Thursday, March 31, 2011

कलिनायक ने खोल दिया भास्कर का काला चिठ्ठा

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वहीं प्रथम और दूसरा अध्याय भी पाठकों को उपलब्ध कराया है अब इस अंक में आपको बीच का तीसरा अध्याय का शेष प्रस्तुत कर रहे है जो इस किताब का प्रकाशित अंश है......

कलिनायक किताब में प्रकाशित
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तीसरा अध्याय का शेष

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ग्वालियर का फर्जीवाड़ा
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शेयर घोटाला कर बहुमत हासिल किया
ह और यह थी रमेश की दूसरी शतरंजी चाल... बेटा आसमां पर, बाप जमीन पर:-
बाप को निकाला बाहर
  • द्वारका प्रसाद कपं नी के आजीवन प्र्रबंध निदेशक और जनरल बाडी मीटिंगंग के स्थायी चेयेरमैन थे कम्पनी के आटिर्कल आफॅ एसोसिएशन में द्वारका प्रसाद को कभी न हटने वाला यानी आजीवन मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन घोषित किया गया था।
  • अति महत्वाकांक्षी रमेश अपने बाप, मॉं और बहनों का रत्तीभर भी हस्तक्षेप कम्पनी में नहीं चाहता था। इसलिए इतना सब कुछ कर रमेश शांत नहीं बैठा। उसकी आगे की चाल थी... अपने बाप द्वारका प्रसाद अग्रवाल को कंपनी से निकालकर बाहर करना। शायद औरंगजेब की कहानी उसने पढ़ रखी थी। दूध में गिरी मक्खी निकालना उसे आ गया था।
  • इसलिए पहले उसने अपने पिता द्वारका प्रसाद को कम्पनी के आजीवन '' लाइफटाइम'' मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन के पद से हटा दिया। फिर अपनी छोटी मॉं, बहनों और अंत में चाचा विशम्भर व उसके बेटों को भी कम्पनी से चलता कर अपना उल्लू सीधा कर लिया।
आइये, अब देखें कि उन सबकी वाट लगी, तो लगी कैसे मीटिंग्स का हुआ फर्जीर्ववाड़ा, रमेश ने मैदान मारा कैैसे निकाला बाप को
  • रमेश ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग किये बगैर ही एक बार नहीं, दो बार नहीं तीन बार नहीं फिर चार बार मीटिंग होने के फर्जी दस्तावेज तैयार किये
  • मीटिंगों के कोई नोटिस पिता, छोटी मांॅ, और बहनों को प्राप्त नहीं हुए। होते भी कैसे? कोई नोटिस भेजे ही नहीं, मीटिंग तो हुई ही नहीं।
  • रमेश ने कहा- लगातार तीन मीटिंगों में अनुपस्थित होकर उन्होंने कंपनी के नियमों को तोड़ा है।
  • फिर रमेश ने तीन बार मीटिंग में अनुपस्थित हानेे के आधार पर 3 अगस्त 1987 को अपने पिता द्वारका प्रसाद को मैनेजिगं डायरेक्टर के पद से और चार बार मीटिंग में अनुपस्थित होने के आधार पर अपनी बहन हेमलता को ज्वाइटं मैनेजिगं डायरेक्टर के पद से हटा दिया। दिनॉकं 9 जुलाई 1987 को अपनी ऑख्ंा की किरकिरी बनी सौतेली मॉं किशोरी देवी को भी अलग कर दिया। इस प्रकार बिना चक्कों पर दौड़ रहा रमेश की धांधली का रथ अपने ही पिता पर चढ़ बैठा।
  • ऐसा लगता है कि मानो दुुनिया का सबसे बड़ा अपराध तो मीटिगे में अनुपस्थित होना ही है। अर्ज किया है-
हुआ कंपनी में भारी उलटफेर,
बेटा बना शेेर औैर बाप हुआ ढेेर।
इस घटना से हमने सीखा कि हवस की भूख पूरी करने कि लिए खून के रिश्ते को भी हजम कर लो और डकार भी न लो। इससे मिला:-
सफलता का एक और.... कलियुगी फंडा
