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Friday, August 27, 2010

बालाघाट जिले में नकली खाद का कारोबार जोरों पर

जिला प्रशासन एंव कृषि विभाग की चुप्पी
जिला प्रतिनिधि // डी. जी. चौर चौरे(बालाघाट // टाइम्स ऑफ क्राइम)
जिला प्रतिनिधि से सम्पर्क 93023 02479
बालाघाट मुख्यालय से संपूर्ण जिले में नकली खाद एंव खाद के दामों में काला बाजारी जोरों से चल रही है। प्रशासन के अक्षमता के चलते कृषि विभाग के अधिकारी जांच के उपंरात बगैर कार्यवाही किये लेन देन के साथ नकली खाद बेचने वालों के गोदामों को बिना सैम्पल लिये छोड़ रहे है। बिते 15-20 दिनों में नकली खाद के मामले बनाने वाले कृषि विभाग के अधिकारियों बैहर, परसवाड़ा और बालाघाट में बिना प्रकरण बनाया छोड़ दिया जा रहा है। इस संबंध में उपसंचालक कृषि ने भी सक्त कदम उठाने की बात कही है। पंरतु नीचले अमले के सांठ-गंाठ के चलते किसानो को नकली खाद उपलब्ध करायी जा रही है।नकली खाद पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के सम्पद जिले से आकर बालाघाट में ही बोरियों में पैक किया जा रहा है। इन कंपनीयो के न कोई ब्राण्डं है। न कोई नाम है इतना ही नही किसी भी खाद को बेचने के लिये संबंधित कंपनियों द्वारा पी।सी।बी। नम्बर दिया जाता है। और बगैर नम्बर के बेचे जाने वाले खाद के बिल नही होते और खुले बाजार में बिना बिल के खाद कई गुनी कीमत पर खाद की कमी होने के कारण बिक रही है। और सरकार को विक्रय कर का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
-- काला बाजारी का माध्यम बना पी। सी. बी. --
विक्रय कर की चोरी करते हुये अवैध रूप से अन्य स्थानो की पी.सी.बी. नम्बर की खाद लाकर बिक्री की जा रही है और एक बोरी के पीछे 200 रू. से 300 रू. तक अतिरिक्त वसूल किया जा रहा है। खाद कि काला बाजारी के पीछे प्रशासन की पकड़ न होना कार्यवाही को दबा देने और मात्र कृषि विभाग को जिम्मेदारी सौंपना और कृषि विभाग ने जांच को विशेष महत्व न देना, कालाा बाजारी का कारण बन रहा है। जिले के किसान काला बाजारी की मार झेल रहे है चूंकि प्रायवेट डीलर को कम्पनी द्वारा रेक पंाइट से खाद दी जा रही है और जबलपुर से बालाघाट और बालाघाट से दूर दराज तक खाद के प्रत्येक बोरी के पीछे 10 रू. से लगाकर 50 रू. का भाड़ा खर्च आ रहा है। और सप्लाय भी स्थानीय डीलरो को कम दी जा रही है इसकी वजह से गोंदिया के महाराष्ट्र तथा जबलपुर से खाद लाकर अवैध रूप से बगैर बिल के खाद की बिक्री हो रही है इसमें एन.एफ.एल और पी. एफ. एल. कम्पनी के खाद में भारी में भारी काला बाजारी हो रही है।
-- नेवरगांव में 365 के वसूले 575 --
पी.एफ.एल कम्पनी की 202013 नम्बर की खाद 365 रू. प्रति बोरी में बिक्री की कीमत है पंरतु डेकाटे कृषि केन्दऊ नेवरगांव में उक्त खाद बगैर बिल के दुकानदार द्वारा ब्लैक मार्केट से मंहगी कीमत में खरीदी गई है और 575 रू. में दुकानों को दिये जाने की जानकारी मिली हैं। इस संबंध में पी.एफ.एल कंपनी के स्थानीय अधिकारी राजीव मेहता ने किसानो के शिकायत पर कुछ किसानो को 210 रू. प्रति बोरी के हिसाब से राषि वापस दिलवाई है। इस बात की पुष्टि कंपनी के क्षेत्रीय डीलर द्वारा भी की गई है। बिना पी.सी.बी के ब्लैक मार्केट से आयी खाद पर नेवरगांव में किसानों को रकम कपंनी के प्रतिनिधि ने वापस दिलाई है। खाद विक्रेताओं को कहना है कि अधिकृत डीलरो को कंपनी द्वारा बहुत कम मात्रा में खाद दी जा रही है अत: अपने ग्राहक को ही खाद की पूर्ति करना संभव नही है। ज्यादा चलने वाली खाद के साथ कम बिकने वाली खाद टिकाई जा रही है। इसके चलते काला बाजारी करने के लिये मजबूर है और कंपनी ने खाद एफ. ओ.आर एक पांइट कर दिया है जिसकी वजह से भाड़े की मार पड़ रही है और कंपनी की कीमत पर खाद बेचना संभव नही है।
-- जबलपुर से डिलेवरी जबकि रेक पंाइट बालाघाट है --
बालाघाट मे रेक पांइट होने के बावजुद जबलपुर मे ंखाद की रेक लगाई जाती है और कंपनियो ने रेंक पांइट तक एफ. ओ.आर दिया है। और जबलपुर से बालाघाट, वारासिवनी, कंटगी, लांजी, बैहर, डीलरो को भाड़ा देकर खाद बुलानी पड़ती है और डीलर से खाद लेकर गांव-गांव मे ंबेचने वाले छोटे विक्रेताओ को भी भाड़ा देना पड़ता है। इस तरह भाड़े के रूप में 50 रू. प्रति बोरी का अतिरिक्त खर्च आ रहा है। जो कि पूर्व में एफ. ओ.आर डीलर के गोदामों तक दिया जा रहा था इस तरह परिवहन व्यय ना जोडऩे से खाद की बिक्री मूल्य से अधिक कीमत पर हो रही है।

पंचायत सचिव की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा

फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर किया उच्च न्यायालय को गुमराह
ब्यूरो प्रमुख// सवित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 98262 ८५५८१
अशोक नगर। जिला मुख्यालय से 15 कि.मी. दूर वाबूपुर पंचायत में पंचायत सचिव की नियुक्ति शासन के नियमानुसार जनपद पंचायत ने पंचायती राज अधिनियम की धारा 86/2 के अंतर्गत कर दी गई थी, लेकिन पंचायत के तात्कालीन सरपंच एवं कुछ दबंग साथियों के द्वारा उक्त नियुक्ति के खिलाफ अभियान चलाकर अपने किसी करीबी को नियुक्त कराने के लिये फर्जीबाड़ा कर नियुक्त पंचायत सचिव को पद से प्रथक करने का अथक प्रयास कर माननीय उच्च न्यायालय को गुमराह किया जा रहा हैं। वाक्या इस प्रकार हैं वावूपुर पंचायत के तात्कालीन सचिव चंद्रपाल सिंह पुत्र रणवीर सिंह ने हमारे संवादाता को बताया कि हमारी पंचायत में पंचायत सचिव की भर्ती के लिये एक विज्ञप्ति का प्रकाशन तत्कालीन सरपंच कल्लू आदिवासी द्वारा कराया गया था जिसमें उक्त पद की भर्ती के लिये 6 आवेदन देवेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, अरूण कुमार, रणवीर सिंह, चंद्रपाल सिंह, सुमत कुमार प्राप्त हुये थे। इस नियुक्ति के संंबंध में ग्राम पंचायत ने दिनांक 1.2.07 को पंचायत की बैठक रखी थी, जिसमें प्रस्ताव ठहराव पारित कर बहुमत के आधार पर अरूण कुमार उर्फ चंद्र पाल सिंह की नियुक्ति पंचायत सचिव के पद पर की गई थी। अन्य आवेदको ने उक्त पद के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में पिटीशन दायर कर दी, जिसके संज्ञान में माननीय न्यायालय द्वारा पंचायत सचिव की नियुक्ति को बहुमत के आधार पर करना अवैध ठहराया गया, जिसे निरस्त करते हुये मेरिट के आधार पर नियुक्त करने का आदेश दिया। मगर जब पंचायत सचिव की नियुक्ति माननीय न्यायालय द्वारा आदेशित प्रक्रिया के द्वारा की गई तो सभी आवेदकों में से चंद्रपाल सिंह पुत्र रणवीर ङ्क्षसह यादव के अंक सर्वाधिक निकले, लेकिन पंचायत में कोरम के अभाव में मीटिंग ना होने के कारण चंद्रपाल सिंह को नियुक्ति से वंचित करने का प्रयास किया गया। मगर जनपद पंचायत अशोकनगर ने पंचायती राज अधिनियम की धारा 86/2 के अंतर्गत आवेदक चंद्रपाल सिंह पुत्र रणवीर सिंह को ग्राम पंचायत वावूपुर का पंचायत सचिव नियुक्त करने का आदेश कर दिया, लेकिन एक आवेदक रणवीर सिंह जिसने उक्त नियुक्ति में अपना आवेदन दिया था, ने तात्कालीन सरपंच कल्लू आदिवासी एवं गांव के ही कुछ दबंग लोगों के साथ मिलकर नियुक्त पंचायत सचिव के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर पद से पृथक कराने का अथक प्रयास कर रहे हैं। नियुक्त पंचायत सचिव चंद्रपाल सिंह ने आगे बताया कि जिस समय यह भर्ती प्रक्रिया हुई थी उस समय कुल छह आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें रणवीर सिंह संधू की पत्नि अमनदीप कौर का आवेदन नहीं आया था, क्योंकि भर्ती प्रक्रिया 29.01.07 में हुई थी, और रणवीर सिंह की शादी 27.04.08 हुई हैं। और उस समय अमनदीप कौर का नाम गांव की मतदाता सूची में दर्ज नहीं था, लेकिन अमनदीप कौर और उसके पति रणवीर सिंह संधू ने उक्त नियुक्ति के खिलाफ फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर माननीय उच्च न्यायालय में पीटीशन दायर कर गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा हैं। पंचायत सचिव चंद्रपाल सिंह ने जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से अपील की हैं कि तात्कालीन सरपंच कल्लू आदिवासी, अमनदीप कौर, रणवीर सिंह संधू, मंजीत ङ्क्षसह संधू के खिलाफ प्रकरण दर्ज करें। जिससे इन लोगों को अपने द्वारा न्यायालय में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर गुमराह करने की सजा मिल सकें और मुझे पंचायत सचिव के पद पर कार्य करने का मौका मिल सके।

कश्मीर नहीं देंगे, जान दे देंगे. गांधी चौक पर सभा में कहा - देशराज सिंह

ब्यूरो प्रमुख// सवित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)

ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 98262 85581
अशोक नगर।
प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत भाजपा द्वारा जिला मुख्यालय गांधी पार्क पर शनिवार को कश्मीर बचाओं , धारा 370 हटाओं, एक देश दो कानून को लेकर धरना प्रदर्शन आम सभा का आयोजन किया गया । कार्यक्रम दोहपर 12 बजे से गांधी पार्क पर प्रांरभी हुआ। जिसमें वक्ताओं ने कहां कि केंद्र सरकार सरेआम देश को बेच रही हैं। कश्मीर में जो हो रहा हैं उसे सरकार आंखे मूंदकर देख रही हैं। जिस वक्त देश आजाद हुआ था उस समय कश्मीर में 2 लाख कश्मीरी पंडित निवास करते थे लेकिन आज देखने में आया हैं कि मात्र चार हजार पंडित वर्तमान में रहते हैं। अपने हीं देश में मुंह छुपाकर रहने को मजबूर हैं। पंडित जवाहर लाल नेहरू की करनी और कथनी का परिणाम कश्मीर की जनता भुगत रही हैं। केंद्र सरकार ने एक कानून नहीं बदला तो, एक देश में दो कानून लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी नहीं चलने देंगी। इसके लिए चाहें कार्यकर्ताओं को अपने प्राणों की आहूति क्यों? न देनी पडें। इसी तारतम में भाजपा के वरिष्ट एवं मंडल अध्यक्षों ने भी सैकडों की संख्या को संबोधित किया। सभा में उपस्थित प्रदेश मंत्री ओमप्रकाश खटीक, जिलाध्यक्ष भानू सिंह रघुवंशी, विधायक देशराज सिंह यादव, लड्डूराम कोरी, नपाध्यक्ष जजपाल सिंह जज्जी ,नपाध्यक्ष गोपाल कोली चंदेरी, राजेंद्र सिंह चौहान, डा. जयमंडल सिंह यादव, मनोज कलाकार, मुकेश कलावत, नीरज मनोरिया, कैलाश खैरा, आलोक बरैया जिला संगठन मंत्री पन्नालाल जैन, मलकीत सिह संधू, इसके साथ जिला महिला मोर्चा की कार्यकर्ता भी बडी संख्या में उपस्थित थी।

नवजात शिशु अस्पताल, मां जेल

ब्यूरो प्रमुख// सवित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 98262 85581
अशोक नगर। जिला मुख्यालय से 10 कि.मी. दूर दियाधरी ग्राम में आज के कलयुगी मां ने बच्ची को जन्म देकर गहरे गढ्ढे मे फैंक दिया। वाक्या इस प्रकार हैं कि दियाधरी गांव में अपनी रिश्तेदारी में रहने के लिए आयी लड़की पिछले दो माह से अपने जीजा रणवीर सिंह लोधी के यहां रह रही थी। उक्त लड़की द्वारा अपने पाप को छुपाने के लिए लडकी को जन्म देकर कलयुगी मां ने उसे गहरे गढढे में फैंक दिया, जिससे उसके द्वारा किये गये नाजायज पाप का समाज को कोई अता-पता न चले। लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। जाको राखें सायें मार सके न कोय, बाल न बांका कर सकेे यह कहावत चितार्थ हो गई। क्योंकि उसकी मां द्वारा तरह से फैंकना । लेकिन बच्ची गढ्ढे के किनारे लगी झाडिय़ों पर लटक गई। रास्ते से गुजरने वाले राहगीर देवचंद साहू ने बच्च्ी के रोने की आवाज सुनी तो उसने झाडियों में देखकर नवजात को उठाकर गांव के अन्य लोगों अशोक साहू, शिवचरण ओझा, पूरन सिंह यावद को सूचना दी सभी लोगो ने मिलकर थाने में सूचना दी एवं नवजात को अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने उक्त महिला पर प्रकरण दर्ज कर जेल भेज दिया हैं। नवजात बालिका अस्पताल में हैं।

दलित छात्रों को प्रताडि़त करने वाले अतिथि शिक्षक को हटाने के निर्देश

ब्यूरो प्रमुख// सवित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 98262 85581
अशोक नगर। दंगाई के सरकारी स्कूल में दलित वर्ग के छात्र-छात्राओं से भेदभाव बरते जाने और मारपीट किए जाने की घटना के बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल में पदस्था अतिथि शिक्षक को हआने का फैसला लिया हैं। बच्चों से मारपीट किए जाने का मामला गुरूवार के दिन का हैं। स्कूली बच्चों ने कोतवाली पहुंचकर मारपीट के मामले में आवेदन दिया था और पुलिस ने मेडीकल भी कराया। इसके बाद हरकत में आए शिक्षा विभग के जिला अधिकारी एसके दुबे जांच के लिए डंगाई गांव पहुंचे। शुक्रवार की दोहपर को स्कूल पहुंचकर डीईओ एसके दुबे ने पीडित के बयान दिया। दलित वर्ग के इन छात्र-छात्राओं ने डीईओ के सामने वहीं सारे आरोप लगाए जो उन्होंने पुलिस के समक्ष लगाए थे। बच्चों ने साफ-साफ कहां कि शिक्षक उनसे भेदभावपूर्ण व्यवहार करते हैं और जातिगत दुर्भावना रखते हैं। दलित छात्रों का आरोप रहा कि उन्हें फर्श पर नहीं बैठने दिया जाता हैं। नीचे बैठने के लिए जगह दी जाती हैं। गुरूवार को फर्श पर बैठने पर ही अतिथि शिक्षक ने बेरहमी से पिटाई की। शिकायत करने वाले छात्र-छात्राओं में प्रमुख रूप से दुर्गेश, रोहित, छोटू, प्रदीप, कृष्णगोपाल, श्यामसंदर, देवीङ्क्षसह, हल्के, साक्षी, राजदुलारी, सहित करीब 14 बच्चें शामिल हैं।

