व्हीएफजे में 13 से 18 दिसम्बर तक आयोजित होगा एवीएनएल चेयरमैन कप, एवीएनएल की सभी इकाईयों से शामिल होंगे खिलाड़ी
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जबलपुर में 13 दिसम्बर 2025 को व्हीएफजे के मुख्य महाप्रबंधक श्री प्रवीण कुमार की अध्यक्षता में एवीएनएल चेयरमैन कप 2025 का शुभारंभ किया जाएगा, जबकि 18 दिसम्बर 2025 को भव्य समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं पुरस्कार वितरण के साथ कार्यक्रम का संपन्न होगा।
VFJ में AVNL चेयरमैन कप 2025 का आयोजन पर सीजीएम प्रवीण कुमार से TOC NEWS की चर्चा
जबलपुर, व्हीकल फैक्टरी जबलपुर में 13 दिसम्बर से 18 दिसम्बर 2025 तक एवीएनएल चेयरमैन कप 2025 का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में क्रिकेट, बिलियर्ड्स, स्नूकर, बैडमिंटन, बॉस्केटबॉल, शतरंज, टेबल टेनिस एवं कैरम की खेल प्रतियोगिताओं में एवीएनएल के अधीनस्थ कार्यरत सभी रक्षा उत्पादन इकाईयों के खिलाडी अपनी प्रतिभा एवं कौशल का प्रदर्शन करेंगे।
सीजीएम प्रवीण कुमार, डीजीएम श्वेता जौहरी ने खेल प्रतियोगिताओं के बारे में बताया कि एवीएनएल चेयरमैन कप आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (एवीएनएल) चेन्नई द्वारा स्थापित एक उत्कृष्ट मंच है, जिसमें एवीएनएल के अधीन विभिन्न रक्षा उत्पादन इकाईयों में कार्यरत कर्मचारी आपसी भाईचारा, टीम बिल्डिंग, पर्सनॉलिटी डेवलपमेंट एवं अनुशासन का पालन करते हुए न केवल अपनी उत्पादकता एवं कार्यक्षमता में वृद्दि करते हैं अपितु अपनी निर्माणी एवं संगठन को भी सशक्त एवं सुदृढ़ बनाते हैं।
इस प्रकार के खेल आयोजनों से कार्मिकों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और वे नई ऊर्जा, आत्मविश्वास एवं एक स्वस्थ जीवनशैली के साथ अपना कार्य पूरा कर पाते हैं।
सूचना के अधिकार की धज्जियां उड़ने वाले जबलपुर के खेल और लोक सूचना अधिकारी आशीष पांडे पर ₹10,000 का जुर्माना
*सूचना आयोग ने लगाया जबलपुर के खेल अधिकारी एवं लोक सूचना अधिकारी आशीष पांडे पर 10,000 का जुर्माना*
RTI में मांगी जानकारी न देना खेल अधिकारी आशीष पांडे को पड़ा महंगा, राज्य सूचना आयुक्त ने लगाया 10 हजार का जुर्माना
RTI की सूचना नहीं देने वाले अधिकारी पर राज्य सूचना आयुक्त ने लगाया 10 हजार का जुर्माना
सूचना के अधिकार की धज्जियां उड़ने वाले लोक सूचना अधिकारी पर ₹10,000 का जुर्माना
मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में 26 दिसंबर 2025 पेशी नियत
जिले एवं तहसीलों में ब्यूरो संवाददाताओं की आवश्यकता है हमसे जुड़ने के लिए संपर्क करें : 9893221036
मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के राज्य मुख्य सूचना आयुक्त माननीय श्री ओंकार सिंह ने अपील प्रकरण क्रमांक ए 592/2023 के मामले में सुनवाई करते हुए जबलपुर के खेल और युवा कल्याण विभाग के संभागीय खेल अधिकारी और जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी एवं लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पांडे को दोषी मानते हुए 10000 के जुर्माने से दंडित किया। वही तात्कालिक लोक सूचना अधिकारी आशीष पांडे को जुर्माना की राशि एक माह के भीतर आयोग कार्यालय में जमा करने के आदेश दिए हैं शास्ति ( जुर्माना) राशि जमा करने का पालन प्रतिवेदन के लिए मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में 26 दिसंबर 2025 पेशी नियत की हैं।
