पत्रकारों की चिंता नहीं है गौर साहब को
भोपाल, 3 जुलाई 2015। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पत्रकारों पर हो रहे हमले से चिंतित है और उनके मन में है कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिये भी कानून बने। वहीं प्रदेश के गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने जबलपुर में अपनी भाषा में कहा कि पत्रकार आम नागरिक है। गौर साहब भूल गये कि देश में पत्रकारों को चौथा स्तंभ कहा जाता है तो मेरा गौर साहब को कहना है कि वे जिस कार से भ्रमण करते है उसका एक पहिया निकाल कर कार चला कर दिखा दे। तीन स्तंभ पर लोकतंत्र लगंड़ा ही रहेगा। उसे चौथे स्तंभ की जरूरत है। आजादी की लड़ाई से लेकर आपातकाल में भी पत्रकारों की महती भूमिका रही और आज भी है।
गौर साहब जिस दिन समाचार पत्रों में आपका फोटो नाम नहीं होगा, उस दिन आपका चैन चला जायेगा, आपके मतदाता आपको भूल जायेंगे और आप अंधकार में डूब जायेंगे। गौर साहब को मैं याद दिलाना चाहता हूँ कि 6 जनवरी 2010 को गृह विभाग (पुलिस) का जो आदेश जारी हुआ था, उसको भी पढ़ लें और यदि उसका पालन होता है तो बहुत सी समस्याएं अपने आप सुलझ जायेंगी।
गौर साहब की वाणी से ऐसा लगता है कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ पत्रकारों को खड़ा करना चाहते हैं। इसके पीछे उनकी राजनीतिक मंशा क्या है ?
मैं गृहमंत्री बाबूलाल गौर के बयान की घोर निंदा करता हूँ और समस्त पत्रकारों को भी राजनीति से हटकर निंदा करने का आग्रह करता हूँ।
राधावल्लभ शारदा
प्रदेश अध्यक्ष, वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन
राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंडियन फेडरेशन ऑफ मीडिया
Mo-9425609484
भोपाल, 3 जुलाई 2015। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पत्रकारों पर हो रहे हमले से चिंतित है और उनके मन में है कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिये भी कानून बने। वहीं प्रदेश के गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने जबलपुर में अपनी भाषा में कहा कि पत्रकार आम नागरिक है। गौर साहब भूल गये कि देश में पत्रकारों को चौथा स्तंभ कहा जाता है तो मेरा गौर साहब को कहना है कि वे जिस कार से भ्रमण करते है उसका एक पहिया निकाल कर कार चला कर दिखा दे। तीन स्तंभ पर लोकतंत्र लगंड़ा ही रहेगा। उसे चौथे स्तंभ की जरूरत है। आजादी की लड़ाई से लेकर आपातकाल में भी पत्रकारों की महती भूमिका रही और आज भी है।
गौर साहब जिस दिन समाचार पत्रों में आपका फोटो नाम नहीं होगा, उस दिन आपका चैन चला जायेगा, आपके मतदाता आपको भूल जायेंगे और आप अंधकार में डूब जायेंगे। गौर साहब को मैं याद दिलाना चाहता हूँ कि 6 जनवरी 2010 को गृह विभाग (पुलिस) का जो आदेश जारी हुआ था, उसको भी पढ़ लें और यदि उसका पालन होता है तो बहुत सी समस्याएं अपने आप सुलझ जायेंगी।
गौर साहब की वाणी से ऐसा लगता है कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ पत्रकारों को खड़ा करना चाहते हैं। इसके पीछे उनकी राजनीतिक मंशा क्या है ?
मैं गृहमंत्री बाबूलाल गौर के बयान की घोर निंदा करता हूँ और समस्त पत्रकारों को भी राजनीति से हटकर निंदा करने का आग्रह करता हूँ।
राधावल्लभ शारदा
प्रदेश अध्यक्ष, वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन
राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंडियन फेडरेशन ऑफ मीडिया
Mo-9425609484
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