लोन दिलाने वाले ठग पुलिस की गिरफ्त में

ब्यूरो प्रमुख// सवित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 98262 85581
अशोक नगर। जिले के अंतर्गत आने वाली चंदेरी तहसील की नगरपालिका में काफी अनियमितताऐं देखने को मिलती हैं। यहां पर स्थाई कर्मचारी कई वर्षों से पदस्थ हैं। इनको राजनैतिक शरण मिलने के कारण इनका स्थानांतरण नहीं होता हैं। जिससे भ्रष्टाचार को बढावा मिलता हैें। यहां के कर्मचारी कोई भी कार्य कराने में उपभोक्ता को काफी परेशान करते हैं। यहां पर सूचना के अधिकार के तहत कोई जानकारी मांगी जाती हैं तो नहंी दी जाती हैं। यह आरोप वी।पी।एल। टाईमर के संवाददाता, राजू जैन पार्षद ने लगाया हैं। जो सहीं हैं। चंदेरी में गंदगी का माहौल बना हुआ हैं। बीमारी फैल रही हैं, पर सी.एम.ओ अधिकारी हमेशा एकाउन्टेंट के पास बैठे नजर आते हैं। नगर की उन्हें कोई चिंता ही नहीं हैं। उन्हें चैको पर हस्ताक्षर करने की चिंता ज्यादा हैं। मिठाईयों की दुकानों पर खाने का सामान खुला पडा रहता हैं। वहीं सामान बिक रहा हैं। खाने के सामान पर कईं मक्खियां भिन-भिनाती दिखाई देती है। उन्हें बेचने से या सफाई से ढक कर रखवाने वाला प्रशासन मौन बैठा हैं। इस नगर पालिका में नये-नये चेहरे देखने को मिलते हैं कब यहां पर भर्ती हो जाती हैं किसके आदेश से होती हैं कोई पता ही नहीं हैं। यदि अधिकारी किसी कार्य से कार्यालय से बाहर जाता हैं, तो कार्यालय के कमरों में ताले लगे नजर आते हैं। सडकों पर गंदगी से मच्छरों की आवादी अधिक बढ़ रही हैं। फिनायल भी नाम मात्र ही डलवाया जाता हैं। बंदरों का आतंक इस नगर में बहुत फैल गया हैं आयेदिन किसी न किसी को कांटते रहते हंंैं। सैकडों की तादात में बंदर इस नगर में हैं सभी बंदर शहर में ही घूमते व उत्पाद करते नजर आते हैं। पर कोई भी प्रशासन अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा हैं। जो आगे बहुत खतरनाक स्थिति में इसका परिणाम सामने आ सकता हैं। नगरवासी अपनी छतों पर नहीं जा पाते और न हीं कोई बच्चे अपने छतों पर बंदरों के डर की बजह से नहीं जा पाते हैं। इस न तो नगरपालिका, न हीं रेंज और न हीं राजस्व अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहा हैं। वहीं पानी गिरने के बाद भी नलों की स्थिति खराब बनी हुई हैं दो दिन बाद पानी मिल रहा हैं।चंदेरी नगरपालिका अध्यक्ष ने चंदेरी में गर्मीयों में हर मोहल्लेें में वार्ड वाई वार्ड सिंटेक्स की टंकी पानी के लिए रखवाई थी। कई हजार रूपये से आई टंकी आज उनकी देख-रेख नहीं हो रही हैं। उनकी टोटियां, पाइप लोग निकाल ले गये हैं। कुछ पार्षदों ने तो इस टंकी का पूर्ण लाभ लिया हैं। जो वार्ड के मोहल्ले में रहने वाले लोग नहीं ले पाये। नगरपालिका अध्यक्ष नगर में कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं जिससे जनता असंतुष्ट हैं।

Thursday, August 26, 2010

अशोक नगर - लोन दिलाने वाले ठग पुलिस की गिरफ्त में

ब्यूरो प्रमुख// सवित्री लोधी(अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 98262 85581
जिले मुुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लोन दिलाने का झांसा देकर दर्जनों लोगों को ठगने वाले दो युवकों को आरोपी का शिकार हुए लोगोंं ने ही सूझबूझ से पकड़कर पुलिस के हवाले किया। युवक मुकीम और इमरान रहने वाले कहां के हैं किसी को पता नहीं, लेकिन लंबे समय से बैंकों के दलाल बनकर लोन दिलाने का झांसा देकर लोगों से ठग कर रहे थे। इन दोनों युवकों ने शुक्रवार को मुंगावली के जुगयानी मोहल्ला निवासी कुछ लोगो को बातों में लेकर लोन दिलाने की बात कहते हुए 315 रूपए प्रत्येक व्यक्ति से ले लिए। इसके बदले लोन के आवेदन फार्म पर हस्ताक्षर कराएं और 35 हजार रूपए लोन दिलाने की बात बताई। मुंंगावली निवसी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि ठगों ने जब कई अलग-अलग लोगों से रूपए लेकर फार्म भरवाए तो शक हुआ। इस दौरान युवक वहां से भाग निकले। इसके बाद यह सभी लोग अशोकनगर आ गए और पुलिस पेट्रोल पंप पर दोनों ठगों की इज्जत का पंचनामा बनाते हुए थाने ले गए और पुलिस के हवाले कर दिया। अखाई टप्पा निवासी सीताराम रघुवंशी ने भी कोतवाली पहुंचकर ओराप लगाया कि उक्त दोनों आरोपियों ने एक साल पहले किसान के्रडिट कार्ड बनवाने का झांसा देकर 4500 रूपए लिए थे। आज तक न के्रडिट कार्ड बना और न रूपए वापस दिए। थाने पहुंचकर मुंगावली निवासी रमेश, सनमान सिंह, सीताराम, दशरथ ने पुलिए को दिए आवेदन में आरोपियों के खिललाफ कार्रवाई की मांग रखी हैं। कोतवाली टीआई जनवेद सिंह के अनुसार लोगों की शिकायत पर उक्त दोनों युवकों को हवालात में बंद कर दिया हैं। इस मामले की जांच की जा रही हैं।

जन शिकायत

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अम्बिकापुर सरगुजा में फार्मासिस्टर ग्रेड-02 में नियुक्ति में नियुक्ति में बड़ी विभिन्ता उजागर


उपरोक्त विषय के सन्दर्भ में निम्न निवेदन व लेख यह है कि- 1. आपके अधिनस्थ मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के द्वारा फार्मासिस्टर ग्रेड-02 के नियुक्ति में कई जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के द्वारा कहीं पे फार्मासिस्टर की अंकसूची में प्राप्त अंक को मेरिट मान कर नियुक्ति आदेश दिया गया है जैसे कि-जिला कोरिया तो कही पे लिखित एवंं साक्षात्कार का आयोजन कर प्राप्त अंको एवं फार्मास्टिर की अंक आदि को सम्मिलित कर मेरिट अंक मान कर नियुक्ति आदेश देने का प्रावधान रखा जा रहा है। जैसे कि- जगदलपुर में दिनांक 21.08.2010 को लिखित परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रकार अपने-अपने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने-अपने मनमाने ढग़ से कार्य करने से नियुक्ति में बड़ी विभिन्ता उजागर सामने आ रही है। 2. लिखित परीक्षा व साक्षात्कार से फार्मासिस्ट उम्मीदवारों का व्यक्तित्व एवं कार्य शैली की जानकारी प्राप्त होगी। अत: आप से अनुरोध है कि बिना भेदभाव अपनाये रघुनाथ जला चिकित्सालय अम्बिकापुर सरगुजा में अगस्त या सितम्बर 2010 में फार्मासिस्ट की नियुक्ति करने के पूर्व समस्त उम्मीदवारों का लिखित परीक्षा आयोजित एवं साक्षात्कार में कुछ प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट सूची पर फार्मासिस्ट की नियुक्ति कराने का निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अम्बिकापुर जिला सरगुजा छ.ग. को देने का कष्ट करें ताकि नियुक्ति की प्रक्रिया संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ में एक समान (एकरूपता) रहे ताकि समस्त फार्मासिस्ट उम्मीद्वारों के साथ न्याय हो सके और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा मनमाने ढंग से की जा रही नियुक्ति पर रोक लग सके। भवदीय, पकंज कुमार पटेल, अमित केशरी निखिल कुमार सिंह, नरेश कुमार पटुल, आशीष गुप्ता, फार्मासिस्ट उम्मीदवारों/छात्रगण

दुराचारी शिक्षक को घमापुर पुलिस ने दबोचा

प्रतिनिधि // उदयसिंह पटेल (जबलपुर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रमुख से सम्पर्क : 93298 48072
उल्लेखनीय है कि होशंगाबाद जिले के पिपरिया थानान्तर्गत शासकीय स्कूल की आदिवासी शिक्षका का यौन शौषण कर फरार हुये शिक्षक को घमापुर पुलिस ने सिद्ध बाबा क्षेत्र के एक मकान से गिरफ्तार किया। शिक्षक ने पुलिस को चकमा देने का काफी प्रयास किया किन्तु पुलिस के सामने उसकी होशियारी नहीं चली। अत: गिरफ्तार शिक्षक को होशंगाबाद ट्रान्सफर किया जा रहा है। घमापुर थाना प्रभारी नरेश शर्मा ने बताया कि पिपरिया के सरकारी स्कूल में पचमढ़ी निवासी सिमी झारिया (बदला हुआ नाम) शिक्षिका हैं। सिमी को उसके साथी शिक्षक कमलेश पुरोहित ने शादी का प्रलोभन देकर कई महिनों तक दैहिक शोषण किया। किन्तु जब सिमी गर्भवती हो गई तो कमलेश ने शादी से इंकार कर दिया और भावनाओं में बहलाकर उसका विवाह एक आदिवासी युवक से करवा दिया। उल्लेखनीय है कि शादी के बाद जब सिमी के पति को सगााई का पता चला तो उसने सिमी को छोड़ दिया। जानकारी के अनुसार विगत 3 जुलाई को सिमी कमलेश के पास पहुंची तो पीडि़ता को पता चला कि आरोपी कमलेश का भी विवाह हो चुका है, उसके बाद पीडि़ता ने अपने हाथ की नसें काटकर आत्महत्या का प्रयास किया था। अत: होशंगाबाद पुलिस ने सिमी की रिपोर्ट पर आरोपी शिक्षक पर धारा 374.3 (2) 5 एस.टी.एस.सी. एक्ट के तहत मामला कायम कर लिया था। तभी से दुराचारी शिक्षक कमलेश फरार था। पुलिस के अनुसार 18 अगस्त की रात मुखबिर की सूचना पर कमलेश को गिरफ्तार किया गया तथा होशंगाबाद अजाक थाने से उक्त आरोपी के संदर्भ में जानकारी ली गई तो पूरा मामला खुल गया अत: जबलपुर पुलिस ने आरोपी कमलेश को विगत 19 अगस्त को कोर्ट में पेश कर उसे होशंगाबाद पुलिस के सुपुर्द कर दिया।

आरोपी को आठ वर्ष का कारावास

रिपोर्टर// बलराम शर्मा (सिंगरौली// टाइम्स ऑफ क्राइम)
रिपोर्टर से सम्पर्क : 99263 33470
स्थानीय अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रकरण क्र. 72/2007 के संबंध में विस्तृत जानकारी एजीपीओ जितेन्द्र पाण्डेय ने दी। उन्होंने बताया कि माड़ा थाना अंतर्गत गोटिया ग्राम निवासी कृष्णा प्रसाद उर्फ राम किशन यादव पिता राज सृजन यादव उम्र तीस वर्ष पेशा मजदूरी करता था। उसके विरूद्ध माड़ा के कोटिया ग्राम निवासी एक फरियादिया ने लिखाया कि घटना दिनांक 16 फरवरी, 2009 को शाम चार बजे अपने घर में पढ़ रही थी। इसी दौरान आरोपी राम किषुन यादव घर में जबरन आ धमका। अकेली देख वह फरियादिया से लिपट गया। ज बवह चिल्लाना चाही तो गमछा से मुॅंह बन्द कर दिया। वहीं कुछ देर में उसकी भाभी घास लेकर आई तो घर में हरक्कत की आवास सुन पूछा कौन है। आरोपी ने इस दौरान मेरा मानमर्दन व ज्यादती कर डाली व भाग खड़ा हुआ। पुलिस ने आरोपी को 376/1, 450 के तहत गिरफ्तार कर लिया। वहीं उसे तथा फरियादिया को चिकित्सकीय परीक्षणार्थ जिला चिकित्सालय भेजा। वहीं प्रकरण का चालान न्यायालय बैढऩ में प्रस्तुत किया था। उधर सत्र न्यायालय में इस गंभीर मामले की अनवरत सुनवाई जारी रही। न्यायालय में सबूतों तथा गवाहों का साक्ष्य दर्ज कराया गया। सत्र न्यायालय ने आरोपी की सजा के संदर्भ में परिस्थिति व अन्य हालातो सहित समाज व सजा में संतुलन पर भी विचार न किया। वहीं आरोपी का दोष सिद्ध पाये जाने पर भादस की धारा 376-1 के तहत अभियुक्त कृष्णा प्रसाद उर्फ रामकिषुन निवासी को गोटिया थाना माड़ा को आठ वर्ष के सश्रम कारावास भुगताये जाने का आदेष बुधवार को एडीजे प्राणेष कुमार प्राण ने पारित किया। वहीं 5 सौ रूपये के अर्थदण्ड से भी इण्डित किए जाने का निर्देष जारी किया है। वहीं धारा 450 के अंतर्गत आरोपी को छ: वर्ष का कारावास एवं पॉंच सौ रूपये का अर्थदण्ड भी अदा कराये जाने का आदेश दिया। अर्थदण्ड अदा न करने पर एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगताये जाने का आदेश भी दिया है। दोनों सजाएं एक साथ चलेगी।

सिंगरौली. ट्रेन ट्रैक पर गार्ड का शव बरामद

रिपोर्टर// बलराम शर्मा (सिंगरौली // टाइम्स ऑफ क्राइम)
रिपोर्टर से सम्पर्क : 99263 33470
भरूहा ग्राम समीप हुए इस रेल हादसे में प्रथम दृष्टया पुलिस ने कोयला मालगाड़ी की चपेट में आने से हादसा होना बताया है। वहीं मृतक की शिनाख्त भरूहा ग्राम निवासी संविदा सुरक्षा कर्मी के रूप में हुई है। उधर मृतक के परिजनों ने संदेह जताते हुए जांच की मांग की है। प्राप्त जानकारी अनुसार भरूहा ग्राम निवासी नागेन्द्र्र सिंह पिता महादेव उम्र 25 वर्ष संविदा सुरक्षा कर्मी के रूप में यहां तैनात था। बीती रात वह ड्यूटी पर गया था। आज अल सुबह गांव के समीपी रेल ट्रैक पर उसकी धड़ कटी लाश देखी गई। सर्वप्रथम ड्यूटी पर उसके एक अन्य साथी द्वारा उसकी मृत शव देखना बताया जाता है। सूचना पल भर में समीपी गांवों तथा मृतक के परिजनों तक भी पहुंची। कुछ देर में ही वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। हादसे को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का वातावरण गर्म वहां रहा। सूचना पर वहां पहुंची पुलिस ने प्रथम दृष्टया इसे कोयला मालगाड़ी की चपेट में आने से हादसा मान रही है। मृतक नागेन्द्र्र सिंह के धड़ से कोयला मालगाड़ी गुजरने की संभावना पुलिस ने जताई है। मृतक का शव धड़ व कमर पृथक-पृथक बरामद घटनास्थल से किया गया। शर्ट विहीन धड़ तथा कमर पर पैंट वह पहने था। मृतक के साथी ने बताया ड्यूटी पर हम साथ थे। देर रात नागेन्द्र ने उसे कुछ आगे जाकर हालात पर नजर रखने को कहा, ऐसा उसके साथी ने पुलिस को बताया। जब वह वापस आया तो नागेन्द्र को मृत हालत में देख वह हतप्रभ रह गया। पुलिस ने पंचनामा उपरांत मर्ग कायम कर मृतक के शव को अन्त्यपरीक्षणार्थ जिला चिकित्सालय भेजा, जहॉं चिकित्सक संतोष कुमार ने परीक्षण उपरांत शव पुलिस व परिजनों को सौंप दिया। उधर मृतक के परिजन शर्ट विहीन लाश तथा वहां के हालात देख संदेह जताते हुए गहन जांच की मांग उठाई है।

चोरी का डीजल समेत तीन सुरक्षा प्रहरी गिरफ्तार

रिपोर्टर// बलराम शर्मा (सिंगरौली // टाइम्स ऑफ क्राइम)
रिपोर्टर से सम्पर्क : 99263 33470
प्राप्त जानकारी अनुसार कई दिनों से डीजल चोरी की शिकायतों के दृष्टिगत चोरों की तलाश में जुटी पुलिस ने खदान से लगभग 75 लीटर डीजल लेकर सफेद बोलेरो से भाग रहे चोरो के सामने गाड़ी लगाकर गिरफ्तार कर लिया। टी.आई. अनिल उपाध्याय ने बताया कि तीनों आरोपी खदान में कार्यरत प्राइवेट स्पर्श सिक्यूरिटी के गाड्र््स है। इनके साथ बोलेरो क्र0 यूपी-71/एच-7613 के चालक अजय सिंह को भी गिरफ्तार किया गया। आरोपी गाडर््स संजय सिंह, विनोद सिंह व दिनेष सहित चालक के विरूद्ध धारा 379 व 3/7 ईसी एक्त के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। आरोपियों के कब्जे से 75 लीटर डीजी, पॉंच मीटर तेल निकालने का पाईप व टंकी खोलने वाला प्लास जप्त किया गया है। पुलिस की इस औचक कार्यवाही से डीजल चोरों में हड़कंप मच गया है। वहीं तीन गाडर््स के चोरी में शामिल होने पर एजेन्सी संचालक की भूमिका भी संदिग्ध हो गयी है।

