क करने की कार्यवाही करे।न्यायालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय भाजपा विधायक पिछले छह माह से जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उदयराज सिंह की पिटाई के मामले मे फरार चल रहे है।पुलिस ने संवेधानिक पद पर रहते हुए विधायक को गिरप्तारी मे खुद को न्यायालय के समक्ष असहाय बताया था।इसी के चलते न्यायालय ने विधायक को भगोडा घोषित कर एक सप्ताह मे कार्यवाही करने के आदेश दिये है.....

मध्यप्रदेश में सोसाईटी रजिस्ट्रीकरण की फीस तिगुनी हुई

Toc News @ Bhopal

भोपाल।प्रदेश में सोसायटी रजिस्ट्रीकरण की फीस में भारी इजाफा हुआ है तथा इसे शिवराज सरकार ने तीन गुना बढ़ा दिया है। ज्ञातव्य है कि राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के अधीन कार्यरत रजिस्ट्रार फम्र्स एवं सोसायटी इन सोसयटियों का मप्र सांसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम,1973 के तहत बने मप्र सोसायटी रजिस्ट्रीकरण नियम,1988 के तहत पंजीकरण करती है जिसके बदले में वह निर्धारित शुल्क वसूलती है।

राज्य सरकार द्वारा जारी नवीन शुल्क संरचना के अनुसार, अब सोसायटी का रजिस्ट्रीकरण एक हजार रुपये के स्थान पर 3 हजार रुपये में होगा जबकि महिला मंडल का पंजीयन 200 रुपये के स्थान पर एक हजार रुपये में और युवा मंडल का पंजीयन 100 रुपये के स्थान पर 1500 रुपये में होगा। पहली बार नया प्रावधान किया गया है कि नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा अधिसूचित अवैध कालोनियों के रहवासियों द्वारा गठित संस्था के रजिस्ट्रेशन का कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा। ये सभी नये शुल्क तीन साल के लिये प्रभावशील किये गये हैं।

इसी प्रकार अब सोसायटी के बायलॉज में प्रत्येक संशोधन हेतु 200 रुपये के स्थान पर 1 हजार रुपये वसूले जायेंगे। पहले सोसायटी को किसी खरीदी की अनुमति खरीदी मूल्य का 2 प्रतिशत लेकर दी जाती थी परन्तु अब इसके लिये 5 लाख रुपये की खरीदी तक दस हजार रुपये, 5 लाख से अधिक परन्तु 15 लाख रुपये तक की खरीदी पर 20 हजार रुपये, 15 लाख से अधिक परन्तु 25 लाख रुपये तक की खरीदी पर 40 हजार रुपये, 25 लाख से अधिक परन्तु 50 लाख रुपये तक की खरीदी पर 80 हजार रुपये एवं 50 लाख रुपये से अधिक खरीदी पर 80 हजार रुपये एवं इससे अधिक खरीदी पर प्रत्येक 5 लाख रुपये पर दस हजार रुपये शुल्क लिया जायेगा।

इसके अलावा पहले सोसायटी द्वारा विक्रय पर विक्रीत वस्तु की कीमत का 5 प्रतिशत शुल्क लेकर अनुमति दी जाती थी परन्तु अब विक्रय पर उक्त क्रयानुसार शुल्क लिया जायेगा। सोसायटी द्वारा किसी वस्तु के दान की अनुमति पहले 5 हजार रुपये शुल्क लेकर दी जाती थी परन्तु अब श्ह 25 हजार रुपये शुल्क लेकर दी जायेगी। पहले सोसायटी द्वारा स्थावर सम्पत्ति के अन्यथा उपयोग की अनुमति प्लान की लागत का दस प्रतिशत अथवा दस हजार रुपये शुल्क लेकर दी जाती थी पर अब यह प्लान की लागत का दस प्रतिशत अथवा पचास हजार रुपये शुल्क लेकर दी जायेगी।

ताजा नये प्रावधान के अनुसार अब सोसायटी द्वारा दी जाने वाली वार्षिक विवरणी और आडिटेड वार्षिक विवरणी पर एक-एक हजार रुपये शुल्क लिया जायेगा जो पहले 200-200 रुपये था। सोसायटी की प्रतियों के सामान्य निरीक्षण हेतु 20 रुपये प्रति पृष्ठ, 40 रुपये प्रति पृष्ठ तत्काल, 100 रुपये प्रति रजिस्टर निरीक्षण  एवं 100 रुपये मूल फाईल एवं विवरणी के निरीक्षण हेतु पूर्वानुसार ही लिये जायेंगे। इसके अलावा अब सोसायटी के रजिस्ट्रीकरण हेतु दिये जाने वाले ज्ञापन में सोसायटी के प्रधान कार्यालय का पता मकान नम्बर एवं मोहल्ला सहित देना होगा जो पहले नहीं था। इसके अलावा अब सोसायटी के उक्त ज्ञापन में साक्षियों के नाम के अलावा उनके पिता या पति का नाम, पूरा पता एवं हस्ताक्षर भी होंगे।