दुनिया में सबसे बड़ा रुपया है, इसलिए आपमें यह मूल्यांकन करने की क्षमता होनी चाहिए कि किसका रहना फायदेमंद है और किसका नहीं। यह पता चलते ही कि वह काम का आदमी नहीं रहा, तो जरूरत पड़े तो उसका भी गेम बजा दो। जैसे निकले काम, कर दो उसका काम तमाम। अत: स्वार्थ के चश्में से दुनिया को देखने की कला सीखो। अब लौकिक सफलता का रमेशी फंडा ये बनेगा कि-'' जिससे कोई फायदा नहीं, उससे बचकर रहो, चाहे वह तुम्हारा सगा बाप ही क्यों न हो।'' अपने पिता, माता और बहन को उखाड़ फेंकने के बाद फिर रमेश अब अपने मोहरों को जमाने में लग गया।
दुश्मनों को हटाओ, अपनों के लिए जगह बनाओ...यह थी रमेश की तीसरी शतरंजी चाल:-
रमेश ने की अपने आदमियों की ताजपोशी
  • रक्त संबंधियों को अपने दुश्मनों की तरह बाहर करने के बाद धृतराष्ट्र बन चुके रमेश ने अब अपना हाथ जगन्नाथ करते हुए अपने बच्चों को कम्पनी में सम्मिलित करने की योजना बनाई। अपने मातहतों को गद्दी पर बैठाने के लिए उनकी ताजपोशी के लिए ताना-बाना बुना। इसके तहत:-
  • 9 जूलाई 1987 को रमेश ने अपने लाड़ले सुधीर अग्र्रवाल को कम्पनी का अतिरिक्त ''एडीशनल'' डायरेक्टर बनाया।
  • अपने चलेे डी.एन. खन्ना को भी कम्पनी का अतिरिक्त डायरेक्टर बनाया। इस तरह पहली ही चाल ने रमेश को राजा बना दिया:-
रमेश बना सर्र्वेेसर्वा
उसने फर्जीवाड़ा कर बढ़े हुए शेयर अपने नाम पर कर अपना सिक्का जमा लिया था। रमेश के लिए 9 जुलाई, 1987 का दिन शायद स्वर्ग पाने जैसा मायने रखता है पहले शेयर हुएुए अपने नाम, फिर कंपनी बनी गुलाम। तब रमेश अपनी दसों उगंलियां घी में आरै सिर कड़ाही में रख कर गलगल दम्मेमार रहा था। ये था फर्जी चाल का असली कमाल। अपने आदमियों की ताजपोशी का शुरु हुआ सिलसिला अब खत्म हो चुका था।
दस्तखत संबंंधी अधिकार लिए
  • जुलाई 1987 को आयोजित फर्जी मीटिंग में रमेश ने सभी चेक, बिल, प्रमोशनरी नोट, डिमांड ड्राफ्ट आदि पर अपने हस्ताक्षर करने का अधिकार प्राप्त कर लिया।
  • लगे हाथ अपने पुत्र सुधीर और गिरीश अग्रवाल को चेक आदि पर हस्ताक्षर करने का अधिकार दिया। तब से रमेश पुत्र कागजों पर चिडिय़ा बनाने लगे। पहले कंपनी... फिर कुर्सी...फिर दस्तखत... सब कब्जे में... इस घटना से हमने सीखा:-
सफलता का एक और...कलियुगी फंडा
अगर द्वारका प्रसाद को रमेश के गुप्त इरादों की भनक, जरा भी पहले से लग गयी होती तो क्या रमेश इतना बड़ा काण्ड कर पाता? कभी नहीं। रमेश ने अपने पिता को जरा भी भान नहीं होने दिया कि वे अपने पुत्र को नहीं, बल्कि आस्तीन के सॉंप को दूध पिलाकर बड़ा कर रहे हैं। आस्तीन के सॉंप की सबसे बड़ी विशेषता यही होती है कि जब तक वो डसता नहीं है, तब तक उसकी असलियत उजागर नहीं होती। एक पल को द्वारका ने झपकी क्या ली, रमेश ने शतरंज की गोटियों का स्थान ही बदल दिया। इससे लौकिक ''फरेबी'' सफलता का कलियुगी ''रमेशी'' फंडा ये हाथ आया कि, सफल होने के लिए-''अपने असली इरादे छुपाकर लेकिन नकली इरादे बताकर रखें रमेश ने अपने पिता की विश्वास रूपी छाती पर धोखे की लात से प्रहार किया था। धोखे से बचने के लिए एक मूल मंत्र यह है कि हम अगर किसी को धोखा देने का मौका ही नहीं देंगे तो वह हमें कैसे धोखा दे पाएगा?
इसलिए लौकिक सफलता के इस रमेशी फंडे की काट है:- ''धंधे मे, अपने बेटे तक पर भूलकर भी भरोसा न करें।।'' लगातार......
नोट:- इस खबर पर कमेन्टस हमारी बेबसाइट www.tocnewsindia.blogspot.com एवं timesofcrime@gmail.com पर भेज सकते है। वहीं जानकारी साझा करने के लिए संपर्क कर सकते हंै। च