भोपाल/ जबलपुर । मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के आयुक्त श्री ओंकार नाथ ने जबलपुर के खेल और युवा कल्याण विभाग के संभागीय खेल अधिकारी और जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी एवं लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पांडे के खिलाफ सुनवाई कर दोषी पाए जाने पर ₹10000 का शास्ति अधिरोपित की है।
सूचना आयुक्त श्री ओंकार नाथ ने माना कि सूचना के अधिकार के तहत अपीलार्थी श्री विनय जी. डेविड द्वारा सूचना की जानकारी के लिए एक आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था जिसमें जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी एवं लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पांडे के द्वारा चाही गई जानकारी जो सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई थी उसे छुपाने दबाने गुमराह करने के लिए जानबूझकर अपीलार्थी डेविड का आवेदन अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत निरस्त किया गया था, जो कि अधिनियम की धारा 7 का उल्लंघन है। उक्त कृत्य अधिनियम की धारा 20 के तहत कार्यवाही योग्य है। अतः तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डे संभागीय खेल अधिकारी, कार्यालय जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी, जबलपुर को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 के तहत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। जिसके जवाब में लोक सूचना अधिकारी आशीष पांडे
श्री आशीष पाण्डे ( लोक सूचना अधिकारी )
जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी
अपने वकील के साथ सूचना आयोग में 23 अक्टूबर 2025 को पेशी के दौरान उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा। अपने पक्ष में उक्त प्रकरण पर अनेकों दलील दी गई, परंतु एक भी दलील काम नहीं आई । अपीलार्थी विनय जी. डेविड ने आयोग को बताया कि लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पांडे सूचना के अधिकार के तहत जानकारी नहीं देना चाहते वह हर जानकारी को छुपाने की नीयत से कार्य करते हैं कोई ना कोई बहाना ढूंढ करके आरटीआई के आवेदन को निरस्त कर देते। इस प्रकरण के मामले में भी उन्होंने जानकारी नहीं देते हुए आरटीई आवेदन को निरस्त कर दिया। जिस कारण मुझे प्रथम अपीलीय अधिकारी के सामने आवेदन प्रस्तुत करना पड़ा अपीलीय अधिकारी ने भी प्रकरण पर किसी भी प्रकार का विचार विमर्श करवाई नहीं की । इसी कारण मुझे मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील प्रस्तुत करनी पड़ी इस सभी प्रकरण में करीब 3 साल का वक्त लग गया।
सूचना आयुक्त श्री ओंकार नाथ ने अपने आदेश में कहा कि इस प्रकरण में लोक सूचना अधिकारी का दायित्व था कि यदि जानकारी उनके कार्यालय में अगर जानकारी नहीं थी तो उस भाग के लिए अधिनियम की धारा 6 (3) के तहत आवेदन संबंधित कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी को अंतरित किया जाना चाहिए था जो कि नहीं किया गया। लोक सूचना अधिकारी यह कहकर दायित्व से नहीं बच सकते कि मध्य प्रदेश तीरंदाजी अकादमी से संबंधित जानकारी होने के कारण वह जानकारी उपलब्ध नहीं करा सके, जबकि अपीलार्थी के आवेदन में चाही गई जानकारी प्रकटन योग्य होने से समयावधि में उपलब्ध करायी जानी चाहिए थी।