बालाघाट में गंदगी से वार्ड वासियों का जीना हुआ मुश्किल

जिला प्रतिनिधि // डी। जी। चौरे(बालाघाट // टाइम्स ऑफ क्राइम)
जिला प्रतिनिधि से सम्पर्क 93023 02479
बालाघाट । नगरपालिका परिषद की बेहोशी के चलते खिन्न होकर चित्रगुप्त नगर के वार्ड वासियों द्वारा जिला प्रशासन के नाम अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला प्रशासन तक ज्ञापन सौंपा है। देवी तालाब के निचले इलाके चित्रगुप्त नगर में निवासरत लोगों का तालाब की गंदगी एंव पानी के विकासी के अभाव में जीना दुभर हो गया है। लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा इस संबध में कोई कारगार कदम नही उठाये जा रहे है। तालाब के आस-पास बजबजाती गंदगी के चलते लोगो को गंभीर बीमारी का खतरा बना हुआ है। गंदगी एंव जमा पानी के चलते डेंगुं एंव चिकनगूनिया के साथ ही अन्य बीमारियों की रोकथाम को लेकर नगर पालिका एंव प्रशासन के द्वारा कोई कारगार कदम नही उठाये जा रहे है जिससे जनता में भय एंव आक्रोष का वातावरण बना हुआ है। इस संबध में नगरपालिका अध्यक्ष एंव कलेक्टर को ज्ञापन सौपंा गया है बालाघाट षहर का मुख्य तालाब देवी तालाब एंव डोबरी तालाब सैप्टिक का रूप धारण कर लिया है। देवी तालाब के निकासी नाले से निकलने वाला गंदा पानी चित्रगुप्त नगर के एक बड़े प्लाट मे ंफैलने से हुआ है। यह प्लाट मालिक द्वारा इस हिस्से में मलवा डालकर दूसरे हिस्से में पानी खर्च होने से भयानक गंदगी का वातावरण फैल गया है इससे मच्छरों का प्रकोप समुचय वार्डो में पहुंच गया है। वही स्थिति शहर के अन्य स्थानों पर है जहां गदंगी का वातावरण एंव प्रदूषण से अनेक तरह के संक्रामक रोग फैल रहे है। सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की लंबी-लंबी लाईन डॉक्टरो के क्लिनिक में आसानी से देखी जा सकती है। इसके लिए न ही नगरपालिका की ओर से कोई सार्थक कदम उठाए जा रहे है। न ही कोई शिविर कराये जा रहे है। और ना ही जमा होने वाले गंदगी के लिए प्लाट मालिक के खिलाफ कोई कार्यवाही की जा रही है। नगर पालिका एंव जिला प्रशासन इस ओर विशेष ध्यान दें एंव वार्डवासियों एंव शहर की जनता को राहत दिलाकर उनके स्वस्थ करने की कामना करें।

मजदूरों को भुगतान नहीं होने से परेशानी

क्राइम रिपोर्टर//संदीप कुमार चौहान (मैनपाठ // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ग्राम जामकानी में मनघर के घर से तेंदुपारा तक सी.सी. रोड का निर्माण किया गया जिसमें मजदूरों ने कड़ती गर्मी में काम किया और बहुत मेहनत की यह कार्य मार्च में हुआ था और मार्च महीने की उस धुप में वे काम किये। परन्तु कार्य तो हो गया पर उसका पैसा आज तक भुगतान नहीं हुआ है। वहां के ग्रामवासियों के पास पुछताछ करने पर पता चला कि सरपंच लोग कार्य ताक करवा लिया पर आज तक उसका भुगतान उन्होंने नहीं किया है। इसकी वजह क्या हो सकती है। वे पैसे को खा गए या उधर से पैसा ही नहीं आया इसकी हम लोगों ने सरपंच सचिव से पुछताछ की तो उन्होंने हमे बताया कि पैसा ही नहीं आया तो कैसे भुगतान करेगें मजदूरों का तब हमने कहां तो उसका सी.ओ. के पास शिकायत करनी चाहिए तो वे चुप रहे अब वे बात को टाल रहे हैं। इसका मतलब वे पैसों का भुगतान किये बिना पुरा पैसा हलम कर दिया और इधर मजदूर परेशान हैं मजदूरों का कहना है कि हमने धुप में कार्य किया और भुगतान भी नहीं हो रहा तो हम परेशान हैं।

अम्बिकापुर में आंगनबाड़ी केन्द्रों में अव्यवस्था

पोषण आहार वितरण पर जनप्रतिनिधियों ने उठाए सवाल
ब्यूरो प्रमुख // राजेन्द्र कुमार जैन - (अम्बिकापुर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरों प्रमुख से सम्पर्क : 98265 40182 -
राजपुर ब्लाक में महिला एवं बाल विकास विभाग की लचर व्यवस्था एवं खाद्यान्न योजना, पोषण आहर योजना के उचित संचालन न होने से जहां आंगनबाड़ी केंद्रों की उपस्थिति प्रभावित हुई है, वहीं गर्भवती, धात्री महिलाओं के पोषण एवं स्वास्थ्य सुविधा पर भी प्रश्नचिन्ह है, पालक एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने विभागीय लापरवाही पर असंतोष जाहिर कर महिला परियोजना अधिकारी के कार्यों की जांच की मांग की है, राजपुर ब्लाक में पिछले दो वर्षों में महिला बाल विकास विभाग की आंतरिक व्यवस्था गुटबंदी और अधिकारी के तानाशाहीपूर्ण व्यवहार से पूरी तरह बिगड़ चुकी है, अब ये आलम है कि राजपुर क्षेत्र के कई ग्रामों में पोषण आहार वितरण, रेडी टू ईट फुट सप्लीमेंट का वितरण, नियमित रूप से गर्भवती, धात्री, किशोरी के लिए उपलब्ध पूरक पोषण आहार नियमित न होने या एकदम बंद होने की स्थिति है, राजपुर के करीब ही सरनापारा, छीरोपारा, ओंकरा, डीगननगर, पतरापारा, अमहरी कोरगी, बगाड़ी एवं परती, चिलमा, करवां गोपालपुर, सेवारी, डांडख़ड़आ, परसवार, तोनी भेंड्री, कोदौरा, लतकुड़, कौडू मांकड़, उफिया उलिया, आरा, घटगांव, सिधमा, बदौली, खोडरो, धंधापुर क्षेत्र में पोषण आहार रेडी टू ईट-(सत्तू) पैकेट न मिलने की शिकायत ग्रामीण महिलाओं ने की है। इधर कई आंगन बाड़ी केंन्द्रों में प्रत्येक मंगलवार के शिशु संरक्षण माह के दवा वितरण में कार्यकर्ताओं की खास रूचि नहीं और कई शिशु एवं माताओं को विटामिन ए कृमिनाशक, आयरन फोलिक एसिड, मच्छरदानियों का उपचारित नहीं किया गया है, नियमित टीकाकरण हेतु भी प्रचार प्रसार न होने से आदिवासी अंचलों में पात्र महिलाओं को नियमित पोषण एवं स्वास्थ्य सुविधाऐं सुलभ नहीं हो पा रही हैं, दूर दराज एवं पास के कुछ केन्द्रों में बगाों के लिए निर्धारित गतिविधियां नहीं होतीं, गर्मियों में कई केंन्द्र बंद पड़े हैं कई केंद्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की जगह सहायिका केन्द्र चला रही है। ग्रामीणों ने बताया कि रेडी टू ईट पोषण आहार का स्वाद और क्वालिटी अ'छी नहीं है और सतत मानीटरिंग न होने परियोजना अधिकारी के अम्बिकापुर निवास करने से केन्द्रों की व्यवस्था लचर है, और सुधार की जरूरत है।

वाहन पंजीयन में लाखों का घपला

कार्यालय के बाबूओं का कमाल, दलालों की मिलीभगत से किया फर्जी रजिस्ट्रेशन
उज्जैन // डॉ। अरुण जैन(टाइम्स ऑफ क्राइम)
भ्रष्टाचार एवं घोटाले करने में अव्वल परिवहन कार्यालय के बाबुओं ने एक बार फिर वाहन पंजीयन में लाखों का खेल कर दिया। दलालों से मिलीभगत कर आरटीओ के बाबू व कप्यूटर आपरेटर से फर्जी तरीके से वाहन पंजीकृञ्त कर दिया और सबूत छिपाने के लिए कप्यूटर के रिकार्ड में एंट्री भी कर दी। संभावना है ऐसे कारनामों को अंजाम देने क ेपीछे एक अंतरराज्यीय गिरोह काम कर रहा है। मामला प्रकाश में आते ही आरटीओ कार्यालय में हडक़ंञ्प मचा हुआ है और संबंधितों से जवाब तलब किए गए हैं। वाहनों का अवैध पंजीयन इतनी चालाकी से किया गया है कि इसे पकडऩा आसान नहीं है। जब मामले की शिकायत हुई तो आरटीओ एचआर रोहित ने ततीश की, जिसमें बड़े घोटाले की संभावना जताई जा रही है। आरटीओ दतर से एक ट्राला पंजीयन किया गया है, जिसका नंबर एसपी 13 जीए 1207 है। मामले में शिकायत होने पर जब इसका रिकार्ड तलब किया गया तो पता चला इसकी फाइल ही नहीं बनी लेकिन जब इसका कप्यटर रिकार्ड जांचा गया तो रजिस्ट्रेशन की एंट्री मिली। गत 28 जुलाई को बिना टै?स चुकाए वाहन की फर्जी एनओसी भी जारी कर दी गई। जिस पर आरटीओ के फर्जी हस्ताक्षर कर सील लगा दी गई। आशंका है कि इस पूरे घोटाले में आरटीओ के बाबू के साथ शहर के ही एक दलाल ने मोटा लाभ कमाया है। अब जब एकलृएक कर मामले की परते खुल रही है तो मिलीभगत में शामिल लोग प्रकरण दबाने में लगे हुए है। एक बाबू और आपरेटर पर शकमामले में आरटीओ के रजिस्ट्रेशन शाखा के प्रभारी रमेश चौधरी व कप्यूटर आपरेटर मनीष सूर्यवंशी पर शक जाहिर किया जा रहा है। मामले में चौधरी को नोटिस दिया गया है और सूर्यवंशी पिछले चार दिनों से गायब है। आरटीओ में कप्यूटर सेक्शन में निजी ठेकेदार के कर्मचारी कार्य करते है वे आरटीओ के कर्मचारी नहीं होते। च

क्या यह अफगानी महिलाओं का भविष्य है?

पंकज बेंगाणी -
समाज जिस महिला की तस्वीर आप देख रहे हैं उसका नाम है बीबी आयशा. इस अफगान महिला का यह चित्र अमेरीका की मशहूर समाचार पत्रिका टाइम के मुखपृष्ठ पर प्रकाशित हुआ. मुखपृष्ठ का शीर्षक था -क्या होगा अगर हम अफगानिस्तान से चले जाएंगे. इस वाक्य के बाद कोई प्रश्नचिह्न नही लगा था जो काफी महत्वपूर्ण है. तो क्या यह माना जाना चाहिए कि अफगानी महिलाओं का भविष्य अंधकारमय है और तालिबान का शासन खत्म हो जाने के बाद भी उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है? इस सवाल का जवाब हाँ और ना दोनों ही है. ऊपरी तौर पर तालिबान आज अफगानिस्तान की सत्ता से बाहर हैं परंतु कथित तौर पर जनता के द्वारा चुनी हुई हामिद करज़ई के नैतृत्व वाली सरकार का आधार भी कोई बहुत बडा नहीं है और ना ही उसका पूरे देश पर नियंत्रण भी है. काबुल के बाहर का अफगानिस्तान काफी अलग है और वहाँ कबिलाई राज चलता है. ये कबीले तालिबान सहित कई कट्टरपंथी तत्वों के आदेशानुसार चलते हैं. तालिबानी शासन के खात्मे के बाद से अफगानिस्तान की स्थिति में सुधार तो आया है परंतु काबुल के बाहर इस्लामी कट्टरपंथ के बढ रहे व्याप को महसूस किया जा सकता है. महिलाएँ पहले से अधिक स्वतंत्र जरूर हुई हैं. कुछ महिला मंत्री पद तक भी पहुच चुकी है. परंतु यह बदलाव ऊपरी तौर पर ही आया हुआ लगता है. अंदरूनी वास्तविकता काफी अलग और भयावह है. अफगानिस्तान में कट्टरपंथ हावी हो रहा है और बीबी आयशा ऐसे ही कट्टरपंथ की शिकार हुई है. जब वह 12 वर्ष की थी तब उसके पिता ने उसे तथा उसकी बहन को एक तालीबानी लड़ाके को सौंप दिया था. उसके पिता के हाथों बीबी आयशा के होने वाले पति के एक रिश्तेदार का कत्ल हो गया था और उसकी भरपाई आयशा का हाथ तालीबानी लड़ाके के हाथ में देकर पूरी की गई. वह लडाका आयशा को अर्गुज़ान ले गया जहाँ उसने उसके साथ विवाह किया. उस तालिबानी अधिकतर समय 'इस्लामÓ के कथित दुश्मनों से लडऩे में ही जाता था और बीबी आयशा पर उस तालिबानी के परिवार वाले अत्याचार करते थे. एक दिन आयशा घर छोड कर भाग गई और कंदहार पहुँच गई. एक वर्ष तक वह छिपती रही परंतु एक दिन उस तालिबानी लड़ाके ने उसे ढूंढ निकाला और उसे अर्गुजान ले आया. इस्लामिक और कबिलाई रीति रिवाजों के अनुसार उस लड़ाके की नाक कट चुकी थी और उसकी भरपाई उसने आयशा के नाक और कान काट कर की. इस जघन्य कृत्य के बाद उसने आयशा को घायल अवस्था में ही छोड़ दिया. आयशा को याद नहीं कि वह कैसे वहाँ से भाग खड़ी हुई और अमेरीकी सहायता कार्यकर्ताओं की नजर में आई. ये कार्यकर्ता आयशा को एक सहायता केन्द्र ले आए. आयशा की जान बच गई परंतु उसका चेहरा बिगड चुका था. अफगानिस्तान में अमेरीकी और ब्रिटिश स्वयंसेवी संस्थाओं ने अपनी अपनी सरकारों की मदद से ऐसे कई सहायता केन्द्र खोल रखे हैं जहाँ त्याग दी गई, तलाक दे दी गई या अत्याचार की शिकार महिलाओं को रखा जाता है और उन्हें अपने पैरों पर खडे होने की शिक्षा दी जाती है. वहाँ वे काम करती हैं और नई नई विधाएँ सिखती है. भारत की सेवा नामक संस्था भी ऐसा ही कार्य करती है. परंतु ये सहायता केन्द्र भी अब कट्टरपंथियों की आँख की किरकिरी बनते जा रहे हैं. ये कट्टरपंथी इस तरह से प्रचार करते हैं कि अमेरिकियों ने सहायता केन्द्र के नाम पर वेश्यालय खोल रखे हैं और अफगानी महिलाओं का शोषण कर रहे हैं. अफगानिस्तान के एक टीवी चैनल नूरीन टीवी पर प्रतिदिन 1 घंटे का सनीसनीखेज कार्यक्रम प्रसारित होता है. एक कट्टरपंथी द्वारा प्रस्तुत यह कार्यक्रम स्टिंग ओपरेशन के सहारे यह दिखाता है कि समाज में क्या गलत हो रहा है. ऐसी ही एक रिपोर्ट में दिखाया गया कि कैसे अमेरिकी अधिकारी इन सहायता केन्द्रों को वेश्यालय बना रहे हैं. हालाँकि पूरी रिपोर्ट के दौरान ऐसा एक भी फूटेज नहीं दिखाया गया जो इस बात को साबित कर सके. परंतु इसका जमकर प्रचार किया गया. उधर अफगानी महिलाओं के लिए एक तरफ कुँआ और दूसरी तरफ खाई जैसी स्थिति हो गई है. वे कट्टरपंथ की शिकार हो रही हैं और उनके लिए सहायता केन्द्रों में रहना भी मुश्किल हो रहा है. उधर कई लोग ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि अमेरीका अफगानिस्तान छोडना नहीं चाहता और बीबी आयशा जैसी महिलाओं के उदाहरणों का इस्तेमाल कर गलत प्रचार कर रहा है. ऐसी महिलाओं को ढाल बनाकर भावनात्मक ब्लैकमेलिंग की जा रही है. वास्तविकता चाहे जो हो परंतु बीबी आयशा के जीवन में कोई बदलाव नहीं आया है, तालिबानी शासन के दौर में भी और आज के अपेक्षाकृत मुक्त अफगानिस्तान में भी. फिलहाल आयशा अमेरीका में अपनी कॉस्मेटिक सर्जरी करवा रही हैं. एक संस्था ने इसका पूरा खर्च उठाने का बीड़ा उठाया है. परंतु आयशा अकेली नहीं है, ऐसी हजारों महिलाएँ अफगानी कट्टरपंथी समाज की जेल में कैद है.च

रिश्वतखोर करोड़पति इंजीनियर गया जेल

ब्यूरो प्रमुख // संजय लिखितकर ( रायपुर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरों प्रमुख से सम्पर्क : 94072 82226
एंटी करप्शन ब्यूरो ने कल ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में पदस्थ कार्यपालन यंत्री और एक कम्प्यूटर ऑपरेटर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। रिश्वतकांड में गिरफ्तार हुए कार्यपालन यंत्री को एसीबी ने जांच के दायरे में लिया और दो दिनों के भीतर उनके अनुपातहीन सम्पत्ति का पता लगाकर न्यायालय में पेश कर दिया। न्यायालय ने भ्रष्टाचार में संलिप्त कार्यपालन यंत्री व कम्प्यूटर ऑपरेटर की जमानत याचिका को खारिज कर दोनों को जेल दाखिल किए जाने का आदेश जारी कर दिया। विदित है कि गिरोधपुरी में मेला पार्किंग मैदान बनाने का ठेका लेने वाले बिलईगढ़ के ठेकेदार सूर्यकुमार सिंह से 2 लाख 15 हजार रुपए का बिल पास करने 10 हजार रुपए की मांग की थी। सूर्यकुमार ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो से कर दी। इसके बाद आज सूर्यकुमार रिश्वत की रकम लेकर रायपुर स्थित ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यालय पहुंचा, जहां कार्यपालन यंत्री ने उक्त रकम अपने कम्प्यूटर आपरेटर को दे देने के लिए कहा। कम्प्यूटर आपरेटर को रुपए देने के तत्काल बाद आसपास मौजूद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने वहां दबिश दी और रिश्वत की रकम बरामद की। इसके बाद शाम ब्यूरो के पुलिस उप अधीक्षक मनोज खिलारी के नेतृत्व में एक टीम ने कार्यपालन यंत्री घनश्याम सिंह देवांगन के लुचकीपारा तालाब के सामने मोतीपारा स्थित निवास में छापामार कार्रवाई की गई। आज पूरी जांच-पड़ताल के बाद पुलिस महानिरीक्षक एसीबी दुर्गेश माधव अवस्थी ने बताया कि कार्यपालन यंत्री देवांगन ने सेवाकाल के दौरान घूसखोरी करते हुए करोड़ों रुपए अर्जित किया है। आज पूरी जांच के बाद लुचकीपारा दुर्ग में 50 लाख कीमती दो आलीशान मकान, घर में विलासिता के सामान कीमत 10 लाख रुपए, 250 ग्राम सोने व 1 किलो चांदी के आभूषण कीमत 3 लाख 60 हजार, नगद 1 लाख 36 हजार, इलाहाबाद बैंक में फिक्स डिपाजिट 1.68 लाख, इलाहाबाद बैंक दुर्ग लॉकर में 650 ग्राम सोने के जेवरात 8.93 लाख, 625 ग्राम चांदी के जेवरात 11600, आरोपी व पत्नी, बच्चों के नाम पर दुर्ग व रायपुर में कुल 14 खातों में 9 लाख, कबीरनगर में मकान 15 लाख, एनएससी 3 लाख, एलआईसी 4 लाख, पीपीएफ 55 हजार, व एक बाइक 45 हजार। इस तरह से कुल 1 करोड़ 7 लाख 68 हजार 600 रुपए की कुल सम्पत्ति का खुलासा आज किया गया है। आरोपी कार्यपालन यंत्री देवांगन व कम्प्यूटर ऑपरेटर को एसीबी ने न्यायालय में पेश किया था। दोनों ने वकील के माध्यम से जमानत याचिका दाखिल किया था, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया और दोनों को तत्काल न्यायिक हिरासत में लिए जाने का फरमान जारी कर दिया।

