Pages

click new

Friday, July 31, 2015

तीन गौवंश तस्करो को आजीवन कारावास

मवेशियों को रोकने वाले युवक को उतारा था मौत के घाट 
Toc news @ betul

बैतूल। जंगल के रास्ते से ले जाने वाले मवेशियों को रोकने वाले युवक की हत्या करने वाले तीन आरोपियों को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश कुमारी सुमन श्रीवास्तव ने आजीवन कारावास और एक-एक हजार रूपये अर्थदंड से दंडित किया है। आरोपियों ने विगत 24 जून 2014 को भीमपुर के एक युवक की लाठियों और पत्थर मारकर हत्या कर दी थी। इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक नितिन मिश्रा और अतिरिक्त लोक अभियोजक गोवर्धन मालवी ने की। बाजारढाना भीमपुर निवासी गंगाचरण उर्फ गंगा पिता गेंदालाल कलार 28 वर्ष की गत वर्ष 24 जून को ग्राम झापल में हत्या हो गई थी। हत्यारे ग्राम कुटंगा निवासी सुरजू उर्फ सूरजलाल पिता लखमू 50 वर्ष, मुड्डा उर्फ मोहन पिता डेमा 32 वर्ष और पुन्ता उर्फ मुन्नासिंह पिता सोमजी 30 वर्ष ने लाठी और पत्थर से पीटकर हत्या कर दी थी। ग्राम झापल के सरपंच केसरी यादव ने पुलिस को इसकी सूचना दी थी। पुलिस ने तीनो आरोपियों के खिलाफ धारा 302 का अपराध दर्ज किया था।

तीन हफ्ते के अंदर व्यापमं केस को आपने हाथ ले सीबीआइः SC

Toc news
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को व्यापमं घोटाले की जांच अपने हाथ लेने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है। छह हफ्ते के अंदर सीबीआइ को अपना वकील नियुक्त करना है। सीबीआइ के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि भोपाल में पांच अदालतों को सीबीआइ अदालत के रूप ने अधिसूचित किया जाएगा। इसी तरह से अन्य जिलों में 20 अदालतों को सीबीआइ अदालत के रूप में अधिसूचित किए व्यापम अपडेट...
सीबीआई ने 64 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की..
2013 पुलिस कांस्टेबल भर्ती मामले में अनियमितता के संबंध में जाँच कर रही सीबीआई ने 64 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की हैं...
गुरुवार को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक, तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी राजभवन और अन्य को आरोपी बनाया गया हैं।
व्यापम से जुड़े शेष मामलो में म प्र पुलिस द्वारा सीबीआई को दस्तावेज सोपने की प्रक्रीया जारी हैं ।

फर्जी शिक्षक रामेश्वर पुष्पतोडे़ के विरूद्ध धोखाधडी का प्रकरण दर्ज

बालाघाट. फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर 13 साल से शिक्षक की नौकरी करने वाले रामेश्वर पुष्पतोडे के विरूद्ध कटंगी एसडीएम श्री जी. सी. डहेरिया ने थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए हैं. यह आदेश एस. डी. एम. कोर्ट में प्रकरण की सुनवाई के बाद दिया गया है. ग्राम आजनबिहरी के निवासी रामेश्वर पिता तानाजी पुष्पतोडे अन्य पिछडा वर्ग में शामिल कोहरी जाति का है, लेकिन उसके द्वारा अनुसूचित जाति में शामिल कोरी जाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने के बाद पिछले 13 साल से रामजी टोला में शिक्षक की नौकरी की जा रही है, वह एक पदोन्नति पाकर सहायक अध्यापक बन गया है. एस डी. एम. न्यायालय ने उसे सेवा  से बर्खास्त करने और उसके विरुद्ध थाने में धोखाधडी का आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का आदेश दिया है.

नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना का होगा ऑनलाइन क्रियान्वयन विद्यार्थियों को 31 अगस्त तक साइकिल उपलब्ध होगी

Toc News @ Vinay David

भोपाल. राज्य शासन द्वारा कक्षा 9वीं में प्रवेश करने पर नि:शुल्क साइकिल वितरित करने की योजना का क्रियान्वयन समग्र शिक्षा पोर्टल द्वारा करवाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये सबसे पहले सभी शालाओं को अपने सही ग्राम से मेप करवाने की कार्यवाही की गई है। राज्य शासन ने 9वीं कक्षा के विद्यार्थियों को दी जाने वाली नि:शुल्क साइकिलों के वितरण का कार्य 31 अगस्त तक पूरा करवाने के निर्देश जिलों को दिये हैं। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि नि:शुल्क साइकिल के लिये राशि का भुगतान हो गया हो तथा संबंधित द्वारा साइकिल खरीद ली गई हो। इसकी प्रविष्टि अनिवार्य रूप से एजुकेशन पोर्टल पर दर्ज करवाने को कहा गया है।

योजना में हितग्राही के बेंक खाते में 2400 रुपये की राशि जमा करवाई जायेंगी। एक बेंक खाता एक परिवार के लिये यूनिक होगा। प्रवेश के समय समग्र डॉटाबेस में विद्यार्थी का जो पता होगा उसी को उसका गृह-ग्राम माना जायेगा, जो पता बदलने पर पात्र नहीं होगा। शासन ने योजना के ऑनलाइन क्रियान्वयन के संबंध में सभी डीईओ को निर्देश जारी कर प्राचार्यों से कक्षा 9वीं में प्रवेशित विद्यार्थियों की प्रविष्टि निर्धारित प्रपत्र में करवाने को कहा है। प्रवेश के बाद साफ्टवेयर द्वारा विद्यार्थियों की पात्रता की जाँच कर प्राचार्य के लॉग-इन में संभावित विद्यार्थियों की सूची प्राप्त की जायेगी। प्राचार्यों को पोर्टल पर यूनिक आईडी पासवर्ड पहले से दिये जा चुके हैं। यह आवश्यक होगा कि प्राचार्य का पदनाम सही रूप में दर्ज हो। यदि किसी विद्यालय में प्राचार्य का प्रभार किसी अन्य शिक्षक के पास है तो डीईओ उसके यूनिक आईडी पर प्राचार्य की भूमिका को निर्धारित करेंगें।

संबंधित प्राचार्य द्वारा पात्रता-सूची का सत्यापन, बेंक खाता एवं मोबाइल/आधार नम्बर की जाँच तथा विद्यार्थी के गाँव में स्कूल नहीं होने की पुष्टि कर लॉक करने की कार्यवाही करेंगें। किसी विद्यार्थी को स्वीकृत और अस्वीकृत करने का अधिकार प्राचार्य को होगा तथा पात्रता निर्धारण के लिये वह पूरी तरह जिम्मेदार रहेगा। पात्रता को लॉक करने के बाद प्राचार्य द्वारा संकुल केन्द्र प्राचार्य/डीडीओ को भुगतान करने के लिये प्रस्ताव भेजा जायेगा। संकुल प्राचार्य को कोई सुधार या स्वीकृत/अस्वीकृत करने का अधिकार नहीं होगा। उनके द्वारा सीधे समग्र शिक्षा पोर्टल पर लॉग-इन कर साइकिल में जाकर मॉड्यूल देयक जनरेट किया जायेगा। देयक को कोषालय में भेजकर विद्यार्थी के खाते में राशि जमा करवाने की कार्यवाही की जायेगी। भुगतान के बाद देयक के व्हाउचर नम्बर की प्रविष्टि प्राचार्य द्वारा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से करने पर भुगतान मान्य होगा।

योजना में ग्रामीण क्षेत्र के कक्षा 9वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थी को अन्य ग्राम/शहर के स्कूल में जाने के लिये नि:शुल्क साइकिल दी जाती है। योजना का लाभ विद्यार्थी को एक ही बार मिलता है। उसे 9वीं कक्षा में पुन: प्रवेश लेने पर साइकिल की पात्रता नहीं होती।

रायसेन के सरकारी अस्पताल में इंसान को चढ़ा दी जानवरों की ग्लूकोस


भोपाल/रायसेन। राजधानी से सटे रायसेन जिले के सरकारी अस्पताल में शुक्रवार को जबर्दस्त हंगामा हुआ। दरअसल, वहां इलाज कराने पहुंचे एक बुजुर्ग को जानवरों के इलाज में उपयोग होने वाली ग्लूकोस की बॉटल चढ़ा दी गई थी।
जब मरीज को जानवरों को लगाई जाने वाली
ग्लूकोस की बॉटल चढ़ा दी गई, तो उसकी तबियत बिगड़ने लगी। बाद में डाक्टरों ने उसका इलाज किया। इस शिकायत के बाद प्रारंभिक जांच में एक नर्स को दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया है।
रायसेन के वार्ड क्रमांक 7 गवोईपुरा निवासी 65 वर्षीय अजीज उल्लाह उर्फ मुन्ने खां टायर वाले को शुक्रवार की सुबह पेट दर्द और घबराहट होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां नर्स दुर्गा धुर्वे ने उन्हें ग्लूकोस की बॉटल चढ़ाई। 10-15 मिनट बाद मरीज को खुजली चलने के साथ ही घबराहट होने लगी। जब मरीज के पुत्र नसीम उल्लाह ने बॉटल को देखा, तो उनके होश उड़ गए। दरअसल, जानवरों की ग्लूकोस मरीज को चढ़ा दी गई थी।इसकी जानकारी मिलते ही एसडीएम उमराव सिंह मरावी, डिप्टी कलेक्टर बूटा सिंह इवने जांच करने लिए अस्पताल पहुंच गए थे। एडीएम शशिभूषण सिंह ने भी अस्पताल पहुंचकर मरीज का हाल-चाल जाना। जांच पड़ताल के दौरान पैक कार्टून से जानवरों को लगाई जाने वाली ग्लूकोस की एक और बॉटल निकली। इसके बाद स्टोर में रखे सभी कार्टूनों को सील करने के बाद इनके उपयोग पर रोक लगा दी।

इस मामले में लापरवाही बतरने वाली नर्सको निलंबित कर दिया गया। कार्टून में 24 बॉटल होती हैं, उनके बीच में यह एक बॉटल निकली है। डेनिस कंपनी, गांधीनगर (गुजरात) द्वारा यह दवा रायसेन के साथ ही पूरे प्रदेश में सप्लाई की गई है।.

डॉ. एसी अग्रवाल, सिविल सर्जन जिला अस्पताल रायसेन
मरीज को पशुओं के उपयोग में आने वाली ग्लूकोस लगाने की जानकारी मिलने के बाद संयुक्त रूप से जांच पड़ताल की गई है। जिस कंपनी के कार्टून में यह दवा निकली है, उसके सभी कार्टूनों को सील करवा दिया गया है। साथ ही दवा के उपयोग पर भी रोक लगवा दी गई है।
उमराव सिंह मरावी, एसडीएम रायसेन

तीन हफ्ते के अंदर व्यापमं केस को आपने हाथ ले सीबीआइः SC

Toc news

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को व्यापमं घोटाले की जांच अपने हाथ लेने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है। छह हफ्ते के अंदर सीबीआइ को अपना वकील नियुक्त करना है। सीबीआइ के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि भोपाल में पांच अदालतों को सीबीआइ अदालत के रूप ने अधिसूचित किया जाएगा। इसी तरह से अन्य जिलों में 20 अदालतों को सीबीआइ अदालत के रूप में अधिसूचित किए व्यापम अपडेट...
सीबीआई ने 64 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की..
2013 पुलिस कांस्टेबल भर्ती मामले में अनियमितता के संबंध में जाँच कर रही सीबीआई ने 64 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की हैं...
गुरुवार को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक, तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी राजभवन और अन्य को आरोपी बनाया गया हैं।
व्यापम से जुड़े शेष मामलो में म प्र पुलिस द्वारा सीबीआई को दस्तावेज सोपने की प्रक्रीया जारी हैं ।

Thursday, July 30, 2015

फांसी के बाद

कुमार प्रशांत

याकूब मेमन को फांसी 
 याकूब मेमन को फांसी की सजा मिली थी, फांसी हो गई ! एक जिंदगी भी खत्म हुई, एक कहानी भी. मेरे जैसे कितने ही लोग, जो मानते हैं कि फांसी की सजा होनी ही नहीं चाहिए, मेरी तरह ही अफसोस महसूस कर रहे होंगे. मुझे अफसोस इस बात का नहीं है कि याकूब मेमन को फांसी हुई; मुझे अफसोस इस बात का है कि एक इंसानी जिंदगी व्यर्थ चली गई अौर हम सब एक राष्ट्र अौर एक समाज के रूप में देखते रह गये. यह अपने-अाप में ही बहुत अफसोसनाक व शर्मिंदा करने वाला अहसास है कि सारा देश, सारा समाज, हमारी सारी राजनीतिक व्यवस्था अौर हमारी सारी न्यायप्रणाली मिल कर, एक अादमी को एकदम अकेला करते-करते निरुपाय कर दे अौर फिर, उस अवश अादमी को पकड़ कर फांसी के फंदे से लटका दे ! एक जिंदा अादमी को लाश में बदल कर कोई देश या समाज न तो बहादुर बनता है अौर न सुरक्षित !
ऐसी हर बात के जवाब में अनगिनत लोग मिलेंगे कि जो तुनक पर पूछेंगे कि क्या वह अपराधी नहीं था ? क्या उसने जितने बेगुनाहों का खून किया, उसे भुला दें हम ? नहीं, हम कुछ भी न भूलें, न भुलाएं लेकिन यह जरूर याद रखें कि सवाल किसी को फांसी देने या न देने से बड़ा है;अौर वह यह है कि अपराध अौर अपराधी के बारे में हमारा नजरिया क्या है अौर क्या होना चाहिए ?

फांसी के बाद यह लिख रहा हूं मैं तो इसलिए ही कि अब हम तनाव व उन्माद से किनारा कर, ठंडे दिल व दिमाग से इस सवाल को सोचें. देश में एक कानून है, संविधान है, न्याय-प्रक्रिया है. हम सब उससे बंधे हैं अौर हममें से कोई भी उससे ऊपर नहीं है. अदालती फैसलों से हम असहमत तो हो सकते हैं लेकिन उसकी अवमानना नहीं कर सकते क्योंकि लोकतंत्र की बुनियाद ही यह है कि हम निजी राय रखते हैं लेकिन सामूहिक फैसले से चलते हैं. इसलिए याकूब मेमन को लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद, अंतिम दिन की अंतिम रात तक विचार करने के बाद भी यदि सर्वोच्च न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई तो वह न्यायसंगत ही होगी, ऐसा हमें मानना चाहिए - अपनी निजी असहमति के बाद भी !

अब कसाब भी नहीं है, अफजल गुरु भी नहीं है, याकूब मेमन भी नहीं है. लेकिन हम तो हैं, हमारे बच्चे तो हैं. यह समाज तो है जिसमें हमें अौर हमारे बाद अाने वाली पीढ़ियों को रहना अौर बसर करना है. क्या ऐसा समाज अादमियों के रहने लायक होगा जिसमें से बराबर मारो-मारो,फांसी दो, खून का बदला खून, एक सर काटोगे तो हम दस काटेंगे जैसी अावाजें उठती रहें ?