सूचना आयुक्त श्री ओंकार नाथ ने कहा कि उपरोक्त समस्त तथ्यों से स्पष्ट है कि तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय आवेदन में चाही गई प्रकटन योग्य जानकारी नहीं देना चाहते थे। उनके उपरोक्त आचरण को देखते हुए यह परिलक्षित होता है कि उनका उद्देश्य जानकारी प्रकटन नहीं करने का था। इस प्रकार स्पष्ट है कि प्रकरण में तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधान अनुसार दायित्व निर्वहन नहीं करने के कारण अपीलार्थी के आवेदन में चाही गई जानकारी समयावधि में उपलब्ध नहीं कराने के लिए तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय द्वारा अधिनियम की धारा 7 का उल्लंघन किया गया है, जिससे अपीलार्थी को जानकारी उपलब्ध कराने में अत्यधिक विलंब हुआ है। उक्त कृत्य अधिनियम की धारा 20 (1) के तहत शास्ति अधिरोपित करने योग्य है। प्रकरण एवं तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी की सेवा अवधि के दृष्टिगत उनके प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाने का निर्णय लिया गया।
साथ ही अपीलार्थी द्वारा एक अन्य आवेदन लोक सूचना अधिकारी को पेश किया गया था जिसकी द्वितीय अपील क्रमांक ए-590/रा०सू०आ० / जबलपुर / 2023 का निराकरण राज्य सूचना आयोग द्वारा पारित आदेश दिनांक 30 जनवरी 2025 से किया गया है। इस मामले में भी लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय ही थे, इसमें भी उन्होंने जानकारी नहीं दी थी, किन्तु इस मामले में उन्हें दंडित नहीं किया गया था।
अतः सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 (1) के तहत तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय, संभागीय खेल अधिकारी, कार्यालय जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी, जिला-जबलपुर पर रू. 10,000/- (रूपये दस हजार मात्र) की शास्ति अधिरोपित की जाती है। उपरोक्त अधिकारी / कर्मचारी उक्त शास्ति राशि एक माह के भीतर आयोग कार्यालय में जमा करेंगे। शास्ति ( जुर्माना) राशि जमा करने का पालन प्रतिवेदन के लिए मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग जबलपुर संभाग के प्रबाचक म०प्र०राज्य सूचना आयोग भोपाल ने प्रकरण क्रमांक ए-592/2023/ जबलपुर // 115885 का आदेश दिनांक 18 नवंबर 2025 को जारी कर दिया है । मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में 26 दिसंबर 2025 पेशी नियत की हैं।
"सचिव, राज्य सूचना आयोग, भोपाल" के इस खाते में जमा करें जुर्माना
उपरोक्त अधिकारी/कर्मचारी को निर्देशित किया जाता है कि वह शास्ति राशि "सचिव, राज्य सूचना आयोग, भोपाल" को देय बैंक ड्राफ्ट अथवा चालान के माध्यम से शासकीय कोष के मद-"मुख्य शीर्ष 0070 अन्य प्रशासनिक सेवायें, उप शीर्ष 60 अन्य सेवायें, लघु शीर्ष 118 अन्य प्राप्तियाँ (0000)" में जमा कर उक्त बैंक ड्राफ्ट / चालान की प्रति के साथ पालन प्रतिवेदन आगामी पेशी के एक सप्ताह पूर्व आयोग कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे।
शास्ति राशि समयावधि में आयोग कार्यालय में जमा हो प्रमुख सचिव को दिया आदेश
लोक प्राधिकारी- प्रमुख सचिव, म०प्र० शासन, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, मंत्रालय भोपाल यह सुनिश्चित करेंगे कि उपरोक्तानुसार अधिकारी / कर्मचारी द्वारा शास्ति राशि समयावधि में आयोग कार्यालय में जमा हो जाए अन्यथा म०प्र० सूचना का अधिकार (अपील तथा फीस) नियम, 2005 के नियम-8 (6) (तीन) के अनुसार उनके वेतन से कटौती कर तथा उनके सेवा-पुस्तिका में इन्द्राज करते हुए उसकी प्रति सहित आयोग को चालान / बैंक ड्राफ्ट/ नगद रूप में आयोग कार्यालय में जमा कराकर प्रति सहित आयोग को पालन प्रतिवेदन पेश करें।