इसी प्रकार नये प्रावधान के तहत सोसायटी के सदस्य अब चार कैटेगरी में होंगे यथा संरक्षक सदस्य वह होगा जो एक हजार रुपये या अधिक राशि एकमुश्त सोसायटी को दान करता है, आजीवन सदस्य वह होगा जो 500 रुपये या अधिक का भुगतान करता है, साधारण सदस्य वह होगा जो 10 रुपये प्रतिमाह या 120 रुपये प्रतिवर्ष भुगतान करता है तथा अवैतनिक सदस्य वह होगा जो सोसायटी की प्रबंधकारिणी समिति में सदस्य बनकर वार्षिक साधारण सम्मिलिन में भाग तो लेगा परन्तु उसे मत देने का अधिकार नहीं होगा। इसके अलावा अब सोसायटी का सदस्य वही व्यक्ति बन सकेगा जो 18 वर्ष से अधिक आयु का हो एवं सच्चरित्र हो एवं मदिरापान नहीं करता हो।


डॉ. कल्याण सिंह पर व्यापमं फर्जीवाड़े में गिरफ्तार, शासन द्वारा बर्खास्त

Rewa @ toc news

रीवा। व्यापमं में हुए फर्जीवाड़े में गुढ़ स्वास्थ्य केन्द्र के पूर्व बीएमओ डा. कल्याण सिंह का भी नाम आया था। इसके बाद उन्हें शासन द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था। वहीं व्यापमं मामले में डा. कल्याण पर चल रहे मामले में जमानत करवाने के लिए डा. कल्याण सिंह गुरुवार को जिला व सत्र न्यायालय रीवा पहुंचे थे। जहां न्यायालय के बाहर पूर्व से तैनात ग्वालियर एसटीएफ की पुलिस ने डॉ. कल्याण सिंह को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें सिविल लाइन थाना में रखा है।

मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. कल्याण सिंह पर व्यापमं फर्जीवाड़े में नाम आने के बाद वे ग्वालियर पुलिस को चमका देकर फरार हो गए थे और उनकी तलाश में ग्वालियर की पुलिस लगातार लगी हुई थी। गुरुवार को जैसे ही पुलिस को भनक लगी कि डा. कल्याण न्यायालय में जमानत कराने के लिए पहुंच रहे हैं, पुलिस न्यायालय के बाहर घेराबंदी करके डा. कल्याण को गिरफ्तार करके ले गई। जिस समय पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर रही थी न्यायालय परिसर के पास लोगों का हुजूम एकत्रित हो गया वहीं एसटीएफ पुलिस एक वाहन में भरकर डा. कल्याण को ले गई है जहां थाने में उनसे पूछताछ कर रही है।

.................................

ग्वालियर एसटीएफ की पुलिस ने डा. कल्याण को गिरफ्तार किया है। व्यापमं फर्जीवाड़े मामले में उनसे पूछताछ की जा रही है। यह मामला ग्वालियर पुलिस के पास है।

-खुर्शीद खान, थाना प्रभारी सिविल लाइन

सुधांशु महाराज ने फर्जी सर्टिफिकेट नंबर देकर धारा 80 जी के नाम धोखाधड़ी की, कोर्ट में हाजिर हो

Toc News @ Indore
इंदौर। फर्जी रसीदों के जरिये लाखों रुपए दान में लेने के मामले में सुधांशु महाराज को शाजापुर कोर्ट में पेश होना होगा। हाई कोर्ट ने उनकी ओर से लगी याचिका खारिज करते हुए आदेश दिया। आरोप है कि सुधांशु महाराज ने फर्जी रसीदों के जरिये टैक्स में छूट का लालच देकर लोगों से लाखों का दान लिया।
सुधांशु महाराज
मक्सी निवासी एमपी मानसिंघा ने 2010 में शाजापुर कोर्ट में सुधांशु महाराज और उनके ट्रस्ट विश्व जागृति मिशन के खिलाफ परिवाद लगाया था। इसमें कहा था कि ट्रस्ट की रसीदों पर फर्जी सर्टिफिकेट नंबर देकर धारा 80 जी के तहत छूट का लालच दिया जा रहा है।