क्या हम चाहेंगे कि हमारे बच्चों का मन बदला लेने की चालों-कुचालों के बीच परिपक्व हो ? क्या हमारी चाहत यह है कि हमारे समाज में लगातार कसाब पैदा हों, अफजल गुरू या टाइगर मेमन पैदा हों ताकि जैसे को तैसा जवाब दिया जा सके ? ऐसे लोग पैदा होते हैं जब समाज की सामूहिक सोच विकृत कर दी जाती है, उसका पाशवीकरण कर दिया जाता है. दुनिया का हर समाज चाहता है कि लोग शांतिपूर्वक रहें, ईमान की रोटी खाएं अौर इज्जत की जिंदगी जिएं ! चाहता तो है लेकिन इस दिशा में जाने की कोशिश कम करता है. इसलिए जरूरत पड़ती है कि समाज का सयाना नेतृत्व बार-बार, हर बार हमारे मन की सरहदों को बड़ा करने की कोशिश करे.

हम नहीं कहते हैं कि याकूब मेमन की फांसी गलत थी लेकिन हम जोर दे कर,जोर से कहना चाहते हैं कि किसी की फांसी को उत्सव या विजय का प्रतीक बनाना मानवता के प्रति अपराध है. क्या हम अपनी अाने वाली नस्लों का मानस ऐसा बनाना चाहते हैं कि जिसे खून में से खुशबू अाती हो ? ऐसा समाज मनुष्यों का समाज तो नहीं हो सकता है ! समाज का ऐसा पाशवीकरण करते जाएंगे तो फिर अंत में वैसी ही यादवी होगी जिसे काबू में करना भगवान कृष्ण के बस का भी नहीं रहेगा अौर किसी बहेलिये के वाण से अपना अंत कबूल करने का एकमात्र रास्ता ही उनके लिए भी बच जाएगा.

एक व्यक्ति का याकि एक समूह का उन्माद में अाना, बहक-भटक जाना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन संभव है. लेकिन हम उसका जवाब एक समाज या एक व्यवस्था को  उन्मादग्रस्त बना कर देना चाहेंगे तो यह विवेकहीनता का चरम होगा. यह चरम हमने देखा है -  देश-विभाजन के दंगों में अौर २००२ के गुजरात के दंगों में देखा है; हिरोशिमा में देखा है; वियतनाम में देखा है; पोलैंड अौर चेकोस्लोवाकिया में देखा है. समाजों को बिखरते,सभ्यताअों को मिटते अौर लोगों को भेंड़-बकरियों की तरह कत्ल होते देखा है.

इसलिए किसी भी स्वस्थ समाज का, जिम्मेवार प्रशासन का दायित्व भी है अौर वही उसकी चरम कला भी है कि सामूहिक उन्माद का शमन होता रहे. उन्माद फूटता है तो वह किसी गांधी को गोली मारेगा या किसी दिल्ली को जला डालेगा, अाप तै नहीं कर सकते. इसलिए कदम-कदम पर, हर सांस के साथ उन्माद पर काबू करना सीखना अौर सिखाना पड़ता है. इसलिए उनका अपराध बहुत बड़ा है जिन्होंने याकूब के मामले में यह कहा कि उसे फांसी इसलिए मिल रही है कि वह मुसलमान है; उनका अपराध बहुत बड़ा है जिन्होंने फांसी-फांसी का मंत्रोच्चार किया; वे अविवेकी हैं जिन्होंने एक अादमी को मार कर किसी पाकिस्तान या किसी अाइएसअाइ को जवाब देने की थोथी बात कही.

हमारे यहां जब तक फांसी की सजा मान्य है तब तक अदालतें जिसे भी कानून की कसौटी पर कस कर इस सजा के लायक पाएंगी, फांसी की सजा देंगी ही. इसमें अदालतों से नाराजगी का कोई कारण भी नहीं है. लेकिन अदालतें जिस संविधान से संचालित होती हैं उस संविधान ने ही हमें अपनी सजा के खिलाफ लड़ने के कई मौके भी दे रखे हैं. इस देश के हर नागरिक को याकि इस देश में अपराध करते पकड़े गये किसी भी अादमी को उन सारे मौकों का पूरा इस्तेमाल करने का पूरा अधिकार है,अौर हमारी न्यायपालिका की संविधानसम्मत जिम्मेवारी है कि वह उन सारे अधिकारों के इस्तेमाल का मौका हर अपराधी को दे. इसलिए वे देश-समाज की कुसेवा करते हैं जो इस बात पर हल्ला मचाते हैं कि किसी कसाब पर मुकदमा चलाने की क्या जरूरत है याकि जो फब्ती कसते हैं कि याकूब मेमन फांसी से बचने की चालें चल रहा है.

फांसी से बचने-बचाने की हर संविधानसम्मत कोशिश का सम्मान ही नहीं होना चाहिए बल्कि उसका समर्थन भी होना चाहिए ताकि हम सब यह महसूस कर सकें कि हमारा भारतीय समाज अौर इसकी संविधानसम्मत व्यवस्थाएं हर जिंदगी का सम्मान करती हैं. इसलिए जिन सौ से ज्यादा लोगों ने अंत-अंत तक याकूब की याचिका पर पुनर्विचार करने की अपील की, वे सारे लोग हमारे समाज के स्वस्थ विवेक के प्रहरी हैं. उन्होंने यह नहीं कहा कि याकूब निर्दोष है ( हालांकि ऐसा कहने का हर भारतीय का अधिकार अक्षुण्ण है ही ! ) बल्कि यह कहा कि इस मामले पर अा रहे नये तथ्यों की रोशनी में फिर-फिर अाप पुनर्विचार कर लें ताकि जिस जिंदगी को हम दे नहीं सकते उसे लेने से पहले हर तथ्य जांच लिया जाए.

इसलिए अपने बचाव की हर कोशिश कर रहा याकूब हमारे व्यंग्य का नहीं, हमारी सहानुभूति का पात्र था क्योंकि वह उस संविधानसम्मत रास्ते का इस्तेमाल कर रहा था जिसका इस्तेमाल हममें से हर एक वैसी अवस्था में करना चाहेगा. याकूब का वह वकील बहुत गलत समय पर, बहुत गलत बात कह रहा था जिसने देर रात की अंतिम सुनवाई के विफल होने के बाद पत्रकारों से कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने गलत नजरिये से इस मामले को खारिज कर दिया. हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से असहमत तो हो सकते हैं अौर उसे सही मौके पर, सही जगह पर व्यक्त भी कर सकते हैं लेकिन इतने गहन माहौल में,वकालत के पेशे से जुड़ा कोई जिम्मेदार वकील सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम फैसले पर ऐसी टिप्पणी करे तो यह उन्माद भड़काने का कारण बन सकता है.

याकूब मेमन ने अपना ठौर पा लिया है. एक समाज के रूप में हमें अपने ठौर की तलाश है. ( 30.07.2015)                 

TV News Channel रिपोर्टरों व स्ट्रींगरों की आवश्कता

मध्य प्रदेश व छतीसगढ़ के प्रत्येक जिले में  ins TV News Channel के लिये जिला रिपोर्टर व प्रत्येक तहसील में स्ट्रींगर की आवश्कता हैं. अनुभवी व इस क्षेत्र में इच्छुक व काम करने वाले सक्षम व्यक्ति आपना बायोडाटा ईमेल करें

timesofcrime@gmail.com,
instvnews.mpcg@gmail.com

मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क करे.
सुबह 10 से शाम 7 बजे तक.
9893221036

इधर कलाम हो रहे थे सुपुर्द-ए-खाक, उधर नाच रहे थे असम के सीएम

Thu, 30 Jul 2015 03:42 PM ( toc news )

नई दिल्ली। देश के पूर्व राष्ट्रपति व मिसाइलमैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के आकस्मिक निधन से जहां पूरा देश शोक में डूबा है, वहीं असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का एक अजीबोगरीब चेहरा सामने आया है। जब डॉ. कलाम का अंतिम संस्कार हो रहा था, तो वह लड़कियों के साथ डांस कर रहे थे।

आज डॉ. कलाम इस दुनिया में नहीं हैं। उनके लिए आज हर दिल रो रहा है। बच्चे, बूढे, युवा से लेकर देश की सभी बड़ी हस्ितयां डॉक्टर कलाम के लिए दुखी हैं। ऐसे में गोगोई हातिखुली हॉस्पिटल में प्लांटेशन के कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए। इस दौरान वहां पर मनाए जा रहे जश्न में वे लड़कियों के साथ डांस करने लगे। वह काफी हंस-हंस कर नृत्य कर रहे थे। इतना ही नहीं इसके बाद न्यू मिसा क्लब में उन्होंने गोल्फ कोर्स का उद्घाटन करने गए। वहां पर गोगोई ने खिलाड़ियों के साथ एक नही कई शॉट भी खेले।

हालांकि जब गोगोई के इस कृत्य की आलोचना शुरू हुई तो उन्हाेंने अपनी गलती मान ली। उन्होंने कहा कि डांस करके उन्होंने गलती कर दी है। जब देश शोक में डूबा हैं तो उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि यह गोल्फ या कोई और खेल मनोरंजन के दायरे में आता है।

बताते चलें डॉ. कलाम का सोमवार को शिलांग में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। जिसके बाद दूसरे दिन उनका शव देश की राजधानी दिल्ली लाया गया था। यहां पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धांजलि दी। इसके बाद कल उनका पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव रामेश्वरम ले जाया गया। जहां आज उनका अंतिम संस्कार किया गया।

आइसना "माऊंटआबू सम्मेलन" 11 से 14 सितम्बर 2015 को

आइसना "माऊंटआबू सम्मेलन" विशेष सूचना

Aisna Mauntabu

देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय पत्रकार संगठन " अाल इण्डिया स्माल न्यूज पेपर एेसोशिएशन " आइसना " का सम्मेलन माऊंटआबू में 11 से 16 सितम्बर 2015 को होगा. माऊंटआबू में उक्त अवसर के दौरान रहने और भोजन की व्यवस्था होगी, आइसना के जो सदस्यगण माऊंटआबू सम्मेलन जाना चाहते है वह शीघ्र ही फार्म भरकर अपना पंजीयन करवा लें, सम्मेलन के दौरान अतिरिक्त भ्रमण की व्यवस्था की गई उसका विवरण जल्द पेश किया जावेगा. सहमति के लिए सूचित करें

आइसना साथियों का सम्मेलन माउन्ट आबू, राजस्थान में,,,,,,,,

साथियो, चलिये माउन्ट आबू की सैर पर,सभी साथी अपने परिजनों को साथ ले जा सकते हैं, परिजन यानी बच्चे, पत्नी, बहन, माता, पिता, जाने वाले साथियों को एक फार्म भरना होगा, भोपाल से माउन्ट आबू का रेल किराया लगभग 600 रुपये जाने का स्लीपर क्लास में एक ब्यक्ति का है,11, 12,13, सितम्बर को माउन्ट आबू में रहेंगे,यहॉ रुकने की ब्यवस्था निशुल्क होगी, भोजन नाश्ता भी निशुल्क होगा। 14 सितम्बर की प्रात: माउन्ट आबू से राजस्थान भ्रमण के लिये, वाहन से रवाना होगे। सर्वप्रथम उदयपुर जो एक ऐतिहासिक शहर है, पंहुचेगे, वहॉ जलमहल व अन्य दर्शनीय स्थलों को देखते हुये अपरान्ह प्रसिद्ध हल्दीघाटी भ्रमण कर, वापस उदयपुर रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन उदयपुर से नाथकद्वारा (नाथ द्वारा) वहॉ से भ्रमण के बाद पुष्कर भ्रमण, पुष्कर में ही रात्रि विश्राम। अगली सुबह पुष्कर से अजमेर शरीफ पंहुचेगे, यहॉ ख्वाजा चिश्ती के दरगाह शरीफ पंहुचेंगे। अजमेर के पश्चात् जयपुर में रात्रि  विश्राम,एवम् अगले दिन 16 सितम्बर को जयपुर भ्रमण एवम् जयपुर की शापिंग का आनन्द उठाते हुये, शाम अपने अपने स्थान की वापसी। पूरे भ्रमण में 2000 रुपये प्रति सदस्य खर्च होगा। रुकने की ब्यवस्था संगठन करेगा,लेकिन कहीं अप्रत्यासित ब्यवस्था भंग होने से सदस्य को स्वयम् होटल की ब्यवस्था करनी होगी। संगठन की ब्यवस्था, माउन्ट आबू के अलावा अन्य जगह धर्म शालाओं में होगी। किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिये,संगठन के पदाधिकारी या अध्यक्ष महोदय से फोन पर प्राप्त की जा सकती है। जाने हेतु फार्म पंजीयन प्रारम्भ हो गया है। एवम् 10 अगस्त आखिरी तारीख होगी।

याकूब मेमन फांसी : दिग्विजय सिंह व शशि थरूर ने असहज करने वाली टिप्पणी की

सीरियल ब्लास्ट के गुनहगार याकूब मेमन की फांसी को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह व शशि थरूर ने असहज करने वाली टिप्पणी की है। 
✒✒✒✒✒✒
सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले इन नेताओं ने पार्टी लाइन से आगे जाते हुए कुछ सवाल उठाए। हालांकि, बाद में इन लोगों ने सफाई देने वाले अंदाज में बात खत्म कर विरोध से बचने का रास्ता भी बना लिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस नेताओं के इस रुख को चिंताजनक बताते हुए कांग्रेस से राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर नकारात्मक राजनीति न करने की अपेक्षा की है। अन्य सामाजिक संगठन और कानूनविदों ने भी इस घटनाक्रम पर अपनी राय खुलकर रखी।
याकूब की फांसी के बाद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ताबड़तोड़ ट्वीट किए। अपने पहले ट्वीट में दिग्विजय ने लिखा कि 'याकूब मेमन को फांसी हो गई। आतंक के एक आरोपी को सजा देने में सरकार और न्यायपालिका ने जिस तरह की तत्परता और प्रतिबद्धता दिखाई है, वह एक मिसाल है।' अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'मुझे उम्मीद है कि आतंक के अन्य मामलों में भी जाति, मत और धर्म के आधार को नजरअंदाज कर इसी तरह का कमिटमेंट दिखाया जाएगा।'
दिग्विजय ने पूर्व राष्ट्रपति कलाम और आतंकी याकूब का एक लाइन में जिक्र करते हुए लिखा, 'क्या संयोग है कि भारत के दो मुसलमानों का अंतिम संस्कार आज ही हो रहा है। डॉक्टर कलाम, जिन्होंने हर भारतीय को गर्व का अहसास कराया, जबकि याकूब मेमन, जिसने पूरे समुदाय को शर्मिंदा कर दिया।'
वहीं, गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले शशि थरूर ने अपने ट्वीट में याकूब की फांसी को सरकार प्रायोजित आतंकवाद करार दे डाला। बकौल थरूर, 'इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि मृत्युदंड प्रतिरोधक का काम करता है, तथ्य इसके विपरीत हैं। वास्तव में यह एक तरह का प्रतिशोध है। यह सरकार की नाकामी है।' हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देने के अंदाज में लिखा कि 'वह किसी खास मामले की बात नहीं कर रहे। यह तय करना कोर्ट का काम है, सवाल मृत्युदंड के सिद्धांत और इसकी उपयोगिता को लेकर है।' इसी तरह सवाल उठाने के बाद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी लोगों से गांधीवादी बनने की अपील की।