प्रकरण तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय द्वारा शास्ति राशि रू. 10,000/- (रूपये दस हजार मात्र) जमा करने का पालन प्रतिवेदन हेतु दिनांक 26.12.2025 को प्रातः 11.00 बजे नियत किया जाता है।
तत्कालीन प्रथम अपीलीय अधिकारी पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सिद्धार्थ बहुगुणा के उक्त कृत्य की आयोग ने की निंदा
मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के आयुक्त श्री ओंकार नाथ ने प्रकरण में अपीलार्थी विनय जी. डेविड द्वारा प्रस्तुत प्रथम अपील के प्रकरण में तत्कालीन प्रथम अपील अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सिद्धार्थ बहुगुणा को भी अधिनियम की धारा 19(1) के प्रावधान अनुसार समयावधि में निराकरण आदेश पारित नहीं किए जाने पर सूचना आयुक्त ने तात्कालिक प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सिद्धार्थ बहुगुणा के उक्त कृत के लिए आयोग द्वारा निंदा व्यक्त करते हुए समझाईश दी है कि भविष्य में अधिनियम के प्रावधान अनुसार गुण-दोष के आधार पर समयावधि में प्रथम अपील का निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें।
*अधिक जानकारी के लिए*
*प्रकरण में अपीलार्थी*
*विनय जी. डेविड*
से संपर्क करें : 98932 21036
*( संपर्क का समय सुबह 11 बजे से रात्रि 10 बजे तक )*
महिला विश्व कप क्रिकेट प्रतियोगिता की विश्व विजेता मध्यप्रदेश की महिला क्रिकेटर क्रांति गौड़ को एक करोड़ रुपए देगी राज्य सरकार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीडियो कॉल कर ऑलराउंडर प्लेयर क्रांति गौड़ को बधाई दी. उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमारी छोटी बहन ने रिकॉर्ड बनाया. इस रिकॉर्ड के लिए पूरा प्रदेश और देश गौरवांवित है. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार ने क्रांति गौड़ को एक करोड़ रुपये देने का भी ऐलान किया है.
प्रदेश की खेल प्रोत्साहन नीतियों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिल रही सफलता
बेटियां खेल प्रतियोगिताओं में स्थापित कर रही हैं उच्च कीर्तिमान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम को आईसीसी वर्ल्ड कप-2025 की जीत पर दी बधाई
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऑलराउंडर मध्यप्रदेश की छतरपुर जिले की घुवारा की क्रांति गौड़ को एक करोड़ रूपए की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है। महिला विश्व कप क्रिकेट प्रतियोगिता की विजय यात्रा में भारत को पहली बार विश्व विजेता बनने में क्रांति गौड़ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रविवार रात देश की बेटियों ने आईसीसी महिला एक दिवसीय वनडे वर्ल्ड कप-2025 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत के उच्चतम प्रतिमान स्थापित करते हुए आगे बढ़ने का यह अभूतपूर्व प्रमाण है। साथ ही प्रदेश में खेल को प्रोत्साहित करने के लिए क्रियान्वित योजनाओं का प्रतिफल भी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय टीम पहली बार आईसीसी वर्ल्ड चैंपियन बनी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी खिलाड़ियों और देशवासियों को भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जीत पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के भवन के लोकार्पण और समाधान योजना के शुभारंभ के बाद मीडिया से चर्चा में ये विचार व्यक्त किए।