अम्बिकापुर की आखिर कब सुधरेगी संचार व्यवस्था

बीएसएनएल की सेवा लेने वाले आम उपभोक्ता ठगा रहे
ब्यूरो प्रमुख // राजेन्द्र कुमार जैन (अम्बिकापुर //टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरों प्रमुख से सम्पर्क : 98265 40182
प्रतिस्पर्धा के इस दौर में जहां निजी संचार सेवा देने वाली कंपनियों एक दूसरे से बेहतर सुविधा आम लोगों को उपलब्ध कराने के लिए दिन-दूनी मेहनत कर रहे हैं। ठीक इसके विपरीत बीएसएनएल की सेवा लेने वाले आम उपभोक्ताओं को इस संचार निगम का सही ढंग से लाभ नहीं मिल रहा है और आए दिन वे इसकी लचर व्यवस्था का दंश झेल रहे हैं। जिले में बीएसएनएल की संचार व्यवस्था इस कदर लचर है कि इसकी सेवा लेने वाले ग्राहक रोज परेशानी के दौर से गुजरते हुए उस दिन को याद करता है जिस दिन उसने बीएसएनएल का सेवा ली थी। माह में अधिकांश दिन बीएसएनएल सेवा ठप रहती है। जिसका खमियाजा यहां के शासकीय व निजी संस्थानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है। सिलसिलेवार विभागीय अव्यवस्था के दौर में किसी भी दिन बीएसएनएल की इंटरनेट सेवा पूरी तरह ठप हो जाती है। वहीं, संबंधित कर्मचारी कभी अवकाश का दिन होने की बात कहते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आते हैं तो कभी किसी और बहाने से सफाई देते नजर आते हैं। अधिकतर उनका कहना होता है कि नेटवर्किंग की समस्या है कुछ देर बाद नेट स्वमेव ही ठीक हो जाएगा। कई बार तो अधिकारी और कर्मचारी फोन भी रिसीव करना भी मुनासिब नहीं समझा और घंटो तक पूरी तरह से बीएसएनएल की सेवा लोगों को रूलाती रहती है। आंकड़ों की बात मानें तो बीएसएनएल के शहर में 4 सौ से अधिक इंटरनेट यूजर मौजूद हैं। जो कि दूसरे संचार कंपनियों की तुलना में अधिक है। बावजूद इसके विभागीय कर्मचारी आए दिन इसकी व्यवस्था को ठप कर देते हैं और उसे सुधारने का नाम नहीं लेते। व्यापारियों व निजी कंपनियों े कर्मचारियों की बात पर गौर किया जाए तो उनका कहना है कि बीएसएनएल की सुविधा लेने के बजाए कुछ अधिक राशि जमा कर निजी कंपनियों की सुविधा लेना बेहतर है क्योंकि पैसे जमा करने के बाद भी बीएसएनएल वह सुविधा उपलब्ध नहीं करा पा रही है जो आज के कंप्यूटर युग में हर संस्था को जरूरत है। कार्यालयों के अधिकांश काम अब इंटरनेट के जरिए ही पूरे होने लगे हैं। इस स्थिति में अगर इंटरनेट सेवा ठप हो जाए तो कार्यालय का काम-काज पूरी तरह से अटक जाता है। इसका असर पड़ता है पूरे दिन भर के क्रिया कलाप पर। कर्मचारी को जहां इंटरनेट चालू होने के लिए सर्वर का इंतजार करना पड़ता है वहीं, उगााधिकारियों की लताड़ भी सुननी पड़ती है। ऐसे स्थिति में वे मानसिक टेंशन के दौर से गुजरने को मजूबर होते हैं। सप्ताह में ऐसा कोई भी दिन नहीं जाता जब बीएसएनएल की सेवा 24 घंटे तक ओके रही हो। ऐसे स्थिति में लोग अब बीएसएनएल कनेक्शन को हटा कर रिप्लेसमेंट में अन्य निजी कंपनियों को नेट सेवा लेने की तैयारी कर रहे हैं।

दलित महिला की गर्दन काटकर हत्या

ब्यूरो प्रमुख उ। प्र.// सूर्य नारायण शुक्ल
मुजफ़्फरनगर - दलित महिला की गर्दन काटकर निर्मम हत्या कर दी गयी. हत्या कर बदमास मौके से फरार हो गये. सुचना मिलते ही मौके पर पहुची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्ट मार्टम के लिये भेज दिया, परिजनों ने तहरीर देकर करवाई की मांग की है. नई मण्डी कोतवाली के गढ़ी गाव निवासी दलित भोली शुक्रवार पशुओ के लिए चारा लेने के लिए गई थी, जहा पर अज्ञात बदमासों ने उसकी गर्दन काटकर निर्मम हत्या कर दी. सुचना मिलते ही पुलिस और संकड़ो लोगो की भीड़ तुरंत ही मौके पर जहा पहुची. हत्यारों का पता नही चल पाया है, जबकि पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है. परिजऩो ने तहरीर देकर हत्यारों की गिरफ़्तारी की मांग की है, पुलिस जाँच पड़ताल में जुट गई है.

डिंडोरी में रिश्वतखोर बीईओ रिश्वत लेते गिरफ्तार

डिंडोरी // ओम परस्ते
जिले के अमरपुर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को लोकायुक्त पुलिस ने सोमवार दोपहर दफ्तर मे ही पांच हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। बाद में दस्तावेज जब्त कर बीईओ को निजी मुचलके पर रिहा भी कर दिया। बीईओ महेश प्रसाद बघेल ने अनुकम्पा नियुक्ति के नाम पर बरबसपुर के युवक रवि पुत्र भानू मरावी से 30 हजार रूपए मांगे थे, जिसकी शिकायत रवि ने लोकायुक्त जबलपुर को की थी। शिकायत पर विभागीय अधिकारियों ने वॉइस रिकाडर देकर रवि को वापस भेज दिया। तीन अगस्त को बीईओ के घर 30 हजार में सौदा तय हुआ। तब लोकायुक्त की योजना अनुसार सोमवार को रवि पांच-पांच सौ रूपए के हिनाप्सलीन पावडर लगे 10 नोट लेकर बीईओ के दफ्तर पहुंचा। जैसे ही रवि ने बीईओ बघेल को पांच हजार रूपए दिए वैसे ही लोकायुक्त पुलिस ने उसे धर दबोचा।

टे्रक्टर डीलर ने की किसान से धोखाधड़ी

ब्यूरो प्रमुख// कमलेश गौर (रायसेन //टाइम्स ऑफ क्राइम)

रिपोर्टर से सम्पर्क 98260 93952


एक किसान ने गैरतगंज स्थित आयशर कम्पनी के टे्रक्टर डीलर पर नये के बदले पुराना ट्रेक्टर देकर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में पीडि़त किसान ने कलेक्टर एवं एस.पी. को लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है। जानकारी के अनुसार सालोनी आयशर ट्रेक्टर विक्रेता गैरतगंज के कोटेशन आधार पर अपना निजी पुराना ट्रेक्टर के जमा होने के बाद प्रकरण बैंक में शीघ्र स्वीकृत हो जायेगा। परन्तु ट्रेक्टर विक्रेता के द्वारा बैंक से फायनेंस न कराते हुए एल.एन.टी. से कराते हुए डीलर की बात सही मानते हुए भूमि संबंधित कागजात देकर हिन्दी, अंग्रेजी में लिखे अनगिनत कागजातों में हस्ताक्षर करा लिये। इसके बाद डीलर द्वारा नये के बदले पुराना ट्रेक्टर दे दिया गया। जब किसान ने ट्रेक्टर की छानबीन की तो पता चला कि पूर्व में यह ट्रेक्टर किसी अन्य व्यक्ति को विक्रय किया गया था एवं यह क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक गढ़ी के पक्ष में बंधक है। इस कारण ट्रेक्टर का बीमा तथा परिवहन कार्यालय से मिलान करने से पता चला कि एक मशीनरी के दो कागजात तैयार कराए गए है। पीडि़त किसान ने बताया कि इस मामले की गैरतगंज थाने एवं कलेक्टर एवं एसपी को भी शिकायत करने पर भी कार्यवाही नहीं की जा रही है। उन्होंने आई.जी. एवं डी.आई.जी. को लिखित शिकायत भेजकर डीलर भेजकर डीलर पर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है।

पटवारी राधाकिशन मालवीय ने न्यायलय एवं अनुवि.अ.बेगमगंज सिलवानी को मुसीबत में डाला

ब्यूरो प्रमुख// कमलेश गौर
(रायसेन //टाइम्स ऑफ क्राइम) रिपोर्टर से सम्पर्क 98260 93952
जिला रायसेन की तहसील सिलवानी शासकीय उत्कृष्ठ विद्यालय संस्था के नाम खसरा क्रमांक 358/1/1/2 रकवा 10 एकड़ जमीन पूर्व के नक्शे अनुसार उपलब्ध है संस्था की लगी हुई भूमि से कुसुमलता जैन की 2.11 एकड़ एवं राजेन्द्र कुमार जैन की 2.00 एकड़ भूमि जिसका बटान (मेढ़) सीधी रेखा द्वारा की गई 92-93 में कुसुमलता एवं राजेन्द्र कुमार जैने ने हेरा-फेरी कराकर तत्कालीन पटवारी राधाकृष्ण मालवीय द्वारा लाल स्याही से तिरछा बटान कर संस्था की जमीन प्रभावित हुई। नक्शा संशोधित करते समय संस्था प्रमुख प्राचार्य को नहीं बुलाया गया और न ही तहसीलदार द्वारा प्रमाणित हुआ। प्रकरण क्र. 25/अ-12/92-93 दिनांक 28/04/92 एवं 6/5/93 तहसीलदार द्वारा बटान नियम विपरीत एवं गलत माना है। संस्था में उपलब्ध नक्शे के आधार पर सीमांकन हेतु कई बार लिखा परन्तु सीमांकन नहीं हुआ तथा कुसुमलता जैन एवं राजेन्द्र जैन ने संशोधित नक्शे के आधार पर कब्जा कर लिया। संस्था के पत्र क्र. 376-77 दिनांक 16/1/09 को नक्शा संशोधन एवं सीमांकन हेतु जिलाध्यक्ष रायसेन को लिखा जिसके आधार पर न्यायालय तहसीलदार सिलवानी प्रकरण क्र. 26/आ-3-08-09 एवं 25/आ- 12/92-93 दिनांक 27.05.2009 द्वारा संशोधित नक्शे को निरस्त करते हुये सन् 964-65 का संस्था में उपलब्ध नक्शे को ही मान्य किया गया। न्यायालय तहसीलदार सिलवानी प्रकरण क्र. 26/आ/3.08.09 एवं 25/आ-12/92-93 दिनांक 27.05.2009 के आधार पर राजेन्द्र जैन एवं कुसुमलता जैन ने अनुविभागीय बेगमगंज सिलवानी में अपील की। जिसके आधार पर प्रकरण क्र. 76/अपील/अ-12-08-09 दिनांक 7-05-2010 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी बेगमगंज सिलवानी ने संस्था में उपलब्ध नक्शा तथा तहसीलदार द्वारा स्वीकृत नक्शे को सही न मानते हुये कुसुमलता जैन एवं राजेन्द्र जैन द्वारा संशोधित कराये नक्शे को ही वैध माना है। पूर्व एवं तहसील अभिलेख के अनुसार शाला की भूमि खसरा क्र. 358/1/1/2 से लगी भूमि खसरा क्र. 358/1/1/1/1 रकबा 2.11 एकड़ कुसुमलता जैन एवं इसके बाद खसरा क्र. 358/1/1/1/2 राजेन्द्र जैन की 2.00 एकड़ भूमि है राजेन्द्र जैन ने पुन: संशोधन कराकर संस्था से लगी भूमि को कुसुमलता के स्थान पर स्वयं की भूमि बताकर अनुविभागीय अधिकारी को भ्रमित किया जिसके आधार पर अनुविभागीय अधिकारी ने कुसुमलता जैन की भूमि न होने के कारण निर्णय दूषित एवं नियम विरूद्ध माना निर्णय लेने के पूर्व श्रीमान ने तहसील अथवा जिला भू-अभिलेख कार्यालय के अभिलेखों का अवलोकन नहीं किया। न्यायालय तहसीलदार ने पूर्व के नक्शे के आधार पर संशोधन किया जिसमें कुसुमलता एवं राजेन्द्र जैन के उपस्थित न होने के कारण अनुविभागीय अधिकारी ने निरस्थ कर दिया। 92-93 ने कुसुमलता एवं राजेन्द्र जैन ने पटवारी द्वारा नक्शे का संशोधन कराते समय प्राचार्य को सूचना भी नहीं दी। अनुविभागीय अधिकारी ने 92-93 के संशोधन नक्शे को कैसे सही माना। संशोधन नक्शा पूर्णत: गलत है जिसे भूमि पर कब्जा किया है वह बेशकीमती भूमि तथा संस्था के कार्य में उपयोगी है इस संंबंध में प्राचार्य द्वारा जानकारी प्रदान कराते हुए अनुविभागीय अधिकारी सिलवानी बेगमगंज के प्रकरण क्र. 76/अपील/अ-12/08-09 आदेश दिनांक 07-05-2010 को निरस्त करते हुये न्यायालय तहसील सिलवानी ने प्रकरण क्रमांक 26/अ/3/08-09 दिनांक 27-05-09 एवं 25/आ-12/92-93 दिनांक 28-04-92 एवं 06-05-93 के निर्णय को सही मानते हुये संस्था एवं शासन हित में निर्णय के लिये अपील की।

Monday, August 23, 2010

ढुढ़ों भ्रष्टाचार महोदय कहलाओं ''मास्टर माइंड''प्रतियोगिता

इस प्रतियोगिता में आपको अपने शहर क्षेत्र में होने वाले भ्रष्टाचार को खोज कर जानकारी देना है और बताना है कि आपके नजरों में कौन-कौन भ्रष्टाचारी है और भ्रष्टाचार करके देश को खोखला बना रहे हैं। प्रतियोगिता में शामिल होने के लिये खबरों के प्रमाण तत्थों के पूर्ण विवरण के साथ भेजना होगा। ''टाइम्स ऑफ क्राइम'' आपको अपना ''एर्जट रिपोर्टर'' बना कर आपको अवसर प्रदान करेगा। उक्त अवसर पाकर आप हमारी खबरों के लिए सहयोगी हो जावेगें। तो अपना पूर्ण बायोडाटा मय दो फोटो शैक्षिणिक योगयता प्रमाण पत्र सात दिवस में भेज देवें। और अपने क्षेत्र के भ्रष्टाचारियों की खोज में लग जाये हमारे साथ ''टाइम्स ऑफ क्राइम'' इन भ्रष्टाचारियों की पोल खोलेगा और आप हो मास्टर माइंड।
टाइम्स ऑफ क्राइम
23/टी -7, गोयल निकेत, प्रेस काम्पलेक्स, जोन-1, एम। पी। नगर,
भोपाल (म.प्र.)-11(- 0755-४०७८५२५
मोबाईल :- 98932 21036 95843 89889
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भू माफिया को प्रशासन से बचाने के लिए अखबारों ने ली सुपारी

भोपाल//आलोक सिंघई (टाइम्स ऑफ क्राइम)