उम्रकैद की सजा भुगत रहा कैदी फरार

Toc news @ ambikapur

अंबिकापुर. हत्या और डकैती का सजायाफ्ता कैदी बुधवार सुबह जिला अस्पताल में जेल प्रहरी को चकमा देकर भाग निकला। एक दूसरे बीमार बंदी का उपचार कराने के लिए जैसे ही जेल प्रहरी, ओपीडी में पर्ची लेने गया वैसे ही मौका देखकर शातिर कैदी फरार हो गया। जिला अस्पताल से कैदी के फरार होने की खबर लगी वैसे ही हड़कंप मच गया। आसपास खोजबीन करने के बावजूद फरार कैदी का कुछ पता नहीं चल सका। घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज करा दी गई है। प्रथम दृष्टया जेल प्रहरी की लापरवाही सामने आने पर जेल अधीक्षक ने उसे निलंबित कर जांच के आदेश दे दिए हैं।मिली जानकारी के मुताबिक हत्या और डकैती का सजायाफ्ता कैदी अन्नू कुमार उर्फ पुरूषोत्तम पिता नन्दू पनिका 28 वर्ष को बीते 22 जुलाई को स्वास्थ्य खराब होने पर जेल प्रबंधन ने जिला अस्पताल में भर्ती किया था। जेल वार्ड में दाखिल कर उसका उपचार किया जा रहा था। विभागीय सूत्रों के मुताबिक जिला अस्पताल के जेल वार्ड में असरफ नामक दूसरा बंदी भी भर्ती था। बुधवार सुबह लगभग साढ़े 10 बजे असरफ की हालत गंभीर हो गई थी। ऐसी परिस्थिति में जेल प्रहरी कपूर सिंह मरावी तत्काल उसे ओपीडी में चिकित्सक के पास ले जाना चाह रहा था,ताकि तत्काल उसकी जांच कराई जा सके। बीमार बंदी असरफ सही तरीके से नहीं चल पा रहा था। तब जेल प्रहरी कपूर सिंह मरावी ने सहयोग के लिएजेल वार्ड में ही दाखिल कैदी अन्नू कुमार उर्फ पुरूषोत्तम की मदद ली। जेल प्रहरी और कैदी अन्नू कुमार उर्फ पुरूषोत्तम ने दो ओर से बीमार बंदी असरफ को सहारा देते हुए ओपीडी तक पहुंचाया। ओपीडी हाल में लगी कुर्सियों में दोनों को बैठाकर जेल प्रहरी,ओपीडी पर्ची लेने चला गया। उस दौरान दोनोंबंदियों की सुरक्षा में कोई भी तैनात नहीं था। इसे भागने के लिए शातिर बदमाश अन्नू कुमार ने अच्छा मौका माना। कोई शोर शराबा न करे,इसलिए वह कुर्सी से उठा और दिखावे के लिए उसी ओर जाने लगा जिधर जेल प्रहरी गया हुआ था,लेकिन वह मौका देखकर भाग निकला। जब जेल प्रहरी लौटकर आया तो देखा कि कैदी अन्नू कुमार उर्फ पुरूषोत्तम मौके पर नहीं था। जब उसने बीमार बंदी असरफ से पूछताछ की तो पताचला कि अन्नू कुमार भी उसी के पीछे-पीछे गया था। जेल प्रहरी को माजरा समझने में देर नहीं लगी। तत्काल उसने पुलिस और जेल प्रबंधन को वस्तुस्थिति से अवगत कराया। जिला अस्पताल से कैदी के फरार होने की खबर लगते ही हड़कंप मच गया। पुलिस और जेल विभाग के अधिकारी-कर्मचारी अस्पताल परिसर तथा आसपास के इलाके में उसकी खोजबीन में लग गए,लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका। तब जाकर मामले की लिखित शिकायत पुलिस से की गई। पुलिस फरार कैदी की पतासाजी कर रही है।हत्या और डकैती में शामिल-जिला अस्पताल से फरार कैदी अन्नू कुमार उर्फ पुरूषोत्तम मूलतः रामानुजनगर थाना क्षेत्र के ग्राम छिंदिया का रहने वाला है। वह धारा 449, 302, 397, 201, 34 का सजायाफ्ता कैदीहै। वारदात में शामिल रहने के दौरान वह हल्दीबाड़ी चिरमिरी में निवास करता था। विचाराधीन बंदी के रूप में उसे मनेंद्रगढ़ जेल से 27 फरवरी 2011 को केंद्रीय कारागार अंबिकापुर में शिफ्ट किया गया था। तभी से वह यहीं निरूद्घ है। बीते 28 फरवरी 2014 को मनेंद्रगढ़ की अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।जेल प्रहरी निलंबित-जिला अस्पताल से कैदी के फरार हो जाने के मामले में जेल अधीक्षक एनके टोप्पो ने प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आने पर जेल प्रहरी कपूर सिंह मरावी को निलंबित कर दिया है। उन्होंने पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। जेल अधीक्षक श्री टोप्पो का कहना है कि बीमार बंदी को इलाज के लिए ले जाने के दौरान दूसरे कैदी को साथ ले जाना उचित नहीं था। उन्होंने बताया कि फरार कैदी अन्नू कुमार उर्फ पुरूषोत्तम को बीते 22 जुलाई को तबियत खराब होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे पथरी की बीमारी थी। उन्होंने बताया कि कैदी के फरार हो जाने की सूचना कलेक्टर, पुलिसअधीक्षक, कोतवाली अंबिकापुर और हल्दीबाड़ी चिरमिरी थाने को भी भेज दी गई है।आत्मविश्वास बनी चूक की वजह-जिला अस्पताल से कैदी के फरार हो जाने के मामले में कई सवाल खड़े हो गए हैं। बताया जा रहा है कि जेल वार्ड में सुरक्षा ड्यूटी के लिए पुलिस आरक्षक सजीत मिर्रे भी मौजूद था। हालांकि जेल वार्ड में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों पर वार्ड में दाखिल कैदियों-बंदियों का उपचार कराने की जिम्मेदारी नहीं होती। यह काम जेल कर्मचारियों को करना पड़ता है। बुधवार सुबह जेल प्रहरी कपूर सिंह मरावी को जब बीमार बंदी को डाक्टर के पास ले जाने की जरूरत महसूस हुई,तब वह जेल के दूसरे कर्मचारियों की भी मदद ले सकता था। यदि जल्दबाजी थी तो अस्पताल के ही चतुर्थ वर्ग कर्मचारी को भीपकड़ने के लिए साथ में रखा जा सकता था,लेकिन उसके द्वारा अति आत्मविश्वास में जेल वार्ड में ही दाखिल शातिर अपराधी अन्नू कुमार उर्फ पुरूषोत्तम को साथ में रखना बड़ी चूक बनी। यह चूक कैसे हुई यह जांच का विषय है। बीमार बंदी को डाक्टर के पास ले जाने के लिए उसे पकड़ने और सहारा देने खुंखारकैदी का साथ लेना ही भारी पड़ गया। विभागीय जांच में ही स्पष्ट होगा कि यह मानवीय चूक थी या सुनियोजित साजिश।

Wednesday, July 29, 2015

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मुंबई सीरियल ब्लास्ट के गुनहगार याकूब मेमन की दया याचिका ठुकरा दी फांसी तय

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मुंबई सीरियल ब्लास्ट के गुनहगार याकूब मेमन की दया याचिका ठुकरा दी है. इस तरह याकूब की फांसी पर अब अंतिम मुहर लग चुकी है. याकूब को 30 जुलाई को सुबह 7 बजे फांसी दे दी जाएगी.

इस तरह साल 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी को लेकर सस्पेंस पूरी तरह खत्म हो गया है. 30 जुलाई को फांसी टालने की याकूब की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है. 

दया याचिका पर गृह मंत्रालय की ओर से राय बताने खुद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने पहुंचे थे. कानूनी राय देने के लिए सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार भी राष्ट्रपति भवन में मौजूद रहे. 
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्यूरेटिव याचिका पर दोबारा सुनवाई नहीं होगी. इस तरह याकूब फांसी के फंदे के बेहद करीब आ गया.
गृह मंत्रालय ने अपने पुराने रुख पर कायम रहते हुए फांसी की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. गृह मंत्रालय ने अपनी सिफारिश के साथ इसे राष्ट्रपति के पास भेजा था.
नागपुर जेल के आसपास सुरक्षा कड़ी
याकूब मेमन की फांसी के मद्देनजर नागपुर जेल के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. जेल के आसपास के इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है. जेल परिसर के अंदर मीडिया के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है. मुंबई में अलर्ट का ऐलान किया जा चुका है.
जन्मदिन पर ही फांसी की सजा पर अमल
खास बात यह है कि याकूब मेमन को उसके जन्मदिन पर ही फांसी के फंदे पर झुलाया जाएगा. याकूब का जन्म 30 जुलाई, 1962 को मुंबई में हुआ था. उसकी जन्मतिथि का खुलासा उसके पासपोर्ट से हुआ है.
गवर्नर ने खारिज की दया याचिका
महाराष्ट्र के गवर्नर ने भी याकूब मेमन की दया याचिका खारिज कर दी. याकूब ने राष्ट्रपति के पास भी दया याचिका भेजी थी, जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया.
अदालत से नहीं मिली राहत
याकूब की याचिका पर तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की. इससे पहले, मंगलवार को याकूब की याचिका पर जस्टि‍स एआर दवे और जस्ट‍िस कुरियन जोसेफ के बीच मतभेद हो गया था, जिसके बाद मामला चीफ जस्ट‍िस को भेजा गया. बुधवार को लंच के पहले याकूब के वकील राजू रामचंद्रन ने बेंच के सामने अपना पक्ष रखा. उसके बाद अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बहस शुरू की. रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि याकूब ने मौत की सजा पाने वाले अपराधियों को दी जाने वाली सारी स्थितियां आजमा ली हैं और उसकी सजा हर स्तर पर बरकरार रखी गई, ऐसे में अब इस दया याचिका का कोई तुक नहीं बनता. 
जानकारी के मुताबिक, जस्ट‍िस दवे ने जहां 30 जुलाई के लिए जारी मौत के वारंट पर रोक लगाने से इनकार किया, वहीं न्यायमूर्ति कुरियन ने कहा है कि मृत्युदंड क्रियान्वित नहीं होगा. इन सब के बीच अब सीबीआई के एक पूर्व अधिकारी ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि याकूब को भारत लाने के पीछे सीबीआई का अहम किरदार था और संस्थान ने उसे सुरक्षा का भरोसा दिया था!
सीबीआई ने दिलाया था विश्वास

सीबीआई के शीर्ष अधिकारी रहे शांतनु सेन ने एक टीवी चैनल से इंटरव्यू में कहा कि सीबीआई ने पाकिस्तान में अपने सभी सूत्रों की मदद से मेमन परिवार को यह यकीन दिलाया था कि उनकी सुरक्षा भारत में ही मुमकिन है. सीरियल धमाकों के एक साल बाद जब याकूब मेमन को मुंबई की एक कोर्ट में पेश किया गया तो यह साफ नहीं था कि उसने नेपाल में सरेंडर किया या उसे नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था.

शांतनु उस वक्त सीबीआई की स्पेशल टास्क फोर्स के प्रमुख थे, जो मुंबई हमले की जांच कर रही थी. शांतनु ने कहा, 'हमारे सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान में बसने को लेकर मेमन परिवार में ही एकमत नहीं था. उस वक्त याकूब और उसका भाई टाइगर दोनों कराची में थे. टाइगर ने कथित तौर पर याकूब ने भारत लौटने से मना किया था.' शांतनु ने बताया कि याकूब के परिवार में कुछ लोग पाकिस्तान में असुरक्ष‍ित महसूस करते थे. उन्हें डर था कि वे उस माहौल में रह नहीं कर पाएंगे और पाकिस्तानी उन पर भरोसा नहीं करेंगे.

'सजा को लेकर नहीं किया था कोई वादा'

शांतनु ने उन खबरों और दलीलों को खारिज किया, जिसमें कहा जा रहा है कि सीबाआई ने टाइगर और दाऊद इब्राहिम के बारे में जानकारी के बदले याकूब को छोड़ने जैसा कोई वादा किया था. उन्होंने कहा, 'हमनें उन्हें भारत की न्याय व्यवस्था में का भरोसा दिलाया. पहले दिन से ही उनकी हर हलचल पर हमारी नजर थी. हमें पता था कि वे कैसे आने वाले हैं और वे जहां भी आते, हम उन्हें गिरफ्तार करने के लिए तैयार थे, लेकिन हमने मेमन परिवार से कोई झूठा वादा नहीं किया गया था और न ही उन्हें धोखा दिया गया.'

पूर्व अधि‍कारी ने बताया कि याकूब ने लौटने के बाद अपने परिवार को भी वापस लाने में मदद की. इसमें उसके दो भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. 11 लोगों में से सिर्फ चार लोगों को सजा सुनाई गई है. बाकी किसी को सजा नहीं सुनाई गई.

हालांकि, दलील यह भी है कि जब याकूब भारत लौटा तो बी रमन रॉ के टॉप अफसर थे. उन्होंने लिखा था कि याकूब ने जांच एजेंसियों की पूरी मदद की थी इसलिए उसे मौत की सजा नहीं दी जानी चाहिए.

परिवार को विश्वास था, टल जाएगी सजा

दूसरी ओर, याकूब के परिवार को भरोसा था कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले में याकूब मेमन की अर्जी पर न्याय होगा. गौरतलब है कि कोर्ट के आदेश के तहत 30 जुलाई यानी गुरुवार को याकूब को फांसी होनी है.

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री ने दी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी श्रद्धांजलि

छत्तीसगढ़ - मुख्यमंत्री की जुबान फिसली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही श्रद्धांजलि दे डाली :-
रायपुर. 29 जुलाई 2015 . छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की आज जुबान फिसली और उन्‍होंने  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को ही श्रद्धांजलि अर्पित कर दी। जिसे कि संलग्‍न वीडियो में स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है। जब भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री की ही जुबान फिसल रही है तो सोचिए कि फिर भाजपा के अन्य पदाधिकारियों की जुबान फिसलने से कौन रोक सकता है। राज्य के मुख्यमंत्री की जुबान इससे पहले भी कई बार फिसल चुकी है तो वहीं छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार के कई मंत्रियों व नेताओं की भी जुबान गाहे बगाहे फिसलती ही रहती है।

लखनऊ में गैंगरेप, प्राइवेट पार्ट को चाकू से गोदा !!!

Toc News @ लखनऊ
नग्न पड़ा था शव, उड़ गए सबके होश

यूपी सरकार के लिए इससे शर्मनाक बात क्या हो सकती है कि लखनऊ के जिस इलाके में पिछले हफ्ते-भर से सबसे ज्यादा पुलिस गश्त कर रही है, वहीं गैंगरेप हुआ है।

गैंगरेप भी मामूली नहीं, स्कूल की चौखट पर वो भी निहायत निदर्यता से। रेप ऐसा कि 80 मीटर तक खून बहकर चला गया और रेपिस्ट खुलेआम घूम रहे हैं।

मोहनलालगंज के जबरौली गांव से कुछ ही दूर स्थित बलसिंहखेड़ा गांव के प्राथमिक स्कूल परिसर में गुरुवार सुबह नग्न अवस्था में औंधे मुंह पड़ा शव मिला, तो गांव के लोगों के होश उड़ गए।

→ जिधर गई निगाह, उधर था ‌खून ही खून...

स्कूल परिसर में लगे नल, झाडिय़ों और स्कूल के चबूतरे तक पर हर तरफ खून ही खून बिखरा था। हर तरफ युवती के कपड़े के चीथड़े पड़े हुए थे।

वहां का माहौल ऐसा था मानो दरिंदों ने नोच-नोच कर रेप किया हो और युवती की सांस छूटने के बाद ही दरिंदगी जारी रखी हो।

— स्कूल खुला तो मची सनसनी...