कलिनायक में खलनायक निकले भास्कर चेयरमेन रमेश अग्रवाल

मात्र 24700 रुपये में भास्कर प्रबंधन ने किया अपने चेयरमेन रमेश को बेआबरु





विनय जी. डेविड // मोबाईल :-9893221036


(भोपाल // टाइम्स ऑफ क्राइम)


मामला बड़ा रोचक है और शुरूआत भी एक सुबह दैनिक भास्कर में छपे इस विज्ञापन से हो गई जिसने भी विज्ञापन को पढ़ा लगा करोड़पति बनना कोई चिरागी नुस्खा होगा। परन्तु जब इस विज्ञापन पर दी गई जानकारी अनुसार बताई गई बेवसाइट का अवलोकन किया तो पता चला की पूरा का पूरा काला chittha भारत का सबसे बड़ा समाचार पत्र समूह दैनिक भास्कर के चेयरमेन रमेश अग्रवाल का है जो एक किताब के प्रकाशन के साथ ही खुल गया। वहीं इस प्रकाशन राजस्थान कलिनायक प्रकाशन, राजस्थान का है जो एक सोची समझी साजिश की तरह तय किया गया हैं। परन्तु यहां मजे की बात यह है कि भास्कर प्रबन्धक जो कमाई की हवस में अन्धा हो गया है उसे अपनी कमाई की हवस मिटाने के लिए यह भी नहीं सुझा कि ये विज्ञापन पहली नजर में ही संदेहास्पद दिखाई देता है। प्रबंधक रूपये की लालच का आवरण ऐसा चढ़ा कि जिसने यहां सोचने का अवसर ही नहीं दिया की, जो विज्ञापन स्वयं के अखबार में प्रकाशित किया जा रहा है वहीं कल अपने मुखिया का काला chittha खोल कर रख देगा इसी को तो कहते है, ''घर का भेदी लंका ढाये''दैनिक भास्कर सहित देश की जनता भी अब यह जान गई है कि आखिर यह शान-ओ-शौकत जो दिखाई देती है। वो कितनी मेहनत से मिलती है कितना कहां कहां प्रयास किया गया है इसकी तो इसमें एक झलकही नजर आती है इसके पीछे की कहानी बहुत लम्बी है।


कलिनायक प्रकाशन की इस किताब को दो लेखकों ने लिखा है जिसका प्रयास वाकई क्रांतिकारी है जो इनके हौंसले की दाद देनी पड़ेगी। क्योंकि इन्होंने इसे किताब के तथ्यों को समेटने में आधी जिन्दगी लगा दी होगी। वहीं इसका पेश करने के लिए बड़ा व्यवस्थित खेल खेला। जिसको निपटाना उसी के हाथ कमान थमा दी, कि ले अपनी औकात जनता को बता दें और हुआ भी यहीं कि चाणक्य नीति का शिकार होता नजर आया भास्कर प्रबन्धन। यहां कई लोगों का मानना है कि इस कहानी में दैनिक भास्कर ग्रुप के कई लोगों का हाथ है जो गोपनीयता बनाये रखे है, वर्ना देश का सबसे बड़ा समाचार पत्र का दावा करने वालों में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं था जो सभी संस्करणों में छपने वाले विज्ञापन की सत्यता की जांच नहीं कर सके और अपने मालिक को जनता के बीच चीथने के लिए छोड़ दिया। कलिनायक किताब की खासियत यह है कि इसे डाऊनलोड करके फ्री में भी पढ़ा जा सकता है, जबकि किताब की कीमत सौ रूपये बताई गई है। वहीं प्रकाशक बड़ा चालबाज है इसने करोड़पति बनाने का भी जनता को लोभ देकर अपनी खुद की जानकारी पुराने और कुछ गोपनीय डाक्यूमेंट उपलब्ध कराने पर लाखों रूपये पुरस्कार देने के लिए प्रतियोगिता प्रायोजित की है।