राज्य सरकार के निर्देशों के बाद प्रदेश भर में भू माफिया के खिलाफ की जा रही कार्रवाई अब चोर सिपाही के खेल में बदल गई है. जगह जगह पर भू माफिया सरगनाओं ने स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से सरकार और प्रशासन पर दबाब बनाना शुरु कर दिया है. राजधानी में भू माफिया के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को कुचलने के लिए कतिपय समाचार पत्र समूहों ने मुहिम को ठप करने की सुपारी ले ली है. ये अखबार भू माफिया को बचाने के लिए माहौल बना रहे हैं.कहा जा रहा है कि भू-माफिया ने अपने हितों की पैरवी करने के लिए इन अखबारों को मोटा चंदा मुहैया कराया है.
राजधानी के एक बड़े अखबार समूह ने ऐसी गृह निर्माण सहकारी समितियों को लामबंद करना शुरु कर दिया है जिनके खिलाफ प्रशासन सख्त कानूनी कार्रवाई कर रहा है. अपना घर बनाने का सपना संजोने वाले आम नागरिकों को मंहगी जमीनें और मकान बेचने वाले बिल्डरों को पहले से यही माफिया सरगना बढ़ावा देते रहे हैं. दिग्विजय सिंह के शासनकाल में पंजीयन विभाग ने जमीनों के जो दाम बढ़ाए थे वे आज आम नागरिकों के लिए हत्यारे साबित हो रहे हैं. जमीनों के बढ़े हुए दाम अब इतने अधिक हो गए हैं कि आम नागरिक के लिए मकान बनाना असंभव होता जा रहा है.इसी की आड़ में भू माफिया जरूरत मंदों को ठगता रहा है.यही भू माफिया सरकारी जमीनों को गृह निर्माण सहकारी समितियों के नाम पर आबंटित कराता रहा है.सहकारिता विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से सस्ते दामों पर खरीदी गई ये जमीनें मंहगे दामों पर कालाबाजार में बेची जा रहीं हैं. सरकार की कोई ठोस आवासनीति न होने के कारण घर बनाना आम लोगों के लिए दूर की कौड़ी साबित हो रहा है.
जमीन का यह दर्द जब लोगों के लिए असहनीय हो गया तब जाकर मौजूदा भाजपा सरकार ने भू माफिया पर अंकुश लगाने की कार्रवाई शुरु की है. इस बीच काला धन जुटाकर करोड़ों रुपए जुटा चुका भू माफिया अब सरकार और प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती बन गया है. हालात ये हैं कि भू माफिया ने अपने बचाव के लिए जिस लावण्य गुरुकुल समिति में कुछ पत्रकारों को भी अपनी काली कमाई का हिस्सेदार बना लिया था उसके आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में अब प्रशासन खुद को असहाय पा रहा है.समिति के सदस्यों का कहना है कि प्रशासन न तो उन्हें आज तक भूखंड दिला सका है और न ही दोषियों पर कोई कार्रवाई कर सका है.
भोपाल जिला प्रशासन ने 21 मई 2010 को गैर सदस्यों से भूखंड खाली कराए जाने की कार्रवाई शुरु की थी. इस जन सुनवाई में समिति के पूर्व अध्यक्ष शरद द्विेदी के माध्यम से समिति की जमीन का लगभग एक एकड़ टुकड़ा कथित तौर पर 28 लाख रुपए में खुले बाजार में बेच दिए जाने का मामला उठाया गया था. समिति के तत्कालीन प्रभारी अधिकारी और सहकारिता विभाग के सेवानिवृत्त सहकारिता निरीक्षक जे.एस.गुजरावत पर भी 75 भूखंडों की नियम विरुद्ध रजिस्ट्री कराकर बेच देने की शिकायत की गई थी. लगभग पांच सौ भूखंडों वाली इस समिति के करीबन 355 भूखंड इन्हीं कालाबाजारियों ने खुले बाजार में बेच दिए थे. जिसके खिलाफ जिला प्रशासन ने जांच चालू की थी. लावण्य गुरुकुल के डेवलपर रमाकांत विजयवर्गीय इस जमीन के नाम पर करीब 475 लोगों से 30 करोड़ 34 लाख रुपए ऐंठे और शहर छोड़कर भाग गया था. इस बात को लेकर प्रशासन ने कार्रवाई शुरु की थी. इस अभियान में समिति के वास्तविक हितग्राहियों की सूची जुटाई गई थी. भूखंडों की रजिस्ट्री कराने वालों की पहचान भी इसी सूची के आधार पर की गई थी. प्रशासन को इन भूखंडधारियों से मकान या प्लाट खाली कराने थे और वास्तविक हितग्राहियों को उनका अधिकार दिलाना था.लेकिन अब तक प्रशासन की कार्रवाई गीदड़ भभकियों से आगे नहीं पहुंच पाई है.
प्रशासन के निर्देशों के बाद सहकारिता विभाग ने लावण्य गुरुकुल समिति के भूखंडों की कालाबाजारी करने वाले अध्यक्ष शरद द्विेदी और मैनेजर जितेन्द्र श्रीवास्तव के खिलाफ दस्तावेज न देने और धोखाघड़ी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. सरकार में बैठे भू माफिया के संरक्षकों ने जनसुनवाई के दौरान आरोपियों से फर्जी दस्तावेज जमा करवा लिए हैं और अब इस कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डालने के प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि हितग्राहियों की जागरूकता के चलते यह सब संभव नहीं होगा लेकिन तमाम मामलों में प्रशासन और सहकारिता विभाग मामलों को ठंडा करने में जुटा है यह उसका एक उदाहरण जरूर है.
यह भी कहा जा रहा है कि भू माफिया की धमकियों के बाद प्रशासन और सरकार बचाव की मुद्रा में आ गए हैं. बड़े बड़े दावे करने वाले शासकों पर अब मीडिया का एक तबका भी दबाव बना रहा है. ऐसे में लगता है कि शिवराज सरकार की लोगों को अपना घर दिलाने की मुहिम ज्यादा देर जारी नहीं रह सकेगी.

सन्नी गौड़ को हत्या के आरोप से बरी नहीं होने दे रही रीवा पुलिस

भोपाल // आलोक सिंघई (टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रदेश के चर्चित उद्योगपति और भारत भवन न्यास के ट्रस्टी सन्नी गौड़ पर लगे हत्या के आरोप को रीवा पुलिस ने मजिस्ट्रेटी जांच के नाम पर कुछ इस तरह से झमेले में डाल दिया है जिससे वे बेदाग बरी नहीं हो पा रहे हैं. पुलिस ने उन पर लगे हत्या के आरोप को बगैर अदालत भेजे खात्मा लगाने की मुहिम भी चला रखी है. इस सबंध में संवैधानिक अधिकार न होने से यह मामला अटक गया है. इससे न तो जेपी सीमेंट फैक्टरी के विंध्य द्वार पर हुए गोलीकांड में मारे गए मृतक और घायलों को न्याय मिल पा रहा है और न ही इस कांड के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जा सका है. रीवा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक और वर्तमान में बालाघाट रेंज के डीआईजी रवि कुमार गुप्ता का कहना है कि इस मामले में चूंकि अभी खात्मा नहीं लगा है इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि पुलिस आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है. जबकि रीवा के पुलिस अधीक्षक उमेश जोगा कहते हैं कि मजिस्ट्रेटी जांच के चलते पुलिस इस प्रकरण में चालान प्रस्तुत नहीं कर पा रही है. रीवा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रवि कुमार गुप्ता ने 10 नवंबर 2007 को रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक को भेजे पत्र क्रमांक 1711 ए में लगभग फैसला देते हुए कहा था कि सन्नी गौड़ उनके भाई रजनीश गौड़ और उनके सहयोगियों को इस हत्याकांड में दोषी नहीं पाया गया है लिहाजा उनके नाम अभियोग पत्र से हटाए जाएं. भारतीय दंड संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता समेत किसी भी कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि फरियादी की तथ्यपूर्ण शिकायत पर पुलिस खात्मा लगा दे यह अधिकार सिर्फ अदालत के पास सुरक्षित होता है. यदि पुलिस ऐसे किसी मामले पर खात्मा लगा देती है तो फरियादी अदालत में परिवाद भी दायर कर सकता है. लेकिन परिवाद लगाने के लिए पर्याप्त आधार जरूरी होते हैं. भारतीय पुलिस सेवा की शपथ लेने वाले तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रवि कुमार गुप्ता ने रीवा रेंज के डीआईजी को जो पत्र लिखा है उसमें मार्गदर्शन चाहा गया है. जबकि यह माना जाता है कि भापुसे का कोई भी अधिकारी अपराधों से जुड़े कानूनों का जानकार होता है और उसे संविधान सम्मत कार्रवाई करनी ही चाहिए. अपने पत्र के विषय में ही माननीय पुलिस अधीक्षक महोदय ने लिख दिया कि अपराध क्रमांक 245। 07 धारा 147, 148, 302, 307 भारतीय दंड विधान के प्रकरण में प्रथम सूचना पत्र में गलत दर्ज कराए गए आरोपियों के नाम निकालने और गिरफ्तार शुदा अभियुक्तों के विरुद्ध चालानी कार्रवाई किए जाने के संबंध में मार्गदर्शन दें. विद्वान तत्कालीन एसपी महोदय अपने अनुरोध पत्र में कहते हैं कि चोरहटा थाना क्षेत्र के अपराध क्रमांक 245। 07 के संबंध में संबंधित थाना प्रभारी ने केस डायरी के साथ साथ दो अभियुक्तों के खिलाफ चालान प्रस्तुत करने का प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है. जिसकी संक्षेपिका में थाना प्रभारी ने लिखा है कि इस गोलीकांड में मारे गए बिहरा गांव के राघवेन्द्र सिंह पुत्र कृष्णदीन सिंह के भाई राजबहादुर सिंह ने रीवा के एस.जी.एम.एच.स्थित पुलिस सहायता केन्द्र में लिखित आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया है. जिसमें उन्होंने प्रभारी उप निरीक्षक आर.आर.पांडेय को दिए आवेदन में कहा है कि जेपी सीमेंट फैक्ट्री के विंध्य द्वार पर प्रदर्शन के दौरान फैक्ट्री प्रबंधन के सर्वश्री सन्नी गौड़, रजनीश गौड़, के.पी.शर्मा, अजय सिंह राणा रमेश गुप्ता, रावत और शिवशंकर ने फैक्ट्री में तैनात सुरक्षा कर्मियों की बंदूके लेकर फायर किए थे. जिसमें उसके भाई राघवेन्द्र सिंह को गोली लगी और वे वहीं गिर पड़े. इस दौरान अन्य प्रदर्शनकारी कौशल सिंह, तेजभान सिंह, अनूपसिंह, मनमोहन द्विेदी, शिवनाथ पटेल, पीताम्बर सिंह, वगैरह घायल हो गए थे. इस लिखित सूचना पर पुलिस सहायता केन्द्र एस.जी.एम.एच. रीवा ने देहाती नालिसी का अपराध क्रमांक 0। 07 दर्ज किया था.इस प्रकरण में फौरी तौर पर धारा 147, 148, 302, 307, लगाई गईं थीं. मृतक राघवेन्द्र सिंह पुत्र कृष्णदीन सिंह उम्र 30 वर्ष की एम.एल.सी. मृत्यु सूचना रीवा एस.जी.एम.एच.रीवा के सीएमओ डॉक्टर एस.के.पाठक से मिलने पर पुलिस ने मर्ग क्रमांक 0446 । 07 के अंतर्गत जाफ्ता फौजदारी की धारा 174 के अंतर्गत प्रकरण कायम कर पंचनामे की कार्रवाई की थी. मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया था और मृतक की देह उसके परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए सुपुर्द कर दी थी. बाद में घटना स्थल चोरहटा थाना क्षेत्र में होने के कारण अपराध क्रमांक 245। 07 और मर्ग की सूचना क्रमांक 72। 07 कायम की गई. प्रकरण की विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक बी.डी.त्रिपाठी ने प्रारंभ की थी. उन्होंने 23.09.2007 को घटना स्थल का निरीक्षण करके नजरी नक्शा तैयार किया था.इस दौरान साक्षी के तौर पर तत्कालीन एसडीएम शिवपाल सिंह, नायब तहसीलदार श्रीमती शिवानी पांडेय, तत्कालीन नगर पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया, निरीक्षक यू.सी.तिवारी, निरीक्षक, जी.के.तिवारी, और सहायक उप निरीक्षक एसपी चतुर्वेदी समेत अन्य पुलिस कर्मियों के कथन लिखे गए थे.
पुलिस अधीक्षक महोदय अपनी रिपोर्ट में कहते हैं कि यह मामला अपराध क्रमांक 243। 07 भारतीय दंड विधान की धारा 147, 148, 149, 353, 332, 294, 506 बी,341, 336, 436, 427 से जुड़ा है. इसी प्रकार प्रकरण क्रमांक 244। 07 भादवि की धारा 147 ,148,149,353, 294, 506 बी, 341, 336, 436,और 427 से संबंधित है. घटना भी इसी अनुक्रम में हुई है. पोस्ट मार्टम के दौरान पुलिस ने मृतक राघवेन्द्र सिंह के खून से सने कपड़े और उसके शरीर से प्राप्त धातु के टुकड़े भी जब्त किए थे.
पुलिस अधीक्षक महोदय ने मृतक के भाई राज बहादुर सिंह के बारे में लिखा है कि वह प्रथम सूचना पत्र में लिखे गए बयान से सहमत नही है और उसका कहना है कि कुछ लोगों के कहने पर उसने राजनैतिक तौर पर बयान दिया था.जबकि पुलिस के पास सिर्फ जांच करने का अधिकार है.उसकी जवाबदारी है कि वह तथ्यों को जुटाए और उन्हें सिलसिलेबार अदालत के सामने प्रस्तुत करे.मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत गोली लगने से होना पाया गया था. पुलिस ने मृतक के खूनसने कपड़े पोस्ट मार्टम में मृतक के शरीर से प्राप्त गोली और धातु के सफेद टुकड़े जांच के लिए फोरेंसिक साईंस लैब सागर भेजे थे.
रीवा के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक के निर्देश पर इंस्पेक्टर कमलेश शर्मा से मामले की छानबीन कराई गई. घटना स्थल के निरीक्षण में उन्होंने पाया कि 28.09.2007 को सतना जिले के रामपुर बघेलान के रहने वाले राजेश तिवारी पुत्र केशव प्रसाद तिवारी उम्र 45 वर्ष के बयान और चोरहटा के मद्देपुर में रहने वाले रामकुमार सिंह पुत्र रामायण सिंह पटेल उम्र 43 साल और चोरहटा के ही छिजवार गांव में रह रहे लालमणि पांडेय पुत्र कौशल प्रसाद पांडेय उम्र 40 साल ने अपने बयानों में कहा कि 22.09.2007 को जब यह घटना घटित हुई तब सुरक्षा गार्ड के रूप में तैनात संजय कुमार सिंह,और रघुनंदन सिंह ने अपनी बारह बोर की बंदूक से फायर किए थे जिससे बिहरा गांव के राघवेन्द्र सिंह घायल हो गए और उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. इसी फायर से अन्य लोगों को भी चोट आई थी.
इस पुलिसिया छानबीन में पाया गया कि जेपी सीमेंट फैक्ट्री जे.पी.नगर में तैनात सुरक्षा गार्ड संजय कुमार सिंह और रघुनंदन सिंह ने हिंसक भीड़ पर गोलियां चलाईं थीं.पुलिस ने उनकी लाईसेंसी बंदूकें भी जब्त कर लीं और उन्हें सागर की फोरेंसिक प्रयोगशाला में बैलिस्टिक विशेषज्ञ को भेजा. विवेचना में जब दोनों आरोपियों के विरुद्ध अपराध प्रमाणित पाया गया तो उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया.
प्रकरण में पुलिस ने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों समेेत घायलों और सुरक्षाकर्मियों के भी कथन लिए और कुल 75 गवाहों के बयान जुटाए. इनमें से 54 गवाहों ने कहा कि प्राथमिकी में सन्नी गौड़, रजनीश गौड़, के.पी.शर्मा, अजय सिंह राणा, रमेश गुप्ता,रावत और शिवशंकर तो घटना स्थल पर उपस्थित ही नहीं थे. जबकि 24 अन्य गवाह राजनैतिक आधार पर बयान दे रहे हैं और उनका कहना है कि उपरोक्त सभी सात आरोपियों ने ही इस गोलीकांड को अंजाम दिया था. पुलिस रिपोर्ट में इस राजनीतिक आधार का कोई खुलासा नहीं किया गया है और न ही इसके संबंध में कोई प्रमाण प्रस्तुत किए गए हैं.
मामले की विवेचना करने वाले अधिकारी ने पाया कि घटना के करीब ढाई घंटे पहले शिक्षित बेरोजगार युवा संगठन के बैनर तले गांव के लड़के विंध्य द्वार पर सुनियोजित तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. यहां जिला प्रशासन के तत्कालीन एसडीएम शिवपाल सिंह, कार्यपालिक दंडाधिकारी श्रीमती शिवानी पांडेय, तत्कालीन नगर पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया, थाना प्रभारी बीडी त्रिपाठी, निरीक्षक यूसी तिवारी, निरीक्षक जीके तिवारी, और अन्य पुलिस अधिकारी,कर्मचारी सभी मौजूद थे. प्रदर्शनकारी अपनी मांगे मनवाने के लिए फैक्ट्री प्रबंधन पर दबाव बना रहे थे कि वे बाहर आकर ज्ञापन लें और उनकी मांगे पूरी करें. भीड़ की नाराजगी और प्रबंधन विरोधी भाषणबाजी को देखते हुए फैक्ट्री प्रबंधन के अधिकारी बाहर नहीं निकले उन्होंने पुलिस अफसरों के कहा कि भीड़ के 10-12 लोगों का प्रतिनिधि मंडल भीतर आकर ज्ञापन दे.यह प्रस्ताव प्रदर्शनकारियों ने अस्वीकार कर दिया. चर्चा करने के बजाए प्रदर्शनकारी पथराव और तोडफ़ोड़ करने लगे.जिसे रोकने के लिए पुलिस अधिकारियों ने काफी प्रयास किया इस दौरान पुलिस कर्मियों को चोटें भी आईं. तभी विंध्य गेट पर तैनात सुरक्षा गार्ड संजय कुमार सिंह और रघुनंदन सिंह ने अपनी लाईसेंसी बंदूकों से फायर किए जिससे प्रदर्शनकारियों को चोटें आईं. चूंकि यह घटनाक्रम पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की उपस्थिति में ही हुआ था और इस दौरान फैक्ट्री प्रबंधन का कोई अधिकारी घटना स्थल पर मौजूद नहीं था. इसलिए नामजद आरोपियों के अपराध के लिए उकसाने और गोलियां चलाने जैसी कोई घटना में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता. रीवा के तत्कालीन एसपी रवि कुमार गुप्ता अपने पत्र में लगभग फैसला देने वाले अंदाज में कहते हैं कि प्रकरण की विवेचना में उपलब्ध सबूतों के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट में अंकित आरोपियों सन्नी गौड़,रजनीश गौड़, के.पी.शर्मा, अजयसिंह राणा, रमेश गुप्ता, रावत और शिवशंकर के बारे में नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने कोई अपराध किया है. जबकि सुरक्षा गार्ड संजय कुमार सिंह और रघुनंदन सिंह के विरुद्ध अपराध प्रमाणित पाया गया है. इसलिए प्रथम सूचना रिपोर्ट से इन सातों लोगों के नाम निकालकर दोनों सुरक्षा गार्डों के खिलाफ न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत करने के संबंध में मार्गदर्शन देने का कष्ट करें. लार्ड एक्टन ने कहा है कि शक्ति मनुष्य को भ्रष्ट बना देती है और अकूत शक्ति उसे अत्यंत भ्रष्ट कर देती है.यही कारण है कि आज तीन साल बीत जाने के बावजूद इस गोलीकांड के वास्तविक आरोपियों को पुलिस अदालत तक नहीं पहुंचा सकी है. पुलिस ने इस कहानी को अपने जाल में कुछ इस तरह उलझा दिया है कि सारा मामला भ्रमपूर्ण बन गया है. भारतीय दंड विधान में माना जाता है कि प्राथमिकी ही घटना का वास्तविक विवरण है. पुलिस को फरियादी की सहायता करने वाला अंग माना जाता है.इस घटना में सबसे ज्यादा पीडि़त तो मृतक राघवेन्द्र सिंह है जिसे न्याय दिलाने के लिए पुलिस को आवश्यक प्रमाण जुटाने थे. लेकिन पुलिस इस मामले का कोई समाधान निकालने के मूड में नहीं दिखती. हॉरेन लास्की का कहना है कि रिच मैन मेक्स द लॉ,एंड लॉ ग्राईंड्स द पुअर. यनि कि अमीर आदमी कानून बनाते हैं और गरीब आदमी उसमें पीसे जाते हैं. पुलिस की भूमिका इस मामले में कुछ ऐसी ही नजर आती है. पुलिस की कसरतों से नजर आ रहा है कि सन्नी गौड़ और उनके साथी वास्तविक आरोपी हैं और पुलिस उन्हें बचाने में जुटी है. यदि ऐसा नहीं है तो पुलिस मामले को अदालत में भेजने के बजाए उसे मजिस्ट्रेटी जांच में क्यों उलझाए हुए है. यदि सन्नी गौड़ और उनके प्रबंधकीय सहयोगी घटना स्थल पर मौजूद ही नहीं थे तो अदालत उन्हें बाई"ात बरी कर ही देगी. ऐसे में पुलिस और प्रशासन मामले को जबरिया क्यों उलझाए हुए हैं. दरअसल गोली चालन की यह घटना पुलिस और प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों की मौजूदगी में ही हुई है जिसके लिए किसी न्यायिक अधिकारी ने आदेश नहीं दिए थे जाहिर है कि ऐसे में वे अधिकारी अपनी जवाबदारी से नहीं बच सकते.
विंध्य अंचल के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पुलिस इस मामले को उलझाकर अपना उल्लू सीधा करने का प्रयास कर रही है. राज्य सरकार ने उन्हें भारत भवन का ट्रस्टी बनाकर उन्हें राजनीतिक कवच देने का प्रयास किया है. हत्या जैसे संगीन आरोपों के बावजूद सन्नी गौड़ राज्य शासन से अनुबंध कर रहे हैं.आखिर प्रशासन और सरकार उन्हें इस कलंक से मुक्ति दिलाने की राह में रोड़ा क्यों बन रहे हैं यह जांच का विषय है.