बुधवार देर रात जब दरिंदों ने इस घटना को अंजाम दिया तो गांव में किसी को युवती की चीख तक नहीं सुनाई दी। सुबह स्कूल खुलने पर शव देखकर सनसनी फैल गई।

पुलिस के मुताबिक, अभी युवती की शिनाख्त नहीं हो सकी है लेकिन शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं पाया गया है।

• चाकुओं से छलनी किया प्राइवेट पार्ट!

पुलिस ने शुरुआती जांच में बताया कि युवती के प्राइवेट पार्ट से बेतहाशा रक्तस्राव     है। पुलिस युवती की मौत की वजह यही मान रही है। जांच में यह भी शक जताया जा रहा है कि युवती के प्राइवेट पार्ट में दरिंदों ने चाकू से कई हमले भी किए थे।

हालांकि, पुलिस ने शव को अभी पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा है क्योंकि अभी युवती की शिनाख्त नहीं हो सकी है। नियमानुसार 48 घंटे तक शिनाख्त नहीं हो पाई तो पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज देगी। उसके बाद ही हत्या की असली वजह पता चल पाएगी।

हालात देखते हुए स्कूल की छुट्टी कर दी गई है। पुलिस ज्यादा बवाल से भी बचना चाह रही है  इस खौफनाक वारदात से यूपी सरकार के महिला सुरक्षा के दावे खोखले साबित हो गए हैं।

सेक्स रैकेट में पकड़ा गया भाजपा नेता का पुत्र

पुलिस ने ओरछा के एक होटल में मारा छापा

ओरछा सेक्स रैकेट :  दो कॉल गर्ल आपत्तिजनक हालत में गिरफ्तार

ओरछा सेक्स रैकेट 
Toc news @ orchha

औरछा. मध्यप्रदेश के ओरछा में पुलिस ने एक ऐसे सेक्स रैकेट का खुलासा किया है जो दिल्ली से लड़कियां लाकर यहां सप्लाई करता था। पुलिस ने मामले में एक भाजपा नेता के बेटे समेत चार लड़के और तीन लड़कियों को पकड़ा है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जानकारी के अनुसार पुलिस को लगातार इस बात की शिकायत मिल रही थी कि मध्यप्रदेश के ओरछा के सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है। जिसके लिए बाहर से लड़कियों की सप्लाई की जाती है।
प्राकृतिक रूप से काफी खूबसूरत होने के कारण ओरछा एक पर्यटन स्थल है। यहां काफी दूर दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं। ऐसे में सेक्स रैकेट चलाने वालों का टारगेट यहां आने वाले पर्यटक भी होते हैं।

यह है पूरा मामला...
सब इंसपेक्टर उपेंद्र दुबे ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर सोमवार रात करीब 11 बजे पुलिस टीम ने लक्ष्मी टेंपल व्यू होटल पर छापामार कार्रवाई की। यहां से झांसी के सदर बाजार निवासी शैलेश राय उम्र 19 वर्ष, पुनीत राय उम्र 20 वर्ष, शिवा राय उम्र 21 वर्ष को नई दिल्ली निवासी 21 साल की दो कॉल गर्ल के साथ आपत्तिजनक हालत में गिरफ्तार किया है। उल्लेखनीय है कि ओरछा में करीब एक साल पहले भी प्राइवेट गेस्ट हाउस से सेक्स रैकेट पकड़ा गया था।

कॉल गर्ल ने खोला राज...
कॉल गर्ल ने बताया कि होटल का संचालक पवन राय उन्हें ओरछा आने के लिए 7 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से देता था। वहीं उन्हें 5 हजार रुपए प्रति ग्राहक के हिसाब से एक दिन में 10 से 15 ग्राहकों के पास भेजा जाता था। यह रकम पवन रखता था। ज्यादातर ग्राहक झांसी और मऊरानीपुर के हुआ करते थे। लड़कियों को झांसी से ओरछा तक ऐसी गाड़ी से लाया जाता था, जिसके कांचों पर काली फिल्म चढ़ी होती थी।

नपा उपाध्यक्ष को बेटा है पवन राय...
पुलिस के मुताबिक, सेक्स रैकेट में पकड़े गए सभी आरोपियों के खिलाफ पीटा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। पवन राय ओरछा नगर पंचायत में भाजपा से उपाध्यक्ष मीना राय का बेटा है।
पुलिस की इस कार्रवाई में SDOP पृथ्वीपुर राकेश पेंड्रो, थाना प्रभारी ओरछा दिलीप सिंह यादव, ASI महेंद्र गौतम, सीपी शुक्ला, सिपाही इकबाल खान, उपेंद्र, एचसी बालस्वरूप, महिला सिपाही रागनी दुबे और नीलमणि शामिल रहे।

क़ुदरत भी कलाम पर मेहरबान.... जरूर पढे़

क़ुदरत भी कलाम पर मेहरबान....


तीन लाख बावन हज़ार रुपए
मई 2006 में राष्ट्रपति कलाम का सारा परिवार उनसे मिलने दिल्ली आया. कुल मिला कर 52 लोग थे. उनके 90 साल के बड़े भाई से ले कर उनकी डेढ़ साल की परपोती भी.

ये लोग आठ दिन तक राष्ट्रपति भवन में रुके. अजमेर शरीफ़ भी गए. कलाम ने उनके रुकने का किराया अपनी जेब से दिया.

यहाँ तक कि एक प्याली चाय तक का भी हिसाब रखा गया और उनके जाने के बाद कलाम ने अपने अकाउंट से तीन लाख बावन हज़ार रुपए का चेक काट कर राष्ट्रपति कार्यालय को भेजा.



उनके राष्ट्रपति रहते ये बात किसी को पता नहीं चली.

बाद में जब उनके सचिव नायर ने उनके साथ बिताए गए दिनों पर किताब लिखी, तो पहली बार इसका ज़िक्र किया.

इफ़्तार का पैसा अनाथालय को

इसी तरह नवंबर 2002 में रमज़ान के महीने में कलाम ने अपने सचिव को बुला कर पूछा, ''ये बताइए कि हम इफ़्तार भोज का आयोजन क्यों करें? वैसे भी यहां आमंत्रित लोग खाते-पीते लोग होते हैं. आप इफ़्तार पर कितना ख़र्च करते हैं?''

राष्ट्रपति भवन के आतिथ्य विभाग के प्रमुख को फ़ोन लगाया गया.

उन्होंने बताया कि इफ़्तार भोज पर मोटे तौर पर ढ़ाई लाख रुपए का ख़र्च आता है.



कलाम ने कहा, ''हम ये पैसा अनाथालयों को क्यों नहीं दे सकते? आप अनाथालयों को चुनिए और ये सुनिश्चित करिए कि ये पैसा बर्बाद न जाए.''

राष्ट्रपति भवन की ओर से इफ़्तार के लिए निर्धारित राशि से आटे, दाल, कंबल और स्वेटर का इंतेज़ाम किया गया और उसे 28 अनाथालयों के बच्चों में बांटा गया.

लेकिन बात यहीं ख़त्म नहीं हो गई.

कलाम ने नायर से कहा, ''ये सामान तो आपने सरकार के पैसे से ख़रीदवाया है. इसमें मेरा योगदान क्या हुआ? मैं आपको एक लाख रुपए का चेक दे रहा हूँ. उसका भी उसी तरह इस्तेमाल करिए जैसे आपने इफ़्तार के लिए निर्धारित पैसे का किया है, लेकिन किसी को ये मत बताइए कि ये पैसे मैंने दिए हैं.''

बारिश ने भी कलाम का ख़्याल रखा

राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भारत के सबसे सक्रिय राष्ट्रपति थे. अपने पूरे कार्यकाल में उन्होंने 175 दौरे किए. इनमें से सिर्फ़ सात विदेशी दौरे थे.

वो लक्ष्यद्वीप को छोड़ कर भारत के हर राज्य में गए.

15 अगस्त 2003 को कलाम ने स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर शाम को राष्ट्रपति भवन के लॉन में हमेशा की तरह एक चाय पार्टी का आयोजन किया.



क़रीब 3000 लोगों को आमंत्रित किया गया.

सुबह आठ बजे से जो बारिश शुरू हुई तो रुकने का नाम नहीं लिया. राष्ट्रपति भवन के अधिकारी परेशान हो गए कि इतने सारे लोगों को भवन के अंदर चाय नहीं पिलाई जा सकती.

आनन-फ़ानन में 2000 छातों का इंतज़ाम कराया गया.

जब दोपहर बारह बजे राष्ट्रपति के सचिव उनसे मिलने गए तो कलाम ने कहा, ''क्या लाजवाब दिन है. ठंडी हवा चल रही है.''

सचिव ने कहा, ''आपने 3000 लोगों को चाय पर बुला रखा है. इस मौसम में उनका स्वागत कैसे किया जा सकता है?''

कलाम ने कहा, ''चिंता मत करिए हम राष्ट्रपति भवन के अंदर लोगों को चाय पिलाएंगे.''

'ऊपर बात कर ली है'

सचिव ने कहा हम ज़्यादा से ज़्यादा 700 लोगों को अंदर ला सकते हैं. मैंने 2000 छातों का इंतज़ाम तो कर दिया है लेकिन ये भी शायद कम पड़ेंगे.



कलाम ने उनकी तरफ़ देखा और बोले, ''हम कर भी क्या सकते हैं. अगर बारिश जारी रही तो ज़्यादा से ज़्यादा क्या होगा... हम भीगेंगे ही न.''

परेशान, बदहाल नायर दरवाज़े तक ही पहुंचे थे कि कलाम ने उन्हें पुकारा और आसमान की ओर देखते हुए कहा, ''आप परेशान मत होइए. मैंने ऊपर बात कर ली है.''

उस समय दिन के 12 बज कर 38 मिनट हुए थे.

ठीक 2 बजे अचानक बारिश थम गई. सूरज निकल आया. ठीक साढ़े पांच बजे कलाम परंपरागत रूप से लॉन में पधारे. अपने मेहमानों से मिले. उनके साथ चाय पी और सबके साथ तस्वीरें खिंचवाई. सवा छह बजे राष्ट्र गान हुआ.

जैसे ही कलाम राष्ट्रपति भवन की छत के नीचे पहुंचे, फिर से झमाझम बारिश शुरू हो गई. अंग्रेज़ी पत्रिका वीक के अगले अंक में एक लेख छपा, क़ुदरत भी कलाम पर मेहरबान.

Tuesday, July 28, 2015

खजुराहो सेक्स टूरिज्म


भोपाल की एक  पत्रिका में दिव्या गोयल  नें लेख में छापा है  " खजुराहो सेक्स टूरिज्म "
मध्य प्रदेश के विश्व पर्यटन स्थल खजुराहो में पर्यटन नाम पर दैहिक शोाषण का कारोबार चल रहा है खजुराहो से करीब 4  किलो मीटर्स दूर कुंदरपुरा जो की आदिवासी गाँव है।
यह चौकाने वाला खुलासा स्वयंसेवी संगठन द्वारा की गयी स्टडी में हुआ।  खुलेपन की आड में यहाँ अाने वाले पर्यटको द्वारा आदिवासी युवतियां एवं नाबालिगों को दैहिक शोषण किया जाता है गरीबी के चलते इन आदिवासी युवतियों एवं नाबालिग लड़कियों को जुडी हुई है इसका संचालन रैकेट की तरह काम करता है जिसमें अवैध तरह से पर्यटकों को धुमाने वाले स्थानीय भाषा में " लपका " कहा जाता है इसका मतलब लपक कर ग्राहक को पकड़ना।
यह  लपके पर्यटक की दिल्चप्सी के अनुसार सारा इंतजाम करते  है इसमें शामिल युवतियों प्रतिदिन 2000 रूपए कमा लेती है। इसमें होटल्स के कर्मचारी , टैक्सी एवं रिस्का चालक , के आलावा कुछ अन्य लोग इस गोरख धंधे में शामिल है

 " खजुराहो सेक्स टूरिज्म " इस खबर के बाद का दुष्प्रणाम यह की ग्राम कुंदरपुरा में लालू आदिवासी की बेटी पूनम की शादी अजयगढ़ में तह हुई थी लेकिन दूल्हे के धर वालों को जैसे यह पता चला की लड़की कुंदरपुरा गाँव की है शादी तोड़ दी।
अब यह यह आलम है की कुंदरपुरा गाँव में " खजुराहो सेक्स टूरिज्म " के नाम से कोई भी परिवार शादी करने के लिए तैयार नहीं है।

इस विरोध में आज कुंदरपुरा गाँव के सैकड़ों लोग , खजुराहो के व्यापारी वर्ग के लोगों नें खजुराहो थाने में एकत्रित होकर खजुराहो थाने का धेराव करने के बाद  मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर , भोपाल की एक पत्रिका में दिव्या गोयल  नें   " खजुराहो सेक्स टूरिज्म " नाम का लेख छापा है पर कार्यवाही की मांग है
स्तिथि को सँभालने के  लिए राजनगर एस डी एम रविन्द्र चौकसे मौके पर मौजूद रहे।

बाइट : रविन्द्र चौकसे राजनगर एस डी एम
बाइट : के जी शुक्ला टी आई थाना खजुराहो
बाइट : लालू आदिवासी पीड़ित पिता
बाइट : गौरव यादव ज्ञापन देने वाला

