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कोई झूठी एफआईआर कर दे तो उससे कैसे बचा जाए। इस बारे में हाईकोर्ट एडवोकेट संजय मेहरा का कहना है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 482 के तहत इस तरह के मामलों में चैलेंज किया जा सकता है।
*कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलें सही पाईं तो रिलीफ मिल सकता है।*
*इस धारा के तहत वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र लगाया जा सकता है।इस पत्र के साथ में आप अपनी बेगुनाही के सबूत भी दे सकते हैं। जैसे आप, वीडियो रिकॉर्डिंग, ऑडियो रिकॉर्डिंग, फोटोग्राफ्स, डॉक्युमेंट्स प्रार्थनापत्र के साथ अटैच कर सकते हैं। इससे आप अपनी बेगुनाही को मजबूती से कोर्ट में रख पाएंगे। चोरी, मारपीट, बलात्कार या किसी दूसरे मामले में आपको षडयंत्र करके फंसाया गया है तो आप हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं। हाईकोर्ट में केस चलने के दौरान पुलिस आपके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकती।*
*इतना ही नहीं यदि आपके खिलाफ वारंट भी जारी कर दिया गया है, तब भी केस चलने के दौरान आपको गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। कोर्ट जांच अधिकारी को जांच के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी दे सकती है।*
*यदि आप इस धारा के तहत हाईकोर्ट में याचिका लगाना चाहते हैं तो पहले एक फाइल तैयार करें। इस फाइल में एफआईआर की कॉपी के साथ ही एविडेंस के जो भी जरूरी डॉक्युमेंट्स हैं, वे लगाएं। आप वकील के माध्यम से एविडेंस तैयार कर सकते हैं। आपके पक्ष में कोई गवाह है तो इसमें उसका भी जिक्र करें।*
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