देह व्यापार के कारोबार का पर्दाफाश

बिलासपुर के सिविल लाइन थाना इलाके के शुभम विहार में देह व्यापार के कारोबार का पर्दाफाश शहर की क्राइम ब्रांच किया है।
क्राइम ब्रांच ने मुखबिर की सूचना पर दबिश देकर तीन युवती व दो युवकों देह व्यापार के दलाल सहित धर दबोचा है। एसपी जयंतकुमार थोरात को मुखबिर से सूचना मिली कि शहर में देह व्यापार का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इस धंधे में कोलकाता से युवतियों को बुलाया जाता है। खबर मिलते ही उन्होंने क्राइम ब्रांच की टीम को योजना बना कर दबिश देने के निर्देश दिए। उनके निर्देश पर क्राइम ब्रांच डीएसपी वीके मिश्रा, सीएसपी राकेश भट्ट सहित सदस्यों ने उन्हें पकड़ने की योजना बनाई। उन्होंने शुभम विहार स्थित एन राजपूत के मकान में दबिश दी। यहां तीन युवतियां व दो युवक संदिग्ध हालत में थे। पुलिस ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। उनके साथ देह व्यापार कराने वाले एजेंट को भी दबोच लिया गया।

Saturday, August 14, 2010



स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

Wednesday, August 11, 2010

अब पुलिस प्रशासन गुण्डे-मवाली के बदले कलम के सिपाही को करेगा जिला बदर

बैतूल से खास खबर

बैतूल। पत्रकार समाज का आइना होता है लेकिन अकसर देखने को मिलता है कि जब भी समाज का या किसी भी वर्ग या सरकारी मोहकमे का चेहरा अपने आइने में दिखाने का प्रयास करता है तो उसके साथ वह सब कुछ घटता है जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती। प्रेस को लोकतंत्र का चौथा प्रहरी कहा गया है लेकिन प्रेस और पुलिस दोनों ही अकसर एक दुसरे के विरूद्ध संघर्ष पर उतर जाते है। प्रेस की कलम को अकसर पुलिस के डण्डे के बल पर तोडऩे का प्रयास होता है. देश के इतिहास में ऐसे बिरले ही उदाहरण देखने को मिलेगें जिसमें समाज का आइना कहे जाने वाले पत्रकार को ही समाज से बहिष्कृत करने का प्रयास किया जाता है. बैतूल जिले की पुलिस ने लोकतंत्र के इतिहास में उस चौथे प्रहरी को समाज के लिए नासूर बता कर उसे समाज और उसके प्रभाव क्षेत्र से बाहर करने के लिए उसे तडीपार करने का एक ताना - बाना बुना है. जिले की पुलिस ने जिले के सबसे वरिष्ठ पत्रकार एवं बीते 28 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी लेखनी से समाज में जागृति लाने का प्रयास किया है ऐसे ही पत्रकार को जिला बदर करने के लिए ऐसे मामलो की सूचि बनाई है जिनमें से अधिकांश मामलो का न्यायालय से निपटारा तथा बरी तक किया जा चुका है. जिस समाज में पुलिस पत्रकार का भय और आंतक बता रही है उसी समाज के एक अंग सिक्ख समुदाय ने अभी कुछ दिन पूर्व ही बैतूल जिला मुख्यालय पर स्थित गुरूद्वारा में पत्रकार को सम्मानित किया है. जिले के वरिष्ठ पत्रकार एवं राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्र पंजाब केसरी दिल्ली के बैतूल ब्यूरो चीफ रामकिशोर पंवार को बैतूल जिला पुलिस प्रशासन ने मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा एवं लोक स्वास्थ अधिनियम की धारा 5 क के अन्तगर्त बैतूल जिले की सीमा से बाहर करने की अनुशंसा बैतूल जिला दण्डाधिकारी कलैक्टर से की है. सबसे शर्मसार तथ्य यह है कि जिला दण्डाधिकारी बैतूल को जिला पुलिस अधिक्षक अपने शासकीस प्रतिवेदन पत्र में जिले के वरिष्ठ पत्रकार को जिले की महिलाओं छेडछाड़ करने का आरोप लगा रही है उसी पुलिस ने वह पत्र भी जिला दण्डाधिकारी को सौपा है सिमेंछेडछाड का एक मात्र प्रकरण का उल्लेख है जिसमें भी आपसी समझौता होने की बात लिख रही है. मात्र एक छेडछाड़ के प्रकरण पर पूरी जिले की महिलाओं की अस्मत को खतरा बताने वाली जिले की पुलिस न तब और भी हद कर दी जब वह दोनो पक्षो की रिर्पोट दर्ज मामलो के न्यायालय में समझौता हो जाने तथा न्यायालय द्वारा निर्दोष सिद्ध किये जाने के बाद भी उन मामलो को आधार बना कर लोकतंत्र के चौथे प्रहरी को बैतूल जिले से तड़ीपार करने का पूरा मन बना लिया है. इन सारे घटनाक्रम के पीछे की कहानी कुछ इस प्रकार है कि पत्रकार रामकिशोर पंवार द्वारा जिले के जिला एवं सत्र न्यायालय में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम श्रेणी न्यायमूर्ति सुनील शौक की अदालत में आरोपी मयंक भार्गव एवं मयूर भार्गव तथा अन्य के विरूद्ध तीन धोखाधड़ी के मामले दर्ज करवाने के लिए एक परिवाद प्रस्तुत किया था जिस पर विद्धवान न्यायाधीश के एक आदेश पर बैतूल पुलिस थाना में अपराध क्रंमाक 499-6, 500-6, 501-6 के तहत धोखाधड़ी एवं अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था. मामले में पुलिस की टालामटोली एवं आरोपियो को कथित संरक्षण से कई बार न्यायालय ने पुलिस को फटकार भी लगाई. स्थिति तो यह तक आ गई थी कि पुलिस द्वारा साक्ष्य अभाव में तीनो मामलो को लेकर एक खात्मा प्रतिवेदन न्यायालय में पेश किया गया था जिसे न्यायालय ने अमान्य करते हुये स्वंय जिला पुलिस अधिक्षक बैतूल को बीते वर्ष 2009 में स्वंय जांच कर प्रतिवेदन पेश करने को कहा लेकिन पुलिस ने सारे मामले में परिवादी द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत मामलो को लेकर आरोपियो के साथ समझौता न किये जाने पर क्षुब्ध होकर परिवादी के खिलाफ जिला बदर की कार्यवाही हेतू जिला दण्डाधिकारी को एक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया. न्यायालय ने इस बार फिर बैतूल जिला पुलिस अधिक्षक को फटकार लगाते हुये डी जी पी को भी उक्त तीनो जालसाजी के मामलो में पुलिस की टालामटोली पर नाराजगी दर्ज करते हुये एक कड़ा पत्र लिखा लेकिन पुलिस उक्त न्यायालीन पत्र के जवाब के पूर्व ही परिवादी को ही जिला बदर करने के लिए अपने छदम तरीको को अपनाने से नहीं चुक रही. जिले की पुलिस एवं प्रशासन से प्रताडि़त इस पत्रकार ने प्रेस कौसिंल आफ इंडिया में भी वर्ष 2006 में आवेदन प्रस्तुत किया गया जिस पर प्रेस कौसिंल ने भी पुलिस प्रताडऩा एवं प्रशासनिक कार्यवाही से प्रताडि़त पत्रकार को न्याय दिलवाने एवं उसकी जन माल की सुरक्षा के संदर्भ में प्रदेश के मुख्य एवं गृह सचिव को पत्र भी लिखा लेकिन जिले के सक्रिय सबसे वरिष्ठ पत्रकार को पुलिस और प्रशासन द्वारा प्रताडि़त किये जाने की घटनाओं पर विराम नहीं लगा. बीते वर्ष मार्च 2009 से लेकर इन पंक्तियो के लिखे जाने तक एक भी प्रकरण दर्ज न होने की स्थिति तथा 26 अप्रेल में हुई एक सड़क दुर्घटना में घायल पत्रकार जो कि अभी तक अपाहिज होने के बाद जिसे डाक्टरो की सलाह पर दो वर्षो तक आराम एवं उपचार की सलाह दी गई है. अभी भी उस पत्रकार के कुल्हे के जोड़ का आपरेशन होने के बाद भी बिस्तर पर पड़े पत्रकार के खिलाफ पुलिस का दमनात्मक कार्यवाही का दौर जारी है. एक तरफ प्रदेश की भगवा रंग में रंगी भाजपा सरकार के मुखिया शिवराज सिंह पत्रकारो की महापंचायत बुलाने की बाते कहती है उसी भाजपा सरकार का सरकारी महकमा भाजपा शासन काल के बीते छै सालो में इस पत्रकार को प्रताडि़त करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. सरकार की प्रताडऩा के तौर तरीको ने तुगलकी फरमानो को भी पीछे छोड़ दिया है. जिले के अनुविभागीय दण्डाधिकारी ने इस पत्रकार को प्रताडि़त करने के लिए आंख मुंद कर भारत की राजधानी दिल्ली से निकलने वाले सर्वाधिक हिन्दी दैनिक पंजाब केसरी के पंजीयन को तक निरस्त करने का तुगलकी आदेश तक जारी कर दिया था. इस मामले में प्रेस कौसिंल आफ इंडिया से बुरी तरह फटकार पा चुके जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के गठजोड़ ने अब उस अपाहिज पत्रकार को जिलाबदर करने का मन बना लिया है जो तीन माह तक बैसाखियो के सहारे भी ढंग से चल फिर नहीं सकता. सीधे पैर के घुटने एवं कुल्हे के आपरेशन के बाद आर्थिक रूप से कमजोर इस कलम के धनी को निर्धन बनाने के लिए उसके खिलाफ तड़ीपार की पुलिस और प्रशासन ऐसे तैयारी कर रहा हो जैसे पत्रकार ने हत्या - बलात्कार - डकैती - चोरी - राजद्रोह - जासूसी - बलवा - अपहरण जैसे संगीन मामलो को अंजाम देकर समाज और जिले में आतंक और भय का साम्राज्य स्थापित कर रखा हो. अपने दामन में लगे दागो को छुपाने के लिए पुलिस ने न्यायालय को भी गुमराह करने में कोई कसर नही छोड़ी. पुलिस न्यायालय से बरी और आपसी समझौता हो जाने के बाद भी उन्ही मामलो को आधार बना कर प्रेस की आजादी का गला अपने मतलब के लिए घोटना चाहती है. पुलिस ने जिन मामलो को जिला बदर की कार्यवाही का आधार बनाया है उनमें से एक भी मामला जिले की शांती को भंग करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है. जिन 107 एवं 116 के मामलो का पुलिस जिक्र कर रही है उन मामलो में दोनो पक्षो पर उक्त कार्यवाही होती है लेकिन हर वर्ष सैकड़ो 107 एवं 116 के मामलो को यदि पुलिस आधार बनाती है तो जिले से जिला बदर होने वालो की तो लम्बी - चौड़ी सूचि बनाई जा सकती है. अपने मतलब एवं स्वार्थ के लिए पुलिस और प्रशासन का गठजोड़ केवल प्रेस को अपना आइना दिखाने से रोक कर उसकी आजादी को ही खतरे में डाल रही है. इस समय बैतूल जिले में अपराधो की बाढ़ सी आ गई है. बलात्कार से लेकर लूट हत्या जैसे संगीन मामलो में अव्वल नम्बर पर आने वाले इस जिले में प्रेस की इस तरह गला घोटा जाता रहेगा तो फिर लोकतंत्र का चौथा पाया जिसे प्रहरी भी कहा जाता है वह चरमरा कर गिर जायेगा. बैतूल जिले में जबसे आर एल प्रजापति जिला पुलिस अधिक्षक आये है जिले में अपराधो का ग्राफ बढ़ा है. रायसेन में विवादास्प रहे जिले के पुलिस अधिक्षक का तथाकथित धर्म और कर्म लोगो के परे की बात है. जिले में अभी तक इस पुलिस अधिक्षक के कार्यकाल में पुलिस की जो छबि जो खराब हुई है उसे धोने में पुलिस को सालो लग जायेगें.

निशक्त एवं मानसिक रोगियों का जिला बदर कैसे....?

जिला बदर की कार्यवाही किसके खिलाफ की जाना चाहिये यह विचारण प्रश्र है। जो व्यक्ति निशक्त या अपाहिज होने के साथ-साथ दुसरो के सहारे बैसाखियो से पिछले एक साल से चल रहा हो तथा उसे रात्री में गहरी निंद्रा में बेहोशी के छटके आते हो ऐसे व्यक्ति को जब उसका पूरा परिवार अकेले नहीं छोड़ता है। उसके साथ परिवार का कोई न कोई सदस्य हमेशा रात्री समय एवं आते-जाते समय मौजूद रहता है क्या ऐसे व्यक्ति को जिला बदर उन अपराधो को आधार बना कर किया जाना जो न्यायालय द्वारा दोष मुक्त या फिर समझौता के तहत सुलझ गये है क्या उचित है...? सवाल यह उठता है कि ऐसे पत्रकार को उसकी कलम के वार से आहत पुलिस एवं प्रशासन द्वारा जालसाज व्यक्तियो को बचाने के लिए राजनैतिक दबाव के चलते तड़ीपार करना क्या उसके मानवीय अधिकारो के हनन की श्रेणी में नहीं आता है। बैतूल जिला प्रशासन उस व्यक्ति को जिला बदर करना चाहता है जिसके कुल्हे के जोड़ का एक पखवाड़ा पूर्व ही आपरेशन हुआ है जिसे जमीन पर बैठने की सख्त मनाही है तथा जो अब केवल दुसरो के सहारे से चल फिर सकता है उसके खिलाफ पुलिस एवं प्रशासन की यह कारवाही दमणात्मक नहीं है। क्या पुलिस और प्रशासन दोनो मिल कर प्रेस की आजादी का सरे आम गला नही घोट रहे है. जिस ढंग से देश में न्यायपालिका अपनी ताकत का प्रशासन एवं पुलिस को अहसास करा रही है. में ऐसे कई सवालो का पुलिस और प्रशासन को जवाब देना होगा क्योकि इस देश में अभी न्यायापालिका के प्रति लोगो का विश्वास पूरी तरह से टूटा नहीं है.

