- मिलीभगत से जारी है निजी अस्पतालों की मनमानी
Toc news
खंडवा(नि.प्र.)। जिलेभर में फर्जी डिग्रीधारी डॉक्टरों का मकड़चाल बिछा
हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों द्वारा इन फर्जी डॉक्टरों से
गाड़ी कमाई उगाही जा रही है। पूर्व में दिखावे के लिए इनके खिलाफ अभियान
चलाया गया था। अपना-अपना हफ्ता बांधकर जिम्मेदारों ने अपने कर्तव्यों की
इतिश्री कर ली। वहीं निजी अस्पतालों की मनमानी के कारण आए दिन मासूम लोग
अपने जान गवा रहे हैं। पूर्व में भी निजी चिकित्सालयों की लापरवाही से
मरीजों की जान चली गई। मृतकों के परिजनों द्वारा शिकायत भी की गई लेकिन
मोटी रकम लेकर मामला रफादफा करने का सिलसिला जारी है। इसी का नतीजा है कि
निजी अस्पतालों के हौसले बुलंद है। इलाज के नाम पर मरीजों के परिजनों से
मनमानी रूपए वसूले जाते हैं, पूरा पैसा वसूलने के बाद जब मरीज की जान पर
बन आती है तो इंदौर रैफर करने की बात करते हैं और मरीज वहीं दम तोड़ देता
है।
ऐसा ही एक मामला शहर के प्रकाश नर्सिंंग होम में देखने को मिला। 14
अगस्त को भर्ती हुई हिना पति अभिषेक माहेश्वरी को अस्पताल में एडमिट किया
गया। जहा ऑपरेशन से डिलेवरी के बाद बालक हुआ उसके 1 घंटे बाद तकलीफ होने
पर डॉक्टरों की टीम ने दुबारा ऑपरेशन करके बच्चा दानी निकल ली गई जिसकी
परिवार वालों को कोई सूचना नहीं दी गई इसके बाद उसकी हालात लगातार बिगड़ती
गई। परिजनों ने जब पूछा तो कहा की अभी इलाज चल रहा है परिजनों ने इंदौर
ले जाने का कहा तो कहने लगे की अंतिम स्टेज पर है ले जाना संभव नहीं।
परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की। जिसकी
शिकायत पदमनगर थाने में की गई है। इस दौरान तहसीलदार माला अहिरवार ने
पंचनामा बनाकर शव को पोस्टमादम् के लिये जिला चिकित्सालय भेजा जहा डॉक्टर
शक्तिसिंग राठौर ने 3 डॉक्टरों की पेनल बनाकर पीएम किया और उसकी
वीडियोग्राफी भी कराई गई। अब देखना है कि प्रकाश नर्सिंग होम पर कार्रवाई
कर मृतक महिला के परिजनों को न्याय मिलता है या पूर्व मामलों की तरह मोटी
रकम लेकर मामला रफादफा कर दिया जाएगा।
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खंडवा(नि.प्र.)। जिलेभर में फर्जी डिग्रीधारी डॉक्टरों का मकड़चाल बिछा
हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों द्वारा इन फर्जी डॉक्टरों से
गाड़ी कमाई उगाही जा रही है। पूर्व में दिखावे के लिए इनके खिलाफ अभियान
चलाया गया था। अपना-अपना हफ्ता बांधकर जिम्मेदारों ने अपने कर्तव्यों की
इतिश्री कर ली। वहीं निजी अस्पतालों की मनमानी के कारण आए दिन मासूम लोग
अपने जान गवा रहे हैं। पूर्व में भी निजी चिकित्सालयों की लापरवाही से
मरीजों की जान चली गई। मृतकों के परिजनों द्वारा शिकायत भी की गई लेकिन
मोटी रकम लेकर मामला रफादफा करने का सिलसिला जारी है। इसी का नतीजा है कि
निजी अस्पतालों के हौसले बुलंद है। इलाज के नाम पर मरीजों के परिजनों से
मनमानी रूपए वसूले जाते हैं, पूरा पैसा वसूलने के बाद जब मरीज की जान पर
बन आती है तो इंदौर रैफर करने की बात करते हैं और मरीज वहीं दम तोड़ देता
है।
ऐसा ही एक मामला शहर के प्रकाश नर्सिंंग होम में देखने को मिला। 14
अगस्त को भर्ती हुई हिना पति अभिषेक माहेश्वरी को अस्पताल में एडमिट किया
गया। जहा ऑपरेशन से डिलेवरी के बाद बालक हुआ उसके 1 घंटे बाद तकलीफ होने
पर डॉक्टरों की टीम ने दुबारा ऑपरेशन करके बच्चा दानी निकल ली गई जिसकी
परिवार वालों को कोई सूचना नहीं दी गई इसके बाद उसकी हालात लगातार बिगड़ती
गई। परिजनों ने जब पूछा तो कहा की अभी इलाज चल रहा है परिजनों ने इंदौर
ले जाने का कहा तो कहने लगे की अंतिम स्टेज पर है ले जाना संभव नहीं।
परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की। जिसकी
शिकायत पदमनगर थाने में की गई है। इस दौरान तहसीलदार माला अहिरवार ने
पंचनामा बनाकर शव को पोस्टमादम् के लिये जिला चिकित्सालय भेजा जहा डॉक्टर
शक्तिसिंग राठौर ने 3 डॉक्टरों की पेनल बनाकर पीएम किया और उसकी
वीडियोग्राफी भी कराई गई। अब देखना है कि प्रकाश नर्सिंग होम पर कार्रवाई
कर मृतक महिला के परिजनों को न्याय मिलता है या पूर्व मामलों की तरह मोटी
रकम लेकर मामला रफादफा कर दिया जाएगा।
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