परशुराम रैकवार
खजुराहो / तहसील राजनगर

चार चोरियों का खुलासा, 9 लाख का सामान बरामद

Toc news @ betul
◄◄ नाबालिग निकला मास्टरमाइंड
◄◄ 3 नाबालिग समेत 6 गिरफ्तार
◄◄ चोरी के रूपयो से लिया 25 लाख का प्लाट
बैतूल 28 july 15। जिले में पिछले दो महीने से अलग-अलग स्थानो पर हुई चार बड़ी चोरियों का पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने 6 सदस्यीय एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जिसके तीन सदस्य सहित गिरोह का मास्टरमाइंड भी नाबालिग है। मास्टर माइंड के तार भोपाल के गिरोह से भी जुड़े होने की खबर है। वहीं गिरोह में शामिल एक सदस्य हत्या जैसे जघन्य अपराध में भी संलिप्त रहा है। पुलिस ने आरोपियों के पास से लगभग 9 लाख रूपये का चोरी का सामान और चोरी के रूपये से खरीदी गई बाईक बरामद की है
मंगलवार को पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित पत्रकार वार्ता में पुलिस अधीक्षक राकेश जैन ने चार चोरियो का खुलासा किया। जिसमें 2 अप्रैल को कोतवाली अंतर्गत ग्राम पाढर में किशोरीलाल सोनारे के निवास, 10 जून को ग्राम देवगांव में नासिर खान के निवास, 5 जुलाई को जेएच कालेज के सामने सोनू राठौर की दुकान के साथ ही भैंसदेही थाना क्षेत्र के ग्राम धाबा में एक सूने मकान में की गई चोरी शामिल है।
नाबालिग है 3 आरोपी-
जिले में पिछले दिनो हुई चोरियों के चलते पुलिस अधीक्षक राकेश जैन के निर्देशन एवं कोतवाली टीआई पंकज त्यागी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था। टीम ने मुखबिर की सूचना पर सफीक पिता मो. सफी 22 वर्ष निवासी फांसी खदान, अमन पिता सुखनंदन अवस्थी 19 वर्ष निवासी अर्जुन नगर, सीलू उर्फ पारस पिता श्रीराम धुर्वे 21 वर्ष निवासी मटन मार्केट सहित तीन नाबालिग बालको को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। बारीकी से पूछताछ करने पर सभी ने चार चोरी करना कबूल किया।
9 लाख का माल बरामद-
पुलिस ने आरोपियों के पास से दो जोड़ सोने के कंगन, तीन जोड़ सोने के झाले, तीन सोने के मंगलसूत्र, आठ सोने के मनी, एक सोने का हार, एक जोड़ी सोने की झूमकी, एक सोने की चैन, एक सोने की अंगूठी, सात जोड़ चांदी की पैरपट्टी सहित एक एलसीडी, कंप्यूटर मॉनीटर, की बोर्ड एक हाथ घड़ी, एक होम थियेटर के साथ ही चोरी के रूपयो से खरीदी गई एक हीरो होंडा जेडएमआर बाईक बरामद की है। बरामद सामान की कीमत लगभग 9 लाख रूपये है।
चोरी के जेवरो से लिया लोन-
चोरो ने चोरी किए गए सोने के जेवर आईसीआईसी बैंक में रखकर गोल्ड लोन ले लिया था। चोरो के पकड़ाने पर उनके घरवालो ने लोन चुका कर जेवर बरामद करवाए। पुलिस अधीक्षक श्री जैन ने बताया कि चोरो का मास्टर माइंड एक नाबालिग है। जिसके द्वारा भोपाल में भी लगभग 25 लाख रूपये से एक प्लाट खरीदने की जानकारी मिली है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।
भोपाल से भी जुड़े है तार-
एसपी श्री जैन ने बताया कि पकड़े गये चोरो में एक नाबालिग बालक पूर्व में जिले के साथ ही जिले के बाहर चोरी की घटनाओं में संलिप्त रहा है। कुछ माह पूर्व अब्दुल्लागंज पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर एक माह में भोपाल के गिरोह के साथ मिलकर कई चोरियों में शामिल होने का खुलासा हुआ था। उस समय भी इसके कब्जे से लगभग 20-25 लाख रूपये का मसरूका एवं नगदी बरामद हुए थे। एक आरोपी शफीक भी पूर्व में शहर में हुई गैंगवार में हत्या जैसे जघन्य अपराध में संलिप्त रहा है।
घटना के समय बंद कर लेते थे मोबाइल-
श्री जैन ने बताया कि गैंग के सदस्य नाबालिगो को अपने साथ मिलाकर चोरी करते थे। जिससे नाबालिग जल्दी छूट जाते थे वहीं उन्हें थोड़ा सा हिस्सा ही देना पड़ता था। गिरोह के सदस्य घटना घटित करते समय अपने मोबाइल बंद कर लेते थे ताकि मोबाइल के आधार पर पुलिस इन्हें पकड़ न सके। चोरी के रूपयों से गैंग के सदस्य मोटरसायकिल, मोबाईल, सिगरेट, गुटखा एवं शराबखोरी का शौक पूरा करते थे।
टीम में ये थे शामिल-
पुलिस अधीक्षक राकेश जैन के मार्गदर्शन में गठित विशेष टीम में कोतवाली टीआई पंकज त्यागी, गंज पुलिस चौकी प्रभारी सुरेन्द्र यादव, एएसआई संजय रघुवंशी, प्रधान आरक्षक जगदीश रघुवंशी, सुनील पारधे, सुखदेव यादव, आरक्षक अरविं राजावत, अजय वरवरे शामिल थे। पुलिस अधीक्षक ने टीम को पुरूस्कृत करने की घोषणा की।

याकूब की फांसी पर जजों में एक राय नहीं, सुप्रीम कोर्ट की लॉर्जर बेंच कल लेगी फैसला

Toc News

1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन की
फांसी टल सकती है। डेथ वॉरंट को गैरकानूनी बताते हुए
याकूब की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर की गई
थी। इस पर मंगलवार को जब सुनवाई हुई तो दो जजों के बीच सहमति नहीं बन पाई। इस वजह से पिटीशन लॉर्जर बेंच
को भेज दी गई है। फैसला अब चीफ जस्टिस को करना है।
इस पर अब बुधवार को सुनवाई होगी। बता दें कि नागपुर जेल
में बंद याकूब की फांसी की तारीख 30 जुलाई तय की गई है।
जजों का क्या था अलग-अलग नजरिया?
- सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एआर दवे और जस्टिस कुरियन जोसफ ने याकूब की पिटीशन पर सुनवाई की।
जस्टिस दवे ने जहां पिटीशन ही खारिज कर दी, वहीं
जस्टिस जोसफ ने कहा कि याकूब के डेथ वॉरंट पर रोक
लगनी चाहिए। जस्टिस दवे ने पिटीशन खारिज कर
याकूब की फांसी पर आखिरी फैसला महाराष्ट्र के गवर्नर पर
छोड़ दिया। - वहीं, जस्टिस कुरियन ने कहा कि याकूब की क्यूरेटिव
पिटीशन पर नए सिरे से सुनवाई होनी चाहिए क्योंकि
उसकी पिछली पिटीशन सही प्रोसिजर और इस कोर्ट
की ओर से तय किए गए नियमों को अपनाए बिना ही
खारिज हो गई थी। क्यूरेटिव पिटीशन पर फैसला करने में
हुई खामी को दूर करना जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो यह संविधान के आर्टिकल 21 के तहत राइट टु लाइफ का साफ
तौर पर उल्लंघन माना जाएगा। इस केस में खामी साफ तौर पर
नजर आ रही है। संविधान के तहत कोर्ट को किसी
व्यक्ति के जीने के अधिकार की हिफाजत करनी है।
सुप्रीम कोर्ट जैसी अदालतें हेल्पलेस नहीं हैं।
- इस पर अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और याकूब की तरफ से पेश सीनियर वकील राजू रामचंद्रन ने कहा- चूंकि एक
जज डेथ वॉरंट पर रोक चाहते हैं और दूसरे जज पिटीशन के
खिलाफ हैं तो कोई व्यवस्था कैसे दी जा सकती है?
- इसके बाद जजों ने अपने कॉमन ऑर्डर में कहा कि चीफ
जस्टिस एचएल दत्तू ही इस मामले में लार्जर बेंच बनाएं और
सुनवाई कराएं। क्या है याकूब की पिटीशन में?
याकूब ने सुप्रीम कोर्ट में जो पिटीशन दायर की है उसमें
कहा गया है कि उसे फांसी नहीं दी जा सकती, क्योंकि
टाडा कोर्ट का डेथ वारंट गैर-कानूनी है। याकूब का कहना है
कि 9 अप्रैल को रिव्यू पिटीशन कैंसल होने के बाद डेथ
वारंट जारी किया गया जबकि उस वक्त क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग थी। एक दूसरे मामले में
याक़ूब की फांसी पर रोक के लिए नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी
ने भी सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर की है। दरअसल,
महाराष्ट्र सरकार ने याकूब का डेथ वारंट जारी कर दिया है,
जिसके लिए 30 जुलाई का दिन तय किया गया है।
फांसी हुई तो नागपुर जेल में ही दफनाया जाएगा सूत्रों के अनुसार, अगर याकूब मेमन को फांसी दी जाती है तो
उसे नागपुर के सेंट्रल जेल में ही दफनाया जा सकता है।
हालांकि पहले इस तरह की खबरें थीं कि फांसी के बाद
याकूब की डेड बॉडी उसकी फैमिली को दी जा सकती है।
अब जानकारी मिल रही है कि नागपुर जेल
एडमिनिस्ट्रेशन उसको जेल में ही दफनाने की तैयारी कर रही हैं। इसके पीछे वजह यह है कि एडमिनिस्ट्रेशन यह
नहीं चाहती कि याकूब को फांसी के बाद किसी तरह की
लॉ एंड ऑर्डर की दिक्कतें आएं।

बेटी और वाइफ को मिलेगी परमिशन
एक अंग्रेजी अखबार ने नागपुर जेल के एक अधिकारी के
हवाले से खबर दी है कि फांसी के बाद याकूब की बॉडी उसकी फैमिली को नहीं दी जाएगी। हालांकि उसकी
वाइफ राहिन और बेटी जुबैदा को याकूब को दफनाते वक्त
मौजूद रहने की परमिशन दी जाएगी। हालांकि याकूब के
वकील अनिल गेडाम का कहना है कि वे सरकार से याकूब
की बॉडी मांगेंगे। याकूब को दफनाने के लिए गोल मैदान में
एक जगह भी तय कर ली गई है। पिछले शनिवार को महाराष्ट्र की एडीजी (जेल) मीरा बोरवनकर ने नागपुर जेल
का दौरा कर वहां के अरेजमेंट्स की जानकारी ली। हालांकि
उन्होंने मीडिया को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी। 🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀
ज्वाइन करे
आल इंडिया स्माल न्यूज एसोशिएसन
आइसना म प्र
प्रदेश महासचिव
विनय जी. डेविड
9893221036

भारत की कुल देनदारी 68.95 लाख करोड़ रुपये

Toc news
नई दिल्ली. ग्रोथ बढ़ाने के मकसद से विकास मद में खर्च बढ़ाने का असर देश में प्रति व्यक्ति कर्ज में भारी इजाफे के रूप में सामने आया है। प्रति व्यक्ति कर्ज में 2,966 रुपये इजाफा होकर 2014-15 में यह 44,095 रुपये हो गया है। 2013-14 में यह आंकड़ा 41,129 रुपये थे।

कर्ज के बोझ में बाहरी और आंतरिक कर्ज एवं अन्य प्रकार की देनदारियां हैं। प्रति व्यक्ति कर्ज में इजाफे का मुख्य कारण बेहतर ग्रोथ रेट हासिल करने के लिए विकास मद में खर्च को बढ़ाना है।

वर्ल्ड बैंक की अंतरराष्ट्रीय कर्ज सांख्यिकी 2015 के अनुसार, 20 विकासशील देशों की सूची में भारत सबसे ज्यादा कर्ज में डूबने वाले देशों के चौथे पायदान पर है।

सरकारी खाते में साल 2012-13, 2013-14 और 2014-15 के लिए घरेलू कर्ज सेवा भुगतान क्रमशः 4.04 लाख करोड़, 4.85 लाख करोड़ रुपये और 5.56 लाख करोड़ रुपये है। बाहरी कर्ज सेवा भुगतान 2012-13, 2013-14 और 2014-15 में क्रमशः करबी 238,483,620.00 रुपये, 234,637,110.00 रुपये और 249,382,065.00 रुपये है।

31 मार्च 2015 तक कुल देय देनदारी 68.95 लाख करोड़ रुपये है।

सरकार ने 2016-17 तक हर साल 0.5-0.6 फीसदी कम करके वित्तीय घाटे को 3 फीसदी तक लाने के लिए रोड मैप बनाने की घोषणा की है।

Monday, July 27, 2015

पूर्व राष्ट्रपति श्री अब्दुल कलाम का दिल का दौरा पडने से निधन : पढे़ जीवनकथा

नई दिल्ली :पूर्व राष्ट्रपति और अब्दुल कलाम आजाद का निधन हो गया है। वह शिलांग में एक लेक्चर देने के लिए गए थे। 83 साल के कलाम की शिलांग में आईआईएम में लेक्चरदेने गए थे लेकिन वहीं पर भाषण देने के दौरान वह बेहोश होकर गिर पड़े।जानकारी के अनुसार, उन्हें वहां के ही एक अस्पताल में 7 बजे भर्ती कराया गया था।

सूत्रों नेबताया कि उनकी ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन एकदम से कम हो गई थी जिसके बाद उन्हें आईसीयू मेंभर्ती कराया गया।18 जुलाई, 2002 को डॉक्टर कलाम को नब्बे प्रतिशत बहुमत द्वारा 'भारत का राष्ट्रपति' चुना गया था और इन्हें 25 जुलाई 2002 को संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद कीशपथ दिलाई गई। इस संक्षिप्त समारोह में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, उनके मंत्रिमंडल केसदस्य तथा अधिकारीगण उपस्थित थे। इनका कार्याकाल 25 जुलाई 2007 को समाप्त हुआ।

भारत के अब तक के सर्वाधिक लोकप्रिय व चहेते राष्ट्रपतियों में से एक डॉ. अबुल पाकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम ने तमिलनाडु के एक छोटे से तटीय शहर रामेश्वरम में अखबार बेचने से लेकर भारत के राष्ट्रपति पद तक का लंबा सफर तय किया है। पूर्व राष्ट्रपति अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम को पूरा देश एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जानता था। वैज्ञानिक और इंजीनियर कलाम ने 2002 से 2007 तक 11वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। मिसाइल मैन के रूप में प्रसिद्ध कलाम देश की प्रगति और विकास से जुड़े विचारों से भरे व्यक्ति थे।

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ। पेशे से नाविक कलाम के पिता ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे। ये मछुआरों को नावकिराये पर दिया करते थे। पांच भाई और पांच बहनों वाले परिवार को चलाने के लिए पिता के पैसे कम पड़ जाते थे इसलिए शुरुआती शिक्षा जारी रखने के लिए कलाम को अखबार बेचने का काम भी करना पड़ा। आठ साल की उम्र से ही कलाम सुबह 4 बचे उठते थे और नहाकर गणित की पढ़ाई करने चले जातेथे। सुबह नहाकर जाने के पीछे कारण यह था कि प्रत्येक साल पांच बच्चों को मुफ्त में गणित पढ़ाने वाले उनके टीचर बिना नहाए आए बच्चों को नहीं पढ़ाते थे। ट्यूशन से आने के बाद वो नमाजपढ़ते और इसके बाद वो सुबह आठ बजे तक रामेश्वरम रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर न्यूज पेपर बांटते थे।कलाम ‘एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी’ में आने के पीछे अपनी पांचवी क्लास के टीचर सुब्रह्मण्यम अय्यर को बताते थे।

वो कहते हैं, ‘वो हमारे अच्छे टीचर्स में से थे। एक बार उन्होंने क्लास में पूछा कि चिड़िया कैसे उड़ती है? क्लास के किसी छात्र ने इसका उत्तर नहीं दिया तो अगले दिन वो सभी बच्चों को समुद्र के किनारे ले गए, वहां कई पक्षी उड़ रहे थे। कुछ समुद्र किनारे उतर रहे थे तो कुछ बैठे थे, वहां उन्होंने हमें पक्षी के उड़ने के पीछे के कारण को समझाया, साथ ही पक्षियों के शरीर की बनावट को भी विस्तार पूर्वक बताया जो उड़ने में सहायक होता है। उनके द्वारा समझाई गई ये बातें मेरे अंदर इस कदर समा गई कि मुझे हमेशा महसूस होने लगा कि मैं रामेश्वरम के समुद्र तट पर हूं और उस दिन की घटना ने मुझे जिंदगी का लक्ष्य निर्धारित करने की प्रेरणा दी। बाद में मैंने तय किया कि उड़ान की दिशा में ही अपना करियर बनाऊं।

मैंने बाद में फिजिक्स की पढ़ाई की और मद्रास इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की।’1962 में कलाम इसरो में पहुंचे। इन्हीं के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहते भारत ने अपना पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 बनाया। 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के समीप स्थापित किया गया और भारत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया। कलाम ने इसके बाद स्वदेशी गाइडेड मिसाइल को डिजाइन किया। उन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें भारतीय तकनीक से बनाईं। 1992 से 1999 तक कलाम रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार भी रहे। इस दौरान वाजपेयी सरकार ने पोखरण में दूसरी बार न्यूक्लियर टेस्ट भी किए और भारत परमाणुहथियार बनाने वाले देशों में शामिल हो गया।

कलाम ने विजन 2020 दिया। इसके तहत कलाम ने भारत को विज्ञान के क्षेत्र में तरक्की के जरिए 2020 तक अत्याधुनिक करने की खास सोच दी गई। कलाम भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे।1982 में कलाम को डीआरडीएल (डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट लेबोरेट्री) का डायरेक्टर बनाया गया। उसी दौरान अन्ना यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टर की उपाधि से सम्मानित किया। कलाम ने तब रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. वीएस अरुणाचलम के साथ इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) का प्रस्ताव तैयार किया।

स्वदेशी मिसाइलों के विकास के लिए कलाम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई।इसके पहले चरण में जमीन से जमीन पर मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल बनाने पर जोर था। दूसरे चरण में जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल, टैंकभेदी मिसाइल और रिएंट्री एक्सपेरिमेंट लॉन्च वेहिकल (रेक्स) बनाने का प्रस्ताव था। पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश, नाग नाम के मिसाइल बनाए गए। कलाम ने अपने सपने रेक्स को अग्नि नाम दिया। सबसे पहले सितंबर 1985 में त्रिशूल फिर फरवरी 1988 में पृथ्वी और मई 1989 में अग्नि का परीक्षण किया गया।इसके बाद 1998 में रूस के साथ मिलकर भारत ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने पर काम शुरू किया और ब्रह्मोस प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की गई।

ब्रह्मोस को धरती, आसमान और समुद्र कहीं भी दागी जा सकती है। इस सफलता के साथ ही कलाम को मिसाइल मैन के रूप में प्रसिद्धि मिली और उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।कलाम को 1981 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और फिर, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत रत्न प्रदान किया। भारत के सर्वोच्च पर पर नियुक्ति से पहले भारत रत्न पाने वाले कलाम देश के केवल तीसरे राष्ट्रपति हैं। उनसे पहले यह मुकाम सर्वपल्ली राधाकृष्णन और जाकिर हुसैन ने हासिल किया।

पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे.अब्दुल कलाम का निधन... शिलांग मे एक कार्यक्रम मे हार्ट अटैक से मौत...