इस ऐतिहासिक जीत में प्रदेश की बेटी और टीम की ऑलराउंडर क्रांति गौड़ की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। ऑल राउंडर क्रांति ने पाकिस्तान के खिलाफ (ग्रुप स्टेज) मैच में भी 3 खिलाड़ियों को आउट किया था। इस मुकाबले में उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था। बुंदेलखंड की बेटी क्रांति गौड़ घरेलु क्रिकेट के साथ अंतरराष्ट्रीय और डब्ल्यूपीएल में अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन से झंडे गाड़ रही हैं। वे परिवार में 6 भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं।
महिला खिलाड़ियों या पर्यटकों के साथ अभद्रता : इंदौर की घटना बनी राजनीति का नया मैदान, महिला सुरक्षा बनाम राजनीतिक बयानबाज़ी का खेल
पुलिस प्रशासन और सरकार की नहीं बल्कि पूरे समाज की विफलता है यह घटना
इंदौर जिसे देश ''स्वच्छता की राजधानी'' के रूप में जानता है, आज एक दुर्भाग्यपूर्ण कारण से सुर्खियों में है
महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है कैलाश विजयवर्गीय का बयान
भोपाल // विजया पाठक
इंदौर. क्रिकेट वर्ल्ड कप खेलने आई ऑस्ट्रेलिया की महिला खिलाड़ी के साथ हुई अभद्रता ने न केवल खेल भावना को आहत किया है बल्कि इसने मध्यप्रदेश की छवि और पुलिस व्यवस्था पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। जो घटना खेल के मैदान से जुड़ी होनी चाहिए थी वह अब राजनीति के अखाड़े में परिवर्तित हो चुकी है। ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेटर वर्ल्ड कप मैच के बाद इंदौर के एक बाजार में पहुंची थीं जहाँ कुछ युवकों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया।
मामला जैसे ही सामने आया प्रदेश का माहौल गर्मा गया। पुलिस ने पहले तो घटना को छोटी गलतफहमी बताकर टालने की कोशिश की लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो ने यह साफ कर दिया कि घटना गंभीर है और सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन भी हुआ है। यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रोटोकॉल के तहत होती है तो आखिर एक विदेशी महिला खिलाड़ी कैसे बिना सुरक्षा घेरे के खुले बाजार तक पहुंच गई। क्या यह पुलिस प्रशासन की चूक थी या प्रोटोकॉल का उल्लंघन।
प्रशासनिक विफलता और लीपापोती की कोशिश
घटना के बाद पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया ने सवालों को और बढ़ा दिया। पहले तो पुलिस ने कहा कि खिलाड़ी अकेले नहीं थीं। बाद में कहा गया कि गलतफहमी हुई और जब मामला मीडिया में फैल गया तो लीपापोती शुरू हो गई। इंदौर पुलिस अब यह साबित करने में लगी है कि घटना उतनी बड़ी नहीं जितनी दिखाई जा रही है”परंतु प्रश्न यह नहीं है कि घटना कितनी बड़ी थी। प्रश्न यह है कि ऐसी घटना हुई क्यों। प्रदेश की कानून व्यवस्था और विशेषकर महिला सुरक्षा के प्रति सरकार के दावे इस एक घटना से कमजोर होते दिखे हैं।
राजनीति ने पकड़ा तूल
मामला और भी गरम तब हुआ जब प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस घटना पर बयान दिया। विजयवर्गीय ने कहा था ऐसी घटनाएँ राज्य की छवि को धूमिल करती हैं। इसलिए पुलिस को और सतर्क रहना चाहिए। उनका यह बयान राज्य की छवि को लेकर चिंता का प्रतीक था। लेकिन कांग्रेस ने इसे महिला खिलाड़ी के प्रति असंवेदनशीलता बताकर राजनीतिक रंग दे दिया। बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया और सोशल मीडिया पर इसे महिला विरोधी टिप्पणी के रूप में प्रचारित किया गया। राजनीति के इस नए मोड़ ने मुद्दे को पूरी तरह महिला सुरक्षा से हटाकर बयानबाज़ी की लड़ाई में बदल दिया। जहां एक ओर भाजपा नेता यह कह रहे हैं कि विजयवर्गीय का आशय प्रशासन की लापरवाही को इंगित करना था वहीं कांग्रेस ने इसे राज्य सरकार की महिला सुरक्षा के प्रति लापरवाही से जोड़ दिया।