शामिल प्रतियोगिता की नियमावली भी बनाई गई है जों हम अलग से प्रस्तुत कर रहे हैं। वहीं इस पुस्तक के अंश जनता के बीच छोड़ रहे है ताकि जनता ही बताये कि आखिर इस कलिनायक पेशकश में रमेश अग्र्रवाल को नायक बताया गया है या खलनायक बनाया गया है।तो ये तो था भास्कर में प्रकाशित विज्ञापन का कंटेंट. अब इस किताब के कंटेंट की बात करते हैं. किताब में रमेश चंद्र अग्रवाल के बारे में काफी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है. रमेश चंद्र अग्रवाल के कई कथित-अकथित कारनामों का विस्तार से जिक्र किया गया है. रमेश चंद्र अग्रवाल और उनके क्रियाकलापों के संबंध में ही किताब में एक प्रतियोगिता का ऐलान किया गया है.


पूरी किताब http://www.rajasthankalinayak.net/ पर उपलब्ध है. इस साइट पर जाकर कलिनायक किताब डाउनलोड कर सकते हैं. (आप लिंक पर कर्सर ले जाकर माउस को राइट क्लिक करें, 'सेव लिंक ऐज' आप्शन आएगा जिस पर क्लिक कर देंगे तो कलिनायक किताब पीडीएफ फार्मेट में आपके कंप्यूटर / लैपटाप पर डाउनलोड होने लगेगी) कलिनायक की वेबसाइट को देखकर लगता है कि यह किताब जल्द ही अंग्रेजी में भी प्रकाशित होने जा रही है.


विनय जी. डेविड साप्ताहिक ''टाइम्स ऑफ क्राइम'' http://www.tocnewsindia.blogspot.com/ के संपादक एवं ऑल इण्डिया स्माल न्यूज पेपर्स ऐशोसिएशन मध्यप्रदेश के प्रान्तीय महासचिव है।
नोट:- इस द्वंद युद्ध के पीछे की जानकारी का भी हम शीघ्र खुलासा करेंगे। इस खबर पर कमेन्टस हमारी बेबसाइट timesofcrime@gmail.com पर भेज सकते है। वहीं जानकारी साझा करने के लिए संपर्क कर सकते हंै।

Vidya Balan Hot photo shoot till death

Posted by Adeel – Jauary 31, २०११Vidya Balan Hot photo shoot till death
has done her hottest photo shot till death. But the odd thing is that in her interview she told that “she had to do it for her success. It was compulsory for her. every actress had to make such photo shoots. its a part of industry“. She is the simple lady but it’s shock for her fan to see her in this bold photo shoot. It’s totally transparent. Let’s expect she will come up with her hot body in upcoming movie for the new taste.

Vidya Balan has been a very traditional Indian looking in contrast to most of today’s Bollywood stars. The girl was looking extremely stunning in her pictures and nothing like the way she looked few years ago in her debut movie Parineeta.


Vidya Balan:
Vidya Balan is a Tamilian from Kerala. She is from the Iyer community. She comes from a middleclass family from Palghat, on the border of Tamil Nadu and Kerala.

Tuesday, March 29, 2011

उल्टा पुल्टा बोल रहा था रामदेव, इसलिए जूता खींचकर मार दिया


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उल्टा पुल्टा बोल रहा था रामदेव, इसलिए जूता खींचकर मार दिया

बाबा रामदेव के खिलाफ उनके शिविरों में आनेवाले लोग ही अब सार्वजनिक रूप से अपने गुस्से का इजहार करने लगे हैं. ऐसी ही एक चौंकानेवाली घटना गुरुवार को नागपुर में घटी जब बाबा रामदेव पर अर्धसैनिक बल के एक जवान मीतू सिंह राठौर ने बाबा रामदेव पर जूता खींचकर दे मारा. मीतू सिंह राठौर का कहना है कि वह रामदेव के पास योग सीखने गया था लेकिन बाबा उल्टा पुल्टा बोल रहा था जिससे उसे गुस्सा आ गया और उसने बाबा के ऊपर जूता फेंककर दे मारा.