मानसिंघा ने भी ट्रस्ट को करीब 55 लाख रुपए का दान किए। छूट के लिए आयकर विभाग में आवेदन करने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। शाजापुर कोर्ट में लगे परिवाद पर कोर्ट ने सुधांशु महाराज और अन्य ट्रस्टियों का वारंट जारी किया था। खबर लगते ही सुधांशु महाराज ने परिवाद निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसके बाद शाजापुर कोर्ट की कार्रवाई पर स्टे मिला था।
हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में मानसिंघा के वकील डॉ. मनोहर दलाल ने तर्क रखे कि ट्रस्ट की ओर से कोर्ट में पेश ट्रस्टियों ने स्वीकारा है कि रसीदों पर दिया गया नंबर बाद में मिला था। जिस वक्त रसीदें छपीं, उस वक्त कोई नंबर नहीं था। बावजूद इसके नंबर छापकर दानदाताओं के साथ धोखाधड़ी की गई।

न्यायमूर्ति आलोक वर्मा ने तर्कों से सहमत होते हुए सुधांशु महाराज के पक्ष में दिया स्टे निरस्त करते हुए याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने आदेश दिया कि सुधांशु महाराज 30 जुलाई को शाजापुर कोर्ट में उपस्थित होकर जमानत आवेदन पेश करें।

Thursday, June 18, 2015

पत्रकारों की सुरक्षा के लिये बने कानून : शारदा

Toc News @ Bhopal

वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मैं उस पीढ़ी के साथियों की बात करूंगा जिन्होंने जीवन के 40 से अधिक वर्ष पत्रकारिता में गुजार दिये है और आज 70 से अधिक उम्र की आयु में कैंशर, किडनी अथवा हार्ड की बीमारी से लड़ रहे हैं, सरकार उन्हें प्रति माह रुपये 15000 श्रद्धा निधि के रूप में दे। जिससे उन्हें किसी पर आश्रित न होना पड़े। इसी तरह वर्तमान श्रद्धा निधि की राशि रुपये दस हजार की जाये।

इसके बाद हम शिवराज सरकार से मांग रखते है कि पत्रकारों पर आये दिन फर्जी शिकायतों पर पुलिस द्वारा तत्काल प्रकरण दर्ज कर लिये जाते है। जिससे राज्य शासन के गृह विभाग के 6 जनवरी 2010 के आदेशों की अवहेलना हो रही है। अत: उसे सख्ती से लागू किया जाये साथ ही पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाये। हम सरकार से यह मांग भी करते है कि जब पत्रकार पर कोई प्रकरण दर्ज होता है तो सबसे पहले शिकायत की जाँच सीआईडी से कराई जाये। तत्पश्चात यदि पत्रकार दोषी है तो हम कतई यह नहीं चाहेंगे कि उसे छोड़ा जाये और शिकायतकर्ता के कार्यों की जाँच की जाये। यदि शिकायतकर्ता दोषी है तो उसे बक्शा नहीं जाये, चाहे वह कितना ही बड़ा अधिकारी हो अथवा राजनेता।

मित्रों मुझे अच्छे से ज्ञात है कि ग्रामीण अंचल के पत्रकार बड़े ही जोखिम में काम करते है, भारी दबाव के बाद भी समाचार के लिये कोई समझौता नहीं करते और इस तरह के समाचार साप्ताहिक अथवा मासिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते है। ऐसे पत्र-पत्रिकाएं जो नियमित प्रकाशित होती है के मालिक, संपादक, संवाददाता को कलेक्टर के द्वारा पत्रकार का कार्ड दिया जाये, क्योंकि अधिमान्यता नियमों से समाचार पत्रों में कार्यरत सभी पत्रकारों को अधिमान्यता नहीं मिल सकती।

शारदा ने कहा कि हम सरकार से यह मांग भी करते है कि नियमित प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक, मासिक समाचार पत्र-पत्रिकाओं को नियमित प्रतिमाह विज्ञापन रुपये 25 हजार दिये जाये। सरकार से यह मांग भी करते है कि सरकारी स्तर पर हर जिले में तहसील स्तर तक मीडिया सेंटर बनाये जो कि जनसम्पर्क विभाग के अधीन रहे, संस्था या व्यक्ति विशेष के अधिकार में नहीं। प्रदेश के कई पत्रकार भवनों पर संस्था विशेष के व्यक्ति विशेष ने कब्जा कर रखा है।
मैं आभारी हूँ कि आपने अपना अमूल्य समय निकाल कर मुझे सुना।