खेल सुरक्षा और जिम्मेदारी
यह कोई पहला मौका नहीं है जब महिला खिलाड़ियों के साथ ऐसी घटना घटी हो। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लंदन] सिडनी] जोहान्सबर्ग और दिल्ली जैसे शहरों में विदेशी महिला खिलाड़ियों या पर्यटकों के साथ अभद्रता की घटनाएँ हो चुकी हैं। परंतु जब ऐसा किसी खेल आयोजन से जुड़े व्यक्ति के साथ होता है तो इसका प्रभाव केवल स्थानीय नहीं रहता बल्कि देश की वैश्विक छवि और खेल कूटनीति पर भी पड़ता है। इंदौर में घटी यह घटना भारत के लिए एक कूटनीतिक और छवि-संबंधी चुनौती बन सकती है। यह समय है जब भारत खेल पर्यटन और निवेश के माध्यम से ग्लोबल इमेज मजबूत करने की दिशा में बढ़ रहा है। ऐसे में इस प्रकार की घटनाएँ सॉफ्ट पावर के लिए खतरा हैं।
व्यवहारिक संवेदनशीलता की आवश्यकता
सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए कई योजनाएँ चलाई हैं 108 महिला हेल्पलाइन महिला थाना सेफ सिटी प्रोजेक्ट सीसीटीवी निगरानी व्यवस्था और नारी शक्ति मिशन जैसी पहलें। फिर भी जब कोई विदेशी महिला खिलाड़ी बाजार में असुरक्षित महसूस करती है तो यह दर्शाता है कि प्रणालियाँ मौजूद तो हैं पर संवेदनशीलता का अभाव है। महिला सुरक्षा केवल कानून और हेल्पलाइन से नहीं आती वह आती है सामाजिक मानसिकता में परिवर्तन से और यही वह पहलू है जहाँ सरकार और समाज दोनों को आत्ममंथन करना चाहिए।
संवेदनशील मुद्दे पर तुष्टिकरण नहीं समाधान आवश्यक
राजनीतिक दलों का यह कर्तव्य है कि वे ऐसे मुद्दों को संवेदनशीलता से संभालें परंतु वर्तमान परिदृश्य में यह घटना भी राजनीतिक लाभ के खेल में तब्दील हो गई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने इसे राजनीतिक हथियार बना लिया जहाँ एक पक्ष प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर रहा है तो दूसरा पक्ष बयान की गलत व्याख्या पर सफाई दे रहा है। इस बीच असली सवाल महिला सुरक्षा की जमीनी हकीकत और विदेशी मेहमानों की सुरक्षा व्यवस्था कहीं गुम हो गया है।
इंदौर की पहचान स्वच्छता से संवेदनशीलता की ओर
इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार सात बार देश का नाम रोशन किया है। अब आवश्यकता है कि वह सुरक्षा और संवेदनशीलता की राजधानी बने। यह तभी संभव है जब प्रशासनिक तत्परता के साथ-साथ नागरिक चेतना भी जागे। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और पर्यटकों के लिए सुरक्षा के विशेष प्रोटोकॉल बनाए और उनका पालन सुनिश्चित करे।
खेल भावना की पुनर्स्थापना
इंदौर की यह घटना एक चेतावनी है कि महिला सुरक्षा और प्रशासनिक सजगता किसी भी राज्य की छवि के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। डॉ. मोहन यादव सरकार ने हाल ही में नारी शक्ति मिशन के तहत महिला सम्मान और सुरक्षा के कई अभियान शुरू किए हैं परंतु इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कानून से अधिक जरूरी है उसका पालन और क्रियान्वयन। राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे इस घटना को राजनीतिक हथियार नहीं बल्कि सामाजिक सुधार का अवसर मानें। कैलाश विजयवर्गीय का बयान चाहे जिस रूप में लिया गया हो मूल मुद्दा यही है अगर एक विदेशी महिला खिलाड़ी हमारे देश में असुरक्षित महसूस करती है तो यह केवल सरकार की नहीं पूरे समाज की विफलता है।
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