भारत रत्न' एपीजे अब्दुल कलाम का निधन, शिलॉन्ग में ली आखिरी सांस।
देश के पूर्व राष्ट्रपति और मशहूर वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम का निधन हो गया है. दिल का दौरा पड़ने से सोमवार को शिलॉन्ग में उनका निधन हो गया.
83 वर्ष के अब्दुल कलाम अपनी शानदार वाक कला के लिए मशहूर थे, लेकिन खबरों के मुताबिक, एक लेक्चर के दौरान ही काल ने उन्हें अपना ग्रास बना लिया. आईआईएम शिलॉन्ग में अपने लेक्चर के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद वह बेहोश होकर गिर पड़े.
उन्हें तुरंत बेथानी अस्पताल लाया गया. अस्पताल में डॉक्टरों ने भरसक कोशिश की, लेकिन तब तक उनका देहांत हो चुका था. अपनी मौत से करीब 9 घंटे पहले ही उन्होंने ट्वीट करके बताया था कि वह शिलॉन्ग आईआईएम में लेक्चर के लिए जा रहे हैं. उनका आखिरी ट्वीट यही था...

शालाओं की निगरानी के लिये बालाघाट में बना पहला मोबाइल एप

स्कूल की ऑनलाइन निगरानी करने वाला पहला जिला बना बालाघाट
Toc News @ bhopal
भोपाल : शासकीय शालाओं की शिक्षण और अन्य व्यवस्था की निगरानी के लिये अब संचार के आधुनिक साधन, तकनीक और इंटरनेट का उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश के बालाघाट जिले ने इस दिशा में अपने कदम बढ़ाये हैं। जिला कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल की पहल पर एन्ड्रायड मोबाइल पर चलने वाला 'शाला दर्पण' एप बनाया गया है। एप की सहायता से अन्य विभाग के अधिकारियों द्वारा जिले के हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था पर निगरानी रखी जा रही है। इस तरह की व्यवस्था करने वाला बालाघाट मध्यप्रदेश में पहला जिला बन गया है।

एन्ड्रायड मोबाइल के गूगल प्ले स्टोर में जाकर इस एप को मोबाइल पर डाउनलोड किया जा सकेगा। डाउनलोड के बाद पंजीकरण की बटन पर क्लिक करना होगा। इसमें अधिकारी को अपना नाम, पदनाम और मोबाइल नम्बर देना होगा। जानकारी देने के बाद जिला कार्यालय की वेबसाइट में मोबाइल नम्बर रजिस्टर्ड होगा तथा उसे एक हाई या हायर सेकेण्डरी स्कूल आवंटित कर दिया जायेगा। अधिकारी को शाला आवंटित होने पर उसे अपने कार्यों के अलावा आकस्मिक रूप से कभी भी शाला दर्पण एप में शिक्षक के नाम के सामने उपस्थित, अनुपस्थित या शाला से बाहर वाले बटन पर टिक करना होगा। अधिकारी को मोबाइल पर ही एप में बच्चों की प्रवेश संख्या, पुस्तकों, साइकिल एवं गणवेश राशि के वितरण की जानकारी भरनी होगी।

घर बैठे नहीं हो पायेगा शाला का निरीक्षण

अधिकारी घर बैठे ही यह जानकारी नहीं भर सकेंगे। इसके लिये एप को जीपीएस से लेस किया गया है। किस स्थान से जानकारी भरी गयी है, उसकी जानकारी भी एप देगा। अधिकारी को शाला के निरीक्षण के साथ ही वहाँ का एक फोटो भी लेना होगा। अधिकारी एप के अपलोड बटन पर क्लिक कर निरीक्षण के दौरान एकत्रित की गयी जानकारी अपलोड कर सकेगा, जो जिला कार्यालय की वेबसाइट पर दिखने लगेगी। वेबसाइट पर अधिकारी द्वारा किये गये निरीक्षण का विश्लेषण करने के साथ ही कमी पाये जाने पर उसे दूर करने के उपाय किये जा सकेंगे। एप से निरीक्षण की इस व्यवस्था से शिक्षकों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित होने के साथ ही पढ़ाई भी बेहतर होने लगेगी।

123 ने करवाया पंजीयन

जिले में 221 हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं। अब तक 123 अधिकारी ने अपने मोबाइल में इस एप को इंस्टाल कर लिया है। उन्हें एक-एक शाला भी आवंटित कर दी गयी है

Sunday, July 26, 2015

नरसिंहपुर : पुलिस अधीक्षक द्वारा जिले में बड़ा बदलाव

Toc News @ Nursinghpur
नरसिंहपुर। जिले के पुलिस विभाग मेंबड़ा बदलाव करते हुए पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव द्वारा विभिन्न थानों व चौकीे प्रभारियों को यहां से वहां किया गया है। प्रभावित होने वाले अधिकारियों की सूची निम्नानुसार है।
नाम अधिकारी वर्तमान पदस्थापना नवीन पदस्थापना
निरीक्षक अमित दाणी पुलिस लाइन, नरसिंहपुर थाना प्रभारी निरीक्षक गोटेगांव
निरीक्षक राकेश भारती पुलिस लाइन, नरसिंहपुर थाना प्रभारी
निरीक्षक ठेमी
निरीक्षक उमेश तिवारी थाना
प्रभारी निरीक्षक करेली
थाना प्रभारी निरीक्षक गाडरवारा
निरीक्षक अरविन्द दुबे थाना प्रभारी निरीक्षक तेन्दूखेड़ा थाना प्रभारी
निरीक्षक करेली
निरीक्षकडीव्हीएस
नागर
थाना प्र. निरीक्षक गाडरवारा थाना प्रभारी
निरीक्षक चीचली
निरीक्षक नियाजुलखान पुलिस लाइन, नरसिंहपुर थाना
प्रभारी निरीक्षक तेन्दूखेड़ा
निरीक्षक आरपी कुशमाकर पुलिस लाइन, नरसिंहपुर थाना प्रभारी निरीक्षक यातायात
नरसिंहपुर
उपनिरीक्षक सीके
तिवारी
थाना प्रभारी पलोहा चौकी प्रभारी आमगांव
उपनिरीक्षक पुर्वा चौरसिया चौकी प्रभारी आमगांव थाना प्रभारी पलोहा
उपनिरीक्षक राजपाल बघेल थाना प्रभारी ठेमी चौकी प्रभारी

मोबाइल पर डाउनलोड करने लगा 'सुहागरात कैसे मनाएं' एप

रामपुर. मीटिंग शुरू होते ही प्रमुख सचिव ने यह आदेश दिए थे कि सभी अफसर अपना मोबाइल फोन साइलेंट पर लगा लें या फिर बंद कर दें। इस दौरान कुछ अफसर अपने मोबाइल पर उंगलियां थिरकाते रहे।
पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी ने तो हद ही कर दी। उन्होंने मोबाइल साइलेंट नहीं किया। उन्होंने अपने मोबाइल पर सुहागरात कैसे मनाएं एप डाउनलोड करना शुरू दिया। जब वो एप डाउनलोड कर रहे थे तो उन पर एक कैमरे वाले की नजर पड़ गई और उनकी तस्वीर कैद हो गई।
जिलाधिकारी कर्ण सिंह ने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है। प्रमुख सचिव ने मोबाइल बंद करने के आदेश दिए थे। इसके बाद भी मोबाइल बंद नहीं किया, बल्कि मोबाइल पर डाउनलोडिंग की जा रही थी। यह एक गंभीर मामला है। फिलहाल इस मामले की जांच सीडीओ को सौंप दी गई है। उनसे इस मामले की रिपोर्ट तलब कर ली गई है।
दूसरी ओर पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी अभिषेक कुमार का कहना है कि वो अपना मोबाइल देख जरूर रहे थे, लेकिन कोई एप डाउनलोड नहीं कर रहे थे। गलतफहमी की वजह से लग रहा है कि वो मोबाइल पर कोई एप डाउनलोड कर रहे थे।

मीटिंग में 'सुहागरात' में व्यस्त रहा ये अफसर, कैमरे में कैद हुई हरकत
....
कैमरे में कैद हुई अफसर की हरकत.....




क्लिक करें
http://tocnewsindia.blogspot.in/2015/07/blog-post_84.html?m=1

मीटिंग में 'सुहागरात' में व्यस्त रहा ये अफसर, कैमरे में कैद हुई हरकत

कैमरे में कैद हुई अफसर की हरकत
Toc News

रामपुर. यूपी में विकास कार्यों को लेकर अधिकारी कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रमुख सचिव की मीटिंग में एक अधिकारी अपने मोबाइल पर एप डाउनलोड करने में लगे रहे।

इस दौरान उनकी फोटो भी कैमरे में कैद हो गई। मामला उछलने पर डीएम ने सीडीओ को पूरे प्रकरण की जांच के निर्देश दिए हैं। नगर विकास मंत्री आजम खां भी कास कार्यों को लेकर गंभीरता दिखाते रहे हैं। मगर, रामपुर में तैनात अफसर विकास कार्यों को लेकर गंभीर नहीं दिखते हैं।
बुधवार को प्रमुख सचिव की बैठक में कई अफसर मोबाइल पर ही व्यस्त रहे। बुधवार को प्रमुख सचिव होमगार्ड भूपेंद्र सिंह कलेक्ट्रेट सभागार में अफसरों के संग मिलकर विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।

मोबाइल पर डाउनलोड करने लगा 'सुहागरात कैसे मनाएं' एप

रामपुर. मीटिंग शुरू होते ही प्रमुख सचिव ने यह आदेश दिए थे कि सभी अफसर अपना मोबाइल फोन साइलेंट पर
और पूरी खबर पढे क्लिक करें........
http://tocnewsindia.blogspot.in/2015/07/blog-post_46.html?m=1


मैंने अपने क्लीवेज पर बहुत रुपया खर्च किया है, तो दिखाऊंगी ना यार: राखी सावंत


नई दिल्ली: अपने अजीबोगरीब बयान देकर विवादों में रहने वाली राखी सावंत एक बार फिर चर्चा में हैं. राखी अपनी कही बातों पर खुद कभी पछताती नहीं दिखी हैं. कॉफी विद करन सीजन-2 में अपनी कही बातों से हाल ही में सनी लियोनी के बारे में कही गई उनकी बातें, सभी एक से बढ़कर एक हैं. हाल ही में फेम बॉलीवुड ने #bajaoed नाम से एक वीडियो जारी किया है, जिसमें राखी ने सबी सवालों के जवाब हमेशा की तरह अपने बिंदास अंदाज में दिए हैं.
हर बार कैमरे के सामने राखी कुछ ना कुछ ऐसा बयान दे ही देती हैं जिससे वो सुर्खियों में आ ही जाती है. हाल ही में बॉलीवुड कलाकार राखी ने खुद को लेकर किए गए कुछ ट्वीट्स पर जवाब दिए और उन पर बात भी की. इस दौरान कई बार राखी ने कई बार हदें तोड़ते हुए भद्दी बातें भी कहीं और बेतुके जवाब भी दिए.

इस वीडियो में राखी ने ललित मोदी, राहुल यादव और विराट कोहली समेत अनुष्का शर्मा पर भी बात की है. िसके साथ ही राखी ने इस वीडियो में एक बार फिर सनी लियोनी पर निशाना साधते हुए उनकी जमकर खिल्ली उड़ाई है.
एक यूजर के ट्वीट के जवाब में राखी ने कहा, ''मुझे लगता है कि राखी सावंत का जन्म सिर्फ क्लीवेज दिखाने के लिए ही हुआ है, मैंने अपनी क्लीवेज परबहुत पैसा खर्च किया है, तो दिखाऊंगी ना यार. ''

इसके साथ ही विराट नाम के एक यूजर के यहकहने पर कि वह राखी को प्यार करता है, इस पर राखी ने विराट और अनुष्का की बात करते हुए जमकर चुटकी ली.