26 वर्षीय मीतू सिंह राठौर सीआईएसएफ का जवान है और ग्वालियर का रहनेवाला है. रामदेव के ट्रस्ट द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रेशिमबाग परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहा था. मीतू सिंह राठौर का कहना है कि वह नागपुर की सभा में बाबा से योग शिक्षा के संबंध में सीखने गया था, लेकिन वहां योग के बारे में एक लाइन भी नहीं बोली गई और जो भी बोला जा रहा था, सब उलटा-पुलटा था। इसलिए सहन नहीं हुआ और उसने जूता फेंककर अपने गुस्से का इजहार किया। जवान का कहना है कि बाबा नागपुर, दिल्ली, गोवा जैसे शहरों में भाषण देकर देशभक्ति की बात करते हैं, तो उन्हें बारामूला, सोपोर, व दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्रों में भी कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए। मित्तू ने कहा कि वक्ता उल्टा-पुल्टा कुछ भी बोल रहे थे, जो सहन नहीं हुआ।

हालांकि इस घटना के बाद बाबा रामदेव ने उक्त जवान को माफ कर दिया लेकिन बाबा के समर्थक जेड कैटेगरी की सुरक्षा प्राप्त बाबा के लिए और अधिक सुरक्षा की मांग करने लगे हैं. पुलिस ने भी प्राथमिक पूछताछ के बाद जवान को छोड़ दिया है जिसके बाद जवान अपने घर ग्वालियर लौट आया है.

जैन संत भी रामदेव के खिलाफ: जैन समाज भी बाबा रामदेव की खिलाफत करने लगा है. जैन समाज के संत मुनि पुलक सागर ने शुक्रवार को उदयपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वे बाबा रामदेव को सन्यासी नहीं मानते। बाबा रामदेव तो योग शिक्षक हैं और वे राजनीति में दिलचस्पी लेते हैं तो वह उनकी सोच है।

एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि हर संत का उद्देश्य राष्ट्रधर्म निभाना भी होता है, जिसे जैन संत भी बखूबी निभा रहे हैं। पर्यावरण, दहेज विरोध, कन्या भ्रूण हत्या, जल संरक्षण, धर्म एवं संस्कृति के प्रति जागरुकता और भी ऐसे कई मुद्दे हैं जिन्हें जनता के सामने रखकर संत चेतना जाग्रत करते हैं।

'भारत वर्ल्ड कप जीता, तो स्टेडियम में न्यूड हो जाऊंगी'

'भारत वर्ल्ड कप जीता, तो स्टेडियम में न्यूड हो जाऊंगी'
29 Mar 2011,


नई दिल्ली।। वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का हौसला बढ़ाने के लिए एक मॉडल ने सनसनीखेज ऐलान किया है। इस मॉडल ने कहा कि अगर भारत वर्ल्ड कप जीता, तो वह न्यूड होकर खुशी मनाएंगी।

इस मॉडल का नाम है पूनम पांडे। पूनम मोस्ट डाउनलोडेड मॉडल के तौर पर चर्चित रही हैं। इस साल कुछ चर्चित कैलेडरों पर भी वह छाई रही थीं।

पूनम टीम इंडिया की जबर्दस्त फैन हैं। पूनम ने बताया कि वह ऐसा सिर्फ टीम इंडिया का हौसला बढ़ाने के लिए कर रही हैं। उन्होंने कहा कि टीम इंडिया को सपोर्ट करने का यह उनका तरीका है। पूनम ने कहा कि उनकी ख्वाहिश है कि वह टीम इंडिया से संपर्क कर ड्रेसिंग रूम में सारे खिलाड़ियों के सामने कपड़े उतारें।

पूनम ने कहा कि अगर बीसीसीआई इजाजत दे तो वह स्टेडियम में हजारों लोगों के सामने न्यूड होने के लिए भी तैयार हैं। पूनम ने कहा कि यह पब्लिसिटी स्टंट नहीं है।

गौरतलब है कि फुटबॉल वर्ल्ड कप में भी ऐसी खुमारी देखने को मिली थी। मशहूर फुटबॉलर और कोच माराडोना ने वादा किया था कि अगर उनकी टीम वर्ल्ड कप जीतती है , तो वह कपड़े उतार कर अर्जेंटीना की गलियों में घूमेंगे।

इसके बाद पराग्वे की मशहूर लॉन्जरी मॉडल लरीसा रिकेल्मे ने कुछ इसी तरह का वादा किया था। उन्होंने ऐलान किया था कि पराग्वे की टीम वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीत लेती है तो वह लोगों के सामने अपने सारे कपड़े उतारकर खुशी मनाएंगी।

