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दिल्ली के न्यू अशोक नगर इलाके में स्कूल जाते समय एक दंपति ने 14 वर्षीय छठी कक्षा की छात्रा को बहला-फुसलाकर अगवा कर लिया। फिर उसे नोएडा, कानपुर से हिसार में ले जाकर देह व्यापार के लिए बेच दिया गया। छह माह के दौरान करीब 150 से अधिक बार छात्रा से पिस्टल से डराकर देह व्यापार कराया गया। विरोध करने पर उसे बुरी पीटा गया। भागने के प्रयास में उसके सिर पर ब्लेड से हमला किया गया।
किसी तरह पीड़िता ने अपने पिता को कॉल कर सूचना दी। आखिर पुलिस ने इसी कॉल के आधार पर पुलिस ने हिसार से किशोरी को मुक्त कराकर तीन महिलाओं समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
मां-बाप डांटते थे जिसका फायदा उठाकर किया अगवा
मुख्य आरोपी दंपति अभी फरार है, पुलिस को उनकी तलाश है। बताया जा रहा है कि छात्रा पढ़ाई में कमजोर थी। इस पर उसके माता-पिता उसे डांटते थे। इसका फायदा उठाकर दंपति उसे अगवा कर ले गए। पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त ओमवीर सिंह ने बताया कि शालू (14) (बदला हुआ नाम) परिवार के साथ गाजियाबाद में रहती है। परिजनों ने उसका दाखिला न्यू अशोक नगर के स्कूल में कराया था।
गत 27 अगस्त, 2016 को शालू घर से अपने स्कूल के लिए निकली। इसके बाद वापस नहीं लौटी। परिजनों ने अगले दिन उसकी गुमशुदगी न्यू अशोक नगर थाने में करवा दी लेकिन काफी प्रयासों के बाद भी पुलिस किशोरी का पता नहीं लगा पाई।
अचानक 6 माह बाद आया बेटी का फोन
अचानक छह माह बाद 28 फरवरी को शालू के पिता के मोबाइल पर एक नंबर से कॉल आया। ‘पापा मुझे बचा लो, मैं फंस गई हूं’। फोन सुनते ही पिता ने मामले की सूचना फौरन पुलिस को दी। पुलिस ने एक टीम का गठन किया और नंबर के आधार पर कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकलवाया।
सीडीआर से मोबाइल की लोकेशन हरियाणा के हिसार की आई। पुलिस ने हिसार में रेड कर कविता और ममता नामक महिलाओं के पास से शालू को मुक्त करा लिया। शालू ने पुलिस को जो कहानी सुनाई, उसको सुनकर पुलिस के भी होश उड़ गए। शालू के बयान लेकर पुलिस ने हिसार निवासी ममता, कविता, भाटिया कॉलोनी, हिसार निवासी कृष्ण कुमार (38), उसकी पत्नी ज्योति (34), रामपुरा मोहल्ला, हिसार निवासी सतवीर सिंह (45) और उसके चालक मुकेश ठाकुर (35) को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, शालू को अगवा करने वाले मुख्य दंपति प्रदीप व ज्योति अभी फरार हैं।
सिर पर ब्लेड से 20 से अधिक वार किए गए
पुलिस के मुताबिक, ज्योति व प्रदीप शालू के पूर्व पड़ोसी थे। वे उसे अच्छी तरह जानते थे। शालू पढ़ाई में कमजोर थी। इसको लेकर उसके माता-पिता उस पर दबाव बनाते और डांटते थे।
इसी का फायदा उठाकर 27 अगस्त, 2016 को ज्योति उसे रास्ते में मिली। उन्होंने झांसा दिया कि वे उसे माता-पिता से अच्छे लोगों के पास लेकर जाएंगे। शालू उनकी बातों में आ गई। दंपति पहले उसे नोएडा ले गए।
वहां उन्होंने कालू नामक आरोपी को बेच दिया। कालू उसे लेकर कानपुर पहुंचा। यहां पर शालू को जाल में फंसने का अहसास हुआ तो भागने की कोशिश की। आरोपी उसे पिस्टल दिखाकर जान से मारने की धमकी दी। भागने के कारण उसके सिर पर ब्लेड से 20 से अधिक वार किए गए।
हिसार में सब्जी की दुकान चलाने वाले को बेचा
फिर कालू, ज्योति और प्रदीप उसे हिसार ले गए, वहां उन्होंने उसे सब्जी की दुकान चलाने वाले कृष्ण कुमार को बेच दिया। कृष्ण ने पिस्टल दिखाकर शालू के साथ दुष्कर्म किया।
बाद में कृष्ण ने आगे सतवीर नामक एक शख्स को बेच दिया। सतवीर व उसके कार चालक मुकेश ने भी उसके साथ गैंगरेप किया। विरोध करने पर उसे बुरी तरह पीटा गया।
दोनों ने शालू को कविता व ममता को सौंप दिया। दोनों उसे हिसार में अलग-अलग जगह ले जाकर देह व्यापार कराने लगी। कभी उसे चंडीगढ़ तो कभी हिसार के अलग-अलग होटलों में भेजा जाता था। 28 फरवरी, 2017 को शालू ने कविता के मोबाइल से किसी तरह अपने पिता को कॉल कर सूचना दे दी।
किशोरी को भूखा भी रखते थे
मामले की छानबीन कर रहे पुलिस अधिकारी ने बताया कि शालू को छह माह के दौरान 150 से अधिक बार देह व्यापार के लिए परोसा गया। इसके अलावा कालू, कृष्ण, सतवीर व मुकेश ने भी पीड़िता के साथ पिस्टल दिखाकर दुष्कर्म व सामूहिक दुष्कर्म भी किया।
पीड़िता जब भी देह व्यापार के लिए मना करती थी तो उसे बुरी तरह पीटा जाता था। यहां तक उसे भूखा भी रखा जाता था। बाहर के लोगों से मिलने-जुलने की उसे इजाजत नहीं थी।
फोन से भी उसे दूर रखा जाता था। 28 फरवरी को किसी तरह उसके हाथ कविता का मोबाइल लग गया, जिससे उसने पिता को सूचना दी।
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