- हनुमान भक्त चले रावण के साथ -

बैतूल जिले के बहुचर्चित हनुमान भक्त जिला पुलिस अधिक्षक आर एल प्रजापति के घर पर हर मंगलवार एवं शनिवार के दिन होने वाली राम भक्त हनुमान की चालिसा एवं सुदंर कांड में उपस्थित रहने वाले भार्गव बंधुओ के हनुमान प्रेम से प्रसन्न होकर हनुमान भक्त प्रजापति ने उन्हे हर प्रकार के संरक्षण देने की कसम खा रखी थी. बार - बार न्यायालय के आदेशो को दर किनार करके हनुमान भक्त ने इन दोनो जालसाज भार्गव बंधुओ को हर प्रकार का संरक्षण दिया बदले में इन लोगो ने पुलिस अधिक्षक को अपनी सेवा का भाव भी जो कि कई प्रकार से कहा जाता रहा है. न्यायालय की फटकार एवं हिदायतो को दरकिनार कर इन लोगो को बचाने के चक्कर में जिला पुलिस अधिक्षक न्यायालय की अवमानना से भी नहीं चुके पाये. जब न्यायालय ने पुलिस अधिक्षक को अपनी ताकत से अवगत करवाया तो आनन - फानन में उस पत्रकार के खिलाफ षंडय़ंत्रो का ऐसा ताना - बाना बुने जाने लगा कि पिछले एक साल से बिस्तर पर पड़े दुसरो के सहारे चलने वाले इस जिले ही नहीं प्रदेश एवं देश के विभिन्न समाचार पत्रो के कलमकार को जिला बदर करवाने के लिए पूरी ताकत झोक दी.

- प्रेस कौसिंल आफ इंडिया को भी धता दे गये पुलिस के अफसर -

बैतूल जिले के वरिष्ठ पत्रकार ने अपनी पत्रकारिता की शुरूआत 1980 से की पुलिस का रिकार्ड बताता है कि वह 1988 से अपराधिक प्रवृति में लिप्त है. पुलिस के अत्याचारो को छापने वाले इस पत्रकार को पुलिस 88 के दशक से प्रताडि़त कर रही है. उसने इस मामले को लेकर कई बार प्रेस कौसिंल आफ इंडिया में शरण ली. बीते वर्ष 2006 में एक बार फिर वह पुलिस अत्याचारो एवं जिला प्रशासन द्वारा की जा रही प्रताडऩा के खिलाफ प्रेस कौंसिल की शरण में गया . उसके द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर जिला कलैक्टर एवं जिला पुलिस अधिक्षक को नोटिस जारी किये गये थे. प्रेस कौंसिल आफ इंडिया में प्रस्तुत प्रकरण में जिला कलैक्टर की अनुउपस्थिति में अपर कलैक्टर डां मसूर अख्तर एवं जिला पुलिस अधिक्षक की अनुउपस्थिति में जिला अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक डी एस भदौरिया पहुँचे. जहां पर प्रेस कांैसिल को दोनो अधिकारियो ने आश्वत किया कि पत्रकार को किसी भी प्रकार की प्रताडऩा नहीं दी जायेगी तथा उसे संरक्षण दिया जायेगा. न्यायालीन मामलो को छोड़ कर उसके खिलाफ पुलिस किसी भी प्रकार की झुठे मामलो में फंसा कर उसे प्रताडि़त किये जाने की कार्यवाही भविष्य में नहीं करेगी. पुलिस ने प्रेस कौसिंल की हिदायतो को गंभीरता से नहीं लिया.

- पुलिस का इंडेक्स क्या कहता है...? -

बैतूल जिले की पुलिस ने जिला मजिस्टे्रज बैतूल को भेजे प्रतिवेदन मे लिखा है कि 1988 से बैतूल निवासी रामकिशोर पंवार का पूरा अपराधिक रिकार्ड कुछ इस प्रकार है कि उसके खिलाफ मारपीट के तीन छेड़छाड़ के एक तथा अवैध पैसा वसूली के चार प्रकरण दर्ज है। पुलिस की रिर्पोट में रामकिशोर पंवार के खिलाफ 1986 से प्रकरण दर्ज करती चली आ रही है. पुलिस ने जिस अपराध क्रंमाक 82/ 86 का जिक्र कर रही है उसकी रोजनामचा डायरी ही नहीं है. इस प्रकरण में पाथाखेड़ा कोयलाचंल क्षेत्र केे तत्कालिक पुलिस चौकी प्रभारी आर . के शर्मा के खिलाफ दैनिक भास्कर भोपाल में छपी एक खबर एक थानेदार जो आदमखोर हो गया रिर्पोट से क्षुब्ध होकर पुलिस चौकी पर कथित हमलवार करने वाली भीड़ में उसे भी आरोपी बनाया गया जिसमें वह दोष मुक्त हो चुका है. पुलिस द्वारा दर्ज अपराध क्रंमाक 296 / 96, अपराध क्रंमाक 697 / 2004 में आपसी समझौता तथा 355 / 2005 , एवं अपराध क्रंमाक 427 / 2006 में उसे न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया. जिसमें स्वंय फरियादी का ब्यान विद्धवान न्यायाधीश के समक्ष बिना किसी दबाव के दिया गया जो कि अहम स्थान रखता है इस बात के लिए कि रामकिशोर पंवार के आंतक के चलते लोग गवाही नहीं देते है. अपराध क्रंमाक 87 / 88 , अपराध क्रंमाक 45 / 90 अपराध क्रंमाक 201 / 96 अपराध क्रंमाक 355 / 96 के 107 एवं 116 के प्रकरणो का छै माह की अवधि में निराकरण हो चुका है. वर्तमान में उसके खिलाफ मात्र चार प्रकरण चल रहे है जिसमें पक्षकार की पेशी तारीख पर मौजूद नही हो पा रहे है जिसके चलते न्यायालय से उनके खिलाफ जमानती वारंट भी जारी हो चुके है. रामकिशोर पंवार के खिलाफ एक भी ऐसा संगीन मामला जो कि पूरे जिले की या बैतूल नगर की शांती को खतरा हो वह न तो दर्ज हुआ है और न न्यायालय में चल रहा है. जिले की पुलिस थानो में उसके खिलाफ बलात्कार , हत्या , लूट , डकैती , हत्या का प्रयास , चोरी , धारा 109 एवं 110 के तहत कोई कार्यवाही नहीं हुई है. न तो उसकी निगरानी खुली है और न वह निगरानी शुदा बदमाश की श्रेणी में है. उसके खिलाफ राष्ट्रद्रोह जैसे भी कोई मामले दर्ज नहीं है. पत्रकारिता के क्षेत्र में आने के पूर्व भी उसकेखिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हो सका है. पत्रकारिता से जुडऩे के बाद पुलिस एवं प्रशासन को बेनकाब करने के अपराध में पुलिस एवं प्रशासन ने उसके खिलाफ जिला बदर की कार्यवाही बदले की भावना एवं उसके द्वारा दर्ज तीन अलग - अलग जालसाजी के मामले में आरोपियो को बचाने के लिए की जा रही है. श्री पंवार को उसकी 27 साल की निष्पक्ष एवं नीडर पत्रकारिता का तोहफा मिला है. वैसे भी बैतूलवी पत्रकारिता के सबसे वरिष्ठ इस पत्रकार ने पूरे पत्रकारिता के कार्यकाल के दौरान पुलिस एवं प्रशासन की नाक में दम कर रखा था. पुलिस भयाक्रांत हो चुकी थी उसके द्वारा उजागर किये जाने वाले मामलो से चाहे वह दलित महिला उर्मिला के ज़हर खाने का मामला हो या फिर बहुचर्चित पारधी कांड हर मामलें पर पुलिस को बेनकाब करने का दण्ड उसे दिया जा रहा है. पुलिस की अब तकी सभी कार्यवाही में मात्र पुलिस ने केवल अपने छदम तरीको को ही अपनाया है.

जालसाजों के लिए मोहरा बने जिला मजिस्टे्रज

-अपने न्यायालय में जिला पुलिस अधिक्षक द्वारा प्रस्तुत पत्र क्रंमाक कार्यालय पुलिस अधिक्षक बैतूल , राज्य सुरक्षा अधिनियम - 11 - 2009 दिनांक 30 जुलाई 2009 के संदर्भ में न्यायालय जिला जिला मजिस्ट्रेज बैतूल द्वारा दावा प्रकरण क्रंमाक 8 दिनांक 12 अप्रेल 2010 का इतने दिनो बाद भेजा जाना कम आश्चर्य जनक बात नहीं है. जिला पुलिस अधिक्षक एवं न्यायालय जिला मजिस्ट्रेज बैतूल कार्यालय के बीच की दूरी महज आधा किलोमीटर भी नहीं है. अभी तक पूरे प्रकरण को स्वंय जिला मजिस्टे्रज के कार्यालय में उनके निज सहायक द्वारा दबाये रखा गया था ताकि दोनो पक्षो के बीच समझौता हो जाये और सारे मामले का पटाक्षेप हो जाये. मयंक - मयूर द्वारा जिला मजिस्टे्रज के निज सहायक अरूण सोहाने से मित्रता का भरपूर फायदा उठा कर पत्रकार रामकिशोर पंवार को डराने - धमकाने तथा समझौता करने के लिए भार्गव समाज के जिलाध्यक्ष बाबू भार्गव एवं पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष आंनद प्रजापति , अधिवक्ता प्रशांत गर्ग, जिले के वरिष्ठ पत्रकार इंदर चंद जैन सहित एक दर्जन से अधिक लोगो के पास जाकर उनसे दबवा बनाने का प्रयास किया गया था. जब इन दोनो भार्गव बंधुओ के खिलाफ न्यायालय में प्रस्तुत परिवाद को परिवादी पत्रकार रामकिशोर पंवार द्वारा वापस न लिये जाने पर उसे प्रताडि़त करने की मंशा से जिला कलैक्टर - जिला मजिस्टे्रज के कार्यालय में पेडिंग पड़ी जिला बदर की कार्यवाही को मूर्त रूप प्रदान किया गया ताकि प्रताडि़त व्यक्ति अपने जिला बदर होने की कार्यवाही से डर कर समझौता कर सके. अपने खिलाफ जिला बदर की कार्यवाही से जरा भी नहीं डरे पत्रकार रामकिशोर पंवार इस मामले को लेकर हाईकोर्ट की शरण लेने जा रहे है

- नमक का हक अदा कर रहे है प्रभात झा -

बैतूल जिले में प्रदेश भाजपा के पूर्व कोषाध्यक्ष विजय कुमार खण्डेलवाल के निधन के बाद हुये लोकसभा उप चुनाव में बैतूल में डेरा डाले भाजपा के सचेतक , भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य प्रभात झा बैतूल में धोखाधड़ी के इन दो आरोपी भाईयो मयंक एवं मयूर भार्गव के घर में ही डेरा डाले रहे। उनकी आवाभगत से प्रभावित झा ने बैतूल में उन्हे अपना सच्चा हितैषी मान कर अपना राजनैतिक प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया. फर्श से अर्श पर आये प्रभात झा के नाम पर ही दोनो जालसाजी के आरोपी बंधुओ ने प्रभात झा के नाम का और नमक का भरपूर फायदा उठाया. इन लोगो ने लोकसभा उप चुनाव के बाद बैतूल जिले की भाजपाई राजनीति में लोकसभा, विधानसभा चुनाव, नगरीय निकाय, नगर पंचायत, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत तक टिकट देने की दुकान खोल रखी है. हाल ही में जब जिला न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम श्रेणी द्वारा इनके विरूद्ध दर्ज जालसाजी के मामले में पुलिस अधिक्षक को भेजे फरमान के बाद से प्रभात झा से जिला पुलिस एवं प्रशासन पर दबाव बनवाया गया कि उनके विरूद्ध न्यायालय में धोखाधड़ी का परिवाद दर्ज करने वाले फरियादी को उसके विरूद्ध दर्ज न्यायालय से बरी एवं समझौता हो चुके मामलो की एक सूचि बना कर उसे जिला बदर किया जाये. पुलिस ने अपने द्वारा न्यायालय में इन जालसाज बंधुओ के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के मामलो में प्रस्तुत खात्मा को अस्वीकार करने एवं मामले की जांच स्वंय पुलिस अधिक्षक से करवाये जाने के 23 जनवरी 2009 के फैसले के बाद पुलिस अधिक्षक बैतूल ने 30 जुलाई 2009 को जिला दण्डाधिकारी बैतूल को एक पत्र 14 प्रकरणो की सूचि के साथ प्रस्तुत करते हुये पत्रकार रामकिशोर पंवार को मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा एवं लोक स्वास्थ अधिनियम की धारा 5 क के अन्तगर्त बैतूल जिले की सीमा से बाहर करने की अनुशंसा करते हुये जिला पुलिस अधिक्षक बैतूल ने इस पत्रकार को समाज की तथा कथित गतिशिलता को अवरूद्ध करने एवं शांती व्यवस्था भंग होने की आशंका व्यक्त की है. पुलिस ने पत्रकार का समाज में भय एवं आतंत बताया जिसके चलते लोग स्वच्छंद होकर विचरण नहीं कर सकते . जिला पुलिस अधिक्षक की अनुशंसा जुलाई से अप्रेल तक ठंडे बस्ते में रही लेकिन अचानक जब न्यायालय ने पुन: इस मामले को लेकर पुलिस की नीयत एवं मंशा पर ऊंगली उठा कर शंका जाहिर करते हुये फरमान जारी कर दिया कि पुलिस अधिक्षक धोखाधड़ी के मामले में अपनी जांच प्रतिवेदन रिर्पोट प्रस्तुत करने में क्यों टालामटोली कर रहे है. पुलिस को न्यायालय ने जमकर फटकार भी लगाई और नीयत तारीख भी याद दिलवाई कि उक्त तारीख तक अनिवार्य रूप से वह जांच प्रतिवेदन एवं अन्य कार्यवाही से हर हाल में न्यायालय को अवगत करवाये.

खतरा किसको किससे है....? -

बैतूल जिले की पुलिस ने जिला दण्डाधिकारी बैतूल को भेजे प्रतिवेदन में जानकारी दी है कि रामकिशोर पंवार का समाज में भय एवं आतंंक है जिसके चलते उसके खिलाफ कोई गवाही नहीं देता है. पुलिस द्वारा दर्ज मामलो में आरोपी को न्यायालय ने अपनी कथित शिकायत को ही झुठला दिया. सारनी की श्रीमति राखी गुलबाके ने अपराध क्रंमाक 427 -06 धारा 384 बैतूल न्यायालय में प्रस्तुत किया जिस पर न्यायालीन प्रकरण क्रमांक 3732 -06 धारा 384 के मामले में सारनी थाने में किसी भी प्रकार की शिकायत करने से ही इंकार कर दिया. इस प्रकरण में शिकायतकत्र्ता के ही मुकर जाने के बाद श्री पंवार को दिनांक 26 दिसम्बर 2008 को दोषमुक्त कर दिया गया. इसी तरह सारनी थाने में दर्ज बैतूल न्यायालीन प्रकरण 1089 - 96 धारा 354 के मामले में फरियादी ने स्वंय न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर बिना किसी दबाव के आपसी राजीनाम प्रस्तुत किया. इसी तरह सारनी थाने के अपराध क्रंमाक 82- 86 जो बैतूल न्यायालीन में प्रस्तुत किया गया. इस न्यायालीन प्रकरण 2531-86 में दिनांक 21 अप्रेल 1998 को दोषमुक्त कर दिया है.आमला थाना में दर्ज प्रकरण में मुलताई न्यायालय में फरियादी की बेटी एवं एक मात्र प्रकरण की प्रत्यक्ष दर्शी गवाह ही अपने पूर्व के कथित ब्यान से मुकर गई. बैतूल जिले की पुलिस के किसी भी थाने या पुलिस चौकी या किसी अधिकारी के समक्ष पुलिस द्वारा दर्ज अपराधो के किसी भी गवाह-फरियादी ने पुलिस को लिखित या मौखिक रूप से यह शिकायत दर्ज नहीं करवाई कि उसे रामकिशोर पंवार या उसके नाम से कोई डरा या धमका रहा है.सबसे अधिक मजेदार बात तो यह है कि जिले की पुलिस जिस पत्रकार का समाज में भय एवं आतंक बता रही है उसके पास से उसने कोई धारधार हथियार - चाकू - छूरा - तलवार - गुप्ती - बंदुक - पस्तोल - रिवाल्वर - बम - गोले - विस्फोटक सामग्री जप्त या बरामद नहीं की ऐसे में उसका आतंक कलम का है या तलवार का यह पुलिस ही बता सकती है साथ ही वह इस बात का खुलासा भी कर सकती है कि आखिर रामकिशोर पंवार से किसको खतरा है समाज को या पुलिस को....? एक बात और चौकान्ने वाली यह भी है कि विगत 27 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत इस पत्रकार के खिलाफ किसी धर्म - समुदाय - समाज- वर्ग- विशेष सहित जिले के सामाजिक- राजनैतिक संगठनो के द्वारा उससे समाज को किसी प्रकार का खतरा है इस बारे में कोई मौखिक- लिखित शिकायत दर्ज नहीं की है. ऐसे में पत्रकार रामकिशोर पंवार के खिलाफ बैतूल जिले की पुलिस प्रस्तुत जिला बदर का प्रकरण पुलिस की ओछी मानसिकता का परिचय देता है.