दुष्कर्म के मामले में देवर को सात साल की सजा

Toc news
महोबा, : भाभी से कई महीनों तक दुष्कर्म करने के आरोपी देवर को अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सात साल की सजा व तीन हजार जुर्माने की सजा सुनाई है।

शासकीय अधिवक्ता प्रमोद कुमार पालीवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना 21 जनवरी 2013 की है। थाना पनवाड़ी क्षेत्र की बुड़ेरा गांव निवासी घर में अकेली रहती थी जबकि उसका पति बाहर रहकर मजदूरी करता था। पति के न रहने पर उसका देवर धीरेंद्र कुमार लोधी पुत्र वीरसिंह लोधी अपने भाई व उसके पति को जान से मारने की बात कहकर तमंचे के बल पर कई महीनों तक महिला के साथ दुष्कर्म करता रहा। इससे आजिज आकर महिला ने इसकी जानकारी पुलिस व अपने पति को दी। आरोपी देवर धीरेंद्र कुमार के विरुद्ध पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया। शनिवार को विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट गजेंद्र कुमार ने मामले की सुनवाई करते हुए देवर धीरेंद्र कुमार लोधी पर आरोप साबित पाया और उसे धारा 376 का दोषी पाते हुए सात साल के कारावास व तीन हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। आरोपी को सजा होने के बाद पीड़ित पक्ष को न्याय मिल सका।

पर्सनल फोटोज लीक होने पर सुर्खियों में रही थी संगकारा की पत्नी


खेल: श्रीलंका के खिलाफ 3 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए गुरूवार को चयनकर्ताओं ने टीम इंडिया के 15 सदस्यीय दल की घोषणा की और लंबे समय से टेस्ट क्रिकेट से बाहर चल रहे स्पिनर अमित मिश्रा को टीम में शामिल कर लिया गया है और इस टीम की कप्तानी विराट कोहली करेंगे। टीम इंडिया की तरफ से विराट कोहली अपने दम दिखाएंगे और दूसरी तरफ है इस सीरीज में श्रीलंका के स्टार खिलाड़ी कुमार संगकारा।

Saturday, July 25, 2015

हवाला की शंका में 09 लाख 96 हजार रूपये जप्त

Toc News @ Indore
इन्दौर-- आज दिनांक 25 जुलाई 2015 को शाम के समय मुखबिर द्वारा जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम इंदौर के सामने लक्ष्मी मोटर्स के पास हवाला के लेन-देन की सूचना प्राप्त होने पर, थाना प्रभारी संयोगितागंज श्री डी.एस. बघेल एवं महिला थाना प्रभारी श्रीमती ज्योति शर्मा द्वारा पुलिस बल के साथ लक्ष्मी मोटर्स के पास पहुॅचकर मुखबिर की सूचना की तस्दीक करने पर एक अज्ञात महिला लक्ष्मी मोटर्स से एक थेला लेकर आते हुये दिखाई दी। महिला थाना प्रभारी श्रीमती ज्योति शर्मा द्वारा उसका नाम पूछने पर उसने अपना नाम मेघना पाण्डे बताया तथा बैग की तलाशी लेने पर बैग में 09 लाख 96 हजार रूपये पाये गये। उक्त रूपये के विषय में मेघना पाण्डे से पूछने पर उसने संतोषजनक जबाव न देने तथा  एवं संदिग्ध होने पर, पुलिस थाना संयोगितगंज द्वारा मेघना पाण्डे के बैग से प्राप्त 09 लाख 96 हजार रूपये जप्त कर संबंधित विभागों को सूचित किया गया है एवं आवश्यक जांच पड़ताल की जा रही है।
पुलिस पीआरओ

आइसना " का सम्मेलन माऊंटआबू में 11 से 16 सितम्बर 2015 को

देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय पत्रकार संगठन " अाल इण्डिया स्माल न्यूज पेपर एेसोशिएशन " आइसना " का सम्मेलन माऊंटआबू में 11 से 16 सितम्बर 2015 को होगा. माऊंटआबू में उक्त अवसर के दौरान रहने और भोजन की व्यवस्था होगी, आइसना के जो सदस्यगण माऊंटआबू सम्मेलन जाना चाहते है वह शीघ्र ही फार्म भरकर अपना पंजीयन करवा लें, सम्मेलन के दौरान अतिरिक्त भ्रमण की व्यवस्था की गई उसका विवरण जल्द पेश किया जावेगा. सहमति के लिए सूचित करें

विनय जी. डेविड
प्रदेश महासचिव (आइसना)
09893221036
सम्पर्क समय - सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक

स्मार्ट सिटी के लिये उच्चाधिकार समिति गठित

Toc News @ Bhopal
भोपाल।राज्य शासन ने प्रदेश में स्मार्ट सिटी से संबंधित मिशन का संचालन करने के लिये भारत सरकार द्वारा जारी निर्देश अनुसार राज्य स्तरीय उच्चाधिकार प्राप्त संचालन समिति का गठन किया गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इस समिति में अध्यक्ष मुख्य सचिव अन्थोनी डिसा नियुक्त किये गये हैं जबकि सदस्यों के रुप में अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव योजना, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं पर्यावरण, संचालक नगर तथा ग्राम निवेश, प्रमुख अभियंता पीएचई, शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार के प्रतिनिधि, चयनित नगरीय निकाय आयुक्त तथा स्पेशल परपज व्हीकल के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नियुक्त किये गये हैं जबकि समिति के मिशन संचालक एवं सदस्य सचिव आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास नियुक्त किये गये हैं।
इस उच्चाधिकार समिति का दायित्व होगा कि वह मिशन को मार्गदर्शन प्रदान करे और स्मार्ट सिटीज के विकास से संबंधित विचारों के आदान-प्रदान के लिये राज्य स्तरीय मंच प्रदान करे। इसके अलावा समिति चरण एक मानदण्डों के आधार पर प्रथम स्तरीय अंतर्राज्यीय प्रतिस्पर्धा की प्रक्रिया का निरीक्षण करेगी एवं स्पेशल परपज व्हीकल की समीक्षा करेगी व चुनौति में सहभागिता के लिये शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार को रिपोर्ट भेजेगी।

निगम-मंडलों में भी बढ़ा मंहगाई भत्ता

Toc News @ Bhopal
भोपाल।राज्य शासन ने आदेश जारी कर राज्य शासन के उपक्रमों/निगमों/मंडलों तथा अनुदान प्राप्त संस्थाओं के राज्य शासन में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते में वृध्दि कर दी है।
वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, चौथा वेतनमान पाने वालों को 1 जनवरी,2015 से मूल वेतन एवं व्यक्तिगत वेतन का 825 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिया जायेगा। इसी प्रकार, 50 प्रतिशत मंहगाई भत्ते को मंहगाई वेतन के रुप में परिवर्तित करने वालों को 1 जनवरी,2015 से वेतन प्लस मंहगाई वेतन के महायोग पर 149 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिया जायेगा।


फ़र्ज़ी वनरक्षक भर्ती की आरोपी दीक्षा रामटेके गिरफ्तार

Toc News @ balaghat

बालाघाट। वारासिवनी में फ़र्ज़ी वनरक्षक मामले में फरार एक और महिला आरोपी दीक्षा रामटेके को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जाँच कर रहे उपनिरीक्षक दीपक कुमार मंडलोई ने बताया कि सुचना पर पुलिस ने आरोपी दीक्षा को गिरफ्तार कर लिया है। इस तरह मामले में पुलिस ने 5 आरोपी गिरफ्तार हो चुके है। जबकि एक आरोपी आकाश ठाकरे अभी भी फरार है।

चावल घोटाले में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और उनके परिवार पर सवाल खड़े

Toc News
रायपुर. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जिस चावल घोटाले में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और उनके परिवार पर सवाल खड़े कर दिए हैं. हम आपको बताते हैं आखिर क्या है यह छत्तीसगढ़ का चावल घोटाला. कौन-कौन लोग इस चावल घोटाले में शामिल हैं और कैसे गरीबों को देने वाले 1 रुपए किलो चावल में बड़े पैमाने पर सालों से हेराफेरी हो रही थी. आज उस सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस सिस्टम) की सच्चाई भी आपको बताएंगे जिसको लेकर राज्य सरकार ने अपनी पीठ थपथपाई थी. छत्तीसगढ़ के इस घोटाले में चपरासी से लेकर मुख्यमंत्री और उनके परिवार तक का नाम सामने आ रहा है.

क्या है उस कथित डायरी का राज जिसके सामने आने के बाद बीजेपी के एक और मुख्यमंत्री सवालों के घेरे में आ गए हैं.  और ये भी बताएँगे की क्यों उठ रहे हैं इस घोटाले को उजागर करने वाली एजेंसी एंटी करप्सन के ऊपर सवाल.
घोटाला समझाने ने से पहले आपको बता दें की चावल कैसे बनता है और कैसे जनता तक पहुँचता है. सरकार द्वारा घोषित मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर सरकारी एजेंसी मार्केटिंग फेडरेशन किसानों से धान खरीदती है.  ये धान फिर मिलर मार्केटिंग फेडरेशन से लेता है प्रोसेस करने के लिए यानि चावल बनाने के लिए.
इसके काम के लिए मिलर को सरकार से 20 रुपये प्रति क्विंटल मिलता है. मिलर चावल बनाकर नान या एफसी आय को देता है.

मीना जूनवाल उज्जैन व अशोक अर्गल मुरैना से भाजपा महापौर प्रत्याशी होंगे

Toc News @ Bhopal

भोपाल। भाजपा प्रदेश चुनाव समिति ने आज नगर निगम उज्जैन और मुरैना सहित तीन नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का उम्मीदवार चयन करने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान पर छोड़ दी है। समिति ने पैनल बनाकर अध्यक्ष को सौंप दिए हैं। मुरैना नगर निगम में आज जिन नामों पर चर्चा हुई।

उनमें पूर्व सांसद अशोक अर्गल का नाम प्रमुख है। यहां से चार बार सांसद रहे अशोक अर्गल के नाम पर कई नेताओं ने सहमति जताई। यहां से भाजपा नेता यशवंत वर्मा के नाम की भी प्रमुखता से चर्चा हुई। इसके अलावा पूर्व मंत्री मुंशीलाल और दिमनी से विधायक रही संध्या राय का नाम भी चर्चा में आया। वहीं उज्जैन में जिन नामों पर चर्चा हुई उनमें सत्य नारायण जटिया की बहन सरिता चौधरी, प्रमिला चन्द्रावत, संभागीय मीडिया प्रभारी जय प्रकाश जुनवाल की पत्नी मीना जुनवाल और सुशाीला जाटवा का नाम चर्चा में आया।

नगरपालिका विदिशा के लिए मुकेश टंडन और संदीप डोंगर सिंह के नाम पर चुनाव समिति ने विचार किया। नगर परिषद के अध्यक्ष के उम्मीदवार के चयन की जिम्मेदारी संगठन महामंत्री, स्थानीय विधायकों पर छोड़ दी गई है।

अब पुलिस के साये में होगी रजिस्ट्रियां

उप पंजीयक ने पंजीयक को पत्र लिखकर मांगी पुलिस
Toc News @ Chhatarpur 
छतरपुर। हमेषा विवादों में घिरे रहने वाले छतरपुर के उप-पंजीयक गिरीष तिवारी ने शनिवार को जिला पंजीयक के नाम लिखे एक पत्र में दस्तावेज लेखकों और मीडिया कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाते हुये रजिस्ट्री कार्यालय में सुरक्षा हेतु पुलिस गार्ड लगाने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में लेख किया है कि ई-पंजीयन प्रणाली में रूचि न लेने वाले सेवा प्रदाताओं द्वारा अवैध कालौनाईजरों के साथ मिलकर पंजीयन कार्यालय में भाडे के लडकों को भेजकर अव्यवस्थायें फैलाई जा रही हैं जिस कारण यहां पुलिस फोर्स लगाना अत्यंत आवष्यक हो गया है।
उप-पंजीयक गिरीष तिवारी ने पत्रकारों के लिए भी अपने पत्र में अषोभनीय शब्दों का इस्तेमाल किया और लिखा कि कुछ पुराने दस्तावेज लेखक जो रजिस्ट्री के बारे में कुछ नहीं जानते भाडे के पत्रकार भेजकर अव्यवस्था फैला रहे हैं। सबाल यह उठता है कि यदि पुराने दस्तावेज लेखक कुछ नहीं जानते हैं तब फिर उनके लाईसेंस रिन्यूवल क्यों किये गये। श्री तिवारी के इस पत्र के बायरल होने के बाद दस्तावेज लेखकों में भारी आक्रोष देखा गया है। गौरतलब हो कि शासन ने ई-पंजीयन व्यवस्था के लिए कुछ लोगों को लाईसेंस तो दिये हैं लेकिन अभी तक ई-पंजीयन प्रणाली पूरी तरह से पटरी पर  नहीं आई है और अभी भी पुरानी प्रणाली से ही सम्पत्तियों के बेंचनामे लेख किये जा रहे हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि उप-पंजीयक महोदय खुद अपने कार्यालय में भाडे पर प्राईवेट कर्मचारियों को लगाये हुये है और उनसे शासकीय कार्य सम्पादित कराते हैं।

आशाराम मामले मुख्य गवाह की मौत की गुत्थी सुलझाने हेतु

सी बी आई जांच हेतु सरकार ने भरी हामी ।
Toc News
लखनऊ. आसाराम मामले में मुख्य गवाह मृतक अखिल गुप्ता की हत्या की सीबीआई जांच होगी। इसके लिए यूपी सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। मामले की सीबीआई की जांच की मांग मृतक अखिल की पत्नी काफी लंबे समय से कर रही थी। अखिल के पिता नरेश गुप्‍ता ने कहा है कि अब उनके जान का खतरा बढ़ गया है। बीते 10 जनवरी को मुजफ्फरनगर के गीता एनक्लेव निवासी अखिल गुप्ता की बाइक सवारों ने जानसठ रोड पर उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह अपनी दूध डेयरी से घर वापस लौट रहा था। अखिल आसाराम का रसोईया था और आसाराम के खिलाफ मुकदमे में सरकारी गवाह भी था। वहीं, पूरे मामले की सीबीआई जांच होने से मृतक अखिल के पिता नरेश गुप्ता ने संतुष्टि जाहिर की है। साथ ही उन्होंने कहा कि इससे उनके परिवार को जान का भी खतरा बढ़ गया है।
गौरतलब  हो की आशाराम मामले में कई चस्मदीदो की रहस्मयी तरीके से मौत हो चुकी है , जिनकी गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए पहले से ही सरदर्द बना है ।

Friday, July 24, 2015

🍀🍀देश के सभी जेलों में एक साल के अंदर सीसी टी वी केमरा लगाने का आदेश दिया सुप्रीम कोर्ट ने🍀🍀

Tpc News
नई दिल्ली। जेल सुधार और कैदियों के मानवधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम फैसला सुनाया।कोर्ट ने देश के सभी जेलों में एक साल के भीतर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकारों से सभी थानों और लॉकअप में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने पर गंभीरता से विचार करने को कहा है।

कोर्ट ने कहा कि जिन राज्यों में राज्य मानवाधिकार आयोग का गठन नहीं हुआ है, वहां किया जाए। इसके साथ ही जिन राज्यों में राज्य मानवाधिकार आयोग में खाली पद हैं उन्हें तीन महीने के भीतर भरा जाए। कोर्ट ने देश के हर थाने में कम से कम दो महिला कांस्टेबल की नियुक्त जरूर करने का आदेश दिया है।

इतने विरोध के बाद कैसे मिलेगी याकूब मेनन को फांसी। 257 लोगों की हत्या की है।

Toc new

1993 के मुम्बई बम धमाकों के आरोपी याकूब मेनन को 30 जुलाई को फांसी दी जाएगी कि खबरें एक सप्ताह से मीडिया में सुर्खियां बनी हुई हैं। मुझे इस बात का पहले दिन से ही डर था कि अब कोई ना कोई याकूब की पैरवी के लिए सामने आ जाएगा। मेरा कयास था कि पाकिस्तान में बैठा हाफिज सईद या कश्मीर के अलगवावादी नेता जरूर याकूब की फांसी का विरोध करेंगे। लेकिन सईद और अलगाववादियों ने तो अभी तक विरोध नहीं जताया था पर एमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने साफ कहा कि याकूब को मुस्लिम होने की सजा मिल रही है।

 सब जानते हैं कि ओवैसी अपने ही देश के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं। ओवैसी के बयान के बाद अनेक मुस्लिम विद्वानों ने भी याकूब की फांसी का विरोध किया। अब तर्क दिए जा रहे हैं कि जब पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह और देश के पूर्व सीएम राजीव गांधी के हत्यारे फांसी से बच सकते हैं तो याकूब मेनन क्यों नहीं? जिस तरह से याकूब की फांसी को धर्म से जोड़ दिया गया है,उससे ऐसा प्रतीत होता है कि अब याकूब को फांसी नहीं लगेगी। भले ही सुप्रीम कोर्ट ने 257 निर्दोष लोगों की हत्या का जिम्मेदार याकूब को माना हो।