Monday, March 28, 2011

म.प्र., छ.ग.के समस्त नगर में संवाददाता चाहिये

.प्र., छ.ग.के समस्त नगर/ ब्लाक/ ग्राम पंचायत स्तर/ वार्ड में संवाददाता बनाना है

भारत के सर्वश्रेष्ठ निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण साप्ताहिक समाचार पत्र ''टाइम्स ऑफ क्राइम'' हेतु सम्पूर्ण भारत में ब्लाक/पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय प्रतिनिधियों/संवाददाताओं की आवश्यकता है जो अपने गृह नगर क्षेत्र में समाचार/विज्ञापन/प्रसार सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके। आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति। सम्पूर्ण विवरण योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के नवीनतम फोटोग्राफ एवं आवेदन शुल्क 200/- पोस्टल आर्डर/बैंक ड्राफ्ट जो ''टाइम्स ऑफ क्राइम'' भोपाल के नाम हो, दिनांक 10.4.11 शाम 5 बजे तक कार्यालय पहुंच जाना चाहिये।
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क्र. पद योग्यता आयु स. वेतन
1. विज्ञापन प्रतिनिधि स्नातक 21 से 40 6, 000 रु।
2। तहसील प्रमुख स्ना।/हा।से। 21 से 55 5, 000 रु।
3। विज्ञापन प्रतिनिधि स्नातक 21 से 50 4, 500 रु।
4. क्राइम रिपोर्टर हा। से। 19 से 50 4, 000 रु।
5। सर्वेयर दसवीं 18 से 40 3, 500 रु।
6. ग्राम संवाददाता दसवीं 18 से 40 3, 500 रु।
7. वार्ड संवाददाता दसवीं 18 से 40 3, 500 रु।
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टाइम्स ऑफ क्राइम
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, पे्रस काम्पलेक्स,
जोन-1, एम. पी. नगर भोपाल (म.प्र.)
दूरभाष क्र.-0755-4078525
मोबाइल 98932 21036, 95843 89889


जिपं उपाध्यक्ष पर मारपीट का आरोप

जिपं उपाध्यक्ष पर मारपीट का आरोप

बैतूल // राम किशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)

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पूर्व विधायक राजा भैया की दबंगाई किसी से छुपी नहीं हैं। वे स्वंय राजा भैया जया गोपाल, हाथी पहुंच गया भोपाल के नारो के साथ हाथी पर सवार होकर विधानसभा पहुंचे थे। बैतूल जिले में भी यूं तो राजा भैया आपको कई मिल जाएगें लेकिन जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा पंवार की बात ही कुछ निारली हैं। मुलताई के जौलखेड़ा ग्राम निवासी राजा अशोक धोटे जाति पंवार की पूरे विधानसभा क्षेत्र मुलताई में दबंगाई देखने लायक हैं। राजा भैया के डर से पारधी गांव छोड़ कर भाग कर बैतूल जिला मुख्यालय पर रह रहे हैं।
इस समय एक बार फिर राजा भैया विवादो में घिर गए हैं। मुलताई ब्लॉक के ग्राम डिवटिया के एक दलित परिवार के सदस्यों ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा पंवार एवं ग्राम के सरंपच सहित अन्य लोगों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। पीडि़त दलित परिवार के सदस्यों ने अजाक थाने आवेदन देकर मारपीट करने वालों पर कार्रवाई की मांग की है। ग्राम डिवटिया से आए रोशनी, कमलेश, अशोक, फूलवंती ने अजाक थाने में दिए आवेदन में बताया कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा पंवार, ग्राम सरपंच उमेश परिहार, फागू, ईश्वर सुदामा, दिनेश मुकेश, सेवाराम आदि ने उनके साथ मारपीट की। इसकी शिकायत करने 21 मार्च को मुलताई थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने गए थे। यहां के बस स्टैंड से कुछ लोग जीप में बैठाकर परिवार के सभी सदस्यों को जिपं उपाध्यक्ष के घर लाए और लाठियों से पीटा। इस संबंध में राजा पंवार, उपाध्यक्ष जिला पंचायत का कहना है कि दो पक्षो में हुए विवाद को लेकर समझाने के लिए गया था। शिकायतकर्ताओं द्वारा गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। जबकि जो लोग आरोप लगा रहे हैं वे लोग आदतन अपराधी हैं।

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नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
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