Friday, August 6, 2010

फर्जी अंकसूची का गोरखधंधा करने वाला सरगना दिलशाद खान गिरफ्तार

जिला प्रतिनिधि // डी। जी. चौरे(बालाघाट // टाइम्स ऑफ क्राइम)

जिला प्रतिनिधि डी. जी. चौर से सम्पर्क 93023 02479

महिला बहुउद्देशीय प्रशिक्षण संस्थान में फर्जी अंकसूची के जरिए प्रवेश लेकर 16 माह के प्रशिक्षण के बाद सात छात्राओं जबलपुर निवासी अंजना पिता किशन लाल पटेल , कटनी निवासी अर्चना पिता बाबूलाल शर्मा , बालाघाट तिरोड़ी निवासी सलमा पिता रमजान सिद्दीकी, बैहर निवासी ममता पिता विनय पांडे, आवलाझरी निवासी निभा पिता सुखदेव नागवंशी, कायदी निवासी सरिता पिता बुजबिहारी चैतगुरू, भरवेली निवासी रूहिना बानो पिता अब्बास खान को परीक्षा से वंचित रखा गया । जबकि सभी छात्राओं 16 माह का प्रशिक्षण पूरा किया है।

बालाघाट: मध्‍यप्रदेश के बालाघाट जिले के भरवेली थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अमेड़ा पंचायत में फर्जी अंक सूची लगाकर पंचायत कर्मी की नौकरी कर रहे रमेश रहांगडाले (29 वर्ष) को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर भरवेली थाना पुलिस ने दबिश देकर जबलपुर रांझी के इंदिरा नगर निवासी दिलशाद खान (45 वर्ष) को बुधवार को गिरफ्तार किया। भरवेली थाना प्रभारी अमित दाणी ने बताया कि इस मामले की शिकायत जिला पंचायत एवं संचार संकर्म समिति के सदस्य उम्मेद लिल्हारे ने की थी, जिस पर भरवेली पुलिस ने अमेड़ा पंचायत कर्मी को गिरफ्तार कर आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 130/10, धारा 420, 465, 467, 471 के तहत दर्ज कर मामले पर कार्यवाही शुरू की थी। थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में रमेश रहांगडाले ने जबलपुर निवासी दिलशाद खान द्वारा अंक सूची बनाकर देने की बात स्वीकार की थी। इसके आधार पर भरवेली पुलिस ने बुधवार को दिलशाद खान को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया और पुलिस रिमाण्ड में लिया है। गौरतलब है कि उक्त मामले को लेकर प्रकाशित खबर के बाद हुई कार्यवाही से फर्जी अंकसूची का गोरखधंधा करने वाले दिलशाद खान को लेकर पूर्व में भी मामले पुलिस विवेचना में आए हैं। इस बार मिली सफलता के बाद पुलिस अन्य मामलों में भी इसके शामिल होने की आशंका जता रही है। उल्लेखनीय है कि जिले में फर्जी अंकसूची के जरिये एएनएम प्रशिक्षण ले रही सात छात्राओं के विरूद्ध कोतवाली और इसी प्रकार पंचायत कर्मी की नौकरी के लिए लालबर्रा व रामपायली थानों में मामले सामने आए थे। आरोपी दिलशाद खान के अनुसार, 1996 से वह फर्जी अंकसूची का कारोबार कर रहा है, लेकिन पूर्व में कभी पकड़ा नही गया।

बालाघाट ए.एन.एम.के प्रशिक्षण में फर्जी अंकसूची

जिला मुख्यालय में स्थित महिला बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण संस्थान में फर्जी अंकसूची लगाकर प्रवेश व प्रशिक्षण लेने के मामले में थाना कोतवाली पुलिस ने सीएमएचओ कार्यालय की शिकायत पर सात छात्राओं के खिलाफ मामला पंजीबद्घ किया है। ज्ञात हो 7 जून को इन छात्राओं को जबलपुर मेडिकल कॉलेज में परीक्षा देने पर माध्यमिक शिक्षा मण्डल के प्रमाणीकरण के उपरांत उजागर हुए फर्जी अंकसूची के चलते रोक लगा दी गई थी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजरानी खरे की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने सोमवार को एएनएम छात्रों के खिलाफ धारा 420, 468, 471 भादवि के तहत मामला पंजीबद्घ किया है। जानकारी के अनुसार फर्जी अंकसूची के माध्यम से प्रशिक्षण लेने वाली सात ए.एन.एम. प्रशिक्षिणार्थियो में कुमारी सरिता पिता बृजबिहारी चैत गुरू कायदी कुमारी ममता पिता विनय पांडे ग्राम सिलगी बैहर, कुमारी निभा पिता सुखदेव नांगवंशी ऑवलाझरी, कुमारी अर्चना पिता बाबूलाल नई बस्ती कटनी, कुमारी रूबीना पिता अब्बास खान भरवेली कुमारी सलमा पिता रमजान सिद्दीकी तिरोड़ी और कुमारी अंजना पिता किशनलाल पटेल जबलपुर शामिल लें। बहुउद्देशिय स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण केन्द्र बालाघाट में वर्श 2008-2009 में 47 प्रशिक्षिणार्थियों ने प्रशिक्षण लिया था जिनमें सात लिया प्रशिक्षणार्थी की हायर सेकेण्डरी के अंकसूची फर्जी पाई गई जॉच जारी है।

Thursday, August 5, 2010

मेरे सैया हौदेदार फिर डर काहे का

जिला प्रतिनिधि // डी. जी. चौरे (बालाघाट // टाइम्स ऑफ क्राइम)

जिला प्रतिनिधि डी। जी. चौर से सम्पर्क 93023 02479

बालाघाट। मध्यप्रदेश का ख्याति प्राप्त बैनगंगा संभाग के अंतर्गत सबडिविजन अधर नहर अनुविभाग वारासिवनी जिसमें ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत लगभग 50 करोड़ से भी अधिक के कार्य हो चूके है एवं नाली बनाने का कार्य(काढ़ा) लगभग 20 से 25 करोड़ का हो चुका है जिसमें फिल्ड में सबइंजीनियर कार्य कराता है एवं अनुविभागीय अधिकारी कार्य निरिक्षण करता है।उक्त सबडिवीजन में सिंचाई होती है एवं वसूली भी की जाती है समझ से परे है कि अनुविभागीय अधिकारी श्री ओमप्रकाश बोपचे दाहिने अंग से लकवे से पीडि़त है एवं चलने फिरने में असमर्थ है जो लगभग जनवरी 2008 से शरीर से अक्षम है। वह अधिकारी उतने बड़े सबडिवीजन को कैसे चला रहा होगा। यह शासन-प्रशासन के लिए विचरणीय प्रश्न है?विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि अनुविभागीय अधिकारी श्री ओ.पी.बोपचे माननीय गौरीशंकर बिसेन जी सहकारिता मंत्री मध्यप्रदेश शासन भोपाल का करीबीय रिस्तेदार है। माननीय सांसद श्री के.डी. देशमुख जी का निवास भी उक्त सबडिवीजन से लगभग 300 मी. की दूरी पर स्थित है। माननीय विधायक श्री प्रदीप जैसवाल जी भी वारासिवनी के स्थानीय है। प्रशासन में कार्यरत कार्य पालन यन्त्री श्री पी.सी.महाजन बैन गंगा संभाग बालाघाट से भोपाल तक उच्च अधिकारी कुम्भकर्ण की नींद ग्रसित है।

सिंगरौली में दो स्टॉफ नर्से निलम्बित

रिपोर्टर// बलराम शर्मा (सिंगरौली//टाइम्स ऑफ क्राइम)
रिपोर्टर बलराम शर्मा से सम्पर्क : 99263 33470

सिंगरौली। जिला चिकित्सालय बैढऩ में 29 जून 2010 को प्रसव वेदना से पीडि़त महिला श्रीमती सोनकुवर पत्नी राम कृपाल बैगा की मृत्यु को कलेक्टर सिंगरौली पी. नरहरि ने संज्ञान लेते हुए जॉच के आदेश दिये थे। जॉंच अधिकारी उमराव सिंह मरावी डिप्टी कलेक्टर एवं प्रशासन जिला चिकित्सालय द्वारा प्रस्तुत जॉच प्रतिवेदन के निष्कर्षो को कलेक्टर पी. नरहरि द्वारा गम्भीरता से लेते हुए दो स्टॉफ नर्स श्रीमती सुशीला साहू एवं श्रीमती गंगा अवस्थी को कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरतने के कारण तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। श्रीमती डॉ. विमल खेस महिला चिकित्सक जिला चिकित्सालय को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुए कलेक्टर ने कहा है कि आपके संवेदनशीलता के कारण प्रसूता श्रीमती सोनकुवर को समय रहते नेहरू अस्पताल में भर्ती नहीं कराया जा सका। अत: क्यों न आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाय कलेक्टर सिंगरौली द्वारा एक सप्ताह में उत्तर चाहा गया है।

ठेकेदार की लापरवाही ने ले ली मासूमों की बलि

ब्यूरों प्रमुख// सुरिन्दर सिंह अरोरा (होशंगाबाद // टाइम्स ऑफ क्राइम)
- ब्यूरों प्रमुख से सम्पर्क : 99939 ९३३००
बालिका वर्षा व बालक आकाश जिनकी मौत हौज मे डूबने से हुई
होशंगाबाद. नपा प्रशासन, नगरपालिका मे ठेकेदारी कर रहे एक ठेकेदार एवं उनके कर्मचारियो की लापरवाही ने 2 मासूम नन्हे बच्चो की जान ले ली मृतक बच्चे भाई-बहिन थे। स्थानीय गुप्ता ग्राउंड पर निर्माणाधीन दुकानो के लिए पानी की आवश्यकता को लेकर ठेकेदार द्वारा पानी के लिए एक हौज का निर्माण कर उसमे पानी का स्टोर कर हौज को सही ठंग से ढाककर न रखने से 26/27 की रात्रि मे दो मासूम उसमे गिर गए और पानी मे डूबने से उनकी अकाल मौत हो गई। चिकित्सको ने भी मृत्यु का कारण फेफड़े मे पानी भरना बताया है। इधर जनचर्चा है कि मामले मे नपा प्रशासन दोषियो को बचाने की कवायत मे लगा है। कोतवाली पुलिस टी आई एम एल वर्मा ने बताया कि मामला कायम कर जॉच की जा रही है दोषी के खिलाफ कार्यावाही की जाऐगी।गुप्ता ग्राउंड मे नगरपालिका द्वारा कराए जा रहे स्टेडियम एवं दूकान निर्माण मे ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य मे पानी की आवश्यकता को लेकर एक बड़े हौज का निर्माण कर उसमे पानी भरा है। हौज उपर से सही ढंग से ढका न होने से 26/27 जुलाई को स्टेडियम परिसर मे रहने वाले गरीब परिवार प्रकाश के 8 वर्षीय बालिका वर्षा व 7 वर्षीय बालक आकाश की इस हौज मे गिरकर डूबने से मौत हो गई। बताया जाता है कि हौज गहरा होने व आस पास सुनसान होने से बच्चो के गिरने की आवाज किसी तक नही पहुची लेकिन जानकारो का कहना है कि जहॉ निर्माण कार्य चल रहा है हौज के सामने ठेकेदार का चौकीदार रहता है। इस निर्माण कार्य का ठेका भोपाल निवासी सोमेश भटनागर को दिया गया है घटना के बारे मे उनसे चर्चा करना चाहा उनका मोबाईल बंद होने से बात नही हो सकी।घटना को लेकर सीएमओ नपा दीपक राय ने बताया कि निर्माणाधीन परिसर के तीनो तरफ फेंसिग है और सूचना पटल लगा है जिस पर कार्य प्रगति पर है और बिना अनुमति प्रवेश निषेध लिखा हुआ है। हादसा दुखद है प्रथम दृष्टया कुछ भी कहना कठिन है। मामले मे पुलिस जॉच कर रही है पुलिस की जॉच रिर्पोट आने पर ही स्थिती स्पष्ट होगी।हादसे को लेकर एसडीएम सपना शिवाले ने बताया कि नपा सीएमओ से प्रतिवेदन मॉगा गया है। मामले की जॉच पुलिस कर रही है। पीडि़त परिवार को 10 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी गई है।-
पत्रकारों ने किया सहयोग
घटना के बारे मे जानकारी मिलने पर कवरेज करने पहुचे पत्रकारो ने दोनो बच्चो के अंतिम संस्कार के लिए पीडि़त परिवार को सहयोग राशि दी।
शिक्षा की मुख्य धारा से वंचित थे
गरीब परिवार प्रकाश अपने परिवार के साथ परिस्थितीवश स्टेडियम मे ही रहता था उसके दोनो बच्चे वर्षा व आकाश पन्नी बीनने का कार्य करते थे और स्कूल नही जाते थे। इस बात के खुलासे के बाद सर्व शिक्षा अभियान के तमाम दावो की पोल खोल कर रख दी है जिसमे वह सभी बच्चो को स्कूल मे दर्ज करने की बात कर रहा है।

हथगोले और देशी कट्टा बरामद

ब्यूरों प्रमुख// सुरिन्दर सिंह अरोरा (होशंगाबाद // टाइम्स ऑफ क्राइम)
- ब्यूरों प्रमुख से सम्पर्क : 99939 ९३३००

होशंगाबाद. पिपरिया पुलिस ने सिलारी चौक क्षेत्र से एक युवक को मुखबिर की सूचना पर बंदी बनाया है। युवक के पास से पुलिस को एक देशी कट्टा और एक हथगोला मिला है। पुलिस ने युवक से पूछताछ के दौरान पता लगाया कि वह हथगोला रामपुर से खरीदा है। वहां छापा मारने पर हथगोला बनाने वाले व्यक्ति को बंदी बनाया। उसके पास से भी एक हथगोला बरामद हुआ है। एसडीओपी केके रजक ने बताया कि 29 जुलाई को मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर एसआई एसएन शुक्ला ने सिलारी चौक क्षेत्र में जाकर आकस्मिक रूप से वहां खड़े लोगों में से संदिग्ध लोगों की जांच की तो पुलिस को ग्राम पाली निवासी दयाली उर्फ दयालदास पिता शिवदास बैरागी के पास से एक 12 बोर का देशी कट्टा और एक हथगोला मिला। दयाली के खिलाफ पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया है। इस बारे में एसपी होशंगाबाद को सूचना दिए जाने पर उन्होनें पुलिस बल को निर्देशित किया कि दयाली से हथगोले और कट्टे के बारे में पता लगाया जाए कि उसने वह सामान कहां से प्राप्त किया है। दयाली से पूछताछ के दौरान पता चला कि उसने वह हथगोला और कट्टा ग्राम रामपुर निवासी प्रताप करेडे से खरीदा है। प्रताप करेडे शादी और विवाह के लिए आतिशबाजी बनाने का काम करता है। आतिशबाजी के काम में आने वाले बारूद का इस्तेमाल वह हथगोले बनाने के लिए करने लगा और समय के साथ वह इसी का कारोबार करने लगा। प्रताप के खिलाफ भी पुलिस ने अपराध दर्ज किया है।

महिलाओं की चैन छीनने वाले गिरफ्तार

ब्यूरों प्रमुख// सुरिन्दर सिंह अरोरा (होशंगाबाद //टाइम्स ऑफ क्राइम)
- ब्यूरों प्रमुख से सम्पर्क : 99939 93300

होशंगाबाद. महिलाओं के गले से चैन छीनने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा। साथ ही आरोपियों से चोरी का माल भी बरामद किया गया है। गाडरवारा पुलिस द्वारा सूचना देने पर पिपरिया नगर पुलिस ने वाहन चैकिंग कर आरोपियों को पकडऩे में सफलता हासिल की है। जिला पुलिस अधीक्षक रूचिवर्धन श्रीवास्तव ने बताया कि गाडरवारा पुलिस से सूचना मिलने पर तत्काल पिपरिया थाने को अलर्ट कर आरोपियो को पकडऩे निर्देश दिए गए। एसडीओपी केके रजक ने बताया कि पुलिस अधीक्षक रूचिवर्धन श्रीवास्तव से जानकारी मिली कि तीन अज्ञात व्यक्ति हीरो होंडा स्पलेंडर प्लस काले रंग की गाड़ी से एक महिला के गले से सोने की चैन में लाकेट सहित छीनकर पिपरिया तरफ भागे है। तत्काल उसी समय से पिपरिया एवं बनखेड़ी में चैकिंग पाइंट लगाकर वाहनों की चैकिंग शुरू की गई और सफलता पुलिस के हाथ लगी जब बनखेड़ी रोड स्थित एक स्कूल के पास एसआई एसएन शुक्ला, एसआई एलडी वैष्णव, एएसआई बीएस तोमर ने चैकिंग के दौरान तीनों लड़कों को स्पलेंडर मोटर साईकिल क्रमांक एमपी 05 एमए 7421 पर पकड़ा। जिनमें आरोपी छोटू उर्फ दीपक पिता महेश सोनी 20 वर्ष, विवेक पिता महेश सोनी 21 वर्ष दोनों पुरानी बस्ती पिपरिया एवं राजाराम पिता मनमोहन उर्फ नर्मदा सोनी 22 वर्ष निवासी गोरा थाना सिलवानी के पास से गाडरवारा से छीनी गई सोने की चैन भी मय लाकेट मिली है। पूछताछ में आरोपियों ने पिछले 2 माह में चार चैन छीनने की बात कबूली। महिलाओं के गले से छीनी गई सोने की चैन सुनीता पत्नी पप्पू कुचबंदिया एवं साईना पत्नी कैलाश उर्फ कल्लू कीर पुरानी बस्ती पिपरिया के घर से बरामद की गई है। आरोपियों से बरामद मोटर साईकिल भी चोरी की बताई जा रही है। आरोपियों का एक साथी शुभम कोरी अभी फरार है। जिसकी तलाश की जा रही है। पुलिस में मामले में आरोपियों पर अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।