स्वाभाविक है कि जब ओवैसी जैसे मुस्लिम नेता आग उगलने वाले बयान देंगे तो साक्षी महाराज जैसे कब चुप रहेंगे। कोई माने या नहीं याकूब की फांसी को लेकर देश में एक बार तनाव की सी स्थिति हो गई है। जो लोग इफ्तार पार्टी कर हिन्दू-मुसलमान के भाईचारे की बात करते हैं, वे यह बताएं कि 257 लोगों की हत्या के जिम्मेदार व्यक्ति को फांसी पर विवाद क्यों हो रहा है। क्या ऐसे व्यक्ति को फांसी नहीं मिलनी चाहिए। मौत के घाट उतार दिए गए 257 व्यक्तियों के परिजन से जाकर कोईपूछे कि उनका क्या दर्द है। सवाल यह नहीं है कि किसी हिन्दू या मुसलमान को फांसी दी जा रही है। सवाल एक हत्यारे का है। कोई माने या नहीं याकूब की फांसी पर देश में जो हालात उत्पन्न हुए है, वह बेहद खतरनाक हैं। इससे उन तत्वों को मदद मिलेगी, जो कश्मीर में आतंकी संगठन आईएस के झंडे लहरा रहे हैं।

सरकार भी मान रही है कि भारत में आईएस तेजी से पैर पसार रहा है। यह वही आईएस है जो सीरिया, इराक, पाकिस्तान, अफगानिस्तान आदि मुस्लिम देशों में नमाज पढ़ते लोगों की हत्या कर रहा है। जब हम इफ्तार की दावत के पिंड खजूर एक जाजम पर बैठ कर खा सकते हैं तो क्या आईएएस जैसे संगठनों का मुकाबला एकजुट होकर नहीं कर सकते। इस मुद्दे पर सभी को गंभीरता के साथ सोचना होगा। जो लोग हिन्दू और मुसलमानों को आपस में लड़ा कर राजनीति कर रहे हैं, उनसे सावधन रहने की जरुरत है।

अमिताभ ठाकुर को फोन पर धमकी मामले में मुलायम को क्लीन चिट

Toc news
लखनऊ। राजधानी की हजरतगंज पुलिस ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा निलंबित आइजी अमिताभ ठाकुर को फोन पर धमकी देने की शिकायत को सिरे से खारिज कर दिया है। पुलिस की दलील है कि उन पर लगाए आरोप की पुष्टि नहीं हो रही है। यानी पुलिस अब अमिताभ के आरोप को झूठ मान रही है और इसके साथ ही मुलायम सिंह यादव को क्लीन चिट मिल गयी है। अमिताभ ने मामले को सीजेएम कोर्ट में ले जाने का एलान किया है।
हजरतगंज कोतवाली के एक सिपाही ने अमिताभ ठाकुर की तहरीर के संदर्भ में गुरुवार को एक पत्र अमिताभ ठाकुर के घर पर उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर को रिसीव कराया। यह पत्र 17 जुलाई की तारीख में प्रेषित है और हजरतगंज कोतवाली के इंस्पेक्टर विजयमल सिंह यादव ने इसमें कहा है कि ठाकुर ने 11 जुलाई को जो शिकायत की, उसके संपूर्ण प्रकरण की जांच करायी गयी। जांच से प्रार्थनापत्र में अंकित आरोप की पुष्टि नहीं होती है, अत: प्रार्थनापत्र निस्तारित किया जाता है। अमिताभ ने फोन के जरिये मुलायम पर धमकी देने का आरोप लगाया था। इस जांच पर पूर्ण असहमति व्यक्त करते हुए ठाकुर ने कहा है कि इसमें आरोपों की पुष्टि नहीं होने का कोई कारण नहीं बताया गया है और सतही तौर पर निष्कर्ष निकाल लिया गया है। ठाकुर ने पुलिस पर दबाव में कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। उन्होंने 11 जुलाई को थाने पर एफआइआर न होने पर 22 जुलाई को एसएसपी लखनऊ को 156 (3) सीआरपीसी में आवेदन किया था।
जांच में नहीं मिला अपराध
राजधानी पुलिस का दो टूक कहना है कि निलंबित आइजी अमिताभ ठाकुर के प्रार्थना पत्र की जांच में कोई अपराध नहीं मिला। एसएसपी राजेश पांडेय के मुताबिक अमिताभ ठाकुर की ओर से सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ दिए प्रार्थनापत्र की जांच में कोई अपराध बनता नहीं पाया गया। कोर्ट के निर्देशानुसार शिकायतकर्ता को जांच रिपोर्ट से अवगत करा दिया गया है।

पुलिस दरबार में आईजी बोले-जमाना बदल रहा है, आप भी कार्यशैली में बदलाव लाएं

toc news @ jabalpur
जबलपुर। पुलिस महानिदेशक के निर्देशों के परिपालन में आज पुलिस लाईन स्थित सामुदायिक भवन में प्रात: 9 बजे वर्दीधारी बल में दक्षता एवं मनोबल, संवाद को प्रभावशाली बनानें तथा व्यक्तिगत एवं कार्य के दौरान होने वाली समस्या के निदान हेतु पुलिस महानिरीक्षक डी श्रीनिवास राव  द्वारा पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष की उपस्थिति में एक दरबार आयोजित किया गया। दरबार में अति. पुलिस अधीक्षक गुरूप्रसाद पारसर, आशीष खरे, संजय साहु, कार्तिकेन सहित सभी अधिकारी और थाना प्रभारियों सहित लगभग 300 अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।

इससे पहले सभी अधिकारियों के द्वारा पुलिस लाईन सामुदायिक भवन मे वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि सभी थानों में सीसीटीएनएस का कार्य तेजी से चल रहा है तथा कुछ थानों में प्रारम्भ भी हो गया है। सीसीटीएनएस के अन्तर्गत अपराध के पंजीयन से लेकर विवेचना सम्बंधी सभी कार्य ऑनलाईन किये जायेंगे। इससे आप कहीं भी घटित हुये अपराध एवं अपराधी के सम्बंध में जानकारी आवश्यकता पडने पर तुरंत देख सकेंगे।

इससे निश्चित ही आपकी  कार्य करने दक्षता में बढोतरी होगी। इस मौके पर कुछ अधिकारी/ कर्मचारियों ने समस्याओं को रखा जिनमें से कुछ समस्याओं का  त्वरित निराकरण किया गया एवं कुछ को पुलिस मुख्यालय स्तर पर निराकृत कराये जाने हेतु आश्वस्त किया गया। दरबार के समापन के अवसर पर पुलिस अधीक्षक, डॉ. आशीष ने कहा कि जमाना बदल गया है, हमें भी अपनी कार्यशैली मे बदलाव लाना होगा।

पुलिस से लोगों की बहुत अधिक अपेक्षाएं रहती है, जिसे घ्यान में रखते हुए, अपना मनोबल उंचा बनाएं रखते हुए निष्पक्ष एवं पारदर्शी कार्यवाही करें। दरबार के समापन के पश्चात पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर जोन द्वारा जबलपुर जिले को प्राप्त हुई 30 नई मोटर सायकिलों का निरीक्षण किया गया । उक्त दरबार के आयोजन में रक्षित निरीक्षक दिलीप सिंह परिहार एवं उनकी टीम का सराहनीय योगदान रहा।

नौकरी की मांग करने वाले नर्सिंग छात्रों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज



नौकरी की मांग करने वाले नर्सिंग छात्रों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
Toc news @ Bhopal

भोपाल। म.प्र. है अंधेर नगरी चौपट राजा की नगरी जहां देखों वही फर्जीवाड़ा, यहां तो खुलेआम मामा की सरकार के द्वारा छात्रों के भविष्य के साथ खेला जा रहा है. कुछ छात्रों का आरोप है कि सरकार ने शिक्षा माफियों को लाभ दिलाने के लिए नर्सिंग कोर्स की कालेजों को मान्यता देकर प्रदेश के छात्रों को गुमराह कर नर्सिंग कोर्स करवा दिया और जब नियुक्ति की बात आई तो मुकर गई शिवराज सरकार. लाखो रूपये और सालों की मेहनत खर्च कर कोर्स करने वाले   छात्र ठगी का शिकार महसूस कर रहें है. शिक्षा माफियों की गिरफ्त में पड़ी सरकार को प्रदेश की पीडित जनता से कोई सरोकार नही है.

भोपाल पहुचे सैकडो़ नौकरियां मांगने जा रहे नर्सिंग के अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर डाला। वो शिवराज सीएम को केवल यह याद दिलाने जा रहे थे कि मप्र में छात्रों को नर्सिंग कोर्स पढ़ाए तो जा रहे हैं परंतु अस्पतालों में पुरुष नर्सों के लिए भर्ती नहीं निकाली जा रही। वो किसी भी प्रकार का उत्पात नहीं मचा रहे थे, फिर भी पुलिस ने व्यापम घोटाले में सरकार की छीछी होने की खीच यहां लाठीचार्ज कर इन छात्रों को शिकार बनाकर पूरी कर ली .

नर्सिंग छात्र संगठन के संस्थापक और अध्यक्ष गोपाल पाराशर के मुताबिक, पिछले 5 साल से सरकारी क्षेत्रों में भर्ती पर रोक लगी हुई है। इस संबंध में संगठन स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा से लेकर मुख्यमंत्री तक कई बार ज्ञापन दे चुका है, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला। इसी मांग को
लेकर संगठन ने गुरुवार को सीएम हाउस घेरने की कोशिश की थी।

छात्रों पर लाठीचार्ज का विरोध करते हुए " आपकी आवाज " सामाजिक संगठन के मप्र प्रदेशाध्यक्ष विनय जी. डेविड ने कहा की जब सरकार ने इनसे लाखों रुपये खर्च करवाकर कोर्स करवाया है तो इनको तुरंत नियुक्ति दी जाना चाहिये, सीएम शिवराज सिंह के भाषण सूनने पर एेसा लगता है जैसे अाज ही डाक्टर, इंजीनियर, शिक्षक बन जायेगे परन्तु यर्थात देखने में यही आता है की कोई संवैधानिक व्यवस्था नहीं मात्र लफफाजे बाजी है. इससे प्रदेश की छवि बारबार धूमिल हो रही है. सरकार समय रहते शीघ्र कदम उठाये और इनकी जायज मांगों को मानकर नियुक्ति दे ताकी प्रदेश की जनता को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिले.

ये स्टिंग हैं या षडयंत्र

Present by - toc news

-स्टिंग आॅपरेशन्स से आजिज आया उत्तराखंड
-हवा में तैर रही हैं कई दिग्गजों के  स्टिंग की चर्चाएं
- उठ रहे हैं सवाल, आखिर क्यों दबे रह जाते हैं स्टिंग्स

देहरादून.मुख्यमंत्री हरीश रावत के सचिव के एक स्टिंग आॅपरेशन सामने आने के बाद सूबे की सियासत में तूफान मचा है। आपदा राहत घोटाले को लेकर पहले से ही हमलावर भाजपा की तो मानों मनचाही मुराद पूरी हो गई। भाजपा के लिये मुश्किलों की किलेबंदी कर रहे हरीश रावत पर प्रहार करने के लिये उसके हाथ स्टिंग की सीडी के रूप में एक नायाब ‘शस्त्र’ लगा है। आज के  समय की जो राजनीतिक संस्कृति है, उस हिसाब से विपक्ष में यदि कांग्रेस भी होती तो इसी मुद्रा में होती। मगर प्रश्न उन स्टिंग आॅपरेशनों का है, जो सियासी हवाओं में तैरते हैं और उजागर होने से पहले ही बुलबुले की मानिंद गायब हो जाते हैं।

इत्तेफाक से जो सार्वजनिक होते भी हैं, उनके पीछे की मंशा पर सवालों के घेरे में होती है। दिक्कत स्टिंग आॅपरेशन्स की नहीं है, उन षडयंत्रों से है जो सार्वजनिक तो जनहित के नाम पर होते हैं, लेकिन उनके पीछे की हकीकत बेहद स्याह होती है। जहां तक हाल ही में उजागर हुये स्टिंग आॅपरेशन का सवाल है तो वह एक अफसर को कथिततौर पर आबकारी नीति के नाम पर डील करने की ‘इनसाइड स्टोरी’ को तो बता रहा है, मगर कुछ सवालों पर मौन है। मसलन, ये स्टिंग किस समय का है?  दरअसल, उत्तराखंड राज्य स्टिंग आॅपरेशन्स से आजिज आ चुका है।

पिछले एक-दो साल में ही तीन स्टिंग आॅपरेशन सामने आ चुके हैं जिनमें राज्य एक विधायक और आईएएस अफसर समेत सचिवालय के दो अफसर लपेटे में आ चुके हैं। परेशान स्टिंग आॅपरेशनों से नहीं है, सवाल इनके खुलासे की ‘टाइमिंग’ को लेकर है। ज्यादा वक्त नहीं गुजरा जब राजधानी में एक कैबिनेट मंत्री के स्टिंग की सीडी उजागर होने की चर्चाएं तैर रही थीं। ऐसा लग रहा था कि देर-सबेर सीडी जारी हो ही जाएगी। लेकिन सीडी आज तक जारी नहीं हुई, क्यों? यही वह सवाल है जो स्टिंग आॅपरेशन की मंशा से जुड़ा है। वह राजनीति हो या कार्यव्यवस्था इनमें शुचिता, निष्ठा और ईमानदारी तो होनी चाहिए।

भ्रष्ट और कदाचारियों को बेनकाब करने के लिये स्टिंग उचित इलाज है। लेकिन क्या उत्तराखंड में स्टिंग आॅपरेशनों इसी मंशा से अंजाम दिया जा रहा है? यदि मंशा साफ है तो ये स्टिंग तभी क्यों नहीं जारी हो जाते हैं जब इन्हें अंजाम दिया जाता है। इन्हें जारी करने के वक्त का इंतजार क्यों किया जाता है? इससे बड़ा सवाल उन स्टिंग आॅपरेशनों का है जिनकी चर्चाएं तो हवाओं में तैरती हैं, लेकिन वे कभी बाहर नहीं आ पाते? लंबे समय से कहा-सुना जा रहा है कि दर्जन भर स्टिंग आॅपरेशन कैमरों में कैद कर लिये गए हैं? उन्हें जारी करने का अब सही वक्त नहीं आया है।

जैसे-जैसे राज्य में विधान सभी चुनाव नजदीक आएंगे, वैसे-वैसे स्टिंग आॅपरेशनों के जारी होने की चर्चाएं जोर पकड़ेंगी। हो सकता है कि इक्का-दुक्का स्टिंग आॅपरेशन जारी हो भी जाएं। मगर सवाल मीडिया का है, जो स्टिंग आॅपरेशन की मिसाइलें दागने के का ‘लांचिंग पैड’ बनकर रह गया है, मगर आॅपरेशन के सारे साइड इफेक्ट्स उसके खाते में दर्ज हो जाते हैं। यह स्टिंग आॅपरेशन की सनसनी में खो जाने का ही समय नहीं है बल्कि उसके पीछे के षडयंत्र को समझने की भी जरूरत है कि क्या वास्तव में ये जनहित में है?

रिपोर्ट-शाकेब रिज़वी पत्रकार देहरादून